पाली । मारवाड़ को यों ही भामाशाहों की धरा नहीं कहा जाता। यहां सेवा का भाव कूट-कूटकर भरा हुआ है। विशेषकर गोवंश के लिए तो मारवाड़ के लोग बढ़-चढक़र दान देते हैं। ये परम्परा सदियों से चली आ रही है। सेवा का ऐसा ही भाव रविवार को मोहरा कलां में देखने को मिला, जहां गोशाला के उत्थान व विकास के लिए श्री कृष्ण मरुधर केसरी गौ सेवा समिति के तत्वावधान में पूर्व अध्यक्ष ठा.भगवत सिंह की स्मृति में भागवत कथा व नानी बाई का मायरा कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके अंतिम दिन दानदाताओं के साथ ही छत्तीस कौम के ग्रामीणों ने खुले हाथों से दान किया। जहां गोवंश की सेवा के लिए 2.51 करोड़ रुपए दिए गए, वहीं 80 बीघा जमीन भी गोशाला के नाम कर एक अलग ही संदेश दिया है।
भागवत कथा व नानी बाई के मायरे की आरती तथा महायज्ञ व महाप्रसाद के साथ कार्यक््रम का समापन हुआ। यहां कथावाचक अशोक महाराज ने कथा का वाचन किया। इस दौरान कई संतों का सान्निध्य मिला। कार्यक्रम में मायरा भरने के साथ ही गौ सेवा के लिए लोग आगे आए। यहां पर स्व. भगवत सिंह व स्व्. सूरज कंवर की तरफ से 11 लाख रुपए दिए गए। वहीं संत सुरेंद्रदास जी महाराज ने 10 लाख रुपए दिए। इसके अलावा गांव के 36 कौम के लोगों गौमाता की सेवा में 2 करोड़ 51 लाख रुपए का दान किया। इसके साथ 80 बीघा जमीन भी दी गई। सभी दानदाताओं का सम्मान किया गया। जो जमीन दान दी गई, उसी जमीन पर 108 कुंडीय हवन कर पूर्णाहुति दी गई।