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दो गौ तस्कर हुए गिरफ्तार

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कोतवाली पुलिस टीम को गौवंश तस्करी के परिवहन मामले में बड़ी सफलता मिली है। रात के अंधेरे में देपालपुर से आए चार पहिया वाहन को पुलिस ने जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तस्करी करने वाले आरोपी ट्रैवलर गाड़ी से पशुओं को बेचने के लिए ले जा रहे थे। आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि ट्रैवलर गाड़ी का उपयोग इसलिए करते थे कि दूर से देखने पर वाहन पैसेंजर गाडी दिखाई देती है और पुलिस को शक भी नहीं होता।

वाहन धामनोद की ओर जा रहा था तभी पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने वाहन के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही तस्कर इंदौर के निवासी है। टीआई समीर पाटीदार ने बताया कि डीआरपी लाइन रोड पर स्थित पंप के पास एक संदिग्ध वाहन के खड़े होने की सूचना प्राप्त हुई थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो आरोपी वाहन को लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया है।

ट्रैवलर गाडी MP-09 FA- 4593 से 7 गाय और 2 केड़ों को बरामद करते हुए गौशाला भिजवाया गया है। दोनों ही आरोपी क्रूरता पूर्वक वाहन में पशुओं को लेकर जा रहे थे। वाहन सहित गोवंश की कुल कीमत 4 लाख 50 हजार रुपए है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी बबलु पिता नानुराम और राजाराम पिता शोभाराम को गिरफ्तार किया है।

गौ अवशेष से भरे हुए मिनी ट्रक का किया घेराव, गौ तस्करी के लगे आरोप, पुलिस ने संभाला मोर्चा

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शिवपुरी शहर के देहात थाना क्षेत्र ITI के पास फैली एकाएक तीव्र दुर्गंध ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी। लोगों ने जब मामले का पता किया तो एक खड़े मिनी ट्रक से बदबू आ रही थी। लोगों ने जब इस भरे ट्रक को गौर से देखा तो उसमें गौ अवशेष भरे हुए थे। जिसके बाद मिनी ट्रक को लोगों ने घेर लिया और हंगामा खड़ा कर दिया गया। मामले की सूचना तत्काल देहात थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने ट्रक को जब्त करते हुए थाने ले आए। पुलिस ने इस ट्रक का तिरपाल निकलवाया तो इसमें जानवरों के अवशेष भरे हुए थे। जिसके बाद पुलिस उक्त ट्रक की जांच पड़ताल में जुट गई है।

नगरपालिका का ठेका बना शंका की वजह

शिवपुरी शहर में नगरपालिका ने गोवंश सहित अन्य जानवरों के मृत शरीर को संग्रहित करने का ठेका उठाया है परंतु बीते कुछ वर्षों से नगरपालिका की ओर से विज्ञप्ति तो जारी की जाती है बावजूद इसके कोई भी ठेकेदार ठेका लेने के लिए राजी नहीं होता। जिसके बाद नगरपालिका शिवपुरी के कर्मचारियों की मदद से शहर में मृत गोवंश सहित अन्य जानवरों के शवों को मौके से उठाया जाता है जिसके बाद उन्हें नगरपालिका के ट्रेचिंग ग्राउंड में ले जाकर दफनाया जाता है।

आमंत्रण के बाद भी नहीं आते ठेकेदार – सीएमओ

शिवपुरी नगरपालिका सीएमओ शैलेश अवस्थी ने बताया कि नगरपालिका ने गोवंश के अवशेषों को हटाए जाने के ठेके की विज्ञप्ति जारी की थी परंतु कोई भी ठेकेदार नहीं आया है। जिसके चलते जब भी शहर में गोवंश की मृत्यु की सूचना मिलती है, नगरपालिका के कर्मचारी मृत गौवंश के शव को ले जाकर बकायदा ट्रेचिंग ग्राउंड में दफनाया जाता है। – शैलेश अवस्थी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी शिवपुरी
यह गौ अवशेष जिले के ग्रामीण अंचल में मरने वाले पशुओं की है। जिसका विधिवत ठेका होता हैं। मामले की बारीकी से जांच की गई जिसमें गौ अवशेषों के पूरे कागजात मिलें है। जिसके बाद गाड़ी को जाने दिया गया। – विकास यादव, देहात थाना प्रभारी, शिवपुरी

Haryana के गुरुग्राम में बड़ा हादसा, छठी मंज़िल की छत गिरने से नीचे की कई मंज़िलें टूटीं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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Haryana: Haryana: हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 109 में शिंटेल्स पैराडिसो हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एक अपार्टमेंट की छत का हिस्सा गिर जाने से बड़ा हादसा हुआ है.

पंजाबी फिल्म ‘मैं वियाह नहीं करोना तेरे नाल’ 4 मार्च को रिलीज होगी

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डायमंड स्टार वर्ल्डवाइड मूवीज द्वारा निर्मित और जंगली म्यूजिक द्वारा संगीतबद्ध, पंजाबी फिल्म ‘मैं वियाह नहीं करोना तेरे नाल’ 4 मार्च 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। पिछले दिनों इस फिल्म का पोस्टर और टीजर जारी किया जा चुका है साथ ही साथ इस फिल्म का टाइटल ट्रैक रिलीज़ रिलीज हो चुका है। इस रोमांटिक पेप्पी सॉन्ग में प्यार भरी नोकझोंक के साथ गुरनाम भुल्लर और सोनम बाजवा की केमिस्ट्री कमाल लग रही है। रूपिंदर इंद्रजीत द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म की कहानी एक कैनेडा के युट्यूबर  के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पहली बार पंजाब आता है और उसे पंजाब की एक गाँव की लड़की से प्यार हो जाता है, जो उसे भारतीय लोक कला संस्कृति की अहमियत को समझने में मदद करती है। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के बहुचर्चित शख्सियत गुरनाम भुल्लर और सोनम बाजवा अभिनीत ‘मैं वियाह नहीं करोना तेरे नाल’ के मार्फत इस जोड़ी ने अपने प्रशंसकों का  वेलेंटाइन डे वीक खास बनाने की ठानी है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किया सत्यवान ‘सौरभ’ के दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ का विमोचन।

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सिवानी मंडी: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने गाँव बड़वा में आयोजित  पुस्तक विमोचन समारोह में हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से प्रकाशित युवा कवि सत्यवान ‘सौरभ’ के दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ का विमोचन किया। इस दौरान जन संपर्क अधिकारी बलवान सिंह ने सत्यवान सौरभ के कृतित्व एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और उनके साहित्यिक प्रयासों की सराहना की।  सौरभ की सराहना करते हुए कहा कि उनका दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ मील का पत्थर है।  ‘तितली है खामोश’ के सभी दोहे पढ़ने के काबिल हैं। खासकर युवा पीढ़ी को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए।  
नव प्रकाशित दोहा संग्रह ‘तितली है ख़ामोश’ में विभिन्न विषयों पर 750 दोहे हैं। सभी दोहे प्रभावित करने वाले हैं। इस मौके पर ‘सौरभ’ ने बताया कि उन्हें यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा कैसे मिली। उन्होंने बताया कि उन्हें शुरू से ही उन्हें विरासत से जुड़ी विभिन्न चीजों का अध्यन करने का शौक था। बदलते दौर में जो देखा, अनुभव किया उसे पुस्तक का रूप दिया।
भाजपा के सिवानी मंडल अध्यक्ष लाल सिंह लालू ने नई पुस्तक के लिए उन्हें बधाई दी। इस मौके पर उपमंडल के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ पूर्व चेयरमैन रमेश वर्मा, अनिल झाझड़िया, मुकेश डालमिया, डॉ नोकरम, परविंदर सिंह तंवर, डॉ रोहताश जांगड़ा, फूलसिंह गैदर, ज्ञानीराम शर्मा, प्रह्लाद शर्मा, टोनी तंवर, मास्टर राजबीर बेनीवाल, भागीरथ जांगड़ा, घनश्याम गर्ग, संदीप भाटीवाल, रायचंद गैदर, दलीप सिंह, संजय स्वामी, दीपक दीप, संदीप गढ़वा सहित आस-पास के क्षेत्र के हज़ारों लोग उपस्थित थे। रमेश वर्मा  ने आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद किया। मंच संचालन मास्टर महेन्दर भाटी  ने किया।

