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बलौदाबाजार : गौ-मूत्र खरीद का जायजा लेने कलेक्टर पहुंचे गौठान , अब तक 98 लीटर की हुई है खरीद

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बलौदाबाजार, 6 अगस्त । कलेक्टर रजत बंसल ने गौठानों में संचालित हो रहे गतिविधियों का जायजा लेने जिले के विभिन्न गौठान का शनिवार को आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान वह बलौदाबाजार विकासखंड अंतर्गत ग्राम खम्हारडीह एवं विकासखंड पलारी अंतर्गत ग्राम छेरकापुर के गौठान पहुंचकर व्यवस्थाओं सम्बंधित जानकारी हासिल की।

उन्होंने मुख्य रूप से गौधन न्याय योजना विस्तार के तहत छेरकापुर के गौठान में संचालित गौ-मूत्र खरीदी के संबंध में विस्तृत जायजा लिया। उन्होंने गौ-मूत्र खरीदी से लेकर कीटनाशक बनाने की पूरी गतिविधियों को देखा। उपस्थित गौठान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने गौ-मूत्र खरीदी एवं उसमें उपयोग होने वाले उपकरणों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बंसल ने उपस्थित महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों से चर्चा कर उनकी समस्याओं के बारे जानकारी हासिल किया। साथ ही उन्होंने शीघ्र ही समस्या के निराकरण करनें का आश्वासन सदस्यों को दिया।

इसके साथ ही खम्हारडीह के गौठान में गोबर खरीदी,वर्मी कंपोस्ट,टांका निर्माण,महिला स्व सहायता समूहों के कार्य एवं बाड़ी का जायजा लिया।

गौठान में वर्मी कंपोस्ट का कार्य करने वाली भारत माता वाहिनी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रजनी वैष्णव एवं बाड़ी की कार्य करने वाली नारी शक्ति महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष उमेश्वरी चंदेल ने शेड की कमी होने के बारे में जानकारी दी।

साथ ही सभी ने मुर्गी पालन की गतिविधियां प्रारंभ करनें इच्छा जतायी जिस पर कलेक्टर बंसल ने जनपद पंचायत सीईओ को एक नये वर्किंग शेड स्वीकृत के साथ ही एक अलग से बड़ा मुर्गी शेड स्वीकृत करनें के निर्देश दिए है। इस अवसर पर गौठान में वृक्षारोपण भी किया गया। पशुपालक ग्रामीणों ने अब तक कुल 98 लीटर गौ-मूत्र विक्रय कर लाभांवित हुए ।

इस मौके पर सरपंच परमेश्वरी पैकरा,जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा,जनपद पंचायत सीईओ रूही टेंभुलकर, सहित स्थानीय ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

प्रयागराज – गौ तस्कर की पांच करोड़ की सम्पत्ति कुर्क

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प्रयागराज । जिले के कुख्यात गौ तस्कर की पांच करोड़ की सम्पत्ति शुक्रवार को कुर्क की गई। बता दें कि यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई। इसके बाद पुलिस तस्करों की संपत्ति का ब्यैारा जुटा रही है। यह जानकारी एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने दी है। 

उन्होंने बताया कि गौ तस्करों मुजफ्फर ने अपनी संपत्तियों को अपने सगे-संबंधियों के नाम पर निवेश किया था। जांच के बाद डीएम ने 30 जुलाई को निर्णय पारित किया। उसी क्रम में आज 6 संपत्ति जो मुजफ्फर से जुड़े हुए हैं। जो लोगों द्वारा उसको बचाने की नीयत से विभिन्न नामों द्वारा उपयोग में लायी जा रही है।

उस संपत्ति को कुर्क किया गया है। लोगों को अवगत कराया गया है, यदि इन संपत्तियों पर कोई प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। ये संपत्ति लगभग 5 करोड़ की है। इसके पहले भी करीब 5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। धूमनगंज में 2018 में 1800 किलो प्रतिबंधित मांस पकड़ा गया।

इसी मामले में मुजफ्फर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। बाद में पूरामुफ्ती थाने में गौ तस्करी और पुलिस पार्टी पर हमला के मामले में मुजफ्फर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया। जेल में बंद रहते ही मुजफ्फर ने कौड़िहार ब्लाक प्रमुख का चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा और जीता था, लेकिन वह शपथ ग्रहण नहीं कर पाया था।

मध्य प्रदेश में 26 ह़जार किसानों को गौ पालन के लिए 28 करोड़ मिलेंगे

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मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना

मध्य परिषद् मंत्रि-परिषद ने राज्य में प्राकृतिक कृषि पद्धति के प्रचार-प्रसार के लिये प्रदेश के कृषकों को एक देशी गाय के पालन पर अनुदान तथा प्रत्येक जिले के 100 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करने के उद्देश्य से नवीन “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना” संपूर्ण मध्यप्रदेश में क्रियान्वित किए जाने का निर्णय लिया।

