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गाय हत्या मामला: SIT ने 500 लोगों से की पूछताछ

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मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के तहत पड़ने वाली भौर पंचायत के हलेले गांव में गोशाला में बंधी गाय की हत्या के मामले में धनोटू थाना की टीम ने 500 लोगों से पूछताछ की है. इसके अलावा तीन संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल भी जांच के लिए आरएफएसएल मंडी जांच के लिए भेजे हैं.

फिलहाल पुलिस को अब डीएनए सैंपल का इंतजार है. आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया “मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. क्षेत्र में लगे करीब 10 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को पुलिस की टीम खंगाल रही है. घटनास्थल के आस-पास एक्टिवेट मोबाइल और फोन डंप डाटा को भी उठाया गया है. मामले में पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है.”बता दें कि बीते 4 फरवरी को गांव हलेल में शिकायतकर्ता राम कृष्ण पुत्र चीमडू राम की गोशाला में बंधी गाय की निर्मम हत्या का मामला सामने आया था. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस थाना धनोटू में भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत मामला दर्ज किया था.घटना के दिन फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर साक्ष्य जुटाए हैं और सैंपल जांच के लिए आगे भेजे हैं. इस रिपोर्ट का पुलिस को इंतजार है. गोवंश की हत्या को लेकर जिला में हिंदू संगठन उग्र हो गए हैं और जल्द आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के साथ फांसी की सजा देने की मांग उठा रहे हैं. बता दें कि घटना के 9 दिन बाद भी अभी तक पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है.

गौ तस्करों से मुठभेड़ में बजरंग दल के कार्यकर्ता को लगी गोली

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Rajasthan News: राजस्थान के धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना इलाके में बुधवार रात बजरंग दल कार्यकर्ताओं की गौ तस्करों में मुठभेड़ हो गई. इस दौरान अचानक गौ तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें बजरंग दल का एक कार्यकर्ता घायल हो गया. साथी लोगों ने तुरंत उसे नजदीकी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया और फिर पुलिस की घटना की सूचना दी. जानकारी मिलते ही पुलिस ने नाकाबंदी कर दी और जल्द ही तीनों गौ तस्करों को हिरासत में ले लिया. साथ ही उनके कब्जे से 26 गोवंश को मुक्त करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

यूपी में होनी थी तस्करी

बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि बाड़ी इलाके में सनोरा गांव के नजदीक से गौ तस्कर आवारा गोवंश को कंटेनर गाड़ी में भरकर उत्तर प्रदेश तस्करी करने ले जा रहे हैं. इस सूचना के आधार पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं की टीम मौके पर पहुंच गई. बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मौके तस्कर तुरंत अपनी कंटेनर गाड़ी और फोर व्हीलर लेकर मौके से फरार हो गए. कार्यकर्ताओं ने उनका पीछा किया, तो तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बुलाया.

कार्यकर्ता के पैर में लगी गोली

कंचनपुर थाने के एएसआई फतेह सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में नाकाबंदी करवा दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मिलकर एक्सपोर्ट कर रही एक फोर व्हीलर गाड़ी के साथ गोवंश से भरे हुए कंटेनर ट्रक को पकड़ लिया. एएसआई फतेह सिंह ने बताया कि मुठभेड़ में बजरंग दल कार्यकर्ता लकी पुत्र लोकेंद्र के पैर में गोली लगी है, जिसे पुलिस ने जिला अस्पताल भर्ती करा दिया है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले में उचित कानूनी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा.

भारत की इस गाय ने तोड़ा विश्व रिकॉर्ड, 40 करोड़ रुपये में बिकी

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गाय को 40 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदा गया है। अभी तक किसी भी गाय की सबसे ऊंची कीमत है। इसके बाद इस गाय का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। वियाटिना-19 नेल्लोर नस्ल की गाय है।

भारतीय संस्कृति में गाय को पवित्र माना जाता है। भारत में गाय का माता का दर्जा दिया गया है। गाय के दूध को अमृत बताया गया है। इसके साथ ही गाय के गोबर और मूत्र को भी पवित्र माना गया है। ब्राजील के मिनास गेरैस में इन दिनों जानवरों का मेला लगा है। यहां पर भारतीय नस्ल की एक गाय ने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं, जिसका नाम वियाटिना-19 है।

गाय को 40 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदा गया है। अभी तक किसी भी गाय की सबसे ऊंची कीमत है। इसके बाद इस गाय का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। वियाटिना-19 नेल्लोर नस्ल की गाय है। भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस नस्ल की गाय मिलती है। वियाटिना सफेद रंग की होती है, जो देखने नें बेहद खूबसूरत होती है।  40 करोड़ में बिकने वाली यह गाय की 4 साल 5 महीने की है। इसने हाल ही में ‘मिस साउथ अमेरिका’ का टाइटल भी जीता था। इसके बाद से ही यह गाय चर्चा में बनी हुई है। दुनिया के कई देशों में इसके बछड़े भेजे गए, जिससे उन जगहों पर अच्छी नस्ल की गायें तैयार की जा सकें। इस गाय का वजन करीब 1100 किलो है, जो इस नस्ल की अन्य गायों का दोगुना है।

