स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। इसके मुताबिक विदेश से आने पर 7 दिन का होम क्वारैंटाइन जरूरी नहीं होगा, लेकिन यात्रियों को 14 दिन तक सेल्फ मॉनीटरिंग करनी होगी। सेल्फ मॉनटरिंग के दौरान अगर यात्री को कोरोना के लक्षण महसूस होते हैं तो वह खुद को होम आइसोलेट कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। मरीज केंद्रीय या राज्य हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क भी कर सकते हैं। नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की पूरी डोज ले चुके लोगों के लिए कोरोना की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं होगा। नई गाइडलाइन 14 फरवरी से लागू हो जाएंगी।
पहले क्या थे नियम
बीते दिनों कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अहम फैसला लिया था। 11 जनवरी 2022 को सरकार ने विदेश से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 7 दिनों का होम क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया था। सभी यात्रियों को एयर सुविधा पोर्टल पर अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं यात्री पिछले 14 दिन ट्रैवल रिकॉर्ड की भी जानकारी देनी होगी।
कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूरी
भारत की यात्रा के लिए यात्री को RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट को अपलोड करना होगा। ये टेस्ट यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पहले का होना चाहिए, टेस्ट रिपोर्ट की विश्वसनीयता का भी शपथ पत्र देना पड़ेगा। इसके साथ ही यात्री को लिखित में देना होगा कि वह क्वारैंटाइन, हेल्थ मॉनिटरिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करेगा।

क्या कहती हैं नई गाइडलाइन
- विदेश से आने पर 7 दिन का होम क्वारैंटाइन जरूरी नहीं।
- यात्रियो को 14 दिन सेल्फ मॉनीटरिंग करनी होगी।
- कोरोना लक्षण महसूस होने पर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
- फुली वैक्सीनेटेड यात्रियों को कोरोना की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं।
- 82 देशों को जोखिम वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया।
जोखिम वाले देशों की सूची अपडेट
नई गाइडलाइन के मुताबिक भारत ने 82 देशों को जोखिम वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया है, जिनमें कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। मंत्रालय ने अपील की है कि कोरोना संकट टला नहीं है। ऐसे में हम सभी को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना है और कोरोना वैक्सीन अवश्य लें।
देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी पाबंदी को 28 फरवरी तक बढ़ाया था। वहीं ओमिक्रॉन के अधिक मामलों वाले देशों को जोखिम वाले देशों की सूची में रखा था। डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA)ने इसको लेकर एक बयान जारी किया था।
23 मार्च 2020 को लगी थी पाबंदी
DGCA के मुताबिक अनुमति के बाद कार्गो फ्लाइट इस दौरान उड़ान भर सकते हैं। इसके साथ ही बायो बबल एग्रीमेंट के तहत उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स पहले की तरह ही संचालित होंगी। कोरोना महामारी के कारण 23 मार्च 2020 से ही रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगाई जा चुकी है।
