नई दिल्ली। हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के लिए क्वाड के गठन के बाद इस क्षेत्र के दूसरे प्रमुख देशों को मिला कर एक बड़ा आर्थिक सहयोग संगठन बनाने की शुरुआत सोमवार को जापान की राजधानी में टोक्यो में हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की उपस्थित में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई।

चीन पर कम होगी दुनिया की निर्भरता
संयुक्त घोषणा पत्र में बताया गया है कि यह फ्रेमवर्क कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न मौजूदा कई समस्याओं, जैसे सप्लाई चेन में बाधा, महंगाई में वृद्धि, डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी, स्वच्छ ऊर्जा, से निपटने में आपसी सहयोग की दिशा सुनिश्चित करेगा। कई विशेषज्ञ इसे वैश्विक सप्लाई चेन में चीन पर विश्व की निर्भरता को कम करने के तौर पर भी देख रहे हैं।
फ्रेमवर्क में ये देश शामिल , फ्रेमवर्क में भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और विएतनाम शामिल हैं।
क्वाड सदस्य देशों की तीसरी बैठक मंगलवार
बैठक में मोदी, बाइडन और किशिदा व्यक्तिगत तौर पर मौजूद थे, जबकि दूसरे देशों के प्रमुखों ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया। पीएम मोदी क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान व आस्ट्रेलिया) शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान गए हैं। क्वाड के सदस्य देशों के प्रमुखों की यह तीसरी बैठक मंगलवार को होगी। मंगलवार को पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से द्विपक्षीय बैठक भी होनी है।

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