छावा जैसी फिल्में धड़कते दिल की दहाड़ होती हैं-ए.आर. रहमान

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ए.आर. रहमान ने विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना के साथ छावा की म्यूजिकल मास्टरपीस का अनावरण किया
मुंबई (अनिल बेदाग) : एक भव्य और अपनी तरह के अनूठे संगीत समारोह में अकादमी पुरस्कार विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान ने बहुप्रतीक्षित छावा एल्बम का अनावरण करते हुए केंद्र में जगह बनाई, जिसमें संगीतमय तमाशा पेश किया गया, जो शक्ति, भावना और ऐतिहासिक भव्यता से भरा हुआ था। एल्बम लॉन्च में फिल्म के बेहतरीन कलाकारों ने भाग लिया, जिसमें विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना, निर्देशक लक्ष्मण उटेकर, निर्माता दिनेश विजन और प्रोजेक्ट के पीछे की रचनात्मक टीम शामिल थी।
शाम एक संगीतमय दावत थी, जहाँ ए.आर. रहमान ने भावपूर्ण धुनों और महाकाव्य व्यवस्थाओं के अपने विशिष्ट मिश्रण को सबसे आगे लाया, जिससे एक ऐसा संगीतमय अनुभव बना जो सभी उपस्थित लोगों के साथ गहराई से जुड़ गया। मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले दिनेश विजन द्वारा निर्मित और लक्ष्मण उटेकर द्वारा निर्देशित, छावा 14 फरवरी 2025 को दुनिया भर में रिलीज होने के लिए तैयार है।
छावा एल्बम लॉन्च किसी संगीतमय धमाके से कम नहीं था, जिसमें ए.आर. रहमान और उनकी टीम ने छावा एल्बम से लुभावने प्रदर्शन किए, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रत्येक प्रदर्शन को एक गतिशील नृत्य मंडली की अतिरिक्त ऊर्जा के साथ जीवंत किया गया, जिसने पल की तीव्रता को बढ़ाया। ताल के तीरों की तरह धड़कनों ने हवा को चीरते हुए माहौल को विद्युत ऊर्जा से भर दिया, जिससे सभी को धुन और मराठा गौरव के माध्यम से एक आकर्षक यात्रा पर ले जाया गया। इसके बाद कलाकारों और ए.आर. रहमान के बीच एक व्यावहारिक बातचीत हुई, जिसने दर्शकों को छावा एल्बम की आत्मा में एक झलक दी।
संगीत के उस्ताद, ए.आर. रहमान ने कहा, “कुछ फिल्में सिर्फ कहानियां नहीं होतीं – वे धड़कते दिल की दहाड़ होती हैं। छावा उनमें से एक है। मुझे लक्ष्मण उटेकर, दिनेश विजान, विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना और मेरी अद्भुत संगीत टीम की अविश्वसनीय टीम के साथ स्कोर, बीजीएम और गाने बनाने में बहुत मज़ा आया। सभी प्रशंसकों के लिए, मुझे उम्मीद है कि आप इस संगीत का उतना ही आनंद लेंगे जितना हमें इसे बनाने में आया। और मैं आपके द्वारा हमारे प्रदर्शन का अनुभव करने का इंतज़ार नहीं कर सकता! छावा 14 फरवरी को आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी”
विक्की कौशल ने कहा, “विक्की कौशल ने कहा, “छावा का हिस्सा बनना वास्तव में सम्मान की बात है, खासकर जब महान ए.आर. रहमान सर संगीत की रचना कर रहे हों। यह फिल्म उनके साथ मेरा पहला सहयोग है, और उन्हें इन खूबसूरत ट्रैक को लाइव परफॉर्म करते देखना एक अविस्मरणीय अनुभव रहा है जिसे मैं अपने जीवन भर संजो कर रखूंगा। अब जब एल्बम लॉन्च हो गया है, तो मैं दर्शकों को इन गानों का अनुभव कराने के लिए बेहद उत्साहित हूँ, जो बहुत शक्तिशाली हैं और मुझे उम्मीद है कि यह आप में से हर एक को पसंद आएगा।
रश्मिका मंदाना ने कहा, “विक्की और मैं, छावा पर अद्वितीय ए.आर. रहमान सर के साथ सहयोग करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं। इस एल्बम के हर गीत में इतिहास का एक टुकड़ा है – प्रेम, बलिदान और कर्तव्य की कहानियाँ – जो इतनी खूबसूरती से बुनी गई हैं। रहमान सर को फिल्म की भावनात्मक गहराई को संगीत में लाते देखना एक अवास्तविक अनुभव रहा है और वास्तव में मेरे करियर के सबसे परिभाषित क्षणों में से एक है। ऐसी स्मारकीय फिल्म का हिस्सा बनना एक विशेषाधिकार है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।” इरशाद कामिल ने कहा, “छावा के लिए गीत लिखना एक कलात्मक खोज थी। प्रत्येक गीत को योद्धा की यात्रा के साथ न्याय करना था, बलिदान, वीरता और सम्मान का सार पकड़ना था। मेरा इरादा मराठों की अथक भावना का सम्मान करना था – उनके साहस और अटूट प्रतिबद्धता का जश्न मनाना। इन गीतों को तलवार के वार की तरह ही सटीकता से तैयार किया गया था, जो न केवल एक कहानी बताते हैं बल्कि छत्रपति संभाजी महाराज की अमर बहादुरी को व्यक्त करते हैं। इस एल्बम पर काम करना सिर्फ़ एक काम नहीं था, बल्कि एक कर्तव्य था जिसे पूरा करके मुझे सम्मानित महसूस हुआ।
शानदार ए.आर. रहमान के संगीत के साथ, यह फ़िल्म कहानी कहने की प्रतिभा का उत्सव है। करिश्माई विक्की कौशल ने शेर के बेटे छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है, जो महान नेता के बेजोड़ साहस और संकल्प को दर्शाता है। उनके विपरीत, प्रखर अक्षय खन्ना दुर्जेय मुगल सम्राट औरंगजेब की भूमिका निभाते हैं, जो शासकों के बीच एक महाकाव्य संघर्ष के लिए मंच तैयार करते हैं। कहानी में सुंदरता और ताकत जोड़ते हुए बहुमुखी रश्मिका मंदाना हैं, जो लालित्य और लचीलेपन का प्रतीक, स्वराज्य की रानी और छत्रपति की रानी महारानी येसुबाई भोंसले को जीवंत करती हैं। फिल्म का संगीत सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट इंडिया द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

तिरुपति में होगा 17 से 19 फरवरी 2025 में ‘मंदिरों का महाकुंभ’ का आयोजन

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(बाएं से दाएं) अंत्योदय प्रतिष्ठान की संस्थापक और अध्यक्ष श्रीमती नीता लाड, इंटरनेशनल टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो के अध्यक्ष और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य प्रसाद लाड तथा टेंपल कनेक्ट के संस्थापक गिरेश कुलकर्णी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ITCX के पहले संस्करण पर प्रकाश डालते हुए एक विशेष कॉफी टेबल बुक दिखाई। इस कार्यक्रम में 17-19 फरवरी, 2025 को तिरुपति में होने वाले इंटरनेशनल टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो (ITCX) के दूसरे संस्करण की घोषणा की गई।

मुंबई। मंदिर प्रशासन और प्रबंधन को समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा सम्मेलन, अंतराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी (आईटीसीएक्स) १७-१९ फरवरी २०२५ को आशा कन्वेंशन्स, तिरुपति में आयोजित किया जाएगा। अंत्योदय प्रतिष्ठान के सहयोग से टेंपल कनेक्ट द्वारा आयोजित ‘आईटीसीएक्स २०२५’ हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन संस्थाओं को एक साथ लाएगा, ताकि उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए दुनिया भर में मंदिर पारिस्थितिकी प्रणालियों को जोड़ने, मजबूत करने और आधुनिकीकरण के लिए एक गतिशील मंच प्रदान किया जा सके। इसमें ५८ देशों के लगभग १५८१ धार्मिक संगठन भाग लेंगे तथा प्रदर्शनी में १११ से अधिक वक्ता, १५ कार्यशालाएं और ज्ञान सत्र तथा ६० से अधिक स्टॉल होंगे।

‘मंदिरों का महाकुंभ’ – आईटीसीएक्स’, भारतीय परंपरा के मंदिरों के बारे में जानकारी का दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण करने वाले अग्रणी मंच, टेंपल कनेक्ट के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी और अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी के अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य प्रसाद लाड की प्रभावी संकल्पना है। श्रद्धालुओं के अनुभव और सुविधा को बढ़ाना इस संस्करण का मुख्य उद्देश्य है, जो कि इसके मुख्य विषय ‘मंदिर अर्थव्यवस्था की संलग्नता, सक्षमीकरण और विस्तार’ के अनुरूप है।

आईटीसीएक्स 2025 मंदिर नेतृत्व, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच वैश्विक सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा, जो मुख्य रूप से धर्म या धार्मिक पहलुओं से परे जाकर प्रगतिशील मंदिर प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा। एक महत्वपूर्ण ज्ञान-साझाकरण कार्यक्रम के रूप में, इसमें मंदिर प्रबंधन और तीर्थयात्रिओ के अनुभव बेहतरीन बनाने के लिए विविध पहलुओं को शामिल करते हुए मुख्य भाषण, पैनल चर्चा, कार्यशालाएं और मास्टरक्लासेस होंगे।

इसके अंतर्गत फंड प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण से लेकर स्थिरता और सुरक्षा शिष्टाचार, एआई, डिजिटल उपकरणों और फिनटेक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से मंदिर प्रबंधन को आधुनिक बनाने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया है। मुख्य ध्यान लंगर और खाद्य वितरण प्रणाली, कूड़ा प्रबंधन और पुनर्वापर, टिकाऊ ऊर्जा प्रथाओं और कानूनी अनुपालन जैसे विषयों पर होगा। चर्चाओं में आवश्यक सामुदायिक सेवाएं जैसे चिकित्सा सहायता, शैक्षिक कार्यक्रम और धर्मार्थ उपक्रम भी शामिल होंगी, जिसका उद्देश्य अधिक कुशल और सामाजिक रूप से प्रभावी मंदिर व्यवस्था बनाना होगा।

