बीजेपी के राज्यसभा सांसद रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अदालती लड़ाई शुरू कर दी है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके केंद्र के खिलाफ आदेश पारित करने की अपील की है। स्वामी का कहना है कि केंद्र उनके निजी आवास पर पर्याप्त सिक्टोरिटी नहीं दे पा रहा है। उनकी सुरक्षा व्यवस्था को इससे खतरा है। हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर यानि सोमवार के दिन मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।

सुब्रमण्यम स्वामी को केंद्र सरकार ने z सिक्योरिटी कवर दिया था। 15 जनवरी 2016 में उनको लुटियंस दिल्ली में पांच साल के लिए सरकारी बंगला अलॉट किया गया था। सरकार का मानना था कि उनकी जान को खतरा है। उसके बाद स्वामी राज्यसभा सांसद बने। लेकिन उनका कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो गया था।

नियमों के मुताबिक उन्हें अलॉट सरकारी बंगले की मियाद भी तभी खत्म हो गई थी। लेकिन फिर भी घर उनके पास ही रहा। हाल ही में उन्हें कहा गया कि वो सरकारी बंगले को तत्काल खाली कर दें। पूर्व सांसद ने उसके बाद बंगला खाली कर दिया था।

स्वामी ने उसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी कि उन्हें जेड सुरक्षा मिली है। इसे देखते हुए सरकारी बंगला उनके पास ही रहना चाहिए। 14 सितंबर को जस्टिस यशवंत सिन्हा ने कहा कि पूर्व सांसद ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके जिससे ये माना जाए कि जेड सिक्योरिटी वाले शख्स को सरकारी घर मिलना चाहिए।

सरकार की तरफ से पेश एएसजी संजय जैन ने कहा कि स्वामी के पास दिल्ली में अपना घर है। वो वहां शिफ्ट हो सकते हैं। केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगी। अदालत ने तब कहा था कि उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

पूर्व सांसद की तरफ से आज उनके वकील जयंत मेहता ने दलील दी कि वो 24 अक्टूबर को सरकारी घर खाली कर चुके हैं। लेकिन सरकार ने तब अंडरटेकिंग दी थी कि वो उनकी सुरक्षा का पूरा इंतजाम करेगी। मेहता का कहना था कि अभी तक स्वामी की सुरक्षा के लिए केंद्र की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है।

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