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अमरीकी राष्ट्रपति ने उठाया रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्धा, मोदी बोले- कम समय में प्रभावी हुआ क्वाड, लोकतांत्रिक शक्तियों को मिल रही ऊर्जा

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QUAD Summit: जापान की राजधानी टोक्यो में QUAD Summit 2022 शुरू हो चुका है। इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में चारों देश के नेता अपने-अपने देश के साथ-साथ दुनियाभर में चल रही प्रमुख मुद्धों पर बातचीत कर रहे हैं। अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्धा उठाया है।
रूस-यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर क्वाड समिट में अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यह यूरोपियन मुद्दा नहीं है, बल्कि ग्लोबल इशू है। रूस ने यूक्रेन पर गेहूं निर्यात करने से पाबंदी लगा दी है। जिससे ग्लोबल फूड क्राइसिस खड़ा हो गया है। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस इस जंग को जितना लंबा खीचेंगा यूएस अपने पार्टनर्स का उतना ही सहयोग करेगा।

यह भी पढ़ेंः – Quad Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की उपस्थित में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई।

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड की तारीफ करते हुए कहा कि काफी कम समय में क्वाड समूह विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है। मोदी ने कहा कि क्वाड का स्वरूप काफी व्यापक और प्रभावी हो गया है। सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और प्रतिबद्धता के कारण क्वाड लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है। इस समूह से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बढ़ी है, जो हम सभी का साझा उद्देश्य है।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें दोस्तों के बीच आकर खुशी हुई। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को बधाई दी। दूसरी ओर क्वाड समिट के मेजबान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों को चुनौती देता है। हमें आसियान, दक्षिण एशिया के साथ-साथ प्रशांत द्वीप देशों की आवाज को ध्यान से सुनना चाहिए।
बताते चले कि इस समिट में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को जापान पहुंचे थे। यहां लगभग 40 घंटे के अपने प्रवास के दौरान मोदी विश्व के तीन नेताओं के साथ बैठक सहित 23 कार्यक्रमों में शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 36 से अधिक जापानी सीईओ और सैकड़ों भारतीय प्रवासी सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन टोक्यो में एक बाइलैटरल मीटिंग भी करेंगे।

गौ वंश का पालन व उसके उत्पादों का हो अधिक प्रयोग -संत राजेन्द्र दास

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देश गौ संरक्षण् से ही आत्म निर्भर ओर पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति पा सकता है। यदि हम अपने अस्तित्व को बचाना चाहते हैं ,प्रकृति व पर्यावरण को बचाना चाहते हैँ तो हमें चर्चा नहीं देशी गौ वंश को बचाने की प्रतिज्ञा करनी होगी। अलवर के प्रताप ऑडीटोरियम में नेक कमाई और सार्वजनिक गोशाला समिति की ओर से आयोजित गो कथा महोत्सव में संत राजेन्द्र दास ने यह बात कही।

उन्होंने गौ कथा में गौ माता , पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, कृषि और मनुष्य के जीवन के हर पहलु को वैज्ञानिकता के साथ बताया।
मलूक पीठाधेश्वर स्वामी राजेंद्र दास ने कहा कि राज्य सरकार ने गौशालाओं को 9 महीने का अनुदान देकर बेहतर काम किया है। केंद सरकार को सभी गौशालाओं का आधा खर्चा खुद को उठाना चाहिए। वर्तमान में प्रदूषण से मुक्ति भी गोपालन से ही मिल सकती है। हमें शुद्ध सात्विक आहार गो पालन से ही मिल सकता है। किसानों को आत्महत्या के लिए भी मजबूर नही होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अलवर तो बाबा भर्तहरि की तपोभूमि है जहां भर्तहरि नाटक अनोखा है। यहां गो सेवा की परंपरा को युवा भी कर रहे है। देवस्थान विभाग की मंत्री रावत ने स्वामी से भेंट कर कहा कि राज्य में मंदिरों की कायाकल्प के लिए योजना बनाई जा रही है। गोशालायो को चारे की कमी नही होने दी जाएगी। अलवर जिले की ओर से मंत्री टीका राम जूली ने स्वागत किया।
अलवर में हुआ भव्य स्वागतस्वामी राजेन्द्र दास इससे पहले सार्वजनिक गोशाला में गए । जहां उनका गोशाला के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने स्वागत किया। अग्रवाल ने गौशाला की व्यवस्थाएं भी दिखाई। केंडल गंज व्यापारिक संचालन समिति के अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने स्वागत किया। रास्ते में जगह जगह इनका स्वागत किया गया। नेक कमाई समूह की ओर से मंजू चौधरी अग्रवाल ने आभार जताया।

Quad Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की उपस्थित में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई।

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नई दिल्ली। हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के लिए क्वाड के गठन के बाद इस क्षेत्र के दूसरे प्रमुख देशों को मिला कर एक बड़ा आर्थिक सहयोग संगठन बनाने की शुरुआत सोमवार को जापान की राजधानी में टोक्यो में हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की उपस्थित में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई।

चीन पर कम होगी दुनिया की निर्भरता
संयुक्त घोषणा पत्र में बताया गया है कि यह फ्रेमवर्क कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न मौजूदा कई समस्याओं, जैसे सप्लाई चेन में बाधा, महंगाई में वृद्धि, डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी, स्वच्छ ऊर्जा, से निपटने में आपसी सहयोग की दिशा सुनिश्चित करेगा। कई विशेषज्ञ इसे वैश्विक सप्लाई चेन में चीन पर विश्व की निर्भरता को कम करने के तौर पर भी देख रहे हैं।
फ्रेमवर्क में ये देश शामिल , फ्रेमवर्क में भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और विएतनाम शामिल हैं।
क्वाड सदस्य देशों की तीसरी बैठक मंगलवार
बैठक में मोदी, बाइडन और किशिदा व्यक्तिगत तौर पर मौजूद थे, जबकि दूसरे देशों के प्रमुखों ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया। पीएम मोदी क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान व आस्ट्रेलिया) शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान गए हैं। क्वाड के सदस्य देशों के प्रमुखों की यह तीसरी बैठक मंगलवार को होगी। मंगलवार को पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से द्विपक्षीय बैठक भी होनी है।

थ्रिलर वेब फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ की शूटिंग जून से शुरू होगी

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आत्मा डॉट कॉम’ टाइटल के संदर्भ में डॉ कृष्णा चौहान का कहना है कि यह फ़िल्म की पटकथा के अनुसार रखा गया है। इसमे आज की डिजिटल भाषा और नई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा जो युवाओं को कनेक्ट करेगी। केसीएफ के अंतर्गत बनने वाली फिल्म में संगीत का अच्छा स्कोप होगा। इस हॉरर थ्रिलर फिल्म की कहानी काफी डिफ्रेंट है जो दर्शकों को पसन्द आएगी। इस फिल्म की शूटिंग उत्तर भारत की विभिन्न रमणीय लोकेशनों पर की जाएगी।

कृष्णा चौहान प्रोडक्शन्स के बैनर तले बन रही निर्माता निर्देशक डॉ कृष्णा चौहान की थ्रिलर वेब फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ की शूटिंग जून से शुरू होगी। इस फिल्म के डीओपी पप्पू के शेट्टी हैं। फ़िल्म का स्टोरी आइडिया आर राजपाल का है जो इसके पब्लिसिटी डिज़ाइनर भी हैं। इस फिल्म में नवोदित कलाकारों के साथ बॉलीवुड के कई नामचीन कलाकार अपने अभिनय का जलवा बिखेरते नज़र आएंगे। गोरखपुर यूपी के मूल निवासी डॉ कृष्णा चौहान पिछले 20 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। डॉ कृष्णा चौहान न केवल बतौर फिल्म निर्देशक व समाज सेवक कर्मपथ पर अग्रसर हैं बल्कि अवार्ड्स फंक्शन करने के मामले में सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाले पर्सनाल्टी के रूप में जाने जाते हैं । डॉ कृष्णा चौहान अपने फाउंडेशन के बैैैनर तले कई अवार्ड्स शो का आयोजन करते हैं।

