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यादों के ग़ुब्बारे काव्य पुस्तक का विमोचन समारोह संपन्न

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मुंबई -गुजरात के प्रसिद्ध गुजराती कवि लेखक , साहित्यकार , समाजसेवी दीपक देसाई दीपक द्वारा लिखी काव्य पुस्तक ‘ यादों के ग़ुब्बारे ” के दूसरे संस्कण का विमोचन क्लासिक क्लब अँधेरी में मुख्य अतिथि विधायक हारुन खान , प्रशांत काशिद उपाध्यक्ष एकता मंच , अभिजीत राणे मुंबई भाजपा सचिव कामगार नेता , सिने अभिनेता सुनील पाल , एसीपी संजय पाटिल , शायरा ज़ीनत एहसान कुरैशी , संगीतकार दिलीप सेन ,आदि के हाथों भरी जनसभा के बीच संपन्न हुआ।

गऊ भारत भारती द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अपने पहले संस्करण से ही लोकप्रिय है। मुम्बई के रहेजा क्लासिक क्लब में इस अवसर पर कामगार यूनियन के अभिजीत राणे, एसीपी संजय पाटिल, विधायक हारून खान, सुनील पाल, रमेश गोयल, ज़ीनत एहसान कुरैशी, दिलीप सेन, प्रशांत काशिद, कशिश खंडेलवाल, डिज़ाइनर आर राजपाल, सिंगर एन के नरेश उपस्थित रहे साथ ही संगीतकार एसपी सेन , प्रिय सेन , सुरुचि शर्मा , डॉ कृष्णा चौहान , भगवत तिवारी अब्दुल कदीर आदि मौजूद थे।  इस अवसर पर ज़ाकिर रहबर , रुश्तम घायल , ज़ीनत कुरैशी ने काव्य पाठ किया।

विशेष तौर पर महाराष्ट्र कराड से जानी मानी एस्ट्रोलॉजर ज्योति कुमारी ने आ कर भाग लिया। और अपना आशीर्वाद संस्थान को दिया। और अपना आशीर्वाद संस्थान को दिया। अन्य में सिनेमा से जुड़ी बहुत सी मॉडल एक्टर और भाभी जी घर पर है के कलाकार भू इस अवसर पर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का सञ्चालन गऊ भारत भारती के संपादक संजय अमान ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायक , संगीतकार प्रकाश तिवारी मधुर ने अपनी मधुर आवाज़ से की , इस अवसर पर दीपक देसाई और उनके परिवार की तरफ से एवं गौ भारत भरतिकी तरफ से आये हुए सभी मेहमानो को ‘ यादो के ग़ुब्बारे का सम्मान के तौर पर प्रतिक चिन्ह दे कर किया गया। अंत में दीपक देसाई दीपक और संजय अमान द्वारा सभी का धन्यवाद दे कर कार्यक्रम का समपन्न किया गया।

 

जुनैद खान, खुशी कपूर, आकांक्षा पूरी, एली एवराम ने विधायक असलम शेख द्वारा आयोजित मलाड मस्ती में किया लोगों का मनोरंजन

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मुम्बई। मलाड मस्ती 2025 कार्यक्रम में फिल्म, टीवी और म्यूजिक इंडस्ट्री के कई सितारे अपनी उपस्थिति से दर्शकों में उत्साह भर देते हैं। विधायक असलम शेख द्वारा आयोजित इस मस्ती भरे कार्यक्रम में मनोरंजन और मस्ती का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है।

हाल ही में सुपरस्टार आमिर खान के पुत्र एक्टर जुनैद खान और श्रीदेवी की पुत्री एक्ट्रेस खुशी कपूर इस कार्यक्रम में पहुंचकर अपनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म लवयापा को प्रोमोट किया और पब्लिक इंटरेक्शन भी किया। इसके साथ ही दोनों ने फिल्म के गाने पर डांस किया और उपस्थित भीड़ के साथ सेल्फी भी लिया।
जुनैद खान, खुशी कपूर, आकांक्षा पूरी, एली एवराम, बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर बॉस्को मार्टिस के अलावा गायक मोहम्मद दानिश, रैपर नेज़ी, सना सुल्तान खान, सिंगर अमित टंडन, गायिका आकृति नेगी और सिमरन नेरुरकर सहित कई हस्तियों ने मलाड मस्ती के सफल आयोजन के लिए असलम शेख की सराहना की। पिछले 8 सालों से इस आयोजन को बड़ी धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है जहां बॉलीवुड सेलिब्रिटी पहुंचते हैं।
टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस आकांक्षा पूरी ने अपनी वेब सीरीज श्रृंगारिका का प्रमोशन किया और अपने शो से जुड़ी दिलचस्प बातें साझा कीं। अन्य कलाकारों ने भी अपनी परफॉर्मेंस से सुबह की बेला को यादगार बना दिया।


कार्यक्रम के दौरान आयोजक विधायक असलम शेख ने कहा कि आजकल छोटे छोटे बच्चे भी मोबाइल के आदी होते जा रहे हैं जो उनकी आंखों और सेहत के लिए ठीक नहीं है। इस मलाड मस्ती का आयोजन हम इसीलिए करते हैं ताकि लोग, बच्चे अपने घरों से निकलें, एक्टिविटीज में शामिल हों। मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में यहां लोग आते हैं और मजा मस्ती करते हैं।
मलाड मस्ती का सफल आयोजन गोल्ड मेडल कंपनी, ब्राईट आउटडोर, अपार एडवरटाइजिंग और क्लाउड नाइन जैसे स्पॉन्सर्स के सहयोग से हुआ। इवेंट को महेश राव और शेखर सिंह ने कुशलता से एक्सेक्यूट किया। सभी सेलेब्रिटीज़ ने इस भव्य आयोजन के लिए असलम शेख और उनकी टीम का दिल से आभार प्रकट किया। इस इवेंट की सफलता ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि मलाड मस्ती का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है।