बिहारसमाज अबूधाबी के यजमानी में बिहार समाज ने सरस्वती पूजा की

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GBB DESK – संयुक्त अरब अमीरात में अपनी संस्कृति की पहचान बनाए रखने को प्रतिबध्द ‘बिहार समाज अबू धाबी’ के सदस्यों ने सरस्वती पूजा का आयोजन किया और विश्व भर में रह रहे अपने सदस्यों को ऑनलाइन आरती तथा दर्शन कराया। विश्व भर में रह रहे बिहारी अपने उत्सवों को यजमानी के आधार पर मनाते हैं और हर बार एक देश पूजा व उत्सव का आयोजन मुख्य यजमान के रूप में करता है। इस वर्ष के सारे आयोजन का मुख्य यजमान ‘बिहार समाज अबूधाबी’ है।

साथ ही बिहार समाज अबू धाबी के सदस्यों ने ऑनलाइन रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस संगीत उत्सव में बच्चो में बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत रवि सिंह के द्वारा बनायीं गयी मूर्ति की पूजा एवं आरती से हुई।
संगीत कार्यक्रम में धनंजय सिंह ,अभिषेक कुमार,आदित्य भारद्वाज ,जय कुमार ,राजीव गुप्ता ,आदित्य ओझा ,नीलम झा ,शालिनी सिंह के गीत गए के समां बंधा वहीँ शाइना ,मनस्वी ,भावेश ने सरस्वती वंदना से लोगों को मंत्र मुक्ध किया। शाइना ने अपने नृत्य से और जानवी ने पियानो से सब का दिल जीता। किशोरी और गौरंग ने भजन प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में आये अतिथि नारायण मंदिर के स्वामी प्रणव देसाई , श्रीमद भागवत गीता ट्रस्ट के रमेश दवे और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर स्वप्निल नागवेकर ने भारतीय संस्कृति और सरस्वती पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला।
मंच का संचालन कुमार दिवाकर प्रसाद ने किया वही तकनीकी संचालन प्रवीण कुमार ने किया। जीतेन्द्र कुमार और नैना प्रसाद ने तकनीकी प्रसारण में संचालक प्रवीण कुमार को सहायता प्रदान की। इस आयोजन का आनंद अनेक देशों में रह रहे बिहार समाज के सदस्यों ने फेसबुक और यूट्यूब के माध्यम से उठाया।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की महाराष्ट्र शासन को पड़ी डांट

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विवेक महाशब्दे ( विश्व संवाद केंद्र, मुंबई) गत लगभग चार वर्षों से खोस्ते ग्रामस्थ अनुसूचित जमाती और अन्य पारम्परिक वननिवासी (वनहक्क मान्य करना अधिनियम) अधिनियम, २००६ व सुधारित नियम, २००८ और २०१२ के अनुसार ख़ोस्ते महसूल गाँव ने उनके पारम्परिक वन क्षेत्र पर सामूहिक वनहक्क दावा जून २०१८ में दाखिल किया था। देखा जाय तो, केंद्र सरकार ने आदिवासी समाज की सम्पूर्ण उपजीविका जंगल पर आधारित होने के कारन वह ही इस जंगल का पालनकर्ता है और वह ही इस जंगल का उत्तम संवर्धन कर सकता है, इस संकल्पना से इस कानून की निर्मिति करी और इसके सब अधिकार ग्रामसभा को बहाल किये। कई सालों से ग्रामस्थ जंगल का संवर्धन कर ही रहे थे, पर दावा दाखिल कर ग्रामस्थों ने वनव्यवस्थापन समिति और विविध समितियां तैयार करके ग्रामसभा में निश्चय कर ४ वर्षों से उत्तम तरीके से वनसंवर्धन किया है। आज अत्यंत घना अरण्य निर्माण हुआ है और गाँव के initiative से यह साध्य हुआ है, यह उल्लेखनीय बात है। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का हमारे गाँव को सतत सहकार्य मिल रहा है, उनका मार्गदर्शन बहुमूल्य है।

