नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि करीब तीन दशक पहले उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक हमले में मृत्य, उनके लिए सीख देने वाला जीवन का सबसे बड़ा अनुभव था. उनका यह भी कहना है कि इस हादसे से उन्हें वो चीजें सीखने को मिलीं जो शायद वह कभी नहीं सीख पाते. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सोमवार को एक संवाद सत्र के दौरान राहुल गांधी से उनके पिता की पुण्यतिथि के बारे में सवाल किया गया था जो 21 मई को थी. राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी सभा के दौरान ‘लिट्टे’ के आत्मघाती हमले में मृत्यु हो गई थी.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया है कि भारत में बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर ‘सुनियोजित हमला’ हो रहा है. राहुल गांधी ने देश की बीजेपी सरकार पर इशारों ही इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि देश में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं- संसद, चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक सगंठन कब्जा कर रहा है.
प्रतिष्ठित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में सोमवार शाम को ‘इंडिया एट 75’ नाम के एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने छात्रों, विशेषकर भारतीय छात्रों के सवालों का जवाब दिया. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रभावशाली लोग और एजेंसियां देश में संवाद को नए तरीके से परिभषित कर रही हैं. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयासों जैसे व्यापक विषयों पर बात की.
‘गोपनीय तरीके से किया जा रहा कंट्रोल’
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की शिक्षाविद डॉ श्रुति कपिला के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने उन सब बिंदुओं को दोहराया, जिन पर उन्होंने पिछले सप्ताह एक सम्मेलन के दौरान बात की थी. उन्होंने सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोगों या एजेंसियों के भारतीय राजनीति पर प्रभाव का भी जिक्र किया.
राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे लिए, भारत तब जीवंत होता है, जब भारत बोलता है और जब भारत चुप हो जाता है तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है- संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा कब्जा किया जा रहा है. बातचीत को बाधित किए जाने के कारण ‘सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां’ इन रिक्त स्थानों में प्रवेश कर रही हैं और देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं।
पिता की मृत्यु से बड़ा कोई अनुभव नहीं
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं ‘कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज’ में इतिहास की प्रोफेसर श्रुति कपिला ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से हिंसा और व्यक्तिगत अनुभव से जुड़ा सवाल किया. इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरे जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव मेरे पिता की मृत्यु थी. इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता. उनका कहना था, ‘‘अब मैं यह कह सकता हूं कि जिस व्यक्ति या ताकत ने मेरे पिता की हत्या की, उसने मुझे बहुत दर्द दिया, यह सही भी है क्योंकि एक पुत्र के रूप में मैंने अपने पिता को खोया था और यह बहुत दुखद था.
नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी का बयान
लेकिन इस तथ्य से भी दूर नहीं भाग सकता कि उसी घटना ने मुझे ऐसी बहुत चीजें सिखाईं जो शायद मैं कभी सीख नहीं सकता था. इसलिए जब आप सीखना चाहते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि दूसरे लोग कितने बुरे हैं.’’ भारत में रोजमर्रा के अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं पलट कर देखूं तो (प्रधानमंत्री) श्रीमान (नरेन्द्र) मोदी मुझ पर हमला करते हैं और ऐसे में मैं कहूं कि हे भगवान, वह कितने बुरे हैं, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं.
राहुल गांधी से भारत की राजनीति पर सवाल
इसे देखने का यह एक नजरिया है. दूसरा नजरिया यह भी है- बहुत बढ़िया, मैं उनसे (मोदी)कुछ सीख सकता हूं, मुझे कुछ और सिखाएं.’’ कार्यक्रम में मौजूद कई युवाओं ने राहुल गांधी से भारत की राजनीति के संदर्भ में सवाल किए गए और उनसे पूछा गया कि भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए वे किस प्रकार इसका हिस्सा बन सकते हैं. कांग्रेस नेता ने उनसे कहा कि वे उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बतौर इंटर्न जुड़ सकते हैं. इसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहें.