Home Blog Page 371

UP Vidhan Mandal Special Session : राष्ट्रपति ने व‍िधानभवन में संयुक्‍त सदन को क‍िया संबोध‍ित

0

लखनऊ – राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद ने आज (6 जून, 2022) लखनऊ में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े राज्य के विधानमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है। श्री कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विविधता इसके लोकतंत्र को और भी समृद्ध बनाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस राज्य की 20 करोड़ से अधिक की आबादी, अनेकता में एकता का बहुत अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर कहा करते थे कि हमने भारतीय लोकतंत्र के बीज पश्चिमी देशों से प्राप्त नहीं किए हैं, बल्कि यह भगवान बुद्ध के समय में गठित संघों के कामकाज में दिखाई देता है। श्री कोविंद ने कहा कि प्राचीन काल में भी कौशाम्बी और श्रावस्ती में ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के उदाहरण थे, जिनकी चर्चा डॉक्टर अम्बेडकर ने संविधान सभा में अपने भाषण में की थी। राष्ट्रपति ने कहा कि सदन में मौजूद जनप्रतिनिधि उस प्राचीन लोकतांत्रिक विरासत के वारिस हैं। उन्होंने कहा कि यह उन सभी के लिए गर्व की बात है लेकिन साथ ही उन पर भगवान बुद्ध और डॉक्टर अम्‍बेडकर के आदर्शों को आगे बढ़ाने का दायित्व भी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान विधानमंडल में समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व बहुत व्यापक हो गया है जो सामाजिक समावेश की दृष्टि से एक अच्छी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की विधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 47 है, जो कुल 403 सदस्यों का लगभग 12 प्रतिशत है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के वर्तमान 91 सदस्यों में से महिलाओं की संख्या केवल पांच है, जो आज की स्थिति में लगभग 5.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।

श्री कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने स्वतंत्र भारत में पहली महिला मुख्यमंत्री के चुनाव के साथ इतिहास रच दिया था। उस ऐतिहासिक घटना को महिला सशक्तिकरण के आरंभिक उदाहरण के रूप में देखा जाना चाहिए और उत्तर प्रदेश को महिला सशक्तिकरण में अग्रणी राज्य बनना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। इसी तरह, यह आम, आलू, गन्ना और दूध के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। श्री कोविंद ने कहा कि हाल के वर्षों में, राज्य में सड़क, रेल और हवाई संपर्क में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा दूसरे राज्यों और विदेशों में आर्थिक प्रगति के मानदंड स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी और शहरी विकास की अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उपजाऊ भूमि और कृषि के लिए अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियों को देखते हुए, कृषि में उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता और कृषि आधारित उद्यमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करके राज्य की आर्थिक स्थिति में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।

श्री कोविंद ने इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक सद्भाव का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनीतिक परंपरा को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की विचारधाराओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच वैमनस्य नहीं होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस उत्सव का एक उद्देश्य हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण करना है जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है और जिनके बारे में सभी नागरिकों, विशेषकर युवा पीढ़ी को पता होना चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसे कई अज्ञात और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, जिनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अधिक जानकारी के प्रसार से भी लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा सकता है। श्री कोविंद ने कहा कि अन्य माध्यमों से भी लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन गाथाओं से अवगत कराया जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र का मंदिर है। उन्होंने कहा कि लोग जनप्रतिनिधियों को अपने भाग्य का निर्माता मानते हैं। श्री कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों को उनसे आशाएं हैं और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना उनका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है। उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि शपथ के अनुसार वे अपने-अपने क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

कुत्ते-बिल्ली के साथ – साथ गौ पालक भी है कुमार विश्वास

0

कुमार विश्वास ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की है। जिसमें वह अपनी पालतु बिल्ली के साथ नजर आ रहे हैं। इस पर एक शख्स ने उन्हें कुछ ऐसी सलाह दे डाली की कुमार विश्वास से रहा नहीं गया और और उन्होंने उस शख्स को मजेदार जवाब दे डाला।

दो-चार दिन बाहर से कार्यक्रम करके लौटने पर कुछ देर तो सुश्री पुचकी जी का मुक़दमा सुनना ही पड़ता है 😛।आज इन्होंने, इस रील को बना रहीं हमारी पुत्री के ख़िलाफ़ जमकर बयानबाज़ी की।आप भी सुनिए 😂😂😍👍 pic.twitter.com/FbOrNSwgO8

कुमार विश्वास का पोस्ट: सोशल मीडिया पर कवि ने अपनी बिल्ली के साथ वीडियो शेयर किया, साथ ही कैप्सन में लिखा, दो-चार दिन बाहर से कार्यक्रम करके लौटने पर कुछ देर तो सुश्री पुचकी जी का मुक़दमा सुनना ही पड़ता है। आज इन्होंने,इस रील को बना रहीं हमारी पुत्री के खिलाफ जमकर बयानबाजी की।आप भी सुनिए।

लोगों की प्रतिक्रियाओं पर कुमार के जवाब: कुमार विश्वास वीडियो में अपनी बिल्ली को दुलार करते नजर आ रहे हैं। कवि के इस पोस्ट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। दिनेश भादु नाम के शख्स लिखते हैं, ”कुत्ते बिल्ली की जगह आप यदि गाय के छोटे बछड़े को इस तरह दुलारते तो आपको गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता।”दिनेश भादु के इस कमेंट पर कुमार विश्वास ने मजेदार जवाब देते हुए लिखा, ”दिनेश भादु जी, आप की राय का ही इंतजार था बस।” इसी के साथ चाकशू जैन लिखते हैं, इसको अपने अपने राम सुनाइए। इस पर कवि जवाब देते हुए लिखते हैं, ”सुनाता तो हूं लेकिन ये बदले में मुझे महाभारत सुनाने लगती है।”

शोसल मीडिया यूजर्स कभी कभी बिना सोचे समझे भी किसी पर कमेंट मार देते है। कुमार विश्वास पशु प्रेमी है उन्होंने समय समय पर अपने पशु प्रेम और गौ प्रेम को दर्शया भी है। २३ जून २०२१ को उनके यहाँ एक गौमाता का जन्म हुआ जिस की फोटो उन्होंने ट्वीट भी किया था।

गोपाष्टमी २०२० के मौके पर कुमार विश्वास ने क्या कहा था ?

आज गोपाष्टमी है ! मेरे परिवार में, अपने घर-आँगन में, स्वयं मैं तीन पीढ़ियों से गाय-बछड़े-बछिया-बैल और नंदी देखता हुआ बड़ा हुआ हूँ ! भारत में गाय और
भारत में गाय और गोवंश दो संदर्भों में प्रचलित है ! एक वे सच्चे-अच्छे लोग जो ईश्वर की ओर से मनुष्यों के परिवार-संकुल में भेजे गए इस बेहद प्यारे-सरल व उपयोगी प्राणी की महत्ता को जानते-समझते हैं।

कोरोना-काल में खेत पर ज़्यादा रहा तो मैं वहाँ से अपने गोवंश से आपका ज़्यादा परिचय करा सका ! हमारी बछिया लाड़ो व प्यारी, हमारे बछड़े भीष्म व वल्लभ, हमारी गाएँ राधा,गंगा,वापी-तापी के साथ-साथ हमारे गोसेवक सोनू व कुलवंत भी हमारे फ़ेसबुक परिवार में घुलमिल गए !

 

अब हर महीने कर पाएंगे 6 की जगह 12 ट्रेन टिकट बुक

0

भारतीय रेलवे ने आईआरसीटीसी वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुक करने की मासिक सीमा को 6 से बढ़ाकर 12 कर दी है। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि ऐसा करने के लिए यूज़र को अपने आईआरसीटीसी अकाउंट से आधार कार्ड से जोड़ना होगा। भारतीय रेलवे ने यह व्यवस्था 26 अक्टूबर से शुरू की थी। माना जा रहा है कि रेलवे टिकट काटने की सीमा बढ़ाने के बहाने भारतीय रेलवे पैसेंजर को आईआरसीटीसी अकाउंट से आधार कार्ड लिंक करने के लिए प्रेरित कर रही है।

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए ऐसी यूजर आईडी से जो आधार से लिंक नहीं है, एक महीने में अधिकतम 6 टिकट बुक करने की सीमा को बढ़ाकर 12 टिकट करने का तथा आधार से लिंक यूजर आईडी द्वारा एक महीने में अधिकतम 12 टिकटों की सीमा बढ़ाकर 24 टिकट करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बुक किए जाने वाले टिकट के एक यात्री का आधार के माध्यम से सत्यापन होना अपेक्षित है।

वर्तमान में, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट/ऐप पर ऐसी यूजर आईडी से जो आधार से लिंक नहीं है एक महीने में अधिकतम 6 टिकट ऑनलाइन बुक किए जा सकते हैं जबकि आधार से लिंक आईडी द्वारा आईआरसीटीसी की वेबसाइट/ऐप पर एक महीने में एक यूजर आईडी द्वारा अधिकतम ऑनलाइन 12 टिकट बुक किए जा सकते हैं। बुक किए जाने वाले टिकट में एक यात्री का आधार के माध्यम से सत्यापन होना अपेक्षित है।

Iconic Week Celebrations वित्त मंत्रालय एवं कारपोरेट कार्य मंत्रालय के आइकोनिक वीक समारोह का उद्घाटन संपन्न – प्रधानमंत्री मोदी ने कही प्रमुख बातें

0

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वित्त और कार्पोरेट कार्य मंत्रालयों के ‘प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह’ का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके अलावा पीएम ने 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष श्रृंखला भी जारी की। पीएम मोदी ने कहा आजादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग आयाम को जोड़ा और उसकी ऊर्जा बढ़ाई। किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र–शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म, तो किसी ने बौद्धिकता आजादी की अलख को जलाने में मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपना कोई विशिष्ठ योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर जोड़े।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने क्या कहा

बीते वर्षों में Ministry of Finance और Ministry of Corporate Affairs, उन्‍होंने अपने कायों के द्वारा सही समय पर सही निर्णयों के द्वारा अपनी एक legacy बनाई है, एक बेहतरीन सफर तय किया है। आप सभी इस विरासत का हिस्सा हैं। देश के सामान्य जन के जीवन को आसान बनाना हो, या फिर देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करना हो, बीते 75 वर्षों में अनेक साथियों ने बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन किया है।

ये iconic week ऐसे हर साथी को, अतीत के ऐसे हर प्रयास को जीवंत करने का अवसर है। आज़ादी के अमृतकाल में हम अपने इस अतीत से प्रेरित होकर अपने प्रयासों को और बेहतर कर सकें, ये इस दिशा में बहुत अच्छा कदम है। आज यहां रुपए की गौरवशाली यात्रा को भी दिखाया गया, इस सफर से परिचित कराने वाली डिजिटल प्रदर्शनी भी शुरु हुई, और आज़ादी के अम़ृत महोत्सव के लिए समर्पित नए सिक्के भी जारी किए गए।

ये नए सिक्के देश के लोगों को निरंतर अमृतकाल के लक्ष्य याद दिलाएंगे, उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए प्रेरित करेंगे। अगले एक हफ्ते में अनेक कार्यक्रम आपके विभाग के द्वारा होने वाले हैं। इस अमृत कार्य से जुड़े सभी विभागों को, आपकी हर छोटी-मोटी इकाई को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

आज़ादी का ये अमृत महोत्सव सिर्फ 75 वर्षों का उत्सव मात्र नहीं है

आज़ादी का ये अमृत महोत्सव सिर्फ 75 वर्षों का उत्सव मात्र नहीं है, बल्कि आज़ादी के हमारे नायक-नायिकाओं ने आज़ाद भारत के लिए जो सपने देखे थे, उन सपनों को सेलिब्रेट करना, उन सपनों को परिपूर्ण करना, उन सपनों में एक नया सामर्थ्‍य भरना और नए संकल्‍प को ले करके आगे बढ़ने का ये पल है। आज़ादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग dimension को जोड़ा, उसकी ऊर्जा बढ़ाई।

किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र–शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म का रास्ता चुना, तो किसी ने intellectually आज़ादी की अलख को जगाने में अपनी कलम की ताकत का उपयोग किया। किसी ने कोर्ट-कचहरी में मुकदमे लड़ करके देश की आजादी में एक नई ताकत भरने का प्रयास किया। इसलिए आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपने-अपने विशिष्‍ट योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर जोड़े।

आप देखिए, अगर हम राष्ट्र के तौर पर देखें, तो भारत ने बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर नित्‍य नूतन कदम उठाए हैं, नवीन काम करने का प्रयास  किया है। इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है।

स्वच्छ भारत अभियान ने– गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया। पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने हमारे गरीब की गरिमा बढ़ाई, हमारे नागरिकों के आत्‍मविश्‍वास में एक नई ऊर्जा भर दी और साथ-साथ सुविधा भी बढ़ाई।

कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई। देश की आधे से अधिक आबादी जो देश के विकास के विमर्श से, फॉर्मल सिस्टम से वंचित थी, excluded थी, उसका inclusion हमने मिशन मोड पर किया। Financial Inclusion का इतना बड़ा काम, इतने कम समय में दुनिया में कहीं नहीं हुआ है। और सबसे बड़ी बात, देश के लोगों में अभाव से बाहर निकलकर सपने देखने और सपनों को साकार करने का नया हौसला हमें देखने को मिला।

Good Governance – बड़ा परिवर्तन

आज़ादी के 7 दशक बाद ये जो इतना बड़ा परिवर्तन आया है, उसके केंद्र में People-Centric Governance है, Good Governance का लगातार प्रयास है। एक समय था, जब हमारे देश में नीतियां और निर्णय Government-Centric होते थे। यानि किसी योजना के शुरू होने के बाद ये लोगों की जिम्मेदारी थी कि वो सरकार तक पहुंच कर उसका लाभ उठाएं। इस तरह की व्यवस्था में सरकार और प्रशासन, दोनों की ही जिम्मेदारी कम हो जाती थी। अब जैसे किसी गरीब छात्र को पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद की जरूरत होती थी, तो पहले वो अपने परिवार, अपने रिश्तेदारों या अपने दोस्तों से मदद लेने के लिए मजबूर था। इसी काम के लिए सरकार की जो भी योजनाएं थीं, उसमें इतनी ज्यादा प्रक्रियाएं होती थीं, कि वो उस मदद को पाने के लिए आगे ही नहीं बढ़ता था, उस प्रक्रिया में ही थकान महसूस करने लगता था।

इसी तरह अगर किसी entrepreneur, किसी व्यापारी-कारोबारी को लोन की जरूरत होती थी, तो उसे भी अनेक जगह चक्कर लगाने पड़ते थे, अनेक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। अक्सर ये भी होता था कि अधूरी जानकारी की वजह से वो मंत्रालय की वेबसाइट तक भी नहीं पहुंच पाता था। ऐसी मुश्किलों का नतीजा ये होता था कि छात्र हो या व्यापारी, अपने सपने बीच में ही छोड़ देता था, उन्हें पूरा करने के लिए कदम ही नहीं उठाता था।

पहले के समय government-centric गवर्नेंस का देश ने बहुत बड़ा खामियाजा उठाया है। लेकिन आज 21वीं सदी का भारत, People-Centric गवर्नेंस की अप्रोच के साथ आगे बढ़ा है। ये जनता ही है, जिसने हमें अपनी सेवा के लिए यहां भेजा है। इसलिए हमारी ये सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम खुद जनता तक पहुंचे, हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचना, उसे पूरा लाभ पहुंचाना, ये दायित्‍व हम पर है।

अलग-अलग मंत्रालयों की अलग-अलग वेबसाइटों के चक्कर, उसे लगाने से बेहतर है कि वो भारत सरकार के एक पोर्टल तक पहुंचे और उसकी समस्या का समाधान हो। आज जनसमर्थ पोर्टल लॉन्च किया गया है, वो इसी लक्ष्य के साथ बनाया गया है। अब भारत सरकार की सभी credit-linked schemes अलग-अलग माइक्रोसाइटों पर नहीं बल्कि एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।

ये जनसमर्थ पोर्टल छात्रों का, entrepreneurs का, व्यापारियों-कारोबारियों का, किसानों का जीवन तो आसान बनाएगा ही, उन्हें अपने सपने पूरे करने में भी मदद करेगा। अब छात्र आसानी से जानकारी ले पाएंगे कि कौन सी सरकारी योजना का उन्हें सबसे ज्यादा लाभ होगा, वो कैसे उसका फायदा उठा सकते हैं। इसी तरह हमारे युवा आसानी से ये तय कर पाएंगे कि उन्हें मुद्रा लोन चाहिए या स्टार्ट अप इंडिया लोन चाहिए।

जनसमर्थ पोर्टल के माध्यम से अब देश के युवाओं को, मध्यम वर्ग को end-to-end delivery का एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है। और जब लोन लेने में आसानी होगी, कम से कम प्रक्रियाएं होंगी तो ये भी स्वभाविक है कि ज्यादा से ज्यादा लोग लोन लेने के लिए आगे आएंगे। ये पोर्टल, स्वरोजगार को बढ़ाने में, सरकार की योजनाओं को सभी लाभार्थियों तक ले जाने में अहम भूमिका निभाने वाला है। मैं जनसमर्थ पोर्टल के लिए देश के युवाओं को विशेष रूप से बधाई देता हूं।

आज यहां इस कार्यक्रम में बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज भी मौजूद हैं। मेरा उनसे आग्रह है कि सारे बैंकर्स भी जनसमर्थ पोर्टल को सफल बनाने के लिए, युवाओं को लोन मिलना आसान बनाने के लिए अपनी भागीदारी ज्यादा से ज्यादा बढ़ाएं।

कोई भी सुधार हो, Reform हो, अगर उसका लक्ष्य स्पष्ट है, उसके Implementation को लेकर गंभीरता है, तो उसके अच्‍छे नतीजे भी आना तय है। बीते आठ वर्षों में देश ने जो Reforms किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि हमारे देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले।

हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वो अपने enterprises आसानी से बन पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं, इस ओर जोर दिया गया है। इसलिए 30 हजार से ज्यादा compliances को कम करके, डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को decriminalize करके, हमने ये सुनिश्चित किया है कि भारत की कंपनियां ना सिर्फ आगे बढ़ें बल्कि नई ऊंचाई को प्राप्त करें।

Reforms- यानि सुधार के साथ ही हमने जिस बात पर फोकस किया है, वो है सरलीकरण, Simplification. केंद्र और राज्य के अनेक टैक्सों के जाल की जगह अब GST ने ले ली है। और इस Simplification का नतीजा भी देश देख रहा है। अब हर महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार जाना सामान्य बात हो गई है। EPFO registrations की संख्या में भी हम लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं। सुधार, सरलीकरण से आगे बढ़कर अब हम सुगम व्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं।

GeM पोर्टल की वजह से entrepreneurs और enterprises के लिए सरकार को अपना Product बेचना बहुत आसान हो गया है। इसमें भी खरीद का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए को पार कर रहा है। आज देश में निवेश करने के लिए कहां-कहां संभावनाएं हैं, वो जानकारी Invest India portal के माध्यम से आसानी से उपलब्ध है।

