सूरत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सूरत जिले के गांव और यहां के जागृत किसानों ने साबित किया है कि वे केवल परिवर्तन ही नहीं कर सकते बल्कि परिवर्तन का नेतृत्व भी कर सकते हैं। प्राकृतिक कृषि को अपनाकर वे धरती, गौ माता, प्रकृति व पर्यावरण की सेवा का भी महान कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात सूरत के सरसाना स्थित एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में अपने वर्चुअल उद्बोधन में कही। सम्मेलन के दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी समेत अन्य कई लोग मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने अपनी वर्चुअल उपस्थिति में बताया कि देश का एक वर्ग मानता था कि गांव में परिवर्तन लाना संभव नहीं है, लेकिन डिजिटल इंडिया ने यह कर दिखाया है। प्राकृतिक खेती से किसान के खेत की जमीन की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ेगी। सूरत जिले के 693 गांव की 556 ग्राम पंचायतों में 41, 500 किसानों ने प्राकृतिक खेती अपनाकर विशमुक्त कृषि की ओर कदम बढ़ाया है। सूरत का हीरा उद्योग पूरी दुनिया में जगमग-जगमग करता है, इसी तरह से प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में भी सूरत अपने नाम को बहुत ऊंचाई तक ले जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सूरत के किसानों का प्राकृतिक कृषि मॉडल देशभर के कृषि क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर सामने आएगा ऐसी पूरी संभावना है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत वासियों के मिजाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि सूरत वाले जो कुछ ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके भी दिखाते हैं, यह उनका इतिहास है।
– किसान की उन्नति, देश की आर्थिक समृद्धिआजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिला प्रशासन की ओर से आयोजित प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आजादी के बाद देश में खाद्यान्न जरूरत को पूरा करने के लिए हरित क्रांति के लिए प्राकृतिक कृषि को अपनाने की समय की आवश्यकता थी। देश के कृषि वैज्ञानिकों ने सराहनीय कार्य किया और देश खाद्यान्न के क्षेत्र में स्वावलंबी बना, परंतु अब रासायनिक खेती के दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। प्राकृतिक खेती आज के वक्त में बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। देसी गाय के एक छाने में 300 करोड़ सूक्ष्मजीव होते हैं और गोमूत्र खनिज का भंडार है। अब किसान वर्ग को ज्यादा से ज्यादा जागरूक होकर आगे बढऩा चाहिए। प्राकृतिक खेती एकदम सरल और कम खर्चे वाली होती है एवं पर्यावरण के अनुकूल भी होती है। इससे देश के किसान की उन्नति है और किसान की उन्नति में ही देश की समृद्धि निहित है।
– सूरत का किसान देश भर में पथ प्रदर्शक बनेगामुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में कहा कि सूरत जिले के किसानों ने प्राकृतिक कृषि को अपनाकर राज्य भर के किसानों को कृषि के क्षेत्र में एक नई राह दिखाई है। यहां के किसान देशभर के किसानों के लिए प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में पथ प्रदर्शक बनकर सामने आएंगे। पटेल ने आगे कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए प्राकृतिक खेती जरूरी है और इस दिशा में सूरत जिले के किसानों ने शुरुआत कर दी है। सूरत जिले के 693 गांव की 556 ग्राम पंचायतों में से एक-एक ग्राम पंचायत में 75-75 किसानों ने प्राकृतिक कृषि को अपनाने का संकल्प किया है जो कि भविष्य में कृषि क्षेत्र की दिशा और दशा बदल देगा।