३(१) झ अनुसार निरंतर इस्तेमाल, संवर्धन, पुनरुत्पादन और प्रबंधन के अधिकार ग्रामसभा को बहाल किये गए हैं। पर, ये अधिकार केवल कागज पर ही दिख रहें हैं। आदिवासियों का विकास न हो, इसी भूमिका में प्रशासन दिखाई दे रहा है, क्योंकि खोस्ते गाँव ने प्रयास की पराकाष्ठा की, जिल्हाधिकारी, ठाणे को अनेकों बार लिखित पत्रव्यवहार और अनेकों बार प्रत्यक्ष मिलकर बिनती की, परन्तु न्याय मिलने की कोई भी आशा नहीं दिखाई दी। दो बार मा. राज्यपाल को प्रत्यक्ष मिलकर निवेदन दिया और उन्होंने भी जिल्हाधिकारी, ठाणे को दावा …. के सन्दर्भ में आदेश दिए थे। जो ५ वे अनुसूची के पालक है, उनका भी मान नहीं रखा गया, यह प्रशासन की तरफ से एक प्रकार की मनमानी हो रही है। और अन्य सब सम्बंधित विभागों से समय समय पर पत्रव्यवहार करके भी आदिवासी समाज का स्वप्न अपूर्ण ही रह गया है।

वस्तुतः जो सामूहिक वनहक्क दावा खोस्ते महसूल गाँव ने किया है, वह कानून के अनुसार सब प्रक्रिया कर, चार गाँवों ने इकठ्ठा आकर किया है, इसके लिए ग्रामसभा में ठराव कर, वे सर्वसम्मति से पारित कराएं गएँ हैं। पर, इस समाज का विकास न हो, इसलिए, सब कानूनन होते हुए भी, ग्रामसभा को जो अधिकार बहाल किये हुए हैं, उनकी प्रशासन की तरफ से.. … होती हुई दिख रही है। ग्रामसभा ठराव सुप्रीम होते हैं, पर ग्रामसभा के कानूनन ठराव सर्वसम्मति से पारित करने पर भी उसका सम्मान नहीं होता। एखाद निर्णय यदि समाज के सर्वांगीण हित का हो, तो शासनस्तर पर उसका फ़ौरन अम्मल हो, ऐसा अपेक्षित है, परन्तु ग्रामसभा के अधिकार को न मानने से आदिवासी समाज पर प्रशासन यह घोर अन्याय कर रहा है। मा. जिल्हाधिकारी जिल्हा वन हक्क समिति के अध्यक्ष के तौर पर कार्य करते हैं। उन्होंने निष्पक्ष रहते हुए निर्णय करना चाहिए था; परन्तु जिन्होंने देरी से दावा दाखिल किया है, उन्हें फ़ौरन दावा देने की भाषा मा. अध्यक्ष की तरफ से की जाती है, यह दुर्भाग्य की बात है। जिन्होंने दावा किया हैं,उन समर्थ दावेदारों को दावा देने के बदले दुसरे गाँव को दावा देने की हमदर्दी दिखाई जाती है, इससे आदिवासी समाज का वैचारिक .. , यह बात गंभीरता से सोचनी चाहिए।

हमारा दावा आज मिलेगा, कल मिलेगा, ऐसी आशा लगाकर ग्रामस्थ सतत धडपड कर रहें थे। पर सब प्रयास विफल हो रहे थे। पर्यायी आदिवासी समाज की आवाज दबाने का प्रयास सतत चल रहा था। प्रशासन के इस अन्याय के विरुद्ध न्याय मिलाने के लिए हमारे गाँव को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की तरफ जाना पड़ा और आयोग ने हमारी शिकायत को ध्यान में लेते हुए, महाराष्ट्र शासन को दणका देकर, लिखित नोटिस जारी की है और १५ दिनों में शासन से लिखित स्पष्टीकरण माँगा है।

हमारे खोस्ते गाँव के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाती आयोग ने दावा मिलने का मार्ग खुला किया है। परन्तु, तभी भी प्रशासन ने यह दावा .. तो ग्रामस्थ आंदोलन भूख हड़ताल करने की चेतावनी प्रशासन को दे रहा है।

सेवा इंटरनेशनल के अनुपम कार्य

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विवेक महाशब्दे (विश्व संवाद केंद्र, मुंबई)

नई दिल्ली : सेवा इंटरनेशनल 2003 में स्थापित एक हिंदू धर्म-आधारित, मानवीय, गैर-लाभकारी सेवा संगठन है। यह एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है जो 1989 में भारत में शुरू हुआ था और वर्तमान में 20 से अधिक देशों में मानवीय सेवाएं प्रदान कर रहा है।वर्ष 2021 साल की अपनी रैंकिंग में, वैश्विक कॉर्पोरेट उद्देश्य सॉफ्टवेयर के अग्रणी प्रदाता, बेनेविटी ने 2021 में कंपनियों और उनके कर्मचारियों द्वारा समर्थित धर्मार्थ संगठनों में सेवा इंटरनेशनल को 10 वें स्थान पर रखा है। यह सेवा इंटरनेशनल के लिए एक बड़ी छलांग है। इसे 2020 में 375 और 2019 में 690वां स्थान मिला था।संगठन को जाति, रंग, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता के बावजूद मानवता की सेवा के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है।

सेवा इंटरनेशनल के अध्यक्ष अरुण कंकानी ने बताया कि , “हम इन कंपनियों और उनके हजारों कर्मचारियों के आभारी हैं, जिन्होंने सेवा इंटरनेशनल को अपना उदार समर्थन देना उचित समझा। उन्होंने हमारे स्वयंसेवकों और मिशन-उन्मुख कर्मचारियों द्वारा संकट के समय में मानवता की सेवा करने के लिए हमारे समर्पण के साथ-साथ इच्छा, उद्यम, और कुशलतापूर्वक, जल्दी और पेशेवर रूप से समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोनों को देखा। हमारे काम और हमारी स्थिति की यह मान्यता हमें अमेरिका और दुनिया भर में संकट के समय में समाज की सहायता के लिए आने के अपने प्रयासों को फिर से समर्पित करने के लिए उत्साहित करेगी।

Covid ke samay sahayta samagri

कोविड -19 की घातक दूसरी लहर ने पिछले साल अप्रैल में भारत को प्रभावित किया। चिकित्सा ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तर, दवाओं आदि की मांग में अचानक वृद्धि हुई। सेवा इंटरनेशनल जरूरतमंदों को मानवीय सेवाएं प्रदान करने में सबसे आगे था। सेवा इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष संदीप खडकेकर (मार्केटिंग और फंड डेवलपमेंट ) ने कहा, “भारत के कोविड -19 संकट का समर्थन करने वाले गैर-लाभकारी संस्थाओं को सेवा इंटरनेशनल सहित समर्थन का मिला। इन रुझानों पर नज़र रखने और निगमों और उनके लोगों से सेवा के बढ़ते समर्थन की पहचान करने के लिए बेनेविटी को हमारा हार्दिक धन्यवाद।” सेवा इंटरनेशनल ने अपने विजन स्टेटमेंट में कहा, “हम पूर्व-प्रतिष्ठित, हिंदू धर्म आधारित, मानवीय संगठन बनने की आकांक्षा रखते हैं जो निस्वार्थ भाव से और करुणा के साथ सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए कार्य करता है। हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं और प्रयास करते हैं जिसमें सभी लोग सद्भाव से रहते हैं, पीड़ा से मुक्त रहते हैं।”पिछले दो दशकों में उनकी गतिविधियों पर डाला हुआ एक दृष्टिक्षेप भी यह कहने के लिए पर्याप्त है कि संगठन अपने विजन स्टेटमेंट द्वारा शानदार ढंग से निर्देशित किया गया है।

मंत्रीजी की आय घटी संपत्ति बढ़ी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

