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पॉकेट मनी-एचीव द गोल’ की शूटिंग कंप्लीट

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निर्माता द्वय प्रदीप भारद्वाज एवं सी. शेखर द्वारा सूर्य संस्कृति एवं आशादीप पिक्चर्स के बैनर तले निर्मित भोजपुरी फिल्म ‘पॉकेट मनी-एचीव द गोल’ की शूटिंग पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर व सोनभद्र स्थित रमणीय लोकेशनों में कंप्लीट हो चुकी है। सिनेदर्शकों के टेस्ट में आये बदलाव को ध्यान में रखते हुये इस संदेशपरक भोजपुरी फिल्म की कथावस्तु में रोमांस, एक्शन, कॉमेडी और ट्रेजडी का समावेश आम लीक से हट कर किया गया है। इस फिल्म के गीतकार संगीतकार एवं निर्देशक अशोक घायल,कोरियोग्राफर नरेंद्र शर्मा, एक्शन डायरेक्टर श्रवण कुमार, सिनेमेटोग्राफर राजेश वर्मा व मनीष पटेल और सह निर्माता उत्तम पाण्डेय व प्रभू हैं।

फिल्म की कहानी पर प्रकाश डालते हुए निर्देशक अशोक घायल ने बताया कि कॉलेज में अवैध रूप से की जाने वाली हफ्तावसूली और सरकारी आरक्षण की वजह से सामाजिक परिवेश में आये बदलाव और आर्थिक अभाव का दंश झेल रहे युवा पीढ़ी की व्यथा को इस फिल्म की कथावस्तु का आधार बनाया गया है। इस फिल्म के कुल 6 कर्णप्रिय गानों को स्वर दिया है सुदेश भोसले, कल्पना, अर्जुन, सायरा खान, सुमित मिश्रा व सेतु सिंह ने। इस फिल्म में पहली बार चर्चित धारावाहिक ‘महाभारत’ में अर्जुन की भूमिका निभा चुके अभिनेता फ़िरोज खान खलनायक के रूप में शकुनि मामा गुफी पेंटल के साथ स्क्रीन पर नज़र आएंगे। इस फिल्म के अन्य मुख्य कलाकार अतुल सिंह, अनिमेष पाण्डेय, पायल, बंटी, ट्विंकल झा, पंकज मेहता, राशि, सुमन्त मिश्रा और राजमोहन आदि हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

पशुधन को लेकर शिलांग उच्च न्यायालय में गौ ज्ञान फाउंडेशन की उल्लेखनीय जीत चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने गौवंश पर सुनाया ऐतिहासिक फैसला ,मांस के खुले प्रदर्शन पर रोक

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File Photo

दिल्ली-भारतीय पशुधन खासकर मेघालय राज्य में व्याप्त पशुधन क्रूरता को लेकर एक जनहित याचिका-की सुनवाई करते हुए इस मामले को मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। शुरू में जज ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि क्या तुम मवेशी खाते हो ? आप इस देश को मवेशियों के मुद्दे पर बांटना चाहते हैं ? आपने जानवरों के कल्याण के लिए यह जनहित याचिका दायर नहीं की है। क्या आप अन्य जानवरों की देखभाल करते हैं ?

चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी की खंडपीठ शुरू में इस मुद्दे पर कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में वे मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गए और अंत में उन्होंने निम्नलिखित ऐतिहासिक आदेश पारित किया:

.१- मेघालय के सभी पशुधन बाजार पशुधन बाजार नियम, 2017 का पालन करेंगे।

2. राज्य सरकार को जानवरों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है, विशेष रूप से जिन्हें ले जाया जाता है, जिन्हें किसी भी बाजार-स्थान पर लाया जाता है, जिस तरह से जानवरों को मार दिया जाता है और सभी चरणों और स्थानों पर मानवीय और स्वच्छ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है।

3. राज्य को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि मांस-विक्रेताओं द्वारा अधिक स्वच्छ परिस्थितियों का पालन किया जाए।

4. कोर्ट ने सलाह दी कि मांस का खुला प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।
5. न्यायालय ने जिला पशु बाजार अनुश्रवण समिति गठित करने, पशु बाजार समिति का गठन, मौजूदा पशु बाजारों का पंजीकरण, नये पशु बाजार की स्थापना के लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया एवं जिले के कार्यों के क्रियान्वयन के निर्देश दिये.
पशु विपणन बाजार निगरानी समिति।

6. पशुधन बाजार में आवास, छाया, चारा कुंड, पानी की टंकी, प्रकाश व्यवस्था, रैंप, पशु चिकित्सा सुविधा, शौचालय, मृत पशुओं के निपटान के लिए प्रावधान, स्वच्छता सुनिश्चित करने और खाद और जैव-अपशिष्ट को हटाने और अलग करने की सुविधा होनी चाहिए। विभिन्न के लिए संलग्नक
जानवरों।
7. परिवहन नियम और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 125ई का पूरे मेघालय में पालन किया जाएगा।
8. मेघालय राज्य के सचिव व्यक्तिगत रूप से मामले को देखें और हलफनामा दाखिल करें।

इस आदेश का पालन और अनुपालन 14.06.2022 से लागु होगा। इस तरह से शिलांग उच्च न्यायालय में गौ ज्ञान फाउंडेशन की उल्लेखनीय जीत और मैन ऑफ द मैच है Adv. विनय जी श्रॉफ की जीत हुई।

प्रेमिका ने प्रेमी को ढूंढा अब जल्द करेंगे निकाह – प्रेम की अनोखी कहानी

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चंदौली: कोरोना काल में लगे लाकडाउन के कारण लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। दूसरे प्रदेश में अपने सपनों को साकार करने के लिए गए किसी ने कुछ खोया तो कुछ सब कुछ छोड़-छाड़ अपने घर लौट आए। ऐसा ही कुछ चंदौली जिले के एक युवक के साथ हुआ। जिले के सैयदराजा निवासी एक युवक मुंबई शहर में अपने सपनों को साकार करने गया। इस दौरान एक लड़की से उसे प्यार हुआ। यहां तक कि दोनों एक साथ रहने लगे। सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच कोरोना का प्रकोप बढ़ा और पूरे भारत में लॉकडाउन लग गया। मुंबई में भी लॉकडाउन लगा और युवक का रोजगार प्रभावित हो गया। मुंबई जैसे शहर में बिना रोजगार गुजर-बसर करना आसान नहीं था। इसलिए युवक ने घर वापस आने का फैसला किया और अपने प्यार को बिना कुछ बताए अपने घर सैयदराजा वापस लौट आया और अपना मोबाइल नंबर बंद करने के साथ मुंबई की युवती से नाता तोड़ लिया।

डाकखाने से प्रेमी के घर का मिला पता

उधर, मुंबई में प्रेमी की गैरमौजूदगी युवती को खलने लगी। किसी भी तरह युवती अपने प्रेमी से संपर्क नहीं साध पा रही थी। युवती को अपने प्रेमी के घर का पता भी नहीं था। ऐसे में युवती ने अपने प्रेमी के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई पर कोई सफलता नहीं मिली। युवती सोच में पड़ गयी कि आखिर करें तो क्या करें? इस बीच युवती को याद आया कि उसका प्रेमी अपने घर वालों को डाकखाने और बैंक से पैसा भेजता था। फिर क्या था, बैंक के सहयोग से युवती को प्रेमी के घर का पता मिला और युवती बिना देर किए अपने प्रेमी के घर सैयदराजा पहुंची, लेकिन प्रेमी के घरवालों ने युवती को उससे मिलने नहीं दिया। इसके बाद वह अपना प्रेम पाने के लिए सैयदराजा थाने पहुंची और पुलिस को अपनी सारी दास्तान सुनाई।

इस पर सैयदराजा थाना प्रभारी ने दोनों को मिलाने का फैसला लिया। पुलिस की पहल पर प्रेमी ने कहा कि वह माता-पिता की उपस्थिति में निकाह करके युवती को साथ रखेगा और युवक का परिवार दोनों के निकाह के लिए राजी हो गया।

