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देवबंद में गौ ध्वज गंगा यात्रा का किया स्वागत

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देवबंद में ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम से रवाना हुई गौ ध्वज गंगा यात्रा का मंगलवार को देवबंद पहुंचने पर हिंदू जागरण मंच और वंदेमातरम मिशन के कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया।

गौरक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशु मोंगिया के नेतृत्व में मंगलवार को देवबंद पहुंची गौ ध्वज गंगा यात्रा सबसे पहले श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पहुंची। यहां पर हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुरेंद्रपाल सिंह और वंदेमातरम मिशन के संस्थापक विजयकांत चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने यात्रा में शामिल लोगों का पुष्पवर्षा कर और पटका पहनाकर स्वागत किया। आशु मोंगिया ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए गौ ध्वज गंगा यात्रा को स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने गंगा आरती के बाद ध्वज फहराकर रवाना किया ह। यह यात्रा 11 मई को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन पहुंचकर संपन्न होगी। जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपकर गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और गोहत्यारों को आतंकवादी घोषित करने की मांग की जाएगी। इस दौरान अमित धीमान, मयंक अरोड़ा, राव मुशर्रफ अली, सागर सिंह, राघव धीमान, अमर प्रताप सिंह, शुभलेश शर्मा, बिजेंद्र गुप्ता, राजकिशोर गुप्ता, संजय राणा, निमित जैन, गौरव राणा, दीपक सोम, रोहित शर्मा मौजूद रहे।

ताज महल मंदिर है या मकबरा ? अब ये 20 दरवाजे खोलेंगे कई बड़े रहस्य

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उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट में बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने ताजमहल को लेकर एक याचिका दायर की है. इस याचिका में ताजमहल की जगह तेजो महालय या शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. इस दावे के साथ ताजमहल के तहखाने में जो 22 कमरे है. उसमें से 20 कमरे खोलने की मांग की गई है. याचिका दायर करने वाले बीजेपी के कार्यकर्ता डॉ. रजनीश का कहना है कि ताजमहल की सच्चाई क्या है. क्या ये तेजो महालय है या ये मकबरा है. इस भ्रम से पर्दा उठाने के लिए ये 20 कमरे खुलने जरुरी है ताकि सच्चाई दुनिया के सामने आ सके.

याचिका में क्या दावा किया गया ?
याचिका में कई किताबों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यहां 1212 AD में राजा परमारदी देव ने तेजो महालय का निर्माण करवाया था. ये तेजोमहालय बाद में विरासत के रुप में जयपुर के राजा मानसिंह को मिला था. बाद में यही विरासत राजा जयसिंह को भी मिली. लेकिन कालांतर में शाहजहां ने इसे तुड़वाकर यहां मकबरा बनवा दिया. याचिका में दावा किया गया है कि किसी भी मुगल कोर्ट पेपर या मुगल वृतांत में औरंगजेब के कालखंड में ताजमहल का जिक्र नहीं है. और यहां तक की मुस्लिम महल शब्द का इस्तेमाल भी नहीं करते है.

याचिका में इस बात पर भी सवाल उठाए गए है कि ये मकबरा शाहजहां के समय का नहीं है. याचिका में कहा गया है कि ओरंगजेब के समय में साल 1652 में औरंगजेब ने मुमताज के मकबरे की मरम्मत के निर्देश दिए थे. औरंगजेब ने अपने निर्देशों में साफ कहा था कि मकबरे के हाल अच्छे नहीं है. कई जगहों पर दरारें पड़ चुकी है तो कई जगहों से रिस रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर शाहजहां ने इसका निर्माण कराया, तो औरंगजेब के कालखंड तक, इतने कम समय में ये मकबरा जर्जर हालात में कैसे हो गया. याचिका में ये भी कहा गया है कि किसी भी कब्र को बनाने में 22 साल का वक्त नहीं लग सकता है. जबकि इसका निर्माण 1631 में शुरु किया और 1653 में ये पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ.

कैसे बंद हुए ये 20 कमरे ?
साल 1972 से ताजमहल के तहखाने के इन कमरों को बंद कर दिया गया था. आम पर्यटकों का यहां प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया. इसकी वजहों को लेकर आम लोगों में भ्रम है. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि 1980 के दशक में ताजमहल की इन दीवारों में दरारें आ गई थी. इन कमरों से होकर मीनारों की ओर रास्ता जाता है. जिसकी वजह से कई लोग यहां से आत्महत्या जैसे कदम भी उठाते थे. दीवारों और फर्श में आए कई दूसरे बदलावों की वजह से भी सुरक्षा कारणों से इसे बंद कर दिया गया.

साल 2006 में इन कमरों की दीवारें काफी जर्जर हुई तो इसकी मरम्मत का काम भी किया गया. दीवारों में आई दरारों की प्वाइंटिंग और प्लास्टर का काम किया गया. साथ ही सीलन से दीवारों को होने वाले नुकसान को लेकर भी संरक्षण के उपाय किए गए.

क्या है ASI का दावा ?
फरवरी 2008 में एएसआई ने इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के आगरा कोर्ट में एक एफिडेविट भी दायर किया था. जिसमें एएसआई ने कहा कि ताजमहल में तेजो महालय या शिव मंदिर होने का जो दावा है, वो पूरी तरह से काल्पनिक दावा है. एएसआई का कहना है कि ताजमहल में केवल सुरक्षा कारणों से ही नीचे के बीस कमरों को बंद किया गया है. एएसआई के एफिडेविट के हिसाब से ही सुप्रीम कोर्ट ने ये तय किया है कि ताजमहल के किन हिस्सों को खोला जाए और किनको नहीं.

गौ संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन बेहद सख्त

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कानपुर देहात: कानपुर देहात में गौ संरक्षण केन्द्र के निर्माण कराने में जिला प्रशासन जुटा हुआ है। वहीं कुछ लोगों ने गौ संरक्षण केन्द्र की जमीन पर ही कब्जा कर लिया है। जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक लिखित तौर पर शिकायत की गई है। गौ संरक्षण केन्द्र की जमीन को सुरक्षित करने की मांग की गई है।

कानपुर देहात की तहसील अकबरपुर के ग्राम किशरवल के निवासी पूर्व ग्राम प्रधान सालिगराम राम ने गांव के कुछ लोगों पर लेखपाल से सांठगांठ कर गौ संरक्षण केन्द्र की कुछ जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम किशरवल के अन्तर्गत सरकार द्वारा विगत वर्षों में गाटा सं.1354 रकबा 7.0000 व गाटा सं.1379 रकबा 1.0000 कुल रकबा 18.0000 ग्राम समाज की भूमि सरकार द्वारा अधिग्रहण करके सरकार ने गौ संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया था।

जो कि इस वक्त भी सरकार की ओर से संचालित है। गौ संरक्षण केन्द्र की आशिक भूमि गाटा सं.1354 रकबा लगभग 0.102080 में कुछ लोगों के द्वारा दबंगई व बलपूर्वक जेसीबी मशीन से गौसंरक्षण केन्द्र की कच्ची बाउण्ड्री तोड़कर कब्जा कर लिया गया है। एसडीएम अकबरपुर ने बताया की मामले की जानकारी अभी नहीं है। अगर ऐसी कोई शिकायत करी गई है तो जानकारी कर मामले की जांच करवाई जाएगी।

कोंग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने दिया 1.56 करोड़ का अनुदान पंचायत समिति स्तर पर खोली जा रही हैं नंदीशालाएं

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राजस्थान गौ सेवा समिति के जिला अध्यक्ष हरनारायण सोनी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सर्वप्रथम गौशाला में गोवंश को गुड़ खिलाकर गौ माता का पूजन किया गया. मुख्यमंत्री गहलोत ने संत महात्माओं एवं गौ भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गौशालाओं को छह माह दिया जाने वाले अनुदान को बढ़ाकर नौ माह करने की घोषणा गौ रक्षा हुंकार सभा को संबोधित करते हुए की.

राजस्थान गो सेवा समिति द्वारा आयोजित गौरक्षा संत हुंकार सभा का आयोजन पिंजरापोल गौशाला सांगानेर, जयपुर में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज, गोऋषि स्वामी दत्त शरणानंद महाराज पथमेड़ा, राजस्थान गो सेवा समिति के अध्यक्ष महंत दिनेशगिरी महाराज सहित बड़ी संख्या में संत महात्माओं एवं गौ भक्तों के सानिध्य में हुआ.

इसमें संरक्षक हीरापुरी महाराज, सचिव रघुनाथ सिंह राजपुरोहित, उपाध्यक्ष रघुनाथ भारती महाराज, मांगीलाल परासरिया, संगठन सचिव रामचंद्र नेहरा, गोविंदराम शास्त्री खेड़ापा उत्तराधिकारी, रामदास शास्त्री देवरी धाम, नारायण दास महाराज रोकड़िया बालाजी धाम नेरवा सहित कई लोग शामिल हुए.

राजस्थान गौ सेवा समिति के जिला अध्यक्ष हरनारायण सोनी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सर्वप्रथम गौशाला में गोवंश को गुड़ खिलाकर गौ माता का पूजन किया गया. मुख्यमंत्री गहलोत ने संत महात्माओं एवं गौ भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गौशालाओं को छह माह दिया जाने वाले अनुदान को बढ़ाकर नौ माह करने की घोषणा गौ रक्षा हुंकार सभा को संबोधित करते हुए की. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 1.56 करोड़ के अनुदान से पंचायत समिति स्तर पर नंदीशालाएं खोली जा रही हैं एवं सभी ग्राम पंचायत मे एक करोड़ की लागत से सरकार गौशाला खोलने जा रही है, जिससे बेसहारा गोवंश को आश्रय मिलेगा.

भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान महत्वपूर्ण
गहलोत ने कहा कि गौशाला खोलने में आने वाली प्रशासनिक दिक्क़तों को दूर करने एवं गोचर भूमि का संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री पशुधन निशुल्क दवा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि समय पर उपचार के लिए सरकार पशुओं के लिए निशुल्क दवा उपलब्ध करवा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान महत्वपूर्ण है, गौ सेवक निस्वार्थ भावना से गौ सेवा में लगते हैं, उनकी भावना का सम्मान करना सरकार का कर्तव्य है.

सभा को गोपालन मंत्री प्रमोद जैन, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह टोडासरा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन, उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित, श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई सहित संत महात्माओं ने संबोधित किया. राजस्थान गो सेवा समिति जोधपुर जिला इकाई के अध्यक्ष हरनारायण सोनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवानदास राठी, उपाध्यक्ष प्रकाश व्यास, ओमप्रकाश बूब, सचिव रविंद्र जैन, कोषाध्यक्ष छगनलाल बाहेती, मोतीलाल सोनी सहित सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने राज्य संगठन, संत महात्माओं, गोभक्तों और मुख्यमंत्री गहलोत का आभार व्यक्त किया.

दिल्ली: SDMC द्वारा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान

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दिल्ली: SDMC द्वारा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस भी मौके पर मौजूद है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों से यह कार्यवाही चालू किया गया था।

PMSBY, PMJJBY और अटल पेंशन योजना से करोड़ों लोगों को मिला लाभ, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्‍तार से दी जानकारी

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नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई जन सुरक्षा योजनाओं के चलते आम आदमी की पहुंच बीमा और पेंशन तक हो सकी है। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना की सातवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि बीते सात वर्षो में इन योजनाओं के तहत नामांकित और लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या इनकी सफलता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री मोदी ने 9 मई, 2015 को इन तीनों योजनाओं की शुरुआत की थी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीवन ज्योति बीमा योजना शुरू होने के बाद से अब तक 12.76 करोड़ लोगों ने बीमा कवर के लिए नामांकन कराया है। इस दौरान 5,76,121 लोगों के परिवारों को दावे के रूप में 11,522 करोड़ रुपये मिले हैं। यह योजना कम आय वाले परिवारों के लिए महामारी के दौरान बेहद उपयोगी साबित हुई। वित्त वर्ष 2020-21 में भुगतान किए गए लगभग 50 प्रतिशत दावे कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों ने किए थे।’

उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद 1 अप्रैल, 2020 से लेकर 23 फरवरी, 2022 तक कुल 2.10 लाख दावों का भुगतान 4,194.28 करोड़ रुपये के 99.72 प्रतिशत की निपटान दर के साथ किया गया। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत भी 28.37 करोड़ लोगों ने दुर्घटना कवर के लिए नामांकन किया है। इस दौरान 97,227 दावों के मद में 1,930 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) दो लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान करती है जबकि पीएमएसबीवाई के तहत मौत या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और अस्थायी विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये मिलते हैं। वित्त मंत्री ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक चार करोड़ से अधिक लोग इस पेंशन योजना के तहत पंजीकरण करा चुके हैं।

नीतिगत बदलावों ने निजी क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा किए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों ने निजी क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि अब निजी क्षेत्र उन वस्तुओं का भी निर्माण कर सकता है जो कभी सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान बनाया करते थे। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान अवसरों को मैन्यूफैक्चरिंग अवसरों को सीमित रखा गया था। सीतारमण ने कहा कि वर्ष 1991 में उदारीकरण के एलान के बाद कुछ अच्छी चीजें हुई, लेकिन मोदी सरकार द्वारा किए गए बदलावों ने निजी क्षेत्र विशेष रूप से एमएसएमई को नए अवसर प्रदान किए।

Navneet Rana: मुश्किल में नवनीत राणा, कर दी ये बड़ी गलती जाना पड़ सकता है फिर से जेल

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मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र सरकार सोमवार को अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) उनके विधायक पति रवि राणा (Ravi Rana) की जमानत (Bail) को चुनौती दे सकती है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) प्रदीप घरत ने कहा, “मैंने नवनीत राणा और रवि राणा की कुछ क्लिप भेजी हैं। उन क्लिप को ध्यान से देखने के बाद, मैं संतुष्ट हूं कि उनकी बातचीत उन्हें दिए गए जमानत आदेश में रखी गई शर्तों का उल्लंघन है। मैं कर्तव्यबद्ध हूं कि इसे अदालत के सामने रखूं। मैं सोमवार को अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने और उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध करूंगा।

बुधवार को जेल से रिहा हुए थे राणा दंपती

गौरतलब है कि मुंबई की सत्र अदालत ने बुधवार को राणा दंपती को जमानत दे दी थी, जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा के बाद गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को भायखला जेल से रिहा होने के बाद नवनीत राणा को मेडिकल चेकअप के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छाती, गर्दन और शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द के साथ-साथ स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत के बाद शनिवार को लीलावती अस्पताल में उनका एमआरआई स्कैन और पूरे शरीर का चेकअप हुआ था।

सशर्त मिली जमानत का किया उल्‍लंघन

राणा दंपती को 12 दिन जेल में रहने के बाद कोर्ट से जमानत मिल थी। जमानत देते समय अदालत ने कई शर्तें भी रखी थीं, जिनका उल्लंघन करते हुए जमानत रद की जा सकती थी। ऐसी ही एक शर्त में यह भी शामिल है कि नवनीत राणा और उनके पति मामले को लेकर मीडिया में कोई बयान जारी नहीं कर सकते। हालांकि नवनीत राणा ने अस्पताल से छुट्टी मिलते ही मीडिया से बात की और गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया।
बता दें कि राणा दंपती को 23 अप्रैल को उनके मुंबई आवास से गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपति ने घोषणा की थी कि वे बांद्रा में उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। दोनों पर राजद्रोह, दुश्मनी को बढ़ावा देने और कर्तव्य के निर्वहन को रोकने के लिए एक लोक सेवक पर हमला करने के आरोप में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं थी।

राज और आदित्‍य ठाकरे लेंगे रामलला का आशीर्वाद

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मुंबई (एएनआई)। महाराष्‍ट्र में लाउडस्‍पीकर और हिंदुत्‍व के मुद्दे पर शुरू हुई सियासत का रुख अब अयोध्‍या हो गया है। दरअसल, पांच जून को महाराष्‍ट्र की राजनीति में लाउडस्‍पीकर मुद्दे की शुरुआत करने वाले महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे अयोध्‍या आ रहे हैं। वो यहां पर राम लला के दर्शन करेंगे और आशीर्वाद लेंगे। वहीं दूसरी तरफ महाराष्‍ट्र के पर्यटन मंत्री और राज्‍य के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्‍य ठाकरे भी इसके कुछ दिन बाद 10 जून को अयोध्‍या जाने वाले हैं। इसको देखते हुए महाराष्‍ट्र ही नहीं बल्कि यूपी में भी राजनीति जोरों पर हो सकती है।
शिव सेना नेता संजय राउत ने बताया है कि आदित्‍य के अयोध्‍या जाने के पीछे किसी तरह की कोई राजनीति नहीं है बल्कि हमारी श्रद्धा है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि देशभर के शिव सैनिक इस दिन अयोध्‍या में एकत्रित होंगे और उद्धव ठाकरे का स्‍वागत करेंगे। आदित्‍य ठाकरे के साथ कई शिवसैनिक भी अयोध्‍या जा रहे हैं। संजय राउत का कहना है कि अयोध्‍या में आदित्‍य के स्‍वागत की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। महाराष्‍ट्र से यूपी में अयोध्‍या की राह पकड़ने वाले इन दोनों ही नेताओं का कहना है कि वो राम लला से आशीर्वाद लेने के लिए ही राम जन्‍म भूमि जा रहे हैं।

अपने इस दौरे की जानकारी देते हुए राज ठाकरे ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की वजह से आज उस जगह पर राम मंदिर निर्माण संभव हो सका है। एमएनएस ने इसकी तैयारी भी जोर-शोर से शुरू कर दी है। मुंबई में जगह-जगह समर्थकों के लिए चलो अयोध्‍या के पोस्‍टर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा मनसे को ज्‍वाइन करने की भी अपील लोगों से की जा रही है। ऐसी ही अपील उत्‍तर प्रदेश में भी की जा रही है।

बता दें कि इससे पहले राज ठाकरे ने लाउडस्‍पीकर विवाद में बाल ठाकरे का एक पुराना वीडियो ट्विटर पर पोस्‍ट किया था, जिसमें वे लाउडस्‍पीकर विवाद को उठाते दिखाई दे रहे थे। इसमें वो मस्जिदों पर लाउडस्‍पीकरों के खिलाफ बोलते दिखाई दे रहे थे। इससे पहले राज ने खुद को हिंदुत्‍ववादी बताया था। महाराष्‍ट्र में इस मुद्दे को गरमाने के लिए भीराजठाकरे ने कई बयान दिए। पिछले दिनों उन्‍होंने पुणे के पुलिस आयुक्‍त को पत्र लिखकर कहा था कि सभी मस्जिदों के मौलवी ये सुनिश्चित करें कि अजान लाउडस्‍पीकर पर न हो। इसके लिए वो सभी लिखित में अपनी सहमति दें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर आगे जो होगा उसके लिए मनसे जिम्‍मेदार नहीं होगी।

यूपी-उत्तराखंड के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

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नई दिल्ली, एजेंसी। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के कई रेलवे स्टेशनों और धार्मिक स्थलों को 21 मई को बम से उड़ाने की धमकी भरा पत्र मिलने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। रेलवे ने अपने जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर चेकिंग अभियान चलाया है। इसी के साथ सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं।

बता दें कि मुरादाबाद, बरेली और हरिद्वार रेलवे स्टेशन समेत कई स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी रविवार को मिली। इस संबंध में रुड़की के स्टेशन अधीक्षक को पत्र भेजा गया है। धमकी भरा पत्र भेजने वाले ने अपने को जैश-ए-मुहम्मद का एरिया कंमाडर सलीम अंसारी बताते हुए इन स्टेशनों पर 21 मई को बम विस्फोट की बात कही है। इसके अलावा पत्र में हरिद्वार के कई धार्मिकस्थलों और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। स्टेशन अधीक्षक ने आरपीएफ और जीआरपी के साथ ही मुरादाबाद के डीआरएम अजय नंदन को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया है।

रुड़की स्टेशन अधीक्षक एलके वर्मा के नाम से रविवार को एक अंतरदेशीय पत्र आया। पत्र भेज भेजने वाले ने खुद को जैश-ए-मुहम्मद का एरिया कंमाडर सलीम अंसारी बताते हुए कहा कि 21 मई को हरिद्वार, लक्सर, रुड़की,देहरादून, ऋषिकेश, काठगोदाम, मुरादाबाद और बरेली के स्टेशनों को बम से उड़ा देंगे। वहीं 23 मई को हरिद्वार के धार्मिकस्थल मंशा देवी, हरकी पैड़ी को भी निशाना बनाएंगे, साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी बम से उड़ा देंगे।

स्टेशन अधीक्षक रुड़की ने डीआरएम को धमकी भरे पत्र की प्रति व्हाटसएप पर भेजी है। वहीं इस पत्र से जीआरपी तथा आरपीएफ को भी अवगत कराया। पत्र को रेलवे ने गंभीरता से लेते हुए इसी जांच शुरू करा दी है। वहीं जीआरपी आए पत्र की लिखाई और पत्र पर डाकघर की मुहर की पड़ताल करने में लगी है। बतादें कि पहले भी कई बार रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है।

अपने आस-पास दिखने वाली किसी भी संदिग्ध वस्तु की जानकारी हमें दें: हरिद्वार जीआरपी

जीआरपी हरिद्वार की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती ने कहा कि हम लोग लगातार चेकिंग भी करा रहे हैं, सभी संदिग्ध लोगों पर भी नज़र रखी जा रही है। सभी को निर्देश दिया गया है कि जितनी भी संदिग्ध वस्तु दिखें, उन सभी की चेकिंग करा लें। हमें पत्र प्राप्त हुआ है, जानकारी में आया है कि पहले भी कुछ संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन और कुछ अन्य संस्थानों को लेकर धमकी दी गई है। मामले में जांच कराई जा रही है। रेलवे स्टेशन पर लगातार चेकिंग की जा रही है। संदिग्ध लोगों और वस्तुओं पर भी नजर रखी जा रही है। लोगों को भी सचेत किया जा रहा है कि अपने आस-पास दिखने वाली किसी भी संदिग्ध वस्तु की जानकारी हमें दें।

अंतरिक्ष से बादलों में लिखा दिखा ‘GO’, किसे और कहां जाने का इशारा कर रही है पृथ्वी

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आसमान में तैरते बादलों को देख कर अपनी-अपनी कल्पना के हिसाब से उसमें इंसान तस्वीरें खोजता रहा है। कभी उसे बादलों में जानवर बना दिखता है तौ कभी बच्चा। लेकिन सैटेलाइट से ली गई एक तस्वीर में कुछ अलग ही देखने को मिला है। इस तस्वीर में अंग्रेजी के अक्षर देखने को मिले हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या पृथ्वी हमसे कुछ कहना चाहती है?

GOES-ईस्ट सैटेलाइट ने अंतरिक्ष से पृथ्वी के मौसम पर नजर रखने के दौरान बादलों में ‘GO’ लिखा हुआ देखा है। ये तस्वीर 6 मई को खींची गई है। बादलों में GO अक्षर वायुमंडलीय स्थित के कारण बना एक आकार है। वहीं, इंसानी दिमाग हमेशा से बादलों में तस्वीरें खोजता रहा है जिसे पेरिडोलिया (Pareidolia) कहा जाता है।