Pitru Paksha: पितृ पक्ष में पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को याद किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इसमें पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को याद किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वो अपने वशंजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर जाते हैं.
पितरों को प्रसन्न करने पितृ पक्ष में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने की परंपरा है. पितृपक्ष में पशु-पक्षियों की सेवा भी जरूरी मानी जाती है. मान्यता है कि इन पशु-पक्षियों के रूप में ही पितर भोजन का अंश ग्रहण करने पृथ्वी पर आते हैं.
हिन्दू धर्म मे गाय को माता का दर्जा दिया गया है. पितृ पक्ष के दौरान गाय की सेवा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इन दिनों गाय का दान करने से जन्म- जन्मांतर के पाप मिट जातें है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता होता है.
अगर आप गाय का दान नही कर सकतें हैं तो गौशाला या अन्य जगह पर जाकर गाय की सेवा करके भी पुण्य कमा सकते हैं. पितृ पक्ष के किसी भी गाय चारा या रोटी जरूर खिलाएं.
पितृ पक्ष के दौरान अगर गाय खुद आपके दरवाजे पर आती है तो इसे एक शुभ संकेत माना जाता है. ऐसे में गाय को अपने दरवाजे से भूलकर भी ना दुत्कारें. ऐसा करने से आपके परिजन आपसे नाराज हो सकते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान गाय को हरा चारा खिलाने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि पितृ पक्षगाय की सेवा करने से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.