Home National ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब विवादित स्थल...

ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब विवादित स्थल मस्जिद नहीं, मंदिर है

ज्ञानवापी मस्जिद केस पर आज सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शाम चार बजे के पहले यह सुनवाई होने की संभावना है। देश भर की निगाहें इस केस की सुनवाई पर टिकी हैं। आज SC में दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क रखेंगे।

289
0

– Ajay Singh

वार्ता,नई दिल्‍ली उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को अपराहन तीन बजे वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस विवादित मुद्दे पर सुनवाई की जाएगी। पीठ ने गुरुवार सुनवाई स्थगित करते हुए शुक्रवार दिन में 3:00 बजे सुनवाई करने का आदेश पारित किया था। इस बीच हिंदू पक्षकार ने शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विवादित जगह मस्जिद नहीं, बल्कि भगवान की संपत्ति है।भारत में इस्लामिक शासन से हज़ारों साल पहले से यह संपत्ति भगवान ‘आदि वश्विेश्वर’ की है तथा इसे किसी को नहीं दी जा सकती। सदियों से उस स्थल पर हिंदू रीतियों का पालन करते हुए लोग परक्रिमा करते आ रहे हैं।

हिंदू पक्ष के जवाब में कहा गया है कि औरंगज़ेब के शासक में उस मंदिर की संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा किया था। इस कब्जे से मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिल सकता। औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया। हिंदू पक्ष के वकील विष्‍णु शंकर जैन ने अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई से पूर्व यह तथ्य अदालत में पेश किया।

जैन ने एक लिखित जवाब दाखिल कर दावा किया कि मूल मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था और शेष संरचना तथा सामग्री का उपयोग कर एक नर्मिाण किया गया था और उसे ‘ज्ञानवापी मस्जिद’ नाम दिया गया था। जवाब में दावा किया गया है कि देवता दृश्य और अदृश्य रूप में परिसर के भीतर मौजूद है और यह पुराना मंदिर है।

हिंदू पक्ष का कहना है कि 15 अगस्त, 1947 को विचाराधीन उस संपत्ति का स्वरूप हिंदू मंदिर का था क्योंकि हिंदू देवताओं और अन्य सहयोगी देवताओं की छवियां वहां मौजूद थीं तथा उनकी पूजा की जा रही थी।

Previous articleCannes 2022: कान फिल्म फेस्टिवल में हुआ ‘मुजीब’ का ट्रेलर लॉन्च, केंद्रीय मंत्री बोले- यह फिल्म बड़ी भूमिका निभाएगी
Next articleकांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही है और उसे विपक्ष में रहना नहीं आता- प्रशांत किशोर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here