Home Politics रिट्रीट सेरेमनी में घटते पाकिस्तानी, बढ़ते हिन्दुस्तानी*

रिट्रीट सेरेमनी में घटते पाकिस्तानी, बढ़ते हिन्दुस्तानी*

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सुभाष आनंद – विभूति फीचर्स
भारत पाक सीमा स्थित हुसैनी वाला बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी में दिनोंदिन पाकिस्तानी दर्शकों की संख्या घट रही है हिन्दुस्तानी दर्शक रोज बढ़ते जा रहे हैं।रीट्रीट सेरेमनी का नाम लेते ही  भारतीयों  की आंखों के सामने सीमा सुरक्षा बलों के जवानों और पाकिस्तानी रेंजरों की जोशीली परेड का दृश्य  घूमने लगता है।
हिंद-पाक सीमा पर हर शाम होने वाली इस बीटिंग -द-रिट्रीट बार्डर सेरेमनी में जहां भारत की तरफ से दर्शकों द्वारा भारत माता की जय, वंदे मातरम, हिंदुस्तान के नारे से आकाश गूंज उठता है, वहीं पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी होती है। हालांकि पाकिस्तान की ओर से रिट्रीट सेरेमनी देखने आने वाले दर्शकों की घटती संख्या के कारण जोश कम होता नजर आ रहा है। वहीं भारत  में दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सीमा सुरक्षा बल के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि परेड देखने वालों की बढ़ती संख्या के कारण जगह कम पडऩे लगी है। जिसके कारण हमें लगातार दर्शकों की सीटिंग कैपेसिटी बढ़ानी पड़ रही है, यहां भारतीय दर्शकों में देशभक्ति का बढ़ता जोश देखकर सीमा सुरक्षा बल के जवानों को कुछ अन्य प्रबंध भी बैठने के लिए करने पड़ते हैं। वीआईपी लोगों के लिए अस्थाई अतिरिक्त कुर्सियां लगाई जाती है।
भारतीय दर्शकों में देशभक्ति का जोश  लगातार देखने को मिल रहा है ,जिसके कारण दर्शक दीर्घा फुल रहती है।
दूसरी तरफ यदि पाकिस्तान की बात की जाए तो वहां सीटिंग कैपेसिटी 3000 से भी कम है , अन्य अस्थाई कुर्सियां तथा वीआईपी लोगों को लेकर ज्यादा से ज्यादा 4000 लोगों द्वारा ही रिट्रीट सेरेमनी देखी जा सकती है।
सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि कोई समय था जब दोनों देशों के दर्शकों की संख्या बराबर रहती थी, शुक्रवार को पाकिस्तानी लोगों की संख्या ज्यादा होती थी जबकि रविवार को हिंदुस्तानी लोगों की संख्या ज्यादा होती थी, दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी होती थी, लेकिन अब भारत की तरफ से लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जबकि पाकिस्तानी दर्शकों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।
विदेशों बसे भारतीय जब फिरोजपुर आते हैं तो वह अपने सम्राट शहीदों भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए यहां भी जरूर आते हैं। यह स्थान अब दुनिया भर में एक पर्यटन स्थल बनता जा रहा है जबकि  पाकिस्तान के लिए  सिर्फ एक बॉर्डर है। (विभूति फीचर्स)
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