New Delhi – संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज “भारत की कहानी, मीनाक्षी लेखी की जुबानी” नामक पॉडकास्ट सीरीज़ का 50वां एपिसोड पूरा कर लिया है।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत “भारत की कहानी, मीनाक्षी लेखी की जुबानी” नामक पॉडकास्ट सीरीज़ की शुरुआत की थी, जिसमें भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कहानियां 75 दिनों की अवधि में सुनाई जा रही हैं, जो 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरी होंगी।
ये पॉडकास्ट 01 जून, 2022 को शुरू किया गया था और केंद्रीय मंत्री इसमें रोज़ भारत के अलग अलग कोने के अलग-अलग गुमनाम नायकों की एक नई कहानी सुनाती हैं।
इन 75 कहानियों को अमृत महोत्सव की आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ स्पॉटिफाई, गूगल पॉडकास्ट, साउंडक्लाउड और खबरी जैसे प्लेटफॉर्म पर उनके आधिकारिक हैंडल पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
अब तक जो कड़ियां आई हैं उनमें नीरा आर्य जैसे गुमनाम नायकों की कहानियां हैं जो भारत की पहली महिला जासूस थीं। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की रक्षा के लिए पूरा दम लगा दिया था। उनके अलावा झलकारी बाई, रानी अब्बक्का, अहिल्या बाई होल्कर और खुदीराम बोस जैसे नायकों की कहानियां शामिल हैं।
ये पहल बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इतने दशकों से ये माना जाता रहा है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सिर्फ कुछ ही लोगों का योगदान रहा है।
ये पॉडकास्ट सीरीज़ इन्हीं गुमनाम नायकों के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालने की एक पहल है जो भारत के लिए जिए और मर गए।
जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि 21वीं सदी का भारत आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से 20वीं सदी में की गई भूलों को सुधार रहा है। ये पहल इस आजादी का अमृत महोत्सव में उन अनसुने और अज्ञात नायकों के जीवन को सेलिब्रेट करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप ही है।
इस सीरीज़ के माध्यम से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी इन गुमनाम नायकों के योगदान और कहानियों को सामने लाना चाहती हैं ताकि आने वाली पीढ़ी उनके नाम और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके महत्वपूर्ण योगदान को न भूलें।
ये पॉडकास्ट सीरीज़ ऐसी अनूठी कहानियों का एक डिजिटल भंडार निर्मित करती है जो हमेशा हमारे तमाम नागरिकों के लिए एक मार्गदर्शन करने वाला प्रकाश साबित होगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो इन बहादुरों के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं।
साल 2022 का अत्यधिक महत्व है क्योंकि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। ये देश आजादी का अमृत महोत्सव को राष्ट्र और उसके लोगों की उपलब्धियों के उत्सव के रूप में मना रहा है।