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गली मोहल्ला क्रिकेट लीग नशामुक्ति और दिशाहीन युवाओं को जमीनी स्तर पर काम करने के लिए मार्गदर्शन देने पर केंद्रित

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मुंबई। गली मोहल्ला क्रिकेट लीग (जीएमसीएल) ने मुंबई में जमीनी स्तर पर क्रिकेट में क्रांति लाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया, जिसमें खेलों के माध्यम से नशे की लत से निपटने के लिए महाराष्ट्र पुलिस के साथ एक ऐतिहासिक गठबंधन पर हस्ताक्षर किए गए।

अंधेरी के कंट्री क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सतकर्मिक मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख बाबा इंदरप्रीत सिंह ने राष्ट्र विकास के लिए युवाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जीएमसीएल बदलाव के लिए एक आंदोलन है, जो नशामुक्ति और दिशाहीन युवाओं को जमीनी स्तर पर काम करने के लिए मार्गदर्शन देने पर केंद्रित है।”
ग्लोबल मिडास कैपिटल फंड के निदेशक अमन बांदवी ने मजबूत राष्ट्रों के निर्माण में प्रभाव निवेश के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान खेलों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को कम करने पर है और क्रिकेट बदलाव का एक शक्तिशाली माध्यम है।”
“हम जीएमसीएल के प्रभाव को मापने और युवा लोगों के जीवन में एक स्थायी अंतर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” जीएमसीएल और प्राइड अकादमी के निदेशक हरमीत सिंह ने स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों के साथ गठजोड़ के माध्यम से फिटनेस, मानसिक लचीलापन और उज्ज्वल दिमागों को पोषित करने पर लीग के फोकस के बारे में बात की। जीएमसीएल के सीईओ रमन गांधी ने सड़कों से प्रतिभाओं की खोज करने और युवा क्रिकेटरों को चमकने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए लीग की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीएमसीएल महाराष्ट्र की टीम मौजूद थी, जिसमें सूरज पालकर, संदीप मघाड़े, रिजवान खान, शशांक यादव, हरक्षा तांबे, इम्तियाज शेख, मुनाफ अमीराली, रऊफ शेख, जावेद शेख और हरेश आचरेकर शामिल थे, जिसने लीग के लॉन्च के उत्साह को और बढ़ा दिया।

टीमें 1100 रुपये के पंजीकरण शुल्क के साथ पंजीकरण करती हैं। 11 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, जिसमें उपविजेता के लिए 5 लाख रुपये शामिल हैं। प्रत्येक टीम कम से कम 10 मैच खेलेगी, जिसमें एक पुरस्कार पूल भी शामिल है जिसमें प्रशिक्षण के लिए 1 साल का प्रायोजन भी शामिल है। पंजीकरण शुल्क लगभग 10 रुपये प्रति मैच है।

लीग के उद्घाटन मैच खार जिमखाना में आयोजित किए जाएंगे, जिसका आयोजन महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से किया जाएगा, जो जीएमसीएल और पुलिस विभाग के बीच नशा मुक्ति पहल में साझेदारी को और मजबूत करेगा।

लीग ने मुंबई में कम से कम 500 टीमों, 5500 खिलाड़ियों और 5000 मैचों की योजना बनाई है, जो जमीनी स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने और युवाओं के जीवन पर स्थायी प्रभाव डालने की इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और रायगढ़ को कवर करने वाले चार क्षेत्रों के लिए पंजीकरण अब खुले हैं।

MP MURAINA NEWS – प्रतिदिन बिजली के खंभों से चीपककर गोवंश की हो रही मौत

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वनखंडी रोड़ व अन्य जगह पर जमीन पर रखे टांसफार्मर के चारों ओर जाली लगाने महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा
मुरैना:- गौसेवकों ने बिजली विभाग के महाप्रबंध को करंट लगने से शहर व जिले में हो रही गौवंश की हत्या को लेकर ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा कि शहर व जिले भर में करंट से चीपककर प्रतिदिन गौवंश की मृत्यु हो रही है आज भी सुभाषनगर व रामनगर में एक गोवंश व गोमाता की खंभे से चिपककर मृत्यु हो गई कल भी बड़ोखर व वनखंडी रोड़ पर गौवंश की करंट से चिपककर मौत हुई और वनखंडी रोड़ पर जो टांसफार्मर रखे है उनमै जो जालियां लगी थी वो भी टूट चुकी है कुछ दिन पूर्व पोरसा, जौरा, वानमोर में भी विजली के खंभों से चिपककर गौवंश की मौत हो गई।

