भिंड: देश में समय समय पर गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग उठती रहती है, खासकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए लंबे समय से आंदोलन और प्रदर्शन किए जा रहे हैं. ताजा मामला भिंड जिले से आया है, यहां गौ भक्त मंडली द्वारा अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया जा रहा है. गौ भक्त मंडल के सदस्यों ने गौ हत्या पर रोक लगाने और गायों की रक्षा के लिए की मांग को लेकर सैकड़ों किलोमीटर दूर से गंगाजल भरकर उज्जैन में बाबा महाकाल पर चढ़ाने का संकल्प लिया है.
45 दिवसीय कांवड़ यात्रा शुरू
बता दें कि भिंड़ के गौ भक्त मंडली द्वारा गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर 45 दिवसीय कांवड़ यात्रा शुरू की गई है. इस कांवर यात्रा का उद्देश्य गायों की हत्या पर रोक लगाई जाए और गायों की रक्षा के लिए देशव्यापी कानून बनाया जाए. इसके लिए भक्त मंडली का एक दल कांवड यात्रा पर निकला है. यह दल लगभग 1100 किलोमीटर दूर हरिद्वार से गंगाजल भरकर उज्जैन पहुंचेगा और बाबा महाकाल को गंगाजल अर्पित करेगा.
गौ भक्त दल ने इस यात्रा को भगवान भोलेनाथ से गाय के संरक्षण की मन्नत के साथ शुरू की है. हरिद्वार से प्रारंभ होने वाली इस यात्रा के लिए यह दल भिण्ड के बड़े हनुमान मंदिर से हरिद्वार के लिए रवाना हुआ है. लगभग 45 दिन में हरिद्वार से उज्जैन महाकाल तक की यात्रा पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित कर यह दल निकला है.
1100 किलोमीटर की होगी यात्रा
भिंड जिले से 6 सदस्यीय दल में सौरभ फक्कड, छोटू, लालू, चैतन्य, कृष्ण शामिल हैं. गौ भक्त दल के सदस्यों ने बताया, “गौ संरक्षण और गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर यह सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा प्रारंभ की है.” अपनी यात्रा का पूरा रूट बताते हुए उन्होंने कहा, “इसकी शुरुआत हरिद्वार के हरकी पौड़ी से होगी. कांवड़ में जल भरकर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ, आगरा, जैतपुर, अटेर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, व्याबरा, मक्सी, उज्जैन तक पहुंचेगी, इसका मकसद गौ संरक्षण और गाय को राष्ट्र माता घोषित कराना रहेगा.
गाय की खराब हालत देखते लिया निर्णय
भिंड जिले के गौ भक्त सौरव शर्मा बताते हैं कि “देश में गाय की दुर्दशा पर किसी का ध्यान नहीं है. अगर गाय राष्ट्र माता होगी तो इस पर सरकार का ध्यान भी जाएगा और लोगों के दिल में राष्ट्र प्रेम के साथ गाय का प्रेम जगेगा. बस इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया है. हमारे द्वारा सैंकड़ों किलोमीटर की इस यात्रा से लोगों को जागरूक किया जाएगा और सरकार से गाय के संरक्षण के लिए विचार करने पर विवश किया जाएगा.”