पिवोट 2025’ में एकजुट हुए टेक्‍नोलॉजी, पॉलिसी तथा बिजनेस की दुनिया के कई दिग्‍गज

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मुंबई (अनिल बेदाग): पैनआईआईटी एलुमनी इंडिया ने पिवोट: पैनआईआईटी वर्ल्‍ड ऑफ टेक्‍नोलॉजी समिट के तीसरे संस्‍करण का सफलतापूर्वक समापन किया है। इसमें 3500 से अधिक प्रतिनिधियों और लगभग 75 अंतरराष्‍ट्रीय सहभागियों ने शिरकत की। उन्‍होंने ‘टेक्‍नोलॉजी ऍट वर्क’ थीम के अंतर्गत उद्योगों, प्रशासन और समाज में डिजिटलीकरण तथा तकनीकी प्रगति के बदलाव लाने वाले प्रभाव पर रोचक चर्चाएं कीं।
इस समिट की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जैसे प्रमुख नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके बाद समिट के समापन पर माननीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने अपने प्रभावशाली संबोधन से समिट को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। इस दिन कई समानांतर तकनीकी सत्र, स्टार्टअप सत्र और लाइव हैकाथॉन आयोजित किए गए। इन सत्रों में नेताओं ने शिक्षा, विज्ञान, तकनीकी और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। दुबई डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमी एंड टूरिज़्म (डीईटी) के दुबई इकोनॉमिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (डीईडीसी) के सीईओ महामहिम हादी बदरी और भारत में इजराइल के राजदूत महामहिम रेउवेन अज़र ने तकनीकी के वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए और भारत के साथ अपने देशों के मजबूत और लाभकारी संबंधों पर भी चर्चा की।
ओपनिंग प्‍लेनरी का टाइटल था ‘मेकिंग टेक्‍नोलॉजी वर्क- अ पीप इंटू द फ्यूचर’, जिसमें पैन आईआईटी के चेयरमैन देबाशीष भट्टाचार्य ने स्‍वागत सम्‍बोधन दिया। इसमें सीएसआईआर के भूतपूर्व महानिदेशक डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने भी एक प्रेरक सम्‍बोधन दिया। इस आयोजन में विभिन्‍न कार्यक्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया, जैसे कि स्‍थायी विकास एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा, टेक्‍नोलॉजी में वीसी/ पीई निवेश, ग्रामीण एवं कृषि प्रौद्योगिकी, सामाजिक प्रभाव और स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा। इन चर्चाओं में प्रमुख संस्‍थानों, जैसे कि मर्सेडीज-बेन्‍ज़ ग्रुप एजी, एसबीआई, नैस्‍कॉम,  राकुटेन और मेयो क्लिनिक का योगदान रहा।
 आयोजन में 26 विशिष्‍ट वक्‍ताओं ने जानकारियाँ भी प्रदान की। इनमें उद्यमी, यूनिकॉर्न के संस्‍थापक और अधिक वृद्धि वाले स्‍टार्टअप्‍स के प्रमुख लोग शामिल थे। दो दिनों में 17 आईआईटी इंक्‍युबेटर हेड्स के बीच गठजोड़ हुए और 500+ आगंतुक पधारे। समिट के मुख्‍य आकर्षणों में से एक थी इमैजिन, जोकि भारत की पहली डिजाइन एण्‍ड कोडिंग हैकाथॉन है। इसके लिये 15,000 से ज्‍यादा रजिस्‍ट्रेशंस में से लगभग 300 ऑनसाइट प्रतिभागियों को चुना गया था। उन्‍होंने विभिन्‍न थीम्‍स जैसेकि डिजिटल हेल्‍थकेयर और शहरों के स्‍थायी विकास से जुड़े किफायती तकनीकी समाधान विकसित किये थे।
कॉन्‍फ्रेंस का समापन भारत सरकार की लोकसभा के भूतपूर्व सदस्‍य जयंत सिन्‍हा के संचालन में एक विशिष्‍ट विदाई भाषण से हुआ। समिट की सफलता पर पैनआईआईटी के चेयरमैन देबाशीष भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘पिवोट 2025 काफी सफल रहा। इसमें टेक्‍नोलॉजी, पॉलिसी तथा बिजनेस की दुनिया के कई दिग्‍गज एक साथ आए और उन्‍होंने इस बात पर चर्चा की कि नवाचार किस तरह से हमारे भविष्‍य को आकार दे रहा है। इन चर्चाओं, स्‍टार्टअप के लिये जोश से भरा सिस्‍टम और व्‍यावहारिक हैकाथॉन की बदौलत लंबे समय के लिये कई साझेदारियां की गईं और कई महत्‍वपूर्ण जानकारियाँ भी मिलीं, जिनसे आने वाले वर्षों में बदलाव होगा।’’
पिवोट 2025 के को-चेयर राज नायर ने कहा, ‘‘पिवोट 2025 में हुई शानदार भागीदारी और जुड़ाव वैश्विक प्रभाव के लिये टेक्‍नोलॉजी की असीम क्षमता दिखाता है। बदलाव लाने वाले इस आयोजन की मेजबानी करने पर हमें गर्व है। इससे नई साझेदारियां हुई हैं और विभिन्‍न उद्योगों तथा सेक्‍टर्स में नवाचार को बढ़ावा मिला है।’’
आईआईटी बॉम्‍बे और आईआईटी जम्‍मू में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन और पिवोट 2025 के चेयरमैन डॉ. शरद कुमार सराफ ने कहा, ‘‘पिवोट 2025 वैश्विक सहयोग की बदलाव लाने वाली क्षमता का एक शक्तिशाली प्रमाण है। इसमें दुनियाभर के स्‍टार्टअप्‍स और इनोवेटर्स ने साथ आकर सार्थक बदलाव लाने का इरादा जताया है। इस आयोजन ने दिखाया है कि आईआईटी के एलुमनी और भारत में नवाचार का पारितंत्र किस तरह भविष्‍य को गढ़ने में सबसे आगे है। यह भारत को दुनिया में हो रही तकनीकी क्रांति का नेतृत्‍व करने के लिये तैयार कर रहा है। हमने सहयोग एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना जारी रखा है और आईआईटी भारत को टेक्‍नोलॉजी तथा नवाचार का पावरहाउस बनाने में एक महत्‍वपूर्ण् भूमिका निभा रहे हैं।’’