श्रीमान जी से निवेदन है कि उक्त स्थानो पर लगे ट्रांसफार्मर व खंभों को जाली और प्लास्टिक या रबर ट्यूब से सुरक्षित कर गौवंश व आम जन की जान बचाए।
ज्ञापन देने वालों में गौसेवक रुद्रप्रताप सिंह, शैलेन्द्र सिंह राजावत, रोहित दंडोतिया, अभिनव दंडोतिया, बिट्टू छारी, राहुल राठौर, अजय परमार, हर्षित राठौर, विवेक राठौर,रवि नेकाडी आदि

मुंबई: गौ सेवक उमेश शाह को मिला ‘करमदीप सम्मान’

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मुंबई, 18 जून 2025: गौ सेवक और सामाजिक कार्यकर्ता उमेश शाह को उनके उत्कृष्ट गौसेवा और सामाजिक कार्यों के लिए ‘करमदीप सम्मान’ से नवाजा गया। अंधेरी के मेयर हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में यह सम्मान प्रख्यात अभिनेता रजा मुराद ने उमेश शाह को प्रदान किया।
उमेश शाह लंबे समय से गौसेवा के क्षेत्र में समर्पित रूप से कार्यरत हैं और समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान के लिए भी उनके योगदान को सराहा जाता है। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने उनके कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
समारोह में कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद थे, जिन्होंने उमेश शाह के इस सम्मान पर खुशी जताई। समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ ने उमेश शाह के इस सम्मान पर उत्साह और गर्व व्यक्त किया। उमेश शाह ने लंबे समय से गौसेवा के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य किया है। उनकी गौशालाएँ न केवल गायों की देखभाल और संरक्षण के लिए जानी जाती हैं, बल्कि ये सामाजिक जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण के केंद्र के रूप में भी उभरी हैं। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों के कल्याण के लिए कई सामाजिक पहल शुरू की हैं, जिन्होंने समाज के वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
समारोह में रजा मुराद ने उमेश शाह की प्रशंसा करते हुए कहा, “उमेश जी जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा हैं। उनकी गौसेवा और सामाजिक कार्य न केवल मानवता की सेवा है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को जीवित रखने का प्रयास भी है।” 
इस अवसर पर आयोजकों ने उमेश शाह के कार्यों पर एक लघु वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया, जिसमें उनकी गौशाला में किए जा रहे कार्यों, जैविक खेती को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदाय के साथ उनके सहयोग को दर्शाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी उमेश शाह के साथ अपने अनुभव साझा किए और उनके नेतृत्व की सराहना की।
उमेश शाह ने सम्मान ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो मेरे साथ इस नेक कार्य में सहयोग करते हैं। गौसेवा और समाजसेवा मेरा धर्म है, और मैं इसे जीवनभर निभाता रहूँगा।” उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे गौसेवा और पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएँ।
कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय सामाजिक संगठनों और गौसेवा समितियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और गौसेवा से संबंधित जागरूकता सत्र भी आयोजित किए गए, जिन्होंने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
उमेश शाह का यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का सम्मान है, बल्कि गौसेवा और सामाजिक कार्यों के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने उनके उज्ज्वल भविष्य और निरंतर सेवा कार्यों के लिए शुभकामनाएँ दीं।

एनएचएआई ने केरल में एनएच-66 पर ढलान संरक्षण कार्य के ढहने के लिए रियायतकर्ता को प्रतिबंधित किया

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एनएचएआई ने केरल में एनएच-66 पर ढलान संरक्षण कार्य के ढहने के लिए रियायतकर्ता को प्रतिबंधित किया

16 जून 2025 को केरल में एनएच-66 के चेंगाला-नीलेश्वरम खंड पर कासरगोड जिले के चेरक्काला में ढलान संरक्षण कार्यों के ढहने की घटना की सूचना मिली थी। इस घटना को अनुचित डिजाइन, अपर्याप्त ढलान संरक्षण कार्य और खराब जल निकासी का कारण बताया जा रहा है।

