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प्राकृतिक कृषि धरती, गौ माता, प्रकृति व पर्यावरण की सेवा समान’

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सूरत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सूरत जिले के गांव और यहां के जागृत किसानों ने साबित किया है कि वे केवल परिवर्तन ही नहीं कर सकते बल्कि परिवर्तन का नेतृत्व भी कर सकते हैं। प्राकृतिक कृषि को अपनाकर वे धरती, गौ माता, प्रकृति व पर्यावरण की सेवा का भी महान कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात सूरत के सरसाना स्थित एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में अपने वर्चुअल उद्बोधन में कही। सम्मेलन के दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी समेत अन्य कई लोग मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने अपनी वर्चुअल उपस्थिति में बताया कि देश का एक वर्ग मानता था कि गांव में परिवर्तन लाना संभव नहीं है, लेकिन डिजिटल इंडिया ने यह कर दिखाया है। प्राकृतिक खेती से किसान के खेत की जमीन की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ेगी। सूरत जिले के 693 गांव की 556 ग्राम पंचायतों में 41, 500 किसानों ने प्राकृतिक खेती अपनाकर विशमुक्त कृषि की ओर कदम बढ़ाया है। सूरत का हीरा उद्योग पूरी दुनिया में जगमग-जगमग करता है, इसी तरह से प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में भी सूरत अपने नाम को बहुत ऊंचाई तक ले जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सूरत के किसानों का प्राकृतिक कृषि मॉडल देशभर के कृषि क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर सामने आएगा ऐसी पूरी संभावना है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत वासियों के मिजाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि सूरत वाले जो कुछ ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके भी दिखाते हैं, यह उनका इतिहास है।

– किसान की उन्नति, देश की आर्थिक समृद्धिआजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिला प्रशासन की ओर से आयोजित प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आजादी के बाद देश में खाद्यान्न जरूरत को पूरा करने के लिए हरित क्रांति के लिए प्राकृतिक कृषि को अपनाने की समय की आवश्यकता थी। देश के कृषि वैज्ञानिकों ने सराहनीय कार्य किया और देश खाद्यान्न के क्षेत्र में स्वावलंबी बना, परंतु अब रासायनिक खेती के दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। प्राकृतिक खेती आज के वक्त में बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। देसी गाय के एक छाने में 300 करोड़ सूक्ष्मजीव होते हैं और गोमूत्र खनिज का भंडार है। अब किसान वर्ग को ज्यादा से ज्यादा जागरूक होकर आगे बढऩा चाहिए। प्राकृतिक खेती एकदम सरल और कम खर्चे वाली होती है एवं पर्यावरण के अनुकूल भी होती है। इससे देश के किसान की उन्नति है और किसान की उन्नति में ही देश की समृद्धि निहित है।

– सूरत का किसान देश भर में पथ प्रदर्शक बनेगामुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में कहा कि सूरत जिले के किसानों ने प्राकृतिक कृषि को अपनाकर राज्य भर के किसानों को कृषि के क्षेत्र में एक नई राह दिखाई है। यहां के किसान देशभर के किसानों के लिए प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में पथ प्रदर्शक बनकर सामने आएंगे। पटेल ने आगे कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए प्राकृतिक खेती जरूरी है और इस दिशा में सूरत जिले के किसानों ने शुरुआत कर दी है। सूरत जिले के 693 गांव की 556 ग्राम पंचायतों में से एक-एक ग्राम पंचायत में 75-75 किसानों ने प्राकृतिक कृषि को अपनाने का संकल्प किया है जो कि भविष्य में कृषि क्षेत्र की दिशा और दशा बदल देगा।

गौ माता के चारों पैर बांधकर दुष्कर्म करते हुये पकड़ा गया दरिंदा शहरे आलम, छत्तीसगढ़ के रायपुर की शर्मनाक घटना

