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महाराष्ट्र की तरह राजस्थान में भी गाय को ‘राज्य माता’ घोषित करने की उठी मांग

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Rajasthan News: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने देसी गायों को ‘राज्य माता’ का दर्जा देने का फैसला किया है। इसके बाद राजस्थान में भी गाय को राज्य माता का दर्जा देने की मांग उठने लगी है। इसी कड़ी में धोध विधायक गोवर्धन वर्मा ने राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि जनमानस में गौ माता के प्रति आस्था को देखते हुए राजस्थान में भी गौ माता को राज्य माता घोषित करें।

गोवर्धन वर्मा ने सीएम को लिखा ये पत्र

दरअसल, धोध विधायक गोवर्धन वर्मा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखते हुए कहा कि, सनातन धर्म में गौ माता का सर्वप्रथम स्थान है। अखिल भारतीय संत समिति एवं गौ सेवा परिषद राजस्थान द्वारा गौ माता के संरक्षण हेतु गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित करवाने की मांग निरन्तर रूप से की जा रही है।

महाराष्ट्र सरकार का दिया उदाहरण

उन्होने आगे कहा कि भारतवर्ष के समस्त गौ भक्तों की जतभावनाओं को ध्यान में रखते हुए व संविधान के अध्याय 4 के अनुच्छेद 48 में संशोधन उपरान्त गौ हत्या पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाकर सभी राज्यों में एक समान कानून बनाया आना अतिआवश्यक है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदेश में गौ माता को राज्य माता घोषित कर, गौवंश की रक्षार्थ सराहनीय कदम उठाया गया है।

गोवर्धन वर्मा ने लिखा कि भारतीय गौवंश को बचाने हेतु कड़े कदम उठाकर सरकारी गौशालाओं का निर्माण किया जायें। गौवंश की हत्या पर हत्यारों को मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया जावें। प्रधानमंत्री रोजगार योजना की तर्ज पर प्रत्येक परिवार को एक या दो गौवंश देकर उनको जीवनयापन में मदद की जायें। साथ ही गौ पालन को प्रोत्साहित कर सफेद क्रांति लाकर प्रदेशवासियों को नकली दूध से छुटकारा दिलाया जा सकता है।

