एक सकारात्मक विकास में भारत और वियतनाम ने बुधवार (8 जून) को आपसी रसद समर्थन को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह विकास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वियतनाम की राजधानी हनोई यात्रा के दौरान आया।
यह विकास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि समझौता ज्ञापन पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जिस पर वियतनाम ने किसी भी देश के साथ हस्ताक्षर किए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 जून को हनोई में राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दोनों पक्षों के मध्य द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी व व्यावहारिक पहल पर व्यापक चर्चा हुई।
दोनों रक्षा मंत्रियों ने ‘वर्ष 2030 को लक्षित भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण’ पर भी हस्ताक्षर किए, जो वर्तमान रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
दोनों मंत्रियों ने वियतनाम को दी गई 50 करोड़ डॉलर की रक्षा ऋण सहायता को शीघ्र अंतिम रूप देने पर भी सहमति जताई।
मंत्रालय ने कहा कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन से वियतनाम की रक्षा क्षमताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के दृष्टिकोण को काफी बढ़ावा मिलेगा।
राजनाथ सिंह ने वियतनामी सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिए वायुसेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल में भाषा और आईटी लैब की स्थापना के लिए दो सिमुलेटर और मौद्रिक अनुदान देने की भी घोषणा की।