भाजपा का पोल खोल कार्यक्रम BJP’s poll program was organized under the guidance of Gopal Shetty
वार्ड क्रमांक ४६ में भाजपा द्वारा पोल खोल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि मुम्बई महानगर में आगामी महानगर पालिका चुनाव होने जा रहे है जिसके मद्देनज़र भाजपा ने शिवसेना और अन्य विरोधी पार्टियों के खिलाफ पोल खोल नाम से एक अभियान छेड़ रखा है। यह कार्यक्रम सभी वार्ड में हो रहे है।
May 18, 2022 देसी(गिर) गाय के दूध में बच्चों के दिमाग की वृद्धि करने के लिए जरूरी तत्व सेरेब्रोसाइड, कन्जूगेटेड लिनोलिक एसिड ओमेगा-3 फेटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। दूध के लेक्टोज को ब्रेन शुगर (मस्तिष्क का आहार) कहा जाता है, जिसके बिना बच्चों का मानसिक विकास संभव नहीं है। ऐसे में लोगों में बच्चों को बचपन से ए-2 देसी गाय का दूध पिलाने का चलन बढ़ रहा है। भारतीय नस्ल गिर गाय के दूध की शहर में प्रतिदिन 2000 लीटर की डिमांड है, लेकिन वह पूरी नहीं हो रही है।
एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र कुमार गर्ग के अनुसार गिर नस्ल की गाय का दूध बलवर्धक, बुद्धिवर्धक मस्तिष्क का उत्तम टॉनिक है। शरीर को संपूर्ण आहार देने वाला है, जो मार्केट में प्रति लीटर 55 से 60 रुपए में मिल रहा है। दूध की कमी मार्केट की डिमांड को देखते हुए गिर नस्ल की गायों को पालने डेयरी व्यवसाय की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है। महावीर नगर टीचर्स कॉलोनी निवासी हरीश जोशी ने बताया कि उन्होंने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में स्थापित हुई गिर नस्ल की मॉडर्न डेयरी को देखने पशुपालन वैज्ञानिकों से गाय के दूध के फायदे जाने के बाद 1 मई 2017 को डेयरी व्यवसाय शुरू किया है। वर्तमान में वह 80 लीटर की सप्लाई कर रहा है। जोशी 60 रुपए लीटर के भाव से दूध बेचते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास वर्तमान में 500 लीटर दूध की प्रतिदिन की डिमांड है, जिसे पूरी करने लिए वह कोटा बूंदी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विजिट कर चुके हैं, लेकिन गिर नस्ल की गाय का दूध उपलब्ध नहीं हो रहा है। डेयरी व्यवसाय शुरू करने के दौरान वह 150 लीटर दूध प्रतिदिन सप्लाई करते थे, अब दूध के अभाव में सप्लाई 80 लीटर ही रह गई है।
संतुलितआहार बेस्ट प्रबंधन से 10 से 20 लीटर दूध देती है गाय
डॉ.गर्ग ने बताया कि गिर नस्ल की गाय की वर्तमान में कीमत 55 से 70 हजार रुपए है। साल में एक बार बच्चा देती है। 10 माह तक दूध देती है। संतुलित आहार में 30 फीसदी खल, इतना ही दलिया, 20 फीसदी चापड़ या दलिया, 17 फीसदी चूरी, 2 फीसदी खनिज लवण, 1 फीसदी नमक देने प्रबंधन ठीक होने पर एक गाय प्रतिदिन 10 से 20 लीटर दूध देती है। इस प्रकार पशुपालन से जुड़ते हुए बेरोजगार किसान अच्छी खासी आय प्राप्त कर सकता है।
जयपुर – विजय खुराना जी संयोजक राष्ट्रीय गौधन महासंघ दो दिवसीय दौरे पर जयपुर पधारे इस अवसर पर विभिन्न जयपुर की गौशालाओं में भ्रमण किया एवं गौसंवर्धन के विषय पर जागृत किया। गोबर और गोमूत्र के उपयोग को भी बढ़ावा देने का आग्रह किया।
इस प्रवास में दिल्ली के उधोगपति गौभक्त भूषण कौशिक जी एवं भारत सिंह राजपुरोहित अध्यक्ष जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान साथ रहे। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय गौधन महासंघ के द्वारा बिभिन्न नाना प्रकार के कार्यक्रम गौ वंश को के कर चलाए जा रहे है।
गऊ माता को बनाया अपनी शादी का गवाह गौ माता के सामने लिए शादी के सात फेरे इंटरनेट पर वायरल इस वीडियो में दूल्हा दुल्हन गौ माता को साक्षी मान कर विवाह कर रहे है। गौ माता की महिमा बड़ी निराली है इस परम्परा का निर्वाहन हर हिन्दू भाई को करना चाहिए शादी या किसी अन्य पवित्र कार्य में गौ माता को जरूर शामिल करे।
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रुपये के मूल्यह्रास का मतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपया कम मूल्यवान हो गया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 77.44 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और जोखिम से बचने, और उच्च चालू खाता घाटे से भारतीय रुपये के लिए गिरावट चिंता का विषय है।
भारतीय रुपये के मूल्यह्रास के पीछे विभिन्न कारक देखे तो वैश्विक इक्विटी बाजारों में एक बिकवाली जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व (केंद्रीय बैंक) द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि, यूरोप में युद्ध और चीन में कोविड -19 के कारण विकास की चिंताओं से शुरू हुई थी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ, वैश्विक बाजारों में बिकवाली हुई है क्योंकि निवेशक डॉलर की ओर बढ़ गए हैं। डॉलर का बहिर्वाह उच्च कच्चे तेल की कीमतों का परिणाम है और इक्विटी बाजारों में सुधार भी डॉलर के प्रतिकूल प्रवाह का कारण बन रहा है।
भारत में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कोटक के आंकड़ों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से लगभग 5.8 बिलियन डॉलर की निकासी की है, जिससे मुद्रा पर दबाव बढ़ गया है। बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए मौद्रिक नीति को कड़ा करने के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों से भी मूल्यह्रास हुआ है। बढ़ते व्यापार घाटे के कारण भी दबाव है – अप्रैल में घाटा मार्च में 18.7 अरब डॉलर से बढ़कर 20 अरब डॉलर हो गया। दरअसल, विश्लेषकों के मुताबिक, चालू खाता घाटा 2013 के संकट के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, मुद्रास्फीति की आशंका, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कमजोर घरेलू इक्विटी से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने के कारण सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 77.43 के ताजा निचले स्तर पर आ गया। वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने, डॉलर की मजबूती ने जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों की मांग को प्रभावित किया, जिससे स्थानीय इकाई कम हुई। ग्रीनबैक के मुकाबले रुपया 0.7% गिरकर 77.43 पर आ गया, जो इस साल मार्च में 76.98 के पिछले सर्वकालिक निचले स्तर को छू गया था। विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय संपत्तियों की लगातार बिक्री को लेकर चिंता का भी मुद्रा पर असर पड़ा। फरवरी में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रुपये पर दृष्टिकोण खराब हो गया है क्योंकि संघर्ष के कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। File Photo
रुपये में गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव दूरगामी प्रभाव छोड़ेगा; चालू खाता घाटा बढ़ने, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और रुपये को कमजोर करने के लिए बाध्य है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और अन्य महत्वपूर्ण आयातों के साथ, अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से लागत-मुद्रास्फीति की ओर बढ़ रही है। कॉस्ट-पुश इन्फ्लेशन जिसे मजदूरी-पुश इन्फ्लेशन के रूप में भी जाना जाता है; तब होता है जब मजदूरी और कच्चे माल की लागत में वृद्धि के कारण समग्र कीमतों में वृद्धि (मुद्रास्फीति) होती है। कंपनियों को उच्च लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर पूरी तरह से डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो बदले में, सरकारी लाभांश आय को प्रभावित करती है, बजटीय राजकोषीय घाटे के बारे में सवाल उठाती है।
मजबूत अमेरिकी मुद्रा के साथ-साथ निराशावादी वैश्विक बाजार की भावना रुपये के मूल्यह्रास का कारण बन रही है। बाजार की धारणा भी आहत हुई है क्योंकि निवेशक बढ़ती मुद्रास्फीति, दुनिया के प्रमुख देशों में मौद्रिक नीति के सख्त होने, आर्थिक मंदी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से चिंतित हैं। इसके अतिरिक्त, व्यापक व्यापार बिल के रूप में देश अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है, ने निवेशकों को हिला दिया है। “बाजार सहभागियों को डर है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से भारत के व्यापार और चालू खाते को नुकसान होगा।
रुपये में गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक के लिए दोधारी तलवार है। कमजोर रुपये को सैद्धांतिक रूप से भारत के निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए, लेकिन अनिश्चितता और कमजोर वैश्विक मांग के माहौल में, रुपये के बाहरी मूल्य में गिरावट उच्च निर्यात में तब्दील नहीं हो सकती है। मुद्रास्फीति आयातित मुद्रास्फीति का जोखिम पैदा करता है, और केंद्रीय बैंक के लिए ब्याज दरों को रिकॉर्ड स्तर पर लंबे समय तक बनाए रखना मुश्किल बना सकता है। भारत अपनी घरेलू तेल आवश्यकताओं का दो-तिहाई से अधिक आयात के माध्यम से पूरा करता है। भारत खाद्य तेलों के शीर्ष आयातकों में से एक है। एक कमजोर मुद्रा आयातित खाद्य तेल की कीमतों को और बढ़ाएगी और उच्च खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ावा देगी।
मूल्यह्रास का मुकाबला करने के लिए गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने से डॉलर की मांग कम होगी और निर्यात को बढ़ावा देने से देश में डॉलर के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलेगी, इस प्रकार रुपये के मूल्यह्रास को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। मसाला बॉन्ड सीधे भारतीय मुद्रा से जुड़ा होता है। यदि भारतीय उधारकर्ता अधिक रुपये के मसाला बांड जारी करते हैं, तो इससे बाजार में तरलता बढ़ेगी या बाजार में कुछ मुद्राओं के मुकाबले रुपये के स्टॉक में वृद्धि होगी और इससे रुपये का समर्थन करने में मदद मिलेगी।
बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) विदेशी मुद्रा में एक प्रकार का ऋण है, जो अनिवासी उधारदाताओं द्वारा किया जाता है। इस प्रकार, ईसीबी की शर्तों को आसान बनाने से विदेशी मुद्राओं में अधिक ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है, जिससे विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे रुपये की सराहना होगी। भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा की स्लाइड को नरम करने के लिए हस्तक्षेप कर रहा है – इसके विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से पता चलता है कि यह गंभीर मामला है। यह मुद्रा की अस्थिरता को कम करता है।
यह देखते हुए कि रुपये का मूल्य अधिक है, केंद्रीय बैंक को मुद्रा को फिसलने की अनुमति देनी चाहिए, जिससे वह अपने स्तर का पता लगा सके, केवल अतिरिक्त अस्थिरता को कम करने के लिए हस्तक्षेप कर सके। मुद्रा मूल्यह्रास एक स्वचालित स्टेबलाइजर के रूप में कार्य करेगा। यह आयात पर अंकुश लगाकर चालू खाते के दबाव को कम करने में मदद करेगा, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मौजूदा समय में देश की अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण चालक के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
– सत्यवान ‘सौरभ’,
रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
हर दौर में ज्यादातर रोमांटिक फॅमिली ड्रामा ही सबसे ज्यादा हिट रहा है, शायद इसीलिए निर्मात्री प्रीति शर्मा अपनी पहली लवस्टोरी फिल्म ‘एक नराधम’ को बड़ी मेहनत और लगन से बना रही है। इसकी शूटिंग खानवेल रिसोर्ट,सिलवासा में अभी पूरा किया और पोस्ट प्रोडक्शन शुरू हो रहा है। यह फिल्म आर आर मीडिया के बैनर तले बन रही और इसके निर्देशक अजय बी साहा है।इस फिल्म के निर्देशक अजय ने इससे पहले फ़िल्म’अपना हक़’ व शॉर्ट फ़िल्म,प्यार के लिए’ का निर्देशन कर चुके है और उनकी आनेवाली फ़िल्म,’मेरा साथी मेरा प्यार’ और अब फ़िल्म,’एक नराधम’का निर्देशन कर रहे है।
फिल्म के मुख्य अभिनेता रिषभ शर्मा है जोकि बतौर चाईल्ड आर्टिस्ट फिल्म, ‘वीर’,’आओ विश करे’ और धारावाहिक ‘मिसेस तेंदुलकर’,’जय जय जय बजरंगबली’ जैसे कई हिट फिल्मों में व धारावाहिकों में काम कर चुके है और देश व दुनिया में नाम कर चुके है और अब बतौर हीरो इनकी यह पहली फिल्म है। फिल्म के बारे में रिषभ शर्मा कहते है,” मैं इसमें राहुल का कैरेक्टर कर रहा हूँ, जोकि बहुत बड़े बिज़नेसमैन का बेटा है और उसको अपने ऑफिस में काम करनेवाली लड़की डॉली (रोशनी कश्यप) से प्यार हो जाता है। इस तरह कहानी आगे बढ़ती है। यह मेरी बतौर हीरो पहली फिल्म उम्मीद करता हूँ कि पहले की तरह ही इसमें भी लोगों का प्यार मिलेगा।”
फिल्म ‘आर आर मीडिया’ के बैनर तले बन रही है। फिल्म का निर्माण प्रीति शर्मा कर रही है। निर्देशक अजय बी साहा है। फिल्म की सहनिर्मात्री फरीदा शादरीवाला हैं। छायांकन कमल का,कथा पटकथा व संवाद रमेश हरीशंकर तिवारी,संगीत बाबा जागीरदार का है। इस फिल्म में मुख्य कलाकार रिषभ शर्मा, रोशन कश्यप,संजीव बावरा व अन्य है।
मुम्बई – भारत की बहुविख्यात धार्मिक गुरु साध्वी सरस्वती को कौन नहीं जानता है साध्वी सरस्वती अपने बयानों और प्रवचनों के माध्यम से जानी जाती है। जब साध्वी सरस्वती महज 5 साल की थी तभी से वह राम कथा करती आ रही हैं। 5 साल की उम्र में भी वह इस तरह से राम कथा करती थीं कि जैसे कोई 60 साल का अनुभवी व्यक्ति कथा कर रहा हो। साध्वी सरस्वती जी लव जिहाद के मुद्दे पर हिन्दू लोगों को जगाने का काम कर रही हैं। पिछले दिनों विहिप के एक कार्यक्रम में मोबाईल की जगह तलवार खरीदने की बात कह कर विवादों में आ गई थी।
खैर अब नई खबर यह है कि साध्वी सरस्वती शादी रचाने जा रही है , अखबर के अनुसार नागपुर के युवा उद्योगपति से जून में शादी रचाने जा रही है। अभी शादी की तारीख का पता नहीं चल पाया है। संवाददाता द्वारा जब खबर की पुष्टि के लिए साध्वी सरस्वती से फोन पर बात करना चाहा तो बात नहीं हो पाई। खैर साध्वी सरस्वती को गृहस्थ जीवन की नई शुरुआत के लिए ढेरो शुभकामनाएं।
Chartered Accountant Shri Uttam Prakash Agarwal honored with Star Amrit Samman by Hardik Hundiya
Mumbai – भारतीय चार्टेड अकाऊंटेंट के क्षेत्र में सबसे आदर के साथ लिया जाने वाला नाम श्री उत्तम प्रकाश अग्रवाल जी को भी आज स्टार अमृत सम्मान से सम्मानित किया गया। गौरतलब है की उत्तम प्रकाश अग्रवाल “भारतीय चार्टेड अकाउंटेंट परिषद्” के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में चार्टेड अकाउंटेंट से जुडी कई संस्थानों में अपना दिशानिर्देश दे रहे हैं। देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ।
स्टार में शान रिपोर्ट में जान इस मूलमंत्र के साथ स्टार रिपोर्ट भी देश के विविध क्षेत्र के ७५ महानुभावों को स्टार अमृत सम्मान से सम्मानित करने का कार्य प्रारंभ किया है । महाराष्ट्र के राजभवन में महामहीम राज्यपाल श्री भगतसिंह कोश्यारी के हाथों से डायमंड किंग श्री भरत भाई शाह , धर्मप्रेमी श्री राजमल भणशाली, फ़िल्म निर्माता श्री रतन जैन सम्मानित हुए। बाद में लेखक निर्देशक अनिस बज्मी, न्यूरोसर्जन डॉ. अंकित गोयल, निर्माता निर्देशक राहुल एस आनंद जैसे कई महानुभावो को सम्मानित किया गया।
जबलपुर, प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश का पहला डेयरी एस्टेट जबलपुर के बरेला तहसील से लगे ग्राम खम्हरिया में बनकर तैयार है। कुक्कुट विकास निगम को इसे विकसित करने से लेकर डेयरी संचालकों को जमीन आवंटन करने और यहां पर तय सुविधाओं को देने की जिम्मेदारी दी गई है। इस परियोजना की हकीकत यह है कि इसके शुभारंभ को चार माह होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक एक भी जमीन लेने वाले डेयरी संचालक ने निर्माण कार्य तक शुरू नहीं किया। यहां की मौजूदा व्यवस्था का जब जायजा लिया तो पता चला कि यहां पर अब तक लाइट का कनेक्शन तक नहीं लगा है। नईदुनिया के खबर के अनुसार पानी की टंकी बनाई है, लेकिन भूजल नीचे होने की वजह से यह नहीं भर पाती। वहीं विभाग ने यहां तक जो लैब और अन्य सुविधाएं देने का दावा किया, वो अभी तक कागजों से बाहर नहीं आया।
30 से जमा ही नहीं किया लीज का पैसा-
यहां पर 70 प्लांट हैं, जिसमें से 56 लोगों ने ही इन्हें लिया। इसमें से भी जमीन को 10 साल के लिए लीज पर लेने के लिए विभाग ने जो शुल्क तय की, उसे देने वालों में अब तक सिर्फ 26 लोग ही हैं। अभी तक 30 लोगों ने लीज का पैसा ही नहीं जमा कराया, जो लगभग 16 लाख रुपये से ज्यादा है। सूत्र बताते हैं कि यह जमीन लेने से पीछे हट रहे हैं। इसकी वजह यहां की व्यवस्थाएं हैं। अब विभाग इन लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें यह बताने का प्रयास करेगा कि यदि वे यहां पर अपनी डेयरी लगाते हैं तो उनके लिए यह फायदे का सौदा होगा।
70 प्लॉट के लिए आए थे 146 आवेदन, सिर्फ 56 ने ली जमीन
डेयरी एस्टेट में उपलब्ध 70 भूखंड आवंटन के लिये ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित आए। इनमें से सिर्फ 56 लोगों ने ही यहां जमीन ली है। अभी भी 12 प्लाट खाली हैं। वहीं 56 में से भी 30 ने अब तक लीज का पैसा भी जमा नहीं किया। इनका कहना है कि यहां पर जो व्यवस्थाएं और सुविधाएं होनी चाहिए, वो अभी तक नहीं है। दरअसल यहां पर सड़क, 33 के.व्ही. विद्युत स्टेशन, पानी की उपलब्धता, पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, चारा एवं दाना गोदाम, बायो गैस संयंत्र, आरसीसी ड्रेनेज कैनाल आदि अधो-संरचनाओं देनी हैं, जिसमें से अधिकांश है ही नहीं।
शुभारंभ कर चले गए पशुपालक मंत्री
नईदुनिया के खबर के अनुसार प्रदेश का पहला डेयरी एस्टेट बरेला के ग्राम खम्हरिया में बनाया जा रहा है। इसका शुभारंभ करने के लिए प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने किया। इस दौरान प्रबंध संचालक राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया भी यहां अाए। मंत्री जी ने इसे प्रदेश का पहला डेयरी एस्टेट होने और यहां पर सभी सुविधाएं देने का दो वादा किया, वो अभी तक पूरा ही नहीं हुआ। यहां पर सिर्फ अस्पताल, सड़क और पानी की टंकी बनाया गया है। बाकी काम अभी भी अधूरे हैं।
अस्पताल में भी नहीं आता कोई
डेयरी एस्टेट में पशुओं की चिकित्सा के लिये 2 अस्पताल बनाए गए हैं, जिनमें डॉक्टर और कंपाउंडर सहित स्टाफ की नियुक्ति की गई है। पशु चिकित्सक और स्टाफ की सुगम उपलब्धता के लिये इनके आवास भी परिसर में बनाये गये हैं। जल व्यवस्था के लिये 4 ट्यूबवेल का खनन किया गया है और 2-2 लाख लीटर के ओवरहेड टेंक बनाये गये हैं। हालांकि अभी तक एक भी डेयरी संचालक ने यहां पर डेयरी बनाने का काम भी शुरू नहीं किया है। इसको लेकर दो दिन पूर्व कलेक्टर इलैया राजा टी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्माण कार्य शुरू न होने पर नाराजगी बयां की थी।
Netflix subscriber losses। दिग्गज OTT प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनी Netflix इन दिनों बड़े वित्तीय संकट से जूझ रही है, ऐसे में Netflix कंपनी ने करीब 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक नेटफ्लिक्स ने यह छंटनी सिर्फ अमेरिका में ही की है और स्ट्रीमर के पद पर छंटनी की गई है। गौरतलब है कि नेटफ्लिक्स को हाल ही में बीते एक दशक में सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर का नुकसान झेलना पड़ा है और Netflix ने आगामी तिमाही में भी सब्सक्राइबर में कटौती की आशंका जताई है, यही कारण है कि कंपनी ने 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया है।
Netflix कंपनी के एक प्रतिनिधि ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि कंपनी में धीमी राजस्व वृद्धि का मतलब है कि हमें एक कंपनी के रूप में अपनी लागत वृद्धि को भी धीमा करना होगा।” उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि हम आज लगभग 150 कर्मचारियों को जाने के लिए कह रहे हैं। कंपनी ने प्रतिनिधि ने यह भी साफ कहा है कि कर्मचारियों की ये छंटनी व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर नहीं हो रही है, बल्कि व्यावसायिक जरूरतों से प्रेरित होकर की जा रही है क्योंकि हममें से कोई भी ऐसे काबिल कर्मचारियों को अलविदा नहीं कहना चाहता है।
Netflix ने पहली तिमाही में खोए 20 लाख सब्सक्राइबर – Netflix ने हाल ही में जानकारी दी थी कि पहली तिमाही में 20 लाख सब्सक्राइबर को खो दिया है। कंपनी के टॉप तकनीकी विश्लेषक मार्क महाने का मानना है कि इस क्षेत्र में मौजूदा कमजोरी निवेशकों के लिए कई अवसर प्रस्तुत करती है। जनवरी के बाद से कंपनी के शेयरों में करीब 70 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। सब्सक्राइबर की गिरती संख्या को देखते हुए नेटफ्लिक्स बड़े पैमाने पर पासवर्ड साझा करने पर नकेल कसने के लिए भी काम कर रहा है।
प्रतिनिधि : योगिता तंबोली औरंगाबाद सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती राजश्रीताई राजेश तुडेकर ने पारधी समुदाय के चालीस परिवारों को गोद लिया है और उनके भविष्य के लिए उनकी भौतिक जरूरतों के अनुसार समुदाय की मदद कर रही है। उनकी समाज सेवा की चर्चा सिर्फ महाराष्ट्र और कर्नाटक में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी हो रही है। उन्हीं की कार्यों के बदौलत आज का पारधी समाज आज का सार्वजनिक जीवन काम करने, सीखने और जीने में सक्षम हुआ है। 14 मई, 2022 को राजश्री तुडयेकर को दिल्ली में मिला मानद डॉक्टरेट की उपाधि दिया गया। उन्हें ये सम्मान उनके क्षेत्र में सत्रह वर्षों की सेवा के लिए दिल्ली में रॉयल अमेरिकन यूनिवर्सिटी के द्वारा दिया गया।