टी सीरीज़ की ऑफिस के सामने जा कर मैं आत्महत्या कर लूंगा : लेखक अमित गुप्ता

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 फ़िल्म “विक्की विद्या का वो वाला वीडियो” के स्टोरी राइटर अमित गुप्ता के साथ धोखा, निर्माताओं पर क्रेडिट न देने की बात
मुंबई(अनिल बेदाग):राजकुमार राव एवं तृप्ति डिमरी स्टारर फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ सिनेमाघरों में रिलीज से पहले ही विवाद में पड़ गई है। इस फिल्म की कहानी लिखने का क्रेडिट अमित गुप्ता को नहीं मिला है। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से निर्माताओं को कानूनी नोटिस भी भेजा था, लेकिन उन्हें केवल तसल्ली दी गई और न उन्हें नाम मिला न दाम।
बॉलीवुड के जाने माने लेखक अमित गुप्ता ने मुम्बई में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लेखक सिर्फ नाम के लिए काम करता है। हम राइटर दिल से खुश रहते हैं कि अपना नाम होता है। लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं होती। रोज़ कुआं खोदो और रोज़ पानी पियो वाली कहावत हम पर चरितार्थ होती है। मैं अपने हक की लड़ाई लड़ रहा हूँ। मैं काफी निराश और परेशान हो गया हूँ और मेरी स्थिति यह हो गई है कि मन करता है कि टी सीरीज़ की ऑफिस के सामने जा कर आत्महत्या कर लूं।”
लेखक अमित गुप्ता काफी निराश दिख रहे थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ का ट्रेलर देखा तो वह हैरान रह गए क्योंकि इसका केंद्रीय कॉन्सेप्ट उनका लिखा हुआ है। उन्होंने काफी पहले एक लेखक के तौर पर स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) में यह कहानी रजिस्टर करवाई थी। ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ की कहानी एक ऐसे नए शादीशुदा जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी सुहागरात पर अपना निजी डीवीडी रिकॉर्ड करते हैं। कहानी में मोड़ तब आता है जब वो डीवीडी खो जाती है, इससे उनके जीवन में हंगामा मच जाता है और फिर कॉमेडी क्रिएट होती है।
अमित गुप्ता ने कहा है कि यह बुनियादी कहानी का ढांचा उन्होंने लिखा था, जिसे स्क्रीन राइटर एसोसिएशन के पास रजिस्टर भी करवाया है। अब उसी आईडिया पर ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ फिल्म बनाई गई है। यह कॉपीराइट के उल्लंघन का मामला है और मैंने निर्माताओं के खिलाफ नोटिस भेजा। अमित गुप्ता के नोटिस का उनकी ओर से जो जवाब आया है उसमें उन्होंने जो रजिस्ट्रेशन की तारीख लिखी है वो अमित गुप्ता के रजिस्ट्रेशन डेट के बाद की तिथि है। इससे सिद्ध होता है कि अमित गुप्ता का दावा सही है। अमित गुप्ता का कहना है कि हमारे पास इस कहानी का इससे पहले का रजिस्ट्रेशन डेट है और हमारे पास सभी डॉक्यूमेंट हैं, ईमेल कन्फर्मेशन भी है।
बता दें कि ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ का निर्देशन राज शांडिल्य ने किया है। ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ 11 अक्टूबर 2024 को रिलीज होने जा रही है।
90 के दशक पर आधारित फ़िल्म ‘विकी विद्या का वो वाला वीडियो’ के निर्माता भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, एकता कपूर, शोभा कपूर, विमल लाहोटी, अश्विन वर्दे, राजेश बहल, राज शांडिल्य और विपुल डी शाह हैं। अमित गुप्ता को उम्मीद है कि उनका नाम इस फ़िल्म की कहानी लेखक के रूप में दिया जाएगा।