900 रूपए प्रतिमाह की सहायता

योजना के अंतर्गत 52 जिलों में 100 ग्रामों का चयन कर कुल 5200 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ की जाएगी। प्रत्येक ग्राम से 5,  इस प्रकार कुल 26 हजार प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों का चयन कर उन्हें गौ-पालन के लिए अनुदान दिया जाएगा।

अनुदान के रूप में 900 रूपए प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी।

प्राकृतिक कृषि करने वाले कृषकों का एक पोर्टल/एप तैयार किया जाएगा। इस पर पंजीकृत कृषकों को मास्टर ट्रेनर एवं ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

1 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा

मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने का मानदेय 1 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा और वे प्राकृतिक प्रेरक कहलाएंगे।

प्रशिक्षण पर 400 रूपए प्रति कृषक प्रति दिन का व्यय प्रावधानित किया गया है।

योजना के क्रियान्वयन के लिए 39 करोड़ 50 लाख रूपए की आवश्यकता होगी, जो राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। प्रशासकीय विभाग ने प्रथम चरण में 26 हजार कृषकों के लिए 900 रूपए प्रतिमाह के मान से 1 वर्ष के लिए 28 करोड 08 लाख रूपए के व्यय की स्वीकृति दी है।

गौ तस्करी मामले में सीबीआई ने अणुव्रत मंडल को भेजा नोटिस

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कोलकाता, 5 अगस्त । केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य के गौ तस्करी मामले में बीरभूम जिले के विवादित नेता अणुव्रत मंडल को नोटिस भेजा गया है। उन्हें आगामी सोमवार को पूछताछ के लिए निजाम पैलेस स्थित सीबीआई दफ्तर में सुबह 11 बजे हाजिर होने को कहा गया है।

शुक्रवार को सीबीआई क नोटिस को लेकर अणुव्रत मंडल ने बताया कि अभी सोमवार आने में देर है, मैं जाऊंगा या नहीं जाऊंगा वक्त के साथ पता चल जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही उनके करीबी नेता करीम खान के नानूर स्थित घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसके अलावा उन्हीं के करीबी कारोबारी जियाउल हक और ठूलों मंडल के तीन घरों में भी तलाशी अभियान चलाया गया था। पेट्रोल पंप पर भी सीबीआई अधिकारियों ने जांच पड़ताल की थी। उनके बॉडीगार्ड सहगल हुसैन सीबीआई हिरासत में है, जिसके पास से 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति मिली है। बंगाल पुलिस का एक साधारण कॉन्स्टेबल होने के बावजूद बॉडीगार्ड होने के नाते कई कंपनियों और बेनामी संपत्तियों का मालिक होने पर उससे लगातार पूछताछ हुई है। कोयला और मवेशी तस्करी के मामले में अणुव्रत मंडल की कथित संलिप्तता को लेकर सोमवार को उनसे पूछताछ की जाएगी।

ताइवान पर तनाव, अमेरिका का चाव, भारत के भाव

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File Photo
   -सत्यवान ‘सौरभ’
अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच तीखा तनाव पैदा हो गया है। मंगलवार को जब अमेरिकी कांग्रेस की स्‍पीकर ताइवान पहुंची तो अमेरिकी फाइटर जेट्स भी पीछे-पीछे सुरक्षा में रवाना हुए। इससे नाराज चीन ने ताइवान के आसपास सैन्य युद्ध अभ्यास का ऐलान कर दिया। चीन भड़का हुआ है। अमेरिका ने भी साफ कर दिया कि सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका ताइवान के साथ खड़ा है। नैंसी पेलोसी के दौरे पर चीन क्यों खफा है। क्या रूस और यूक्रेन की तरह चीन और ताइवान के बीच युद्ध की संभावना है। अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा का चीन ने स्वागत नहीं किया है। इसने दो शक्तिशाली देशों- चीन और अमेरिका के बीच तीव्र तनाव पैदा कर दिया है क्योंकि चीन ताइवान को एक अलग प्रांत के रूप में देखता है।