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छत्तीसगढ़ के रायपुर में शहरे आलम नामक युवक द्वारा गौ माता को क्रूरतापूर्वक पैर बांधकर दुष्कर्म करने की शर्मनाक घटना सामने आई है। दरिंदे शहरे आलम को स्थानीय ग्रामीणों ने रंगेहाथ पकड़ा, जिसकी शिकायत खमतराई थाना में की गई। शिकायत के बाद पुलिस ने धारा 377 भादवि एवं धारा 11 (1) (च) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत अपराध पंजीबध्द कर लिया है।
जानकारी के अनुसार प्रार्थी ने थाने में शिकायत दी थी कि बिरगांव बस्ती में गांव बनाने का काम चल रहा था, उक्त कार्य दौरान रात करीबन 03.15 बजे, सतनाम चौक पास दुकलहा साहू के मकान के बगल मे एक गौ माता जिसके चारों पैर को बांधकर एक व्यक्ति अपना नीचे का अण्डर वियर खिसका कर गौ माता के साथ संभोग कर रहा था। जब स्थानीय लोग पकड़ने लगे, तो वह व्यक्ति दौड़कर भागने लगा जिसे दौड़ा कर कुछ दूर मे पकड़ लिया गया। आरोपी का नाम शहरे आलम पिता उसमान खान, उम्र 20 साल है।
धारा 377 क्या है?
आरोपी शहरे आलम पर पशु क्रूरता के साथ धारा 377 का अपराध दर्ज किया गया है। ये धारा प्रकृति विरुद्ध अपराध के तहत लगाई जाती है। जो भी अपनी मर्जी से किसी पुरुष, महिला या जानवर से प्रकृति के नियमों के खिलाफ जाकर शारीरिक संबंध बनाएगा, उसे इस सेक्शन के तहत आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।

फैशन डिजाइनर अंजलि फौगट को मिला ‘टाइम्स अंडर 40 अचीवर्स अवार्ड’

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सोनू निगम, प्रियंका चोपड़ा की बहन मन्नारा चोपड़ा, ज़ीनत अमान, अश्मित पटेल, शक्ति कपूर सहित कई बॉलीवुड और अनेक हॉलीवुड हस्तियों के साथ काम कर चुकी मशहूर फैशन डिजाइनर अंजलि फौगट को टाइम्स ग्रुप के द्वारा अवार्ड समारोह में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने ‘टाइम्स अंडर 40 अचीवर्स अवार्ड’ दे कर सम्मानित किया। इस अवार्ड समारोह में टाइम्स ग्रुप द्वारा 40 वर्ष से कम उम्र के 40 प्रतिभाशाली कॉर्पोरेट लीडर, उभरते उद्यमियों, कलाकारों, खिलाड़ियों, संगीतकारों और व्यावसायिक पेशेवरों को भी सम्मानित किया गया।
अंजलि फौगट, एक भारतीय-अमेरिकी फैशन डिजाइनर हैं।16 साल की उम्र से ही फैसन डिजाइन को अंजलि फौगट ने स्केच करना शुरू कर दिया था। फैशन की दुनिया में उनका करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने 2006 में मिस हरियाणा का खिताब जीता और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी उपलब्धियां वर्षों से उनके देश और परिवार के लिए बहुत गर्व का स्रोत रही हैं। वह वर्तमान में डिज़ाइनर ड्रीम कलेक्शन की सीईओ हैं, जो एक दक्षिण एशियाई लक्जरी व्यवसाय है, साथ ही एक सामाजिक अधिकार प्रचारक भी है।
अंजलि के काम को कई हाई-प्रोफाइल हस्तियां पसंद करती हैं। 2021 में मिस यूनिवर्स पेजेंट की विजेता हरनाज़ के पास उनके द्वारा डिज़ाइन किए गए आभूषण और विभिन्न पोशाकें थीं।  अंजलि का काम कई से लेकर टॉप सेलेब्रिटीज की पहली पसंद होता है। उन्होंने 2021 मिस यूनिवर्स पेजेंट टाइटल होल्डर हरनाज़ कौर संधू के लिए गहने और कई पोशाकें भी डिजाइन कीं, और उन्होंने भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस में अपनी घर वापसी के दौरान गर्व से डीडीसी डिजाइन पहने। अंजलि के आउटफिट्स को 2021 और 2022 कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट और न्यूयॉर्क फैशन वीक शो में भी शोकेस किया गया था।
अंजलि फौगट के ब्रांड डिज़ाइनर ड्रीम कलेक्शन को 2022 में वेडिंगवायर पर न्यू अल्बानी में ड्रेस एंड अटायर में शीर्ष डिजाइनरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरू द्वारा दुनिया भर में मिट्टी पर आए संकट के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शुरू की गई ‘जर्नी टू सेव सॉइल’ के समर्थन में धरती माता को बचाने के लिए अंजलि फौगट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बॉलीवुड स्टार अश्मित पटेल ने भी उनका साथ दिया और कार्यक्रम में प्रतीकात्मक स्वरूप
सन्देशयुक्त ‘मिट्टी बचाओ..’ कपड़े पहने।
अंजलि फौगट की कुछ नवीनतम उपलब्धियों में एक लघु फिल्म का निर्माण भी शामिल है जिसे कान्स ग्लोबल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2021 में प्रदर्शित किया गया था। फिल्म ‘इंक्लूजन थ्रू यूनिटी’ में महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि लैंगिक असमानता और परलैंगिक(ट्रांसजेंडरके अधिकारों व समस्याओं को चित्रित किया गया था। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म के लिए ग्लोबल शॉर्ट फिल्म अवार्ड् भी मिला था।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

