एमएसडीई ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए अपने अधिकारियों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया

‘New Delhi – जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 16 दिन’ के वार्षिक अभियान के अनुसार कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अपने अधिकारियों के लिए कौशल भवन, नई दिल्ली में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समापन हुआ।

उद्घाटन सत्र कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी के साथ-साथ मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र महिला के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।

श्री तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि इस तरह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रत्येक अधिकारी के लिए कार्यस्थल पर उचित आचरण करने के लिए जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण कार्यस्थल संस्कृति का हिस्सा बने। उन्होंने इस संबंध में गठित समिति के सदस्यों को नियमित रूप से समीक्षा बैठक करने तथा अधिनियम के सीखने के सार को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

संयुक्त राष्ट्र महिला भारत कार्यालय की उप कंट्री प्रतिनिधि सुश्री कांता सिंह ने मंत्रालय में महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रयासों और कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न रोकने की उसकी समर्पित प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने पूरे कर्मचारियों के लिए व्यापक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित करने वाले पहले मंत्रालयों में से एक होने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की सराहना की। सुश्री सिंह ने महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के गहरे प्रभाव को रेखांकित किया, मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों तथा भविष्य के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को रोकने की क्षमता पर बल दिया।

मंत्रालय के अधिकारियों ने जेंडर आधारित हिंसा रोकने के लिए चार शक्तिशाली शब्द ‘अब कोई बहाना नहीं’ का भी संकल्प लिया।

दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण न केवल यौन उत्पीड़न की स्पष्ट परिभाषा प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया, बल्कि शिकायत प्रक्रिया कैसे काम करती है, इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी आयोजित किया गया था। यह पहल महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल बनाने के लिए सक्रिय उपाय करने के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रयास का एक हिस्सा है और देश के समावेशी विकास के लिए आर्थिक एजेंटों तथा समान भागीदारों के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

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