जयपुर, । लंपी स्किन डिजीज, बढ़ते अपराध समेत कई मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी मंगलवार को सड़क पर उतर गई। भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की तरफ कूच किया। प्रदेश भाजपा मुख्यालय से प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में कार्यकर्ता और नेता पैदल ही विधानसभा की ओर रवाना हुए, लेकिन 22 गोदाम सर्किल से पहले पुलिस ने उन्हें रोक दिया। यहां सांसदों के साथ प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां व अन्य नेता धरने पर बैठ गए और पुलिस को गिरफ्तारियां दीं। इस दौरान उनकी पुलिस से तीखी झड़प भी हुई।
सहकार मार्ग पर कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। इस बीच बैरिकेडिंग पर चढ़े बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को पुलिसवालों ने धक्का मार दिया। जिससे वे नीचे गिर गए। कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इससे पहले सुबह 11 बजे सी-स्कीम स्थित बीजेपी ऑफिस से सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूनिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यालय से विधानसभा घेराव के लिए कूच किया, लेकिन सहकार मार्ग पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। यहां पार्टी नेताओं की ओर से नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तारी दी। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते कार्यकर्ता सतीश पूनिया के रथ के साथ आगे बढ़ रहे थे। पहले पुलिस अधिकारियों की ओर से उनकी समझाइश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक पीछे धकेलने का प्रयास किया।
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में निकाले जाने वाले इस जुलूस में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, जयपुर संभाग और टोंक-सवाई माधोपुर से बीजेपी नेता, पार्टी के सभी 7 माेर्चा- बीजेपी किसान मोर्चा, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। सांसद घनश्याम तिवाड़ी, रामचरण बोहरा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक, मोहनलाल गुप्ता, अशोक परनामी समेत पार्टी के मंडलों का कार्यकर्ता और जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज से पार्षद भी मौजूद रहे।
विधानसभा कूच से पहले प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर एक बड़ी जनसभा हुई, जिसे पार्टी से जुड़े नेताओं ने संबोधित किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां सहित अन्य वक्ताओं ने मौजूदा गहलोत सरकार को गौ हत्यारी सरकार करार दिया। पूनिया ने यह तक कह दिया कि अभी श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं और जल्द ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार का श्राद्ध हो जाएगा। पूनियां ने कहा कि राजस्थान में जिस प्रकार लंपी के बीच गहलोत सरकार की संवेदनहीनता देखने को मिली है, उससे आम जनता आक्रोशित हैं। हम विपक्ष के नाते सदन में और सड़क पर भी इस मामले को उठा रहे हैं। सरकार से मांग करते हैं कि इस बीमारी से जिस पशुपालक के गोवंश की मौत हुई है उसे 50000 का मुआवजा दें।
पूनियां ने कहा गहलोत सरकार केंद्र सरकार से इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करती है, लेकिन मुख्यमंत्री जनता को केवल गुमराह कर रहे हैं। गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में स्थानीय प्रदेश सरकारों ने इस रोग से बचाव के लिए बेहतरीन उपाय किए। राजस्थान की सरकार इसमें नाकाम रही, क्योंकि प्रदेश की सरकार की गौ माता के प्रति संवेदनाएं मर चुकी हैं, यह सरकार गौ हत्यारी सरकार है। भाजपा मुख्यालय से पैदल मार्च के रूप में रवाना हुए बीजेपी प्रदर्शनकारियों को 22 गोदाम सर्किल पर पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान सतीश पूनिया और भाजपा नेताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर विधानसभा की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें वहीं रोक दिया। इसके बाद नेता यहां धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद भाजपा प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को गिरफ्तारियां दीं। पुलिस बल ने बसों में बिठाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और तमाम नेताओं को हिरासत में लिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पूनियां की पुलिस से झड़प भी हुई। वे बेरिकेडिंग पर चढ़ गए। पूनियां कुछ देर तक बैरिकेडिंग पर ही रहे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी को भी हल्की चोट आई, उन्हें उपचार के लिए एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में ले जाया गया। कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक मरा हुआ बछड़ा भी सड़क के बीच में रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान यह कार्यकर्ता कहते रहे कि पहले नगर निगम वाले इस मरे हुए बछड़े को यहां से लेकर जाएं उसके बाद ही वह यहां से रवाना होंगे।
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