पीएम मोदी ने नए संसद भवन की छत पर किया अशोक स्तंभ का उद्घाटन, 6.5 मीटर है मूर्ति की ऊंचाई

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PM Narendra Modi: देश के निर्माणाधीन नए संसद भवन पर आज सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ का उद्घाटन किया। खबरों के अनुसार, यह प्रतिमा कांस्य धातु की बनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। अनावरण के बाद वहां निर्माण कार्यों में लगे कामगारों के साथ पीएम मोदी ने बातचीत भी की।

एक रिपोर्ट के अनुसार, संसद की छत पर लगाई गई राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ की प्रतिमा का वजन 9500 किलो है और यह कांस्य धातु से बनाया गया है। इसके साथ ही इस स्तंभ की ऊंचाई 6.5 मीटर है। यह प्रतिमा यहां लगने से पहले आठ चरणों से गुजरी, जिसमें इसकी स्केचिंग, निर्माण और पॉलिशिंग शमिल है।

इससे पहले ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की टनल और 5 अंडरपास का किया था उद्घाटन

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया था। यह परियोजना प्रगित मैदान रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का एक अभिन्न अंग बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ से अधिक आई है।

परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ से अधिक आई है

प्रधानमंत्री की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 920 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाई गई यह इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक लोगों को आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी। PMO की विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस परियोजना के तहत बनाए गए अंडरपास में स्मार्ट फायर मैनेजमेंट मॉडर्न वेंटिलेशन और ऑटोमेटेड वाटर ड्रैनेज सिस्टम, डिजिटल रूप से संचालित CCTV कैमरे और सुरंग के अंदर सार्वजनिक अनाउंसमेंट सिस्टम जैसी सुविधा दी गई है।

प्रदर्शनी में आयोजक और विजिटर्स को मिलेगी सुविधा

प्रगति मैदान में इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास से अब प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली किसी भी प्रदर्शनी में आयोजक और विजिटर्स आसानी से पहुंच पाएंगे। इस परियोजना की मदद से वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे यहां आने वाले लोगों के समय की बचत हो सकेगी।

 

