खराब फील्डिंग के चलते हारा भारत : दिनेश कार्तिक
बांग्लादेश के खिलाफ भारत की हार के बाद दिनेश कार्तिक ने भारत की खराब फील्डिंग पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों सुंदर ने कैच पकड़ने की कोशिश भी नहीं की। भारतीय क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश के दौरे पर निराशाजनक शुरुआत की। पहले वनडे में भारत को एक विकेट के करीबी अंतर से हार का सामना करना...
जल्दी ही आ सकती है किसानों के लिए दूसरी किस्त
जल्दी ही आ सकती है किसानों के पी एम किसान योजना की दूसरी किस्त शहरों से लेकर दूर-दराज गांवों में रहने वाले गरीब वर्ग और जरूरतमंद लोगों के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। स्वास्थ्य, पेंशन, राशन, आवास, रोजगार, शिक्षा जैसी कई तरह की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं राज्य और केंद्र सरकार दोनों की तरफ से...
खान सर का विवादित वीडियो : कांग्रेस नेता ने की गिरफ्तार करने की मांग
खान सर का विवादित वीडियो : कांग्रेस नेता ने की गिरफ्तार करने की मांग पटना के मशहूर शिक्षक खान सर के एक पुराने वीडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत वीडियो पोस्ट कर उन पर कार्रवाई की मांग की है। पटना के मशहूर शिक्षक खान सर के एक...
प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन मिले
आशीष वशिष्ठ हमारे देश में प्राचीनकाल से ही विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं जिनमें होम्योपैथी, आयुर्वेदिक और एलोपैथी शामिल हैं। कोरोना महामारी के वैश्विक संकट में पूरी दुनिया ने भारत की प्राचीन और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों में से एक आयुर्वेद की महत्ता को स्वीकार किया। करोड़ों देशवासियों ने घरेलु और पारंपरिक तरीकों से अपने प्राणों की रक्षा की। आयुर्वेद के प्रति न केवल देश बल्कि दुनिया में अलग ही रुझान देखने को मिल रहा है। कुछ समय के लिए तत्काल आराम पहुंचाने वाली चिकित्सा प्रणाली एलोपैथी का अपना महत्व है। परंतु उससे होने वाले दुषप्रभाव भी किसी से छिपे नहीं हैं। वहीं आयुर्वेद व योग के माध्यम से असाध्य बीमारियों को भी बिना किसी दुष्परिणाम के आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन जन-साधारण की ऐसी मान्यता हो गई है कि जितना महंगा उपचार होता है, चिकित्सक की फीस जितनी ज्यादा होती है, उतना ही उपचार को प्रभावशाली मानते हैं। वास्तव में एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली का आधार वैज्ञानिक तो है ही, साथ ही विज्ञापन पर ज्यादा केंद्रित है। आयुर्वेद न केवल बीमार व्यक्ति का इलाज करता है अपितु यह स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करके उसे बीमार ही न होने दिया जाए, इस बात पर ज्यादा जोर देता है। कोरोनाकाल में आयुर्वेद को संजीवनी मिली है। लोगों ने भी इसे दिल से अपनाया है। आयुष मंत्रालय ने भी संक्रमणकाल में आयुर्वेदिक औषधियों के उपयोग पर मोहर लगाई है। वेदों में भी आयुर्वेद औषधियों का वर्णन है। जब एंटीवायरल दवाएं बेअसर हुई तो लोगों का रुझान आयुर्वेद पर बढ़ा, जिसके बेहतर परिणाम मिले हैं। कई प्रदेशों ने तो आयुर्वेद से कोरोना संक्रमण को मात दी है। इसीलिए अभी लोग आयुर्वेद का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। भारत जैसे विशाल देश में जहां विभिन्न वनस्पति प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, यहां पर आयुर्वेद के फलने-फूलने की असीम संभावनाएं हैं। विविधताओं से भरे हमारे देश में केवल आयुर्वेद व योग के माध्यम से ही लोगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। जिस प्रकार प्राचीन समय में भारतीय चिकित्सा आयुर्वेद पद्धति का डंका बजता था, वो आज भी संभव है। खास बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पद्धति को विश्वव्यापी आंदोलन बनाने का सुझाव दिया है। पर अफसोस इस बात का है कि परम्परागत भारतीय चिकित्सा पद्धतियां हानिरहित एवं सुरक्षित होने के बावजूद उपेक्षा के कारण दम तोड़ती नजर आ रही हैं। आज की पीढ़ी को परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के खजाने के बारे में जानकारी ही नहीं है। इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाए और इन चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सालयों पर भी ध्यान दिया जाए। प्रत्येक जिले में परंपरागत चिकित्सा पद्धति की शिक्षा देने वास्ते कॉलेज खोले जाने चाहिए। सरकार परंपरागत चिकित्सा का व्यवस्थित पाठ्यक्रम बनाने की पहल कर, इसे लागू करे। प्रशिक्षण की भी विशेष व्यवस्था की जाए। विद्यार्थियों एवं शिक्षको को समय समय पर प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही मेडिक्लेम पॉलिसी में इसे कवर करते हुए इसका लाभ बीमा धारक को मिलना चाहिए। दुनिया भर मे परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने के लिए गुजरात के जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केन्द्र की शुरूआत की गई है। यह कदम पुरातन आयुर्वेद चिकित्सा के साथ, अन्य देशों की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के लिए सकारात्मक साबित होगा। इन चिकित्सा पद्धतियों को जन-जन तक पहुंचाया जाना आज के समय की मांग है। आयुष अभियान में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी आदि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को शामिल किया जाता है। आयुष चिकित्सा पद्धति न केवल एलोपैथिक पद्धति से हानिकारक असर आदि के मामले में सुरक्षित है बल्कि सस्ती भी है। कोविड काल में दुनिया ने भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को जाना। ऐसे में सरकार को इनके संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। जगह-जगह शिविरों का आयोजन कर भारतीय प्राचीन चिकित्सा ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया जाए। (युवराज) आशीष वशिष्ठ
पर्दे के पीछे के कलाकारों के सपने भी होंगे साकार
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआइसीई ) और पाध्ये ग्रुप के अंकुर पाध्ये की मदद से यहां सिनेमा कामगारों के लिए प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत महाराष्ट्र के कर्जत के निकट वांगनी शहर के शेलू विलेज में भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के आवासीय योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। अब आवासीय समस्याओं से जूझ रहे पर्दे के पीछे के...
मतगणना को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने बनाए 42 केंद्र, सात दिसंबर को जल्द आएंगे परिणाम
मतगणना के लिए दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने बनाए 42 केंद्र, सात दिसंबर को जल्द आएंगे परिणाम दिल्ली राज्य चुनाव आयोग 42 जगहों में से एक जगह पांच और दो जगह चार-चार विधानसभा क्षेत्रों के अधीन आने वाले वार्डों की मतगणना करेगा, जबकि दो जगह ऐसी भी है जहां तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों की मतगणना कराई जाएगी। एमसीडी के 250...
ईरान में मोरैलिटी पुलिस की इकाइयां भंग, हिजाब विरोधी प्रदर्शन के बाद उठाया सख्त कदम
ईरान में मोरैलिटी पुलिस की इकाइयां भंग, हिजाब विरोधी प्रदर्शन के बाद उठाया सख्त कदम सख्त ड्रेस कोड के खिलाफ महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद ईरान की नैतिकता पुलिस की इकाइयों को खत्म कर दिया गया है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। सख्त ड्रेस कोड के खिलाफ महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद ईरान की नैतिकता...
गाय बछड़ों के बीच बीता था शिवकुमार का बचपन
गाय बछड़ों के बीच बीता था शिवकुमार का बचपन गाय की महिमा को सिर्फ हिन्दू सनातनी ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व मानता है। लगभग हर धर्म जाति में गाय को महत्व दिया जाता है। यहां तक कि बॉलीवुड और टेलीवुड से जुड़ी हस्तियां भी गाय का सम्मान करती है, यह अलग बात है कि व्यसतता की वजह से वे अपने...
नतीजे से पहले बागियों से सुलह की कोशिश में बीजेपी और कांग्रेस
नतीजे से पहले बागियों से सुलह की कोशिश में बीजेपी और कांग्रेस 12 नवंबर को हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के 20 से अधिक बागी उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में थे। जबकि कम से कम कांग्रेस के 10 बागी उम्मीदवार दिखाई दिए थे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर...
नगर निगम चुनाव को दिल्ली में तीन दिनों तकड्राई डे
नगर निगम चुनाव को दिल्ली में तीन दिनों तकड्राई डे, वोटिंग के दिन सुबह चार बजे से चलेंगी मेट्रो राजधानी दिल्ली में 4 दिसंबर को नगर निगम चुनाव (MCD Election) के लिए वोटिंग होनी है। चुनाव से पहले आबकारी विभाग ने शुक्रवार से रविवार तक शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन...