वाशिंगटन, एएनआइ। हम अपने शरीर को जितना ज्यादा चलाएंगे और दैनिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे उतने ही अधिक स्वस्थ रहेंगे। शारीरिक गतिविधियों का सीधा संबंध मस्तिष्क की सक्रियता से भी होता है। यह बात एक नवीन अध्ययन में सामने आई है। यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्गो के मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ाने में दैनिक शारीरिक गतिविधियां अहम भूमिका निभाती हैं। यह अध्ययन जेएमआइआर एमहेल्थ एंड यूहेल्थ में प्रकाशित किया गया है।
यह जानने का किया गया प्रयास
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के जरिये शारीरिक गतिविधियों और संज्ञानात्मक प्रदर्शन में संबंध पता लगाने का प्रयास किया। अध्ययन के लिए 90 मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्गो को शामिल किया गया। उनकी दैनिक शारीरिक गतिविधियों का पता लगाने के लिए उन्हें एक्सेलेरोमीटर लगाया गया। अध्ययन में शामिल लोग अपने-अपने घरों में ही दैनिक शारीरिक गतिविधियों में लगे रहे, जबकि शोधकर्ता एक्सेलेरोमीटर के माध्यम से दूर से उनकी गतिविधियों पर निगरानी करते रहे।
यह आया सामने
यूसी सैन डिएगो स्कूल आफ मेडिसिन में मनोचिकित्सा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक रेएन मूर के मुताबिक, अध्ययन में हमने पाया कि 50 से 74 आयु के प्रतिभागियों में जिन दिनों शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि हुई, उन दिनों में मस्तिष्क की सक्रियता भी बढ़ी। वहीं, जिन दिनों में शारीरिक गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई, उन दिनों में उनके संज्ञानात्मक प्रदर्शन में भी गिरावट देखी गई। मूर के अनुसार, यह एक बहुत ही रैखिक संबंध था। हमें अनुमान था कि शारीरिक गतिविधियों का संबंध मस्तिष्क की कार्यप्रणाली से होता है, लेकिन हम आश्वस्त नहीं थे। अध्ययन के दौरान हमने लोगों से उनकी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए नहीं कहा, बल्कि उन्होंने वही किया जो वे रोज सामान्य तौर पर कर रहे थे। अभी तक हम यह जानते थे कि व्यायाम का असर मस्तिष्क पर पड़ता है, लेकिन क्या दैनिक शारीरिक गतिविधियां भी मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं इसके पुख्ता साक्ष्य नहीं थे। इस अध्ययन के जरिये यही पता लगाने का प्रयास किया गया है।