द्वारका एक्सप्रेस-वे 2023 में चालू हो जायेगा -नितिन गडकरी

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New Delhi – सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे, जिसे हरियाणा वाले हिस्से में नार्दर्न पेरीफेरल रोड कहते हैं, उसे भारत में पहले एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जा रहा है।

ट्वीट की एक श्रृंखला में श्री गडकरी ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (स्वर्णिम चतुर्भुज सम्बंधी दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुम्बई राजमार्ग का हिस्सा) तथा आर्टेरियल रोड पर दबाव कम होगा। अभी इन मार्गों पर भारी यातायात रहता है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम दिल्ली से आने वाले वाहन शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि एनएच-8 का 50 से 60 प्रतिशत यातायत इस नये एक्सप्रेस-वे की तरफ मुडेगा, जिससे सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड आदि की तरफ जाने वाले यातायात में सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में चालू हो जाने के बाद, इससे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को भी कम करने में बेहद मदद मिलेगी।

श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के कोने-कोने में विश्वस्तरीय अवसंरचना के विकास को सक्रिय प्राथमिकता दे रही है और ‘संपर्कता से समृद्धि’ का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

श्री गडकरी ने बताया कि दिल्ली से हरियाणा के गुरुग्राम को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेस-वे में सड़क की दोनों तरफ न्यूनतम तीन लेन सर्विस रोड हैं, जो 16 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड राजमार्ग से जुड़ी हैं। यह एक्सप्रेस-वे 29 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में और शेष 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा।

श्री गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे पर चार बहुस्तरीय इंटरचेंज होंगे। प्रमुख जंक्शनों पर सुरंग/अंडरपास, एट-ग्रेड रोड, एलीवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाये जायेंगे, जिनमें भारत की सबसे लंबी (3.6 किलोमीटर) और सबसे चौड़ी (8 लेन) शहरी सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे की शुरूआत एनएच-8 (दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे) पर शिव-मूर्ति से होगी और वह द्वारका सेक्टर 21, गुरुग्राम सीमा तथा बसई से गुजरता हुआ खिड़की दौला टोल प्लाजा के निकट समाप्त हो जायेगा।

श्री गडकरी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित परियोजना का विकास राजधानी दिल्ली में भीड़-भाड़ कम करने की योजना में प्रमुख भूमिका निभायेगी। द्वारका एक्सप्रेस-वे जब पूरा हो जायेगा, तो उसके जरिये द्वारका के सेक्टर 25 स्थित इंडिया इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (आईआईसीसी) तक सीधी पहुंच हो जायेगी। साथ ही इसके जरिये एक कम गहरी सुरंग के जरिये आईआईजी एयरपोर्ट तक जाने का एक वैकल्पिक रास्ता मिल जायेगा। उन्होंने कहा कि उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली, टोल प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों, सतर्कता आदि जैसे उत्कृष्ट बौद्धिक यातायात प्रणालियां आसन्न विश्वस्तरीय गलियारे का अभिन्न होंगी।

श्री गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के आसपास भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया जायेगा। पूरे क्षेत्र 12,000 पेड़ लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। निर्माण में 34 मीटर चौड़ी आठ लेन की एकल पाए वाली सड़क शामिल है। अनुमान है कि परियोजना में दो लाख मीट्रिक टन (एफिल टावर में इस्तेमाल इस्पात से तीस गुना अधिक) इस्पात की खपत होगी। इसी तरह इसके निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी, जो बुर्ज खलीफा में लगे कंक्रीट से छह गुना अधिक है।

 

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में एक नई कार्य संस्कृति की शुरुआत की है