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  • Ajay Bhattacharya

मंत्रीजी की आय घटी संपत्ति बढ़ी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जिन नौ मत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद हुई है उन्होंने बीते पांच साल तक में जनता के लिए कितना काम किया? इसका जवाब तो 10 मार्च को मिल जाएगा, लेकिन इन पांच सालों में इनकी कमाई कितनी हुई? किसने क्या किया? किसपर मुकदमे हुए और किसने कितने की संपत्ति बनाई है इसकी जानकारी अब सार्वजनिक हो चुकी है। 2017 से 2022 के बीच इन मंत्रियों की संपत्ति में कितना फर्क आया ?
गाजियाबाद सीट से चुनावी मैदान में योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग ने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में संपत्ति और आपराधिक मामलों संबंधी जानकारी में बताया है कि उनके पास 18.54 करोड़ की संपत्ति है। गर्ग की पत्नी सुधा गर्ग ने प्रोड्यूसर एकता कपूर को कभी 3 लाख रुपए का कर्ज दिया था। 2017 के हलफनामे में उन्होंने इसका जिक्र किया था। इस बार भी इसका जिक्र है। मतलब पांच साल में भी एकता कपूर ये कर्ज चुकता नहीं कर पाईं। अतुल गर्ग ने भी 2017 में एकता कपूर की कंपनी बालाजी एसोसिएट्स में 54.50 लाख के निवेश की बात बताई थी। इस बार दिए हलफनामे में उनका जिक्र नहीं है। 2017 में आईटी रिटर्न के मुताबिक अतुल की सालाना आय 47.17 लाख थी, जो 2022 में घटकर 16.11 लाख रह गई। आय घटने के बावजूद मंत्री अतुल गर्ग की चल और अचल संपत्ति में दोगुना बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
2017 में गर्ग की चल संपत्ति 2.17 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 4.07 करोड़ हो गई। 2017 में गर्ग की अचल संपत्ति 7.27 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 14.47 करोड़ हो गई। गर्ग ने 12वीं के बाद बीकॉम में एडमिशन लिया था, लेकिन प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। अतुल गर्ग के नाम पर कोई वाहन नहीं है। उन्हें हीरे-जेवरात का शौक है। उनके पास 2.59 करोड़ रुपये के सोने, हीरे व अन्य गहने हैं। अतुल के पास दो हथियार भी हैं।

File photo / ANI

करोड़पति नहीं बन पाए राणा
शामली के थाना भवन सीट से भाजपा के प्रत्याशी और सूबे के गन्ना मंत्री सुरेश राणा पांच साल में करोड़पति नहीं बन पाए हैं। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति दोगुनी तो हुई है, लेकिन अभी एक करोड़ का दायरा नहीं छू पाए हैं। 2017 में राणा के पास 28 लाख की चल संपत्ति थी, जो अब बढ़कर 37 लाख की हो गई है। राणा की अचल संपत्ति 11 लाख से बढ़कर 41 लाख हो गई है। फ़िलहाल गन्ना मंत्री के पास 78 लाख रुपये चल और अचल संपत्ति है, 2017 में यह केवल 39 लाख थी। राणा के नाम चार आपराधिक मामले अदालत में विचाराधीन हैं। इन पांच साल में उन्होंने एक पिस्टल और पत्नी के नाम एक रिवॉल्वर खरीदी है। 2017 में यह नहीं थी।
संपत्ति में 18 लाख की बढ़ोत्तरी
उत्तर प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा की संपत्ति में करीब 18 लाख बढ़ी है। 2017 और 2022 में दिए हलफनामे की तुलना करने पर मालूम चलता है कि इन पांच साल में मंत्री की जमीनों के दाम में बिल्कुल बढ़ोतरी नहीं हुई है। पत्नी के नाम दिल्ली में स्थित फ्लैट की कीमत में चार लाख रुपये की बढ़ोतरी जरूरत दिखाई है। मंत्री की सालाना आय में भी इजाफा हुआ है। श्रीकांत शर्मा की सालाना आय 2017 की तुलना में 3.20 लाख थी से बढ़कर 9.66 लाख हो गई है। शर्मा और उनकी पत्नी के पास 77 हजार रुपये नकद है। 2017 में 79 हजार रुपये था। 2017 में शर्मा की टोयटा इनोवा कार की कीमत 6.50 लाख से घटकर इस बार 2.20 लाख रह गई है। शर्मा और उनकी पत्नी के पास छह लाख के गहने हैं, जबकि 2017 में पांच लाख रुपये के गहने थे।
संदीप सिंह की संपत्ति में 10 गुना इजाफा
अतरौली विधानसभा सीट से योगी सरकार में राज्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह की संपत्ति में बीते पांच सालों में 10 गुना इजाफा हुआ है। 2017 में दिए हलफनामे के अनुसार संदीप के पास कुल 1.42 करोड़ चल और अचल संपत्ति थी। अब ये बढ़कर 14.46 करोड़ हो गई है। संदीप की उम्र में पांच साल में छह साल का इजाफा हुआ है। 2017 में चल संपत्ति के रूप में 42.93 लाख रुपये थे। अब उनके पास 7.46 करोड़ की चल संपत्ति है। उनके पांच अलग-अलग खातों में 1.2 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है।
संदीप के पास 2.66 करोड़ की राजप्रेम एसोसिएट के शेयर व 15 लाख की एलआइसी भी है। संदीप ने राजप्रेम एसोसिएट नाम की कंपनी को 3.40 करोड़ का कर्ज भी दिया है।
2017 में दिए हलफनामे में संदीप ने बताया था कि उनके पास करीब एक करोड़ रुपये की कृषि और गैर-कृषि भूमि है। इस बार दिए हलफनामे के अनुसार, संदीप की अचल संपत्ति अब करीब सात करोड़ की हो गई है।
संदीप के नाम बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस में अलग-अलग कृषि, गैर कृषि भूमि है। उनके पास न तो कोई कार है ना ही कोई बाइक। उनके पास कोई भी हथियार नहीं है। संदीप के हलफनामें के मुताबिक उनके पास सोना-चांदी जैसा कोई आभूषण भी नहीं है।
आय घटी लेकिन संपत्ति बढ़ी
वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा ने 2017 में अपनी सालाना आय 38.71 लाख रुपए दिखाई थी। 2022 में यह घटकर 25.02 लाख रुपए रह गई। शिकारपुर सीट से चुनाव लड़ रहे अनिल शर्मा के खिलाफ एक केस दर्ज है। यह केस परीक्षा अधिनियम के तहत नकल करने का मामला है। इस केस में 2011 में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है, मगर अब तक कोर्ट में लंबित है। शर्मा ने 2017 में अपनी सालाना आय 38.71 लाख रुपए दर्शाई थी। 2022 में यह घटकर 25.02 लाख रुपए रह गई।
2017 में शर्मा के पास एक आई-20 स्पोर्ट गाड़ी थी। 2022 में उन्होंने एक फोर्ड एंडेवर और एक इनोवा का स्वामित्व दर्शाया है। शर्मा मोगा पहनते हैं। इसकी कीमत करीब 20 लाख रुपये है।

