आगर-मालवा. जिले के सुसनेर सालरिया में स्थित एशिया के सबसे बड़े गौ-अभयारण्य की बागडोर अब निजी हाथों में रहेगी। इसके लिए बकायदा राज्य सरकार ने राजस्थान के पथमेड़ा गौशाला ट्रस्ट से एमओयू करते हुए तमाम व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी उसे सौंप दी है। एनजीओ ने बागडोर भी संभाल ली है। इसकी पुष्टि आगर प्रवास पर आए गौसंवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार अध्यक्ष ने समाचारपत्र पत्रिका से चर्चा में बताया कि विधिवत तरीके से राज्य सरकार ने राजस्थान के पथमेड़ा गौशाला ट्रस्ट को गौ-अभयारण्य की तमाम व्यवस्थागत जवाबदारी निर्धारित शर्तों के आधार पर सौंपी दी है। एनजीओ ने कामकाज आरंभ कर दिया गया है। प्रति गौवंश 50 रुपए के मान से सरकार द्वारा प्राथमिक रूप से एनजीओ को राशि दी जाएगी। अब तमाम व्यवस्था एनजीओ के माध्यम से ही संचालित होगी लेकिन नियंत्रण सरकार का रहेगा। यह अनुबंध कुछ वर्षों के लिए है। यदि शर्तों के अनुसार उचित कार्य हुआ तो आगे अनुबंध बढ़ाया जाएगा अन्यथा निरस्त करने के अधिकार सरकार के पास है। 1400 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल में फेले अभयारण्य की क्षमता 8 हजार गौवंश की है पर 3200 गौवंश निवासरत हैं।

प्राकृतिक संसाधनों को विकसित करना लक्ष्य
अध्यक्ष ने बताया अभयारण्य में अभी कोई जंगल नहीं है। इस वजह से गौवंश प्राकृतिक रूप से विचरण नहीं कर पा रहे है। यहां प्राकृतिक वातावरण की उपलब्धता बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें समय लगना स्वाभाविक है। जब जंगल विकसित हो जाएगा तो यहां बहुत सारी गायों का प्रवेश हो सकता है इसलिए जंगल लगाने का कार्य किया जा रहा है। पौधारोपण कार्य जारी है विशेष प्रजाति के पौधे रोपे जा रहे हैं। आने वाले समय में यहां गौवंश को प्राकृतिक वातावरण मिलेगा।

गोमूत्र व गोबर का होगा विभिन्न कार्यों में उपयोग

अध्यक्ष ने योजना बताते हुए कहा कि अभयारण्य से कई उत्पाद तैयार किए जाएंगे। बायो गैस, गोबर गैस सहित अन्य ऐसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे जिनसे आय के अवसर उपलब्ध होंगे और राशि को यहीं लगाया जाएगा। क्षेत्र के किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा, औषधियां तैयार की जाएंगी। गाय का भोजन जंगल में और जंगल का भोजन गाय के पास होगा। इस प्राकृतिक समीकरण को आकार देने का कार्य करने की एक शुरुआत हो गई है।

गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर गौशालाओं के लिए करें आरक्षित
गाय करुणा, दया का प्रतीक है। गौशालाओं में गायों की अच्छे से सेवा करें। जिले की गौशालाएं अनुसंधान पर आत्मनिर्भर बनेंं यह बात मप्र गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने मंगलवार को कलेक्टोरेट में जिले के गौशाला संचालकों की बैठक में कही। अध्यक्ष ने संचालकों की समस्या सुनते हुए समस्याओं का निराकरण एवं समाधान करने का आश्वासन दिया।
अध्यक्ष ने बताया गोचर एवं चरनोई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर गोवंश के चारागाह के रूप में उपयोग करने के लिए समिति गठन का प्रस्ताव किया है। जिले में शासकीय गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर उन्हें गोशालाओं के गोवंशों के लिए चारागाह विकसित करने हेतु आरक्षित की जाए। लंपी के संबंध में सभी संचालकों को जल्द से जल्द गायों का टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि बीमार गायों को अलग रखा जाकर उपचार किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर गोशालाओं के लिए आरक्षित करने हेतु पशु चिकित्सक डॉ. जीमल खान को नोडल बनाया है।
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