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’48 कोस’ में अभिनेता, गायक और संगीतकार के रूप में अरुण बक्शी

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मुम्बई। आसमान को धरती पर लाने वाला चाहिए तुन्ना तुन्ना, दुनिया दी ठा ठा ठा, जैसे गीतों के लिए मशहूर अरुण बख्शी अब फ़िल्म 48 कोस में न सिर्फ बतौर एक्टर नजर आएंगे बल्कि संगीतकार और गायक के रूप में भी उन्होंने इस फ़िल्म के लिए काम किया।
लेखक, निर्माता, निर्देशक राजिंदर वर्मा ‘यशबाबू’ की हिंदी फिल्म ’48 कोस’ 8 जुलाई को रिलीज हो रही है। मुंबई में यश बाबू की हिन्दी फिल्म “48 कोस” का एक गाना और ट्रेलर लांच किया गया जहां अरुण बख्शी, पंकज बेरी, राजेश बब्बर भी उपस्थित थे। फ़िल्म का ट्रेलर काफी दमदार है और गाना अरुण बख्शी ने कम्पोज़ किया और गाया है।
खास बात यह है कि अरुण बख्शी अपना हर एक गाना लता मंगेशकर के स्टूडियो में रिकॉर्ड करते हैं। जहां क्वालिटी भी मिलती है और दुआएं भी मिलती हैं। अरुण बख्शी की छोटी सी म्युज़िक टीम है, उनका म्युज़िक प्रोग्रामर दिनेश रहाते हैं जिन्होंने इस गाने में उनका साथ दिया है।
यश बाबू का कहना है कि हमारे साहित्य में ऐसे कई पात्र एवं चरित्र है जिन्हें शायद हमारी नौजवान पीढ़ी भूल गयी है। हमारे इतिहास के गर्भ में ऐसी कई कहानियां है जो आज भी अनकही हैं, प्रासंगिक हैं।
हिन्दी फीचर फिल्म ‘48 कोस’ द्वारा उनकी कोशिश कुरुक्षेत्र का नाम विश्व पटल पर ले जाने की है। राजिंदर वर्मा ने कहानी के संदर्भ में बताया कि बचपन से ही वह महाभारत से प्रभावित थे। 48 कोस के द्वारपाल यक्षों की कहानियां उनको बहुत आकर्षक लगती थी। इन्हीं कहानियों को वह आधुनिक रूप में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना चाहते थे। कहानी को अपने स्वरूप में आने में डेढ़ साल लगा।
अरुण बख्शी का कहना है कि यह फीचर फिल्म दर्शकों के दिलों को छू लेगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। इस फिल्म में नामी कलाकार पंकज बेरी, अनिल धवन, अरुण बक्शी, सोहित सोनी, अनिल वर्मा, जागृति ठाकुर, नलिनी खत्री, योगिता पॉल के अलावा बाल कलाकार आरव वाधवा, गर्वित खुराना, रीतिका राय, जय रल्हन ने काम किया है।
यशबाबू एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित फिल्म ‘48 कोस’ सिनेमाघरों में 8 जुलाई को रिलीज हो रही है।

प्रो डॉ कुंजल त्रिवेदी के संचालन में वर्ष 2022 अंतर्गत ” ‘आषाढ़स्य प्रथम दिवसे’ कार्यक्रम संपन्न

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प्रो डॉ कुंजल त्रिवेदी के अद्भुत संचालन में संस्कृत विभाग द्वारा वर्ष 2022 अंतर्गत “
‘आषाढ़स्य प्रथम दिवसे’
कार्यक्रम संपन्न हुआ
इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. डॉ कुंजल त्रिवेदी की सरस्वती वंदना वेदों के स्तुति गान के बाद किया गया
उपस्थित अतिथियों का शाब्दिक स्वागत भी प्रोफेसर डॉ कुंजल त्रिवेदी द्वारा किया गया
उसके बाद कॉलेज के प्रिन्सिपल श्री डॉ राजेश त्रिवेदी द्वारा संस्कृत में साहित्य की सुन्दर विगत दी गई, संस्कृत विभाग के अध्यापक डॉ नीरव कंसारा द्वारा मेघदूत खंड काव्य का विस्तृत विवरण दिया गया
  कॉलेज के संचालक श्री नवीन भोजन साहब द्वारा अध्यक्षीय वक्तव्य दिया गया. इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्रोफेसर और विद्यार्थि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए थे.
  इस कार्यक्रम का सुंदर संचालन और आभार प्रकट संस्कृत की प्रोफेसर कवयित्री, संस्कृत भारती की कार्यकर्ता और भाजपा महिला मोर्चा पाटण जिला मंत्री डॉ कुंजल त्रिवेदी ने किया था.
डॉ गुलाब चंद पटेल

प्रधानमंत्री बुधवार को अग्रदूत समाचार समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे

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File Photo

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अग्रदूत समाचार समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे और फिर इस कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे। अग्रदूत भारत में प्रकाशित होने वाला असमिया भाषा का एक समाचार पत्र है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक मोदी शाम साढ़े चार बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस समारोह का उद्घाटन करेंगे।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। सरमा अग्रदूत समूह के स्वर्ण जयंती समारोह के लिए बनाई गई समिति के मुख्य संरक्षक हैं।

पीएमओ के मुताबिक, अग्रदूत समाचार पत्र की शुरुआत द्वि-साप्ताहिक पत्रिका के रूप में हुई थी। इसकी शुरुआत असम के वरिष्ठ पत्रकार कनक सेन डेका ने की थी।

पीएमओ ने कहा कि वर्ष 1995 में अग्रदूत का एक नियमित अखबार के रूप में प्रकाशन आरंभ हुआ। इस अखबार ने असम की विश्वसनीय और एक प्रभावी आवाज के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है।

ताजमहल होटल के आर्ट गैलरी में आयोजित कला उत्सव सम्पन्न

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सेलेब्रेटी कॉलोमिस्ट निशा जामवाल ने कलाकार लता बालकृष्ण के कलाकृतियों को ताजमहल होटल (मुम्बई) में आयोजित कला उत्सव प्रदर्शित की इस क्रम में उन्होंने लता बालकृष्ण के लिए की अद्भुत मेजबानी करते हुये उनके द्वारा बनाये गए  ‘मींडरिंग्स’ भी प्रस्तुत किये। निशा जामवाल द्वारा पेश किया गया ये पांच दिवसीय कला उत्सव, इस साल का कोविड के बाद का सबसे चर्चित कार्यक्रम था। प्रसिद्ध कला संग्रहकर्ता, कला प्रेमी,कौंसुल जनरल, लेखक, शीर्ष पुलिस आयुक्त, कॉर्पोरेट जगत के सीईओ, अभिनेता, गायक, मॉडल, फैशन डिजाइनर, निशा जामवाल के सभी दोस्त, रेका काला घोड़ा में एक ग्रैंड डिनर के साथ शुरू हुए इस शो में शामिल हुए।

इस खास मौके पर जापानी कॉउन्सिल जरनल डॉ फुकाहोरी यासुकाता, कोबी शोशानी इज़राइल कौंसिल जनरल , कॉउन्सिल जनरल तुर्की तोल्गा काया, लेखक अश्विन सांघी, उस्ताद अनूप जलोटा, रूप कुमार राठौड़, सारा खान, तनाज ईरानी, ल्यूक केनी, डिजाइनर ईशा अमीन, एमी बिलिमोरिया,पल्लवी जयकिशन, रोशनी दमानिया, परवेज दमानिया, शशि बंसल, मालती जैन, निदान गोवानी सहित सितारों का मेला लगा हुआ था।

बकौल निशा जामवाल आर्टिस्ट लता बालकृष्ण ने मुझे अपना काम देखने के लिए आमंत्रित किया, जैसा कि दुनिया भर के कई कलाकार इस इच्छा से करते हैं कि मैं उनके लिए एक शो की मेजबानी करूं।

मैं ज्यादा उम्मीद किए बिना चली गयी जैसा कि मैं हमेशा करती हूं।  यह कहना एक अंडर स्टेटमेंट होगा कि मैं उन कैनवस के रूप में व्याख्या करती थी जो रंगीन बारीकियों और अनुभव के दंगे के साथ जीवन के प्रवाह की बात करते हैं। छाया और धूप की चीयरोस्कोरो, बहते पानी में रंगों की बौछार को देख मैं उसकी दुनिया में खींची चली गयी। जहां ‘मैंडरिंग’ का टाइटल मेरे दिमाग में सिर्फ इसीलिए नही आई क्योंकि जलंधर की रहनेवाली, बचपन से ही दुनिया घूमने की अभिलाषी और कुछ अलग ढूंढने की उसकी प्यास थी जबकि मैंने उसके दिमाग मे कला के लिए एक यात्रा भी देखी, जो अपने आप मे अद्भुत हैं। पूरी दुनिया में महिलाओं को मल्टीटास्किंग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और घर और बाहर के कामों को मैनेज करना होता हैं।यहां तक की चैंपियन को भी जीवन मे आनेवाली चुनौतीपूर्ण बाधाओं के ऊपर चलना होता हैं जी जिंदगी उनको देती हैं। बाहर काम करना, और घर भी चलाना,बच्चे जनना और उनका पालन-पोषण करना, परिवार की जरूरतों की देखभाल और प्रबंधन करना- एक भारतीय और संयुक्त परिवार और जहाँ पुरुषों को सबसे ऊपर समझा जाता हैं उन भावनाओ को खोदना और उसे कैनवास पर उतनी ही खूबसूरती से उभाराना बहुत बड़ी कला है।

बहुमत परीक्षण में शिंदे सरकार पास, 164 विधायकों का मिला समर्थन

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Maharashtra Live news in Hindi: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा धीरे-धीरे शांत हो रहा है। नई सरकार का गठन हो चुका है। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने हैं। इस बीच विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई। पहले ध्वनिमत से बहुमत पर फैसला होना था। हालांकि, विपक्ष ने इस पर एतराज जताया। इसके बाद मतदान के जरिए कार्यवाई शुरू की गई। शिंदे के पक्ष में 164 वोट पड़े, उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया है।

गौ माता को खिलाने की योजना रहेगी जारी

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जमशेदपुर (ब्यूरो)। जिला मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा द्वारा पहली रोटी गौ माता की कार्यक्रम के तहत टाटानगर गौशाला में 200 रोटी गौ माताओं को रोजाना खिलाते हुए रविवार को एक साल पूरे हो गये। आज फिर से इस योजना को आगे बढाते हुए शुरू किया गया। रविवार को मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा द्वारा टाटानगर गौशाला में गौ माताओं को रोटी, गुड, हरी सब्जी, चारा खिलाने के साथ ही एक पोस्टर विमोचन किया गया।

मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित समाजसेवी अशोक भालोटिया साकची शाखा के कार्यक्रम से प्रभावित हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए भविष्य में गौ सेवा के लिए हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान साकची शाखा महासचिव सुरेश कुमार कांवटिया एवं कोषाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारे बुजुर्गों के अनुसार हाथ से फेंका पत्थर 100 फुट दूर जाता है, बन्दूक की गोली 1000 फुट दूर जाती है, तोप का गोला 5 मील दूर जाता है लेकिन एक गौमाता को दिया हुआ रोटी का टुकड़ा तो स्वर्ग के दरवाजे तक जाता है। इसलिए गौमाता की सेवा अवश्य करनी चाहिए।

टाटानगर गौशाला कमेटी अध्यक्ष कैलाश सरायवाला और महासचिव महेश गोयल ने मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा की सराहना की। इस अवसर पर निर्मल काबरा, अशोक मोदी, नरेश मोदी, प्रकाश मोदी, मनीष अग्रवाल, सन्नी संघी, कमल अग्रवाल, प्रमोद झालुका, सतीश शर्मा, बबलू अग्रवाल, राजेश हरनाथका, रवि भौतिका, पुरुषोत्तम देबूका उपस्थित थे।

 

महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आज,

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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में एक बार फिर शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राजन सालवी को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा की तरफ से युवा नेता और पहली बार विधायक चुने गए राहुल नार्वेकर ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। इस चुनाव में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की तरफ से व्हिप जारी किया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, यह हम पर लागू नहीं होता।

सत्ता परिवर्तन के बाद बुलाए गए दो दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र से पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे खेमे की तरफ से सचेतक सुनील प्रभु ने व्हिप जारी कर दिया है। व्हिप में कहा है, विधानसभा का विशेष सत्र 3-4 जुलाई को है। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए राजन सालवी उम्मीदवार हैं। इस दौरान शिवसेना के सभी सदस्य सदन में मौजूद रहें।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा, हम विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए ह्विप जारी करेंगे। मजे की बात यह है कि दोनों गुट (ठाकरे और शिंदे) शिवसेना के सभी विधायकों के वोट के दावे कर रहे हैं। शनिवार को शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने गोवा में पत्रकारों से कहा, भाजपा के विधानसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को अग्रिम बधाई देता हूं क्योंकि वे राज्य के सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष होंगे।

विधायकों को व्हिप जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा, दूसरे पक्ष को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है। इसलिए सचेतक भरत गोगावले व्हिप जारी करेंगे। लेकिन, आदित्य ठाकरे समेत उद्धव गुट के 16 विधायकों की सदस्यता खत्म नहीं की जाएगी।

 

प्लास्टिक पर्यावरण के साथ गोवंश के लिए अभिशाप,

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प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के साथ मवेशियों के लिए अभिशाप बन गया है। फेंकी गई पॉलीथीन जमीन को बंजर बनाने के साथ गोवंश को बीमार कर रही है। गोशाला लाई जाने वाली ज्यादातर गाय पॉलीथीन खाने से बीमार हैं। गाय खाना पीना छोड़ देती है और उनकी मौत हो जाती है। जांच में गायों के पेट में पॉलीथीन पाए जाने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं।

प्लास्टिक की थैलियां का प्रयोग नुकसान दायक है। यह जानते हुए भी धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल हो रहा है। मई 2018 को प्रदेश सरकार ने पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगा दिया, बावजूद इसके जिले में पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।

प्लास्टिक बैग से घट रही गायों की उम्र,

घर का बचा हुआ खाना और खाद्य पदार्थ पॉलिथीन में बांध कर कूड़ेदान में फेंक देते है और भोजन खोजने वाली गाएं उसे प्लास्टिक के साथ खा लेती हैं। धीरे-धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा एकत्र हो जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक मरने के बाद कुछ गायों के पेट से 50 से 75 किलो ग्राम प्लास्टिक कचरा पाया गया है। – कूड़ेदान में भोजन की तलाश में वाले गोवंश खाद्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक बैग खा जाती हैं। धीरे धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा जमा होता जाता है। उनका पाचन तंत्र बिगड़ने लगता है। गायों को कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां हो जाती है और समय से पहले उनकी मौत हो जाती है।

प्लास्टिक ज़िंदगी में घोल रही ज़हर

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प्लास्टिक के बढ़ते चलन से भले ही लोग इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहें हैं लेकिन सस्ते प्लास्टिक के नुकसान के बारे में लखनऊ के डॉक्टर विवेक अग्रवाल जनरल फीजिशियन बताते हैं, ”प्लास्टिक के डिब्बों में खाने पीने का सामान रखने से पहले उसे ठंडा रखना चाहिए वरना प्लास्टिक के रासायनिक पदार्थ खाने में मिल जाते हैं और शरीर के अंदर पहुंच कर कैंसर, आंत संबधी कई बीमारी पैदा कर सकते हैं। इन बर्तनों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए इन्हें हमेशा गर्म पानी में धोकर ही इस्तेमाल करना चाहिए वरना ये नुकसान पहुंचा सकते हैं।”

सस्ते और प्लास्टिक के ज्यादा प्रयोग से पर्यावरण और मानव जीवन पर क्या असर पड़ सकता है, इस विषय पर भीमराव अम्बेडकर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक डॉ नवीन अरोड़ा कहते हैं, प्लास्टिक एक पालीमर है, जो कि कई पदार्थों के मिश्रण से बना होता है। प्लास्टिक बनाने में नायलॉन, फिनोलिक, पौलीसट्राइन, पौलीथाईलीन, पौलीविनायल, क्लोराइड, यूरिया फार्मेलीडहाइड व अन्य पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए कुछ तरह के जूते चप्पल पहनने से हमारे पैरों में एलर्जी और त्वचा में खुजली और जलन होती है। ऐसा इसलिए होता है कि उन जूते चप्पलों में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक घटिया किस्म का होता है। इतने सारे रसायनों से बने पदार्थ में जब हम खाने पीने क़ी चीजें रखेंगे तो जाहिर है कि इन रसायनों के कुछ पदार्थ खाने पीने की चीजों में मिल जाएंगे। प्लास्टिक का पुन:चक्रीकरण नहीं हो पाता। कूड़े में पड़े प्लास्टिक को जानवर खाकर मर जाते हैं।

प्लास्टिक की बोतल-टिफिन से कैंसर का भी खतरा,

रिसर्च से ये बात सामने आई है कि प्लास्टिक के बोतल और कंटेनर के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है। प्लास्टिक के बर्तन में खाना गर्म करना और कार में रखे बोतल का पानी कैंसर की वजह हो सकते हैं। कार में रखी प्लास्टिक की बोतल जब धूप या ज्यादा तापमान की वजह से गर्म होती है तो प्लास्टिक में मौजूद नुकसानदेह केमिकल डाइऑक्सिन का रिसाव शुरू हो जाता है। ये डाईऑक्सिन पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचता है। इसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. वीरसिंह ने एक प्रेस कांफ्रेन्स में बताया कि सिर्फ पन्नी ही नहीं, बल्कि रिसाइकिल किए गए रंगीन या सफेद प्लास्टिक के जार, कप या इस तरह के किसी भी उत्पाद में खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ का सेवन स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इनमें मौजूद बिसफिनोल ए नामक जहरीला पदार्थ बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है। प्लास्टिक के घातक तत्वों के खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों के माध्यम से शरीर में पहुंचने से मस्तिष्क का विकास बाधित होता है। इसका बच्चों की स्मरण शक्ति पर सर्वाधिक विपरीत असर पड़ता है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने वक्त-वक्त पर प्लास्टिक और पॉलिथीन के इस्तेमाल के बारे में कई आदेश जारी किए हैं। इनमें एक आदेश पिछले साल दिसंबर का है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए नॉन डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी ने 50 माइक्रोन से पतली प्लास्टिक पर बैन कर दिया है। 50 माइक्रोन से नीचे की प्लास्टिक की न तो मैन्युफैक्चरिंग और न ही सेल की जा सकती है।

इस बैन में प्लास्टिक के वे डिस्पोजेबल कप और गिलास भी आते हैं जिन पर पतली पॉलिथीन की लेयर होती है या पतली प्लास्टिक से बने होते हैं। 50 माइक्रोन से ज्यादा के प्लास्टिक को री-साइकल किया जा सकता है, जबकि 50 माइक्रोन से पतले प्लास्टिक के साथ ऐसा नही किया जा सकता। इस वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।

जून, 2022 में 1.44 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा GST कलेक्शन

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जून महीने में जीएसटी कलेक्शन 1,44,616 करोड़ रुपये रहा है. अप्रैल 2022 में 1,67,540 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन रहा था उसके बाद जून का ये जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा दूसरा सबसे अधिक है. बीते वर्ष 2021 के जून महीने के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में 56 फीसदी का उछाल है. कुल कलेक्शन में सीजीएसटी (CGST) 25,306 करोड़ रुपये रहा तो एसजीएसटी (SGST) 32,406 करोड़ रुपये रहा है. IGST कलेक्शन 75,887 करोड़ रुपये रहा जिसमें 40,102 करोड़ रुपये आयातित सामानों से आया है. सेस कलेक्शन 11,018 करोड़ रुपये रहा है.

जून महीने में केंद्र और राज्य सरकार का रेवेन्यू रेग्युलेर और एडहॉक सेटलमेंट के बाद 68,394 करोड़ रुपये सीजीएसटी के लिए रहा है तो 70,141 करोड़ रुपये एसजीएसटी के लिए रहा है. बीते वर्ष जून में जीएसटी कलेक्शन 92,800 करोड़ रुपये रहा है. उससे 56 फीसदी कलेक्शन जून, 2022 में रहा है. देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी टैक्स सिस्टम के लागू होने के बाद से ये पांचवा मौका है जब मंथली जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. वहीं इस वर्ष मार्च महीने से हर महीने लगातार चौथे महीने कलेक्शन 1.40 लाख रुपये से ज्यादा रहा है.

 

2022-23 वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल से जून के बीच औसत जीएसटी कलेक्शन 1.51 लाख करोड़ रहा है जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में जीएसटी कलेक्शन औसतन 1.10 लाख करोड़ रुपया रहा था. यानि पिछले वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीएसटी कलेक्शन 37 फीसदी बढ़ा है. दरअसल आर्थिक गतिविधि में तेजी, जीएसटी चोरी रोकने के लिए उठाये गए कदम खासतौर से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के चलते जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है.