आईटीसीएक्स 2025 को भारत सरकार द्वारा पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और अतुल्य भारत पहल के माध्यम से समर्थन प्राप्त है, जिसमें महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) एक प्रस्तुतकर्ता भागीदार के रूप में शामिल हुआ है। इस सम्मेलन को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक आदि भारतीय राज्यों के पर्यटन और धर्मस्व बोर्डों के समर्थन से अधिक सशक्त हुआ हैं।

टेंपल कनेक्ट और आईटीसीएक्स के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी ने कहा, “आईटीसीएक्स महज एक आयोजन नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है जिसका उद्देश्य नवाचार और स्थिरता के माध्यम से मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। यह राष्ट्र निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता है। भारत भक्ति और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है, इसलिए मंदिरों के कामकाज को व्यवस्थित, सशक्त और प्रबंधित करने की सख्त जरूरत है ताकि वे भविष्य के लिए तैयार रहें।” उन्होंने कहा, “स्मार्ट प्रबंधन नीतियों को लागू करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे आध्यात्मिकता, परंपरा और सामुदायिक विकास के ज्वलंत केंद्र बने रहें।”
आयटीसीएक्स के अध्यक्ष और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य प्रसाद लाड ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, आयटीसीएक्स का उद्देश्य परंपरा और आधुनिक शासन के बीच की खाई को कम करना है। वे केवल पूजा स्थल नहीं हैं; वे सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हर पूजा स्थल – चाहे वह कितना भी छोटा या दूरस्थ क्यों न हो, प्रशासनीय आदर्श के रूप में विश्वस्तर तक पहुँच का हकदार है जो उसके धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को बढ़ाता है। आयटीसीएक्स प्रशासकों और नीति निर्माताओं को मंदिरों की विरासत को संरक्षित करते हुए दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करता है।

आईटीसीएक्स की सह-निदेशक और आईपी निदेशक तथा फियर्स वेंचर्स की संस्थापक और सीईओ मेघा घोष ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईटीसीएक्स २०२५ एक अभिनव तीन-चरणीय प्रारूप है, जिसे सीखने और सहयोग को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।”

उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रीय नेतृत्व सत्रों, व्यावहारिक कार्यशालाओं और हमारी ‘मंदिर वार्ता’ श्रृंखला से सावधानीपूर्वक सामग्री तैयार की है, जहाँ संस्थाएँ ‘मंदिर प्रबंधन को आधुनिक बनाने’ में अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कर सकती हैं। यह प्रारूप सुनिश्चित करता है कि हम पारंपरिक ज्ञान और समकालीन चुनौतियों का समाधान कर सकें, एआय एकीकरण से लेकर टिकाऊ प्रथाओं तक, मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए वास्तव में व्यापक मंच तैयार कर सकें।”

प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का क्षेत्र, ‘तिरुपति’ एक भक्ति केंद्र है जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। शहर की गहरी जड़ें जमा चुकी मंदिर अर्थव्यवस्था इस प्रमुख निम्नलिखित सत्रों के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करती है जैसे:
● डॉ. सुरेश हवारे (पूर्व अध्यक्ष शिर्डी संस्थान) और डॉ. उदय सालुंखे, निदेशक (वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च) के साथ टेम्पल एजुकेशन पर पैनल चर्चा।

● अष्ट विनायक मंदिर (महाराष्ट्र) के ट्रस्टी और विश्वजीत राणे (गोवा के स्वास्थ्य मंत्री) द्वारा ‘मंदिरों के लिए नेटवर्किंग की शक्ति’ पर पैनल चर्चा

● एडवोकेट विष्णु जैन द्वारा- मंदिरों के आसपास के कानूनी मुद्दे

कार्यक्रम के दौरान वासवी मंदिरों और बाटू गुफाओं की यात्रा सहित अन्य पर केस अध्ययन प्रस्तुत किए जाएंगे। आईटीसीएक्स २०२५ में ‘स्मार्ट टेम्पल्स मिशन’ और ‘स्मार्ट टेम्पल्स मिशन अवार्ड्स’ के लिए शामियाना भी उभारा जाएगा जिसके तहत १२ अलग-अलग श्रेणियों में दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों को पहचाना जाएगा और सम्मानित किया जाएगा।

