जीवदया आज के समय में क्या हर युग और समय में जरुरी रहा है , भारत के ऋषि मुनियों ने जीवदया और उनके रक्षण के लिए युद्ध लड़े और अपने प्राणों की बलि दी। मात्र दस वर्ष की उम्र में छत्रपति शिवाजी महाराज ने गौ माता के लिए लड़ाई लड़ी थी। अपने बाल्य्काल में ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने गौमाता के दुश्मनो के दांत खट्टे कर दिए थे। जीवदया और गौमाता का हिन्दू धर्म में महत्त्व आज से नहीं बल्कि हजारों सालों से रहा है.
आज की इस अति आधुनिक दुनियाँ में जहां जानवरो को बेतहाशा मारा और काट कर खाया जा रहा है वह चिंतनीय तो है ही बड़ा ही दुर्भाग्य पूर्ण है। भारत देश के नागालैंड प्रदेश में कुत्तों को मार कर खाने पर कोर्ट द्वारा रोक लगा दिया गया था मगर उस रोक को कुछ दिन पहले हटा दिया गया। ज्ञात हो कि 2020 में नागालैंड सरकार ने कुत्तों के मांस की बिक्री पर रोक लगाई थी।
स्ट्रीट डॉग्स हमारे जीवन में क्या मायने रखते है अगर जानना हो तो उनसे मिले जो एक स्ट्रीट डॉग को बचाते है उन्हें खाना खिलाते है। नई जिंदगी देते है। स्ट्रीट कुत्ते , जिन्हें वैज्ञानिक साहित्य में स्वतंत्र शहरी कुत्तों के रूप में जाना जाता है और जिनका कोई भी मई – बाप नहीं होता है। कहते है कि कुत्तों को अत्यधिक अनुकूलनशील और बुद्धिमान प्रजाति माना जाता है। यह सही भी है , गल्ली मुहल्लों , और सड़को पर भटकने वाले यह प्राणी बहुत वफ़ादार भी है।

 

लकी मिश्रा का बेज़ुबानों के प्रति प्रेम

खैर जहां बेज़ुबान कुत्तों और जानवरों को लोग मार रहे है वही कुछ लोग उसे संरक्षण देने और बचाने में लगे है। मुंबई में रहने वाली लकी मिश्रा एक यैसी ही पशुप्रेमी महिला है जो अपना सब कुछ दाव पर लगा कर इन आवारा पशुओ , कुत्तो के लिए मशीहा बन कर उभरी है। पिछले २५ वर्षो से ये आवारा कुत्तो को घर देने और उनकी देख भाल करने का काम कर रही है।
वो कहती है कि -” जब हम बेजुबानों की मदद करने का वास्तविक कार्य कर रहे हैं तो हमें दुर्व्यवहार का खामियाजा क्यों भुगतना पड़ता है? जहां पीएम मोदी “मन की बात” में आवारा कुत्तों को गोद लेने की सलाह देते रहते हैं, वहीं हमारे सीएम योगीजी, जो खुद एक कुत्ता प्रेमी हैं, हमें जानवरों की देखभाल के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं, यह अजीब है कि लोगों ने कुत्तों से नफरत करने वाला व्हाट्सएप बनाना शुरू कर दिया है।
लकी मिश्रा कहती है – कुत्तों को उनके क्षेत्रीय क्षेत्र से भगाना गैरकानूनी है। एडब्ल्यूबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार कोई भी संगठन स्वयं या सुरक्षा गार्ड जैसे अपने द्वारा नियोजित किसी व्यक्ति के माध्यम से ऐसा नहीं कर सकता है। इसके अलावा, भारत सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एबीसी कार्यक्रम शुरू किया है ताकि उनकी संख्या में वृद्धि न हो। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कुत्ते दूसरों को तब तक नुकसान नहीं पहुंचाते जब तक कि उन्हें उकसाया न जाए या जब उन्हें पता हो कि उनकी जान खतरे में है। कुत्ते उस प्रादेशिक स्थान के रक्षक बन जाते हैं जहाँ उनका जन्म और पालन-पोषण हुआ है। कुत्ते इंसान के सबसे अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे।

Mom & Dad ( GOD OF UNIVERS) मोम एंड डैड – गॉड ऑफ़ यनिवर्स

लकी मिश्रा एक ३० वर्षीय सामाजिक महिला है , जिनके भीतर मानवता , के साथ वह अति सवेदनशील दिल की मालकिन है। २५ वर्ष पहले उनके साथ एक घटना हुई जिस वजह से आज वह अपने छोटे से घर को ही कुत्तों के लिए घर बना दिया है।लकी मिश्रा पूरी तरह से शाकाहारी है। जब से उनके मन में जीवदया की भावना आई है वह शाकाहारी बन गई है।
वो कहती है मुझे इन बच्चो की सेवा की प्रेरणा ईश्वर की देन है – दीपावली का वह दिन था जब एक फीमेल डॉग ने अपने बच्चों की जन्म दिया था , दीपावली के दिन जोरदार फटाको की वजह से मदर डॉग डर के मारे जन्म देने के बाद भाग गई। , उस समय मैं इन डॉग्स को ले कर बहुत अनजान थी , मदर डॉग के भाग जाने के कारण उन जन्में बच्चो की हालत बहुत खराब हो रही थी , उनकी आंख तक नहीं खुली थी , वह चिल्ला रहे थे , भूख के मारे तड़प रहे थे। कोई भी देखने वाला नहीं था , मुझे बड़ा दुःख हुआ , मैं बहुत रोने लगी , और न जाने कहा से मेरे भीतर उन मासूम बच्चो को बचाने का ख्याल आ गया वही वह दिन था जब मेरे भीतर इन बेज़ुबानों के लिए काम करने की प्रेरणा आई। मैं भाग कर गई और निपल ले कर आई मुझे कुछ पता नहीं था , बॉटल में सेरेलक दाल कर उन मासूम बच्चो को एक माँ जैसे अपने बच्चे की फीडिंग करवाती है वैसे ही मैंने किया और उन बच्चो को बचाया। कुछ वह ९ बच्चे थे।

Mom & Dad ( GOD OF UNIVERS) मोम एंड डैड – गॉड ऑफ़ यनिवर्स

जब उनसे पूछा गया तो लकी मिश्रा ने बताया कि ” Mom & Dad ( GOD OF UNIVERS) मोम एंड डैड – गॉड ऑफ़ यनिवर्स ” यह मेरे लिए आने वाले समय में बेज़ुबानों की सेवा करने के लिए एक बड़ा कदम है , मेरे पिता जी , माता जी मेरे लिए भगवान् है।

घर को सेल्टर होम बना दिया है।

लकी मिश्रा का घर स्ट्रीट डॉग्स के लिए घर बन गया है , लकी ने बताया कि आज मैं १५ बिल्लियों , बाहर ३० डॉग्स , और उतने अडॉप्टेड डॉग्स है। जिसमे मेरे पति और मेरी बहन मेरा साथ देते है। मैंने सभी डॉग्स का बैसिनेशन करवा रखा है। सभी की देख भाल मेडिकल पैरामीटर के अनुसार हम करते है।
लकी मिश्रा ब्रीड डॉग्स को भी संभालती है जो लोग अपने पालतू कुत्तों को छोड़ देते है उन्हें भी हम रेस्क्यू कर के अपने घर लाते है। अब तक १०० से भी ज्यादा कुत्तो का रेस्क्यू मैंने किया है। और सभी कुत्तों का नशबंदी करवा रखा है।

लकी मिश्रा ने बताया इन बेज़ुबान जानवरों के पीछे का सारा खर्ज हम खुद उठाते है। शुरुआत में बड़ी परेशानी आई लोगो से चंदा भी माँगा लेकिन लोगो की बेरुखी देख कर यह निर्णय लिया कि हम खुद जैसे – तैसे कर के इन बेज़ुबानों की सेवा करुँगी।
बेज़ुबानों की सेवा प्रभु की सेवा मानती हूँ। लकी मिश्रा आगे बड़े भारी मन से कहती है कि – ” जैन धर्म अहिंसा परमो धर्मः के सिद्धांत पर अडिग है। हमारा धर्म करुणा परोपकार और अनुकंपा की प्रेरणाओं से भरा धर्म है। हमारे इतिहास के जगमगाते पृष्ठो में भगवान शांतिनाथ, भगवान अरिष्टनेमिनाथ एवं करुणा सिंधु भगवान पार्श्वनाथ एवं अनेक श्रावकों के ऐसे जीव दया प्रेम का उल्लेख है जिन पर हमारी आस्था और श्रद्धा टिकी हुई है। जीव दया की महत्वपूर्ण योजना को अपना महत्वपूर्ण सेवा प्ररकल्प बनाया है। जो आज अनेकों मूक प्राणियों के लिए आशा का संदेश बन गया है। मैं अपने भारतीय परम्पराओं को संस्कृति को मानने वाली हूँ।
ऋषि मुनियों की वाणी को अपने जीवन का मूल मन्त्र मानते हुए मैं अपने बेज़ुबानों की सेवा कर रही हूँ और साड़ी जिंदगी करती रहूँगी , मैं मेरे पिता जी , पति और अपने परिवार के सभी लोगो का आभार मानती हूँ जो लोग मुझे सहयोग करते है , और कभी भी हारने नहीं देते है। बेज़ुबानों की सेवा ही मेरी जिंदगी है।

 

 

Previous articleविजुअल कॉन्टेंट क्रिएशन का एक नया अनुभव प्रदान करेगा ब्रांड पिक्सेलर ऐप
Next articleसिरीशा भगवातुला और रिदम रोहिन ने गाया रोमांटिक गीत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here