सूरत. पांच दिवसीय गौ कथा के दूसरे दिन सोमवार को सिटीलाइट स्थित माहेश्वरी भवन में व्यासपीठ से साध्वी कपिलादीदी ने कहा कि आज अधर्म बढऩे से अच्छा काम करने में कठिनाई होती है। जगत के सभी जीवों का पोषण करने वाली मां भगवती गौ माता सडक़ों पर भटक रही हैं और हिंसक जानवर श्वान घरों में आनंद भोग रहा है। धर्म को संरक्षित करना बहुत बड़ा धर्म है। धर्म की हानि होने पर सज्जनों की पीड़ा हरने के लिए स्वयं ठाकुरजी अवतरित होते हैं।
आज के परिवेश में माना कि लोग गौ माता नहीं रख सकते, लेकिन गौ वंश को संरक्षित करने के लिए गो व्रती तो बन ही सकते हैं। गो व्रती का मतलब है पंचगव्य (गाय का घी, दूध, दही, मूत्र एवं गोबर) सहित गौ वंश उत्पाद का सेवन करना। भवन में पांच दिवसीय कथा का आयोजन श्रीमहेश मित्र मंडल की ओर से किया गया है। कथा में साध्वी ने कहा कि आज आश्रम तो बन रहे हैं, लेकिन गौ शालाएं नहीं दिखाई देती हैं।
आश्रम के साथ गौशाला हो और ठाकुरजी की प्रियतम गौ माता की सेवा होती हो तो वहां की दिव्यता अलग ही होती है। ठाकुरजी के नाम के साथ गौ माता का नाम आ जाए तो जीवन सफल हो जाता है। इस मौके पर साध्वी ने नशे से दूर रहने की बात भी कई दृष्टांतों के साथ श्रद्धालुओं के समक्ष कही। कथा आयोजन में श्री महेश मित्र मंडल के जुगल कोठारी, अनिल नागौरी, संतोष भट्टड़, नवीन भूतड़ा, गिरिराज टावरी, तन्मय चांडक, रोहित मालपानी, दीपक भूतड़ा, कमल झंवर समेत आदि सक्रिय हैं।