आज अनेक तरह की clearances के लिए single window clearance portal है। इसी कड़ी में ये जनसमर्थ पोर्टल भी देश के युवाओं, देश के स्टार्ट अप्स को बहुत मदद करने वाला है। आज हम सुधार, सरलीकरण, सुगमता की शक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं तो सुविधाओं का नया स्तर प्राप्त होता है। सभी देशवासियों को आधुनिक सुविधाएं देना, उसके लिए नित नए प्रयास करना, नए संकल्प लेकर उन्हें सिद्ध करना हम सभी का दायित्व है।

सरकार के आठ साल के कार्यकाल के दौरान जनभागीदारी बढ़ी- पीएम मोदी
बीते 8 वर्षों में हमने दिखाया है कि भारत अगर मिलकर कुछ करने की ठान ले तो वो पूरी दुनिया के लिए एक नई उम्मीद बन जाता है। आज दुनिया सिर्फ एक बड़े consumer market के रूप में ही नहीं, बल्कि एक समर्थ, game changer creative, innovative ecosystem के रूप में आशा और अपेक्षाओं से हमारी तरफ आज दुनिया देख रही है। दुनिया के एक बड़े हिस्से को भारत से समस्याओं के समाधान की अपेक्षाएं हैं। ये इसीलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 8 सालों में हमने सामान्य भारतीय के विवेक पर भरोसा किया। हमने जनता को Growth में intelligent participants के रूप में प्रोत्साहित किया।

हमें देश की जनता पर पूरा विश्वास रहा है कि जो भी टेक्नॉलॉजी सुशासन के लिए लाई जाएगी, उसे देश की जनता स्वीकार करेगी और सराहेगी भी। इसी जनविश्वास का परिणाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिजिटल ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म UPI यानि Unified Payment Interface के रूप में सबके सामने है। आज दूर-सुदूर गांवों से लेकर शहरों के मोहल्लों में रेहड़ी-ठेले पर भी 10-20 रुपए से लेकर लाखों की ट्रांजेक्शन देशवासी इस पर आसानी से कर रहे हैं।

हमें भारत के युवाओं में इनोवेशन और entrepreneurship को लेकर जो जुनून है, उस पर भी बहुत अधिक विश्वास था। देश के नौजवानों में छुपे इसी जुनून को रास्ता देने के लिए start-up India का प्लेटफॉर्म दिया गया। आज देश में लगभग 70 हज़ार स्टार्ट अप्स हैं और हर रोज़ इसमें दर्जनों नए सदस्य जुड़ रहे हैं।

आज देश जो हासिल कर रहा है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका स्व-प्रेरणा की है, सबके प्रयास की है। देशवासी आत्मनिर्भर भारत अभियान से, वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों से भावनात्मक रूप से जुड़ गए हैं। इसमें अब आप सभी की, Ministry of Finance और Ministry of Corporate Affairs की भूमिका बहुत बढ़ गई है। अब हमें योजनाओं के सैचुरेशन तक तेज़ी से पहुंचना है।

हमने Financial Inclusion के platforms तैयार किए हैं, अब हमें इनके सदुपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ानी है। जो Financial Solutions भारत के लिए तैयार किए हैं, वो अब दुनिया के दूसरे देशों के नागरिकों को भी समाधान दें, इसके लिए भी प्रयास होना चाहिए।

हमारे बैंक, हमारी करंसी इंटरनेशनल सप्लाई चेन का, इंटरनेशनल ट्रेड का व्यापक हिस्सा कैसे बनें, इस पर भी फोकस ज़रूरी है। मुझे विश्वास है कि आज़ादी के अमृतकाल में बेहतर फाइनेंशियल और कॉर्पोरेट गवर्नेंस को आप निरंतर प्रोत्साहित करते रहेंगे।

Uttarakhand Bus Accident- खाई में गिरी बस हादसे में 26 की मौत

0

Uttarakhand Bus Accident: उत्तराखंड के यमुनोत्री हाइवे पर रविवार शाम दर्दनाक हादसा हो गया। यहां डामटा के पास एक बस गहरी खाई में गिर गई। हादसे में बस सवार 26 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को डामटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं, हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

जानकारी के मुताबिक रविवार को हरिद्वार से बस मध्य प्रदेश के यात्रियों को लेकर यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। शाम करीब पौने सात बजे डामटा के पास रिखाऊ खड्ड के पास अचानक अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे की सूचना के बाद एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य में जुट गई। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि बस में चालक समेत 30 लोग सवार थे। घटना में 23 लोगों की मौके पर ही मौत हुई है, जबकि 05 लोग गंभीर घायल हुए हैं।

मौके पर मौजूद पुलिस ने बताया कि अब तक 23 लोगों के शव गिन लिए गए हैं और 09 शव खाई से निकाल लिए थे। जबकि अन्य के लिए रेस्क्यू जारी है। डामटा हादसे पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, प्रधानमंत्री ने दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पीएम राहत कोष से दो दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में  हुए बस हादसे पर दुख व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में एक दुखद बस दुर्घटना में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को 2 लाख रुपये और बस दुर्घटना में घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये  की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है। “उत्तराखंड में हुआ बस हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इसमें जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन मौके पर हर संभव सहायता में जुटा है “प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।  हादसे में घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

 

विश्व पर्यावरण दिवस पर काउपैथी समुदाय का हुआ सम्मेलन

0

दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस पर, जबकि दुनिया ने उनके विचार धरती माँ को नष्ट करने का अपराध बोध और इसे कम करने के उपाय थे. इसके बजाय काउपैथी समुदाय ने सभी विशेषज्ञों को एक साथ लाया वैज्ञानिक समुदाय सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र, कृषि, डेयरी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा, सरकारी संगठनों, एफपीओ और यहां तक ​​कि उद्योग और सेवा उद्योग, पर डब्ल्यूएचओ के वन हेल्थ प्रोग्राम की पहल को पूरा करने के लिए वन प्लेटफॉर्म भारत

ऑर्गेनिक के आयोजन में तेजी लाने के उनके मिशन के अनुरूप और प्रकृति आधारित कृषि, विशेषज्ञ और सभी के हितधारक क्षेत्र, नए पर्यावरण के अनुकूल नवाचार लाने में मदद करने के लिए उन सभी का ज्ञान जो केमिकल से पलायन करने के इच्छुक हैं प्रकृति आधारित जीवन शैली के लिए। संस्थापक और अध्यक्ष प्रो. आर.एस. अध्यक्ष ने अभिजात वर्ग की मेजबानी की 45 से अधिक वैज्ञानिकों और 30 अन्य लोगों की उपस्थिति में शामिल हैं प्रकृति आधारित खेती में उद्यम करने वाले उद्यमी, हजारों किसान एफपीओ के माध्यम से संगठित समूहों में, फिर भी अन्य बेहतर संचार और नियंत्रण के लिए आईटी अवसंरचना में लाना खेती, और यहां तक ​​कि पर्यावरण के अनुकूल बायोमास आधारित शीत भंडारण में मदद करने के लिए भोजन की बर्बादी को कम करें। महासचिव सुश्री कानू प्रिया मानव संसाधन, विज्ञापन से पेशेवरों की उपस्थिति का समन्वय किया, कानूनी, प्रमाणन, लेखा परीक्षा आदि जिन्होंने विशेष सहायता की पेशकश की और क्षेत्र के लिए समर्थन।

गाय आधारित चिकित्सा ध्यान और स्वास्थ्य देखभाल जो पुरानी बीमारियों और बीमारियों से राहत दिलाती है: वेल सप्लीमेंट्स को कई सफलता की कहानियों के साथ साझा किया गया। गाय टिहरी, गढ़वाल में गौ तीर्थ आश्रम द्वारा पर्यटन पर भी प्रकाश डाला गया। यह देखा गया है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में गायों को भोजन सहित हमारे जीवन शैली प्रबंधन से लंबे समय से जुड़ा हुआ है खेती, डेयरी, स्वास्थ्य और आयुर्वेद, साथ ही, व्यापार और अधिकांश जीवन शैली प्रथाओं। चाहे प्रतीकात्मक रूप से कामधेनु के दिव्य उपहार के रूप में, या सदस्य के रूप में हर घर में, एक माँ के समान, गाय को मिला है महत्वपूर्ण महत्व, ज्यादातर इसलिए कि यह बिल्कुल अद्वितीय है इसके परिवेश पर प्रभाव! और इस प्रकार गाय के उत्पाद, संपूर्णता में, दूध, दुग्ध उत्पाद और यहां तक ​​कि अपशिष्ट सहित, पर विचार किया गया है शुद्ध और शुद्ध करने वाला।

पंचगव्य, 5 प्रमुख गाय उत्पादों का एक मिश्रण आयोजित किया गया है औषधीय और दैनिक शुद्धि ही नहीं में महत्वपूर्ण स्थान प्रथाओं, लेकिन विषहरण, कृषि और यहां तक ​​कि अनिवार्य में भी धार्मिक अनुष्ठान। आधुनिक युग में, कई दशकों के वैज्ञानिक निष्कर्षों में, वहाँ यह साबित करने के लिए सम्मोहक साक्ष्य रहा है कि ये मान्यताएँ आधारित हैं यथार्थ में। इस प्रकार, जबकि अधिकांश रोग केवल मानव से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हैं स्वास्थ्य, काउपैथी ही एकमात्र रोग है जो से संबंधित मुद्दों को भंग करता है मनुष्य जिन सभी समस्याओं का सामना कर रहा है और मानव स्वास्थ्य को संबोधित करता है, पर्यावरणीय स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य, पौधों का स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, ग्रह स्वास्थ्य और यहां तक ​​कि सभी स्तरों पर औद्योगिक स्वास्थ्य और इस प्रकार आर्थिक स्वास्थ्य।

इस प्रकार एकमात्र वादा करने वाला वन स्टॉप सॉल्यूशन WHO का एक स्वास्थ्य कार्यक्रम वन पैथी काउपैथी में पाया जाता है गौ अनुसंधान केंद्र, नागपुर जैसे बड़े संगठन विहिप, इस्कॉन सिकंदराबाद के निदेशक श्री सुनील मानसिंहका स्वामी (डॉ.) सहदेव दासजी, स्वामी नारायण ट्रस्ट के स्वामी सुनील भगत ऋषिकेश, आर्ट ऑफ लिविंग के श्री हर्षवर्धन, शांतिकुंज हरिद्वार के डीपी सिंहजी, और बीजेपी गुजरात के प्रशांत वालाजी और इनोवेटिव प्रकाशन के निकिता पंडित, सभी शामिल हुए और समर्थन और सलाह की पेशकश की.

 

गौ तस्करी के आरोप में युवक को दी यातना, चौकी प्रभारी सहित 5 पुलिसकर्मी निलंबित

0

बदायूं: यूपी पुलिस का एक और हैरान करने वाला कारनामा सामने आया है, जिसमें पुलिस ने एक युवक को गौ तस्करी के शक में पहले थर्ड डिग्री दी, फिर 5 हजार की रिश्वत लेकर छोड़ दिया. मामले के तूल पकड़ते ही एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए. जांच के बाद चौकी इंचार्ज, 4 सिपाही और 2 अज्ञातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

परिजनों का आरोप है कि इस दौरान युवक की हालात इतनी बिगड़ गई कि उसे दौरे पड़ने लगे. जिसके चलते उसे बुलंदशहर के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. जब युवक की हालत ज्यादा बिगड़ती दिखी तो उन्होंने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई. जिस पर एसएसपी बदायूं ने मामले की जांच दातागंज सीओ को सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराकर उन्हें निलंबित किया गया है। 

प्रकरण

पुलिस ने युवक को हिरासत में क्यों लिया?

अलापुर थाने की ककराला चौकी के पुलिसकर्मियों ने 2 मई को वार्ड नंबर 12 निवासी रेहान (20) को गौ तस्करों की मदद करने के शक में हिरासत में लिया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने रातभर उसकी बेरहमी से पिटाई की और बिजली के करंट के झटके भी लगाए। इसी तरह पुलिसकर्मियों ने उसके निजी अंगों में डंडा भी डाल दिया था। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद अगले दिन पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया।

खुलासा

कैसे हुआ घटना का खुलासा?

पुलिस की यातना से रेहान की हालत काफी खराब हो गई थी, लेकिन वह जैसे-तैसे कर अपने घर पहुंच गया। इसके बाद उसकी हालत देखकर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने परिजनों को पूरी घटना बता दी। पांच दिन पहले अस्पताल के जरिए घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गई।
इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ओपी सिंह ने दांतागढ़ के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) प्रेम कुमार थापा को मामले की जांच सौंप दी।

आरोप

परिजनों ने पुलिस पर लगाए रेहान को यातना देने के आरोप

SSP के आदेश पर DSP थापा ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन तब तक परिजन रेहान की हालत बिगड़ने पर उसे उपचार के लिए दिल्ली ले जा चुके थे।
परिजनों ने वापस आने पर DSP ने उनके बयान दर्ज किए। इसमें परिजनों ने आरोप लगाया कि ककराला चौकी पुलिसकर्मियों ने रेहान को हिरासत में यातनाएं दी और इसके कारण वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। वह पिछले 26 दिनों से उसका उपचार करा रहे हैं।

जानकारी

पुलिसकर्मियों ने रेहान को उपचार के लिए दिए थे 100 रुपये रेहान के परिजनों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर रेहान को उपचार के लिए 100 रुपये देकर छोड़ दिया था। उन्होंने घटना के बारे में किसी को बताने पर कई मामले दर्ज कर जेल भेजने की धमकी भी दी थी।

रिपोर्ट

DSP की जांच में सही पाए गए आरोप- SSP

SSP सिंह ने बताया कि DSP थापा ने मामले की जांच की तो सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत कर दी।
उन्होंने बताया कि DSP की रिपोर्ट के आधार पर चौकी प्रभारी सत्यपाल सिंह, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, शेखर चावला, सोनू, और विपिन को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। हिरासत में यातना देना बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

FIR रेहान की मां की शिकायत के आधार पर सात लोगों पर FIR दर्ज SSP सिंह ने बताया कि मामले में रेहान की मां नजमा की शिकायत पर पांचों पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट पहुंचाने, आपराधिक धमकी सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के अलावा दो अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस पिटाई से घायल युवक की मेडिकल रिपोर्ट भी तैयार कराई जा रही है। वह कार्रवाई में अहम होगी।

 

8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन का आयोजन , कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने की

0

नई दिल्ली – 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई 2022) की 16 दिनों की उलटी गिनती के अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के अधीन आज बीएचईएल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के नोएडा टाउनशिप में एक सामान्य योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य योग के विभिन्न आयामों और मानव जीवन को समृद्ध करने की इसकी क्षमता के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना था।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने की। इस अवसर पर बीएचईएल के सीएमडी डॉ. नलिन सिंघल और बीएचईएल बोर्ड के कार्यात्मक निदेशक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारी उद्योग मंत्रालय और बीएचईएल के वरिष्ठ अधिकारी, बीएचईएल महिला कल्याण संघ के सदस्य और बीएचईएल के साथ-साथ अन्य सीपीएसई के कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस समारोह का बीएचईएल और मंत्रालय के अधीन आने वाले अन्य सीपीएसई की सभी इकाइयों व कार्यालयों में सीधा प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के प्रशिक्षकों ने योग आसनों के बारे में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।

इस अवसर पर डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि माननीय प्रधानमंत्री की पहल का परिणाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने में हुआ। इसके कारण यह पूरे विश्व में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंत्री ने आगे कहा कि योग, विश्व को दिया गया भारत का उपहार है और यह मधुमेह (डायबिटीज), मोटापा, तनाव, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी कई सामान्य जीवन शैली की बीमारियों को रोकने में सहायता कर सकता है व मौजूदा समस्याओं के प्रभाव को कम कर सकता है। मंत्री ने कहा, “हमें योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। उस दिशा में उठाए गए एक कदम के रूप में हम योग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि योग हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाए”।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डॉ. पाण्डेय ने इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से पर्यावरण को बनाए रखने में वृक्षों के मूल्य को समझने और उसकी सराहना करने का आह्वाहन किया। उन्होंने स्मारक वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत बीएचईएल टाउनशिप में पौधारोपण भी किया।

प्रधानमंत्री 6 जून को वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालयों केआइकोनिक वीक समारोह का उद्घाटन करेंगे

0

New Delhi – यह सप्ताह 6 से 11 जून, 2022 तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) के हिस्से के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 जून, 2022 को सुबह 10:30 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालयों के आइकोनिक वीक समारोह का उद्घाटन करेंगे।

समाचार के अनुसार प्रधानमंत्री क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल – जन समर्थ पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे। सरकारी  क्रेडिट योजनाओं को जोड़ने वाला वन-स्टॉप डिजिटल पोर्टल होगा । यह अपनी तरह का पहला मंच है जो लाभार्थियों को सीधे ऋणदाताओं से जोड़ता है।

जन समर्थ पोर्टल का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के समावेशी विकास और प्रगति को सरल और आसान डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से सही प्रकार के सरकारी लाभों के साथ मार्गदर्शन प्रदान करना है। पोर्टल सभी लिंक की गई योजनाओं का संपूर्ण कवरेज सुनिश्चित करता है।

प्रधानमंत्री एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे जो पिछले आठ वर्षों में दोनों मंत्रालयों की यात्रा का पता लगाती है। प्रधानमंत्री 1 रुपए, 2 रुपए, 5 रुपए, 10 रुपए और 20 रुपए के सिक्कों की विशेष श्रृंखला भी जारी करेंगे।
सिक्को  की इन विशेष श्रृंखलाओं में केएएम के लोगो की थीम होगी और दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा भी आसानी से पहचाना जा सकेगा।

देश भर में 75  स्थानों पर एक साथ कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा और प्रत्येक स्थान को वर्चुअल मोड के माध्यम से मुख्य कार्यक्रम स्थल से जोड़ा जाएगा।

Allahabad High Court :गोवध कानून को ले कर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दिया अनोखा फैसला

0

प्रयागराज, संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गोवध कानून के तहत गिरफ्तार बरेली जनपद में भोजीपुरा थाना क्षेत्र के सलीम उर्फ कालिया की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। हाई कोर्ट ने याची के वायदे के मुताबिक उसे रिहा होने के एक माह के भीतर बरेली की पंजीकृत गोशाला में एक लाख रुपये जमा करने तथा एक महीने तक गोशाला में गाय की सेवा करने का निर्देश दिया है। साथ ही इलाहाबाद कोर्ट ने कहा कि यदि शर्तों का पालन नहीं किया गया तो जमानत निरस्त करने का आधार होगा। इसके अलावा कोर्ट ने कई अन्य शर्तें भी लगाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दिया है।

याची की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। उसके पास से कोई बरामदगी नहीं की गई है। जो बरामदगी दिखाई गई है उसके स्वतंत्र गवाह नहीं है। वह तीन अगस्त 2021 से जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है। वह हर तरह का सहयोग करेगा। जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा।

पहली जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अदालत में दूसरी अर्जी दी थी जमानत ने

इससे पहले कोर्ट पहली जमानत अर्जी खारिज कर चुका है। यह दूसरी जमानत अर्जी दी गई थी। इस अर्जी को कोर्ट ने याची द्वारा एक लाख रुपये गोशाला में जमा करने व गोशाला में गायों की एक माह सेवा करने का आश्वासन देने पर मंजूर कर ली है।