दोनों जल्द ही निकाह करेंगे
इस संबंध में सैयदराजा थाना प्रभारी ने बताया कि प्रेमिका मुंबई से चलकर आई थी। प्रेमी लॉकडाउन में घर लौट आने के बाद प्रेमिका से संबंध खत्म करने की कोशिश की थी, लेकिन प्रेमिका उसे तलाश करते हुए यहां तक आ गई। उन दोनों को एक करने के लिए हमारी ओर से पहल की गई, जिस पर दोनों की रजामंदी से एक साथ रहने की हामी भरी गई है और दोनों जल्द ही निकाह करेंगे।

कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही है और उसे विपक्ष में रहना नहीं आता- प्रशांत किशोर

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Prashant Kishor (PK)

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उदयपुर में हाल ही में संपन्न हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर को विफल करार दिया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ”मुझे बार-बार उदयपुर चिंतन शिविर के परिणाम पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया है। मेरे विचार से यह यथास्थिति को बढ़ाने और कांग्रेस नेतृत्व को कुछ समय देने के अलावा कुछ भी सार्थक हासिल करने में विफल रहा। पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की हार की भी भविष्यवाणी की है।
कांग्रेस को नहीं आता विपक्ष में रहना
हाल ही में कांग्रेस के साथ लंबी चली उनकी बातचीत बेनतीजा रही थी। इसके बाद पीके ने कांग्रेस को लेकर कहा था है कि उसके नेता यह मानते हैं कि सरकार को लोग खुद ही उखाड़ फेंकेंगे और उन्हें सत्ता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही है और उसे विपक्ष में रहना नहीं आता।


उन्होंने कहा था, ‘मैं देखता हूं कि कांग्रेस के लोगों में एक समस्या है। वे मानते हैं कि हमने लंबे समय तक देश में शासन किया है और जब लोग नाराज होंगे तो सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और फिर हम आ जाएंगे। वे कहते हैं कि आप क्या जानते हैं, हम सब कुछ जानते हैं और लंबे समय तक सरकार में रहे हैं।’ कांग्रेस को नहीं आता विपक्ष में रहना हाल ही में कांग्रेस के साथ लंबी चली उनकी बातचीत बेनतीजा रही थी। इसके बाद पीके ने कांग्रेस को लेकर कहा था है कि उसके नेता यह मानते हैं कि सरकार को लोग खुद ही उखाड़ फेंकेंगे और उन्हें सत्ता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही है और उसे विपक्ष में रहना नहीं आता। उन्होंने कहा था, ‘मैं देखता हूं कि कांग्रेस के लोगों में एक समस्या है। वे मानते हैं कि हमने लंबे समय तक देश में शासन किया है और जब लोग नाराज होंगे तो सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और फिर हम आ जाएंगे। वे कहते हैं कि आप क्या जानते हैं, हम सब कुछ जानते हैं और लंबे समय तक सरकार में रहे हैं।’

ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब विवादित स्थल मस्जिद नहीं, मंदिर है

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– Ajay Singh

वार्ता,नई दिल्‍ली उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को अपराहन तीन बजे वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस विवादित मुद्दे पर सुनवाई की जाएगी। पीठ ने गुरुवार सुनवाई स्थगित करते हुए शुक्रवार दिन में 3:00 बजे सुनवाई करने का आदेश पारित किया था। इस बीच हिंदू पक्षकार ने शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विवादित जगह मस्जिद नहीं, बल्कि भगवान की संपत्ति है।भारत में इस्लामिक शासन से हज़ारों साल पहले से यह संपत्ति भगवान ‘आदि वश्विेश्वर’ की है तथा इसे किसी को नहीं दी जा सकती। सदियों से उस स्थल पर हिंदू रीतियों का पालन करते हुए लोग परक्रिमा करते आ रहे हैं।

हिंदू पक्ष के जवाब में कहा गया है कि औरंगज़ेब के शासक में उस मंदिर की संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा किया था। इस कब्जे से मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिल सकता। औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया। हिंदू पक्ष के वकील विष्‍णु शंकर जैन ने अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई से पूर्व यह तथ्य अदालत में पेश किया।

जैन ने एक लिखित जवाब दाखिल कर दावा किया कि मूल मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था और शेष संरचना तथा सामग्री का उपयोग कर एक नर्मिाण किया गया था और उसे ‘ज्ञानवापी मस्जिद’ नाम दिया गया था। जवाब में दावा किया गया है कि देवता दृश्य और अदृश्य रूप में परिसर के भीतर मौजूद है और यह पुराना मंदिर है।

हिंदू पक्ष का कहना है कि 15 अगस्त, 1947 को विचाराधीन उस संपत्ति का स्वरूप हिंदू मंदिर का था क्योंकि हिंदू देवताओं और अन्य सहयोगी देवताओं की छवियां वहां मौजूद थीं तथा उनकी पूजा की जा रही थी।

Cannes 2022: कान फिल्म फेस्टिवल में हुआ ‘मुजीब’ का ट्रेलर लॉन्च, केंद्रीय मंत्री बोले- यह फिल्म बड़ी भूमिका निभाएगी

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साल के सबसे बड़े फिल्मी इवेंट कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत बीती 17 मई को चुकी है। इस बार फेस्टिवल भारत के लिए खास है, क्योंकि भारत को ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ का दर्जा मिला है। गुरुवार को फिल्म फेस्टिवल में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ‘मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ के ट्रेलर लॉन्च पर पहुंचे और कहा कि यह फिल्म बड़ी भूमिका निभाएगी। भारत और बांग्लादेश द्वारा सह निर्मित यह फिल्म बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की बायोपिक है।

मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाती है फिल्म
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘मुजीब’ दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाती है। इसके साथ ही यह उदाहरण स्थापित करती है कि कैसे दो राष्ट्र एक साथ विकसित हो सकते हैं। बंगाली भाषा बहुत मधुर है, यह हमें भी जोड़ती है। यह फिल्म बड़ी भूमिका निभाएगी। ठाकुर ने कहा कि बंगबंधु पर फिल्म के सह-निर्माण का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने रखा था।

श्याम बेनेगल ने किया निर्देशन
भारत और बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर शूट की गई इस फिल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया है। श्याम बेनेगल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि इस फिल्म के लिए काम करना बिल्कुल अद्भुत यात्रा थी क्योंकि मुझे दोनों देशों के कलाकारों और तकनीशियनों के साथ काम करने का मौका मिला।
दो साल तक चली शूटिंग
बता दें कि फिल्म की शूटिंग बीते दो सालों से चल रही थी और प्रोडक्शन का काम बीते साल दिसंबर में ही पूरा हुआ था। अरिफिन शुवू फिल्म में मुजीब का किरदार निभा रहे हैं। वहीं, फजलुर रहमान बाबू, चंचल चौधरी, नुसरत इमरोज तिशा और नुसरत फारिया भी फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखाई देंगी। इस फिल्म में अभिनेता विक्की कौशल के पिता शाम कौशल ने एक्शन निर्देशक का काम किया है। वहीं, कहानी अतुल तिवारी और शमा जैदी ने लिखी है। इस फिल्म में ज्यादातर तकनीशियन भी भारत के ही हैं।

विजय के संकल्प के साथ भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक: नड्डा ने दिया एकजुटता का संदेश, आज पीएम मोदी बताएंगे जीत का फॉर्मूला

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जयपुर में चल रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर पहुंचकर राजस्थान भाजपा के सभी खेमों को एक साथ अपनी गाड़ी में बैठाकर एकजुटता और कुनबे में सुलह का अहम संंदेश दिया है। अब सभी के नजरें आज दूसरे दिन होने वाले पीएम मोदी के संबोधन पर टिकी हैं। पीएम मोदी इस राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को वर्चुअल संबोधित करेंगे। देखना होगा कि पीएम मोदी इस दौरान क्या अहम संदेश देते हैं।

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान विजय के संकल्प के साथ आगामी दो साल में होने वाले चुनावों के लिए गुरुवार 19 मई से तीन दिवसीय मंथन (BJP National Executive Office Bearers Meet Jaipur) शुरू कर दिया है। दिल्ली रोड स्थित एक पांच सितारा होटल में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (J P Nadda) ने राष्ट्रीय महामंत्रियों की बैठक में देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के साथ खासतौर से चुनावी राज्यों राजस्थान, गुजरात, हिमाचल और मध्य प्रदेश के प्रभारियों से वहां के सियासी समीकरण का फीडबैक लिया। इससे पहले नड्डा का जयपुर में भव्य स्वागत किया गया। अपने जयपुर प्रवास के पहले दिन नड्डा ने भाजपा के सभी गुटों को एक साथ अपनी गाड़ी में बैठाकर एकजुटता और सुलह का संदेश देने की कोशिश की है। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे में गुटबाजी को दूर रखा। सभी नेताओं ने एकजुट होकर नड्डा का स्वागत किया। नड्डा ने भी एकजुटता का संदेश देने के लिए गुलाब चंद कटारिया (Gulab chanad Kataria), सतीश पूनिया (Satish Poonia, Rajasthan BJP P President) और वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje, Ex CM Rajasthan) को अपनी गाड़ी में साथ रखा।

विधानसभा चुनावों के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव है मुख्य एजेंडा
राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में विधानसभा चुनावों के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव मुख्य एजेंडा है। 2023 में राजस्थान और 2024 में केंद्र में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने की रणनीति पर आगामी तीन दिन मंथन चलेगा। मंथन की शुरुआत महामंत्रियों की गुरुवार को हुई बैठक के साथ हुई। इससे पहले जयपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कुशाभाऊ ठाकरे और सुंदर सिंह भंडारी जन्मशती वर्ष के तहत इनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

राजस्थान से चार नेता होंगे राष्ट्रीय परिषद में शामिल
पहले दिन बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में राजस्थान के चार नेता शामिल होंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। अरुण सिंह प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में शामिल होंगे।
आखिरी दिन आएगा राजनीतिक प्रस्ताव
बैठक के आखिरी दिन शनिवार को सभी प्रदेशों के संगठन महामंत्रियों की बैठक होगी। इसमें देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर राजनीतिक प्रस्ताव पास होंगे। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ जनता से जुड़े मुद्दों पर मंथन होगा। इसमें कानून व्यवस्था, पेपर लीक प्रकरण को लेकर भाजपा मुखर होगी।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वर्चुअल संबोधन आज
पदाधिकारियों को बैठक में शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल (PM Modi Virtaul Address at Jaipur BJP Meet) संबोधन होगा। प्रधानमंत्री पार्टी के 136 पदाधिकारियों को संबोधित कर उन्हें चुनाव जीतने का मंत्र देंगे। 20 मई को सुबह से शाम तक चार सत्र में बैठक होगी। समापन सत्र को जेपी नड्डा संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक के साथ राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। बैठक में राजस्थान के चुनाव सहित सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी का मार्गदर्शन, सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करेगा।

लालू यादव पर फिर शिकंजा, राजद सुप्रीमो से जुड़े 17 ठिकानों पर सीबीआई के छापे

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Delhi – राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकंजा कस दिया है। उनसे जुड़े 17 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है। यह कार्रवाई बिहार के सीएम कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव के कथित भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही है।
सीबीआई ने शुक्रवार सुबह एक साथ कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि राजद नेता के खिलाफ रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर नया केस दर्ज किया गया है।
नौकरी के बदले जमीन प्लॉट लिए गए?
आरोप है कि संप्रग सरकार के जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। जब वह रेल मंत्री थे, जब ऐसे कई मामले सामने आए थे कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी।

सशक्त आवाज कुचलने का प्रयास : राजद
सीबीआई की छापा कार्रवाई को लेकर राजद प्रवक्ता आलोक मेहता ने कहा है कि यह एक सशक्त आवाज को कुचलने का प्रयास है। यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। उधर, लालू यादव के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा कि एक बीमार व्यक्ति को जानबूझकर इस तरह परेशान किया जा रहा है। इस कार्रवाई के पीछे कौन है, यह सबको पता है।

चंद दिनों पहले जेल से रिहा हुए हैं राजद सुप्रीमो
राजद सुप्रीमो लालू यादव को चंद दिनों पहले ही चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषालय मामले में जमानत मिली है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था। 27 साल बाद कोर्ट ने उन्हें फरवरी 2022 में इस घोटाले का दोषी माना था और पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके पहले वे चारा घोटाले के अलग अलग मामलों में जेल में रह चुके हैं।

Shri Krishna Janmabhoomi : अंग्रेजी हुकूमत में ही शुरू हो गया था श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद

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– संवाद न्यूज एजेंसी

  • मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान (कटरा केशव) के मालिकाना हक को लेकर विवाद बहुत पुराना है। 15.70 एकड़ जमीन को राजा पटनीमल्ल द्वारा 1815 में ब्रिटिश हुकूमत से नीलामी में खरीदे जाने के कुछ वर्षों बाद ही दोनों पक्षों में विवाद की शुरुआत हो गई थी। ईदगाह के खातिब अताउल्ला ने मस्जिद को बिक्री में शामिल किए जाने पर एतराज दर्ज कराया था। न्यायालय ने लंबी सुनवाई के बाद इसे खारिज करते हुए परिसर में मौजूदा मकान और मस्जिद सहित संपूर्ण भूमि की बिक्री की पुष्टि 29 अक्तूबर 1832 को कर दी थी।
    बृहस्पतिवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने इन तथ्यों से मीडिया को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत को वृंदावन रेलवे लाइन के लिए परिसर के पूर्वी भाग की भूमि की आवश्यकता पड़ने पर अधिग्रहण के प्रतिफल में बनारस के राजा पटनीमल्ल के वंशज राय नरसिंह दास व राय नारायण दास को 1775 रुपये 11 आना व 9 पैसे का भुगतान भूमिधर के रूप में किया गया था।
  • हिंदू पक्ष का ही माना जाता रहा स्वामित्व

    उन्होंने बताया कि इस भूमि का विवरण 1285 फसली के राजस्व अभिलेखों में 15.70 एकड़ बंजर में एक दुकान व मस्जिद के रूप में राजा पटनीमल्ल के वंशज राय नारायण दास व अन्य के नाम अंकित है। उन्होंने कहा कि राजा पटनीमल्ल के वंशजों व उनके बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट/संघ व मथुरा के मुसलमानों के मध्य वर्ष 1832, 1897, 1920, 1921, 1928, 1929, 1932, 1946, 1955, 1956, 1958, 1959, 1960, 1961, 1965 तक चले सभी मुकदमों, उनकी अपील व रिवीजन के निर्णयों में हमेशा हिंदू पक्ष को ही कटरा केशवदेव का स्वामी माना जाता रहा है।

    कपिल शर्मा ने बताया कि जमीन पर मुसलमानों का अधिकार न होने पर भी केवल ईद के अवसर पर नमाज पढ़ने की सुविधा का उल्लेख होता रहा। जिसका उल्लंघन कर वर्ष 1986 के बाद ईदगाह परिसर में पांचों वक्त की नमाज का सिलसिला शुरू करने पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा अपनी आपत्ति जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत की थी लेकिन मुस्लिम समाज द्वारा परंपरा के विरुद्ध आज भी हठधर्मिता की जा रही है।

    ऐसे हुआ था इस जमीन का समझौता

    बताया गया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (जो सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट अंतर्गत पंजीकृत सहयोगी संस्था थी) के तत्कालीन संयुक्त-सचिव ने एक मुकदमा नंबरी 43/1967 दीवानी न्यायालय में कटरा केशवदेव में खड़े मस्जिदनुमा ढांचे व अन्य घोसियों आदि के मकान हटाने को लेकर दायर किया था, जिस मुकदमे में संघ के ही उपमंत्री द्वारा एक द्विपक्षीय समझौता प्रस्तुत कर देने पर वर्ष 1974 में मुकदमा डिक्री हो गया। इसकी जानकारी होने पर ट्रस्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ नाम को संस्थान में परिवर्तित करने का निर्णय लेकर समझौते में संलिप्त रहे संघ के पदाधिकारी को पद मुक्त भी कर दिया था।

    गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि दोषपूर्ण समझौते के आधार पर वर्ष 1993 में जनपद न्यायालय में दायर वाद पंडित मनोहरलाल शर्मा आदि बनाम स्वामी वामदेव आदि भी न्यायालय ने समझौते द्वारा भूमि हस्तांतरण में ट्रस्ट की भूमिका न पाए जाने के आधार पर निरस्त कर दिया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट गठित होने के बाद सभी राजकीय अभिलेख खसरा, खतौनी, जलकर-गृहकर मूल्यांकन, रजिस्टर आदि में पुरानी प्रविष्टियों में संशोधन के पश्चात भूमि स्वामी के रूप में श्रीकृष्ण-जन्मभूमि ट्रस्ट का नाम अंकित चला आ रहा है।

    इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने पर गौ रक्षा दल के राष्ट्रीय प्रधान गिरफ्तार

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    राजपुरा (पटियाला) : गौ रक्षा दल के राष्ट्रीय प्रधान सतीश कुमार की तरफ से इंटरनेट मीडिया पर डाली गई पोस्ट के आधार पर सिटी पुलिस ने केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सतीश कुमार को राजपुरा की अदालत में पेश किया जहां अदालत ने सतीश कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। उधर, सतीश कुमार की गिरफ्तारी को लेकर हिदू संगठनों में रोष पाया जा रहा है, उनका कहना है यदि हिदुओं के खिलाफ धक्केशाही न रुकी तो चक्का जाम किया जाएगा।

    सिटी पुलिस के पास दर्ज करवाई रिपोर्ट में शाम नगर नजदीक जामा मस्जिद निवासी नसीब अली ने बताया कि वह मुस्लिम है। आरोपित सतीश ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया है। जिसमें आरोपित ने मुस्लिम धर्म के खिलाफ भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल किया है। जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। जिस पर पुलिस ने आरोपित सतीश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। सतीश कुमार को गिरफ्तार करने की खबर मिलते ही हिदू संगठनों ने रोष जताना शुरू कर दिया। पुलिस की तरफ से सतीश कुमार को राजपुरा की अदालत में पेश करने के दौरान बाहरी शहरों से हिदू नेता सतीश कुमार के समर्थन में पहुंचे हुए थे।

    सतीश कुमार के खिलाफ केस दर्ज करना गलत

    शिवसेना हिदुस्तान के प्रधान निशांत शर्मा ने बताया कि पोस्ट डालने की वजह से सतीश कुमार को गिरफ्तार करना गलत है, क्योंकि सतीश कुमार गौ भगत हैं। जिन्होंने हजारों गायों को कटने से बचाया है। पहले भी सतीश कुमार के साथ धक्का हुआ था, लेकिन अदालत से बरी हुए थे। इस मामले को पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर बात रखी जाएगी। वहीं, बजरंग दल हिदुस्तान के प्रधान हितेश भारद्वाज ने कहा कि जिस तरीके से एक पोस्ट को लेकर गौ रक्षा दल के प्रधान को निशाना बनाया गया है, उससे लगता है किसी न किसी तरीके से हिदू नेताओं पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान विश्व हिदू परिषद के प्रधान पंडित नरेश शर्मा, धर्माचार्य पंजाब प्रमुख अशोक चक्रवर्ती, बजरंग दल के प्रधान मनोज शर्मा, रवि मेहताब, गोपी नाथ, कृष्ण कुकरेजा, भरत चक्रवर्ती, टोनी गोयल, अमित किगर, गौरी कुमार, अरुण कुमार सहित हिदू नेता मौजूद रहे। बीते दिन सतीश कुमार की तरफ से एतराज योग पोस्ट डाली गई थी, जिससे धार्मिक भावनाओं को भड़काने व फूट डालने वाली प्रतीत होती है। इसलिए सतीश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है।