इस घटना को देखते हुए रियायतग्राही और उसके प्रमोटर मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को भविष्य की बोलियों में भाग लेने से रोक दिया गया है क्योंकि वे पर्याप्त ढलान संरक्षण कार्य करने में असफल रहे हैं और ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए उचित जल निकासी व्यवस्था नहीं बना पाए हैं। रियायतग्राही को एक वर्ष के लिए रोक लगाने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें 09 करोड़ रुपये तक का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।

यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर है, जहां रियायतग्राही को इस खंड का 15 वर्षों तक रखरखाव करना होगा तथा ढलान संरक्षण कार्यों का पुनर्निर्माण स्वयं के खर्च पर करना होगा।

केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईआईटी-पलक्कड़ के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो साइट का दौरा करेगी और केरल राज्य में एनएच-66 की डिजाइन और निर्माण की समीक्षा करेगी। समिति परियोजना के लिए विस्तृत उपचारात्मक उपाय भी सुझाएगी। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) इस घटना से निपटने को सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।

गाय को माता मानने वाला ही असली सनातनी- अविमुक्तेश्वरानंद

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नरसिंहपुर के गोटेगांव में रविवार को सुबह परमहंसी गंगा आश्रम झांतेश्वर से 33 दिवसीय गौ संकल्प पदयात्रा शुरु हुई। यात्रा शुरु होने के पूर्व शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwarananda) ने धर्मसभा को सबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज कल प्रदर्शन, आंदोलन से राजनीतिक सत्ताधारियों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ रहा है। अब सिर्फ उनको वोट का डर ही हिला सकता है। इसलिए सभी गौ सेवकों को गौहत्या रोकने के लिए वोट का डर तैयार करना होगा और एक-एक वोट गौ माता के नाम पर तैयार करना होगा। तभी गो माता की हत्या पर विराम लग सकता है।
बिहार चुनाव से करो शुरुआत
उन्होंने कहा कि चुनाव का वक्त आ चुका है। इसलिए सभी गौ सेवकों को एक एक वोट गाय के नाम से तैयार करना होगी और इसी शुरुआत बिहार चुनाव (2025 Bihar elections) से करना होगी। इस चुनाव में गौ माता के प्रत्याशी को सभी विधानसभा सीट से बड़ा करना होगा। इसी से निर्धारण होगा कि गौ माता के नाम पर कितनी वोट चुनाव में प्राप्त होगीं। जब वोट का डर मजबूती से तैयार हो जाएगा। तभी देश में गौहत्या पर रोक लग सकती है।

गाय को माता मानने वाला ही असली सनातनी- अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य ने कहा कि जिन्होंने सनातन धर्म को अपने जीवन में अपनाया है। उसके लिए गाय ही माता है। जो सनातन धर्म को नहीं मानता है। उसके लिए गाय माता का रूप नहीं हो सकती है। सनातन धर्मी गाय की सेवा आशीर्वाद के लिए करता है, दूध के लिए नहीं करता है। इसलिए सनातन धर्मी का पहला काम गौ की रक्षा और सेवा करना ही है। आपने कहा कि गाय और गर्वे दो प्रकार की नस्ल हो गई है।
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए गाय और गर्वे में भेद करना है, क्योंकि दो प्रकार की गाय हो गई है जिससे मूल गाय की पहचान विलुप्त होती जा रही है। आपने कहा कि गर्दै गाय का मूत्र एवं गोबर पवित्रता की श्रेणी में नहीं आता है। आपने कहा कि बिना गोत्र के कोई हिन्दू नहीं हो सकता है। भले ही वह कोई भी भाषा का उपयोग करता हो। आपने कहा कि आज की नई पीढ़ी की समझ में नहीं आ रही है कि गाय ही हमारी माता है। नई पीढ़ी अपनी संस्कृति, वेशभूषा और भाषा को खोती जा रही है।

33 करोड़ ‘गौ मतदाता’ बनाएंगे : शैलेन्द्र महाराज

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जयपुर में रविवार को आयोजित गौ ध्वज पूजन और परिक्रमा कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रतिनिधि योगीराज शैलेन्द्र महाराज ने एक बड़ा राजनीतिक ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गौ भक्त सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित न रहें, बल्कि राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। इसी दिशा में एक पहल के तहत देशभर में 33 करोड़ ‘गौ मतदाता’ बनाए जाएंगे, जो गाय के नाम पर खड़े उम्मीदवार को ही वोट देंगे।