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New Delhi – केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार);पृथ्वी विज्ञानराज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि भारत में नई कार्य संस्कृति की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गरीब और जन कल्याणकारी योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो जाति, पंथ, धर्म या वोट के नफा-नुकसान पर विचार किए बिना सबसे जरूरतमंद या कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि, इसी तरह,समकालीन भारत के उभरते परिदृश्य को देखते हुएश्री मोदी ने स्टार्टअप्स को लगातार बढ़ावा दिया है,जिन्हें अपनी आजीविका कमाने में सक्षम होना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुएकहा कि जहां पहले जरूरतें पूरी नहीं हुई वहां की जरूरतें पूरी करने के लिए और जहां अतीत में न्याय नहीं किया गया वहां न्याय दिलाने के लिए शुद्ध रूप से निष्पक्ष मापदंडों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि यहकांग्रेस और उसकी सहयोगी सरकारों द्वारा अपनाए गए पिछले कार्य व्यवहार से काफी हटकर है जिसमें वोट बैंक की राजनीति के चलते राज्य से मिलने वाले लाभों को चयनित लोगों तक ही पहुंचाया जाना तय कर दिया जाता था।श्री मोदी ने सभी के लिए न्याय के सिद्धांत के आधार पर सार्वजनिक वितरण के मानकों को सफलतापूर्वक वोट के नफा-नुकसान के विचार से बहुत ऊपर उठाया और फिर यह तय करने के लिए जनता पर छोड़ दिया कि वे किसे वोट देना चाहते हैं,और जनता ने भी मोदी सरकार को पहले के चुनाव की तुलना में बहुत अधिक जनादेश के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए वापस लाकर पीएम की इस सोच का समर्थन किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, शौचालय आदि जैसी नागरिक केंद्रित योजनाएं ऐसे हर घर में पहुंचीं जहां इन सुविधाओं का अभाव पाया गया और अधिकारियों ने यह कभी नहीं पूछा कि लाभ प्राप्त करने वाला परिवार किस धर्म या जाति का है या पिछले चुनाव में उन्होंने किस राजनीतिक दल को वोट दिया था। उन्होंने कहा कि यह नई कार्य संस्कृति भारतीय राजनीति में एक नया मानदंड बन जाएगी और जनता हर राजनीतिक दल से इसका पालन करने की उम्मीद करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 8 वर्षों की छोटी अवधि के दौरानकेंद्र कई योजनाओं को करीब 100% पूरा करने में सक्षम रहा है। उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत का पालन करते हुए जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुंचाया जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण अन्न योजना,जन धन,उज्ज्वला,शौचालय,पीएम आवास,हर घर जल,हर घर बिजली और आयुष्मान जैसी परिवर्तनकारी योजनाओं के कारण देश की जनता ने केंद्र और अधिकांश राज्यों दोनों मेंबार-बार मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि पहले जब देश में तुष्टिकरण की नीति चलती थी, उसके विपरीत अब लोगों को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि इन कल्याणकारी उपायों ने करोड़ों लोगों को घोर गरीबी के चंगुल से बाहर निकाला और उन्हें सम्मान का जीवन उपलब्ध कराया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वे स्वयं पता लगा सकते हैं कि इन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी सभी जाति, पंथ और धर्म के हैं क्योंकि लाभार्थियों की सूची पूरी निष्पक्षता और बिना किसी पूर्वाग्रह के बनाई जाती है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि गरीबी हटाने के लिए ग्रामीण रोजगार योजना जैसे अन्य उपायों के साथ इन योजनाओं ने गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन को बदल दिया है और उनके जीवन स्तर को सम्मान के स्तर तक बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बिना की किसी कमी के पारदर्शी और कुशल वितरण तंत्र के माध्यम से सीधे जरूरतमंदों तक पूरा लाभ पहुंच रहा है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का उदाहरण देते हुएडॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले,इस क्षेत्र को केंद्र सरकारों की अदूरदर्शी नीतियों के कारण लगातार आर्थिक रूप से नुकसान होता रहा,लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बादप्रधानमंत्री ने कहा था कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में न केवल विकासात्मक कमियों को सफलतापूर्वक पाट दिया गया है,बल्कि उत्तरपूर्वी क्षेत्र को भी मनोवैज्ञानिक भरोसा हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क के मामले में महत्वपूर्ण विकास न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में माल और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों को मिजोरम का उदाहरण भी दिया कि यह राज्य हमेशा से भाजपा का विरोध करता रहा है,लेकिन मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के मिजोरम में इजराइली तकनीक की मदद से साइट्रस फ्रूट “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना में मदद की। उन्होंने बताया कि यह साइट्रस फ्रूट सेंटर भारत में अपनी तरह के एक अनूठे संस्थान के रूप में उभरा है, जो मिजोरम में स्थित होने के बावजूद पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और असल में पूरे देश की जरूरतों को पूरा करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि साल 2015 में लाल किले की प्राचीर से “स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया” के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ शुरू हुए उनके प्रोत्साहन के कारणभारत में स्टार्टअप की संख्या लगभग 300 से 400 से बढ़कर 70,000 हो गई है। इसे उत्तर प्रदेश के उन युवाओं द्वारा पोषित किया जाना चाहिए जो विभिन्न स्टार्ट-अप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न (ऐसी स्टार्टअप कंपनी जिसका मूल्य 1 अरब डॉलर से अधिकहो गया हो) हैं और बायोटेक स्टार्टअप्स ने तो अपने प्रदर्शन के दम पर काफी उम्मीद जताई है।

केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप की विशाल संभावनाओं और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जा रही वित्तीय सहायता के बारे में, विशेष रूप से युवाओं के बीच, जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के आठ वर्षों ने देश में ‘युवा शक्ति’ और ‘नारी शक्ति’ कोउनकी आकांक्षाओं,उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्रमुखतादेते हुए एक नया सवेरा और नई दिशा दी है।

 

खानों की सफल नीलामी के लिये राज्यों को प्रोत्साहन दिया जायेगा – श्री प्रह्लाद जोशी

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New Delhi – केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि खानों की सफल नीलामी के लिये राज्य सरकारों को और जिन्होंने संभावित खनिज ब्लॉकों को चिह्नित किया है, उन्हें प्रोत्साहन दिया जायेगा। श्री जोशी ने कहा कि सफल राज्यों को कल नई दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खान तथा खनिज सम्मेलन के दौरान पुरस्कृत किया जायेगा।

श्री प्रह्लाद जोशी आज खान मंत्रालय के आजादी का अमृत महोत्सव प्रतीक सप्ताह का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री श्री अमित शाह इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे। आजादी का अमृत महोत्सव प्रतीक सप्ताह समारोहों में हिस्सा लेते हुये खान मंत्रालय में सचिव, श्री आलोक टंडन ने कहा कि देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय 11 से 17 जुलाई, 2022 तक प्रतीक सप्ताह मनायेंगे।

लड़की : गर्ल ड्रैगन’ 15 जुलाई को रिलीज़ होगी

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बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर रामगोपाल वर्मा की मार्शल आर्ट्स पर आधारित बहुप्रतीक्षित फिल्म  ‘लड़की : गर्ल ड्रैगन’ का ट्रेलर, पिछले दिनों मुम्बई के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जारी किया गया इसके साथ ही इस फिल्म को 15 जुलाई को रिलीज़ करने‌ की घोषणा कर दी गई। इस फिल्म में अभिनेत्री पूजा भालेकर की काफी दमदार भूमिका में नज़र आएगी, जो असल ज़िंदगी में ख़ुद मार्शल आर्ट्स में माहिर हैं।
‘रात’, ‘शिवा’, ‘रंगीला’, ‘भूत’, ‘सत्या’ जैसी एक से बढ़कर एक उम्दा फ़िल्में बनानेवाले निर्माता निर्देशक रामगोपल वर्मा ‘लड़की: ड्रैगन गर्ल’ की रिलीज़ को लेकर  फिलवक्त बेहद उत्साहित हैं। यह फ़िल्म रामगोपाल वर्मा के गृह राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगू भाषा में तो रिलीज़ की जाएगी, साथ ही इसे तमिल, मलयालम और कन्नड़ भाषा में भी बड़े पैमाने पर रिलीज़ किया जाएगा। इस फिल्म को भव्य स्तर पर ना सिर्फ़ भारत में रिलीज़ की जाएगी, बल्कि फिल्म के चीनी वर्ज़न को चीन के तकरीबन 40,000 सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा 421वी काव्य गोष्ठी संपन्न

