महासमुंद। जिले के सरायपाली अंचल में गौ तस्करी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है, जिले का सरायपाली इलाका गौ तस्करी के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्व है, अंचल में कईं गौ तस्कर सक्रिय है जोे रोजाना सैकड़ों की संख्या में मवेशी उड़ीसा प्रांत में भेजे जाते हैं जहां से उन्हें ट्रकों में भरकर पश्चिम बंगाल के कत्ल खानों तक भेजने का अवैध काम करते है, वहीं बजरंग दल के लोगों ने बताया जाता है कि मवेशी तस्करी रोकने के लिए प्रशासन भी मुस्तैद नजर नहीं आ रही है।

महासमुंद जिले का सरायपाली पश्चिम उड़िसा राज्य के सीमा से लगे होने के कारण यहां तस्कर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर घने जंगल के रास्ते से गौ वंशों को अन्य प्रदेशों में और कत्ल खानों तक भेजे जाने में कामयाब हो रहे हैं। इस अंचल के तस्कर लगातार नेशनल हाईवे के रास्ते से होकर मवेशियों की अन्य प्रांतों में तस्करी की जा रही है, जिससे छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में मवेशियों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है, जिससे चलते हाईवे पर ही मवेशियों को हकालते हुए छत्तीसगढ़ से सरायपाली सिंघोडा, रेहटीखोल होते हुए उड़ीसा तक ले जाया जाता है, गौ रक्षको ने बताया कि वे गौ तस्करी को रोकने के लिए रात को संदिग्ध ईलाको की लगातार निगरानी की जा रही है, किन्तु स्थानीय प्रशासन को गौ तस्करी की जानकारी देने के बाद भी प्रशासनिक सहयोग नहीं नहीं मिल पाता है, जिसके कारण गौ तस्कर फरार हो जाते है, स्थानीय पुलिस गौ तस्करों को पकड़ने के बजाय गौ रक्षकों को ही धमकाने का काम करती है।

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