शैलेन्द्र महाराज ने कहा कि यदि कोई पार्टी या प्रत्याशी गौ सेवा और संरक्षण की शपथ लेकर सामने आता है, तो गौ क्रांति मंच उसका समर्थन करेगा। लेकिन जो सरकारें गौ माता के नाम पर वादे कर सत्ता में आती हैं और बाद में चुप्पी साध लेती हैं, उनके विकल्प तैयार किए जाएंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जिस सरकार ने गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया, वह सरकार दोबारा सत्ता में लौटी। इससे यह स्पष्ट है कि गाय के लिए कार्य करने वाले ही सत्ता में वापसी करते हैं।

उन्होंने बताया कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पिछले वर्ष पूरे भारत में गौ प्रतिष्ठा यात्रा निकाली थी, और हर राज्य की राजधानी में जाकर गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग की गई थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसलिए अब जनजागरण का तरीका बदला जा रहा है, और राजनीतिक हस्तक्षेप की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

राजेश विक्रांत की आमची मुंबई-2 का विमोचन 20 जून को

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मुंबई: शहर की अग्रणी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था “आशीर्वाद” द्वारा आयोजित लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेश विक्रांत की नई पुस्तक “आमची मुंबई-2” का विमोचन समारोह शुक्रवार 20 जून की शाम को गोरेगांव के अजंता पार्टी हॉल में आयोजित किया गया है।
आशीर्वाद के निदेशक डॉ उमाकांत बाजपेयी एवं अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य अतिथियों में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल, संतोष कुमार झा (अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक: कोंकण रेलवे)  सुप्रसिद्ध अभिनेता विष्णु शर्मा, भुवेंद्र त्यागी ( संपादक: दैनिक भास्कर), अनिल तिवारी ( निवासी संपादक- दोपहर का सामना) रहेंगे जबकि विशेष अतिथियों में (मुंबई के इतिहास, संस्कृति, साहित्य, सामाजिक जीवन, अपराध पर विशिष्ट पुस्तकों/ लेखों/ उपन्यासों के लेखकों में गोपाल शर्मा ( ‘बंबई दर बंबई’ फेम), ह्रदयेश मयंक ( ‘मुंबई का साहित्यिक परिदृश्य: एक पुनरावलोकन’ फेम), मुंबई लोकल’ तथा ‘महाराष्ट्र बलिदानों की धरती’ के रचनाकार तथा मुंबई पर 1200 से अधिक लेखों के सर्जक विमल मिश्र, 6 उपन्यासों समेत 10 किताबों के लेखक उर्दू उपन्यास रोहज़िन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता रहमान अब्बास (उन्होंने चार राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार भी जीते हैं। रोहज़िन में तीन समानांतर कथा सूत्र- एक प्रेम कहानी, भारतीय मुसलमानों की पहचान का मुद्दा तथा तीसरा मुंबई यानी बॉम्बे की कहानी चलती है। तीसरा कथा सूत्र इस महान शहर के इतिहास, मिथकों, किंवदंतियों, समाजशास्त्र और राजनीति की गहराई से पड़ताल करता है), मुंबई के दिग्गज