आसनसोल : गौ तस्करी मामले में आसनसोल जेल में बंद सैगल हुसैन को शुक्रवार को आसनसोल की सीबीआइ अदालत में पेश किया गया। सैगल बीरभूम के टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल का अंगरक्षक था। सुनवाई में सीबीआइ के वकील राकेश कुमार अनुपस्थित रहे। इस वजह से सीबीआइ की ओर से पक्ष नहीं रखा गया। इस मामले में केस डायरी भी अदालत को नहीं सौंपा गया।
सैगल हुसैन के वकील अनिर्बान गुहा ठाकुरता ने सुनवाई के दौरान कहा कि सैगल हुसैन 40 दिन से अधिक समय से जेल में है। वह मामले में निर्दोष है। इसलिए उसे जमानत दे दी जाए। हालांकि सीबीआइ जज राजेश चक्रवर्ती ने इसे नामंजूर कर दिया। इस मामले में अब अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। इसलिए सैगल को अभी जेल में ही रहना होगा।
सीबीआइ ने इसके पहले आठ जुलाई को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि गौ तस्करी के माध्यम से सैगल हुसैन ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई है। अवैध कमाई से उसने जमीन, फ्लैट, पेट्रोल पंप और कई वाहन खरीदे हैं। सीबीआइ ने अनुब्रत मंडल की संपत्ति के दस्तावेज भी अदालत को सौंपे थे। आरोप है कि अनुब्रत मंडल ने अपने अंगरक्षक सैगल हुसैन के साथ मिलकर मवेशी तस्करी में एनामुल हक के साथ मिल कर खूब पैसा कमाया। इन पैसों से इन्होंने आकूत संपत्ति बनाई है। यह भी दावा किया गया है कि बीरभूम और मुर्शिदाबाद में अनुब्रत मंडल के काफी पत्थर खदान हैं। अंगरक्षक सैगल हुसैन के पास तीन एकड़ जमीन के सात लीज डीड मिले हैं। यह तीन एकड़ जमीन मुर्शिदाबाद में है।
सैगल का मोबाइल फोन फारेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजा
सीबीआइ को गौ तस्करी मामले में सैगल हुसैन के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट से सैगल हुसैन के जब्त मोबाइल की फारेंसिक जांच के लिए अनुमति देने का आग्रह किया था। अदालत ने इसपर अपनी सहमति जता दी थी। इसके बाद मोबाइल को जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया है। सीबीआइ का कहना है कि सैगल हुसैन के मोबाइल से कई खुलासे होंगे। शुक्रवार को सीबीआइ के वकील राकेश कुमार के अनुपस्थित रहने के कारण सैगल हुसैन के मोबाइल की जांच के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। अगली सुनवाई तक जांच रिपोर्ट आने की संभावना है।