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ग्वालियर न्यूजः गोवंश तस्करी की सूचना पर मचा बवाल, भड़के लोगों को गौ रक्षकों ने शांत कराया

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ग्वालियरः नवभारत टाइम्स डिजिटल के संजय चतुर्वेदी की खबर के अनुसार ग्वालियर शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शहर के मुरार थाना क्षेत्र में 6 नंबर चौराहे पर गौ तस्करी की अफवाह को लेकर भयंकर बवाल हो गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में गौ सेवक ट्रक में जा रहे गोवंश को घेर कर खड़े हो गए। इसके साथ ही ट्रक को भी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भीड़ को संभाला गया और गोवंश को गौशाला में छुड़वाया गया।
दरअसल, शहर के मुरार थाना के नजदीक तकरीबन 6 नंबर चौराहे पर लाल टिपारा गौशाला की तरफ जाने वाले रास्ते पर लगभग देर शाम 6-7 बजे के आसपास ट्रक क्रमांक एमपी 07 एचबी 8505 को कुछ लोगों ने रोका था। जिसमें गोवंश पाया गया था। जिसके बाद हंगामा मच गया था। घटनाक्रम देर रात जारी रहा।
गौ रक्षकों ने गोवंश ले रहे ट्रक ड्राइवर को रोककर पूछताछ की। लेकिन ड्राइवर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके चलते लोग नाराज हो गए और हंगामा कर दिया। लेकिन मौके पर पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर ट्रक ड्राइवर को बचाया और गोवंश को सुरक्षित लाल टिपारा गौशाला में पहुंचा दिया। इसके अलावा वैधानिक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।

निगम के ट्रक को लेकर होगी जांच

मामले को देख रही पुलिस ने बताया कि प्रथम दृश्य में तो यह ट्रक सरकारी बताया जा रहा है। जिसका उपयोग नगर निगम कर रही है। उसी में गोवंश को पड़कर लाया गया था। हालांकि इस मामले में फिलहाल अभी तक किसी भी निगम अधिकारी या कर्मचारी से कोई बात नहीं हो पाई है। इसके अलावा फिलहाल कोई दस्तावेज भी अभी हमारे सामने इस प्रकार का नहीं आया है। वहीं, वाहन को लेकर उनका कहना है कि अभी है जांच का विषय है कि यह ट्रक प्राइवेट है या निगम का है।

मामले में हो एफआईआर

बजरंग दल के गौ रक्षा विभाग प्रमुख भरत राजपूत का कहना है कि हमारे मुरार के कार्यकर्ता को सूचना मिली थी कि एक ट्रक में गोवंश को पैक करके ले जाया जा रहा है। सूचना पर ट्रक को रुकवाया गया। लेकिन ट्रैफिक विभाग ने जब ट्रक को रुकवाने की कोशिश की तो ट्रक नहीं रुका। जिसके बाद गौ रक्षकों ने ट्रक को घेर कर रोकने का प्रयास किया।

भड़के लोगों को गौ रक्षकों ने शांत कराया

किसी तरह ट्रक को रोका गया। जब पुलिस ने भी ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जवाब न मिलने के कारण मौजूद लोगों थोड़ा सा हंगामा किया गया था। लेकिन जब हम लोग वहां पहुंचे तो हमने सभी को समझाइए इस प्रकार का किसी भी उपद्रव को ना करें। साथ ही पूरा मामला समझने की कोशिश की।

गौ रक्षकों ने पूछे ये सवाल

गौ रक्षकों का कहना है कि यदि यह कार्य निगम की तरफ से किया जा रहा था तो उनके पास खुले वाहनों की भी सुविधा है। गोवंश को पैक करके ले जाने की क्या आवश्यकता थी? यदि फिर भी किसी कारणवश गोवंश को पैक करके ले जाया जा रहा था तो उसके कागज और दस्तावेज भी तो ड्राइवर के पास उपलब्ध होने चाहिए थे। लेकिन इस प्रकार के कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं बरामद हुए। इन सब के बाद जो बात निकाल कर सामने आई है तो कहा जा रहा था कि हम गोवंश को हाईवे पर छोड़ने जा रहे थे।

किसानों को होगी परेशानी

गौ रक्षकों का कहना है कि यदि हाईवे पर भी छोड़ेंगे तो कहीं ना कहीं हमारे किसान भाइयों को भी इससे परेशानी होगी। गौ सेवकों का कहना है कि कहीं ना कहीं इस पूरी प्रक्रिया में संदिग्धता नजर आ रही है इसलिए प्रशासन से सहयोग मांगा है। कि जो भी दोषी हो उसे पर पूरी कार्रवाई की जाए और मामले में फिर की जाए।

 

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार अमेरिका के दौरे पर

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New Delhi – नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 19 से 22 सितंबर 2023 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित 25 वीं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी (आईएसएस) में भाग लिया।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी (आईएसएस)का आयोजन अमेरिकी नौसेना द्वारा यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड में किया जाता है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ाने के साझा दृष्टिकोण की दिशा में विदेशी मित्र देशों (एफएफसी) के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने आईएसएस आयोजन के अवसर पर संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, फिजी, इजरायल, इटली, जापान, केन्या, पेरू, सऊदी अरब, सिंगापुर और ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित व्यापक कार्यक्रम स्वतंत्र खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्रएवं अंतर्राष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था के विजन को साकार करने की दिशा में भारतीय नौसेना की दृढ़ता का प्रदर्शन है।
यात्रा के दौरान मालाबार, आरआईएमपीएसी, सी ड्रैगन और टाइगर ट्रायम्फ जैसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में भारतीय नौसेना (आईएन) – संयुक्‍त राज्‍य नौसेना (यूएसएन) परिचालन के जुड़ाव की खोज की दिशा में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिकता को संस्थागत बनाने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच नियमित विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान भी होता है।
आईएसएस आयोजन के अवसर पर नौसेना प्रमुख (सीएनएस) ने प्रशिक्षित कर्मियों की भर्ती और प्रतिधारण के विशेष संदर्भ में मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियों, अग्निपथ योजना, महिलाओं को सशक्त बनाने और भारतीय नौसेना को लिंग-तटस्थ बल में चलाने की दिशा में भारत की पहल के बारे में विस्तार से बात की।
नौसेना प्रमुख (सीएनएस) की संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका की यात्रा ने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विविध भागीदारों के साथ जुड़ने हेतु नौसेना से नौसेना की शीर्ष स्तर की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।