‘केसीएफ’ के अंतर्गत बॉलीवुड लीजेंड अवार्ड, बॉलीवुड आइकोनिक अवॉर्ड और लीजेंड दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड का आयोजन सन 2019 से किया जा रहा है। इसके अलावा केसीएफ के द्वारा समाज सेवा, भोजन वितरण और भगवद गीता का वितरण किया जाता है। यहाँ उल्लेखनीय है कि डॉ कृष्णा चौहान अपने फाउंडेशन कृष्णा चौहान फाउंडेशन के अंतर्गत कई अवार्ड्स शो का आयोजन पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं। केसीएफ के अंतर्गत बॉलीवुड लीजेंड अवार्ड, बॉलीवुड आइकोनिक अवॉर्ड, लीजेंड दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, महात्मा गांधी रत्न अवार्ड, नारी शक्ति सम्मान का आयोजन भी किया जाता है।

‘आत्मा डॉट कॉम’ टाइटल के संदर्भ में डॉ कृष्णा चौहान का कहना है कि यह फ़िल्म की पटकथा के अनुसार रखा गया है। इसमे आज की डिजिटल भाषा और नई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा जो युवाओं को कनेक्ट करेगी। केसीएफ के अंतर्गत बनने वाली फिल्म में संगीत का अच्छा स्कोप होगा। इस हॉरर थ्रिलर फिल्म की कहानी काफी डिफ्रेंट है जो दर्शकों को पसन्द आएगी। इस फिल्म की शूटिंग उत्तर भारत की विभिन्न रमणीय लोकेशनों पर की जाएगी।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

मंकीपॉक्स के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी और फेस मास्क है जरूरी

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मुंबई: कोरोना के दोनों हाथों से पूरी दुनिया का दम घुट रहा है, वहीं मंकी पॉक्स की संक्रामक बीमारी ने सभी की नींद उड़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि अब तक 11 देशों में मंकीपॉक्स पाया गया है। वहीं, WHO ने भारत को खतरे से आगाह किया है। इस बीमारी से लड़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई है। और मंकी पॉक्स को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। मंकीपॉक्स ,चिकनपॉक्स की तरह ही लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन वे कम गंभीर होते हैं, इसलिए नागरिकों में इस बीमारी को लेकर एक भ्रम का माहौल है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बोरीवली के एपेक्स अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चिराग शाह ने कहा, “मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है और संक्रमण हल्का होता है। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों के कारण होता है।

“मंकीपॉक्स का पहला मानव संक्रमण 1970 में अफ्रीका में एक 9 वर्षीय लड़के में पाया गया था। मंकीपॉक्स के लक्षण कम से कम 6 से 12 दिन पहले दिखने लगते हैं। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और ऊर्जा की कमी शामिल हैं। इसमें चेचक जैसे पिंपल्स पूरे शरीर पर दिखाई देते हैं, ज्यादातर समय चेहरे से शुरू होकर। ये मुँहासे लगातार बदल रहे हैं। अंत में क्रस्ट बनने से पहले और वह क्रस्ट यह गिरने से पहले विभिन्न चरणों से गुजरता है। यह वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। वायरस फटी त्वचा, श्वसन तंत्र, आंख, नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। इतना ही नहीं, बिस्तर और कपड़ों जैसी दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है।”

मंकीपॉक्स एक छूत की बीमारी है जो भारत में फ़ैल रही है । भारत में अभी तक मरीजों में इस बीमारी का पता नहीं चला है। मंकीपॉक्स ब्रिटेन, अमेरिका, पुर्तगाल, स्पेन और कुछ यूरोपीय देशों में फैल रहा है। अफ्रीका महाद्वीप को छोड़कर विदेशों में मंकीपॉक्स के मामले दुर्लभ हैं। हालाँकि, भारत ने भी इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है क्योंकि इसे समय पर पहचानने और रोकने की आवश्यकता है।

मंकीपॉक्स, एक ऐसी बीमारी जो दशकों से अफ्रीकी लोगों में आम है लेकिन अब वो दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रही है. खासकर अमेरिका, कनाडा और कई यूरोपीय देशों में इसके मामले सामने आ रहे हैं. 11 देशों में अब तक 80 मामले पाए जा चुके हैं.

हालांकि इस बीमारी का प्रकोप अभी बहुत व्यापक तो नहीं है लेकिन कुछ देशों में आए नए केस ने लोगो में चिंता ज़रूर पैदा कर दिया है.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि एक बार फिर वायरस के फैलने का कारण क्या है इसे लेकर अधिक जानकारी नहीं है, उनका कहना है कि फिलहाल आम जनता के लिए घबराने की कोई बात नहीं है.

ब्रिटेन के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यालय में राष्ट्रीय संक्रमण सेवा के उप निदेशक निक फिन ने कहा, “इस बात पर जोर देना महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है.”

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संत भूदेव गोसाई महाराज गौ सेवा ट्रस्ट की बैठक

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विश्व हिंदू परिषद द्वारा संचालित संत भूदेव गोसाई महाराज गौ सेवा ट्रस्ट की बैठक बनमनखी के कोसी कॉलोनी के गेस्ट हाउस में हुई। अध्यक्षता ट्रस्ट के संरक्षक त्रिलोकी नाथ बागी ने की। बैठक में विशिष्ट आमंत्रित सदस्य के रूप में वीरेंद्र सिन्हा विमल क्षेत्र मंत्री विश्व हिंदू परिषद एवं महावीर मोदी अध्यक्ष भारतीय गौवंश रक्षण सम्बद्ध परिषद बिहार मौजूद थे। दीप प्रज्वलित कर बैठक की शुरुआत की गई।

ट्रस्ट के मंत्री शिव शंकर तिवारी ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से ट्रस्टी सदस्य के रूप में महावीर मोदी को नियुक्त किया गया। ट्रस्टी के पदेन सदस्य विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री राज किशोर सिंह ने बताया कि गौशाला गोवंश संवर्द्धन किसान प्रशिक्षण केंद्र से संबंधित कार्य पूरी की जाएगी। बैठक में ट्रस्टी सदस्य एवं विश्व हिंदू परिषद प्रखंड के पदाधिकारी उपस्थित थे।

तालिबान का कट्टरपंथी फ़रमान – चेहरा ढकेअफगान महिला टीवी एंकर्स

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अफगानिस्तान में तालिबान शासकों ने रविवार को उस आदेश को लागू करना शुरू कर दिया जिसके तहत देश की सभी महिला टीवी समाचार प्रस्तोताओं को प्रसारण के दौरान अपना चेहरा ढकना आवश्यक कर दिया गया है। तालिबानी प्रशासन के चेहरे ढक कर टीवी पर आने के फरमान का विरोध करने के बाद रविवार को प्रमुख समाचार चैनलों की महिला एंकर्स चेहरे को कवर कर टीवी पर ऑन एयर हुईं। हालांकि, महिला वक्ता वास्तविक के बजाय आभासी छवियों के रूप में टीवी पर दिखाई दीं।

शनिवार को महिला प्रेजेंटर्स ने नहीं माना आदेश
इससे पहले तालिबान ने गुरुवार को आदेश दिया था कि सभी टीवी चैनलों पर काम करने वाली सभी महिला एंकर्स को प्रोग्राम प्रस्तुत करते समय अपने चेहरे को ढंकना होगा। इससे पहले उनके लिए केवल हेड स्कार्फ पहनना जरूरी था। तालिबान प्रशासन की तरफ महिला टीवी प्रजेंटर को शनिवार से इस आदेश का पालन करने को कहा गया था, लेकिन शनिवार को तालिबान के आदेश को चुनौती देते हुए प्रमुख चैनलों की महिला एंकर्स बिना चेहरे को ढंके ही टीवी पर ऑन एयर हो गई थीं।

रविवार को महिला प्रेजेंटर्स के चेहरे ढके नजर आए
रविवार को टीवी पर पूरे हिजाब और चेहरे को ढकने वाले घूंघट के साथ जिसमें केवल आंखों दिख रही थीं, महिला प्रेजेंटर्स और पत्रकार नजर आईं।टोलो न्यूज, एरियाना टेलीविजन, शमशाद टीवी और 1TV जैसे प्रमुख चैनलों पर सुबह के समाचार बुलेटिन प्रसारित करते वक्त महिला प्रेजेंटर्स के चेहरे (आंखों को छोड़कर) पूरी तरह ढके हुए थे।

टोलोन्यूज की प्रेजेंटर सोनिया नियाजी ने कहा, “हमने विरोध किया और हम मास्क पहनने के खिलाफ हैं।” उन्होंने कहा, “लेकिन टोलो न्यूज पर दबाव डाला गया और कहा गया कि कोई भी महिला एंकर्स जो बिना चेहरा ढके स्क्रीन पर दिखाई देती है, उसे या तो कोई और काम दिया जाए या हटा दिया जाए। हमें इसे पहनने के लिए मजबूर किया गया।”

सोनिया नियाजी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक बाहरी संस्कृति है, जो हम पर थोपी गई है, जो हमें अपना चेहरा ढकने के लिए मजबूर करती है और जो हमारे कार्यक्रमों को प्रस्तुत करते समय हमारे लिए एक समस्या पैदा कर सकती है।’’

एक महिला एंकर ने कहा, “तालीबान के नए आदेश ने महिला एंकर्स का दिल तोड़ दिया है और कई अब सोचते हैं कि उनका इस देश में कोई भविष्य नहीं है, मैं देश छोड़ने की सोच रही हूं। इस तरह के फरमान कई पेशेवरों को देश छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे।”

मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अकिफ सादिक मोहजीर ने कहा कि अधिकारियों की महिला प्रेजेंटर्स को उनकी नौकरी से बाहर करने की कोई योजना नहीं है। मोहजीर ने बताया, “उन्हें सार्वजनिक मंच से हटाने या उन्हें दरकिनार करने या उनके काम करने के अधिकार को छीनने का हमारा कोई इरादा नहीं है।” उन्होंने कहा “हम मीडिया चैनलों से खुश हैं कि उन्होंने इस जिम्मेदारी को अच्छे तरीके से लागू किया।”

एक स्थानीय मीडिया अधिकारी ने पुष्टि की कि उनके स्टेशन को पिछले हफ्ते आदेश मिला था, लेकिन रविवार को इस आदेश को लागू करने के लिए मजबूर किया गया।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने घोषणा के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह निर्णय महिलाओं और लड़कियों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण के संबंध में कई आश्वासनों का खंडन करता है। तालिबान ने चेतावनी दी थी कि अगर महिलाओं ने आदेश की अवहेलना की, तो उनके माता-पिता को दंडित किया जाएगा और उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा।

गौरतलब है कि 1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के दौरान महिलाओं पर बुर्का पहनने समेत कई प्रतिबंध लगाये गए थे। उस वक्त, लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था। बता दें इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने फरमान जारी किया कि सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को अपने शरीर को चेहरे सहित, आदर्श रूप से पारंपरिक बुर्का के साथ पूरी तरह से ढंकना होगा।

गाजियाबाद :दो पुलिस मुठभेड़ में चार गौ तस्कर पुलिस की गोली से घायल

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गाजियाबाद। एसओजी ग्रामीण व थाना लोनी बॉर्डर पुलिस ने बीतीरात अलग-अलग मुठभेड़ में चार गौ तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की गोली से चारों गौ तस्कर घायल हुए हैं तो वहीं एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

पुलिस ने इनके कब्जे से एक मैजिक वाहन, उसमें तीन गाय, एक बछड़ा, दो तमंचे व गायों को बांधकर ले जाने वाले रस्सियां बरामद की हैं। यह लोग मैजिक वाहन में गुरुद्वारा रोड से गोवंश दिल्ली काटने के लिए ले जा रहे थे।

पुलिस अधीक्षक नगर देहात डॉक्टर इरज राजा ने शनिवार को यह बताया कि एसओजी टीम व थाना लोनी बॉर्डर पुलिस मूवी मैजिक रोड खन्ना नगर के पास रोड के पास वाले रास्ते पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस दौरान छोटा हाथी पर सवार कुछ बदमाशों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। लेकिन वे रुके नहीं। पुलिस ने पीछा करके बदमाशों को घेर लिया, खुद को घिरा देखकर बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें दो बदमाश गोली लगने से घायल होकर गिर पड़े। इन्हें पुलिस ने दबोच लिया। गिरफ्तार बदमाशों में चंद्रशेखर निवासी मूलसम थाना दोघट जनपद बागपत व गौरव निवासी जोहरी पुर थाना गोकुलपुरी दिल्ली हैं।

गिरफ्तार अभियुक्त शेखर ने पुलिस को बताया कि मैं और मेरे अन्य 03 साथी सत्येंद्र, धीरज और जावेद के साथ मिलकर आवारा पशुओं को काटने के लिए लादते हैं। गौरव छोटा हाथी का चालक है तथा एक पैर से लंगड़ा है। हम लोग गुरुद्वारा रोड पर घूम रही आवारा गाय एवं बछड़े तथा सांड़ों को गाड़ी में भरकर दिल्ली काटने के लिए ले जाते हैं। मैं रात्रि में प्रतिदिन दो चक्कर लगाता हूं। रास्ते में पुलिस के रोके जाने पर बता देता हूं कि यह गाय गौशाला में छोड़ने के लिए ले जा रहा हूं तथा गौरव को उसके लंगड़े होने का फायदा उठाकर पुलिस की नजरों से बच कर निकल जाते हैं। आज भी इन आवारा गायों को काटने के ले जा रहा था कि पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गयी।

इरज राजा ने बताया कि इसके बाद गौतस्करों के साथ दोबारा हुई मुठभेड़ में काकू निवासी संगम विहार लोनी, शुभम निवासी भिवानी हरियाणा घायल हो गए। इस दौरान बदमाशों की गोली से सिपाही राजेश भी घायल हो गया।

आचार्य प्रमोद कृष्णम की जम कर हुई बेइज्जती प्रियंका गाँधी , मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद वाड्रा ने भी अपना हाथ धोया

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हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें पार्टी के प्रमुख नेता शामिल हुए थे। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ा। पार्टी के कई नेताओं ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की पैरवी की। इसी दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक ‘सुझाव’ दिया जो पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को नागवार गुजरी और गुस्से में उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा को कृष्णम को चुप कराने का इशारा किया।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आचार्य प्रमोद कृष्णम से कहा कि जूनियर सदस्यों से इस तरह बोलने की उम्मीद नहीं की जाती है। बाद में वाड्रा ने कई सदस्यों के सामने कृष्णम को फटकार लगाई। प्रियंका ने गुस्से में उनको अपने राजनीतिक ‘सलाहकार’ जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया, जबकि किसी ने उन्हें ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया था। दरअसल, प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि अगर राहुल गांधी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते तो प्रियंका गांधी को यह जिम्मेदारी क्यों नहीं दी जाती। उदयपुर की बैठक में जी-23 सदस्य अधिकांश मौकों पर चुप ही रहे।
चिंतन शिविर को लेकर सियासी गलियारों में भी हलचल दिखाई दी। उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में संगठन को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि कई नेताओं, कांग्रेस शासित राज्य के मंत्रियों, पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्षों और राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को इस शिविर में न बुलाए जाने की चर्चा भी जोरों पर रही। हार्दिक पटेल को इस चिंतन शिविर में शामिल होने का न्योता दिया गया था लेकिन वह उदयपुर नहीं पहुंचे और इसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया .
पार्टी के पंजाब यूनिट के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी इस्तीफा दे दिया और वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पिछले कुछ महीनों में राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले कई नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ा है, जिसके बाद पार्टी इस ‘भगदड़’ को लेकर चिंतित नजर आ रही है।

सुसाइड नोट – “फ्लैट में आने वाला कोई भी शख्स माचिस नहीं जलाएं, क्योंकि इससे आग लग सकती है दिल्ली की दर्दनाक घटना

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दिल्ली के वसंत विहार इलाके के एक फ्लैट में 50 साल की एक महिला और उसकी दो बेटियों ने शनिवार को आत्महत्या कर ली थी। इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि, मां-बेटियों ने आत्महत्या को अंजाम देने से पहले पूरे फ्लैट को गैस चैम्बर में तब्दील कर दिया था। वसंत विहार इलाके में हुए इस तिहरे आत्महत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने यह भी पाया है कि तीनों की मौत दम घुटने से हो गई थी। जबकि फ्लैट से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें फ्लैट में आने वालों के लिए चेतावनी लिखी गई थी।

वसंत विहार इलाके में हुए इस तिहरे आत्महत्या के मामले में पुलिस को सभी दरवाजे, खिड़कियां और वेंटिलेटर ढंके हुए मिले, जिन्हें एक खास पन्नी जैसी वस्तु से ढंका गया था। जाहिर तौर पर इस प्रक्रिया को इसलिए अपनाया गया था, ताकि यह अंगीठी का धुआं कमरे से बाहर न जाए और बाहर के तरफ से कोई भी भीतर न देख सके। पुलिस जांच से अब तक पता चला है कि यह सारी चीजें ऑनलाइन मंगवाई गई थी इसके अलावा, पुलिस ने यह भी पाया कि फ्लैट के अन्दर रसोई गैस सिलेंडर का नॉब चालू था और एक अंगीठी जल रही थी। इस अंगीठी के धुएं के कारण ही फ्लैट गैस चैंबर में तब्दील हो गया और वेंटिलेशन के सारे माध्यम पहले से ही बंद किए जाने के कारण फ्लैट में जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड का निर्माण हुआ, जिससे तीनों की मौत हो गई। जब पुलिस ने फ्लैट में घुसी थी तो उन्होंने तीन शवों को एक कमरे (बेडरूम) में पाया था, जिसमें अंगीठी रखी हुई थी।

    घर से बरामद हुए सुसाइड नोट में चेतावनी के तौर पर लिखा गया था कि, “फ्लैट में आने वाला कोई भी शख्स माचिस नहीं जलाएं, क्योंकि इससे आग लग सकती है। नोट में यह भी लिखा था कि “कमरे में बहुत ही खतरनाक व जानलेवा गैस कार्बन मोनोऑक्साइड मौजूद है, यह ज्वलनशील है। कृपया आने के बाद आराम से खिड़की और पंखा खोलकर कमरे को हवादार बनाए। माचिस, मोमबत्ती या कुछ भी न जलाएं। पर्दा हटाते समय भी सावधान रहें, क्योंकि कमरा खतरनाक गैस से भरा है; सांस न लें। घटना में मरने वालों में महिला की पहचान मंजू श्रीवास्तव और उसकी बेटियों अंशिका और अंकू के रूप में हुई है। नौकरानी और पड़ोसियों ने पुलिस को बताया है कि महिला के पति उमेश चंद्र श्रीवास्तव की पिछले साल कोविड से मृत्यु हो गई थी और परिवार तब से परेशान था। पुलिस को पता चला है कि महिला भी अस्वस्थ थी और बीते कुछ समय से वह बिस्तर पर ही थी।