जलगांव ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ी, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान

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जलगांव: जलगांव जिले में एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतर गए कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गये और इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 30 लोग घायल हो गए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार घायलों का मुफ्त इलाज कराएगी।

पूरे हालात पर हमारी नजर

देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘पचोरा के निकट एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कुछ लोगों की मौत बहुत दर्दनाक है। मैं उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरे सहयोगी मंत्री गिरीश महाजन और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और जिला कलेक्टर कुछ ही समय में वहां पहुंच रहे हैं। पूरा जिला प्रशासन रेलवे प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहा है और घायलों के इलाज के लिए तत्काल इंतजाम किए जा रहे हैं। आठ एंबुलेंस भेजी गई हैं। घायलों के इलाज के लिए सामान्य अस्पताल के साथ-साथ आसपास के अन्य निजी अस्पतालों को तैयार रखा गया है। आपातकालीन प्रणालियों जैसे ग्लासकटर, फ्लड लाइट आदि को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। हम पूरी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक सहायता तुरंत प्रदान की जा रही है। मैं जिला प्रशासन के संपर्क में हूं।’

माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच की घटना

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने जिलाधिकारी द्वारा दी गई सूचना के हवाले से कहा कि यह दुर्घटना पचोरा के निकट माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच हुई जहां शाम करीब पांच बजे लखनऊ-पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह के कारण किसी ने चेन खींच दी और ट्रेन रुक गई। मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता स्वप्निल नीला ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के कुछ यात्री नीचे उतर गए और बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।

‘ब्रेक बाइंडिंग’ की वजह से निकली चिंगारी

जहां यह हादसा हुआ वह मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि  ‘‘हमारी प्रारंभिक जानकारी है कि पुष्पक एक्सप्रेस के एक कोच में ‘हॉट एक्सिल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ (जैमिंग) की वजह से चिंगारी निकली और कुछ यात्री घबरा गए। उन्होंने चेन खींच दी और उनमें से कुछ नीचे कूद गए। उसी समय पास की पटरी से कर्नाटक एक्सप्रेस गुजर रही थी और कुछ यात्री ट्रेन की चपेट में आ गए।”

 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर विशेष – क्रांतिवीर नेताजी सुभाषचंद्र बोस

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 *जय हिंद के नारे से राष्ट्रीय चेतना जगाने वाले क्रांतिवीर नेताजी सुभाषचंद्र बोस*
(अतिवीर जैन “पराग”-विनायक फीचर्स)
     सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक उड़ीसा के एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था l उनके सात भाई और छह बहनें थी l वह अपने माता पिता की नौवीं संतान थे l इनके पिता जी का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था l
पिता जानकी नाथ बोस कटक के प्रसिद्ध वकील थे l  पहले वे सरकारी वकील थे l बाद में उन्होंने सरकार की वकालत छोड़कर अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी l  बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे थे l अंग्रेज सरकार ने उन्हें रायबहादुर का खिताब दिया था l 1930 में महात्मा गांधी ने जब सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया तो ब्रिटिश सरकार ने उसे कुचलने के लिए आतंक और दमन का मार्ग अपनाया l इसके विरोध स्वरूप जानकीनाथ ने अपना रायबहादुर का खिताब वापस कर दिया था l अपने सभी भाइयों में सुभाष को सबसे अधिक लगाव दूसरे नंबर के भाई शरद चंद्र बोस से था l
    नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक से ही पूरी की l और उसके बाद वे कोलकाता चले गए जहां पर प्रेसीडेंसी कॉलेज से दर्शनशास्त्र में 1919 में  स्नातक किया l सितंबर 1919 में नेताजी भारतीय सिविल सेवा  (आईसीएस ) के लिए इंग्लैंड पढ़ने चले गए l 1920 में आवेदन कर इस परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान प्राप्त किया l पर जलियांवाला बाग के नरसंहार से व्यथित और भारत की आजादी के लिए व्याकुल नेताजी ने 1921 में भारतीय सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया l जून 1921 में मानसिक एवं नैतिक विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री लेकर सुभाष चंद्र वापस स्वदेश लौट आए l
    भारत लौटकर आने के बाद वे स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद गए l रविंद्रनाथ टैगोर की सलाह पर सबसे पहले मुंबई गए l और महात्मा गांधी से मुलाकात की l महात्मा गांधी मुंबई में मणिभवन में रहते थे l जहां 20 जुलाई 1921 को सुभाष चंद्र की गांधी जी के साथ पहली मुलाकात हुई l गांधी जी ने उन्हें कोलकाता जाकर चितरंजनदास के साथ काम करने की सलाह दी l उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किया l नेताजी श्री देशबंधु चितरंजनदास को अपना राजनीतिक गुरु और स्वामी विवेकानंद को अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे l
ब्रिटिश राज सिंहासन के वारिस प्रिंस ऑफ वेल्स के नवम्बर 1921 में भारत दौरे का ऐलान किया गया l कांग्रेस ने इस दिन युवराज के मुंबई में उतरने के दिन सम्पूर्ण हड़ताल का आव्हान कर दिया l कोलकाता में देशबंधु के साथ सुभाष चंद्र ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया l दिसंबर 1921 के दूसरे हफ्ते में देशबंधु तथा अन्य नेताओं के साथ सुभाष को भी गिरफ्तार कर लिया गया l और अलीपुर की सेंट्रल जेल में रखा गया l आठ महिनों बाद इन्हें जेल से छोड़ा गया l य़ह सुभाष की पहली गिरफ्तारी थी l अपने जीवन मे सुभाष की कुल ग्यारह बार गिरफ्तारी हुई l इसी के साथ सुभाष चंद्र बोस देश के बड़े नेताओं में शामिल हो गये l
  सन 1928 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कोलकाता में संपन्न हुआ इस अधिवेशन में गांधी जी ने अंग्रेजों से भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा देने की मांग की l लेकिन सुभाष बाबू पूर्ण स्वराज की मांग की बात कर रहे थे l अंत में तय हुआ कि अंग्रेज सरकार को डोमिनियन स्टेट देने के लिए एक साल का वक्त दिया जाए l और अगर एक साल में अंग्रेज सरकार नहीं मानती है तो कांग्रेस पूर्ण स्वराज की मांग करेगी l अंग्रेज सरकार ने एक साल में यह मांग नहीं पूरी की l इसलिए 1930 में जब कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में हुआ तब तय किया गया कि 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा l  26 जनवरी 1931 को कोलकाता में राष्ट्रध्वज फहराकर सुभाष चंद्र एक विशाल मोर्चे का जब नेतृत्व कर रहे थे पुलिस ने उन पर लाठी चलाई l और उन्हें घायल कर जेल भेज दिया l जब सुभाष जेल में थे तब गांधी जी ने अंग्रेज़ सरकार से समझौता कर लिया और सब कैदियों को रिहा करवा दिया l 5 नवंबर 1925 को देशबंधु चितरंजनदास कोलकाता में चल बसे l उस समय सुभाषचंद्र बोस मांडले जेल में थे l सुभाषचंद्र बोस की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई l और उन्हें तपेदिक हो गया l फिर भी अंग्रेज सरकार ने उन्हें रिहा करने से मना कर दिया l अंग्रेज सरकार ने शर्त रखी कि यदि सुभाष  इलाज के लिए यूरोप जाए तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा l लेकिन सुभाष चंद्र ने ऐसा स्वीकार नहीं  किया l और अंत में उनकी ज्यादा हालत खराब होने पर अंग्रेजी सरकार ने सुभाष चंद्र को रिहा कर दिया l और सुभाष इलाज के लिए डलहौजी चले गए l 1930 में जब सुभाष चंद्र बोस जेल में थे तो कोलकाता में उन्होंने महापौर का चुनाव जेल से ही लड़ा और जीत गए l सरकार को उन्हें जेल से रिहा करना पड़ा l 1932 में सुभाष को फिर से जेल भेजा गया इस बार उन्हें अल्मोड़ा जेल में रखा गया l वहां उनकी तबीयत खराब हो गई और चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें इलाज के लिए यूरोप जाने जाना पड़ा l  सन 1933 से लेकर 1936 तक सुभाष यूरोप में ही रहे l 1934 में सुभाष चंद्र को अपने पिता की तबीयत खराब होने की खबर मिली l खबर सुनते ही वह हवाई जहाज से कराची से होते हुए कोलकाता लौटे l जहां अंग्रेज सरकार ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया और कई दिन जेल में रखकर वापस यूरोप भेज दिया l
   कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में 1938 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए l इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय योजना समिति का गठन किया l 1939 के त्रिपुरा अधिवेशन में भी सुभाष चंद्र बोस को दोबारा कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गया l गांधीजी चाहते थे कि सीतारमैया अध्यक्ष बने l सुभाष चंद्र बोस को चुनाव में 1580 मत मिले और सीतारमैया को 1377 मत मिले l इस प्रकार गांधी जी के विरोध के बावजूद सुभाष चंद्र 203 मतों से अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए थे l तभी विश्व युद्ध शुरू हो गया l नेताजी ने अंग्रेजों को छह महीने का अल्टीमेटम देश छोड़ने का दिया l नेताजी के अल्टीमेटम का गांधीजी ने विरोध किया जिससे इन्होंने कांग्रेस की अध्यक्षता छोड़ दी और फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की l कुछ दिन बाद ही सुभाष चंद्र को कांग्रेस से निकाल दिया गया और फॉरवर्ड ब्लॉक एक स्वतंत्र पार्टी बन गई l सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा भारत के संसाधनों का उपयोग करने का घोर विरोध किया और जनआंदोलन शुरू कर दिया l  इसलिए अंग्रेजों ने उन्हें कोलकाता के घर में नजरबंद कर दिया l
  1941 में सुभाषचंद्र बोस किसी तरह अंग्रेजों की कैद से छूटकर अफगानिस्तान के रास्ते जर्मनी पहुंच गए l  1941 के अंत में  बर्लिन में उन्होंने फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की l यहीं से ‘जन गण मन ‘को भारत का राष्ट्रगान घोषित किया l देश को जय हिंद का नारा  भी नेताजी ने ही दिया l यहीं पर  सुभाष चंद्र बोस को ‘नेताजी ‘ की उपाधि दी गई l मई 1942 में जर्मनी में सुभाषचंद्र बोस ने हिटलर से मुलाकात की l हिटलर से उन्हें कोई सकारात्मक सहयोग नहीं मिला l इसी दौरान सुभाषचंद्र बोस की भेंट ऑस्ट्रेलिया की महिला एमिली से हुई जो उनकी सचिव रही,और बाद में नेताजी ने उनसे शादी कर ली l जिससे उनके एक बेटी अनिता बोस  हुई l
   26 जनवरी 1943 को बर्लिन में भारतीय स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया गया l जिसमें नेता जी ने मुख्य भाषण दिया और उसके बाद जापान चले गए l जून 1943 में नेताजी की मुलाकात जापानी प्रधानमंत्री से हुई lजहां उन्होंने भारत की संपूर्ण स्वाधीनता पाने के लिए बिना शर्त पूरे समर्थन की अधिकृत घोषणा की l यह उस समय के परिप्रेक्ष्य में बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटना थी l किसी भी विदेशी शासन प्रमुख द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस प्रकार भारत को बिना शर्त पूरा समर्थन देने की घोषणा की गई थी l हालांकि गांधीजी इस प्रकार की कोई भी घोषणा ब्रिटिश सरकार या उसके मित्र देशों से नहीं करवा पाए थे l य़ह नेताजी की एक बड़ी जीत थी l इसके बाद नेताजी ने अपनी मौजूदगी जग जाहिर कर दी और नागरिक रेडियो पर अपना विशेष प्रसारण किया l जुलाई 1943 में नेताजी सिंगापुर पहुंच गए l जहां रासबिहारी बोस
, इंडियन नेशनल आर्मी आजाद हिंद फौज के अफसरों और नेताओं ने नेताजी का स्वागत किया l आजाद हिंद फ़ौज में अंग्रेजी सेना में कार्यरत वे भारतीय सैनिक थे जिन्हें जापान ने बंदी बनाया था l
 पांच जुलाई 1943 को नेताजी के जीवन का सर्वाधिक वैभवशाली दिन था ,उस दिन सिंगापुर टाउन हॉल के एक बड़े मैदान में उन्होंने सर्वोच्च सेनापति सुप्रीम कमांडर के रूप में आजाद हिंद फौज की सलामी ली l यही पर उन्हें नेताजी का नाम दिया गया l उन्होंने अपनी फ़ौज को संबोधन में कहा था “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा “। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की कब्र  बनाने का आव्हान सैनिकों से किया l 21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में एक ऐतिहासिक सभा में उन्होंने आजाद प्रथम अंतरिम आजाद हिंद सरकार की स्थापना का ऐलान किया l इस अंतरिम सरकार को विश्व के तीन प्रमुख देश जापान, जर्मनी और इटली समेत कुल 9 देशों ने मान्यता प्रदान कर दी l इस प्रकार दो सौ वर्ष में भारत के स्वाधीनता सेनानियों को अपने स्वाधीन राष्ट्र की अनुभूति हुई थी l आजाद हिंद सरकार की पहली घोषणा थी अमेरिका और ब्रिटेन के विरुद्ध युद्ध l 22 अक्टूबर 1943 को नेताजी ने आजाद हिंद फौज की रानी झांसी रेजीमेंट का औपचारिक उद्घाटन किया l  जिसमें भारतीय महिलाओं की भागीदारी थी l आजाद हिंद सरकार की स्थापना के बाद , आजाद हिंद बैंक ने ₹10 से लेकर ₹1,00,000 तक के नोट के जारी किए l और ₹1,00,000 के नोट में नेताजी की तस्वीर छापी गई थी l
  29 दिसंबर 1943 को नेताजी अंडमान पहुंचे यहां राष्ट्र अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जिमखाना मैदान में भारी जन समुदाय के बीच राष्ट्रीय तिरंगा फहराया l नेताजी ने अंडमान को “शहीद दीप समूह ” तथा निकोबार को
 ” स्वराज दीप समूह ” का नया नाम दिया था । जनवरी 1944 में नेताजी अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत के नजदीक रंगून(तत्कालीन बर्मा,अब म्यांमार) में ले आए l आजाद हिंद फौज ने 18 मार्च 1944 को इंफाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया l जापान की हार के कारण नेताजी का आजाद हिंद फौज के द्वारा स्वतंत्रता का सपना पूरा ना हो पाया l
   ऐसा माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को जापान जाते समय नेताजी का विमान ताइवान में क्रैश हो गया परंतु उनका शरीर नहीं मिला और तब से लेकर आज तक उनकी मृत्यु एक विवाद और रहस्य का विषय बनी हुई हैं l
  पर नेताजी का यह संघर्ष व्यर्थ नहीं गया। उनके जय हिंद नारे से राष्ट्रीय चेतना जागृत हो गई और 1946 के आरंभ तक जैसा कि नेता जी ने सोचा था रॉयल इंडियन एयर फोर्स तथा रॉयल इंडियन नेवी में खुला विद्रोह हो गया l भारतीय सशस्त्र सेनाओं की वफादारी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ओर हो गई l इस प्रकार भारत ने नेताजी के जाने के बाद भी नेताजी का सोचा हुआ सामरिक लक्ष्य पा लिया और अंत में अंग्रेजों को अगस्त 1947 में भारत छोड़कर जाना पड़ा l
   आज भी जय हिंद का उद्घोष जनमानस में जोश भरने और देश प्रेम की भावना को जीवित करने का साधन बना हुआ है l अपनी क्रांतिकारी सोच के कारण नेताजी ने उस समय के जनमानस को उद्वेलित किया और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को प्रेरित किया l जिसने भारत की आजादी में उत्प्रेरक का काम किया l उनकी विचारधारा भारतीय जनमानस में सदा बसी रहेगी l देश आज भी नेताजी को एक क्रांतिकारी नेता के रूप में याद करता है और सदा करता रहेगा।(विनायक फीचर्स) (लेखक पूर्व उपनिदेशक, रक्षा मंत्रालय हैं)