मराठी पत्रकार प्रभाकर पवार (मुंबई क्राइम पर कुल 9 पुस्तकों के लेखक), मुंबई के वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर व डॉयल 100 स्तंभ फेम सुनील मेहरोत्रा, विवेक अग्रवाल (मुंबई क्राइम पर कुल 19 पुस्तकों के लेखक), हरि मृदुल (कहानियों व लघुकथाओं में मुंबई के जनजीवन को साकार करने वाले साहित्यकार तथा नवभारत टाइम्स के ‘आमची मुंबई’ के स्तंभकार, जीतेन्द्र दीक्षित ( ’35 डेज: हाऊ पालिटिक्स इन महाराष्ट्र चेंज् फॉरएवर इन 2019′- ‘सबसे बड़ी बगावत: महाराष्ट्र में तख्तापलट की पर्दे के पीछे की कहानी’, ‘बॉम्बे ऑफ्टर अयोध्या: ए सिटी इन फ्लक्स’- ‘अयोध्या ने कैसे बदल दी बंबई’ तथा ‘बॉम्बे-3’- ‘ये है बंबई नगरिया’ के लेखक, आचार्य पवन त्रिपाठी (‘आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान’- हिंदी तथा ‘स्वातंत्र्य लढ्यातील मुंबईचे योगदान’- मराठी के सह लेखक, श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष व मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष), शराफत खान (‘दहशत का अनसुना इतिहास: बॉम्बे के डॉन’ फेम), नितीन सालुंखे (‘अज्ञात मुंबई’ तथा ‘अज्ञात मुंबई-2’ फेम) का समावेश है। कार्यक्रम का संचालन करेंगे कवि, साहित्यकार देवमणि पांडेय, अतिथियों का स्वागत करेंगी आशीर्वाद की सहनिदेशिका नीता बाजपेयी। निमन्त्रक डॉ बनमाली चतुर्वेदी, डॉ जे पी बघेल, सुधा सिंह व अरविंद राही हैं।
इस कार्यक्रम में आईआरएस अधिकारी व साहित्यकार डॉ कुंदन यादव, पत्रकारिता कोश के संपादक आफताब आलम, डिजाइनर भालचंद्र मेहेर, मुद्रक अमेय लोकरे, पत्रकार सरताज मेहदी, छायाकार अर्जुन कांबले व पत्रकार शिवपूजन पांडेय का सम्मान भी किया जाएगा।
बता दें कि मुंबई पर अब तक राजेश विक्रांत के कार्यों में “मुंबई माफिया: एक एनसाइक्लोपीडिया” ( श्री प्रभाकर पवार की मराठी पुस्तक का हिंदी अनुवाद- 2012), “आमची मुंबई”- 2019, “आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान” ( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन- 2022), “स्वातंत्र्य लढ्यातील मुंबईचे योगदान”( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सहलिखित पुस्तक का सुश्री पल्लवी शिंदे- माने, मैडिसन, विस्कॉन्सिन, अमेरिका द्वारा मराठी में अनुवाद- 2024) तथा “मुंबई और हिंदी” ( डॉ दीनदयाल मुरारका के साथ सह लेखन) और ‘आदिज्ञान’ (संपादक: जीतसिंह चौहान, संस्कृति-साहित्य की शीर्षस्थ त्रैमासिकी का जुलाई 2024-जून 2025) के ‘मुंबई का कोली समुदाय विशेषांक’ का संयोजन और अतिथि संपादन शामिल है। इन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उन्हें महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के राज्य स्तरीय जीवन गौरव सम्मान छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार- 2024-25 से सम्मानित किया गया है। आमची मुंबई- 2 का प्रकाशन भारत पब्लिकेशन, मुंबई द्वारा किया गया है।

के. रवि को मातृशोक

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मुंबई प्रतिनिधि: सामाजिक आंदोलन के कार्यकर्ता, चित्रपट निर्माता और इंडिया मीडिया लिंक के प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार के. रवि की मातोश्री यशोदा शिवाजी दुपारगुडे का गुरुवार, 12 जून 2025 को वृद्धावस्था के कारण निधन हो गया।
घाटकोपर के गरोडिया नगर में ‘लैवेंडर बाग’ सभागृह में रविवार, 15 जून 2025 को उनकी पुण्यस्मरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर चित्रपट जगत के कई कलाकारों सहित सामाजिक, राजनीतिक और श्रमिक क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने मातोश्री यशोदा शिवाजी दुपारगुडे को श्रद्धांजलि अर्पित की

महाकुंभ वायरल गर्ल मोनालिसा की “सादगी” देख दीवाने हुए उत्कर्ष सिंह 

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मुंबई। इस वर्ष प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुम्भ में सबसे ज्यादा जो डिजिटल प्लेटफार्म पर मशहूर हुई वह थी मोनालिसा। मोनालिसा इंदौर की है और वह रुद्राक्ष बेचने का काम करती है। सोशल मीडिया में प्रसिद्ध होते ही मोनालिसा पर बॉलीवुड की नजर पड़ी और उन्हें एक्टिंग के लिए ऑफर मिलने लगे। एक फिल्म के लिए उन्हें अनुबंधित भी कर लिया जिसके लिए वह एक्टिंग, डिक्शन के साथ साथ पढ़ाई लिखाई भी कर रही है। फिल्म से पहले मोनालिसा म्यूजिक वीडियो सॉन्ग “सादगी” से डेब्यू कर रही है। उत्कर्ष सिंह ऑफिसियल की प्रस्तुति इस अलबम में मोनालिसा के उत्कर्ष सिंह गीत गाते हुए दिखाई देंगे जिसे सहारा स्टार, मुंबई में लॉन्च किया गया। यह वीडियो सॉन्ग यूट्यूब पर उपलब्ध है। पोस्टर लॉन्च और प्रेस कॉन्फ्रेंस के अवसर पर मीडिया का जबर्दस्त क्रेज देखा गया। वहां सादगी म्यूजिक वीडियो सॉन्ग की पूरी टीम उपस्थित रही। इस दौरान मोनालिसा ने अपने अनुभव मीडिया से साझा किया और कहा कि सादगी गाना सुनके ऐसा लगा कि यह गाना मेरे लिए बना है। पहली बार कैमरा फेस करने में डर लगा तब उत्कर्ष सर ने हौसला बढ़ाया। शूटिंग पूरा होते होते कॉन्फिडेंस आ गया और लगा मैं अब अभिनय कर सकती हूं। इसके लिए डांस और एक्टिंग सीख रही हूं। इस गाने की शूटिंग के साथ ऐसा लगा कि मेरा सपना पूरा होगया। अगर भविष्य में मैं कुछ बन जाउंगी तो स्कूल खोलूंगी। क्योंकि पढ़ना बेहद जरूरी है। आप सारी जनता ने जो प्यार दिया है उसे ऐसे ही बनाये रखना और हर कदम पर साथ देना।
फिल्म के अभिनेता और गायक उत्कर्ष सिंह ने कहा कि मेरे पास दो गानों के टाइटल थे जब मोनालिसा से मुलाकात हुई तब लगा सादगी गीत उन पर अच्छा लगेगा। कुछ शब्दों को जोड़ा गया और एक बेहतर रोमांटिक और सॉफ्ट सॉन्ग तैयार हो गया। जब शूटिंग कर रहे थे तो मोनालिसा खुश और कंफर्टेबल थी। अगर लाइफ में आगे बढ़ना होता है तो अपॉर्चुनिटी मिल ही जाती है। सादगी गाना बेहद डिसेंट सॉन्ग है और बेहद खूबसूरती से शूट किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने पिता के साथ मोनालिसा बहुत खुश थी साथ ही उनके गुरु महेंद्र सिंह लोधी भी थे जो उन्हें पढ़ना लिखना सिखा रहे हैं।
अलबम के गीत के बोल को शैल सैनी ने लिखा है और निर्देशक अभिजीत नाग एवं क्रिएटिव प्रोड्यूसर ऋषभ दीक्षित हैं।

– गायत्री साहू

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की 5वीं पुण्यतिथि पर उनके फैन्स ने मिलकर किया हवन पूजा और न्याय की लगाई गुहार

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मुंबई। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (SSR) की 5वीं पुण्यतिथि पर मुंबई के सांताक्रुज में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयुष SR, सैंडी SR और उनके प्रशंसकों ने SSR की पवित्र आत्मा की शांति और न्याय की मांग के लिए विशेष पूजा-पाठ, हवन और प्रार्थना सभा का आयोजन किया।

कार्यक्रम में शन्ति पूर्ण रूप से “जस्टिस फॉर SSR” की गुहार दोहराई।

आयुष SR और सैंडी SR ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम सिर्फ एक कलाकार के लिए नहीं, बल्कि एक इंसाफ की प्रतीक्षा कर रहे हर आम इंसान के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। SSR का सपना, मेहनत और मुस्कुराहट आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है। जब तक उनको न्याय नहीं मिलेगा हम आवाज उठाते रहेंगे।”
साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के केस में जानकारी देते हुए बताया कि यह केवल भ्रांति है कि यह केस बंद हो गया है यह केस अभी भी कोर्ट में है केवल उनके परिवार द्वारा की गई एफआईआर पर स्टे के लिए दवा आपत्ति की गई थी जिस पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई। केस चल रहा है और सीबीआई का कार्य जारी है। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन भी हर वर्ष कार्यक्रम में उपस्थित होती थी मगर इसवर्ष वह यूएस में होने के कारण इस कार्यक्रम में आ नहीं पाई लेकिन उन्होंने सभी प्रसंशकों से विनती की है कि जस्टिस ऑफ सुशांत की लौ बुझने नहीं देना है।
पुण्यतिथि का यह आयोजन एक बार फिर यह संदेश लेकर आया कि सुशांत सिंह राजपूत को भुलाया नहीं गया है, और उनके लिए न्याय की उम्मीद आज भी ज़िंदा है।