New Delhi – केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार);पृथ्वी विज्ञानराज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि भारत में नई कार्य संस्कृति की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गरीब और जन कल्याणकारी योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो जाति, पंथ, धर्म या वोट के नफा-नुकसान पर विचार किए बिना सबसे जरूरतमंद या कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि, इसी तरह,समकालीन भारत के उभरते परिदृश्य को देखते हुएश्री मोदी ने स्टार्टअप्स को लगातार बढ़ावा दिया है,जिन्हें अपनी आजीविका कमाने में सक्षम होना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुएकहा कि जहां पहले जरूरतें पूरी नहीं हुई वहां की जरूरतें पूरी करने के लिए और जहां अतीत में न्याय नहीं किया गया वहां न्याय दिलाने के लिए शुद्ध रूप से निष्पक्ष मापदंडों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि यहकांग्रेस और उसकी सहयोगी सरकारों द्वारा अपनाए गए पिछले कार्य व्यवहार से काफी हटकर है जिसमें वोट बैंक की राजनीति के चलते राज्य से मिलने वाले लाभों को चयनित लोगों तक ही पहुंचाया जाना तय कर दिया जाता था।श्री मोदी ने सभी के लिए न्याय के सिद्धांत के आधार पर सार्वजनिक वितरण के मानकों को सफलतापूर्वक वोट के नफा-नुकसान के विचार से बहुत ऊपर उठाया और फिर यह तय करने के लिए जनता पर छोड़ दिया कि वे किसे वोट देना चाहते हैं,और जनता ने भी मोदी सरकार को पहले के चुनाव की तुलना में बहुत अधिक जनादेश के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए वापस लाकर पीएम की इस सोच का समर्थन किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, शौचालय आदि जैसी नागरिक केंद्रित योजनाएं ऐसे हर घर में पहुंचीं जहां इन सुविधाओं का अभाव पाया गया और अधिकारियों ने यह कभी नहीं पूछा कि लाभ प्राप्त करने वाला परिवार किस धर्म या जाति का है या पिछले चुनाव में उन्होंने किस राजनीतिक दल को वोट दिया था। उन्होंने कहा कि यह नई कार्य संस्कृति भारतीय राजनीति में एक नया मानदंड बन जाएगी और जनता हर राजनीतिक दल से इसका पालन करने की उम्मीद करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 8 वर्षों की छोटी अवधि के दौरानकेंद्र कई योजनाओं को करीब 100% पूरा करने में सक्षम रहा है। उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत का पालन करते हुए जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुंचाया जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण अन्न योजना,जन धन,उज्ज्वला,शौचालय,पीएम आवास,हर घर जल,हर घर बिजली और आयुष्मान जैसी परिवर्तनकारी योजनाओं के कारण देश की जनता ने केंद्र और अधिकांश राज्यों दोनों मेंबार-बार मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि पहले जब देश में तुष्टिकरण की नीति चलती थी, उसके विपरीत अब लोगों को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि इन कल्याणकारी उपायों ने करोड़ों लोगों को घोर गरीबी के चंगुल से बाहर निकाला और उन्हें सम्मान का जीवन उपलब्ध कराया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वे स्वयं पता लगा सकते हैं कि इन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी सभी जाति, पंथ और धर्म के हैं क्योंकि लाभार्थियों की सूची पूरी निष्पक्षता और बिना किसी पूर्वाग्रह के बनाई जाती है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि गरीबी हटाने के लिए ग्रामीण रोजगार योजना जैसे अन्य उपायों के साथ इन योजनाओं ने गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन को बदल दिया है और उनके जीवन स्तर को सम्मान के स्तर तक बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बिना की किसी कमी के पारदर्शी और कुशल वितरण तंत्र के माध्यम से सीधे जरूरतमंदों तक पूरा लाभ पहुंच रहा है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का उदाहरण देते हुएडॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले,इस क्षेत्र को केंद्र सरकारों की अदूरदर्शी नीतियों के कारण लगातार आर्थिक रूप से नुकसान होता रहा,लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बादप्रधानमंत्री ने कहा था कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में न केवल विकासात्मक कमियों को सफलतापूर्वक पाट दिया गया है,बल्कि उत्तरपूर्वी क्षेत्र को भी मनोवैज्ञानिक भरोसा हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क के मामले में महत्वपूर्ण विकास न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में माल और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों को मिजोरम का उदाहरण भी दिया कि यह राज्य हमेशा से भाजपा का विरोध करता रहा है,लेकिन मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के मिजोरम में इजराइली तकनीक की मदद से साइट्रस फ्रूट “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना में मदद की। उन्होंने बताया कि यह साइट्रस फ्रूट सेंटर भारत में अपनी तरह के एक अनूठे संस्थान के रूप में उभरा है, जो मिजोरम में स्थित होने के बावजूद पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और असल में पूरे देश की जरूरतों को पूरा करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि साल 2015 में लाल किले की प्राचीर से “स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया” के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ शुरू हुए उनके प्रोत्साहन के कारणभारत में स्टार्टअप की संख्या लगभग 300 से 400 से बढ़कर 70,000 हो गई है। इसे उत्तर प्रदेश के उन युवाओं द्वारा पोषित किया जाना चाहिए जो विभिन्न स्टार्ट-अप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न (ऐसी स्टार्टअप कंपनी जिसका मूल्य 1 अरब डॉलर से अधिकहो गया हो) हैं और बायोटेक स्टार्टअप्स ने तो अपने प्रदर्शन के दम पर काफी उम्मीद जताई है।

केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप की विशाल संभावनाओं और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जा रही वित्तीय सहायता के बारे में, विशेष रूप से युवाओं के बीच, जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के आठ वर्षों ने देश में ‘युवा शक्ति’ और ‘नारी शक्ति’ कोउनकी आकांक्षाओं,उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्रमुखतादेते हुए एक नया सवेरा और नई दिशा दी है।

 

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