ग्वालियरः नवभारत टाइम्स डिजिटल के संजय चतुर्वेदी की खबर के अनुसार ग्वालियर शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शहर के मुरार थाना क्षेत्र में 6 नंबर चौराहे पर गौ तस्करी की अफवाह को लेकर भयंकर बवाल हो गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में गौ सेवक ट्रक में जा रहे गोवंश को घेर कर खड़े हो गए। इसके साथ ही ट्रक को भी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भीड़ को संभाला गया और गोवंश को गौशाला में छुड़वाया गया।
दरअसल, शहर के मुरार थाना के नजदीक तकरीबन 6 नंबर चौराहे पर लाल टिपारा गौशाला की तरफ जाने वाले रास्ते पर लगभग देर शाम 6-7 बजे के आसपास ट्रक क्रमांक एमपी 07 एचबी 8505 को कुछ लोगों ने रोका था। जिसमें गोवंश पाया गया था। जिसके बाद हंगामा मच गया था। घटनाक्रम देर रात जारी रहा।
गौ रक्षकों ने गोवंश ले रहे ट्रक ड्राइवर को रोककर पूछताछ की। लेकिन ड्राइवर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके चलते लोग नाराज हो गए और हंगामा कर दिया। लेकिन मौके पर पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर ट्रक ड्राइवर को बचाया और गोवंश को सुरक्षित लाल टिपारा गौशाला में पहुंचा दिया। इसके अलावा वैधानिक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।

निगम के ट्रक को लेकर होगी जांच

मामले को देख रही पुलिस ने बताया कि प्रथम दृश्य में तो यह ट्रक सरकारी बताया जा रहा है। जिसका उपयोग नगर निगम कर रही है। उसी में गोवंश को पड़कर लाया गया था। हालांकि इस मामले में फिलहाल अभी तक किसी भी निगम अधिकारी या कर्मचारी से कोई बात नहीं हो पाई है। इसके अलावा फिलहाल कोई दस्तावेज भी अभी हमारे सामने इस प्रकार का नहीं आया है। वहीं, वाहन को लेकर उनका कहना है कि अभी है जांच का विषय है कि यह ट्रक प्राइवेट है या निगम का है।

मामले में हो एफआईआर

बजरंग दल के गौ रक्षा विभाग प्रमुख भरत राजपूत का कहना है कि हमारे मुरार के कार्यकर्ता को सूचना मिली थी कि एक ट्रक में गोवंश को पैक करके ले जाया जा रहा है। सूचना पर ट्रक को रुकवाया गया। लेकिन ट्रैफिक विभाग ने जब ट्रक को रुकवाने की कोशिश की तो ट्रक नहीं रुका। जिसके बाद गौ रक्षकों ने ट्रक को घेर कर रोकने का प्रयास किया।

भड़के लोगों को गौ रक्षकों ने शांत कराया

किसी तरह ट्रक को रोका गया। जब पुलिस ने भी ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जवाब न मिलने के कारण मौजूद लोगों थोड़ा सा हंगामा किया गया था। लेकिन जब हम लोग वहां पहुंचे तो हमने सभी को समझाइए इस प्रकार का किसी भी उपद्रव को ना करें। साथ ही पूरा मामला समझने की कोशिश की।

गौ रक्षकों ने पूछे ये सवाल

गौ रक्षकों का कहना है कि यदि यह कार्य निगम की तरफ से किया जा रहा था तो उनके पास खुले वाहनों की भी सुविधा है। गोवंश को पैक करके ले जाने की क्या आवश्यकता थी? यदि फिर भी किसी कारणवश गोवंश को पैक करके ले जाया जा रहा था तो उसके कागज और दस्तावेज भी तो ड्राइवर के पास उपलब्ध होने चाहिए थे। लेकिन इस प्रकार के कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं बरामद हुए। इन सब के बाद जो बात निकाल कर सामने आई है तो कहा जा रहा था कि हम गोवंश को हाईवे पर छोड़ने जा रहे थे।

किसानों को होगी परेशानी

गौ रक्षकों का कहना है कि यदि हाईवे पर भी छोड़ेंगे तो कहीं ना कहीं हमारे किसान भाइयों को भी इससे परेशानी होगी। गौ सेवकों का कहना है कि कहीं ना कहीं इस पूरी प्रक्रिया में संदिग्धता नजर आ रही है इसलिए प्रशासन से सहयोग मांगा है। कि जो भी दोषी हो उसे पर पूरी कार्रवाई की जाए और मामले में फिर की जाए।

 

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