Home Blog Page 378

MP – गौ तस्कर शहनाज, रफीक और इकबाल गिरफ्तार, 5 गौवंशों को कराया मुक्त

0

मध्यप्रदेश के राजगढ़ में सारंगपुर थाना पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर हाइवे स्थित होटल के सामने से घेराबंदी कर पिकअप वाहन को पकड़ा। वाहन से क्रूरतार्पूवक भरे पांच गौवंश मिले, जिन्हें कब्जे में लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। साथ ही मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ पशु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर पूछताछ शुरु की।

ALSO Read – ग्वालियर : उत्कृष्ट चारा प्रबंधन वाली रानीघाटी गौशाला में लगेगा गौ-संवर्धन योजना प्लांट – स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने किया निरीक्षण

थाना प्रभारी आशुतोष उपाध्याय के अनुसार बीती रात मुखबिर की सूचना पर हाइवे स्थित कमलेश होटल के सामने से घेराबंदी कर एक पिकअप वाहन को पकड़ा, तलाशने पर वाहन में पांच गौवंश क्रूरतापूर्वक बंधे हुए मिले, जिन्हें मुक्त कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। पुलिस ने मौके से शहनाज उर्फ सानू पुत्र शहजाद मंसूरी निवासी पिंजारा बाखल, रफीक (30) पुत्र गुलाम पठान और इकबाल पुत्र शब्बीरखां निवासी डंडियावाड़ी थाना सारंगपुर को गिरफ्तार किया।

आरोपियों के कब्जे से साढ़े चार लाख का पिकअप वाहन, 40 हजार के गौवंश जब्त किए गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 11(1)घ, 4,6,9 गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 ,4,6,10 कृषक पशु अधिनियम , 130/177 (3) एमवी.एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
Also Read – मंदिर चाहिये या रोजगार ? हमारे मंदिर देते है करोड़ो लोगों को रोजगार कैसे ?

मुंबई क्रूज ड्रग्स केस के मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन को NCB ने दी क्लीन चिट

0

मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने हाई-प्रोफाइल मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को ‘क्लीन चिट’ दे दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बारे में जानकारी दी है. आर्यन खान को पिछले साल मुंबई में एक क्रूज पर छापेमारी के दौरान एनसीबी ने कई अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था और उनके पास ड्रग्स बरामद करने का दावा किया था. कई सप्ताह तक जेल में बंद रहने के बाद आर्यन खान को कोर्ट से जमानत मिली थी.

ड्रग-ऑन-क्रूज मामले में एनसीबी ने शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आरोपी नहीं बनाया गया है. एनसीबी के डीडीजी (ऑपरेशंस) संजय कुमार सिंह के एक बयान में कहा गया है कि आर्यन और मोहक को छोड़कर सभी आरोपियों के पास से नशीले पदार्थ बरामद किए गए. एनसीबी अधिकारी के बयान में कहा गया है कि 14 लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. बाकी 6 लोगों के खिलाफ सबूतों के अभाव में शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है.

क्या था पूरा मामला, क्यों हुई थी आर्यन की गिरफ्तारी?
आपको बता दें कि आर्यन खान को एनसीबी की टीम ने 2 अक्टूबर, 2021 की रात मुंबई के क्रूज शिप टर्मिनल से पकड़ा था. आर्यन खान के साथ उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट को भी एनसीबी ने अपनी गिरफ्त में लिया था. एनसीबी का आरोप था कि मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज शिप पर ड्रग्स पार्टी होने वाली थी और आर्यन खान इस पार्टी का हिस्सा बनने वाले थे. अरबाज के जूतों से ड्रग्स पकड़ी गई थी, हालांकि एनसीबी को आर्यन के पास के कोई नशीला पदार्थ नहीं मिली था.

मामले में आर्यन खान 26 दिन आर्थर रोड जेल में बंद रहे
आर्यन खान कुछ दिन तक एनसीबी की कस्टडी में रहे थे, फिर 7 अक्टूबर को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया. आर्यन को मुंबई की आर्थर रोल जेल में रखा गया था और अदालत से 2 बार उनकी जमानत याचिका खारिज हुई थी. आर्यन खान को 26 दिनों तक आर्थर रोड जेल में रहने के बाद 28 अक्टूबर, 2021 को कोर्ट से जमानत मिली थी. इस मामले में आर्यन खान के अलावा जिन 19 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें 2 को छोड़कर सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

हार्दिक हुंडीया के हाथों से स्टार अमृत सम्मान से सम्मानित हुए भाजपा के लोकप्रिय राजनेता अतुल शाह

0

Mumbai – भारतीय राजनीति को ही अपने जीवन के साथ जोड देने वाले महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार और सदैव सक्रिय रहकर लोगों के बीच रहेने वाले लोकनेता अतुलभाई शाह के बारे में यह कह सकते हैं की उनका हर कार्य अतुलनीय है । कोरोंना की महामारी को नेस्तनाबूद करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी कि गई वेक्सिनेशन की मुहीम को अतुल भाई शाह ने दक्षिण मुंबई स्थित माधवबाग देवस्थान में वातानुकूलित सेन्टर स्थापित करके उन्होंने लोगों को वेक्सिनेशन की सुविधा प्रदान की । उनके इस प्रयास की नोंक अन्तरार्ष्ट्रीय स्तर पर ली गई है । इस कार्य के लिए अतुल भाई ने दिन रात मेहनत करके लोगों को वेक्सिनेशन के लिए प्रेरित कर के पुरे वर्ष इस कार्य को अविरत चालु रखा था ।
Also Read – मंदिर चाहिये या रोजगार ? हमारे मंदिर देते है करोड़ो लोगों को रोजगार कैसे ?

उनके इस कार्य की सराहना करते हुए आझादी के ७५ वे अमृत महोत्सव के उपलक्ष में स्टार रिपोर्ट के प्रधान संपादक हार्दिक हुंडिया जी के द्वारा स्टार अमृत सम्मान का आयोजन किया गया है । इस उपलक्ष में कोरोनां महामारी को दुर करनेवाली वेक्सिनेशन का सेन्टर दक्षिण मुंबई के प्रसिद्ध देवस्थान माधवबाग में भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय विधायक अतुल शाह जी ने एक साल तक पूरी तरह वातानुकूलित सेन्टर चलाकर सेवा यज्ञ चलाये जाने पर उनका स्टार अमृत सम्मान से सम्मानित करते हुवे स्टार रिपोर्ट के संपादक हार्दिक हुंडीयाजी ।

Also Read – जड़ी -बूटियों से ही होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार

मंदिर चाहिये या रोजगार ? हमारे मंदिर देते है करोड़ो लोगों को रोजगार कैसे ?

0

इस प्रश्न में दूषित मानसिकता छिपी है। लेकिन क्या इसका उत्तर वही है, जो हम दे रहे है। जी हां तो आईये इस प्रश्न पर एक नजर डालते है। आप लोग अपने परिवार के साथ मंदिर जाते पूजा से पहले दुकान से प्रसाद लेते , चढ़ाने के लिए माला ली । हम तो तुरंत दर्शन कर लिये , बाकी लोग विधि विधान के साथ पूजा पाठ कर रहे थे। जिज्ञासु प्रवृत्ति से मैं मंदिर के चारों तरफ घूमने लगा। हर दुकान , हर ठेलिया को देखे कौन क्या बेच रहा है।फिर सब लोग एक जगह चाट खाये , एक जगह जलेबी , फिर एक दुकान से महिलाओं ने अपने लिए श्रृंगार आदि के सामान लिए फिर आगे आकर सब लोग चाय पीये। फिर अचानक ध्यान आया यह मंदिर दो से ढाई हजार लोगों को रोजगार दे रहा है। यह काम तो हजार करोड़ लगाकर कोई कम्पनी नहीं कर सकती है।

जैसे हम जानते है –

तिरुपति मंदिर और शिर्डी मंदिर ऐसे 4 लाख मंदिर है जहां से एक लाख करोड रूपए अल्पसंख्यक आयोग को जाते है तिरूपति मंदिर से आंध्र प्रशासन चला जाता है। ऐसे बहुत से उदहारण है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात है कि मंदिर किसको रोजगार दे रहा है ! यह वह लोग है ,जिनके पास किसी संस्थान से डिग्री नहीं है। इतना धन नहीं है कि कोई बड़ा निवेश कर सकें। अर्थव्यवस्था में समाज के ये निचले स्तर के लोग है।

हमारे मंदिर देते है करोड़ो लोगों को रोजगार। कैसे ?

१.धार्मिक पुस्तक बेचने वालों को और उन्हें छापने वालों को रोजगार देते हैं।

२. माला बेचने वालों को घंटी-शंख और पूजा का सामान बेचने वालों को रोजगार देते हैं।

३. फूल वालों को माला बनाने और किसानों को रोजगार देते हैं।

४. मूर्तियां-फोटुएं बनाने और बेचने वालों को रोजगार देते हैं।

५. मंदिर प्रसाद बनाने और बेचने वालों को रोजगार देते हैं।

६. कांवड़ बनाने-बेचने वालों को भी रोजगार देते हैं।

७. रिक्शे वाले गरीब लोग जो कि धार्मिक स्थल तक श्रद्धालुओं को पहुंचाते हैं उन रिक्शा और आटो चालकों को रोजगार देते हैं।

८. लाखों पुजारियों को भी रोजगार देते हैं।

९. रेलवे की अर्थव्यवस्था का १८% हिस्सा मंदिरों से चलता है।

१०. मंदिरों के किनारे जो गरीबों की छोटी-छोटी दुकानें होती है उन्हें भी रोजगार मिलता है।

११. मंदिरों के कारण अंगूठी-रत्न बेचने वाले गरीबों का परिवार भी चलता है।

१२. मंदिरों के कारण दिया बनाने और कलश बनाने वालों को भी तो रोजगार मिलता है।

१३. मंदिरो से उन ६५,००० खच्चर वालों को रोजगार मिलता है जो किश्रद्धालुओ श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ों पर प्रभु के द्वार तक ले जाते हैं।

१४. भारत में दो लाख से अधिक जो भी होटल हैं और धर्मशालाएं हैं उनमें रहने वाले लोगों को मंदिर ही तो रोजगार देतें हैं।

१५. तिलक बनाने वाले- नारियल और सिंदूर आदि बेचने वालों को भी ये मंदिर रोजगार देते हैं।

१६. गुड-चना बनाने वालों को भी मंदिर रोजगार देते हैं।

१७. मंदिरों के कारण लाखों अपंग और भिखारियों और अनाथ बच्चों को रोजी-रोटी मिलती है।

१८. मंदिरों के कारण लाखों वानरों की रक्षा होती है और सांपों की हत्या होने से बचती है।

१९. मंदिरों के कारण ही हिंदू धर्म में पीपल-बरगद -पिलखन- आदि है वृक्षों की रक्षा होती है।

२०. मंदिर के कारण जो हजारों मेले हर वर्ष लगते हैं- मेलों में जो चरखा-झूला चलाने वालों को भी तो रोजगार मिलता है।

२१. मंदिरों के कारण लाखों टूरिस्ट मंदिरों में घूमते हैं और छोटे-छोटे चाय-पकौडे-टिक्की बेचने वाले सभी गरीबों का जीवन यापन भी तो चलता है।
गौ सेवा भी होती भोज भंडारे संतो द्वारा चलते शिर्डी अखंड भोजनालय चलता रहता है

सनातन धर्म उन करोड़ों लोगों को रोजगार देता है जो गरीब हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं और जिन के पास धन-जमीन और खेती नहीं है जो बचपन में अनाथ हो गए हो।

    जिनका कोई नहीं उनका राम है।
    उनका श्याम है उनका शिव है।

    यह मंदिर कई सौ वर्ष तक चलता रहेगा।
    तब तक रोजगार देता रहेगा।

    यह सामाजिक , धार्मिक उन्नयन का केंद्र है।
    यदि आर्थिक दृष्टि से देखे तो मंदिर , अपने निवेश से कई हजार गुना रोजगार दे रहा है शायद हमनें अपनी धार्मिक आस्था के कारण इसको देखा नहीं हमारे मंदिर , आर्थिक वितरण के बहुत बड़े , स्थाई केंद्र है
    हमारे अराध्य परम श्रद्धेय भक्त के से दान धर्म धरोहर स्थल सुरक्षित समृद्ध और विशालतम सेवा स्थापित है अंत क्या कोई और प्रार्थनीय स्थल इतना करते है या कर पायेंगे।