 

LIVE: PM Narendra Modi Mann Ki Baat with Nation Live Broadcast | Mann ki Baat 105th Episode

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मेरे प्यारे परिवारजनों, नमस्कार।‘मन की बात’ के एक और एपिसोड में मुझे आप सभी के साथ देश की सफलता को, देशवासियों की सफलता को, उनकी inspiring life journey को, आपसे साझा करने का अवसर मिला है।इन दिनों सबसे ज्यादा पत्र, सन्देश,जो मुझे मिले हैं वो दो विषयों पर बहुत अधिक है।पहला विषय है, चंद्रयान-3 की सफल landing और दूसरा विषय है दिल्ली में G-20 का सफल आयोजन। देश के हर हिस्से से, समाज के हर वर्ग से, हर उम्र के लोगों के, मुझे, अनगिनत पत्र मिले हैं। जब चंद्रयान-3 का Lander चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों के जरिए एक साथ इस घटना के पल-पल के साक्षी बन रहे थे। ISRO के YouTube Live Channel पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इस घटना को देखा -अपने आप में ही एक record है। इससे पता चलता है कि चंद्रयान-3 से करोड़ों भारतीयों का कितना गहरा लगाव है। चंद्रयान की इस सफलता पर देश में इन दिनों एक बहुत ही शानदार Quiz Competition भी चल रहा है -प्रश्नस्पर्धा और उसे नाम दिया गया है –‘चंद्रयान-3 महाक्विज’।MyGov portal पर हो रहे इस competition में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा ले चुके हैं।MyGov की शुरुआत के बाद यह किसी भी Quiz में सबसे बड़ा participation है। मैं तो आपसे भी कहूँगा कि अगर आपने अब तक इसमें हिस्सा नहीं लिया है तो अब देर मत करिए, अभी इसमें, छः दिन और बचे हैं। इस Quiz में जरुर हिस्सा लीजिये।

मेरे परिवारजनों, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद G-20 के शानदार आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया। भारत मंडपम तो अपने आप में एक celebrity की तरह हो गया है। लोग उसके साथ selfie खिंचा रहे हैं और गर्व से post भी कर रहे हैं। भारत ने इस summit में African Union को G-20में Full Member बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है। आपको ध्यान होगा, जब भारत बहुत समृद्ध था, उस ज़माने में, हमारे देश में, और दुनिया में,Silk Route की बहुत चर्चा होती थी। ये Silk Route, व्यापार-कारोबार का बहुत बड़ा माध्यम था। अब आधुनिक ज़माने में भारत ने एक और Economic Corridor ,G-20 में सुझाया है। ये है India-Middle East-Europe Economic Corridor। ये Corridor आने वाले सैकड़ों वर्षों तक विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है, और इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस Corridor का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था।

साथियो, G-20 के दौरान जिस तरह भारत की युवाशक्ति, इस आयोजन से जुड़ी, उसकी आज, विशेष चर्चा आवश्यक है। साल-भर तक देश के अनेकों universities में G-20 से जुड़े कार्यक्रम हुए। अब इसी श्रृंखला में दिल्ली में एक और exciting programme होने जा रहा है –‘G-20 University Connect Programme’। इस programme के माध्यम से देश-भर के लाखों University students एक-दूसरे से जुड़ेंगे। इसमें IITs, IIMs, NITs और Medical Colleges जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान भी भाग लेंगे। मैं चाहूँगा कि अगर आप college student हैं, तो, 26 सितम्बर को होने वाले इस कार्यक्रम को जरुर देखिएगा, इससे जरुर जुड़िएगा। भारत के भविष्य में, युवाओं के भविष्य पर, इसमें, बहुत सारी दिलचस्प बातें होने वाली हैं। मैं खुद भी इस कार्यक्रम में शामिल होऊंगा। मुझे भी अपने college student से संवाद का इंतजार है।

मेरे परिवारजनों, आज से दो दिन बाद, 27 सितम्बर को ‘विश्व पर्यटन दिवस’ है। पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तौर पर देखते हैं, लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू‘रोजगार’ से जुड़ा है। कहते हैं, सबसे कम Investment में, सबसे ज्यादा रोजगार, अगर कोई sector पैदा करता है, तो वो,Tourism Sector ही है।Tourism Sector को बढ़ाने में, किसी भी देश के लिए goodwill,उसके प्रति आकर्षण बहुत matter करता है। बीते कुछ वर्षों में भारत के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ा है और G-20 के सफल आयोजन के बाद दुनिया के लोगों का interest भारत में और बढ़ गया है।

साथियो, G-20 में एक लाख से ज्यादा delegates भारत आए। वो यहाँ की विविधता, अलग-अलग परम्पराएं, भांति-भांति का खानपान और हमारी धरोहरों से परिचित हुए। यहाँ आने वाले delegates अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे tourism का और विस्तार होगा।आप लोगों को पता ही है कि भारत में एक से बढ़कर एक world Heritage sites भी हैं और इनकी संख्या लगातार बढती जा रही है। कुछ ही दिन पहले शान्तिनिकेतन और कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को world Heritage sites घोषित किया गया है।मैं इस शानदार उपलब्धि के लिए समस्त देशवासियों को बधाई देता हूँ। मुझे 2018 में शान्तिनिकेतन की यात्रा का सौभाग्य मिला था। शान्तिनिकेतन से गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का जुड़ाव रहा है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शान्तिनिकेतन का Motto संस्कृत के एक प्राचीन श्लोक से लिया था।वह श्लोक है –

“यत्र विश्वम भवत्येक नीडम्”

अर्थात, जहाँ एक छोटे से घोंसले में पूरा संसार समाहित हो सकता है|

कर्नाटक के जिन होयसड़ा मंदिरों को UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है, उन्हें,13वीं शताब्दी के बेहतरीन architecture के लिए जाना जाता है। इन मंदिरों को UNESCO से मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है। भारत में अब World Heritage Properties की कुल संख्या 42 हो गई है। भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को World Heritage Sites की मान्यता मिले। मेरा आप सबसे आग्रह है कि जब भी आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता के दर्शन करें। आप अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को समझें, Heritage Sites को देखें। इससे, आप अपने देश के गौरवशाली इतिहास से तो परिचित होंगे ही, स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का भी आप अहम माध्यम बनेंगे।

मेरे परिवारजनों, भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब Global हो चुका है। दुनियाभर के लोगों का इनसे लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। एक प्यारी सी बिटिया द्वारा की गई एक प्रस्तुति उसका एक छोटा सा audio आपको सुनाता हूँ……

### (MKB EP 105 AUDIO Byte 1)###

इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न! कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं। अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे। इस बिटिया का नाम – कैसमी है।21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है। कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन, ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई।Music और Creativity को लेकर उनका Passion कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया।African Drumming की शुरुआत तो उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही कर दी थी।भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ। भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। सबसे Inspiring बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं। संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, किसी को दूसरी अनजान भाषा की दो-तीन लाइने बोलनी पड़ जाए तो कितनी मुश्किल आती है, लेकिन कैसमी के लिए जैसे बाएं हाथ का खेल है। आप सभी के लिए मैं यहाँ कन्नड़ा में गाए उनके एक गीत को शेयर कर रहा हूँ।

###(MKB EP 105 AUDIO Byte 2)###

भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो, इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा Library की शुरुआत की है। इस Library की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुँच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा, बिल्कुल निशुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गाँवों को Cover किया गया है। बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं। इस घोड़ा Library के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है, कि दूरदराज के गाँवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले। ये अनोखी Library बच्चों को भी खूब भा रही है।

साथियो, मुझे हैदराबाद में Library से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है। यहाँ, सातवीं Class में पढ़ने वाली बिटिया ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया है। आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात Library चला रही है। ‘आकर्षणा’ को दो साल पहले इसकी प्रेरणा तब मिली, जब वो अपने माता-पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई थी। उसके पिता जरूरतमंदों की मदद के सिलसिले में वहाँ गए थे। बच्चों ने वहाँ उनसे ‘Colouring Books’ की माँग की, और यही बात, इस प्यारी-सी गुड़िया को इतनी छू गई कि उसने अलग-अलग तरह की किताबें जुटाने की ठान ली। उसने, अपने आस-पड़ोस के घरों, रिश्तेदारों और साथियों से किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दिया और आपको यह जानकार खुशी होगी कि पहली Library उसी कैंसर अस्पताल में बच्चों के लिए खोली गई। जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग-अलग जगहों पर इस बिटिया ने अब तक जो सात Library खोली हैं, उनमें अब करीब 6 हजार किताबें उपलब्ध हैं। छोटी-सी ‘आकर्षणा’ जिस तरह बच्चों का भविष्य संवारने का बड़ा काम कर रही है, वो हर किसी को प्रेरित करने वाला है।

साथियो, ये बात सही है कि आज का दौर Digital Technology और E-Books का है, लेकिन फिर भी किताबें, हमारे जीवन में हमेशा एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाती है। इसलिए, हमें बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

मेरे परिवारजनों, हमारे शास्त्रों में कहा गया है –

जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्।

अर्थात्, जीवों पर करुणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए। हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षीहैं। बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन जो जीव-जंतु उनकी सवारी होते हैं, उस तरफ़ उतना ध्यान नहीं देते। ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है। कई और प्रयास भी निरंतर जारी हैं, ताकि इस धरती पर रह रहे दूसरे जीव-जंतुओं को बचाया जा सके। ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है। यहाँ, सुखदेव भट्ट जी और उनकी Team मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं, और जानते हैं उनकी Team का नाम क्या है? उनकी Team का नाम है – कोबरा। ये ख़तरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी Team इस क्षेत्र में खतरनाक साँपों का Rescue करने का काम भी करती है। इस Team में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ एक Call पर मौके पर पहुंचते हैं और अपने Mission में जुट जाते हैं। सुखदेव जी की इस Team ने अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले साँपों का जीवन बचाया है। इस प्रयास से जहाँ लोगों का खतरा दूर हुआ है, वहीँ प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है। ये Team अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम से भी जुड़ी हुई है।

साथियो, तमिलनाडु के चेन्नई में Auto Driver एम.राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं। वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं। खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं। वहीँ पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं। इस पर उनका काफी पैसा भी खर्च होता है, लेकिन वो, अपने काम में डटे हुए हैं। साथियो, लोगों को नेक नीयत से ऐसा काम करते देखकर वाकई बहुत सुकून मिलता है, काफी खुशी होती है। अगर आपको भी ऐसे ही कुछ अनूठे प्रयासों के बारे में जानकारी मिले तो उन्हें जरुर Share कीजिए।

मेरे प्यारे परिवारजनों, आजादी का ये अमृतकाल, देश के लिए हर नागरिक का कर्तव्यकाल भी है। अपने कर्तव्य निभाते हुए ही हम अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं, अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं। कर्तव्य की भावना, हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। यू.पी.के सम्भल में, देश ने कर्तव्य भावना की एक ऐसी मिसाल देखी है, जिसे मैं आपसे भी Share करना चाहता हूँ। आप सोचिए, 70 से ज्यादा गाँव हों, हजारों की आबादी हो और सभी लोग मिलकर, एक लक्ष्य, एक ध्येय की प्राप्ति के लिए साथ आ जाएँ, जुट जाएँ ऐसा कम ही होता है, लेकिन, सम्भल के लोगों ने ये करके दिखाया। इन लोगों ने मिलकर जन-भागीदारी और सामूहिकता की बहुत ही शानदार मिसाल कायम की है। दरअसल, इस क्षेत्र में दशकों पहले, ‘सोत’ नाम की एक नदी हुआ करती थी। अमरोहा से शुरू होकर सम्भल होते हुए बदायूं तक बहने वाली ये नदी एक समय इस क्षेत्र में जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती थी। इस नदी में अनवरत जल प्रवाहित होता था, जो यहाँ के किसानों के लिए खेती का मुख्य आधार था।समय के साथ नदी का प्रवाह कम हुआ, नदी जिन रास्तों से बहती थी वहां अतिक्रमण हो गया और ये नदी विलुप्त हो गई। नदी को माँ मानने वाले हमारे देश में, सम्भल के लोगों ने इस सोत नदी को भी पुनर्जीवित करने का संकल्प ले लिया।पिछले साल दिसंबर में सोत नदी के कायाकल्प का काम 70 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने मिलकर शुरू किया। ग्राम पंचायतों के लोगों ने सरकारी विभागों को भी अपने साथ लिया। आपको ये जानकर खुशी होगी कि साल के पहले 6 महीने में ही ये लोग नदी के 100 किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का पुनरोद्धार कर चुके थे। जब बारिश का मौसम शुरू हुआ तो यहां के लोगों की मेहनत रंग लाई और सोत नदी, पानी से, लबालब भर गई। यहां के किसानों के लिए यह खुशी का एक बड़ा मौका बनकर आया है। लोगों ने नदी के किनारे बांस के 10 हजार से भी अधिक पौधे भी लगाए हैं, ताकि इसके किनारे पूरी तरह सुरक्षित रहें। नदी के पानी में तीस हजार से अधिक गम्बूसिया मछलियों को भी छोड़ा गया है ताकि मच्छर न पनपें।साथियो, सोत नदी का उदाहरण हमें बताता है कि अगर हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार कर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आप भी कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने आसपास ऐसे बहुत से बदलावों का माध्यम बन सकते हैं।

मेरे परिवारजनों, जब इरादे अटल हों और कुछ सीखने की लगन हो, तो कोई काम, मुश्किल नहीं रह जाता है। पश्चिम बंगाल की श्रीमती शकुंतला सरदार ने इस बात को बिल्कुल सही साबित करके दिखाया है। आज वो कई दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। शकुंतला जी जंगल महल के शातनाला गांव की रहने वाली हैं। लंबे समय तक उनका परिवार हर रोज मजदूरी करके अपना पेट पालता था। उनके परिवार के लिए गुजर-बसर भी मुश्किल थी। फिर उन्होंने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और सफलता हासिल कर सबको हैरान कर दिया। आप ये जरुर जानना चाहेंगे कि उन्होंने ये कमाल कैसे किया! इसका जवाब है – एक सिलाई मशीन। एक सिलाई मशीन के जरिए उन्होंने ‘साल’ की पत्तियों पर खूबसूरत design बनाना शुरू किया। उनके इस हुनर ने पूरे परिवार का जीवन बदल दिया। उनके बनाए इस अद्भुत craft की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। शकुंतला जी के इस हुनर ने, न सिर्फ उनका, बल्कि, ‘साल’ की पत्तियों को जमा करने वाले कई लोगों का जीवन भी बदल दिया है। अब, वो, कई महिलाओं को training देने का भी काम कर रही हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, एक परिवार, जो कभी, मजदूरी पर निर्भर था, अब खुद दूसरों को रोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने रोज की मजदूरी पर निर्भर रहने वाले अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है। इससे उनके परिवार को अन्य चीजों पर भी focus करने का अवसर मिला है। एक बात और हुई है, जैसे ही शकुंतला जी की स्थिति कुछ ठीक हुई, उन्होंने बचत करना भी शुरू कर दिया है। अब वो जीवन बीमा योजनाओं में निवेश करने लगी हैं, ताकि उनके बच्चों का भविष्य भी उज्जवल हो। शकुंतला जी के जज्बे के लिए उनकी जितनी सराहना की जाए वो कम है। भारत के लोग ऐसी ही प्रतिभा से भरे होते हैं – आप, उन्हें अवसर दीजिए और देखिए वे क्या-क्या कमाल कर दिखाते हैं।

मेरे परिवारजनों, दिल्ली में G-20 Summit के दौरान उस दृश्य को भला कौन भूल सकता है, जब कई World Leaders बापू को श्रद्धासुमन अर्पित करने एक साथ राजघाट पहुंचे। यह इस बात का एक बड़ा प्रमाण है कि दुनिया-भर में बापू के विचार आज भी कितने प्रासांगिक है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि गांधी जयंती को लेकर पूरे देश में स्वच्छता से सम्बंधित बहुत सारे कार्यक्रमों का plan किया गया है। केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ काफी जोर-शोर से जारी है।Indian Swachhata League में भी काफी अच्छी भागीदारी देखी जा रही है। आज मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से सभी देशवासियों से एक आग्रह भी करना चाहता हूं – 1 अक्टूबर यानि रविवार को सुबह 10 बजे स्वच्छता पर एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। आप भी अपना वक्त निकालकर स्वच्छता के जुड़े इस अभियान में अपना हाथ बटाएं। आप अपनी गली, आस-पड़ोस, पार्क, नदी, सरोवर या फिर किसी दूसरे सार्वजनिक स्थल पर इस स्वच्छता अभियान से जुड़ सकते हैं और जहाँ-जहाँ अमृत सरोवर बने हैं वहाँ तो स्वच्छता अवश्य करनी है। स्वच्छता की ये कार्यांजलि ही गांधी जी को सच्ची श्रद्दांजलि होगी।मैं आपको फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि इस गाँधी जयंती के अवसर पर खादी का कोई ना कोई Product ज़रूर ख़रीदें।

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में त्योहारों का season भी शुरू हो चुका है। आप सभी के घर में भी कुछ नया खरीदने की योजना बन रही होगी। कोई इस इंतजार में होगा कि नवरात्र के समय वो अपना शुभ काम शुरू करेगा। उमंग, उत्साह के इस वातावरण में आप vocal for local का मंत्र भी जरुर याद रखें। जहां तक संभव हो, आप, भारत में बने सामानों की खरीदारी करें, भारतीय Product का उपयोग करें और Made in India सामान का ही उपहार दें। आपकी छोटी सी ख़ुशी, किसी दूसरे के परिवार की बहुत बड़ी ख़ुशी का कारण बनेगी। आप, जो भारतीय सामान खरीदेंगे, उसका सीधा फ़ायदा, हमारे श्रमिकों, कामगारों, शिल्पकारों और अन्य विश्वकर्मा भाई-बहनों को मिलेगा।आजकल तो बहुत सारे Start-ups भी स्थानीय Products को बढ़ावा दे रहे हैं। आप स्थानीय चीजें खरीदेंगे तो start-ups के इन युवाओं को भी फ़ायदा होगा।

मेरे प्यारे परिवारजनों, ‘मन की बात’ में बस आज इतना ही।अगली बार जब आपसे ‘मन की बात’ में मिलूंगा तो नवरात्रि और दशहरा बीत चुके होंगे। त्योहारों के इस मौसम में आप भी पूरे उत्साह से हर पर्व मनाएँ, आपके परिवार में खुशियां रहें – मेरी यही कामना है। इन पर्वों की आपको बहुत सारी शुभकामनायें। आपसे फिर मुलाकात होगी, और भी नए विषयों के साथ, देशवासियों की नई सफलताओ के साथ।आप, अपने संदेश मुझे ज़रूर भेजते रहिए, अपने अनुभव शेयर करना ना भूलें। मैं प्रतीक्षा करूँगा।

 

“मन की बात से “विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की मिलती है प्रेरणा- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी

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24 सितम्बर 2023,रविवार ,देहरादून , रविवार, देहरादून स्थित डी.ए.वी पी.जी कॉलेज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात के 105वें संस्करण के श्रवण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डी.ए.वी पी.जी कॉलेज के स्मार्ट लाइब्रेरी स्थापना के कार्यों का शुभारंभ किया!
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मन की बात एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से देश के दूर -दराज व ग्रामीण आंचलों के लोगों द्वारा सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे सराहनीय कार्यों को आगे लाया जाता है। इससे न सिर्फ उन क्षेत्रों को नई पहिचान मिलती है बल्कि अन्य लोगों को भी कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
इसी प्रकार के प्रेरणादायी कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने नैनीताल के युवाओं द्वारा बच्चों के लिए शुरू की गई अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी का भी जिक्र किया। जिसके माध्यम से नैनीताल जनपद के दुर्गम 12 गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें आसानी से उपलब्ध हो पा रही हैं । निश्चित ही इस प्रकार का प्रयास बच्चों को भी खूब भा रहा है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। देश में मातृशक्ति के उत्थान व प्रगति के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं।
हाल ही में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पारित होना ऐतिहासिक निर्णय रहा है। उत्तराखड में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई। राज्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ हो इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। समान नागरिक संहित लागू करने की दिशा में उत्तराखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतरिक्त स्थानीय विधायक खजानदास, प्रधानाचार्य डी.ए.वी पी.जी कॉलेज डॉ. के.आर. जैन ,शिक्षक वर्ग एवं अधिकादिक विद्यार्थी गण उपस्थि

जनता सिनेमा से निर्माताओं, सिनेमा मालिकों और सिनेमा प्रेमियों के बीच खुशी और उत्साह की लहर

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जनता सिनेमा नाम से भारतीय सिने जगत में नई क्रांतिकारी तकनीक हुई लॉन्च

इंदौर। पठान, जवान, ड्रीमगर्ल 2, गदर 2, ओएमजी 2 और जेलर जैसी फिल्में सिनेमाघरों में ब्लॉकबस्टर रही हैं। जिससे निर्माताओं एक्ज़िबिटर्स को अब ज़्यादा वीपीएफ लागत से आज़ादी मिल गई। लेकिन अब इस क्षेत्र में एक और क्रांति के लिये तैयार हो जाएं। भारतीय फिल्म जगत में सबसे बड़ी क्रांति के रूप में आ गया है जनता सिनेमा जो आपकी फिल्मो की स्क्रीनिंग के लिए सबसे स्मार्ट समाधान है। जिसमें पहली बार हिंदुस्तानी सिनेमा जगत में नई क्रांतिकारी तकनीक पेश की गई है।
जिससे निर्माताओं, सिनेमा मालिकों और सिनेमा प्रेमियों के बीच खुशी और उत्साह की लहर फैल गई है।
जनता सिनेमा भारत में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ डिजिटल सिनेमा समाधान है जो कान्स फिल्म फेस्टिवल और दुनिया भर के 74 देशों में उपयोग किया गया है।
मशहूर फिल्म निर्माता और वितरक यूसुफ शेख (हेड परसेप्ट पिक्चर्स) और उनके बैनर, येन मूवीज़ (भारत की 30 साल पुरानी फिल्म वितरण, एक्जीबिशन और प्रोडक्शन कंपनी) ने जनता सिनेमा – आर्टिनी प्रो डिजिटल सिनेमा प्लेयर टेक्नोलॉजी लॉन्च की है।
चाहे वह सिंगल स्क्रीन, मल्टीप्लेक्स या स्टैंड-अलोन सिनेमा हो, निजी सिनेमा, सामुदायिक सिनेमा, हाइवे ढाबे, बड़े आकार की दुकानें, ग्राम पंचायत घर, भवन परिसर, क्लब, सैन्य छावनी, कॉर्पोरेट कंपनी, आवासीय सोसायटी हो, किसी भी फिल्म को सिर्फ एक बटन क्लिक करके प्रदर्शित की जा सकती है।
फर्स्ट डे फर्स्ट शो फिल्में रिलीज करके किसी भी जगह कोई भी फिल्म रिलीज करके पैसे कमाया जा सकता है।
सिनेमा मालिक को फिल्म फर्स्ट डे फर्स्ट शो रिलीज करने के लिए कोई वीपीएफ शुल्क देने की जरूरत नहीं है।
सिर्फ एक प्रोजेक्टर या कम्प्यूटर के माध्यम से अपने जनता सिनेमा प्लेयर के द्वारा 2K रिज़ॉल्यूशन और 5.1 साउंड के साथ प्ले करें।
जनता सिनेमा की अद्भुत टेक्नोलॉजी से अब पायरेसी का कोई डर नहीं है। अब निर्माता अन्य तकनीकी प्रोवाइडर्स की वीपीएफ लागत के 10% से भी कम पर फिल्में रिलीज कर सकते हैं अर्थात केवल 1600 रुपये प्रति सिनेमा।
आप 8-10 लाख रुपये के अंदर किसी भी जगह पर सिनेमा शुरू कर सकते हैं, जहां आपके पास 1000 से 2000 वर्ग फीट का हॉल हो।
सरकार आपको लोन के साथ-साथ ऐसी जगहों पर सिनेमा शुरू करने की अनुमति भी देती है। विज्ञापन से पैसे कमाए जा सकते हैं।


कोई भी सिनेमा मालिक या अगर आपके पास एक सिंगल स्क्रीन सिनेमा, एक सामुदायिक स्थान, एक बड़ी दुकान, एक छत, एक हाइवे रेस्तरां, एक एम्फीथिएटर, स्कूल, कॉलेज, भवन परिसर या कोई बड़े आकार का खुला क्षेत्र है, तो आप कर सकते हैं।
ऐसे निर्माता जो अपनी फिल्मों का खुद वितरण करना चाहते हैं। ऐसे वितरक जो अपनी फिल्में रिलीज करने के लिए सिनेमाघरों की तलाश कर रहे हैं, वे भी इस तकनीक से फायदा उठा सकते हैं।
क्षेत्रीय फिल्म निर्माता जो अपनी फिल्म को देश के किसी भी क्षेत्र में रिलीज करना चाहते हैं और वीपीएफ लागत बचाना चाहते हैं और यहां तक ​​कि उन जगहों पर भी अपनी फिल्में रिलीज करना चाहते हैं जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सिनेमाघर नहीं हैं।
इस तकनीक के संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट jantacinema.artinii.com पर जाएं और जनता सिनेमा प्लेयर निःशुल्क डाउनलोड करें। जनता सिनेमा से राकेश सभरवाल भी जुड़े हुए हैं।

छुट्टा गौ वंश को लाठी से मारने पर 4 नामजद लोगों पर मुकदमा पंजीकृत

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MP – थाना उघैती क्षेत्र के ग्राम खण्डवा में एक छुट्टा गौ वंश को लाठी से मारने पर पशु प्रेमी विकेन्द्र शर्मा द्वारा 4 नामजद लोगों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया, जिसमें एक व्यक्ति उघैती के भारतीय जनता पार्टी के बूथ अध्यक्ष का भाई बताया गया, जिसका नाम मुक़दमे से हटवाने के लिए भाजपा मंडल अध्यक्ष उघैती महेश शर्मा ने पशु प्रेमी विकेन्द्र शर्मा को धमकी दी। पशु प्रेमी विकेन्द्र शर्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजा साथ ही थाना कोतवाली बदायूं मे भी तहरीर दी है। विकेन्द्र शर्मा ने बताया कि भविष्य मे इस भाजपा नेता से उन्हें खतरा होने की संभावना है ।

नहीं रहे प्रसिद्ध फिल्म लेखक प्रयाग राज

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भारतीय सिने जगत के प्रसिद्ध फिल्म लेखक, निर्देशक व एक्टर प्रयाग राज का शनिवार (23 सितम्बर) को शाम चार बजे निधन हो गया। अपना कैरियर उन्होंने ‘पृथ्वी थियेटर’ से शुरू किया था। पृथ्वी थिएटर के बाद प्रयाग राज को लेखन का पहला काम 1963 में आई फिल्म ‘फूल बने अंगारे’ में मिला। लेखक के रूप में उन्होंने 35 से ज्यादा फिल्में लिखीं। जिनमे अमिताभ बच्चन की अजूबा, गंगा जमुना सरस्वती, मर्द, गिरफ्तार, कुली, नसीब, सुहाग, अमर अकबर एंथोनी जैसी फिल्में शामिल हैं। शम्मी कपूर की सुपरहिट फिल्म जंगली के प्रसिद्ध गाने ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे…’ के शुरुआत में आने वाला नोट ‘याहू’ प्रयाग राज की आवाज में है। सुपर स्टार राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्म ‘सच्चा झूठा’ में प्रयाग राज ने चाय वाले का किरदार निभाया था। 1970 से 1990 के दशक में हिंदी फिल्मों के सबसे सफल लेखक के रूप में चर्चित प्रयाग राज फिल्म लेखन के साथ एक्टिंग, डायरेक्शन, गायन से लेकर गीत लिखने तक में हाथ आजमाया। वह कुछ अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का भी हिस्सा भी थे। लेकिन उनकी सबसे खास पहचान अमिताभ बच्चन की कुछ बेहद कामयाब फिल्मों के कहानीकार और स्क्रिप्ट राइटर के रूप में बनी।
उनका जन्म इलाहाबाद में हुआ था। उनका नाम अपने शहर पर ही रखा गया था। उनके पिता राम दास आजाद अपने समय के प्रसिद्ध कवि थे। बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म ‘कुंदन’ प्रयाग राज ने शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बनाई थी। इसके बाद पाप और पुण्य, पोंगा पंडित, चोर सिपाही जैसी फिल्में भी डायरेक्ट की थी।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार दिवसीय विदेश यात्रा पर

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24 सितम्बर 2023, ,देहरादून  , 25 से 28 सितंबर तक मुख्यमंत्री सहित राज्य का प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन यात्रा पर रहेगा। विदित हो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल लंदन एवं बर्मिंघम में नामचीन व्यवसायिक घरानों व अन्य निवेशकों से बैठक कर, उत्तराखंड में आगामी दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उन्हें आमंत्रित करेगा..!
इस यात्रा के दौरान विशेषतय : पर्यटन, आईटी ,शिक्षा, स्वास्थ्य ,फूड प्रोसेसिंग के अतिरिक्त ऑटोमोबाइल उद्योगों के दिग्गजों से राज्य में संभावित निवेश को लेकर वार्ता होगी ..!
26 सितंबर को लंदन में आयोजित रोड शो के पश्चात रोपवे क्षेत्र में प्रसिद्ध पोमा ग्रुप के साथ निवेश हेतु विचार विमर्श होगा,जबकि 27 सितंबर को बर्मिंघम में डबल्यू.एम.जी वार्बिक मैन्युफैक्चरिंग समूह, टीवीएस नॉर्टन तथा पर्यटन क्षेत्र से संबंधित व्यवसायियों से चर्चा की जाएगी।
हाल ही में दिल्ली में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार की उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट -2023 की विस्तृत तैयारियों व लक्ष्यों को लेकर जन सामान्य को अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के तहत अगले 5 वर्षों में एसजीडीपी को दुगना ,एयरपोर्ट का विस्तार, रेलवे नेटवर्क के विकास, चार धाम यात्रा को सुगम व ऑल वेदर रोड के निर्माण की प्रगति को अपने कार्यों में प्राथमिकता दी है !यही नहीं उद्यमियों को उद्योग स्थापना हेतु 6000 एकड़ की लैंड बैंक की उपलब्धता राज्य की विशेष उपलब्धि एवं दूरदर्शिता का सर्वोत्तम उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उद्यमियों की राज्य में निवेश करने में सर्वाधिक सहभागिता है.! सरकार सरलीकरण, समाधान,निस्तारण व उद्यमियों को संतुष्टि प्रदान करने के बिंदुओं पर कार्य कर रही है और यह उद्यमियों से निरंतर संवाद स्थापित कर संवाद हीनता को समाप्त कर ही संभव है।
काशीपुर में अरोमा पार्क व इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर,सितारगंज में प्लास्टिक पार्क तथा अमृतसर- कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापना सहित कई क्षेत्रों में उठाए गए प्रभावी कदम इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं ..
निवेश के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने वाले विभिन्न संभावित नीतियां भी लागू की गई है ..!पर्यटन व तीर्थाटन को विशेष महत्व देते हुए राज्य में पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने हेतु उपयुक्त स्थान पर आवश्यक सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है..!
राज्य सरकार लघु उद्योगों,फलोत्पादन , बागवानी ,कृषि व अन्य स्वरोजगारों जैसे लाभकारी योजनाओं को बढ़ावा व विकसित करने हेतु कृत संकल्प है।

ट्राई ने दूरसंचार, प्रसारण और आईटी क्षेत्रों में अनुसंधान पर परामर्श पत्र जारी किया

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New Delhi – भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 22 सितंबर 2023 को ‘दूरसंचार, प्रसारण और आईटी (आईसीटी) क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (आर एण्ड डी) प्रोत्साहन’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया। इस परामर्श पत्र को जारी करने का उद्देश्य देश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) क्षेत्र में आर एण्ड डी प्रोत्सान के लिये एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जिसमें आत्मनिर्भर भारत बनाने तथा आईसीटी क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने के लिये सरकार और निजी भागीदारों के समर्थन से आईसीटी उत्पादों और सेवाओं के विकास और नवोन्मेष के लिये आर एण्ड डी वैज्ञानिकों/इंजीनियरों का समूह तैयार करने की एक सुनियोजित प्रक्रिया स्थापित हो।
आज की दुनिया में आर एण्ड डी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नई प्रौद्योगिकी विकसित करने और उसे व्यवहार में लाने, आर्थिक प्रणाली को नया स्वरूप देने तथा अनेकानेक औद्योगिक क्रांतियों के जरिये लोगों के जीवन में सुधार लाने में पिछले कई सालों के दौरान किये गये आर एण्ड डी के साहसिक और विकास कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूरी दुनिया में इस बात को स्वीकार किया गया है कि किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि और समूची प्रगति के पीछे उसका आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र जुड़ा होता है। किसी भी देश में उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता, उन तक पहुंच और किफायत बढ़ाने से नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही आर एण्ड डी और नवाचार किसी भी देश की आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के लिये भी महत्वपूर्ण है।
भारत ने अनुसंधान, विकास और नवाचार में उल्लेखनीय प्रगति की है और “मध्य और दक्षिण एशिया” क्षेत्र में शीर्ष रैंक वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 में भारत 40वें स्थान पर है। देश के निवासियों द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्राप्त करने के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरकार की और से की गई अनेक पहलों जैसे कि ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’’, ‘‘राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक्स नीति 2019’’, ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018’’, ‘‘मेक इन इंडिया’’, ‘‘डिजिटल इंडिया’’, ‘‘स्टार्टअप इंडिया’’, आदि ने देश में आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। इसके साथ ही हाल ही में शुरू की गई पहलें, ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’, ‘‘दूरसंचार उत्पादन- से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना’’, ‘‘डिजिटल संचार नवाचार वर्ग’’, भी इस दिशा में उत्साहवर्धक कदम रहे हैं।
भारत के मौजूदा आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां आर एण्ड डी संवर्धन में और सुधार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर एण्ड डी में अपनाये जाने वाले बेहतर व्यवहारों से सीखने और उसे भारत में लागू करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन क्षेत्रों की पहचान करने की भी जरूरत है जहां आईसीटी क्षेत्र के आर एण्ड डी में सुधार लाने के लिये नीतियों और प्रोत्साहनों के जरिये हस्तक्षेप की आवश्यकता है ताकि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के तौर पर उभर सके। इसे ध्यान में रखते हुये और ट्राई अधिनियम 1997 के मुताबिक घरेलू स्तर पर विकसित उत्पादों और सेवाओं के साथ आईसीटी उद्योग के सुनियोजित विकास उपायों के लिये प्राधिकरण ने इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़े मुद्दों पर भारत सरकार को सिफारिशें देने के उद्देश्य से स्वतः संज्ञान के आधार पर हितधारकों के साथ विचार विमर्श के लिये देश में आईसीटी क्षेत्र में आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने के मुद्दों को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर और आईआईटी हैदराबाद आदि सहित विभिन्न शिक्षाविदों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ आनलाइन गहन विचार विमर्श और प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार इस परामर्श पत्र में ट्राई ने उन महत्वपूर्ण मुद्दों का तीन फोकस आधारोंः ‘‘शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली’’, ‘‘विज्ञान प्रणाली’’, और ‘‘नियामकीय रूपरेखा’’, के तहत विश्लेषण किया है जिनमें भारत के मौजूदा आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र में हस्तक्षेप की आवश्यकता है। तीसरे फोकस आधार ‘‘नियामकीय रूपरेखा’’, को दो हिस्सों ‘‘नीतियां और कार्यक्रम’’, और ‘‘आईपीआर संरचना’’ में बांटा गया। आर एण्ड डी और नवाचार को पूरी सक्रियता के साथ प्राथमिकता देने से देश में नये उद्यमियों और नवोन्मेषकों के लिये अनुकूल वातावरण तैयार होगा। परामर्श पत्र में ट्राई ने एक मजबूत आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये उन संभावित मुद्दों पर चर्चा की है जिनका इसके लिये समाधान जरूरी हैं।
दूरसंचार, प्रसारण और आईटी क्षेत्रों में नवीन प्रौद्योगिकी उपयोग और सम्मिलन काफी तेजी से हो रहा है। इन क्षेत्रों में तेजी से उभरते नये रूझानों में 5जी, 6जी, ओपन- आरएएन, इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा और एमएल, डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टैक्नालाजी (डीएलटी), आगुमेंटेड रीयल्टी (एआर), वर्चुअल रीयल्टी (वीआर) और मेटावर्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड सर्विसेज, एज कंप्यूटिंग, नेटवर्क फंक्शन वर्चुलाईजेशन (एनएफवी), साफ्टवेयर डिफान्ड नेटवर्किंग (एसडीएन), ओवर-दी-टॉप (ओटीटी), और हाइब्रिड सेट टाप बाक्स (एसटीबी) आदि शामिल हैं। परामर्श पत्र में सरकार-उद्योग-शिक्षाविद सहयोग, खोज-अनुसंधान के वाणिज्यिक इस्तेमाल, निजी निवेश को प्रोत्साहन, पेटेंट मंजूरी चक्र, आईपीआर सुरक्षा और आईपी आधारित वित्त आदि से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया और इन उभरते रूझानों पर ध्यान केन्द्रित करने और भारत के आर एण्ड डी और नवाचार प्रयासों की पूरी क्षमता को सामने लाने पर जोर दिया गया है।
ट्राई ने इस परामर्श पत्र में आर एण्ड डी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी देशों के आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र की भी जानकारी ली है। इनमें इजरायल, कोरिया गणराज्य, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, जापान, स्विटजरलैंड, जर्मनी, डेनमार्क, फिनलैंड आदि शामिल हैं। भारत के लिये पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने और उसके आर एण्ड डी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र के उत्कृष्ट व्यवहार की सीख महत्वपूर्ण हो सकती है।
परामर्श पत्र पर हितधारकों से उनके विचार और सुझाव जानने के लिये इसे ट्राई की वेबसाइट (www.trai.gov.in) पर डाला गया है। हितधारकों से परामर्श मुद्दों पर लिखित टिप्पणियां 23 अक्टूबर 2023 तक और प्रत्युत्तर- टिप्पणियां 6 नवंबर 2023 तक आमंत्रित की गईं हैं।
टिप्पणियां और प्रत्युत्तर टिप्पणियां इलेक्ट्रानिक माध्यम के जरिये ईमेल से advisorit@trai.gov.in और उसकी एक प्रति ja-cadiv@trai.gov.in को भेजी जा सकती हैं। किसी भी स्पष्टीकरण/जानकारी के लिये श्री आनंद कुमार सिंह, सलाहकार (सीए, आईटी और टीडी) से टेलीफोन नंबर 91-11-23210990 पर संपर्क किया जा सकता है।
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भारतीय सेना – राजपूताना राइफल्स के साथ सबद्ध एक बटालियन – बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास

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New Delhi – राजपूताना राइफल्स के साथ सबद्ध एक बटालियन के 32 कर्मियों की एक टुकड़ी 25-30 सितंबर,2023 तक रुस में आतंकवाद रोधी जमीनी प्रशिक्षण अभ्यास(एफटीएक्स) आसियान रक्षा मंत्री बैठक(एडीएमएम) प्लस विशेषज्ञ कार्यदल(ईडब्ल्यूजी) के लिए रवाना हुई। इस बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास की मेजबानी ईडब्ल्यूजी के सहअध्यक्ष के रुप में रुस, म्यामांर के साथ मिलकर कर रहा है। यह अभ्यास नाएप्यीडॉ, म्यामांर में 2-4 अगस्त,2023 तक एडीएमएम प्लस ईडब्ल्यूजी की टेबल टॉप अभ्यास के पश्चात हो रहा है।
वर्ष 2017 के बाद से एडीएमएम प्लस बैठक दक्षिण पूर्ण एशिया के देशो(आसियान) तथा प्लस देशों के साथ वार्तालाप और समन्वय का अवसर प्रदान करती है। शुरुआती एडीएमएम का आयोजन हनोई में 12 अक्टूबर,2010 को किया गया था। इस वर्ष आसियान सदस्यों के साथ प्लस समूह भी अभ्सास में भागीदारी कर रहा है।
अभ्यास के दौरान आंतकवाद रोधी अनेक अभ्यासों का आयोजन किया जाएगा। इसमें दृढ़ीकृत क्षेत्र में आंतकवादी समूहों को नष्ट करना भी सम्मिलित होगा। इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद रोधी क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना एवं इसे प्रोत्साहन देना है।
आतंकवाद रोधी पर एडीएमएम प्लस ईडब्ल्यूजी भारतीय सेना को आंतकवाद विरोधी अभियान में अपनी विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को सांझा करने का एक मंच प्रदान करने के साथ-साथ 12 अन्य देशो के साथ सहयोग बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा। भारतीय सेना को इस अभ्यास से एक सर्वश्रेष्ठ व्यवसायिक अनुभव प्राप्त होने की आशा है।