मुंबई -आईआईटी बॉम्बे कैंपस में कश्मीर घाटी में हिंदुओं पर हो रहे घातक हमलों के विरोध में कल एक मोमबत्ती – यात्रा का आयोजन आई आई टी बी भारत t द्वारा किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया, इस कैंडल यात्रा का उद्देश्य कश्मीर घाटी में इस्लामी आतंकवाद का शिकार मृतकों को श्रद्धांजलि देना था।

विद्यार्थियों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि कश्मीर में फिर से लोगों के नाम उनके घरों के बाहर लिखकर मृत्यु की धमकी दी जा रही है, उन्हें चिन्हित करके मार दिया जा रहा है, प्रेस विज्ञप्ति निकाली जा रही है कि घाटी खाली करो। 36 वर्षीय शिक्षिका श्रीमती रजनीबाला जी को उनके स्कूल में जाकर आतंकियों ने मार दिया ऐसा ही राहुल भट्ट जी एवं विजय कुमार बेनीवाल जी के साथ हुआ, यह सूची लंबी होती जा रही है।

लोगों के मन में भय का वातावरण स्थापित है। लोगों को उनके घरों में बंद कर दिया गया है बाहर सुरक्षाकर्मी भारी मात्रा में उपस्थित हैं। मात्र 3 महीने पहले श्री विजय कुमार का विवाह हुआ था। क्या बीत रही होगी उनकी विधवा पत्नी पर। श्री विजय कुमार जी की चचेरी बहन आई आई टी मुंबई की छात्रा हैं, उनका दुःख असहनीय है .

मोमबत्ती यात्रा में उपस्थित विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि १९४७ और १९९० का इतिहास फिर से वही इतिहास वर्तमान का स्वरूप लेकर आया है।ऐसे ही करोड़ों की संख्या में भारतीय परिवार इस असहनीय दुःख तथा प्रताड़ना को पिछले ११०० वर्षों से सह रहा है।

उन्होने प्रश्न किया आखिर कब तक लगातार किसी एक समाज को कट्टरपंथी विचार के आधार पर प्रताड़ित किया जायेगा? सरकारें विफल हैं इस मसले का संधान देने में या सरकारें इस समस्या का समाधान निकालना ही नहीं चाहती हैं, आखिर एक समाज कब तक एक राक्षसी प्रवृति वाले जिहादियों के अत्याचार को सह कर इन सरकरों को गद्दी पर बैठाता रहेगा ? उन्होने सरकारों से निवेदन किया है कि वे भारत में फैलते जा रहे जहर के मूल कारण को समझें तथा उन कट्टरपंथियों को स्पष्ट सन्देश देते हुए हिन्दुओं तथा उन मुस्लिमों (जो भारत के गौरव, संस्कृति तथा आराध्यों का सम्मान करते हैं ) का प्रण लेकर सुरक्षा के लिए कार्य करें, यह केवल मानवता ही नहीं बल्कि पुरे राष्ट्र की सुरक्षा तथा संभ्रुता पर भी खतरा है।

कैंडल यात्रा में छात्रों ने ” भारत माता की जय, वन्दे मातरम, आतंकवाद मुर्दाबाद, आतंकवाद बंद करो, आतंकवाद को पालना बंद करो इत्यादि नारे लगाए । छात्रों ने एक स्वर में उन सैकड़ों भारतीय परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की एवं उनकी पीड़ा को स्वर प्रदान किया जो इस स्वतंत्र भारत में जिहादियों द्वारा दी जा रही निरंतर जीवन और मृत्यु की प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं।

साथ ही यह पीड़ा व्यक्त कि की कश्मीर घाटी पुनः भारतराष्ट्र के विरोध का केंद्र बनी हुई है। आज ११०० वर्षों से भारतीय संस्कृति तथा समाज इन जिहादियों का दंश झेल रहा है, 19 जनवरी 1990 की रात्रि को जब असंख्य कश्मीरी हिंदुओं को हत्या, बलात्कार, लूटपाट एवं नृशंसता के वीभत्स दृश्यों के मध्य अपना घर, संपत्ति, अपनी स्मृतियां, अपनों के शव जिसे अग्नि को भी न सौंप सके, सब कुछ छोड़कर निर्जन क्षेत्रों में शरण लेने को विवश हो गए।

यह मोमबत्ती – यात्रा शाम ७:३० बजे आई आई टी मुंबई के छात्रावास संख्या १२-१३-१४ से आरम्भ होकर दीक्षांत सभागृह पर संपन्न हुई जिसमें लगभग लगभग २०० से अधिक छात्रों ने हिस्सेदारी की।

इस अवसर पर २ मिनट का मौन रखकर दहशतवादियों का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद राष्ट्रगान द्वारा कार्यकम को समाप्त किया गया। उल्लेखनीय है कि आई आई टी बी भारत महाविद्यालय परिसर में अलग अलग तरह के कार्यकम का आयोजन करनेवाले आई आई टी मुंबई के छात्रों का समूह है और वे सनातन संस्कृति के बारे में फैलाई गयी भ्रांतियों के प्रति जागरूकता फैलाने का काम भी करते हैं।

 

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