बदायूं: यूपी पुलिस का एक और हैरान करने वाला कारनामा सामने आया है, जिसमें पुलिस ने एक युवक को गौ तस्करी के शक में पहले थर्ड डिग्री दी, फिर 5 हजार की रिश्वत लेकर छोड़ दिया. मामले के तूल पकड़ते ही एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए. जांच के बाद चौकी इंचार्ज, 4 सिपाही और 2 अज्ञातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

परिजनों का आरोप है कि इस दौरान युवक की हालात इतनी बिगड़ गई कि उसे दौरे पड़ने लगे. जिसके चलते उसे बुलंदशहर के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. जब युवक की हालत ज्यादा बिगड़ती दिखी तो उन्होंने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई. जिस पर एसएसपी बदायूं ने मामले की जांच दातागंज सीओ को सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराकर उन्हें निलंबित किया गया है। 

प्रकरण

पुलिस ने युवक को हिरासत में क्यों लिया?

अलापुर थाने की ककराला चौकी के पुलिसकर्मियों ने 2 मई को वार्ड नंबर 12 निवासी रेहान (20) को गौ तस्करों की मदद करने के शक में हिरासत में लिया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने रातभर उसकी बेरहमी से पिटाई की और बिजली के करंट के झटके भी लगाए। इसी तरह पुलिसकर्मियों ने उसके निजी अंगों में डंडा भी डाल दिया था। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद अगले दिन पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया।

खुलासा

कैसे हुआ घटना का खुलासा?

पुलिस की यातना से रेहान की हालत काफी खराब हो गई थी, लेकिन वह जैसे-तैसे कर अपने घर पहुंच गया। इसके बाद उसकी हालत देखकर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने परिजनों को पूरी घटना बता दी। पांच दिन पहले अस्पताल के जरिए घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गई।
इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ओपी सिंह ने दांतागढ़ के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) प्रेम कुमार थापा को मामले की जांच सौंप दी।

आरोप

परिजनों ने पुलिस पर लगाए रेहान को यातना देने के आरोप

SSP के आदेश पर DSP थापा ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन तब तक परिजन रेहान की हालत बिगड़ने पर उसे उपचार के लिए दिल्ली ले जा चुके थे।
परिजनों ने वापस आने पर DSP ने उनके बयान दर्ज किए। इसमें परिजनों ने आरोप लगाया कि ककराला चौकी पुलिसकर्मियों ने रेहान को हिरासत में यातनाएं दी और इसके कारण वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। वह पिछले 26 दिनों से उसका उपचार करा रहे हैं।

जानकारी

पुलिसकर्मियों ने रेहान को उपचार के लिए दिए थे 100 रुपये रेहान के परिजनों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर रेहान को उपचार के लिए 100 रुपये देकर छोड़ दिया था। उन्होंने घटना के बारे में किसी को बताने पर कई मामले दर्ज कर जेल भेजने की धमकी भी दी थी।

रिपोर्ट

DSP की जांच में सही पाए गए आरोप- SSP

SSP सिंह ने बताया कि DSP थापा ने मामले की जांच की तो सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत कर दी।
उन्होंने बताया कि DSP की रिपोर्ट के आधार पर चौकी प्रभारी सत्यपाल सिंह, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, शेखर चावला, सोनू, और विपिन को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। हिरासत में यातना देना बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

FIR रेहान की मां की शिकायत के आधार पर सात लोगों पर FIR दर्ज SSP सिंह ने बताया कि मामले में रेहान की मां नजमा की शिकायत पर पांचों पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट पहुंचाने, आपराधिक धमकी सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के अलावा दो अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस पिटाई से घायल युवक की मेडिकल रिपोर्ट भी तैयार कराई जा रही है। वह कार्रवाई में अहम होगी।

 

Previous article8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन का आयोजन , कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने की
Next articleविश्व पर्यावरण दिवस पर काउपैथी समुदाय का हुआ सम्मेलन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here