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अमित शाह ने माणसा में नगरपालिका द्वारा नवनिर्मित सरदार पटेल सांस्कृतिक भवन का उद्घाटन किया

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात में माणसा नगरपालिका द्वारा नवनिर्मित सरदार पटेल सांस्कृतिक भवन का उद्घाटन व अन्य विकास कार्यों का शिलान्यास किया। श्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री पोषण अभियान के अंतर्गत अक्षय पात्र द्वारा नवनिर्मित मध्याह्न भोजन रसोईघर का उद्घाटन और महात्मा गाँधी पुस्तकालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन भी किया। साथ ही उन्होने माणसा के सिविल अस्पताल और चंद्रासर तालाब का दौरा किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

अपने सम्बोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है और बाल गंगाधर तिलक का जन्मदिन है। लोकमान्य तिलक के जन्मदिन के दिन ही माणसा में सरदार पटेल सांस्कृतिक भवन का निर्माण गुजरात सरकार द्वारा किया गया है। जिस लाइब्रेरी में मैंने भारत का इतिहास, पंचतंत्र, कौटिल्य का अर्थशास्त्र, विदुर नीति, पढ़ने का मौका मुझे मिला, वह लाइब्रेरी टूटी-फूटी हालत में होने के कारण इसकी पुस्तकें गुजरात सरकार को लौटाने की स्थिति आ गई। लेकिन आज उसी लाइब्रेरी का तीन मंजिला भवन किताबों के साथ पुनर्जीवित हुआ है, इस बात की मुझे बहुत खुशी है। इस पुस्तकालय को विश्व के लगभग तीस पुस्तकालयों के साथ सीधा इलेक्ट्रॉनिकली जोड़ा गया है। माणसा के किसी भी विद्यार्थी को किसी भी लाइब्रेरी की कोई किताब पढ़नी हो, तो इस वर्ष 31 अगस्त से ये सभी लाइब्रेरी ऑनलाइन होने वाली हैं और ये सारी पुस्तकें अगर जोड़ लें, तो माणसा पुस्तकालय लाखों पुस्तकों वाला हो जाएगा। मेरी माणसा के युवाओं से अपील है कि किसी भी देश का भविष्य इंडस्ट्री, सेना, टैक्स आदि से तय नहीं होता है, बल्कि उस देश की लाइब्रेरी में कितने युवा जा रहे हैं, उससे तय होता है। यहां विद्यार्थियों के लिए 40 कम्प्यूटर्स की जगह रखी गई है। जिस समय गुजरात सरकार यहां की किताबें वापस की गईं थीं, तब मैं 23 साल का था और मेरी आंख में आंसू आ गए थे। तब गुजरात सरकार से ये विनती की थी कि हमारे यहां इन पुस्तकों को रखने की व्यवस्था नहीं है। गुजरात सरकार ने बहुत मेहनत करके, ताकि किताबें सड़ ना जाएं, इन्हें कैमिकल प्रोसेस करके संभालकर रखी हैं और अब यह सारी किताबों की जगह हमारी लाइब्रेरी में हो गई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि माणसा में 12 क्षेत्र हैं और यहां वर्तमान में चल रहे सिविल अस्पताल के अलावा बड़ा अस्पताल भी जल्द शुरू किया जाएगा। माणसा में पानी की सप्लाई की योजना मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल जी के नेतृत्व में बनाने का काम चल रहा है और यह भी कुछ समय में पूरी हो जाएगी। इस योजना से लगभग 10 लाख लीटर पानी की दैनिक जरूरत को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा माणसा-बावला 4-लेन रोड के लिए मुख्यमंत्री जी ने 40 करोड़ रुपए दिए हैं और विकास योजनाओं के लिए भी 50 करोड़ रुपए का आवंटन आज हुआ है। क्षेत्र के 13 तालाबों को आंतरिक रूप से जोड़ने का कार्यक्रम भी गुजरात सरकार ने बनाया है, जो कि बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। आज हम सब जहां बैठे हैं उस तालाब को नर्मदा के पानी से भरने के लिए 2007 में पाइपलाइन डाली गई थी। गांववालों ने ही 3.5 करोड़ रुपए इकट्ठे करके यहां नर्मदा के पानी के लिए पाइपलाइन डाली है। इसी तालाब से मालन और चंद्रासर मैं पानी जाए, इस तरह की व्यवस्था पुराने समय से की गई है और अब अगर चंद्रासर के साथ बाकी के दस तालाबों को जोड़ दिया जाएं, तो सभी 13 तालाब में 12 महीने नर्मदा का पानी रह सकता है। इसके अलावा लगभग 5,000 टन सॉलि़ड वेस्ट के निकास के लिए भी नगर पालिका ने व्यवस्था की है।

श्री अमित शाह ने कहा कि माणसा का विकास और शिक्षा आजादी से पहले के समय से ही अग्रणी है। पूरे जिले में पहला साइंस कॉलेज तिलवाई के माणसा में बना, इसके अलावा आर्ट्स और कॉमर्स कॉलेज तो यहां उससे भी पहले से थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में माणसा के विकास के लिए गुजरात सरकार शिक्षा और विकास दोनों दृष्टिकोण से हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने को-ऑपरेटिव सेक्टर में कई नए क्षेत्र यहां खोल दिए हैं। हमें यहां इस प्रकार की व्यवस्था करनी है कि सभी 13 प्रकार की सहकारी नीतियां माणसा में शुरू हो सकें और माणसा को-ऑपरेटिव की दृष्टि से एक मॉडल बने। कांजी हाउस, गोबर गैस, गोबर बैंक, सामुदायिक सिंचाई मंडली, पानी बचाने की व्यवस्था जैसी अनेक चीजें एक साथ जुड़ जाएं और मानसा के सर्वांगीण विकास के लिए स्थानीय युवा आगे आएं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यहां आने से पहले मैं 25 हजार बालकों के लिए स्वच्छ भोजन, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन बनाने की अक्षयपात्र द्वारा की गई व्यवस्था देखकर आया हूं। मेरा आप सभी से आग्रह है कि गांव के प्रत्येक निवासी को यह व्यवस्था एक बार देखनी चाहिए। भोजन बनने की पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी मनुष्य को हाथ लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है, इस प्रकार की व्यवस्था की गई है।

माणसा तहसील के 25 हजार बच्चों के लिए नाश्ता, भोजन और सुकड़ी जैसे पौष्टिक आहार बनाने और इन्हें ताज़ा सभी बालकों तक पहुंचाने की व्यवस्था अक्षयपात्र से हुई है।

श्री शाह ने कहा कि हमें 2024 से पहले माणसा में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करानी है और ये हम सब मिलकर करेंगे जिसमें गुजरात सरकार हमारे साथ है।

 

 

डॉ गुलाब चंद पटेल के जीवन की प्रेरक कहानी

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गांधीनगर गुजरात की कमिश्नरऑफ़ स्कूल ऑफिस पुराने सचिवालय  डॉ जीवराज मेहता भवन से  डॉ गुलाब चंद पटेल जी का तबादला 2007 में महात्मा गाँधी की जन्म भूमि पोरबंदर जिल्ला डायट ऑफिस में हुआ, तब इनके लिए पहली बार परिवार को छोड़कार दूर जगह पर नौकरी करने के लिए जाने का प्रथम अवसर था, इनके मन में डर था कि केसा होगा पोरबंदर? क्यो कि इन्हें पहले कभी पोरबंदर जाने के लिए मौका मिला नहीं था, पोरबंदर की विशेषता के लिए उन्हें  जानकारी तो थी लेकिन उसे देखने का अवसर इन्हें कभी प्राप्त नहीं हुआ था, इनके मन में एक डर घुस गया था .
इन्हें चिंता होने लगी थी, उनका परिवार में सभी ने बताया कि आप राजीनामा याने की नौकारी छोड़ दो, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लो, लेकिन इन्होने सोचा कि अभी काफी समय बाकी है गांधीनगर शिक्षा ऑफिस में पद खाली होनेसे अपना तबादला गांधीनगर हो ही जाएगा, लेकिन इनकी पत्नी ने कहा कि मे एक बार देखलू की जगह केसी है? खाना कहा होगा, रहने के लिए क्या व्यवस्था है?
वे पोरबंदर पहुचे, वहा रामबा बी एड कॉलेज में गेट के पास दो कमरे में ऑफिस था, वहा एक सीनियर क्लार्क बैठा था, इन्होने जेसे ऑफिस में प्रवेश कर ने के लिए सीढ़ी पर पेर रखा उसने उसी समय पूछ लिया कि आप की सरनेम क्या है? हमने पटेल बताया तो आगे कुछ बोला नहीं, वहा रामबा कॉलेज के प्राचार्य डॉ आई ए भरड़ा जी चार्ज समाल रहे थे उनसे मिले और अपना रिपोर्ट दे दिया, उन्होने कहा कि आप अब घर वापस जाइये और अपनी व्यवस्था कर के दो दिन बाद आइए, I उन्होंने कॉलेज में स्टूडेंट्स की साथ कॉलेज किचन में जाकर खाना खाया और सर्किट हाउस में रेस्ट रूम में चले गए और रात को लक्जरी बस में सफर कर के अहमदाबाद में पहुचे और निगम की बस में गांधीनगर पहुचे. उनकी पत्नी ने कहा कि जगह अच्छी है, रहनेकी और खानेकी सुविधा उपलब्ध है इस लिए आप पोरबंदर ऑफिस में अपनी ड्यूटी पर रह सकते हैं. डॉ भरड़ा का स्वभाव सरल था, वो विद्वान थे और वे प्रामाणिक थे.
उनके साथ काम करने से इन्हें बहुत अच्छा लगा, उन्होने कविता लिखने के गुण के लिए डॉ पटेल जी को प्रोत्साहित किया, इसलिए काव्य संग्रह हिंदी गुजराती में पब्लिश हो सका, इन्होने पोरबंदर के लिए भी कविता लिखी थी, हरि कृपा काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ. उसका विमोचन पोरबंदर के कलेक्टर श्री एम बी परमार के कर कमलोसे किया गया, 5 सितंबर 2008 को रामबा कॉलेज के विधार्थी गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का ऑन लाइन गोष्ठी कार्यक्रम डायट ऑफिस में देख रहे थे, यह विधार्थी ओ ने अलग अलग तौर पर संकल्प लिया कि जेसे हम पांच अनपढ़ को पढ़ाएंगे, पांच पेड़ लगाएंगे, आदि, उस समय सरकारी नौकरी में जो कर्मचारी थे उन्हे भी स्वर्णिम गुजरात के उत्सव के लिए संकल्प लेकर अपना योगदान अपने देश और राज्य के लिए देना था लेकिन किसी ने संकल्प नहीं लिया तो इन्होने संकल्प लिया कि हम व्‍यसन मुक्ति कार्य करेंगे, आदरणीय राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के वाइब्रेशन इनमे आए और उन्होंने विधार्थीओ के लिए व्‍यसन मुक्ति कार्यक्रम करने की शुरुआत की, तो प्राचार्य डॉ भरड़ा सर ने इन्हें पूछा कि तुम केसे व्यसन मुक्ति कार्य क्रम करेंगे, तुम्हें व्‍यसन मुक्ति का व भी नहीं आता है, लेकिन प्रभु क्रूपा से उन्होंने व्‍यसन मुक्ति के लिए कविता लिखी, स्लोगन बनाए, प्रेजेंटेशन भी तैयार किया गया .
दो किताब भी व्‍यसन मुक्ति के लिए लिखी गई और उसे पबलीसर ने पब्लिश भी किया गया, वो हे स्वर्णिम संकल्प और चलो व्‍यसन मुक्त स्कूल कॉलेज का निर्माण करे, इन्होने इस लिए यह काम चुना था कि वहा सौराष्ट्र के इलाके में छोटे छोटे बच्चे भी तंबाकू वाला मसाला खाने के लिये आदि थे, उनकी कॉलेज के रसोया जोशी जी ने कहा कि आप कहा कार्य क्रम करके आए? तो इन्होने बताया कि केंदीय विद्यालय में, तो उन्होंने बताया कि क्या सबूत है, इन्होने बोला कि आप उनसे पूछ लीजिए कि हमने कार्य क्रम किया है कि नहीं, तब जोशी जी ने कहा कि आप जिस स्कूल या कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करते हैं वहा से लिखित में लेटर लें लेना चाहिए, क्योंकि नहीं तो कोई मानने वाले नहीं हैं कि आपने कार्यक्रम किए हैं, हमने उनकी बात को लेकर लेटर लेना शुरू कर दिया, आज इनके पास 350 से अधिक सर्टिफिकेट हे कि हमने स्कूल में और कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति के कार्य क्रम किए हैं, 7000 से अधिक संकल्प पत्र भी लिए गए हैं .
 2009 को जब गरीब कल्याण मेले के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी पोरबंदर आए थे तब उनके स्वागत के लिए  सेंट मेरी स्कूल के बच्चों के साथ बैंड बाजे के साथ वे खड़े थे तब चौपाटी पर इन्हें फोन पर गांधीनगर से मुख्य मंत्री के कार्यालय से पी ए कैलाश नाथ के पांच फोन आये, इनका फोन शांत मोड़ पर था लेकिन वायब्रांट होने से पता चला कि किसी का फोन आ रहा है, इन्होने थोड़े दूर जाकर बात की तो बताया कि आपको मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी जी बुला रहे हैं, तुम्हें उनसे सर्किट हाउस में जाकर मिलना होगा, तो वे घबरा गए .
इनके ऊपरी अधिकारी भी चॉक गए, क्यू बुलाया होगा, ऑफिस का कोई प्रश्न होगा या क्या होगा, नरेंद्र मोदी जी जब रेत शिल्प का उद्घाटन करके सर्किट हाउस में पहुचे तो वे उन्हे मिलने के लिए पहुचे, मोदी जी ने इन्हें सम्मानित किया, और बीड़ी बाई की जान गीत गाने के लिए कहा, उन्होंने गीत सुनाया और वो बहुत खुश हो गए, उनकी साथ जो केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला जी हे उनसे भेट कराइ गई, इन्हें सम्मान सर्टिफिकेट भी दिया गया, इन्हें बतया कि आप आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ है. उनसे इन्हें अधिक प्रोत्साहन मिला, बाद में सभी ऑफिस कर्मचारियों, साथियो के साथ खाना खाने गए, सभी खुश हो गए, उन्हें तो बहुत ही खुशी हुई.
  19 जनवरी 2010 को डॉ पटेल का जन्म दिन था, उस दिन इन्होने तैयार कराए गए व्‍यसन मुक्ति के कैलंडर का विमोचन जिला शिक्षा अधिकारी ऑफिस पोरबंदर मे भानु प्रकाश स्वामी के कर कमलोसे किया गया,, गुरु पूर्णिमा के दिन पूजनीय कथाकार श्री रमेश भाई ओज़ा ने इन्हें शॉल और पुष्प माला अर्पित कर के संदीपनी आश्रम पोरबंदर मे सम्मानित किया गया .
उसके बाद नेशनल ग्रुप एसोसिएशन नागपुर द्वारा “मौलाना अबुल कलाम आजाद अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, दिनांक 7 दिसम्बर 2010 में गांधीनगर कल्चर फोरम के कार्यक्रम में चौधरी कॉलेज में पूजनीय कथाकार मोरारी बापू के कर कमलोसे इनकी दो किताबे जो व्यसन मुक्ति के लिए लिखी गई है उसका विमोचन किया गया, माननीय गवर्नर ऑफ गुजरात डॉ कमला बेनीवाल के हाथो से धरती रत्न अवॉर्ड 5000 रुपये की धन राशि के साथ सम्मान समारोह अहमदाबाद में आशिर्वाद एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया, शिक्षा मंत्री श्री रमनलाल वोरा ने भी इन्हें सम्मानित करके प्रमाण पत्र प्रदान किया है .
व्‍यसन मुक्ति अभियान से इन्हें बहुत खुशी मिल रही है, उस कार्य को 14 सालो से चला रहे हैं,
हमारे राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब कहा कि एसा कौन सरकारी अधिकारी है, जो एसा उम्दा कार्यक्रम कर रहे हैं, उस दिन को याद करते हुए आज भी इन्हें खुशी होती है, 2009 को मुख्यमंत्री जी से प्रेरक शब्द प्रेरक प्रसंग आज भी उनके लिए  एक यादगार दिन के रूप में इन्हें प्रोत्साहित कर रहा है! डॉ गुलाब चंद पटेल
व्यसन मुक्ति की एक मिशाल  है.

गौ तस्करी में सैगल को नहीं मिली जमानत

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आसनसोल : गौ तस्करी मामले में आसनसोल जेल में बंद सैगल हुसैन को शुक्रवार को आसनसोल की सीबीआइ अदालत में पेश किया गया। सैगल बीरभूम के टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल का अंगरक्षक था। सुनवाई में सीबीआइ के वकील राकेश कुमार अनुपस्थित रहे। इस वजह से सीबीआइ की ओर से पक्ष नहीं रखा गया। इस मामले में केस डायरी भी अदालत को नहीं सौंपा गया।

सैगल हुसैन के वकील अनिर्बान गुहा ठाकुरता ने सुनवाई के दौरान कहा कि सैगल हुसैन 40 दिन से अधिक समय से जेल में है। वह मामले में निर्दोष है। इसलिए उसे जमानत दे दी जाए। हालांकि सीबीआइ जज राजेश चक्रवर्ती ने इसे नामंजूर कर दिया। इस मामले में अब अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। इसलिए सैगल को अभी जेल में ही रहना होगा।

सीबीआइ ने इसके पहले आठ जुलाई को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि गौ तस्करी के माध्यम से सैगल हुसैन ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई है। अवैध कमाई से उसने जमीन, फ्लैट, पेट्रोल पंप और कई वाहन खरीदे हैं। सीबीआइ ने अनुब्रत मंडल की संपत्ति के दस्तावेज भी अदालत को सौंपे थे। आरोप है कि अनुब्रत मंडल ने अपने अंगरक्षक सैगल हुसैन के साथ मिलकर मवेशी तस्करी में एनामुल हक के साथ मिल कर खूब पैसा कमाया। इन पैसों से इन्होंने आकूत संपत्ति बनाई है। यह भी दावा किया गया है कि बीरभूम और मुर्शिदाबाद में अनुब्रत मंडल के काफी पत्थर खदान हैं। अंगरक्षक सैगल हुसैन के पास तीन एकड़ जमीन के सात लीज डीड मिले हैं। यह तीन एकड़ जमीन मुर्शिदाबाद में है।

सैगल का मोबाइल फोन फारेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजा

सीबीआइ को गौ तस्करी मामले में सैगल हुसैन के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट से सैगल हुसैन के जब्त मोबाइल की फारेंसिक जांच के लिए अनुमति देने का आग्रह किया था। अदालत ने इसपर अपनी सहमति जता दी थी। इसके बाद मोबाइल को जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया है। सीबीआइ का कहना है कि सैगल हुसैन के मोबाइल से कई खुलासे होंगे। शुक्रवार को सीबीआइ के वकील राकेश कुमार के अनुपस्थित रहने के कारण सैगल हुसैन के मोबाइल की जांच के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। अगली सुनवाई तक जांच रिपोर्ट आने की संभावना है।

VHP के केंद्रीय महामंत्री ने कहा- झारखंड में बढ़ती गौ तस्करी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा

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रांची, जासं। VHP Statement on Cow Smuggling in Jharkhand झारखंड में महिला पुलिस अधिकारी की गौ तस्करों द्वारा नृशंस हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने गौ तस्करों को पूरी तरह कुचलने की मांग की है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने गुरुवार को प्रेस वक्तव्य के माध्यम से कहा है कि एक जाबांज महिला पुलिस अधिकारी के राजधानी रांची में गौ तस्करों द्वारा नृशंस हत्या ने ना सिर्फ झारखंड की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि इस्लामिक जिहादियों व गौ-तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं। झारखंड में बढ़ती गौ तस्करी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

पुलिस अधिकारी संध्या के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्होंने झारखंड सरकार से उनके परिवार को उचित आर्थिक सहायता शीघ्र दिए जाने के साथ राज्य में गौ तस्करों की कारगुजारियों को कठोरता से कुचलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बहन संध्या को श्रद्धांजलि देने एवं गौ तस्करों पर लगाम लगाने के लिए विहिप के कार्यकर्ता 22 जुलाई शुक्रवार को पूरे झारखंड में प्रदर्शन करेंगे।

गौ तस्करों के लिए स्वर्ग बन चुका है झारखंड

परांडे ने कहा कि झारखंड गोतस्करों का स्वर्ग बन चुका है। झारखंड से होकर बड़े पैमाने पर गौवंश को कटाई के लिए बंगाल ले जाया जा रहा है। ऐसे सभी मार्गों को गौ तस्करों के लिए अबिलंब सील किए जाने की आवश्यकता है।

गौतस्करी का पैसा जिहाद आतंकवाद में लगाया जा रहा

परांडे ने कहा, अनेक बार ये तथ्य उजागर हुए हैं कि गोतस्करी का पैसा जकात, जिहाद व आतंकवाद में लगाया जा रहा है। इस अवैध तस्करी से ना सिर्फ हिंदू आस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है अपितु, गौ-तस्करी से देश की आंतरिक सुरक्षा को भी गंभीर खतरा है। विश्व हिंदू परिषद की मांग है कि राज्य में गौ हत्याओं, गौ तस्करी व जिहादी गतिविधियों के विरुद्ध सरकार कठोर कार्रवाई करें।

महेश भट्ट द्वारा प्रशंसित सतीश पंचारिया और विक्रम भट्ट की दूरदर्शिता ‘स्टूडियो वर्चुअल वर्ल्ड’

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के सेरा सेरा व विक्रम भट्ट ने दहिसर में 50,000 स्क्वायर फुट में फैला भारत का पहला वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो खोला जहाँ ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर बेस्ड फिल्म ‘खिलौने’ और ‘1920 हॉरर ऑफ द हार्ट’ का होगा निर्माण

मुम्बई। पूरी तरह से वर्चुअल प्रोडक्शन में बनी दुनिया की पहली फिल्म ‘जुदा होके भी’ की सफलता का उत्सव मुम्बई के फाइव स्टार होटल जे डब्ल्यू मैरियट में मनाया गया जहां महेश भट्ट, विक्रम भट्ट और के सेरा सेरा के चेयरमैन सतीश पंचारिया उपस्थित थे।
इस अवसर पर वर्चुअल वर्ल्ड द्वारा बनाई जा रही दो और फिल्मों की भी घोषणा की गई। उनमें से एक फिल्म ‘खिलौने’ होगी जो हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी बनाई जा रही है जिसे विक्रम भट्ट निर्देशित करने जा रहे हैं। वहीं 1920 की फ्रेंचाइजी ‘1920 हॉरर ऑफ द हार्ट’ की घोषणा भी की गई जिसे विक्रम भट्ट की पुत्री कृष्णा भट्ट डायरेक्ट करेंगी। 1920 की अगली कड़ी में जहां अविका गौर मुख्य भूमिका में होंगी वहीं फिल्म ‘खिलौने’ में अनुप्रिया गोयंका सेंट्रल किरदार प्ले करेंगी।
इस अवसर पर विक्रम भट्ट ने देश के पहले और सबसे बड़े वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो के बारे में भी बात की जिसे उन्होंने सतीश पंचारिया के साथ मिलकर खोला है।
महेश भट्ट ने कहा कि फिल्म ‘खिलौने’ ह्यूमन ट्रैफिकिंग की कहानी है। ‘जब इंसान की औकात एक खिलौने की तरह हो जाती है’ इसी सिचुएशन की स्टोरी है इसलिए इसका टाइटल खिलौने है। एक लड़की की दिल को छू लेने वाली कहानी है। जैसा कि सतीश जी ने कहा कि हम सिर्फ 9000 सिनेमाघरों को टारगेट नहीं कर रहे हैं बल्कि दुनिया भर के डेढ़ लाख सिनेमाघरों तक फिल्म को पहुंचाने का टारगेट रखते हैं। हमें थोड़ी हिम्मत और जुर्रत करके बड़े सपने देखने चाहिए। सपने भी अगर छोटे देखें तो फिर क्या बात हुई। लेकिन सिर्फ सपने देखने से काम नहीं चलेगा आपको विज़नरी भी होना होगा, विक्रम भट्ट और सतीश पंचारिया ने एक ख्वाब देखा और उसे पूरा किया। और वो भी ऐसे समय मे किया जब कोविड का बुरा दौर चल रहा था।
महेश भट्ट ने आगे कहा कि जैसा कि विक्रम ने बताया कि इसने कभी ऐसा सोचा ही नहीं था कि कभी ऐसा समय भी आएगा जब वह एक कमरे में कम्प्यूटर से घिरा होगा, और सिर्फ एक स्टूडियो में पूरी फिल्म बना देगा। ‘जुदा होके भी’ में हर तरह के सीन हैं, रेलवे स्टेशन है, ट्रेन है, बर्फ के पहाड़ हैं, महल हैं सब कुछ है। लेकिन यह सब वर्चुअल शूट किया गया है और यह सब लेटेस्ट तकनीक का कमाल है जिसे विक्रम भट्ट ने डिस्कवर किया है। विक्रम भट्ट 14-18 घन्टे तक काम करते थे।
‘जुदा होके भी’ फिल्म एक मिसाल बन गई है जिसे हिंदुस्तान की अवाम ने सराहा है। किसी को भी फ़िल्म, टेलीविजन, ओटीटी के लिए कोई कंटेन्ट बनाना है तो इस स्टूडियो में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।
विक्रम भट्ट ने बताया कि मेरी बेटी कृष्णा ने जब फिल्मों में अपनी रुचि दिखाई तो सबसे पहले वह फिल्म 1920 के सेट पर आई थी जिसे मैं डायरेक्ट कर रहा था। उस वक्त वह हॉरर सीन में बहुत डरती थी और आज वह ‘1920 हॉरर ऑफ द हार्ट’ डायरेक्ट कर रही है। इस फिल्म को भी हम वरचुअल वर्ल्ड में शूट कर रहे हैं। मैं फिल्म ‘खिलौने’ खुद डायरेक्ट कर रहा हूँ। यह बहुत बड़ी एक्शन फिल्म होगी और यह दुनिया की सबसे बड़ी एक्शन फिल्मों का मुकाबला करेगी। इसलिए हम इसे अंग्रेजी में भी बना रहे हैं।
आपको बता दें कि के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट की वर्चुअल प्रोडक्शन तकनीक फिल्म निर्माण के ढंग को बदलने के लिए तैयार है। के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट ने मुंबई में स्थित दहिसर हाईवे पर भारत का पहला वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो खोला है जो 50,000 स्क्वायर फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें एक समय में 4 फिल्मों की शूटिंग के लिए 4 फ्लोर हैं।
के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट के स्टूडियो वर्चुअल वर्ल्ड के द्वारा खर्च पर काफी कंट्रोल किया जा सकता। यह बहुत ही भव्य और हॉलीवुड सिनेमा के बराबर है। अब बॉलीवुड फिल्म निर्माता हमसे जुड़कर ग्लोबल बन सकते हैं और क्षेत्रीय फिल्म निर्माता इसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बना सकेंगे। सरल शब्दों में कहें तो कम से कम निवेश के साथ हम ज़्यादा विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करते हैं। अगर आप किसी प्रोजेक्ट में 5 करोड़ का निवेश करते हैं, तो हमारा स्टूडियो वर्चुअल वर्ल्ड इसे 30 करोड़ के प्रोजेक्ट जैसा बना देगा।
सतीश पंचारिया ने कहा कि इस तकनीक से हमारी पूरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दुनिया को अपनी ताकत दिखा सकती है। हम हमेशा एक खास तरह की फिल्म एक निश्चित बजट में बनाते रहे हैं। हमारे पास ‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’, ‘स्टार वार्स’ और एवेंजर्स जैसी बड़ी फिल्में बनाने के लिए बजट नहीं था। लेकिन इस नई तकनीक के साथ यह सम्भव हो गया है।

 ‘राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022’ का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

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अभिजीत राणे, डॉ सुनील बालीराम गायकवाड़, एसीपी बाजीराव महाजन, डॉ परीन सोमानी, आरती नागपाल, एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा, अनिल नागरथ, डिज़ाइनर डॉ भारती छाबड़िया, दिलीप सेन, सुजाता मेहता, कॉमेडियन वीआईपी और एहसान कुरैशी सहित कई हस्तियों की रही उपस्थिति

मुम्बई। 20 जुलाई 2022 को भव्य रूप से “राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022” का आयोजन कृष्णा चौहान ने मुम्बई के अंधेरी स्थित मेयर हॉल में किया। केसीएफ प्रस्तुत इस पुरस्कार समारोह में उन लोगों का सम्मान किया गया जिन्होंने समाज सेवा और मानव सेवा का उल्लेखनीय कार्य किया है। डॉ कृष्णा चौहान द्वारा आयोजित अवार्ड समारोह में अभिजीत राणे, डॉ सुनील बालीराम गायकवाड़, एसीपी बाजीराव महाजन, डॉ परीन सोमानी, आरती नागपाल, एक्शन डायरेक्टर और एक्टर टीनू वर्मा, अनिल नागरथ, डिज़ाइनर डॉ भारती छाबड़िया, दिलीप सेन, सुजाता मेहता, कॉमेडियन वीआईपी और एहसान कुरैशी सहित कई हस्तियों की उपस्थिति रही। इस अवार्ड शो में सिमरन आहूजा ने शानदार एंकरिंग की।
इस अवसर पर अभिजीत राणे ने कहा कि कृष्णा चौहान को हम सब मोटिवेट करने आए हैं। पिछले 4 साल से वह लोगों को सम्मान दे रहे हैं। वह निर्माता निर्देशक भी हैं उनके नए प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत बहुत बधाई।
डॉ सुनील बालीराम गायकवाड़ ने कहा कि मैं कृष्णा चौहान को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने हमें इस बेहतरीन कार्यक्रम में बुलाया। वह 20 साल से इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। कोविड काल के दौरान उन्होंने न सिर्फ जरूरतमंदों को राशन किट बांटा बल्कि सबसे बड़ी बात यह रही कि उन्होंने भगवतगीता भी लोगों को दिया।
आयुर्वेदाचार्य प्रकाशजी टाटा, जो मध्यप्रदेश से अवार्ड लेने पहुंचे, उन्होंने कृष्णा चौहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन्होंने हर अवार्ड शो की तरह राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 का सफल आयोजन किया।
युवा बिज़नेसमैन योगेश ने डॉ कृष्णा चौहान का शुक्रिया अदा किया।
शो में शिरीन फरीद ने अपना डांस पेश किया जो सभी को पसन्द आया।
राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 से जिन हस्तियों को सम्मानित किया गया उनमें डॉ सुनील साठे, आयुर्वेदाचार्य डॉ प्रकाश टाटा, डॉ सुनील बालीराम गायकवाड़, दिव्यांशु चौधरी, राजकुमार शर्मा, अजय मिश्रा, रूपा बावेश दोषी, ऋषभ पवार, सागर विश्वडिया, दीनदयाल मुरारका का नाम उल्लेखनीय है। डांसर सिया द्वारा डांस परफॉर्मेंस पेश किया गया।
डांसर सिया और शिरीन फरीद को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। सुंदरी ठाकुर, डॉ भारती छाबड़िया, सोशल वर्कर आराधना सोलंकी को भी राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आराधना सोलंकी ने डॉ परीन सोमानी व दिलीप सेन का विशेष सम्मान किया।
एक्टर श्यामलाल (भय्या जी स्माइल फेम), सोमस क्रिएशन, योगेश भान, नाफ़े खान, सुजाता मेहता, एसीपी बाजीराव महाजन, पुनीत वोरा, असमा कपाड़िया (सोशल एक्टिविस्ट), डॉ अर्चना देशमुख को भी सम्मानित किया गया। डॉ एस के टांक की ट्रॉफी राजू टांक को प्रदान की गई। पंकज भट्ट, राजकुमार शर्मा, प्रभु मंगलदास, टीनू वर्मा, आरती नागपाल, अनिल नागरथ, ऋषभ पवार, कॉमेडियन वीआईपी, एहसान कुरैशी, ज़ीनत एहसान कुरैशी, जय कुमार को भी राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 मिला।
इस अवसर पर कृष्णा चौहान ने कई पत्रकारों, फोटोग्राफर को भी ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
गौरतलब बात है कि कृष्णा चौहान 2 अक्टूबर 2022 को महात्मा गांधी रत्न अवार्ड का आयोजन भी करने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि कृष्णा चौहान अपनी अगली हॉरर थ्रिलर फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ की शूटिंग भी जल्द शुरू करने जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कृष्णा चौहान न सिर्फ एक बॉलीवुड डायरेक्टर हैं, एक्टिव सोशल वर्कर हैं बल्कि अवार्ड फंक्शन करने के मामले में आगे रहते हैं।
आपको बता दें कि कृष्णा चौहान का हिंदी अल्बम ‘ज़िक्र तेरा’ हाल ही में रिलीज हुआ है और उनकी हिंदी फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ नेक्स्ट माह फ्लोर पर जाने वाली है, इसके संगीतकार दिलीप सेन हैं।

महिला दरोगा की हत्या, गौ तस्करों ने वाहन से कुचला

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झारखंड की राजधानी रांची में पशु तस्करों द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान महिला दरोगा को को वैन से कुचलने की शर्मनाक घटना सामने आई। खबर के अनुसार झारखण्ड की राजधानी रांची में एक महिला दरोगा को एक पिकअप वैन ने कुचल (Lady Cop Murder In Jharkhand) दिया। मौके पर ही दरोगा की मौत हो गई। इस बेहद शर्मनाक घटना की  बीजीपी ने कड़ी निंदा की है और कहा ‘राज्य की क्या दुर्दशा हो गई है।

 

हरियाणा के नूंह के बाद अब झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ी वारदात की  घटना सामने आई है। झारखंड में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो गए अपराधी आए दिन पुलिस कर्मियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आजा एक महिला दरोगा को एक बहन द्वारा कुचल दिया गया जिसके बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट की मानें तो कहा जा रहा है कि महिला एसआई सुबह करीब 3 बजे वाहन चेकिंग अभियान पर थी। उसी दौरान उसे सूचना मिली थी एक वैन में गोवंश पशु लेकर आ रहे हैं जिसे रोकने के लिए इशारा किया गया लेकिन पशु तस्कर एसआई को कुचलते हुए फरार हो गया।

 

घटना में मृत पाई गई महिला दरोगा की पहचान संध्या टोपनो के रूप  हुई है। वह इस समय मामला तुपुदाना थाना क्षेत्र एसआई पद पर पदस्थापित थी। वह 2018 बैच की एसआई ऑफिसर थी, जिसका बड़ी बेरहमी से ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गई।

 

 

आजादी का अमृत महोत्सव – भारत की कहानी मीनाक्षी लेखी की जुबानी

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New Delhi – संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज “भारत की कहानी, मीनाक्षी लेखी की जुबानी” नामक पॉडकास्ट सीरीज़ का 50वां एपिसोड पूरा कर लिया है।

श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत “भारत की कहानी, मीनाक्षी लेखी की जुबानी” नामक पॉडकास्ट सीरीज़ की शुरुआत की थी, जिसमें भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कहानियां 75 दिनों की अवधि में सुनाई जा रही हैं, जो 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरी होंगी।

ये पॉडकास्ट 01 जून, 2022 को शुरू किया गया था और केंद्रीय मंत्री इसमें रोज़ भारत के अलग अलग कोने के अलग-अलग गुमनाम नायकों की एक नई कहानी सुनाती हैं।

इन 75 कहानियों को अमृत महोत्सव की आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ स्पॉटिफाई, गूगल पॉडकास्ट, साउंडक्लाउड और खबरी जैसे प्लेटफॉर्म पर उनके आधिकारिक हैंडल पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।

अब तक जो कड़ियां आई हैं उनमें नीरा आर्य जैसे गुमनाम नायकों की कहानियां हैं जो भारत की पहली महिला जासूस थीं। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की रक्षा के लिए पूरा दम लगा दिया था। उनके अलावा झलकारी बाई, रानी अब्बक्का, अहिल्या बाई होल्कर और खुदीराम बोस जैसे नायकों की कहानियां शामिल हैं।

ये पहल बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इतने दशकों से ये माना जाता रहा है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सिर्फ कुछ ही लोगों का योगदान रहा है।

ये पॉडकास्ट सीरीज़ इन्हीं गुमनाम नायकों के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालने की एक पहल है जो भारत के लिए जिए और मर गए।

जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि 21वीं सदी का भारत आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से 20वीं सदी में की गई भूलों को सुधार रहा है। ये पहल इस आजादी का अमृत महोत्सव में उन अनसुने और अज्ञात नायकों के जीवन को सेलिब्रेट करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप ही है।

इस सीरीज़ के माध्यम से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी इन गुमनाम नायकों के योगदान और कहानियों को सामने लाना चाहती हैं ताकि आने वाली पीढ़ी उनके नाम और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके महत्वपूर्ण योगदान को न भूलें।

ये पॉडकास्ट सीरीज़ ऐसी अनूठी कहानियों का एक डिजिटल भंडार निर्मित करती है जो हमेशा हमारे तमाम नागरिकों के लिए एक मार्गदर्शन करने वाला प्रकाश साबित होगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो इन बहादुरों के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं।

साल 2022 का अत्यधिक महत्व है क्योंकि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। ये देश आजादी का अमृत महोत्सव को राष्ट्र और उसके लोगों की उपलब्धियों के उत्सव के रूप में मना रहा है।

गौ आधारित खेती से लागत हुई आधी

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20 जुलाई 2022, बड़वानी । गौ आधारित खेती से लागत हुई आधी – अंग्रेजी दवाइयों के सेवन से मनुष्य की प्रवृत्ति उसके अधीन हो गई जबकि देसी आयुर्वेदिक दवाइयों के उपयोग से मनुष्य को कम बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही स्थिति आज खेती की हो गई, यह कहना है ग्राम मंडवाड़ के प्रगतिशील कृषक श्री बाबूलाल काग का। वह अपनी 40 एकड़ भूमि पर गौ आधारित खेती (पशुओं से प्राप्त गोमूत्र गोबर का उपयोग) करते हैं। 60 वर्षीय सातवीं तक शिक्षित श्री काग 15 वर्ष की आयु से खेती कर रहे हैं।

आपने पिछले 3 वर्षों से गौ आधारित खेती अपनाई। श्री काग कहते हैं कि जब तक रसायनिक उर्वरकों का उपयोग करते थे खेती घाटे का सौदा रही,जब से पशुओं के साथ खेती करना प्रारंभ की, तब से खेती हमारे लिए फायदे का सौदा बन गई है। इनके खेतों पर अधिकतर अंतरवर्तीय फसल देखी जा सकती है। जिसमें गन्ने के साथ हल्दी, पपीता, गेहूं अन्य फसलें लगाते हैं। 4 एकड़ में अमरूद के 1500 वृक्ष 1 साल में चार लाख की आमदनी देते हैं इन वृक्षों के बीच भी फसल लगाई जाती है। हल्दी, मेथी दाना, गन्ना फसलों की अच्छी गुणवत्ता होने से गांव से ही आसानी से विक्रय हो जाती है। 35 पशुओं की गौशाला के साथ गौ आधारित खेती करने में उपज की गुणवत्ता बढ़ी साथ ही खर्चों में कटौती भी हुई है। अन्य जानकारी कृषक श्री काग के मो.: 9893988639 पर ले सकते हैं।

छत्तीसगढ़- 4 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जाएगा गौमूत्र

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गोधन न्याय योजना से पशुपालक ग्रामीणों से करीब दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई, वहीं 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है

रायपुर. छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गोबर के बाद अब गौमूत्र की खरीदी की शुरुआत होने वाली है। गौमूत्र चार रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जाएगा। जानकारी के अनुसार राज्य में गौमूत्र की खरीदी की शुरुआत 28 जुलाई हरेली तिहार के मौके से होगी। प्रथम चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी की जाएगी। गौठान प्रबंध समिति पशुपालक से गौ-मूत्र क्रय करने हेतु स्थानीय स्तर पर दर निर्धारित कर सकेगी। क्रय गौ-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। चयनित समूहों को पशु चिकित्सा विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है, इससे पशुपालकों को गौ-मूत्र बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त आय होगी, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में गौ-मूत्र क्रय के लिए न्यूनतम राशि चार रुपए प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है।

गोधन न्याय योजना: राज्य में जैविक खेती को मिला बढ़ावा
आपको बताते चले दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरुआत की गई थी। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। वहीं इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। जीवामृत और गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद का उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी। खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी।

  • कलेक्टरों को गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
    गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि गौ-मूत्र का क्रय गौठान प्रबंधन समिति स्वयं के बैंक खातों में उपलब्ध गोधन न्याय योजना अंतर्गत प्राप्त की राशि से करेगी। उन्होंने कलेक्टरों को अपने-अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करने, गौठान प्रबंध समिति तथा स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौ-मूत्र परीक्षण संबंधी किट एवं उत्पाद भण्डारण हेतु आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है।

गौमूत्र से होने वाले फायदे…

  • आयुर्वेद के अनुसार, गौमूत्र विष नाशक, जीवाणु नाशक और जल्द ही पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्‍फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, यूरिक एसिड, क्लोराइड और सोडियम पाया जाता है।
  • गौमूत्र दर्दनिवारक, पेट के रोग, स्किन प्रॉब्लम , श्वास रोग (दमा), आंतों से जुड़ी बीमारियां, पीलिया, आंखों से संबंधित बीमारियां, अतिसार (दस्त) आदि के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में तीनों दोषों की गड़बड़ी की वजह से बीमारियां फैलती हैं, लेकिन गौमूत्र पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं।
  • दिमागी टेंशन की वजह से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन गौमूत्र पीने से दिमाग और दिल दोनों को ही ताकत मिलती है और उन्हें किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होती।
  • शरीर में पाए जाने वाले विभिन्न विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए गौमूत्र पीना बहुत लाभदायक है
  • शारीरिक कमजोरी और मोटापा दूर करने के लिए भी गौमूत्र का सेवन लाभकारी होता है।