    (लेखक श्री राम कुमार पाल आत्मनिर्भर भारत अभियान के राष्ट्रीय कार्यकारणी अध्यक्ष है )

पाकिस्तान में 30 रुपये महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल

0

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान में आज आधी रात से डीजल-पेट्रोल 30 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। बता दें कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के वस्तुओं पर सब्सिडी को समाप्त करने पर जोर देने के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। वित्त मंत्री के ट्वीट कर पेट्रोल-डीजल और केरोसिन तेल के दामों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी है। बढ़ती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आई अचानक उछाल से पाकिस्तान की जनता की परेशानी बढ़ने वाली है।
पाकिस्तान में अब पेट्रोल की नई कीमत 179.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 174.15 रुपये प्रति लीटर हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कल आइएमएफ (IMF) की वार्ता विफल होने के बाद आधी रात से पेट्रोल-डीजल प्रति लीटर 30 रुपए की वृद्धि हुई है।
देश के वित्त मंत्री ने कहा कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि पाकिस्तान को 6 बिलियन डालर के बाहरी वित्त पोषण सुविधा का साहयता मिलना बंद ना हो। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, दोहा में मौजूद सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को आइएमएफ और पाकिस्तान ने 900 मिलियन डालर से अधिक की धनराशि जारी करने के लिए समझौता किया था, हालांकि इस समझौते पर मुहर लगाने के लिए पाकिस्तान को ईंधन सब्सिडी हटाना पड़ेगा और तेल कीमतें बढ़ानी होगी। पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को इसी मद्देनजर बढ़ाया है।

दोहा में वार्ता समाप्त होने के बाद सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा, ‘जब हम ईंधन की कीमतें बढ़ाएंगे, तो सौदा हो जाएगा। हमने एक सौदे की रूपरेखा तैयार कर ली है। बता दें कि पाकिस्तान की नई सरकार, जिसने अप्रैल में कार्यभार संभाला था, ईंधन की कीमतों की सीमा को हटाने के लिए अनिच्छुक रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने वार्ता के बाद आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया था। बताते चलें कि 16 महीने के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव होने की संभावना है। इस बीच ईंधन सब्सिडी को हटाने पर राजनीतिक बहस भी छिड़ सकती है।

जड़ी -बूटियों से ही होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार

0

जिसने रामायण पढ़ी या सुनी होगी वो “संजीवनी बूटी”के बारे अवश्य जानता होगा कि कैसे लक्ष्मण मूर्छित हुए थे और हनुमान जी उनके लिए संजीवनी बूटी लेकर आये थे और उनके प्राणों की रक्षा की थी। हमारा भारत मे ऐसी कई तरह की संजीवनियो के लिए समृद्ध है। जड़ी-बूटी से रोगों का इलाज करना भारत की प्राचीन परम्परा हैl आयुर्वेद एक चिकित्सा पद्धति तो है ही, ये जीवन का विज्ञान भी हैI विशेष गुणों के कारण आयुर्वेदिक दवाईयों का दुष्प्रभाव नहीं होता हैI इसलिए आयुर्वेद से इलाज सरल व सुरक्षित हैI

चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद फिर से प्रचलित हो रही है। न सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी इसकी मांग बढ़ रही है। वर्तमान केंद्र सरकार भी इसके प्रचार-प्रसार में सक्रियता दिखा रही है। राजधानी नई दिल्ली में आयुर्वेद चिकित्सा पर आधारित एम्स की स्थापना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ ) ने वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (India Traditional Medicine) की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ समझौता किया है। गुजरात के जामनगर में यह केंद्र स्थापित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक औषधि और बेहतर स्वास्थ्य के तरीके दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा यह डब्लूएचओ सेंटर हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में काफी मदद करेगा।

ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन की स्थापना से संबंधित समझौते पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने ५ वें आयुर्वेद दिवस पर १३ नवंबर, २०२० को इसकी घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र की स्थापना को ९ मार्च को मंजूरी दे दी।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक ज्ञान के इस केंद्र के लिए भारत सरकार ने २५० मिलियन डॉलर की सहायता की है। इसका उद्देश्य लोगों और पृथ्वी की सेहत में सुधार के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनियाभर में पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करना है।

आज के समय में दुनिया की करीब 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है।आज डब्लूएचओ के १९४ सदस्य देशों में से १७० ने पारंपरिक चिकित्सा के इस्तेमाल की सूचना दी है। इन देशों की सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर विश्वसनीय साक्ष्य और डेटा का एक निकाय बनाने की दिशा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग करने के लिए कहा है। आयुर्वेद की बढ़ती मांग को देखते हुए कई बड़ी कंपनियां इस कारोबार में उतर आई है और बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग के बूते अंग्रेजी दवा कंपनियों को मात देने लगी है। इसके बावजूद जंगलों से जड़ी-बूटी लाकर आयुर्वेद की दवा तैयार करनेवाले गांव के वैद्यों की बात ही कुछ और है। अपने पूर्वजों से चिकित्सा का ज्ञान लेकर ये वैद्य आज भी सामान्य से लेकर असाध्य रोगों तक के मरीजों की उम्मीद हैं।

ग्वालियर : उत्कृष्ट चारा प्रबंधन वाली रानीघाटी गौशाला में लगेगा गौ-संवर्धन योजना प्लांट – स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने किया निरीक्षण

0
ग्वालियर : उत्कृष्ट चारा प्रबंधन वाली रानीघाटी गौशाला में लगेगा गौ-संवर्धन योजना प्लांट - स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने किया निरीक्षण

ग्वालियर, 26 मई (हि.स.) । मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गुरुवार को ग्वालियर जिले के रानीघाटी में गोवर्धन योजना में स्थापित होने वाले गोबर गैस प्लांट स्थल और गौवंश का अवलोकन किया। प्राचीन राम-जानकी परिसर के 1200 बीघा के विशाल भूखण्ड पर स्थित इस गौशाला में लगभग 1200 गौवंश हैं। शीघ्र ही भोपाल से आने वाली तकनीकी टीम द्वारा कार्य-योजना बनाने के बाद गैस प्लांट कार्य करना आरंभ कर देगा।

गौशाला में है चारे की उत्कृष्ट व्यवस्था

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गौशाला की देखभाल कर रही कृष्णायन सेवा समिति द्वारा उत्कृष्ट गौ-चारा प्रबंधन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने मशीन से धान की पराली से तैयार किये गये चारा भूसे के विशाल साइलेज का भी निरीक्षण किया। एक छोटे-मोटे पहाड़ के आकार में समिति द्वारा धान भूसे के मशीन से बंडल बनाकर स्टोर किये गये हैं। गौवंश को थोड़ा सीरा और नमक मिलाकर दिये जाते हैं। आवश्यकता से अधिक मात्रा में स्टॉक किये जाने से यह पौष्टिक चारा यहाँ के गौवंश के लिये हमेशा उपलब्ध रहता है। हरिद्वार की कृष्णायन देशी गौपालन संस्था में लगभग 65 महात्मा हैं, जो देश के अनेक स्थानों पर बड़ी-बड़ी गौशाला का संचालन कर रहे हैं। इन महात्माओं में इंजीनियर, प्रोफेसर, बैंकिंग सर्विस से सेवानिवृत्त अधिकारी, वैज्ञानिक, कथा-वाचक आदि आध्यात्मिक साधक हैं।

लाल टिपारा गौशाला बन चुकी है आदर्श गौशाला

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने ग्वालियर की मशहूर लाल टिपारा गौशाला का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। यह गौशाला पूर्व में अव्यवस्था का शिकार थी। नगर निगम ग्वालियर ने कृष्णायन से अनुबंध किया और आज यह गौशाला आदर्श गौशाला के रूप में प्रतिष्ठित हो चुकी है। यहाँ 5 हजार से अधिक गौवंश हैं। पहले यहाँ रोज 10 से 20 बीमार, बेसहारा गायों की मृत्यु होती थी, जो अब घटकर जीरो हो गई है। ग्वालियर शहर में भी नगर प्रशासन की अनुमति से लगभग 2200 गौवंश की सेवा कृष्णायन संस्था द्वारा की जा रही है।

निरीक्षण के दौरान गौशाला प्रबंधन के निदेशक स्वामी ऋषभ देव और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक केशव सिंह बघेल भी मौजूद थे।

COW SMUGGLING IN JAMSHEDPUR : बोलेराे पलटने से फूटा गौ तस्‍करी का भांडा, एक गाय की दबकर मौत

0

Jamshedpur: झारखंड में पशु तस्करी थमने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम सख्‍ती के बाद भी पशु तस्कर किसी न किसी तरीके से जानवरों की तस्करी कर रहे हैं. अब इन्हें किसका संरक्षण मिल रहा है यह जांच का विषय है. गुरुवार को सरायकेला-खरसावां जिले के कपाली ओपी अंतर्गत झोपड़ी बस्ती मंदिर के निकट बोलेरो पलट जाने से गौ तस्करी का खुलासा हुआ. बता दें कि बोलेरो में चार गाय को तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था. बोलेरो पलटने से बोलेरो में ही दबकर एक गाय की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाकी तीनों गायों को सुरक्षित बाहर निकाला. इस बीच मौका देखकर बोलेरो का चालक भागने में सफल रहा. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना कपाली ओपी पुलिस को दे दी है. समाचार लिखे जाने तक गायों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. स्थानीय लोगों ने पास ही तीनों गायों को बांध रखा है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है. सूत्र बताते हैं कि कपाली क्षेत्र से बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी की जाती है. यहां से गाय कोल्हान के अलग-अलग हिस्सों में ले जाया जाता है. समय- समय पर मामला प्रकाश में आता रहता है.

ALSO READ – पशु विभाग ने पशु पालकों को दी गारंटी बछिया होगा या बछड़़ा कृत्रिम गर्भाधान की श्रंखला में एक ओर कदम

पशु विभाग ने पशु पालकों को दी गारंटी बछिया होगा या बछड़़ा कृत्रिम गर्भाधान की श्रंखला में एक ओर कदम

0

मंडला। जब किसी गौ पालक के यहां गाय बछड़े को जन्म देती है तो गौ पालक को इसके पालन-पोषण की चिंता सताने लगती है क्योंकि खेतों में बैलों का उपयोग कम होता जा रहा है, बैलों की जगह खेतों की जुताई सहित अन्य खेती से जुड़े कामों में अब मशीनों का उपयोग हो रहा है, इसलिए अधिकांश गौ पालक यही चाहते हैं कि उनकी गाय बछिया को ही जन्म दे लेकिन आज से कुछ दिनों पहले तक यह सिर्फ किसान की किश्मत पर ही निर्भर रहता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि किसान चाहेगा कि उसकी गाय बछिया को जन्म दे तो बछिया का ही जन्म होगा और इसकी गारंटी पशु विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसकी 99.99 प्रतिशत की दी जा रही है।

सार्टेंड सेक्स सीमन से असंभव हो गया संभव

चूंकि बैलों की उपयोगिता कृषि कार्यों में अब न के बराबर ही रह गई है। इसलिए जब किसी गौ पालक के यहां गाय ग्याभन होती है, तो गौ पालक यही चाहते हैं कि बछड़े की जगह बछिया का ही जन्म हो, लेकिन नई पद्धति के चलते अब पशुपालक को निराश होने की आवश्यकता नहीं होगी। पशु पालन विभाग से मिली जानकारी अनुसार बछिया होने की गारंटी का कारण है सार्टेड सेक्स सीमन। यह एक तरह की वैक्सीन है जो गाय को दी जाती है। गौरतलब है कि अब तक विशेष नस्लों के लिए सीमन का अविष्कार किया जाता रहा है, जिसका लाभ गौ पालक ले भी रहे हैं, इसी कड़ी में अब इस सीमन का उपयोग शुरू किया गया है।

अब तक 80

जिले में गौ वंश की संख्या 486200 और भैंस की संख्या 82098 है लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में अब तक मात्र 80 पशु पालकों ने ही इस सीमन का उपयोग अपनी गाय या भैंस में कराया है इसके अलावा जिले के घुघरी, मवई जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में पशुपालक को न तो इस सीमन की जानकारी है और ना ही योजना के संबंध में। विभागीय अधिकारी भी सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में इस सीमन का लाभ पहुंचा रहे हैं जहां पशु पालन अधिक होता है जबकि अन्य क्षेत्रों के पशु पालक भी इस सीमन का लाभ चाहते हैं। उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग से मिली जानकारी अनुसार इस विशेष सीमन का उपयोग मार्च 2022 से ही शुरू किया गया है, अब तक करीब 80 गायों पर इसका उपयोग किया जा चुका है। बताया गया कि जब गाय हीट में आती है तब इस सीमन का उपयोग किया जाता है। सिर्फ गाय ही बल्कि भैंसों में भी इस विशेष सीमन का उपयोग किया जा सकता है। बताया गया इस नई पद्धति के उपयोग से गाय, भैंसों के स्वास्थ्य पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

एक से अधिक बार किया जा सकता है उपयोग

डॉ आरएन कुशरो ने बताया कि सार्टेड सेक्स सीमन का उपयोग गाय और भैंस में एक से अधिक बार के प्रजनन काल के दौरान किया जा सकता है अर्थात यदि एक बार इस सीमन से बछिया हो चुकी है तो अगली बार प्रजनन के दौरान फिर इस सीमन के उपयोग से पशु पालक अपनी पसंद और जरूरत के हिसाब से बछिया या बछड़े का चयन कर सकता है। डॉ कुशरो ने बताया कि 450 रूपये का शुल्क गौ पालक से जमा कराया जाता है जिसके बदले ये सेवाएं दी जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं दिया जा रहा लाभ

घुघरी विकासखण्ड अंतर्गत कंडरा गांव के गौ पालक गोलू यादव ने बताया कि जब उन्होंने इस विशेष सीमन के बारे में सुना तो उन्होंने क्षेत्र के पशु अस्पताल घुघरी में संपर्क किया तो अधिकारियों ने बताया कि यह सीमन अभी यहां उपलब्ध नहीं है। इस तरह पशु पालन विभाग द्वारा इस विशेष सीमन का लाभ कुछ क्षेत्रों में ही दिया जा रहा है, इसी के साथ कई गौ पालकों को अभी इस विशेष सीमन की जानकारी ही नहीं है।
इनका कहना है।
Also Read – CM YOGI – मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित – वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया

जिले के जिन क्षेत्रों में पशुपालन का प्रतिशत अधिक है, वहां प्रथम चरण में सार्टेड सेक्स सीमन का लाभ दिया जा रहा है। अगले चरण में अन्य क्षेत्रों में भी इस सीमन का लाभ पशु पालकों को दिया जाएगा।
यूएस तिवारी
उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं मंडला।

MP- शादीशुदा अमजद खान ने खुद को आदिगौरी बताकर हिंदू युवती को प्रेम जाल में फंसाया, किया रेप, फिर बनाने लगा कन्वर्जन का दबाव

0

मध्यप्रदेश के इंदौर में लव जिहाद का मामला सामने आया है, जहां अमजद खान नामक शादीशुदा शख्स ने खुद का नाम आदिगौरी बताकर एक हिंदू युवती को झूठे प्रेम जाल में फंसाया फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। सच्चाई पता चलने पर आरोपी युवती पर कन्वर्जन का दबाव बनाने लगा। इस दौरान जब युवती उसके घर पहुंची तो वहां आरोपी की मां, पत्नी और साले ने उसके साथ मारपीट की। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

पीड़िता ने लसूड़िया थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने बताया है कि डेढ़ साल पहले एक सहेली के जरिए उसकी पहचान आदिगौरी से हुई थी, जो इल्ला कॉलोनी का रहने वाला था और उसका ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है। उसके बाद दोस्ती बढ़ी और आरोपी ने उससे प्यार करने और शादी की बात कहकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद आरोपी युवती के घर में ही रहने लगा। एक दिन युवती ने आरोपी का पहचान पत्र देखा तो उसमें अमजद खान नाम लिखा था। पीड़िता ने जब उससे पूछा तो उसने कहा कि हां वह मुस्लिम है। उसके बाद युवती पर भी कन्वर्जन का दबाव बनाने लगा। उसके बाद आरोपी लापता हो गया।

पीड़िता आरोपी के घर पहुंची तो वहां उसकी पत्नी परवीन बी, साले सलमान, रिजवान, वसीम, मां अंगूरी बी और चाचा मोहम्मद हमीद ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। पीड़िता जब थाने पहुंची तो पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया। हिंदू संगठन के लोगों की मदद से पीड़िता ने एसीपी को घटनाक्रम की जानकारी दी। एसीपी ने लसूड़िया थाने भेजा और आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया।