Home Blog Page 48

गो रक्षा सेवा संस्थान – गौ सेवा की अद्भुत मिसाल

0

जालौर. जालौर का गो रक्षा सेवा संस्थान कड़ाके की ठंड में गोवंश की सुरक्षा के लिए एक खास मिसाल पेश कर रहा है. यहां ठंड से बचाव के लिए गोवंश को रजाई और चादर ओढ़ाई जाती है, साथ ही उन्हें गर्म और पौष्टिक आहार भी दिया जाता है. इस संस्थान में गोवंश की देखभाल और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास निःस्वार्थ भाव से किया जाता है.

400 गोवंशों की देखभाल 
संस्थान के सदस्य दीपक सुथार ने लोकल 18 को बताया कि यहां करीब 400 गोवंश रहते हैं, और उनकी देखभाल के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. ठंड से बचाने के लिए गोशाला में अलाव जलाए जाते हैं और अजवायन का धुआं किया जाता है, जिससे गोवंश को सर्दी से राहत मिलती है. पशु चिकित्सकों द्वारा इन्हें गर्म और पौष्टिक आहार दिया जाता है, जिसमें सर्दियों में जरूरी पोषण सामग्री शामिल होती है.

निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा

संस्थान की एक विशेष एंबुलेंस सेवा भी है, जो 50 से 60 किलोमीटर के दायरे में किसी भी घायल गोवंश को तुरंत सहायता प्रदान करती है. सचिव अर्जुन सुन्देशा ने बताया कि लोग इस सेवा का लाभ उठाने के लिए केवल एक कॉल कर सकते हैं. एंबुलेंस तुरंत मौके पर पहुंचकर घायल गोवंश को संस्थान में लाती है, जहां उनका उपचार किया जाता है.

सर्दियों मे दिया जाता है खास पौष्टिक आहार
पशु चिकित्सक जितेंद्र ने लोकल 18 को बताया कि सर्दियों में गोवंश को बीमारियों से बचाने के लिए विशेष सावधानियां बरती जाती है. ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पिलाया जाता है और उन्हें गर्म वातावरण में रखा जाता है. वहीं, पौष्टिक आहार के तहत गुड़, चना, और अन्य गर्म खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं.
संस्थान के सदस्यों ने यह भी बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से निस्वार्थ भाव से गौ माता की सेवा कर रहे हैं.  इस सेवा के तहत आस-पास के चौराहों और खुले स्थानों पर पाई जाने वाली गायों को भी संस्थान लाकर उनकी देखभाल की जाती है.

कड़ाके की ठंड में ऐसे करें आवारा गोवंश की सुरक्षा 
इस गोशाला में बनाए गए डैम पूरी तरह से कवर हैं, जिससे ठंड और बारिश के प्रभाव से गोवंश को बचाया जा सके. सदस्य दीपक सुथार ने बताया कि ठंड के इस मौसम में, अगर हर कोई अपने आसपास की गोवंश की देखभाल करे, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. रजाई-चादर ओढ़ाने, गुनगुना पानी पिलाने और पौष्टिक आहार देने जैसे छोटे प्रयासों से इन बेजुबानों को सर्दियों में राहत मिल सकती है.

भारत का पहला CPR ऐप “रिवाइव CPR ऐप” लॉन्च

0

 

अचानक हृदयाघात के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को बदलने के लिए अभूतपूर्व आंदोलन

भारत का पहला CPR ऐप “रिवाइव CPR ऐप” लॉन्च किया गया, जो वास्तविक समय में आस-पास के AED स्थानों की जानकारी देता है।

मुंबई। भारत में हर साल 15 लाख से ज़्यादा लोग अचानक हृदयाघात के कारण अपनी जान गंवा देते हैं और हाल के दिनों में कई लोगों ने SCA के दौरान अचानक हृदयाघात (SCA) के कारण अपनी जान गंवाई है। CPR के ज़रिए समय पर हस्तक्षेप जीवन और मृत्यु के बीच अंतर ला सकता है।

भारत के पहले CPR-केंद्रित मोबाइल एप्लिकेशन, “रिवाइव CPR ऐप” के लॉन्च के साथ आज आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया। यह कार्यक्रम जियो कन्वेंशन सेंटर, बांद्रा (पूर्व), मुंबई में हुआ।

“रिवाइव CPR ऐप” क्यों मायने रखता है?
ऐसी दुनिया में जहाँ 145 करोड़ भारतीयों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण एक कठिन काम है, “रिवाइव CPR ऐप” आपके हाथ की हथेली पर जीवन-रक्षक कौशल लाता है। यह सभी के लिए डिज़ाइन किया गया है – सुलभ, सहज और गुड सेमेरिटन कानून के साथ संरेखित, जो किसी की जान बचाने के लिए कदम उठाने पर आपकी रक्षा करता है
रिवाइव सीपीआर ऐप: मुख्य विशेषताएं
“रिवाइव सीपीआर ऐप” सीपीआर करने और एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) का उपयोग करने के लिए चरण-दर-चरण ऑडियो-विज़ुअल मार्गदर्शन प्रदान करता है।

1. यह ऐप प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञों से विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि कैसे समय पर सीपीआर जीवन बचा सकता है। यह हृदयाघात और हृदयाघात के बीच अंतर करने में भी मदद करता है, साथ ही हृदयाघात के मामलों में समय पर हस्तक्षेप के लिए सटीक पहचान के लिए सरल ऑडियो/विजुअल संकेतों के साथ।
2. चरण-दर-चरण सीपीआर मार्गदर्शन: आपात स्थिति के दौरान तेजी से कार्य करने के लिए व्यावहारिक निर्देश।
3. आपातकालीन सहायता: 108 एम्बुलेंस सेवाओं के लिए एक-टच कॉलिंग।
4. नजदीकी एईडी लोकेटर: स्वचालित एईडी पहचान और उपयोग मार्गदर्शन के साथ भारत का पहला ऐप।
5. स्वयंसेवी नेटवर्क: पूरी गोपनीयता के साथ जीवन बचाने के लिए समर्पित सीपीआर-प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल हों। रिवाइव सीपीआर ऐप को भारत के अग्रणी हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में रिवाइव हार्ट फाउंडेशन के संस्थापक टीम के सदस्यों डॉ. यश लोखंडवाला, डॉ. ब्रायन पिंटो, डॉ. आदित्य कपूर, डॉ. मंजू सिन्हा और डॉ. किंजल गोयल के तत्वावधान में विस्टास मीडिया द्वारा विकसित किया गया है। इस आंदोलन को हृदय रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने और जीवन बचाने के लिए उनकी जन जागरूकता पहल के हिस्से के रूप में इप्का लैबोरेटरीज लिमिटेड द्वारा समर्थित किया गया है। ब्रांड एंबेसडर / सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट

सेलिब्रिटी फिल्म अभिनेत्री काजोल रिवाइव सीपीआर मूवमेंट 2024 की ब्रांड एंबेसडर हैं और इस आंदोलन को विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों अजय देवगन, शिल्पा शेट्टी, विवेक ओबेरॉय (फिल्मी हस्तियां), इरफान पठान (क्रिकेटर) का समर्थन मिला है।

इस जीवन-परिवर्तनकारी नवाचार का अन्वेषण करें और सुपरहीरो का राष्ट्र बनाने के लिए आंदोलन में शामिल हों- साधारण व्यक्ति असाधारण अंतर पैदा करते हैं।

प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से “रिवाइव सीपीआर ऐप” डाउनलोड करें।
साथ मिलकर, हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहाँ रोके जा सकने वाले कारणों से कोई जान न जाए।

मुंबई श्री आचार्य ब्राह्मण समाज का स्नेह सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न

0

 

समाज द्वारा तीसरी बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनने वाले देवेन्द्र फडणवीस को “ब्राह्मण-शिरोमणि” से सम्मानित किया जाएगा

मुंबई। मालाड स्थित नाडियाडवाला हॉल में रविवार 22 दिसंबर को मुंबई के आचार्य ब्राह्मण समाज के स्वजातीय बंधुओं का स्नेह सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुआ।
समारोह की शुरुआत श्री गणेश व परशुरामजी के पूजन के साथ साथ दीप प्रज्वलन समाजसेवी नागौर वाले सुरेश आचार्य एवं मुंबई श्री आचार्य ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष प्रवीण आचार्य, महासचिव धीरज नागौरी और उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा और कोषाध्यक्ष सुरेश आचार्य के करकमलों द्वारा हुआ। जिसमें समाज के वरिष्ठजन पुरुषों और महिलाओं का विशेष सम्मान किया गया। साथ ही प्रतिभावान विद्यार्थियों का भी सम्मान किया गया। समारोह में समाज के बच्चों ने नृत्य प्रस्तुति देकर मौजूद लोगों का दिल जीत लिया।
समाज में भविष्य के कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के संयोजक और सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुनील शर्मा ने किया। सुनील शर्मा ने बताया कि भविष्य में हमारा समाज महाराष्ट्र में तीसरी बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनने वाले देवेन्द्र फडणवीस को “ब्राह्मण-शिरोमणि” से सम्मानित करेगा।
समाज के इस स्नेह मिलन समारोह में मुंबई कार्यकारिणी कमेटी के सदस्य देवीलाल आचार्य, गौतम आचार्य, रविन्द्र आचार्य, आनन्द आचार्य अविनाश आचार्य, जीतु आचार्य, मनोज आचार्य एवं संध्या-संजीवनी शर्मा ने सराहनीय कार्य किया।
इस सफल कार्यक्रम के आयोजन में नरेंद्र आचार्य, उमेश आचार्य, विशाल आचार्य, भावेश आचार्य, अर्जुन आचार्य, रवि आचार्य, पिंटू आचार्य, हेमंत आचार्य, मिलन आचार्य, कसराज आचार्य और राजेश आचार्य और अन्य ने अथक परिश्रम किया।

क्षितिज सिंह बनेंगे बॉलीवुड के नए एक्शन स्टार 

0

 

एक्टर मॉडल क्षितिज सिंह दिल्ली के प्रतिभाशाली कलाकारों के बीच से आए नए शख्स हैं। उन्हें उद्यमिता से लगाव है और वे पेशे से आर्किटेक्ट हैं। लंबे कद और अच्छी मांसपेशियों वाले क्षितिज सिंह के पास कई प्रोजेक्ट हैं। उन्होंने दिल्ली में म्यूजिक थिएटर भी किया है। उनका लक्ष्य सभी बड़े निर्माताओं और निर्देशकों के साथ काम करना है, लेकिन वे एक एक्शन हीरो के तौर पर पहचान बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने शरीर पर विशेष ध्यान देते हुए आकर्षक लुक दिया है।
क्षितिज सिंह कड़ी मेहनत, समर्पण और अपने काम के प्रति ईमानदारी में विश्वास करते हैं। वे नियमित रूप से जिम जाते हैं और उनका शरीर काफी सुडौल है! क्षितिज का खान-पान भी अच्छा है। एक्शन के साथ वे सभी तरह की फिल्मों में काम करना चाहते हैं और वे एक बड़े स्टार बनने की राह पर हैं!

उदार ,उदात्त अध्ययनशील ,स्वप्नदृष्टा,कविहृदय राजनेता थे अटलजी* 

0
(राकेश अचल-विभूति फीचर्स)
अटल जी के बारे में लिखते हुए न जाने क्यों ऐसा लगता है कि मैं अपने परिवार के किसी बुजुर्ग के बारे में लिख रहा हूँ ।  अटल जी को मैंने तब से देखा और जाना है जबसे मैं ग्वालियर आया। बात 1972  की है,जब मैंने पहली बार अटल जी को देखा और सुना था। बाद के दिनों में वे देश के विदेशमंत्री भी बने और प्रधानमंत्री भी ,लेकिन वे हमेशा ही हमारे अपने अटल जी बने रहे।  अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक  संघ से दीक्षित कार्यकर्ता थे। अटल जी यदि जीवित होते तो आज हम सब उनका शताब्दी समारोह मना रहे होते ।
      अटल जी ने 1957  में पहली बार लोकसभा में कदम रखा था ।  उन्होंने देश के लगभग सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया लेकिन वे हमेशा लोकसभा में नायक बने रहे। संसद हो,सड़क हो,राजनीतिक मंच हो या कवि सम्मेलन अटल जी को सुनना एक अनूठा अनुभव होता था। उनके भाषणों में पांडित्य साफ़ झलकता था। उनकी भाव मुद्राएं अनुपम थीं। उनके व्यंग्य में हास्य भी ऐसा होता था कि  विरोधी भी खिलखिलाकर हंस देते थे।
ग्वालियरवासी होने के नाते मुझे पत्रकार और एक साहित्यसेवी के रूप में उनके निकट रहने और उनसे संवाद करने के अनेकानेक अवसर मिले,इसलिए मैं अधिकारपूर्वक   कह सकता हूँ  कि उनके जैसा अध्येता ,प्रवाचक और दूर दृष्टा नेता भाजपा में कोई दूसरा है ही नहीं। अटल जी केवल और केवल नायक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। वे कभी भी एक विपक्ष के  नेता के रूप में ,एक प्रधानमंत्री  के रूप में स्थापित लक्ष्मण रेखाओं के पार नहीं गए। वे जब तक जीवित रहे ,सक्रिय रहे (अंतिम कुछ दिनों को छोड़कर)। मुझे अटल जी जितने एक राजनेता के रूप में प्रिय थे उससे ज्यादा एक कवि के रूप में प्रिय थे। चूंकि मै राजनीति में नहीं रहा इसलिए उनके साथ काम करने का अधिक अवसर मुझे नहीं मिला लेकिन एक कवि के रूप में मुझे अटल जी को सुनने और अपनी कविताएं सुनाने के अवसर अनेक मिले। अटल जी की पढंत सबसे अलग थी। उनकी पढ़न्त की छाप उनके धुर विरोधी विचारधारा के ग्वालियर के मूर्धन्य कवि स्वर्गीय मुकुट बिहारी सरोज से लेकर जयंती अग्रवाल तक थी।  लोग अटल जी को केवल राजनीति में ही नहीं बल्कि एक साहित्यकार के रूप में भी फॉलो करते थे।
अटल जी ने हमेशा जोड़ने की बात की।  वे हमेशा सबको साथ लेकर चलते  रहे । अटल जी ने पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने की हर सम्भव कोशिश की । उन्हें इस कोशिश में भारत के पुश्तैनी शत्रु पकिस्तान से धोखा भी मिला जिसकी परिणति कारगिल युद्ध के रूप में हुई। अटलजी अपने राजनीतिक जीवन में अनेक बार टूटे लेकिन बिखरे कभी नही। वे तब टूटे जब उनकी पहली सरकार 13  दिन में गिरी । वे तब भी टूटे जब उन्हें 13  महीने में गद्दी छोड़ना पड़ी लेकिन  वे सबसे ज्यादा तब टूटे जब उन्हें अपने ही शहर ग्वालियर में लोकसभा चुनाव में 1984  में पराजय का सामना करना पड़ा।
ग्वालियर वासी होने के नाते मुझे हमेशा ये शिकायत रही कि उन्होंने जितना अपनी कर्मभूमि लखनऊ के लिए किया उतना अपनी जन्मभूमि ग्वालियर के लिए नहीं किया।  ग्वालियर से मिली हार को वे आजीवन पचा नहीं पाए।  एक प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री अटल जी ही थे।  श्रीमती  इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता भी बेमिसाल थी ,लेकिन अटल जी जैसी नहीं थी। अटल जी ने एक प्रधानमंत्री के रूप में देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने श्रीमती इंदिरा गाँधी के अधूरे काम को आगे बढ़ाया।
अटल जी को विरोधियों द्वारा आरएसएस का मुखौटा कहा जाता था ,क्योंकि वे संघ के स्वयं सेवक होते हुए भी उदारता की झीनी चादर ओढ़कर सियासत में सक्रिय रहे।  अटल जी के भीतर झांकें तो वहां आपको एक समावेशी व्यक्तित्व मिल  जाएगा जो गंगा-जमुनी संस्कृति का अर्थ और महत्व जानते थे।  वे अक्सर कहते थे कि भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो। वे कहते थे कि “क्रान्तिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया, देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं, आजादी के बाद अहिंसा के अतिरेक के कारण यह सब हुआ।”अपनी रचनाधर्मिता को लेकर उनका हमेशा कहना रहा कि “मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।
मैं अटल जी को एक हीरो के रूप में देखता हूँ जबकि उनकी और उनकी पार्टी की विचारधारा से मेरा विरोध सनातन रहा। उन्हें ग्वालियर के मेले में बिना सघन सुरक्षा के घूमते हुए, मूंगफलियां खाते हुए ,विनोद करते हुए याद करते हुए मेरा मन आज भी पुलकित होता है।मुझे उनकी हथेलियों की कोमलता और स्निग्ध मुस्कान आज भी याद है। वे अपनी शादी के बारे में पूछे जाने पर कैसे शर्माते थे मैं भूला नहीं हूँ ।  आप अटल सरकार की उपलब्धियों के बारे में गूगल सर्च कर सकते हैं लेकिन उनके मानवीय गुणों के बारे में जो मैं लिख रहा हूं वो आपको शायद ही कहीं और पढ़ने को मिले। अटल जी की जन्मशती के मौके पर मैं उन्हें  विनम्रता पूर्वक याद करते हुए कामना करता हूँ कि  देश को अटल जी जैसे एक नहीं हजारों नेता और मिले।(विभूति फीचर्स)

गौ और विश्व संस्कृति -सम्पूर्ण मानव जाति की जड़ एक है

0

अश्विनी गुरुजी द्वारा लिखित

सम्पूर्ण मानव जाति की जड़ एक है, हम सभी एक ही शक्ति से उत्पन्न हुए हैं और उसी शक्ति में विलीन हो जाएँगे| अनंत काल से हमारे देव और देवियाँ भी एक ही रहे हैं, जिन शक्तियों की हम आराधना करते हैं वे भी एक से ही हैं, जैसे गौ, सर्प, इत्यादि |

गौ और उसके बछड़े में कुछ विशेष है, जिस कारण उन्हें सभी प्राचीन संस्कृतियों में पूजनीय माना गया है | वर्तमान काल में गौ पूजा को केवल भारतवर्ष से जोड़ा जाता है, किंतु इतिहास पर दृष्टि दौड़ाने से इस गोजातीय देवी की सर्वत्रता प्रत्यक्ष होती है|

मेसोपोटामियन नंदी को असाधारण बल तथा जनन-क्षमता के प्रतीक के रूप में पूजते थे | बेबीलोनियन देवताओं के चिह्न भी नंदी ही थे | प्राचीन काल के बेबीलोनियन, अस्सीरियन और पर्शियन उनके महलों के रक्षकों के रूप में महाकाय नंदी की प्रतिमा रखते थे जिस पर देवताओं की जागृति हेतु कई दैवी शिलालेख होते थे | इजिप्तवासी हेथॉर नामक गौ और एपिस नामक नंदी को पूजते थे | प्राचीन चीन और जापान में भी गौवंश को बहुत सम्मान दिया जाता था और इसीलिए उनका माँस खाना निषिद्ध था |

सिंधु घाटी की पुरातन द्रव्य मुद्राओं पर नंदी एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण चिह्न था, नंदी भगवान् शिव के प्रिय हैं | ऋग्वेद में भी गौ को अदिति और अघन्य कहकर संबोधित किया गया है – अर्थात जिसकी हत्या करना या काटना अनुचित है|

जहाँ एक ओर गौमाता के दूध को अमृत कहा गया है, जो उत्तम आरोग्य प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर उसके माँस की तुलना विष से की गयी है, जिससे शरीर में रोग उत्पन्न होते हैं |

गौवंश की रक्षा करना समृद्धि का प्रतीक है| महाभारत में विराटनगर, जहाँ पांडवों ने उनके निर्वासन का आख़री वर्ष अज्ञातवास में गुजारा, में हुए युद्ध की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी है | कौरवों ने विराटनगर के सभी गौवंश का अपहरण कर लिया था | तब पाण्डवों ने अपने १३ वर्षीय अज्ञातवास को दाव पर लगाकर गौ रक्षा हेतु शस्त्र उठाना उचित जाना। गौ का माहात्म्य कुछ ऐसा ही है |

आधुनिक काल में भी जो इस अनोखे जीव की रक्षा हेतु कार्य करते हैं, वे कभी भी निराश नहीं होते | ध्यान फाउंडेशन के एक स्वयंसेवक जो जर्नलिस्ट हैं और गौसेवा में भी सक्रिय हैं, उन्होंने अपनी पहली नौकरी में एक पाँच पैरोंवाली गौ पर लेख लिखा | मात्र ३ महीने में उस लेख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहाना मिली |

गौ में कुछ रहस्यजनक बात तो है…जिसका अनुभव मैंने अपनी वर्षों की साधना में असंख्य बार किया है | जो गौ पालन करते हैं, वे बड़ी ही तेज़ी से प्रगति करते हैं | दुनिया की विभिन्न संस्कृतियां गौ संरक्षण और सेवा से होने वाले लाभ का उल्लेख करती हैं | इसी विश्व संस्कृति को सुरक्षित करते हुए ध्यान फाउंडेशन देश भर में ४५ गौशालाओं के माध्यम से ७०००० बचाए हुए गौवंश का संरक्षण कर रही है । आप भी इन गौशालाओं पर इस विचित्र शक्ति की सेवा के लाभ अनुभव कर सकते हैं ।

अश्विनी गुरुजी ध्यान आश्रम के मार्गदर्शक हैं | अधिक जानकारी के लिए www.dhyanfoundation.com पर संपर्क करें |

समस्त महाजन जल्द ही 2 एम्बुलेंस के साथ 24 घंटे पशु बचाव सेवा शुरू करने जा रहा है – राष्ट्रीय राजधानी में अपनी तरह की पहली पहल

0

“यदि सभी पशु प्रेमी और गौशाला प्रतिनिधि एकजुट हो जाएं, तो हम इस एकता को सुरक्षा के लिए एक शक्तिशाली बल में बदल सकते हैं।”- डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह

पशु कल्याण में अग्रणी संगठन, समस्त महाजन ने नई दिल्ली में 24 घंटे पशु बचाव सेवा शुरू करने की घोषणा की है, जो राष्ट्रीय राजधानी में अपनी तरह की पहली पहल है। यह सेवा दो एम्बुलेंस के साथ शुरू होगी, जिनमें से प्रत्येक में एक पशु चिकित्सक और एक ड्राइवर होगा, ताकि संकट में फंसे जानवरों को तत्काल बचाव और उपचार प्रदान किया जा सके।

यह महत्वपूर्ण घोषणा नई दिल्ली में आयोजित “राष्ट्रीय चिंतन गोष्ठी” नामक एक सेमिनार के दौरान की गई। सेमिनार में महानगरीय क्षेत्रों में पशु क्रूरता पर बढ़ती चिंता और एक मजबूत पशु बचाव प्रणाली की आवश्यकता पर चर्चा की गई।

डॉ. शाह के संबोधन की मुख्य बातें
पशु कल्याण अभियान की अगुवाई करने वाले पशु प्रेमी और जाने-माने विशेषज्ञ , भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य, डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह ने पशु कल्याण में मौजूदा कार्य प्रणाली को बदलने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पशु प्रेमियों, कार्यकर्ताओं और कल्याण संगठनों के बीच एक मजबूत, सहयोगी नेटवर्क स्थापित करने के लिए एकजुटता का आह्वान किया।

महाराष्ट्र की सफलता का उदाहरण देते हुए डॉ. शाह ने बताया कि कैसे समस्त महाजन 28 महीनों से मुंबई में 11 एम्बुलेंस चला रहा है। आधुनिक सुविधाओं से लैस और पशु चिकित्सकों से लैस इन एम्बुलेंस ने 110 किलोमीटर के दायरे में 74,000 से अधिक जानवरों का इलाज किया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एम्बुलेंस को सुसज्जित करने में ₹25 लाख और संचालन में प्रति वर्ष ₹30 लाख खर्च होते हैं।

डॉ. शाह ने घोषणा की कि अब नई दिल्ली को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा। समस्त महाजन द्वारा दान की गई दो एम्बुलेंस के साथ-साथ दो दानदाताओं ने दवाओं और अन्य परिचालन आवश्यकताओं के लिए समर्थन देने का संकल्प लिया। डॉ. शाह ने जनता का विश्वास जीतने और संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी प्रणाली के महत्व पर जोर दिया।

अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय की स्थापना और मिशन का विस्तार
डॉ. शाह ने नई दिल्ली में समस्त महाजन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में मुंबई के बचाव अभियानों की सफलता को दोहराना है, जिससे “पशु क्रूरता मुक्त भारत” का निर्माण होगा।

सेमिनार की मुख्य बातें
सेमिनार की शुरुआत प्रख्यात जैन साध्वी डॉ. कुंदन रेखा श्रीजी की अगुवाई में प्रार्थना से हुई जिन्होंने जीव दया (सभी प्राणियों के लिए करुणा) और करुणा (दया) के प्रति समस्त महाजन के समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने दर्शकों से पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने और सभी प्राणियों के लिए शांतिपूर्ण अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए सह-अस्तित्व और सद्भाव को अपनाने का आग्रह किया। सेमिनार के दौरान नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए।

कार्यकारी दल का गठन
सेमिनार के समापन पर, डॉ. शाह ने नई दिल्ली में मवेशियों की देखभाल और प्रबंधन के लिए एक समर्पित कार्य दल के गठन की घोषणा की। समस्त महाजन के ट्रस्टी और मुंबई मैं संचालित एनिमल एम्बुलेंस प्रोग्राम के समन्वयक, श्री परेश भाई शाह को नई दिल्ली के कार्यक्रम के लिए भी समन्वयक नियुक्त किया गया।

विशेष गणमान्य प्रतिभागी
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य प्रतिभागी जैसे शांतिलाल जैन, दिनेश दोशी, ललित नाहटा, विनय जैन, किशोर कोचर, शुभकांत जैन, सोहन गिरि, रघुराम नाथ, दिलीपभाई साखिया और अभय जैन सहित कई परोपकारी और सामाजिक नेता शामिल हुए। इस ऐतिहासिक सेमिनार में 105 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।

समस्त महाजन सहयोगी दल भी शामिल हुआ
केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय की पशु कल्याण सलाहकार समिति के सदस्य श्री मित्तल खेतानी ने कार्यक्रम का संचालन किया। समस्त महाजन के मीडिया और शिक्षा सलाहकार डॉ. आर.बी. चौधरी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। यह सेमिनार नई दिल्ली के पंडित दीनदयाल मार्ग स्थित अणुव्रत भवन के सभागार में आयोजित किया गया।

मीडिया पूछताछ तथा अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- समस्त महाजन: 98193 01298/9824221999/9789859008

गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के सिक्योरिटी सॉल्यूशंस बिजनेस ने आईएफएसईसी इंडिया 2024 में प्रदर्शित किए सिक्योरिटी संबंधी इनोवेटिव प्रॉडक्ट्स

0

  • दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सुरक्षा एक्सपो में किया उन्नत घरेलू और परिसर सुरक्षा समाधानों को शोकेस

नई दिल्ली, 18 दिसंबर, 2024- गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप की इकाई गोदरेज एंड बॉयस के सिक्योरिटी सॉल्यूशंस बिजनेस ने 12 से 14 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सुरक्षा एक्सपो आईएफएसईसी इंडिया 2024 में अपनी नवीनतम पेशकशों को प्रस्तुत किया। इस तरह कंपनी ने सिक्योरिटी संबंधी इनोवेशन की दुनिया में एक बार फिर बेंचमार्क कायम किया है। कंपनी ने अत्याधुनिक घरेलू और संस्थागत सुरक्षा समाधानों का एक मजबूत पोर्टफोलियो प्रदर्शित किया, जो उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा बढ़ाने और सुरक्षा अनुभव को फिर से परिभाषित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए, गोदरेज एंड बॉयस में सिक्योरिटी सॉल्यूशंस के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हैड श्री पुष्कर गोखले ने कहा, ‘‘बेहतर और उन्नत सुरक्षा समाधानों की बढ़ती मांग के साथ, ‘आईएफएसईसी इंडिया’ हमारे लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने, अपने नवीनतम इनोवेशंस को प्रदर्शित करने और उद्योग के अग्रणी लोगों, भागीदारों और ग्राहकों से जुड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। गोदरेज में, हम आधुनिक उपभोक्ताओं की उभरती सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने वाले ऐसे प्रॉडक्ट बनाने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं, जिनके जरिये ग्राहकों को मन की शांति और आत्मविश्वास हासिल हो सके। ऐसे सभी प्रॉडक्ट्स के निर्माण के दौरान हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को केंद्र में रखते हैं। उपयोगकर्ता-केंद्रित उत्पादों के माध्यम से ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक सदी से अधिक के भरोसे के साथ, सुरक्षा समाधान व्यवसाय ने भारत और दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। निगरानी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और इस साल के अंत तक 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने के लिए तैयार है और हम गोदरेज में इस बढ़ते सर्विलांस मार्केट में अपनी भागीदारी बढ़ाना चाहते हैं।’’

हमारी अभिनव पेशकश घर, कार्यालय और संस्थागत जरूरतों सहित विविध क्षेत्रों की सेवा करती है, जो ऐसे समाधान सुनिश्चित करती है जो उन्नत तकनीक को एआई और आईओटी जैसी तकनीकों के साथ सहज कार्यक्षमता के साथ जोड़ते हैं। आईएफएसईसी इंडिया 2024 में इस साल का लाइनअप सीमाओं को आगे बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने और अपने ग्राहकों के लिए सार्थक मूल्य बनाने के हमारे विजन को दर्शाता है। हम इस गतिशील क्षेत्र में 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देख रहे हैं।

घर की सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जाते हुए, कंपनी ने होम कैमरों की एस प्रो रेंज पेश की, जिसे आधुनिक घरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये अत्याधुनिक कैमरे 5 एमपी एचडी रिज़ॉल्यूशन के साथ उन्नत कार्यक्षमता प्रदान करते हैं। इस तरह, स्मार्ट होम इकोसिस्टम के साथ इन्हें आसानी से इंटीग्रेट किया जा सकता है। साथ ही, अपनी आकर्षक डिज़ाइन के कारण इन्हें एक बेहतर उपहार के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिक होम सर्विलांस सिस्टम (ईएचएसएस) लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, एस प्रो रेंज तकनीक-प्रेमी घर के मालिकों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अपने अभिनव होम सिक्योरिटी ऑफरिंग में इजाफा करते हुए, गोदरेज ने डुअल और ट्रिपल लॉकिंग मैकेनिज्म लॉकर भी लॉन्च किया है। सभी आयु समूहों के उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए, ये लॉकर विशेष रूप से शादी के मौसम के दौरान मांग में हैं, जो कीमती सामानों के लिए सुरक्षित और स्टाइलिश स्टोरेज सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, गोदरेज ने 10 इंच चौड़ी स्क्रीन के साथ वीडीपी सीथ्रू प्रो नोवा पेश किया है, जहाँ घर के मालिक अपने मेहमानों की आसानी से देखभाल कर सकते हैं, और उन्हें 10 इंच की स्क्रीन पर एचडी रिज़ॉल्यूशन में देख सकते हैं।

गोदरेज एंड बॉयस के सुरक्षा समाधान व्यवसाय ने कार्यस्थलों को सुरक्षित करने और पहुंच नियंत्रण को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किए गए उत्पादों की एक श्रृंखला के साथ संस्थागत सुरक्षा में अपनी प्रगति पर भी जोर दिया। लाइनअप में शामिल हैं- मजबूत पैरामीटर सिक्योरिटी के लिए पोल डिटेक्टर, महत्वपूर्ण कुंजियों की सुरक्षा और उन्हें व्यवस्थित करने के लिए की मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस), कुशल मूवमेंट मैनेजमेंट के लिए स्विंग लेन बैरियर, फ्लैप बैरियर और ट्राइपॉड टर्नस्टाइल, और फोन, लैपटॉप, बंदूकें और अन्य वस्तुओं का पता लगाने के लिए पूरे शरीर को स्कैन करने के लिए जी स्कैन पोल। एक मजबूत विरासत और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, गोदरेज का सुरक्षा समाधान व्यवसाय उद्योग में मानक स्थापित करना जारी रखता है।

प्रदेशभर में 70 नए गौ सदन बनाने जा रही धामी सरकार

0

चमोली: उत्तराखंड की धामी सरकार प्रदेशभर में 70 नए गौ सदन बनाने जा रही है. पोखरी में एक गौ सदन बनकर तैयार हो गया है. इस बात की जानकारी पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दी. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया चमोली जिले को 17 नए चिकित्सक और एंबुलेंस दी गई हैं, ताकि यहां पर पशुपालन का काम अच्छे से चले. उन्होंने कहा शीघ्र ही पोखरी में पशु चिकित्सालय भवन की मरम्मत कराने के साथ ही आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बुधवार को पोखरी में आयोजित हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया. उन्होंने कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. कैबिनेट मंत्री ने कहा मेले हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के जीवंत प्रतीक हैं. हम सबको उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर भव्य रूप से आगे बढ़ाना है.

कैबिनेट मंत्री ने कहा नशा आज उत्तराखंड की सबसे गंभीर समस्या बन गई है. हमारा युवा नशे का शिकार हो रहा है. उन्होंने कहा उत्तराखंड एक देवभूमि है, साथ ही यह वीरभूमि भी है. कैबिनेट मंत्री ने कहा नशा आज उत्तराखंड की सबसे गंभीर समस्या बन गई है. हमारा युवा नशे का शिकार हो रहा है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड से नशे को खत्म करने का प्रण लिया है. उन्होंने कहा कि इसमें उत्तराखंड के जन जन का सहयोग आवश्यक है.

जूते के डिब्बों के बीच मारुति वैन में छिपाकर लाया गया था गौ मांस पुलिस ने पांच आरोपियों को पकड़ा

0

Damoh: कोतवाली पुलिस ने शनिवार रात गश्त के दौरान गौ मांस पकड़ा है। पुलिस ने 5 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी शातिराना अंदाज में जूते के डिब्बों के बीच मारुति वैन में यह गौ मांस छिपाकर लाए थे।

कोतवाली पुलिस ने शनिवार रात गश्त के दौरान गौ मांस पकड़ा है। पुलिस ने 5 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी शातिराना अंदाज में जूते के डिब्बों के बीच मारुति वैन में यह गौ मांस छिपाकर लाए थे। जिसे पुलिस ने जब्त कर आरोपियों के कार्ड डिटेल के आधार पर उनकी जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।

कोतवाली टीआई आनंद राज के द्वारा बताया गया कि शनिवार की रात गश्त के दौरान कोतवाली थाना क्षेत्र के गाड़ी खाना के समीप एक मारुति वैन के अंदर पांच लोग संदिग्ध हालत में बैठे दिखाई दिए। जब मारुति वैन क्रमांक एमपी 20 एचए 4666 की चेकिंग की गई तो उसके अंदर 6 किलो गौ मांस जब्त किया गया। आरोपियों के द्वारा यह गौ मांस जबलपुर से लाना बताया गया। इसके बाद पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर गौवंश अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

इस मामले में दो आरोपी नाबालिग हैं। टीआई ने बताया कि आरोपियों की कॉल डिटेल के आधार पर जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही की यह गौ मांस दमोह में कहा सप्लाई होना था और वाकई इसे जबलपुर से लाया गया था। बहरहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

बता दें दमोह में बड़ी मात्रा में गो वध किया जा रहा था। जिसको लेकर हिंदूवादी संगठनों के लोगों के द्वारा पुलिस के खिलाफ आंदोलन किया गया। पुलिस के द्वारा लगातार कसाई मंडी में कार्रवाई की गई, जिसके चलते गौ वध पर काफी रोक लग गई है, लेकिन इस प्रकार से मारुति वैन के अंदर गौ मांस मिलना भी संदेह पैदा कर रहा है।