विजयादशमी  *भगवान श्रीराम का अनासक्ति भाव* 

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(ब्रज बिहारी – विनायक फीचर्स)
मानव किसी भी कार्य को आसक्ति भाव रखकर करता है, जबकि ईश्वर किसी भी कार्य को अनासक्ति भाव से करता है। यह स्वयं कोई इच्छा न रखकर भक्त की इच्छा का आदर करता है। इसी कारण जीव को कर्म का फल या कुफल भुगतना पड़ता है और ईश्वर कर्म फल के बन्धन से मुक्त रहता है। श्रीरामचन्द्र जी के अवतार में हम ईश्वर की इसी अनासक्ति भावना को पग-पर पर देखते हैं।
त्रेतायुग में पृथ्वी जब रावण, कुम्भकरण, मेघनाद आदि राक्षसों के अत्याचारों से त्राहि-त्राहि कर रही थी उस समय यज्ञ, हवन, श्राद्ध, आदि शुभ कर्म करना मुश्किल हो गया था।  राक्षस ऋषि-मुनियों का भरक्षण कर रहे थे तथा सभी देव पराजित होकर रावण के दरबार में हाथ जोड़े खड़े रहते थे।
पृथ्वी पर धर्म का नाश हो चुका था और अधर्म का बोलबाला हो गया था। कहीं भी शुभ आचरण नहीं हो सकता था। ऐसे समय में सभी देवताओं, ब्रह्मा तथा पृथ्वी की प्रार्थना- जय-जय सुरनायक जनसुखदायक पर द्रवित होकर भगावन विष्णु ने श्रीराम के रूप में धरती पर अवतार लिया।
ऋषि विश्वामित्र के आश्रम तथा आस-पास के क्षेत्र में राक्षसी ताड़का ने आतंक मचा रखा था। श्रीराम को उसके दुष्कृत्यों का ज्ञान था, परन्तु  विश्वामित्र जी स्वयं चलकर राजा दशरथ के दरबार में श्रीराम और लक्ष्मण को मांगने आये। उनके कहने पर अनुज समेत देहु रघुनाथ, सुनकर भी श्री राम साथ जाने के लिए उत्सुक न हुये, परन्तु दशरथ जी द्वारा विश्वामित्र जी को सौंपे जाने पर आपने अनासक्ति भाव से जाना स्वीकार कर लिया।  ताड़का के मिलने पर विश्वामित्र जी के आदेश पर श्री राम ने एक ही बाण से ताड़का का वध कर दिया।
विश्वामित्र जी के आश्रम की सुरक्षा के उपरांत श्रीराम, विश्वामित्र जी के आदेश पर अनासक्ति भाव से राजा जनक द्वारा रचित सीता स्वयंवर देखने चल पड़े। मार्ग में गौतम मुनि का आश्रम खाली देखकर श्री राम ने विश्वामित्र जी से इसका कारण पूछा। विश्वामित्र जी द्वारा सारा वृत्तान्त सुनकर तथा उनकी प्रार्थना पर कि –
गौतम नारि श्राप बस, उपसदेह धरि धीर।
चरण कमल रज चाहत, कृपा करहु रघुवीर।।
ऐसा सुनकर श्री राम ने अपने चरण स्पर्श कराकर अहिल्या का उद्धार किया।
इसी प्रकार सीता स्वयंवर में जब सभी राजा थक हार कर चले गये और कोई भी उस शिव धनुष को तिल भर भी न हिला सका। उस समय श्रीराम ने धनुष तोडऩे की कोई उत्सुकता या इच्छा नहीं दिखाई। यहां तक कि राजा जनक द्वारा वीर विहीन महि मैं जानी, कहने पर भी श्रीराम उत्तेजित या क्रोधित नहीं हुए अन्त में विश्वामित्र जी के आदेश पर आप निष्पृह भाव से उठकर धनुष की ओर चल पड़े और धनुष के पास जाकर खड़े हो गये। फिर जानकी जी की ओर देखा। उनकी आंखों में याचना भाव देखकर तथा मन ही मन उनकी प्रार्थना स्वीकार की। सुनकर श्रीराम धनुष को कैसे देखा- सिवहि विलोकि सकेऊ धनु कैसे, विहव गरूड लघु …. जैसे और फिर उसे …. काहु न लखा देख सब ठाटे। पल भर में तोड़ दिया।
जब दशरथ जी ने श्रीराम जी के राज्याभिषेक की घोषणा की तब श्रीराम को आश्चर्य हुआ कि सभी भाई एक साथ जन्में, साथ-साथ शिक्षा ग्रहण की फिर बड़े भाई को ही राजतिलक क्यों? यद्यपि श्रीराम जानते थे कि उनकी आवश्यकता वन में है न कि अयोध्या में। परन्तु श्रीराम ने न तो राज्याभिषेक में कोई उत्सुकता दिखाई और न वन गमन में। मां कैकेई द्वारा यह वरदान मांगने पर कि तापस वेग विसेषी उदासी, चौदह वरस रामु वनवासी। आपने कोई हर्ष या विषाद नहीं दिखाया और देवताओं की प्रार्थना तथा माता कैकेई के आदेश पर वन जाना स्वीकार कर लिया।
बचपन में श्रीराम ने मारीचि को बिना फल का वाण मारकर समुद्र तट पर फैंक दिया था, तब से वह भय के कारण रात-दिन राम का नाम स्मरण करता था। श्रीराम उसे मार कर मोक्ष देना चाहते थे। परन्तु श्रीराम ने ऐसी कोई इच्छा प्रदर्शित नहीं की। फिर रावण द्वारा प्रेरित स्वर्णमृग बनकर मोक्ष की कामना से जब वह पंचवटी तक स्वयं चलकर आया। पर श्री राम ने उसका वध करके परमधाम दिया।
बालि एक निरंकुश राजा था। वह महाबलशाली था। बल के गर्व में उसने अपने छोटे भाई सुग्रीव की पत्नी का हरण कर लिया। इस अनीतिपूर्ण कार्य के लिए भगवान राम उसे दण्ड देना चाहते थे परन्तु उन्होंने ऐसी कोई इच्छा नहीं दर्शायी। जब उनकी सुग्रीव से मित्रता हुई तो सुग्रीव की प्रार्थना पर कि बंधु न होई मोर काला। आपने बालि का वध करके नीति की मर्यादा रखी।
 रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया और उन्हें अशोक वाटिका में रखकर तरह-तरह के कष्ट देने लगा।
 फिर भी श्रीराम लंका पर आक्रमण नहीं करना चाहते थे। उन्होंने बार-बार दूत भेजकर अपनी उदारता एवं धैर्य का परिचय दिया, परन्तु माता-सीता की प्रार्थना- मन, क्रम, वचन चरन अनुरागी, केहि अपराध नाथ हौ त्यागी। तथा रावण के वचन- मास दिवस महुं कहा न माना, तौ मैं मारगि काढि़ कृपाना। पर विचार कर भगवान राम ने लंका पर आक्रमण किया। फिर जब रावण से उनका संग्राम हुआ तब भी वे चाहते थे कि शायद अब भी रावण में सद्बुद्धि आ जाये। वह अपने कर्मों पर पश्चाताप करके माता जानकी को सकुशल लौटा दे तो वह मृत्यु से बच जाय परन्तु उसके अत्याचार से हाहाकार सुरन्ह जब कीन्हा सुनकर तथा सुर समय जान कृपाल आपने …. श्रवण लागि, छाड़े सर एकतीस। मारकर आपने रावण को भी अपना परम धाम दिया।
वनवास की अवधि बीत जाने पर श्रीराम, सीता व लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस आये। सारी अयोध्या में हर्ष की लहर दौड़ गयी। भरत जी के शरीर में तो प्राण ही लौट आये। अब न तो पिता के वचनों का भय था और माता कैकई के वरदान का। परन्तु श्रीराम ने अपने राज्याभिषेक में कोई रुचि नहीं दिखाई। अन्त में समस्त अयोध्यावासी और ब्राह्मणों के कहने पर कि अब मुनिवर विलंब न कीजै, महाराज कहं तिलक करीजे आपने राज्याभिषेक कराना स्वीकार कर लिया।
इस प्रकार हम यह पाते हैं अपने अवतार में श्रीराम ने सारा जीवन अनासक्ति भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया। (विनायक फीचर्स)

Mustafa Yusufali Gom: A National Icon of Excellence

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Mumbai – In a grand ceremony at ISKCON Auditorium, Mumbai, Dr. Mustafa Yusufali Gom received the prestigious Bharat Ratna Dr. Ambedkar Award from Maharashtra Governor C.P. Radhakrishnan. This recognition honors his tireless efforts in community service and exceptional contributions to society.

As founder and director of Care Takers Exterior and Interior Pvt Ltd, Dr. Mustafa transforms spaces and revitalizes communities through his expertise in building repairs and restoration ¹. His dedication to social work shines as Secretary of Anjuman-e-Najmi Dawoodi Bohra Jamaat Kandivali.

Dr. Mustafa’s achievement are remarkable, sharing this honor with esteemed awardees Prem Chopra, Dr. Bharti Lavekar, Sunil Paul, Anil Chaudhary, and Dr. Basant Goyal.

A Passionate Author
Dr. Mustafa’s book, “Shri Narendra Modi Samvad Naye Bharat Ka Sankalp,” launched by Shri Ramesh Bais and Shri Bhupendra Bhai Patel Chief Minister Of Gujrat  showcases his commitment to community service and vision for a better India.

This award is not Dr. Mustafa’s first recognition. He was previously honored with:

– Gau Bharat Bharti Award by Maharashtra Governor Shri Bhagat Singh Koshiyari ²
– Dr. BR Ambedkar Award by West Bengal Governor ³ Shri Dr, C.V. Ananda Bose
– Maharashtra Ratna Puraskar 2024 ⁴
– International Peace Award 2024 by Telangana Governor ,Shri Jishnu Dev Varma
– Vaagdhara Samman by Kerela Governor Shri Arif Mohammad Khan and Maharashtra Governor Shri Ramesh Bais

We congratulate Dr.Mustafa Yusufali Gom on this prestigious achievement and look forward to his continued contributions to society, inspiring Indians nationwide.

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने दिया प्रेम चोपड़ा को लाईफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

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मुंबई। बुद्धांजलि रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित भारतरत्न डॉ. अंबेडकर अवॉर्ड्स समारोह में फिल्म अभिनेता प्रेम चोपड़ा को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड 2024 से सम्मानित किया।

इस अवसर पर भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आयोजक और बुद्धांजलि रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन कैलाश मासूम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में प्रेम चोपड़ा साहब का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण और सराहनीय है।
ऐसे महान अभिनेता को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री या पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित किया जाना चाहिए।
प्रेम चोपड़ा के अलावा अंधेरी मुंबई की विधायिका भारती लवेकर, भारतीय क्रिकेट के अंपायर अनिल चौधरी सहित कई अन्य हस्तियों को भी भारत रत्न डॉ. अंबेडकर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

नहीं रहे रतन टाटा, मुंबई के अस्पताल में हुआ निधन, पूरे देश में शोक

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Ratan Tata: देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा नहीं रहे. मुंबई के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. बुधवार को उम्र संबंधी परेशानी के कारण उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी खराब हालत को देखकर उन्हें ICU भर्ती कर लिया गया था. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की है. रतन टाटा 86 साल के थे. बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी.

बुधवार को अचानक से बिगड़ गई तबीयत

बुधवार शाम को रतन टाटा की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी. उन्हें जल्द से जल्द मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में एडमिट कर लिया गया. इसके कुछ समय के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. रतन टाटा का जाना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.

बुधवार को अचानक से बिगड़ गई तबीयत
बुधवार शाम को रतन टाटा की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी. उन्हें जल्द से जल्द मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में एडमिट कर लिया गया. इसके कुछ समय के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. रतन टाटा का जाना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.

पीएम मोदी ने जताया शोक
रतन टाटा के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जाहिर किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है कि वो एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया.

टाटा समूह ने ट्वीट कर जताया शोक
रतन टाटा के निधन पर टाटा समूह ने ट्वीट किया कि गहरे दुख के साथ हम अपने प्रिय रतन के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते हैं. हम, उनके भाई, बहनें और परिवार, उनकी प्रशंसा करने वाले सभी लोगों के प्यार और सम्मान से सांत्वना और सांत्वना महसूस करते हैं. अब व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं हैं. विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की उनकी विरासत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.

 

आरपीआई के अध्यक्ष रामदास आठवले ने महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए मांगी ८ से १० सीटें

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मुंबई/छत्रपति संभाजीनगर: लोकसभा चुनाव में महायुति के लिए 17 सीटें जीतने में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने प्रमुख भूमिका निभाई है। फिर भी महाराष्ट्र में हमें नजरअंदाज किया जा रहा है। हमारी मांग है कि महायुति विधानसभा चुनाव में ‘आरपीआई’ को 8 से 10 सीटें दे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को अपने कोटे से तीन-तीन सीटें देनी चाहिए। केंद्रीय समाज कल्याण राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी राय रखी।

8 से 10 सीटें देने की मांग

आरपीआई के अध्यक्ष रामदास आठवले ने छत्रपति संभाजीनगर की यात्रा के दौरान बुद्ध गुफा का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने सुभेदार रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की। विधानसभा चुनाव में महायुति के घटक दल आरपीआई को फुलंबरी, छत्रपति संभाजीनगर मध्य, डेगलौर, केज, बदनापुर और कलांब निर्वाचन क्षेत्रों में 8 से 10 सीटें देने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि महायुति 160 से 170 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी।

पार्टी कार्यालय का उद्घाटन
इस बीच आठवले ने निराला बाजार इलाके में ‘आरपीआई’ शहर अध्यक्ष नागराज गायकवाड़ के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बाबूराव कदम, मराठवाड़ा अध्यक्ष मिलिंद शेल्के, प्रदेश उपाध्यक्ष दौलत खरात आदि मौजूद थे। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 2019 और 2014 में अपने दम पर 66 चुनाव लड़ने के बावजूद वंचित बहुजन अघाड़ी की स्थापना नहीं हो सकी। प्रकाश आंबेडकर ने यह प्रयोग कई बार किया है। अपने दम पर सफलता हासिल करना संभव नहीं है। मैं एकात्मक रुख में हूं। लेकिन अगर अन्य लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो एकता पर चर्चा होती रहेगी।

मीरा-भाईंदर मनपा ने उत्तन में बूचड़खाने के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है

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मुंबई : हाल में मीरा-भाईंदर मनपा ने उत्तन में बूचड़खाने के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने टेंडर को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर 10 अक्टूबर तक टेंडर को रद्द नहीं किया गया, तो वह महानगरपालिका मुख्यालय की इमारत से कूद जाएंगे। मेहता ने कहा कि बूचड़खाने का उत्तन के स्थानीय रहिवासी भी विरोध कर रहे हैं।

4 अक्टूबर को बूचड़खाने के निर्माण के लिए टेंडर जारी हुआ और 11 अक्टूबर को बिड किया जा सकेगा। मनपा के विश्वस्त सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बूचड़खाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से निधि भेजी गई है। यह निधि लाने के लिए शहर के एक विधायक का विशेष योगदान रहा है।

विधायक गीता जैन पर लगाया आरोप

मेहता ने कहा कि कत्लखाना विधायक गीता जैन के क्षेत्र में बन रहा है। ऐसा कैसे हो सकता है कि उनकी सहमति के बिना यह कत्लखाना बन रहा हो? एक तरफ जैन बूचड़खाने का विरोध करती हैं, दूसरी तरफ निर्माण को सहमति देती हैं। जैन के खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं।

मेहता स्टंट कर रहे हैं: गीता जैन

गीता जैन ने कहा कि उनका बूचड़खाने को लेकर हमेशा से विरोध रहा है। इस बारे में आयुक्त को मिलने वाली हैं। टेंडर तकनीकी दृष्टि से भी गलत है। मेहता को सब पता होने के बावजूद वह स्टंट कर रहे हैं। मेहता की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जैन ने बूचड़खाने के विरोध में आयुक्त को लिखा पत्र भी जारी किया।

द दिल्ली फाइल्स – द बंगाल चैप्टर’ 15 अगस्त 2025 को दुनिया भर में रिलीज़ की जाएगी

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                        विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित और अभिषेक अग्रवाल और पल्लवी जोशी द्वारा अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स के बैनर तले प्रोड्यूस की जाने वाली ‘द दिल्ली फाइल्स – द बंगाल चैप्टर’ 15 अगस्त 2025 को दुनिया भर में रिलीज़ की जाएगी। विवेक रंजन अग्निहोत्री अब अपनी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स- द बंगाल चैप्टर’ के जरिए दर्शकों को एक और मजबूत कहानी की यात्रा पर ले जाने के लिए तैयार हैं। इस फिल्म को तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्ध द्वारा प्रेजेंट किया जा रहा है। फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री हमेशा अपनी फिल्मों के जरिए सुर्खियां बटोरने से लेकर हलचल मचाने तक के लिए जान जाते हैं। उनकी फिल्मों की कहानियां दर्शकों पर असर डालने से लेकर उनकी बोल्ड स्टोरी टेलिंग के अंदाज को भी सामने रखती हैं।
‘द ताशकंद फाइल्स’, ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द वैक्सीन वॉर’ जैसी सफल फिल्में बनाने के बाद, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म मेकर  विवेक अग्निहोत्री अपनी नई फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स- द बंगाल चैप्टर’ के साथ एक और दिलचस्प कहानी कहने के लिए तैयार हैं। विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म के लिए प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल के साथ फिर से हाथ मिलाया है, जिन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की मेकिंग में अहम भूमिका निभाई थी। अभिषेक अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स के ज़रिए नेशनल अवॉर्ड विनिंग फ़िल्म ‘कार्तिकेय 2’ और क्रिटिकली एक्लेमेड फ़िल्म ‘गुडाचारी’ का निर्माण किया है। फिल्म निर्माता अभिषेक अग्रवाल ऐतिहासिक कहानियों पर केंद्रित फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा : गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने वाली पार्टी को ही वोट दें

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भोपाल। MP NEWS : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने वाली पार्टी को ही वोट दें। शंकराचार्य ने लोगों से अपील करते हुए कहा महाराष्ट्र सरकार ने बहुत अच्छा किया और महाराष्ट सरकार की तारीफ की महाराष्ट्र में गाय को माता का दर्जा देने बहुत बढ़िया फैसला है ।

उन्होंने कहा जो नेता इस फैसले से खुश हैं उनको सामने आकर फैसले की तारीफ करना चाहिए बता दें कि आज महाराज की गौ प्रतिष्ठा यात्रा भोपाल पहुंची थी शंकराचार्य ने कहा गाय को माता का दर्जा मिलना चाहिए और गाय को पशु नहीं कहा जा सकता है। शंकराचार्य ने अशोक चिन्ह और सिंगोल का हवाला भी दिया , गौ संवर्धन करने के लिए संविधान कह रहा है उन्होंने कहा राज्य चिन्ह में चार चिन्ह हैं , शेर, हाथी, घोड़ा और बेल यानी नंदी जब ये चिन्ह छपता है तो बेल और घोड़ा ही दिखाई देता है इन 4 में से शेर, हाथी को नहीं मार सकते तो गौवंश को कैसे काट सकते हैं, राज्यपाल, राष्ट्रपति और उच्च न्यायालय इस सम्बंध में संज्ञान लें सिंगोल के ऊपर भी नंदी बना है। इसी को लेकर पीएम ने नई संसद भवन में प्रवेश किया था , ऐसे में भारत में गौवंश का वध नहीं हो सकता। हमारे धर्म, संस्कृति का अपमान होने पर हम निकलकर सामने आए हैं।

उन्होंने कहा भोपाल से हैदराबाद के लिए रवाना होगी यात्रा, सबका साथ सबका विकास के कारण गाय को नहीं बचाया जा रहा, गाय काटने वालों के वोट के लिए सरकारें ऐसा नहीं कर पा रही हैं चुनाव में सभी पार्टी वादा करती रहीं लेकिन कर कोई नहीं रहा, हिंदुओं को अपना परंपरागत वोट बैंक मानने वाले सोचते हैं हिंदुओ के वोट तो मिल ही रहे हैं इसलिए माता का दर्जा नहीं दे रहे, हिन्दू धर्म को समाप्त करने के लिए गायों को मारा जा रहा है महाराज ने दोनों पार्टियों पर इल्जाम लगाते हुए कहा कांग्रेस-बीजेपी ने हमारा भरोसा तोड़ा हमारा भरोसा दोनों ने तोड़ा अब हम मतदाताओं को जोड़ रहे हैं।

33 करोड़ मतदाता तैयार कर रहे हैं 33 करोड़ वोट गायों के लिए तैयार होगा और जो गौवंश बचाएगा उसे वोट देंगे और एक दिन हमें विजय मिलेगी औऱ गाय गौ माता कहलाएगी। उन्होंने कहा गाय की चर्बी कारतूस में होने के कारण आजादी का आंदोलन छिड़ा था , महात्मा गांधी ने कहा था गाय का प्रश्न स्वराज से बड़ा है कांग्रेस ने वचन दिए थे गाय बचाने के और बेलों की जोड़ी को अपना चुनाव चिन्ह बनाया था गाय के बछड़े को भी चुनाव चिन्ह बनाया और हमने भरोसा करके धोखा खाया है पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने कहा दिया गाय का मास खाना हमारी संस्कृति का हिस्सा, इसी के साथ शंकराचार्य ने सीएम डॉ मोहन यादव की तारीफ की और कहा मोहन यादव भोपाल का गोपाल हैं। अच्छा काम करने वालों की प्रशंसा करेंगे बुरा काम करने पर प्रहार करेंगे मप्र में गाय को बचाना चाहिए।