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आय बढ़ी, कर्जा बढ़ा
मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ रहे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल की वार्षिक आय 2017 में 5.57 लाख रुपए थी जो 2022 में बढ़कर 15.24 लाख रुपए हो गई। साथ ही उन पर 2017 में 21.66 लाख रुपए का कर्ज बढकर 2022 में 41.94 लाख रुपए हो गया। 2017 तक कपिल के पास 20 हजार मूल्य की दो अंगूठियाँ थी, अब उनके पास सवा दो लाख मूल्य तीन अंगूठियाँ और एक सोने की चेन है।
2017 तक कपिल के पास 9.35 लाख रुपये वाली कार जगह अब 17.50 लाख रुपये की कार है। कपिल के नाम कोई असलहा नहीं है। 2017 के हलफनामे में 2017 में कोई भी मुकदमा लंबित न बताने वाले मंत्रीजी पर 2022 के शपथ पत्र में दर्ज है कि उन पर 7 मामले लंबित हैं। चार मामलों में चार्जशीट भी दायर हो चुकी है।
सबसे कम शिक्षित
हस्तिनापुर से चुनाव लड़ रहे योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक सबसे कम शिक्षित हैं। उन्होंने केवल नौंवी तक ही पढ़ाई की है। दिनेश का फेसबुक और ट्विटर पर अकाउंट है। इसका जिक्र भी उन्होंने अपने हलफनामे में किया है।
2017 में खटीक के पास एक मारुति स्विफ्ट डिजायर गाड़ी थी। 2022 के शपथ पत्र में उन्होंने एक फॉर्च्यूनर का स्वामित्व दर्शाया है। साथ ही एक स्कूटर भी खरीदा है। दिनेश के पास अभी कुल 2.05 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति है। 2017 में 1.54 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। दिनेश के पास आठ लाख रुपये की कीमत का सोना है। 2017 में केवल तीन लाख रुपये के जेवरात थे।
पेट्रोल पंप से कमाई और बन गए करोड़पति
योगी सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश चिकित्सा के व्यवसाय से जुड़े हैं। डॉक्टर धर्मेश के पास कोई असलहा नहीं है। वह जेवरात का भी शौक नहीं रखते हैं। जीएस धर्मेश की आय का स्त्रोत पेट्रोल पंप डीलरशिप भी है। डॉ. जीएस धर्मेश की कुल संपत्ति 4.76 करोड़ रुपये है। इनमें उनकी पत्नी की संपत्ति भी शामिल है। 2017 में यह 2.33 करोड़ थी। मंत्री के पास 21.43 लाख रुपये की इनोवा क्रिस्टा कार और एक स्कूटी है। पत्नी के पास 10 लाख रुपये के जेवरात हैं।
पांच साल में कर्ज चुका दिया
मथुरा की छाता सीट से भाजपा के उम्मीदवार योगी सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के पास अभी 11.93 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति है। 2017 में यह 7.01 करोड़ रुपये की थी। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने एलएलबी की पढ़ाई की है। चौधरी ने 2017 के शपथ पत्र में बताया था कि उन पर 42.88 लाख का कर्ज है। 2022 में यह कर्ज सिर्फ 8 लाख रह गया। उनकी पत्नी पर 2017 में 5.35 लाख का कर्ज था जो 2022 में बढ़कर 21.50 लाख का हो गया। अपनी आय के स्रोतों में उन्होंने कृषि के अलावा घरेलू गैस वितरण एजेंसी से कमाई को गिनाया है। उनके नाम पर कोई भी गाड़ी नहीं है। मंत्री जी के पास 4.75 लाख रुपये के गहने हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 21 लाख रुपये के गहने हैं।

विदेशी यात्रियों को राहत:7 दिन क्वारैंटाइन नहीं; अब 14 दिन सेल्फ मॉनिटरिंग

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। इसके मुताबिक विदेश से आने पर 7 दिन का होम क्वारैंटाइन जरूरी नहीं होगा, लेकिन यात्रियों को 14 दिन तक सेल्फ मॉनीटरिंग करनी होगी। सेल्फ मॉनटरिंग के दौरान अगर यात्री को कोरोना के लक्षण महसूस होते हैं तो वह खुद को होम आइसोलेट कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। मरीज केंद्रीय या राज्य हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क भी कर सकते हैं। नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की पूरी डोज ले चुके लोगों के लिए कोरोना की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं होगा। नई गाइडलाइन 14 फरवरी से लागू हो जाएंगी।

पहले क्या थे नियम
बीते दिनों कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अहम फैसला लिया था। 11 जनवरी 2022 को सरकार ने विदेश से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 7 दिनों का होम क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया था। सभी यात्रियों को एयर सुविधा पोर्टल पर अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं यात्री पिछले 14 दिन ट्रैवल रिकॉर्ड की भी जानकारी देनी होगी।

कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूरी
भारत की यात्रा के लिए यात्री को RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट को अपलोड करना होगा। ये टेस्ट यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पहले का होना चाहिए, टेस्ट रिपोर्ट की विश्वसनीयता का भी शपथ पत्र देना पड़ेगा। इसके साथ ही यात्री को लिखित में देना होगा कि वह क्वारैंटाइन, हेल्थ मॉनिटरिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करेगा।

क्या कहती हैं नई गाइडलाइन

  • विदेश से आने पर 7 दिन का होम क्वारैंटाइन जरूरी नहीं।
  • यात्रियो को 14 दिन सेल्फ मॉनीटरिंग करनी होगी।
  • कोरोना लक्षण महसूस होने पर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
  • फुली वैक्सीनेटेड यात्रियों को कोरोना की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं।
  • 82 देशों को जोखिम वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया।

जोखिम वाले देशों की सूची अपडेट
नई गाइडलाइन के मुताबिक भारत ने 82 देशों को जोखिम वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया है, जिनमें कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। मंत्रालय ने अपील की है कि कोरोना संकट टला नहीं है। ऐसे में हम सभी को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना है और कोरोना वैक्सीन अवश्य लें।

देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी पाबंदी को 28 फरवरी तक बढ़ाया था। वहीं ओमिक्रॉन के अधिक मामलों वाले देशों को जोखिम वाले देशों की सूची में रखा था। डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA)ने इसको लेकर एक बयान जारी किया था।

23 मार्च 2020 को लगी थी पाबंदी
DGCA के मुताबिक अनुमति के बाद कार्गो फ्लाइट इस दौरान उड़ान भर सकते हैं। इसके साथ ही बायो बबल एग्रीमेंट के तहत उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स पहले की तरह ही संचालित होंगी। कोरोना महामारी के कारण 23 मार्च 2020 से ही रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगाई जा चुकी है।