कर्नाटक के बाद अब असम में गऊ माता की निर्मम हत्या

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सार

असम में पिकनिक के दौरान गौ हत्या का वीडियो वायरल होने के बाद 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने गाय का मांस खाया और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
गुवाहाटी। असम में पुलिस ने छह लोगों को सार्वजनिक रूप से गाय की हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किया है। इनमें सबसे कम उम्र वाले आरोपी की उम्र 19 साल है। इन लोगों ने पिकनिक के दौरान एक गाय की हत्या की और उसके मांस को खाया। इतना ही नहीं, घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।असम के पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि वायरल वीडियो के प्रसारित होने के बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों ने गौ हत्या का वीडियो बना किया पोस्ट

आरोपियों की पहचान 20 साल के साहिल खान, 19 साल के हफीजुर इस्लाम, 20 साल के रोकिबुल हुसैन, 30 साल के साहिदुल इस्लाम, 26 साल के इजाज खान और 24 साल के जाहिदुल इस्लाम के रूप में हुई है। ये सभी असम के कामरूप जिले के असलपारा गांव के रहने वाले हैं। इन लोगों द्वारा बनाए और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में बड़े चाकुओं को तेज करते, बर्तनों और गाय को नाव पर रखकर ले जाते देखा गया। वीडियो के दूसरे हिस्से में आरोपियों को गाय का वध करते और उसके मांस को पकाते देखा गया।

वीडियो वायरल होने के बाद फैल गया था आक्रोश

इस वीडियो के वायरल होने के बाद इलाके के हिंदू समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया था। मामले में पुलिस ने संज्ञान लिया और कार्रवाई की। बता दें कि असम में मवेशियों के अवैध वध और व्यापार पर रोक है। इसके लिए असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 में सख्त प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस कानून के सख्त पालन के बारे में मुखर रहे हैं। उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में इसके महत्व पर जोर दिया है।

भारत में आस्था का महाकुंभ और विदेशों में बढ़ती नास्तिकता* 

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(सुभाष आनंद-विभूति फीचर्स)
     इन दिनों प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, जहां  देश विदेश से करोड़ों लोग आ रहे हैं और पुण्य स्नान का लाभ उठा रहे हैं। यहां आने वाले लोग सनातन धर्म में भरपूर आस्था रखते हैं। एक ओर प्रयागराज के महाकुंभ में आस्था का समुन्दर उमड़ रहा है वहीं दूसरी ओर शेष विश्व में नास्तिकों की संख्या  तेजी से बढ़ रही है।
        प्रोफेसर डेविड बूथ का कहना है कि पिछले 40-50 वर्षों  में पश्चिमी देशों में धर्म के नाम पर आस्था निरंतर कम हुई है, लेकिन भारत,पाकिस्तान,ईराक ,ईरान में धर्म पर आस्था बढ़ती दिख रही है। वैसे यह भी सत्य है कि दुनिया में आस्था कभी भी समाप्त नहीं हो सकती कम अवश्य  हो सकती है।
             भारत से बाहर शेष विश्व में जिस प्रकार नास्तिक  लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो क्या वहां धार्मिक होना अतीत की बात हो जाएगी,इस प्रश्न का उत्तर मुश्किल ही नहीं बल्कि बहुत मुश्किल है।
कैलिफोर्निया में क्लेरमांट के पिटजुर  कालेज में सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसरों ने एक सर्वे किया है और उनका कहना है कि दुनिया भर में नास्तिक लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और धार्मिक आस्था में कमी आ रही है। इस तथ्य की  पुष्टि गैल्प इंटरनेशनल ने भी की है। गैल्प इंटरनेशनल ने 2020 से 2024 तक  97 देशों में एक लाख से अधिक लोगों को अपने सर्वे में शामिल किया।
 *नास्तिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है*
       सर्वे में कहा गया है कि जिन 100 देश के लोगों को शामिल किया गया, उनके अनुसार धर्म के नाम पर उनकी आस्था बहुत तीव्रता से कम हो रही है । धर्म को मानने वालों की संख्या 76 फ़ीसदी से कम होकर अब 64% तक रह गई है । खुद को नास्तिक बताने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।  विश्व में नास्तिकों की संख्या 26 % को पार कर चुकी है,
सर्वे से पता चला है कि चीन में 91% लोग नास्तिक है,जापान में 86%, स्वीडन में 78%, चैक रिपब्लिकन में 75%, यूके में 72 फीसद, बेल्जियम में 71%, एस्टोनिया में 70.8%, ऑस्ट्रेलिया में 70%, नार्वे में 70%, डेनमार्क में 68% नास्तिक हैं। सर्वे के नुसार नास्तिकों की संख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि उन देशों में हुई है जो अपने नागरिकों को आर्थिक, राजनीतिक और अस्तित्व की ज्यादा सुरक्षा देते हैं।
100 वर्ष पहले जापान, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी,फ्रांस जैसे देशों में धर्म को उच्च स्थान दिया जाता था, अब इन देशों में ईश्वर को मानने वालों की संख्या बड़ी तेजी से कम हो रही है। दूसरी ओर रूढ़िवादी  देशों में धर्म के नाम पर आस्था बढ़ रही है।
                वही , ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों का कहना है कि नास्तिकों के बढ़ने के कारण धर्म कभी समाप्त नहीं होगा, हां शनै: शनै: कम जरूर हो जाएगा,       मौलवी,पंडित ,धर्मगुरु, प्रचारकों और पादरियों का कहना है कि जैसे-जैसे विश्व में नास्तिकों की संख्या बढ़ रही है त्यों त्यों  धरती पर पाप बढ़ रहे हैं जिससे आगे दु:ख बढ़ेगा।
 धर्मगुरुओं का कहना है कि भविष्य में जलवायु परिवर्तन से विश्व पर संकट बढ़ेगा और प्राकृतिक संसाधनों की कमी होगी । वह चाहते हैं कि दुनिया की परेशानियां  चमत्कारिक ढंग से दूर हों ,हम शांतिपूर्वक ढंग से जीवन का निर्वाह करें , ऐसा तब ही होगा जब धर्म हमारे आसपास रहेगा। ऐसा इसलिए है कि मानव के विकास के दौरान ईश्वर की जिज्ञासा हमारी प्रजाति के तांत्रिका तंत्र से बची रहती है। इसको समझने के लिए दोहरी प्रक्रिया के सिद्धांत को समझने की जरूरत है ।
       मनोवैज्ञानकों का कहना है कि हमारे दो विचार सिस्टम है ,सिस्टम एक और सिस्टम दो।  सिस्टम दो अभी-अभी विकसित हुआ है ,यह अपने-अपने दिमाग की उपज है जो हमारे दिमाग में बार-बार गूंजती है। कभी चुप हो जाती है कभी योजना बनाने और यांत्रिक रूप से सोचने को मजबूर करती है।
दूसरा सिस्टम एक सहज ,स्वाभाविक और ऑटोमेटिक है। यह बातें इंसान के जीवन में नियमित विकसित होती रहती है । इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि इंसान कहां पैदा हुआ है वह अस्तित्व का तंत्र या सिस्टम बिना सोचे समझे हमें बिना ज्यादा प्रयास किये सजीव और निर्जीव चीजों की पहचान करने की क्षमता देता है। बच्चों को माता-पिता की पहचान कराता है। यह दुनिया को बेहतर ढंग से समझने, प्राकृतिक आपदाओं या अपने  करीबियों की मौत की घटनाओं को समझने में मदद करता है। इंसान स्वाभाविक तौर पर मानना चाहता है कि वह किसी बड़ी तस्वीर का हिस्सा है और जीवन पूर्ण रूप से निरर्थक नहीं है।
         हमारा मन उद्देश्य और स्पष्टीकरण के लिए लालायित रहता है, धार्मिक विचारों को अपनाना मनुष्य के लिए सबसे कम प्रतिरोध का रास्ता है। धर्म से छुटकारा पाने के लिए आपको मानवता में कुछ  मूलभूत बदलाव लाने होंगे। ईश्वर के प्रति आस्था की बात करें तो  25% अमेरिकन किसी चर्च से संबंध नहीं रखते ,लेकिन सर्वे में 62 फ़ीसदी ने बताया कि वह ईश्वर में विश्वास रखते हैं ,32% ने बताया कि वह धार्मिक प्रवृत्ति के लोग हैं। दुनिया भर के सर्वे के पश्चात कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें ईश्वर में कोई यकीन नहीं, अभी तक उसे किसी ने देखा नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अलौकिक सजा एक परिकल्पना है तो मुल्ला,मौलवियों ,पादरियों ,पंडितों,धर्म गुरुओं का कहना है कि धर्म इंसानों से कभी दूर नहीं जा सकता ,धर्म मनुष्य के दिलों में डर और प्रेम दोनों बनाए रखता है।
 *भारत में क्यों ज्यादा है आस्तिक?*
एक प्रश्न के उत्तर में यह बताया गया है कि भारत में 90% लोग आस्तिक हैं और केवल 10 फ़ीसदी लोग नास्तिक हैं। भारत में लोग धर्म गुरुओं और डेरो से भी जुड़े हुए हैं । सिखों का गुरुद्वारे में अथाह विश्वास है। उसी प्रकार इस्लाम धर्म से जुड़े मुस्लिम समाज भी मस्जिदों में सजदा करते है। ईसाई लोग अपने पवित्र गिरजाघर में जबकि हिंदू किसी व्यक्ति विशेष से जुड़ने के बजाए अपने घरों में और धार्मिक स्थलों पर ईश्वर आराधना में विश्वास रखते हैं। हर समाज में अनेक धर्मगुरु हैं। धर्मगुरु अपने-अपने धर्म का प्रचार करने में लगे हुए हैं । केवल 10 % लोग ही यहां नास्तिक हैं।(विभूति फीचर्स)