ताइवान, जो खुद को एक संप्रभु राष्ट्र मानता है, मगर चीन ताइवान को अपना अलग प्रांत मानता है। फिर भी ताइवान अमेरिका को अपना सबसे बड़ा सहयोगी मानता है और अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद दुनिया एक नए टकराव की ओर बढ़ रही है. यात्रा के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है, जिसके केंद्र में ग्लोबल सेमीकंडक्टर ट्रेड पर वर्चस्व बनाना है. ऐसा अनुमान है कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर कैपेसिटी में अकेले ताइवान की 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी. दूसरी ओर अमेरिका और चीन सेमीकंडक्टर के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से हैं. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेमीकंडक्टर दुनिया में चौथा सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाला प्रोडक्ट है. इसमें दुनिया के 120 देश भागीदार हैं. सेमीकंडक्टर से ज्यादा ट्रेड सिर्फ क्रूड ऑयल, मोटर व्हीकल व उनके कल-पुर्जों और खाने वाले तेल का ही ट्रेड होता है।

ताइवान, आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य, पूर्वी एशिया में एक देश है, और उत्तर पश्चिमी प्रशांत महासागर में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर के जंक्शन पर जापान और फिलीपींस के बीच है। अर्धचालकों की अधिकांश वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला ताइवान पर निर्भर है। वर्तमान में, केवल 13 देश (प्लस वेटिकन) ताइवान को एक संप्रभु देश के रूप में मान्यता देते हैं। चीन और ताइवान की अर्थव्यवस्थाएं अटूट रूप से जुड़ी हुई हैं। 2017 से 2022 तक 515 बिलियन डॉलर के निर्यात मूल्य के साथ चीन ताइवान का सबसे बड़ा निर्यात भागीदार है, जो अमेरिका से दोगुना से अधिक है। ताइवान अन्य द्वीपों की तुलना में मुख्य भूमि चीन के बहुत करीब है, और बीजिंग इसे अपना समझता है क्योंकि 1949 में चीनी क्रांति के दौरान राष्ट्रवादियों को वहां से खदेड़ दिया था।

अमेरिका और चीन के बीच जिन मुद्दों को लेकर तनाव है, उनमें है ट्रेड वॉर- दोनों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर आयात कर बढ़ाया है. हाल के सालों में एक-दूसरे पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं. समंदर में बढ़ते चीन के प्रभाव और दक्षिण चीन सागर में चीन के पैर फैलाने से अमेरिका और पश्चिमी मुल्क नाराज़ हैं. इसे लेकर कई बार दोनों के बीच तनाव चेतावनी तक भी बढ़ा है. चीन की घेराबंदी कर अमेरिका पेसिफिक के देशों के साथ संबंध बढ़ाना चाहता है. यहां वो अपने सहयोगी ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन के प्रभाव को रोकने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल में ऑकस सुरक्षा गठबंधन बना है. अमेरिका चीन पर वीगर अल्पसंख्यक मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाता है, हालांकि चीन इससे इनकार करता रहा है.

अमेरिका और चीन के बीच तनाव के जो मुद्दे हैं वो बने हुए हैं, चाहें वो ताइवान हों, दक्षिण चीन सागर में बढ़ता चीन का प्रभाव हो या फिर दोनों देशों के बीच चल रहा ट्रेड वॉर हो; इन सभी से परे ताइवान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी साख का सवाल बनता जा रहा है. चीन की आर्थिक हालत इस समय ख़राब है. शी जिनपिंग ऐसे समय में कमजोर नहीं दिखना चाहेंगे, इसलिए वो राष्ट्रवाद का सहारा लेंगे और ताइवान की तरफ जाएंगे. इसलिए चीन ताइवान को लेकर आक्रामक है और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.

आज के वैश्विक परिवेश में अमेरिका की शक्ति कम हो रही है और चीन एक उभरती हुई शक्ति है. जहां तक भारत की बात है, भारत एक अनिश्चित शक्ति है, रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत ने भी वही पक्ष लिया है जो चीन ने लिया है. चीन भारत का पड़ोसी है, दोनों करीब 3488 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. लेकिन बीते कुछ सालों से भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों मुल्कों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों के रिश्तों में तनाव बढ़ा है. भारत ने दर्जनों चीनी मोबाइल ऐप्स प्रतिबंधित किए हैं और कुछ चीनी उत्पादों पर एंटी डंपिंग कर भी लगाया है. वहीं, भारत के अमेरिका के साथ मज़बूत रिश्ते रहे हैं. चीन का मुकाबला करने के लिए एशिया में भारत अमेरिका का अहम सहयोगी है.

अमेरिका ने खुलकर भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के संकेत भी दिए हैं. ऐसे में अगर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता है तो उसका असर भारत पर पड़ने की आशंका भी है. भारत और चीन के बीच हाल के सालों में रिश्तों में तनाव आया है. इसी बीच भारत ने ताइवान के साथ अपने संबंधों को निभाने की कोशिश की है. 2020 में गलवान में में हुए विवाद के बाद भारत ने विदेश मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव (अमेरिका) गौरांगलाल दास को ताइवान में राजनयिक नियुक्त किया. भारत ने अभी तक तक ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक रिश्ते नहीं बनाए है।  भारत के लिए अहम ये नहीं है कि चीन और अमेरिका बात कर रहे हैं. भारत के लिए अहम ये है कि चीन ने जिस तरह से अमेरिका को स्पष्ट कहा है कि ताइवान के मामले में वो किसी को दखल नहीं देने देगा. इससे भारत के लिए संकेत ये है कि चीन अपने और भारत के तनाव में भी किसी को दखल नहीं देने देगा.

भारत की एक्ट ईस्ट विदेश नीति के एक हिस्से के रूप में, भारत ने ताइवान के साथ व्यापार और निवेश के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण के मुद्दों और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान में सहयोग विकसित करने की मांग की है। उदाहरण के लिए, नई दिल्ली में भारत-ताइपे एसोसिएशन  और ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र। भारत और ताइवान के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन 1995 के बाद से, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की राजधानियों में प्रतिनिधि कार्यालय बनाए रखा है जो वास्तविक दूतावास के रूप में कार्य करते हैं। 1949 से, भारत ने एक चीन नीति को स्वीकार किया है जो ताइवान और तिब्बत को चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करती है।

हालांकि, भारत एक कूटनीतिक बिंदु बनाने के लिए नीति का उपयोग करता है, अर्थात, यदि भारत “एक चीन” नीति में विश्वास करता है, तो चीन को “एक भारत” नीति में भी विश्वास करना चाहिए। भले ही भारत ने 2010 से संयुक्त बयानों और आधिकारिक दस्तावेजों में वन चाइना नीति के पालन का उल्लेख करना बंद कर दिया है, लेकिन चीन के साथ संबंधों के ढांचे के कारण ताइवान के साथ उसका जुड़ाव अभी भी प्रतिबंधित है। आखिरकार, ताइवान का मुद्दा केवल एक सफल लोकतंत्र के विनाश की अनुमति देने के नैतिक प्रश्न के बारे में नहीं है, मगर अंतरराष्ट्रीय नैतिकता के बारे में है, ताइवान पर चीन के आक्रमण के अगले दिन एक बहुत ही अलग एशिया दिखेगा, चाहे कुछ भी हो जाए। ऐसे में ताइवान पर तनाव में, अमेरिका का चाव, भारत के भाव निर्णायक साबित होंगे।

  -सत्यवान ‘सौरभ’

रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045

चीनी फंडों द्वारा समर्थित समूह – क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए मोटा मुनाफा कमा रहे अब ईडी की रडार पर

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क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए मोटा मुनाफा कमा रहे समूह अब ईडी की रडार पर हैं। ईडी ने तीन अगस्त को पीएलएलए के तहत मैसर्ज जनामी लैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक, जो कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ‘वजीरेक्स’ का संचालन करता है, उसके यहां पर छापेमारी की है। जांच पड़ताल के बाद कंपनी के 64.67 करोड़ रुपये के बैलेंस वाले बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। इस कंपनी पर चीन से भारी मात्रा में फंड लेने का आरोप है। वजीरेक्स क्लाउड आधारित सॉफ़्टवेयर (@AWS मुंबई) के जरिए संचालित होता है। इसमें कार्यरत सभी कर्मचारी घर से काम करते हैं। इसका पंजीकृत कार्यालय ऐसा है कि वहां पर केवल दो कुर्सियां रखने की जगह है।

ज्यादातर कंपनियां चीनी फंडों द्वारा समर्थित हैं

ईडी द्वारा भारतीय एनबीएफसी कंपनियों और उनके फिनटेक भागीदारों के खिलाफ आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने, टेली-कॉलर्स की मदद से व्यक्तिगत डाटा का दुरुपयोग करने व ऋण लेने वालों से उच्च ब्याज दर वसूलना, मामले की जांच की जा रही है।

इतना ही नहीं, कंपनी द्वारा उच्च ब्याज दर पर लोन की रकम वसूलने के लिए ग्राहकों से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस धंधे में लगी ज्यादातर कंपनियां चीनी फंडों द्वारा समर्थित हैं। जब इन फिनटेक कंपनियों को उधार कारोबार करने के लिए आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस नहीं मिल सका तो इन्होंने बंद हो चुकी एनबीएफसी के साथ एमओयू का रास्ता तैयार अख्तियार किया। यह सब कारोबार शुरू करने के लिए किया गया।

एमओयू से कमाया भारी मुनाफा

ईडी की आपराधिक जांच में सामने आया है कि कई सारे फिनटेक एप ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। इसके बाद उन्होंने एनबीएफसी के साथ एमओयू करने का तरीका इस्तेमाल कर भारी मुनाफा कमा लिया। फंड ट्रेल की जांच में पता चला है कि फिनटेक कंपनियों द्वारा इस लाभ का इस्तेमाल क्रिप्टो संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। यहां से कमाए गए पैसे को विदेशों में चलाया गया। यानी अवैध धन को वैध करने का काम शुरू किया गया। इन कंपनियों और इनकी आभासी संपत्ति का फिलहाल पता नहीं चल सका है।

क्रिप्टो-एक्सचेंज को समन जारी किया गया है। इसमें यह देखा गया है कि अधिकतम धनराशि वजीरेक्स एक्सचेंज को दी गई थी। इस प्रकार खरीदी गई क्रिप्टो-परिसंपत्तियों को अज्ञात विदेशी वॉलेट में भेज दिया गया था।

बिनेंस के साथ हुआ है तरजीही समझौता

जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, जो कि वजीरेक्स क्रिप्टो एक्सचेंज की स्वामित्व वाली कंपनी है। इसने क्रिप्टो एक्सचेंज के स्वामित्व को अस्पष्ट करने के लिए क्राउडफायर इंक, यूएसए, बिनेंस (केमैन आइलैंड्स), जेट्टी पीटीई लिमिटेड सिंगापुर के साथ समझौता कर एक वेब बनाया है। इससे पहले, उनके प्रबंध निदेशक निश्चल शेट्टी ने दावा किया था कि वजीरेक्स एक भारतीय एक्सचेंज है, जो सभी क्रिप्टो और इन-क्रिप्टो लेनदेन को नियंत्रित करता है। बिनेंस के साथ उसका एक आईपी और तरजीही समझौता है।

अब, जानमाई का दावा है कि वे केवल इन-क्रिप्टो लेनदेन में शामिल हैं। अन्य सभी लेनदेन बिनेंस द्वारा वजीरेक्स पर किए जाते हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, वे भारतीय नियामक एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए विरोधाभासी और अस्पष्ट जवाब दे रहे हैं।

सभी क्रिप्टो लेनदेन बिनेंस द्वारा नियंत्रित होते हैं

वजीरेक्स क्लाउड आधारित सॉफ़्टवेयर (@AWS मुंबई) से काम करता है। इसमें कार्यरत सभी कर्मचारी घर से काम करते हैं। इसका पंजीकृत कार्यालय ऐसा है कि वहां पर केवल दो कुर्सियां रखने की जगह है। सभी क्रिप्टो लेनदेन बिनेंस द्वारा नियंत्रित होते हैं, जिसके कार्यालय का कुछ अता-पता नहीं है। उसके कर्मियों को भी कोई नहीं जानता। वह legal@binance.com के जरिए सवालों का जवाब देता है। बार-बार अवसर देने के बावजूद, वजीरेक्स संदिग्ध लेनदेन के बारे में सही जानकारी नहीं दे सका।

फिनटेक एपीपी कंपनियों के क्रिप्टो लेनदेन देने और वॉलेट के केवाईसी को प्रकट करने में विफल रहा है। अधिकांश लेन-देन ब्लॉकचेन पर भी दर्ज नहीं होते हैं। वजीरेक्स ने सूचित किया था कि जुलाई 2020 से पहले, उसने उस बैंक खाते का विवरण भी दर्ज नहीं किया था, जिसके माध्यम से क्रिप्टो संपत्ति खरीदने के लिए फंड एक्सचेंज में आ रहे थे। उनके पते का कोई भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। ग्राहकों के धन के स्रोत की कोई जांच नहीं की गई। कोई ईडीडी नहीं किया जाता है। कोई एसटीआर नहीं उठाया गया।

समीर म्हात्रे की वजीरेक्स के डाटाबेस तक है पहुंच

वजीरेक्स एक्सचेंज के निदेशक के असहयोगी रुख के कारण तीन अगस्त को पीएमएलए के तहत तलाशी शुरु की गई। उसमें सामने आया कि वजीरेक्स के निदेशक समीर म्हात्रे की वजीरेक्स के डेटाबेस तक पूरी पहुंच है, लेकिन इसके बावजूद वह तत्काल ऋण एपीपी धोखाधड़ी के अपराध की आय से खरीदी गई क्रिप्टो संपत्तियों से संबंधित लेनदेन का विवरण प्रदान नहीं कर रहा है।

केवाईसी मानदंड पूरे नहीं किए जा सके हैं क्योंकि वे बहुत कमजोर हैं। वजीरेक्स और बिनेंस के बीच लेनदेन का ढीला नियामक नियंत्रण, लागत बचाने के लिए ब्लॉकचेन पर लेनदेन की गैर-रिकॉर्डिंग और विपरीत पर्स के केवाईसी की गैर-रिकॉर्डिंग ने सुनिश्चित किया है कि वज़ीरेक्स लापता क्रिप्टो संपत्तियों का कोई खाता तक नहीं दे पा रहा है। उन्होंने क्रिप्टो संपत्तियों का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। उन्होंने अपने इस अस्पष्टता भरे तरीके से लगभग 16 आरोपी फिनटेक कंपनियों की क्रिप्टो मार्ग का उपयोग कर अपराध की आय को वैध बनाने में सक्रिय रूप से सहायता की है।

विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सांख्यिकी संबंधी राष्ट्रीय पहल से जुड़ी राष्ट्रीय सलाहकार समिति की पहली बैठक संपन्न

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New Delhi – 5th August –  विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सांख्यिकी संबंधी राष्ट्रीय पहल से जुड़ी राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने अपनी पहली बैठक में इसके भावी विकास के संबंध में विचार-विमर्श किया।

बैठक में यह तय किया गया कि भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरू की परियोजना निगरानी यूनिट (पीएमयू) विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सांख्यिकी केंद्र के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस पहल के महत्व को रेखांकित किया और इसके साथ ही इस पहल पर केंद्रित कार्य शुरू करने के लिए एक केंद्र की स्थापना की जरूरत

बताई।

उन्होंने कहा, “ज्ञान आधारित फैसले लेने के लिए आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। जहां ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों द्वारा एकत्रित किए जाते हैं, वहां भविष्य के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने की प्रक्रिया में इनका केंद्रीयकृत प्रबंधन अनिवार्य है।”

सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर ने इस पहल का स्वागत किया और विभाग के पास पहले से ही उपलब्ध विस्तृत आंकड़ों के बारे में बताते हुए इनमें अतिरिक्त आंकड़े जोड़ने की जरूरत बताई।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने आंकड़ों को एकत्रित करने के विभिन्न प्रयासों को एक साथ लाने के लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया और इस केंद्र की एक प्रारंभिक संकल्पना प्रस्तुत की। उन्होंने इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय तौर पर किए गए बेहतरीन प्रयासों के तौर पर अमरीका और जापान का उदाहरण दिया।

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के निदेशक प्रो. गोविन्दन रंगराजन ने आईआईएससी में स्थापित किए जाने वाले इस केंद्र के कामकाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों के विशेषज्ञों ने इस केंद्र के प्रशासन, कामकाज और भावी विकास के संदर्भ में विचार-विमर्श किया।

 

अमित शाह ‘स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ सीरियल के शुभारंभ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

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” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, आज़ादी दिलाने में जाने-अनजाने लाखों लोगों के बलिदान को याद कर रहे हैं और 75 सालों में देश की उपलब्धियों का गौरवगान कर रहे हैं ”

—————————————————————————————————-” भारत यहां से जो छलांग लगाने वाला है उसके बाद भारत को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता, इसी कड़ी में ‘स्वराज’ धारावाहिक के 75 एपीसोड बनाने का काम केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के नेतृत्व में दूरदर्शन ने हाथ में लिया है, ये एक बहुत साहसी क़दम है भारत के भाव की अभिव्यक्ति केवल और केवल आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं ” 

New Delhi – केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह आज आज नई दिल्ली में दूरदर्शन के ‘स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ सीरियल का शुभारंभ व स्पेशल स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरूगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्र, प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मयंक कुमार अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी  ने अनेक प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर देश को झंझोड़ने, संस्कारित करने, भावनाओं को उद्वेलित करके उन्हें चैनलाइज़ करने और अंततोगत्वा सृजनशक्ति के संग्रह का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि भारत के भाव की अभिव्यक्ति केवल और केवल आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम का अपने आप में ख़ास महत्व है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और ये अमृत महोत्सव हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम देश और दुनिया में आज़ादी और 75 सालों में देश की उपलब्धियों का गौरवगान कर रहे हैं। आज़ादी दिलाने में जाने-अनजाने लाखों लोगों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, हम उन्हें भी याद कर रहे हैं। इसके साथ ही अमृत महोत्सव से शताब्दी तक महान भारत कैसा होगा, उसकी रचना के संकल्प भी ले रहे हैं और संकल्प की सिद्धि के लिए पुरूषार्थ का प्रचंड विश्वास भी व्यक्त कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि देश यहां से जो छलांग लगाने वाला है उसके बाद भारत को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसी कड़ी में स्वराज धारावाहिक के 75 एपीसोड बनाने का काम केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के नेतृत्व में दूरदर्शन ने हाथ में लिया है। ये एक बहुत साहसी क़दम है।

 

श्री अमित शाह ने कहा भारत में स्वराज शब्द का अर्थ स्वशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वराज शब्द अपने आप में संपूर्ण भारत को स्वतंत्र कराने और अपनी पद्धति से चलाना है।  इसमें स्वभाषा, स्वधर्म, स्वसंस्कृति  और अपनी कलाएं भी आती हैं। जब तक हम शाब्दिक दृष्टि से स्वराज की भावना में नहीं रंगते हैं, तब तक भारत सही अर्थों में स्वराज प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 75 सालों के सासन में हर किसी ने देश को आगे बढ़ाने के लिए पुरूषार्थ किया है। लेकिन अगर शताब्दी के वर्ष में हम अपनी भाषाओं को ना बचा पाएं, इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक ना पहुंचा पाएं और हज़ारों साल से चली आ रही संस्कृति को ना बचा पाएं तो क्या स्वराज प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम पर शासन करने वालों ने हमारी सारी उत्कृष्ट व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था।

वो हम पर शासन तभी कर सकते थे जब हमारे जनमानस में एक हीनभावना का निर्माण करें क्योंकि हर क्षेत्र में हम उनसे आगे थे। उच्च मानवीय और शासन के मूल्यों में हम उनसे कहीं आगे थे। जिस भारत ने दुनिया को गीता, वेद, शून्य और खगोल शास्त्र दिए हैं उन्होंने उसके ज्ञान को लेकर भी मिथक खड़ा करने का प्रयास किया, उन्होंने हमारी भाषाओं, संस्कृति, शासन करने की क्षमता के प्रति हीन भाव खड़ा किया।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 75 सप्ताह लंबा ये स्वराज सीरियल सभी भारतीय भाषाओं में अनुवादित और दिखाया जाने वाला है। ‘स्वराज’ धारावाहिक का उद्देश्य जनमानस के अन्दर हर हीन भाव को समूल उखाड़ फेंक गौरव का भाव लाना होना चाहिए, तभी हम स्वराज के उद्देश्यों को सिद्ध कर सकेंगे और यह आजादी के अमृत महोत्सव की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि जो अपने इतिहास की अच्छी चीजों का गौरव नहीं करते हैं, वो कभी भी महान भविष्य की रचना नहीं कर सकते हैं।

अगर देश का महान भविष्य बनाना है तो हमारे महान इतिहास का युवा पीढ़ी में गौरव पैदा करना होगा। गृह मंत्री ने कि  उन्हे पूरा विश्वास है कि यह धारावाहिक हमारे युवाओं को झकझोर कर उनके मन में देश के इतिहास के प्रति गौरव पैदा करेगा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व हम महान भारत की रचना की दिशा में और गति से आगे बढ़ेंगे।

Cow Economy – गोबर बेचकर पशुपालक शिव कुमार ने खरीदी मोटर साईकिल

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बेमेतरा 05 अगस्त 2022 :कुछ साल पहले गोबर बेचकर अपनी आजीविका सुधार पाना किसी ने सोचा न था लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना से यह संभव हो सका। इसी क्रम में बेमेतरा विकासखण्ड के गौठान ग्राम दमईडीह ग्राम पंचायत गिधवा, पोस्ट दाढ़ी निवासी श्री शिव कुमार यादव पिता मुन्ना यादव, जो कि एक गरीब किसान एवं गौ पालक है, ने योजना के अंतर्गत अब तक 99 हजार 814 किलोग्राम गोबर बेचा और एक लाख 99 हजार 628 रूपये राशि प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य पशुपालको की आय में वृद्धि करना, आवारा पशुओ का संरक्षण, महिलाओं को रोजगार के नये अवसर प्रदाय करना, जैविक कृषि को बढ़ावा देना इत्यादि है। इसी उद्देश्य को कृतार्थ करता हुआ शिवकुमार यादव एवं उसके जैसे अन्य पशुपालको की कहानी योजना को सफल बनाये है।

कृषि कार्य से होने वाली आय से घर चला पाना मुश्किल हो रहा था। तभी गोधन न्याय योजना के बारे में जानकर श्री शिवकुमार यादव ने गोबर बेचना प्रारंभ किया और मात्र दो वर्ष में लगभग 2 लाख रूपये की अपनी आय में वृद्धि किया। अब उसके परिवार की स्थिति अच्छी है। उसने इस पैसे से दूध बेचने हेतु मोटर साईकिल खरीदा। अब वह मोटर साईकिल के माध्यम से दूध बेचकर अपनी आय में वृद्धि करता है और अन्य जरूरतो को पूरा करता है।

गौठान से हुई आय में वृद्धि के कारण ने स्वयं के व्यय से गौठान में भगवान श्री कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित की। श्री शिवकुमार यादव कहते है कि गोधन न्याय योजना ने मेरे परिवार की काफी मदद की है। जिससे मैने अपनी परिवार की जरूरतो को आसानी से पूरा किया है।

ग्राम गौठान प्रबंधन समिति दमईडीह के द्वारा योजना प्रारंभ से अब तक 3 लाख 10 हजार 803 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई है। जिसकी लागत 6 लाख 21 हजार 606 रूपये है। जिससे एक लाख 18 हजार 315 किलोग्राम खाद का उत्पादन हुआ है। जिसे ग्रामीण किसानो नेे खरीदकर जैविक खेती की ओर एक कदम बढ़ाया है। अबतक ग्राम गौठान प्रबंधन समिति दमईडीह के द्वारा 11 लाख 28 हजार 100 रूपये का खाद बेचा जा चुका है। जो कि गोधन न्याय योजना की सफलता का प्रतीक है।

आईडी काऊ घी हुआ लॉन्च, शुद्धता और स्वादिष्ट की गारंटी देता है आईडी फ्रेश फूड

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मुंबई। भारत के सबसे बड़े और सबसे पसंदीदा कंज्‍यूमर फ्रेश फूड ब्राण्‍ड आईडी फ्रेश फूड ने आज मुंबई में आईडी घी को लॉन्‍च कर 10,000 करोड़ रूपये के घी बाजार में कदम रखने की घोषणा की है। कंपनी 100 करोड़ रूपये की अतिरिक्‍त कमाई अर्जित करना चाह रही है और इसने आने वाले महीनों में अपने नये उत्‍पाद के साथ भारत के प्रमुख बाजारों में उतरने की योजना बनाई है।

दूध की क्रीम और असंरक्षित (नॉन-प्रीजर्व्‍ड) मक्‍खन से बने, आईडी घी की खुशबू और स्‍वाद बहुत ही बेहतरीन है और इसे बाजार में उपलब्‍ध मौजूदा उत्‍पादों से बिलकुल अलग बनाती है। आईडी घी का एक चम्‍मच निश्चित रूप से आपके भोजन को लुभावनी सुगंध से भर सकता है और आपको स्‍वादिष्‍ट यादें दे सकता है!

बाजार की इस नई कैटेगरी में उतरने के कंपनी के फैसले पर अपनी बात रखते हुए, आईडी फ्रेश फूड के सीईओ और को-फाउंडर पी सी मुस्‍तफा ने कहा, “आईडी फ्रेश फूड में, हम लगातार नवाचार के नये तरीके खोज रहे हैं। हमारे लिये नवाचार का मतलब है सामान्‍य समझ के इस्‍तेमाल द्वारा उपभोक्‍ता की जरूरतों को पूरा करना। इसलिये हमारा घी पैकेज एक स्‍पाउट के साथ आता है और रखने तथा जगह बदलने के लिये काफी आसान है।

हमारा मानना है कि भारत में अभी पैकेज्‍ड घी के बाजार में कुछ नया होने की स्थिति है। हमारी प्रोडक्‍ट टीम ने दूध से क्रीम निकालने में सफलता पाई है और फ्रीजिंग के बिना घी बनाया है, इसलिये यह ताजा है और अतिरिक्‍त रंग, स्‍वाद या एडिटिव्‍स से रहित है। इस तरह से आईडी घी काफी आशाजनक है। हम एक साल के भीतर भारत के शीर्ष बाजारों पर छा जाना चाहते हैं।”

अभी भारत में पैकेज्‍ड घी का सबसे बड़ा बाजार मुंबई है, जिसके बाद दिल्‍ली, बेंगलुरु, चेन्‍नई, पुणे और हैदराबाद का नंबर आता है। इन शहरों में देश के आधे से ज्‍यादा पैकेज्‍ड घी की बिक्री होती है।
आईडी फ्रेश फूड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर राहुल गांधी ने कहा, “प्रीजर्वेटिव्‍स से भरे और प्रोसेस्‍ड फूड्स तेजी से हमारे जीने के तरीके में आ रहे हैं और आज के उपभोक्‍ता खान-पान के मामले में काफी गंभीर है। आईडी फ्रेश फूड भारत के पारंपरिक फूड्स की अच्‍छाइयों का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध है और शुद्ध घी को पोषण के मामले में सबसे फायदेमंद उत्‍पादों में से एक माना जाता है, जिसका कारण उसका मीडियम-चेन फैटी एसिड कंटेन्‍ट है। इसलिये यह हर घर में गर्व से रखे जाने के योग्‍य है। आईडी घी शुद्धतम घटकों से बना है और आपके दिल की सेहत, प्रतिरक्षा तंत्र, पाचन तंत्र और कुल मिलाकर पूरे स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अच्‍छा है।”
आईडी घी एक किलो के पाउच (689 रूपये), स्‍पाउट के साथ 500 ग्राम के पाउच (350 रूपये) और 500 ग्राम के पेट जार (375 रूपये) में उपलब्‍ध होगा।