Delhi – राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकंजा कस दिया है। उनसे जुड़े 17 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है। यह कार्रवाई बिहार के सीएम कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव के कथित भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही है।
सीबीआई ने शुक्रवार सुबह एक साथ कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि राजद नेता के खिलाफ रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर नया केस दर्ज किया गया है।
नौकरी के बदले जमीन प्लॉट लिए गए?
आरोप है कि संप्रग सरकार के जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। जब वह रेल मंत्री थे, जब ऐसे कई मामले सामने आए थे कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी।

सशक्त आवाज कुचलने का प्रयास : राजद
सीबीआई की छापा कार्रवाई को लेकर राजद प्रवक्ता आलोक मेहता ने कहा है कि यह एक सशक्त आवाज को कुचलने का प्रयास है। यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। उधर, लालू यादव के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा कि एक बीमार व्यक्ति को जानबूझकर इस तरह परेशान किया जा रहा है। इस कार्रवाई के पीछे कौन है, यह सबको पता है।

चंद दिनों पहले जेल से रिहा हुए हैं राजद सुप्रीमो
राजद सुप्रीमो लालू यादव को चंद दिनों पहले ही चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषालय मामले में जमानत मिली है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था। 27 साल बाद कोर्ट ने उन्हें फरवरी 2022 में इस घोटाले का दोषी माना था और पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके पहले वे चारा घोटाले के अलग अलग मामलों में जेल में रह चुके हैं।

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