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अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा 421वी काव्य गोष्ठी संपन्न

संतोष साहू,

नवी मुम्बई। अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच एक सामाजिक और साहित्यिक संस्था है जो समाज के लिए और साहित्य के लिए निरंतर कार्यक्रम करती आ रही है। इसी क्रम में 9 जुलाई को कोपरखैरने, नवी मुंबई में काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता की सेवा सदन प्रसाद ने तथा मुख्य अतिथि रहे रामस्वरूप साहू।
मंच संचालन किया युवा कवि साहित्यकार पवन तिवारी ने और मां सरस्वती की वंदना की वंदना श्रीवास्तव ने।
प्रस्तुत है कार्यक्रम रचनाकारों की खूबसूरत पंक्तियां :-
बहुत याद कर लिया जीवन में
हम सबने जन्म से अब तक
ये जो तुमारा सुंदर रूप है
या पूनम का चांद है यह
– ओमप्रकाश पांडेय

प्रियतम किधर गए
सखी मुझे बतलाओ
प्रियतम किधर गए
जीवन को त्योहार बनाकर
यादों का गलहार सजाकर
सपनों का संसार दिखाकर
हृदय द्वार पर मुझे बिठाकर
अब क्यों चुप्पी साधे
प्रियतम किधर गए
सखी मुझे बतलाओ
प्रियतम किधर गए
– अलका पांडेय

पीछा मुझसे प्रभुजी छुड़ा ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे विनती मेरी मेरे ऊपर दया दिखाओगे
– विशंभर तिवारी

पिता मेरी जान है
पिता मेरी पहचान है
– नीरजा ठाकुर

लोभ लालच के दाने बिखरे बीच डगरिया तेरी
चुगने कि तू आस ना कर यह नहीं नजरिया तेरी
– त्रिलोचन सिंह

भूल गया इंसान सभी रीति रस्में, रामायण बाइबल कुरान की कस्मे।
इसीलिए इतना परेशान है इंसान, इंसान से हैवान बन गया इंसान
– रवि यादव

परछाई की मानिद यादें तेरी पीछे पड़ी रहती हैं
जाओ चाहे जितनी दूर मगर यह पास खड़ी रहती हैं
तुम आ जाती हो तो हंसने लगती हैं घर की दीवारें
वरना तेरे जाने के बाद यह खामोश खड़ी रहती हैं
– जे पी सहारनपुरी

रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार
गाये गोरी गीत मल्हार
तेरी मेरी प्रेम कहानी
मन में कुमुद खिले हजार
– रामस्वरूप साहू

सो गई है जो संवेदना
वह जगाने आया हूं
गांव छोड़कर शहर में
यारों कुछ मांगने आया हूं
– सेवासदन प्रसाद

बंजर जमीन थी कोई फूल फुला नहीं
कितने ही ख्वाब आंख में बोने के बावजूद
– वंदना श्रीवास्तव

कल्पना में तुम्हारी बनी अल्पना। अन्य कोई नहीं क्यों तुम्हें सोचना
– पवन तिवारी

कार्यक्रम में उपस्थित सभी कवियों ने अपनी अपनी स्वरित रचनाओं से काव्य गोष्ठी को गौरव प्रदान किया। अंत में नीरजा ठाकुर ने सभी कवियों का आभार व्यक्त किया और परिचर्चा के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।

