दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में धुव्र फाउंडेशन के द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें गौ राष्ट्र पुस्तक का विमोचन हुआ। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी बतौर अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहे। श्रीकृष्णा मित्तल जी की पुस्तक का विमोचन करते हुए श्री चव्हाणके जी ने सभा को संबोधित किया और साथ ही सरकार के सामने तीन मांगे भी रखीं।
उन्होनें पहली मांग में कहा कि केवल बातों के वजह काम से भी संदेश जाता है। इसलिए में मांग रखता हूं कि जो देश 75वां स्वतंत्र दिवस मना रहा है सेंट्रल विस्टा पर कई करोड़ रूपए खर्ज हो रहे है। तो वहीं पर इतने सारे प्रोजेक्ट में एक गौशाला बने, तब ही सही संदेश जाएगा। भले वो कही बने या न बनो लेकिन वहां प्रधानमंत्री का आवास बन रहा है, तो उस आवास में ये बने तो इससे बहुत बड़ा संदेश जाएगा।

दूसरी मांग में रखना चाहता हूं कि गौ सेवको को तो बहुत सम्मान मिलता ही है, लेकिन गौ रक्षकों को भी सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि गौ सेवको के साथ तो मंत्री भी स्टेज शेयर कर लेते है, सांसद भी कर लेते है, मीडिया भी कर लेते है, लेकिन गौ रक्षको को अपराधी और खलनायकों की कैटेगरी में रख कर कोई खड़ा नहीं होता है। मुझे लगता है, कि अगर गौ रक्षक नहीं है, तो गौ सेवा भी संभव नहीं है, तो इसलिए गौ रक्षको के लिए जो हो सकता है, जैसे उनका  इंश्योरेंस हो सकता है, उनके लिए हम कोई पहचान पत्र दे सकते है, ऐसे अन्य- अन्य विषयों पर हमे चर्चा करनी चाहिए।
गौ माता पर्यावरण का भी समाधान है, या जो विश्व की सारी समस्या है, हम सभी इसके जानकार है, केवल मैं उनका उल्लेख करना चाहूंगा। परिवार का भी समाधान है, क्योकि आज कल कोई माता-पिता को नहीं संभालता है, लेकिन जो गाय की रक्षा करेगा, वो कभी भी अपने माता या पिता को अनाथ आश्रम में नहीं छोड़ेगा।
आपको बता थे कि उन्होनें आगे कहा कि छोटे-छोटे उद्योगों के लिए बैंकों में खर्च दिया जाता है, काफी अच्छी बात है मुद्राएं देने जैसी योजनाएँ है, तो ये गौपालन के लिए भी दिया जा सकता है।
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