राजस्थान में गौ-तस्करों को पकड़कर बजरंग दल के कार्यकर्ता ने पीटा

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कई दिनों से आवारा गौवंश के गायब होने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद गौ सेवक और बजरंग दल के सदस्यों की टीम एक्टिव हुई थी. टीम की ओर से इलाके में लगातार गौ तस्करों की रैकी की जा रही थी.

Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में मंगलवार देर रात गौवंश से भरी पिकअप को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रोक लिया. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पिकअप में सवार 2 तस्करों की जमकर पिटाई कर दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों तस्करों को बचाकर गिरफ्तार कर लिया. साथ ही सभी गौवंश को गौशाला में छुड़वा दिया.

अंधेरा में भाग निकले 3 गौ तस्कर

यह वारदात खंडार उपखंड क्षेत्र के सुमनपुरा गांव में बने सरकारी स्कूल के सामने हुई. बताया जा रहा है कि पिकअप में 4 से 5 युवक तस्कर सवार थे, जो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को देखकर घबरा गए और अंधेरा का फायदा उठाकर फरार हो गए. हालांकि 2 तस्कर बजरंग दल कार्यकर्ताओं के हत्थे चढ़ गए, जिनकी खूब पिटाई की गई.

नंदी बैल बांधते देखने पर हुआ था शक

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर पिकअप गाड़ी में नंदी बैलों को बांध रहे हैं. इसके बाद सवाई माधोपुर, छाण, अल्लापुर, बहरावंडा खुर्द से गौ सेवक और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे गए और तस्करों को दबोच लिया. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने प्रभारी दौलत सिंह बहरावंडा खुर्द को दोनों तस्करों को सौंप दिया.

पिकअप में भरे गौवंश की तस्वीर.

पिकअप में भरे गौवंश की तस्वीर.
Photo Credit: NDTV Reporter

पुलिस ने तस्करों की पिकअप की जब्त

पुलिस ने दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. तस्करों की पिकअप गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज करके अग्रिम कार्रवाई कर रही है.

कई दिनों से रैकी कर रहे थे कार्यकर्ता

गौरतलब है कि कई दिनों से सड़कों पर आवारा गौवंश के गायब होने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद गौ सेवक और बजरंग दल के सदस्यों की टीम एक्टिव हुई थी. टीम की ओर से इलाके में लगातार गौ तस्करों की रैकी की जा रही थी. गौ सेवकों की मुस्तैदी के चलते बीती रात गौ‌ तस्करों को पकड़ा गया है. पुलिस ने मौके से गौवंश नंदी से भरी पिकअप गाड़ी व एक बाइक को भी मौके से जब्त किया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में एक विशेष कैबिनेट बैठक

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संगम तट पर कैबिनेट के साथ लगाई पवित्र डुबकी, पूजा-अर्चना भी की

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में एक विशेष कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अब तक 9.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। 

हजारों विदेशी भक्त करेंगे मौनी अमावस्या का अमृत स्नान

आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या में होने वाला अमृत स्नान प्रयागराज महाकुंभ में श्रृद्धालुओं के सैलाब को लेकर नया कीर्तिमान दर्ज करने जा रहा है। प्रशासन के दावे के मुताबिक इस स्नान पर्व में सात से 10 करोड़ के बीच श्रद्धालुओं और पर्यटकों के महाकुंभ पहुंचने का अनुमान है, जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन के साथ साथ  साधु संतों के शिविरों में भी इस पावन अवसर पर अमृत स्नान के लिए आने वाले भक्तों के लिए व्यवस्था की जा रही है।

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरी बताते हैं कि अकेले उनके शिविर में इस पुण्य पर्व पर फ्रांस, इटली, जापान और रूस से 5000 से अधिक विदेशी भक्तों के लिए व्यवस्था की जा रही है। पायलट बाबा के ये सभी भक्त 24 जनवरी से आना शुरू हो जाएंगे।  मुक्ति और पुण्य अर्जित करने की आस लेकर आ रहे ये भक्त त्रिवेणी में अमृत स्नान करेंगे।

बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “यहां आज कैबिनेट की बैठक हुई है जिसमें महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं… आज पवित्र संगम में स्नान करके मैं गंगा और यमुना को प्रणाम करता हूं… अखिलेश यादव जी को मानसिक और दृष्टि दोष हो गया है। उसका अच्छे से इलाज कराएं। कुंभ के समय ऐसे बयान देना, यहां राजनीति करना बहुत गंदी बात है। मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।”

सीएम ने मंत्रियों संग त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और अन्य कैबिनेट मंत्री प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना की।

बॉलीवुड महा आरोग्य शिविर में सिनेकर्मियों के परिवारों को मिला स्वास्थ्य संबंधी लाभ

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मुंबई। महानगर में डॉक्टर 365 बॉलीवुड महा आरोग्य शिविर 2025 आयोजित किया गया। बॉलीवुड में संघर्षरत लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया यह वार्षिक स्वास्थ्य सेवा पहल है जिसका आयोजन मुंबई के अंधेरी पश्चिम स्थित चित्रकूट ग्राउंड में हुआ। इस स्वास्थ्य सेवा संबंधी कार्यक्रम का नेतृत्व डॉक्टर 365 के चेयरमैन डॉ. धर्मेंद्र कुमार और प्रसिद्ध अभिनेता-निर्माता-निर्देशक धीरज कुमार (क्रिएटिव आई लिमिटेड के चेयरमैन) ने किया जिसमें 50,000 से अधिक लोगों ने नाना प्रकार के स्वास्थ्य सेवाओं का निःशुल्क लाभ उठाया।
इस कार्यक्रम में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री पूनम ढिल्लों, सुजाता मेहता, उपासना सिंह, सीरियल निर्माता अशित मोदी, एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा, दीपक पराशर, अली खान, संगीता तिवारी, सहिला चड्ढा, लेखिका-शायरा संध्या रियाज़, सेलिब्रिटी डिजाइनर अर्चना कोचर की विशेष उपस्थिति रही।
इनके अलावा सद्गुरु श्री दयाल जी और गुरु मां जैसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और मध्यप्रदेश की सांसद हिमाद्री सिंह भी उपस्थित थे।
साथ ही मनु श्रीवास्तव (वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में “राइट टू सर्विस” के मुख्य आयुक्त), पद्मश्री डॉ. सोमा घोष, जीएसटी कमिश्नर डॉ. स्मिता डोलस सोमाने, भाजपा नेता भारती लवेकर और विनोद शेलार, एफडब्लूआईसीई के अध्यक्ष बी.एन. तिवारी भी उपस्थित रहे।
इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में इज़राइल के वाणिज्य दूतावास कोबी सोशानी, जॉर्जिया के वाणिज्य दूत सतिंदर आहूजा, रोटरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चेतन देसाई, क्रिटिकेयर हॉस्पिटल चेन के मालिक डॉ. दीपक नमजोशी और मासूमा नमजोशी, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विशेष पुलिस महानिरीक्षक मोहन राठौड़, एसीपी संजय पाटिल और एसीपी चंद्रकांत कटकर ने भी भाग लिया। वहीं विवेक प्रकाश ने गणेश वंदना और मोहम्मद अयाज ने देशभक्ति गीत गाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। अतिथियों ने इस पहल की खुले दिल से प्रशंसा की।
डॉ. धर्मेंद्र कुमार और धीरज कुमार ने सभी प्रमुख अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संचालन वैभव शर्मा और सौंदर्या ने कुशलतापूर्वक किया।
इस शिविर में बॉलीवुड कलाकारों, तकनीशियनों, बैकस्टेज कर्मियों, मीडिया कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं।
इस महा आरोग्य शिविर में मुफ्त स्वास्थ्य जांच और टीबी स्क्रीनिंग रखी गई। 4 करोड़ रुपये की दवाइयों के साथ चश्मे और व्हील चेयर का वितरण किया गया तथा आंखों की जांच की गई और महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं रखी गई।
डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस पहल के तहत पिछले शिविरों में 5.56 करोड़ से अधिक मरीजों की जांच की गई है और इस साल की उपस्थिति रिकॉर्ड तोड़ रही है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के 2026 तक गुजरात को टीबी मुक्त बनाने के दृष्टिकोण के साथ पहल को आगे बढ़ाने की योजना पर जोर दिया।
धीरज कुमार ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रमुख योगदानकर्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिनमें दंगल टीवी के मनीष सिंघल और निर्माता रमेश तौरानी का उल्लेखनीय सहयोग शामिल रहा।
डॉ. धर्मेंद्र कुमार और धीरज कुमार ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और भगवान शिव के आशीर्वाद से मानवता की सेवा जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही स्वस्थ भारत देश हमारा का नारा बुलंद किया।

– संतोष साहू