नेटफ्लिक्स (Netflix) ने की ‘टेकटेन’ की घोषणा

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नेटफ्लिक्स इंडिया और फिल्म कंपेनियन द्वारा संयुक्त रुप से भारत के फिल्म निर्माताओं औरकहानीकारों की अगली पीढ़ी का समर्थन करने के लिए ‘टेकटेन’ की घोषणा कर दी गई है। ‘टेक टेन’ एक लघु फिल्म कार्यशाला और प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य भारत में विविध पृष्ठभूमि के उभरते फिल्म निर्माताओं को खोजना और उनका समर्थन करना है। ‘टेकटेन’ वर्कशॉप में एडिटिंग, प्रोडक्शन डिजाइन, स्क्रीनप्ले डेवलपमेंट, म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी, लाइटिंग और शॉर्ट फिल्मों की नींव रखने के सत्र  को शामिल किया गया है। ‘टेक टेन’ के अंतर्गत क्रमवार रूप से 10 फिल्म निर्माताओं को क्रिएटिव इंडस्ट्री के दिग्गजों की कार्यशालाओं में भाग लेने का रोमांचक अवसर दिया जायेगा। साथ ही $10,000 के अनुदान समेत पूरी तरह से वित्त पोषित लघु फिल्म बनाने का मौका दिया जायेगा। फिल्मों को नेटफ्लिक्स के इंडिया यूट्यूब चैनल पर दिखाया जाएगा।
हाल ही मेंं आयोजित कार्ययशाला मेंं रीमा कागती, टिस्का चोपड़ा, गुनीत मोंगा, नीरज घायवान, जयदीप अहलावत, कबीर खान, विशाल ददलानी और शकुन बत्रा जैसे शख़्सियतों ने अपनी रचनात्मक यात्रा का हवाला देते हुए उभरते फिल्म निर्माताओं का मार्गदर्शन किया। ‘टेकटेन’ के फाइनलिस्ट में गोवा से बरखा नाइक और सुयश कामत, मुंबई से हितार्थ राकेश देसाई, रिया नलवडे और समीहा सबनीस, तिरुवनंतपुरम से मुरली कृष्णन, चेन्नई से मनस्विनी बूवराहन और संदीप किशन अंबुसेलवन, कोलकाता से रोहन श्याम चौधरी और अदिति शर्मा हैं।
फिल्म समीक्षक, लेखक और फिल्म सहयोगी संपादक, अनुपमा चोपड़ा, जो कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही हैं, उन्होंने कहा, “टेक टेन कहानी कहने और मौलिकता का सेलिब्रेशन है। कार्यशाला और प्रतियोगिता का उद्देश्य समावेशी होना और भारत में कैमरे के पीछे और सामने की विविध आवाजों को प्रदर्शित करना है।” “मुझे उम्मीद है कि टेक टेन भारत भर के कलाकारों को अपने पैर जमाने और ऊंची उड़ान भरने में सक्षम बनाएगा।”
नेटफ्लिक्स दुनिया की अग्रणी स्ट्रीमिंग मनोरंजन सेवा है, जिसमें 190 से अधिक देशों में 222 मिलियन सशुल्क सदस्यताएं हैं, जो विभिन्न प्रकार की शैलियों और भाषाओं में टीवी श्रृंखला, वृत्तचित्र, फीचर फिल्मों और मोबाइल गेम्स का आनंद ले रही हैं। सदस्य किसी भी इंटरनेट से जुड़ी स्क्रीन पर जितना चाहें, कभी भी, कहीं भी देख सकते हैं। सदस्य बिना विज्ञापनों या प्रतिबद्धताओं के खेल सकते हैं, रोक सकते हैं और देखना फिर से शुरू कर सकते हैं। जब से भारत में नेटफ्लिक्स (Netflix) का आगमन हुआ है तब से भारतीय सिनेदर्शकों में इसके प्रति दीवानगी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। खासकर युवावर्ग को अपने कंटेंट के माध्यम से अपनी ओर आकर्षित करने की दिशा में ‘नेटफ्लिक्स’ अग्रसर है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय