मुंबई: कोरोना के दोनों हाथों से पूरी दुनिया का दम घुट रहा है, वहीं मंकी पॉक्स की संक्रामक बीमारी ने सभी की नींद उड़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि अब तक 11 देशों में मंकीपॉक्स पाया गया है। वहीं, WHO ने भारत को खतरे से आगाह किया है। इस बीमारी से लड़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई है। और मंकी पॉक्स को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। मंकीपॉक्स ,चिकनपॉक्स की तरह ही लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन वे कम गंभीर होते हैं, इसलिए नागरिकों में इस बीमारी को लेकर एक भ्रम का माहौल है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बोरीवली के एपेक्स अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चिराग शाह ने कहा, “मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है और संक्रमण हल्का होता है। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों के कारण होता है।

“मंकीपॉक्स का पहला मानव संक्रमण 1970 में अफ्रीका में एक 9 वर्षीय लड़के में पाया गया था। मंकीपॉक्स के लक्षण कम से कम 6 से 12 दिन पहले दिखने लगते हैं। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और ऊर्जा की कमी शामिल हैं। इसमें चेचक जैसे पिंपल्स पूरे शरीर पर दिखाई देते हैं, ज्यादातर समय चेहरे से शुरू होकर। ये मुँहासे लगातार बदल रहे हैं। अंत में क्रस्ट बनने से पहले और वह क्रस्ट यह गिरने से पहले विभिन्न चरणों से गुजरता है। यह वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। वायरस फटी त्वचा, श्वसन तंत्र, आंख, नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। इतना ही नहीं, बिस्तर और कपड़ों जैसी दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है।”

मंकीपॉक्स एक छूत की बीमारी है जो भारत में फ़ैल रही है । भारत में अभी तक मरीजों में इस बीमारी का पता नहीं चला है। मंकीपॉक्स ब्रिटेन, अमेरिका, पुर्तगाल, स्पेन और कुछ यूरोपीय देशों में फैल रहा है। अफ्रीका महाद्वीप को छोड़कर विदेशों में मंकीपॉक्स के मामले दुर्लभ हैं। हालाँकि, भारत ने भी इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है क्योंकि इसे समय पर पहचानने और रोकने की आवश्यकता है।

मंकीपॉक्स, एक ऐसी बीमारी जो दशकों से अफ्रीकी लोगों में आम है लेकिन अब वो दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रही है. खासकर अमेरिका, कनाडा और कई यूरोपीय देशों में इसके मामले सामने आ रहे हैं. 11 देशों में अब तक 80 मामले पाए जा चुके हैं.

हालांकि इस बीमारी का प्रकोप अभी बहुत व्यापक तो नहीं है लेकिन कुछ देशों में आए नए केस ने लोगो में चिंता ज़रूर पैदा कर दिया है.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि एक बार फिर वायरस के फैलने का कारण क्या है इसे लेकर अधिक जानकारी नहीं है, उनका कहना है कि फिलहाल आम जनता के लिए घबराने की कोई बात नहीं है.

ब्रिटेन के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यालय में राष्ट्रीय संक्रमण सेवा के उप निदेशक निक फिन ने कहा, “इस बात पर जोर देना महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है.”

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