इस बैठक में जैन धर्मशालाओं, प्रमुख भक्ति दान, यूनाइटेड किंगडम के हिंदू मंदिरों के संघ, अन्न क्षेत्र प्रबंधन, विभिन्न तीर्थ स्थानों के पुरोहित महासंघ और तीर्थ संवर्धन बोर्ड के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस्कॉन, श्री मंदिर, दुर्लभ दर्शन, सारस्वत चैंबर, क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ओएनडीसी और हल्दीराम ने मंदिर प्रबंधन समाधानों की सुविधा के लिए आईटीसीएक्स २०२५ को विशेष सहयोग किया है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों और वक्ताओं के रूप में देवेन्द्र फडणवीस (मुख्यमंत्री-महाराष्ट्र), राजेंद्र आर्लेकर (राज्यपाल – केरल), मुकुंद सी आर (सह सरकार्यवाह, आरएसएस), प्रमोद सावंत (मुख्यमंत्री-गोवा), नारा लोकेश (मानव संसाधन विकास मंत्री – आंध्र प्रदेश), विश्वजीत राणे (स्वास्थ्य मंत्री – गोवा), रोहन खौंटे (पर्यटन मंत्री – गोवा), सुधांशु त्रिवेदी (संसद सदस्य, राज्य सभा), युधिष्ठिर गोविंद दास (इस्कॉन, भारत के संचार निदेशक), मिलिंद परांडे (महासचिव, विश्व हिंदू परिषद), डॉ. लक्ष्यराज सिंह (उदयपुर के मेवाड़), विष्णु शंकर जैन (सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकील) सम्मिलित होंगे।

श्री राकेश आचार्या ने 11वें सोमवार को किया रुद्राभिषेक, 16 सोमवार तक चलेगा रुद्रभिषेक

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महाराष्ट्र वासियों सहित पूरे देशवासियों से विनती करता हूँ कि वे महाकुंभ में स्नान का लाभ लें : श्री राकेश आचार्या

भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के सरचिटणीस श्री राकेश आचार्या ने अपने कार्यालय में शुभ सोमवार को रुद्राभिषेक किया। उन्होंने कहा कि हमारे ऑफिस में 16 सोमवार तक अनार के जूस से रुद्राभिषेक चलेगा। 11वें सोमवार को भी महादेव जी की विशेष कृपा रही। भक्ति भाव से पूजा पाठ की।

मैं भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का सरचिटणीस हूँ। मेरी जिम्मेदारी है कि लोगों को सनातन धर्म के बारे में बताऊं, आध्यात्मिक विचार से अवगत करवाऊ। लोग पूजा स्थलों में जाएं, जाते रहें तो उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा। आपके अंदर कोई नकारात्मक सोच नहीं आएगी। मेरी महाराष्ट्र वासियों सहित भारतवासियों से नम्र विनती है कि सुबह शाम आप लोग पूजा पाठ करे। अपने आप को प्रभु को समर्पण कर दें। अपने गुरु, देवी देवताओं के ऊपर विश्वास रखो, जिसने आपको नौ महीने माँ के पेट मे भोजन दिया क्या वह आपको दुनिया मे नहीं देगा। अगर जीवन मे दुख आए तो आप भगवान को दोषी मत दें बल्कि यह आपके कर्मों का फल है।

श्री राकेश आचार्या ने कहा कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सबको साथ लेकर चल रहे हैं और सनातन धर्म को आगे बढ़ा रहे हैं। सनातन धर्म का प्रतीक प्रयागराज में दिख रहा है। 144 वर्षो बाद महाकुंभ आया है साधु संतों और श्रद्धालुओं की वहां भारी भीड़ उमड़ रही है। मैं महाराष्ट्र वासियों सहित पूरे देशवासियों से विनती करता हूँ कि वे महाकुंभ में स्नान का लाभ लें।

गौ-हत्या के शक में मॉब लिंचिंग को लेकर दाखिल याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

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गौ-हत्या के संदेह में मॉब लिंचिंग का आरोप लगाने वाली एक याचिका को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि भीड़ की हिंसा को लेकर वह पहले ही विस्तृत आदेश जारी कर चुका है. अब वह देश भर की एक-एक घटना की निगरानी नहीं कर सकता. याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाना चाहिए.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन (NFIW) नाम की संस्था की याचिका में कहा गया था कि भीड़ की हिंसा को लेकर राज्य सरकारें सख्त कदम नहीं उठा रही हैं. याचिकाकर्ता ने कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए थे. याचिका में कहा गया था कि ‘गौरक्षा’ के नाम पर होने वाली हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. याचिका में असम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार में हुई हिंसा की घटनाओं का हवाला दिया गया था.
NFIW ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तहसीन पूनावाला बनाम भारत सरकार केस में जो फैसला दिया था, उसे पूरी तरह लागू करने का राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाए. NFIW ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकारें मॉब लिंचिंग की रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं हैं. इस तरह की घटनाओं के बाद भी पुलिस सख्त कार्यवाही नहीं करती.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह एक-एक राज्य की तरफ से जवाब नहीं दे सकते, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पहले ही भीड़ की हिंसा पर निर्देश दे चुका है. पिछले साल से लागू हुए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) में भी मॉब लिंचिंग को अपराध बनाया गया है. अगर कहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश और कानूनी प्रावधान का पालन नहीं हुआ, तो इस बात को दूसरे फोरम में भी रखा जा सकता है.
जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने एसजी तुषार मेहता की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का काम हर घटना का माइक्रो मैनेजमेंट करना नहीं है. किसी मामले में अगर पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही, तो इसे आला अधिकारियों, निचली अदालत या हाईकोर्ट में रखा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से मना करते हुए मॉब लिंचिंग के मामलों के लिए मुआवजा तय करने की मांग पर भी विचार से मना कर दिया.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की उपस्थिति में ताज बैंडस्टैंड का भूमि पूजन संपन्न

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मुंबई। भारत की अग्रणी हॉस्पिटैलिटी कंपनी, इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) ने ताज बैंडस्टैंड प्रोजेक्ट की घोषणा की है। ताज बैंडस्टैंड मुंबई की स्काइलाइन की नयी परिभाषा रचने के लिए बनाया गया नया लैंडमार्क है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की उपस्थिति में भूमि पूजन संपन्न हुआ।
उसी अवसर पर पुनीत छटवाल (मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, आईएचसीएल) भी उपस्थित रहे।
पुनीत छटवाल ने कहा कि आईएचसीएल ने अपना पहला होटल – द ताज महल पैलेस बॉम्बे में 1903 में शुरू किया और तब से लेकर आज तक, एक शतक से भी अधिक समय से ‘ताज’ ब्रांड इस शहर की संस्कृति का अभिन्न अंग बना हुआ है। ‘ताज’ की महान विरासत का प्रमुख उदाहरण, ताज बैंडस्टैंड अगले शतक भर प्रतिष्ठित ब्रांड ताज का पथप्रदर्शक बनेगा। यह इमारत मुंबई की स्काइलाइन को नयी परिभाषा प्रदान करेगी, यह ऐतिहासिक विकास मुंबई की भावना, यहां के लोगों और इसकी बढ़ती वैश्विक प्रमुखता का सम्मान है।”
पुनीत ने आगे कहा,“हमें आईओडी और प्रोविजनल फायर एनओसी सहित प्रमुख प्री-कन्स्ट्रक्शन मंजूरी मिल गई है। आईएचसीएल को उम्मीद है कि, सभी स्वीकृतियां प्राप्त होने पर अगले चार वर्षों में परियोजना को पूरा किया जाएगा।”
2 एकड़ में फैले ताज बैंडस्टैंड में 330 कमरे और 85 अपार्टमेंट होंगे। डाइनिंग के कई विकल्प, कन्वेंशन स्पेस और विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी। इस परियोजना में लैंडस्केप गार्डन, खेल और मनोरंजन गतिविधियों के साथ-साथ शहर की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले मनोरंजन विकल्पों के साथ आसपास के क्षेत्र के विकास और रख रखाव को भी शामिल किया जाएगा।
इस होटल के जुड़ने से, आईएचसीएल के पास मुंबई में 17 होटल हो जाएंगे, जिनमें से 5 का काम चल रहा है।

सच्ची घटना पर आधारित होगी भरत सुनंदा की “मायंग के सुल्तान”

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सुल्तानपुर। रियल घटनाओं से प्रेरित वेब सीरीज के इस दौर में प्रतिष्ठित निर्देशक भरत सुनंदा भी मिर्जापुर जैसी हार्ड हिटिंग सीरीज़ लेकर आ रहे हैं। पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह (सोनू सिंह) और पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह (मोनू सिंह) की सच्ची कहानी को वह सीरीज़ का रूप देने जा रहे हैं जिसमें बॉलीवुड के कई नामी चेहरे भी नजर आएंगे।

फ़िल्म को लेकर फ़िल्ममेकर भरत सुनंदा ने इन दोनों भाइयों से जाकर विशेष मुलाकात की और इस सीरीज के संदर्भ में बातचीत की। उनका कहना है कि इन दोनों भाइयों की स्टोरी किसी फिल्म या सीरीज की कहानी प्रतीत होती है। अपने पिता की बेरहम हत्या के बाद दोनों भाइयों ने बदला लिया और आज वे जनता के प्रिय हैं। हर रविवार को लोगो की भीड़ इनके घर पर उमड़ती है। आम लोगों के साथ इनका व्यवहार बहुत अच्छा है, लेकिन इनकी जिंदगी आसान नहीं है। सुल्तानपुर के हर एक राज्य गांव में इनका भारी दबदाबा है, चाहे इसे डर कहो या प्यार मगर लोग इनका नाम याद रखते हैं।

गोला बारूद से बचते-बचाते इन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। कोर्ट में इन पर जानलेवा हमला भी हुआ है। घर पर एसपी पुलिस की बड़ी संख्या लेकर आते हैं तब इनके घर के चारो तरफ इनसे प्यार करने वाले गांव के लोग खड़े होते हैं। बड़े भैया जब तक उनके कंधे पर हाथ रख कर बाहर छोड़ने नहीं जाते तब तक एसपी के माथे पर पसीना रहता है। ऐसी है “मायंग के सुल्तान” की दिल दहला देने वाली स्टोरी। पुलिस थाने पर गोली बारी, राजनीति, दोस्ती, दुश्मनी, आश्रम के नाम पर कब्ज़ा करने वाले बाबा, ऐसी बहुत सी कहानी इस सीरीज में देखने को मिलेगी।

निर्देशक की कई फ़िल्म कलाकारों से बातचीत जारी है और इस सीरीज में कुछ नामी चेहरे दिखाई देंगे।

दोनों भाइयों चंद्र भद्र सिंह सोनू और यश भद्र सिंह मोनू ने अपने पिता स्व. इंद्र भद्र सिंह (पूर्व विधायक) की विरासत को आगे बढ़ाया है। इसका आरम्भ 1994 से होता है, जब मोनू और सोनू के पिता तत्कालीन विधायक इंद्रभद्र सिंह और सदानंद तिवारी उर्फ संत ज्ञानेश्वर के बीच दुश्मनी हो गई।

‘बाहुबली ब्रदर्स’ के नाम से पहचान रखने वाले सोनू मोनू की इमेज लोगों में रॉबिन हुड की तरह है। इनका क्षेत्र में भरपूर दबदबा कायम है। स्थिति यह है कि छोटे-मोटे झगड़े तो इनकी जन अदालत में निपटा लिए जाते हैं।

व्यवसाय और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम देवदास श्रवण नाइकरे के जीवन में

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मुंबई। देवदास श्रवण नाइकरे व्यवसाय और आध्यात्मिकता दोनों ही क्षेत्रों में एक प्रसिद्ध नाम हैं। वे भारत के शीर्ष व्यवसायिक कोचों में से एक हैं, जो लोगों को व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ उनके मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना सिखाते हैं। देवदास ग्रुप ऑफ कंपनी के संस्थापक के रूप में, उन्होंने व्यवसायिक कुशलताओं के साथ गहरी आध्यात्मिक समझ को जोड़ने के लिए ख्याति प्राप्त की है।

19 वर्षों के अनुभव के साथ, श्री नाइकरे ने यह दिखाया है कि व्यवसायिक रणनीतियों को मानसिक प्रशिक्षण और आध्यात्मिकता के साथ मिलाने से अद्भुत सफलता प्राप्त की जा सकती है। वे एक प्रसिद्ध लेखक भी हैं, जिन्होंने दो भाषाओं में 12 प्रेरणादायक पुस्तकें लिखी हैं, जिनसे अनगिनत पेशेवरों को विकास और आत्म-सुधार में मदद मिली है।

श्री नाइकरे की बुद्धिमत्ता उनके पांच प्रतिष्ठित गुरुओं के सान्निध्य में सीखने से आई है। उनके शिक्षण गहरे आध्यात्मिक विकास और व्यक्तिगत परिवर्तन में निहित हैं। यह अनोखा दृष्टिकोण उन्हें इस तरह से पेशेवरों को प्रशिक्षित करने की क्षमता देता है, जिससे उनके करियर के साथ-साथ उनका व्यक्तिगत जीवन भी समृद्ध होता है।

पारंपरिक व्यवसायिक कोचिंग के विपरीत, श्री नाइकरे का तरीका केवल व्यवसायिक रणनीतियों पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देता है। वे सकारात्मक सोच को बढ़ावा देकर व्यवसायों को तेजी से और टिकाऊ विकास प्राप्त करने में मदद करते हैं, जिससे कार्य के बाहरी संसार और आंतरिक शांति के बीच संतुलन बना रहता है।

अपने करियर के दौरान, श्री नाइकरे को 30 प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनके कुछ उल्लेखनीय पुरस्कारों में यंग एंटरप्रेन्योर अवार्ड (2022), महाराष्ट्र बिजनेस आइकॉन अवार्ड (2023) और श्री महात्मा गांधी राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार (2023) शामिल हैं। ये पुरस्कार व्यवसायिक दुनिया और आध्यात्मिक मार्गदर्शन दोनों में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हैं।

श्री नाइकरे की सफलता की यात्रा प्रेरणादायक रही है। एक साधारण परिवार में जन्मे, उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया। हालांकि, उनकी प्रतिबद्धता, दृढ़ता और ज्ञान की प्यास ने उन्हें भीड़ से अलग खड़ा किया। बचपन से ही वे व्यवसाय और आध्यात्मिकता दोनों से मोहित थे, जिससे उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों को एक साथ मिलाने के तरीकों की खोज की।

उनकी जिज्ञासा और जुनून ने उन्हें पांच प्रतिष्ठित गुरुओं से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया, जिन्होंने उन्हें केवल वित्तीय लाभ से परे सफलता का गहरा अर्थ समझाया। वर्षों की समर्पित शिक्षा और अभ्यास के बाद, उन्होंने देवदास ग्रुप ऑफ कंपनी की स्थापना की, जो केवल वित्तीय विकास ही नहीं बल्कि समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उनके नेतृत्व में कई व्यवसायों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, जबकि नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी बरकरार रखा है।

श्री नाइकरे की शिक्षाओं का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि वे साधारण व्यक्तियों को असाधारण पेशेवरों में बदलने की क्षमता रखते हैं। उनके कोचिंग प्रोग्राम नेतृत्व विकास, वित्तीय समझ, रणनीतिक निर्णय-निर्धारण और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे कई पहलुओं पर केंद्रित हैं।

उनकी अनोखी शैली में ध्यान, माइंडफुलनेस और प्राचीन आध्यात्मिक तकनीकों को आधुनिक व्यवसायिक रणनीतियों में एकीकृत किया जाता है। इससे उनके छात्र एक मजबूत, केंद्रित मन विकसित कर पाते हैं, जो चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम होते हैं। उनके कार्यशालाओं और सेमिनारों में हजारों पेशेवर, उद्यमी और छात्र भाग लेते हैं, जो एक संतुलित और सफल जीवन प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं।

श्री नाइकरे का मानना है कि सच्ची सफलता केवल धन अर्जित करने में नहीं है, बल्कि मानसिक शांति, अच्छा स्वास्थ्य और मजबूत रिश्तों को बनाए रखने में भी है। उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्म-जागरूकता, समय प्रबंधन और नैतिक व्यवसायिक प्रथाओं पर जोर देते हैं, जिनके परिणामस्वरूप उनके ग्राहकों में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिले हैं।

एक व्यवसायिक कोच और मेंटर होने के अलावा, श्री नाइकरे एक प्रख्यात लेखक भी हैं। उन्होंने दो भाषाओं में 12 प्रेरक पुस्तकें लिखी हैं, जो व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित हैं। उनकी पुस्तकों में वित्तीय स्वतंत्रता, मानसिक स्पष्टता, नेतृत्व और आध्यात्मिक प्रबोधन जैसे विषय शामिल हैं।

उनके कार्य व्यवसायिक और आध्यात्मिक समुदायों में अत्यधिक सम्मानित हैं, क्योंकि वे व्यावहारिक ज्ञान के साथ गहरी दार्शनिक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। उनकी पुस्तकों को उनके सरल लेकिन शक्तिशाली संदेशों के लिए सराहा गया है, जिससे हजारों पाठकों ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है।

व्यवसायिक कोचिंग के अलावा, श्री नाइकरे सामाजिक कार्यों में भी गहराई से जुड़े हुए हैं। वे विभिन्न चैरिटेबल पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का समर्थन करती हैं। उनका मिशन समाज को ज्ञान साझा करके, आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करके और सेवा की भावना को बढ़ावा देकर उत्थान करना है।

उन्होंने युवाओं और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई पहल शुरू की हैं। शिक्षा और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में उनके प्रयासों ने कई लोगों के जीवन को बदल दिया है, जिससे वे आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सके हैं।

श्री नाइकरे के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया गया है। वर्षों से, उन्हें उनके असाधारण कार्य के लिए 30 प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनके कुछ सबसे उल्लेखनीय पुरस्कारों में शामिल हैं:

– यंग एंटरप्रेन्योर अवार्ड (2022): उनके नवोन्मेषी व्यवसायिक रणनीतियों और उद्यमशीलता में योगदान के लिए।
– महाराष्ट्र बिजनेस आइकॉन अवार्ड (2023): व्यवसायिक दुनिया में उनके नेतृत्व और प्रभाव के लिए।
– श्री महात्मा गांधी राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार (2023): व्यवसाय और आध्यात्मिकता को सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए जोड़ने के प्रयासों की मान्यता में।

ये पुरस्कार उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और व्यक्तियों और व्यवसायों पर उनके परिवर्तनकारी प्रभाव का प्रमाण हैं।

श्री नाइकरे अपने इस दृष्टिकोण के साथ लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन देना जारी रखते हैं कि व्यवसायिक सफलता और आंतरिक शांति सह-अस्तित्व में रह सकती है। उनका लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना है, ताकि वे व्यावहारिक व्यवसायिक रणनीतियों और आध्यात्मिक ज्ञान के संयोजन के माध्यम से अपनी क्षमता को अनलॉक कर सकें।

आगामी सेमिनारों, ऑनलाइन कार्यक्रमों और नई पुस्तकों के माध्यम से, वे अपने शिक्षण को वैश्विक स्तर तक विस्तारित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका संदेश स्पष्ट है: सफलता केवल पैसे के बारे में नहीं है; यह एक संतोषजनक और सार्थक जीवन बनाने के बारे में है।

देवदास श्रवण नाइकरे की यात्रा यह दिखाने का एक अद्भुत उदाहरण है कि व्यवसाय और आध्यात्मिकता कैसे एक साथ चल सकते हैं। उनके नवोन्मेषी कोचिंग तरीकों, प्रेरक पुस्तकों और परोपकारी योगदानों के माध्यम से, उन्होंने अनगिनत जीवनों पर स्थायी प्रभाव डाला है।

उनकी विरासत तब तक बढ़ती रहेगी जब तक वे व्यक्तियों और व्यवसायों को ईमानदारी, संतुलन और आंतरिक शांति के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाते रहेंगे। जो लोग ऐसे मेंटर की तलाश में हैं जो कॉर्पोरेट दुनिया और आध्यात्मिक क्षेत्र दोनों को समझते हों, उनके लिए श्री नाइकरे ज्ञान और प्रेरणा का एक प्रकाशस्तंभ हैं।

उनकी शिक्षाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि सच्ची सफलता वित्तीय उपलब्धियों, मानसिक स्पष्टता, और आध्यात्मिक संतोष के सामंजस्यपूर्ण संगम से आती है।