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हरदोई: डीएम के आदेश पर गौ तस्कर की 28,50000 ₹ की सम्पत्ति हुई कुर्क

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हरदोई। पहले लखीमपुर और अब हरदोई पुलिस को छकाने वाले शातिर गौ तस्कर की 28,50000 रुपए कीमत की सम्पत्ति कुर्क कर ली गई है। टड़ियावां पुलिस ने बाकायदा डुगडुगी पिटवाते हुए डीएम के आदेश पर अमल किया है। पुलिस के मुताबिक लखीमपुर ज़िले के बरबर थाना पसिगवां का रहने वाला बब्लू पुत्र बशीर जो कि अब टड़ियावां थाने के गोपामऊ कस्बे के मोहल्ला लालपीर में रहता है।इसकी की शातिर गौ तस्करों में गिनती की जाती है। उसने गैर-कानूनी तरीके से अपने नाम लाखों की सम्पत्ति इकट्ठा की थी।

बब्लू के खिलाफ कोतवाली शहर, कोतवाली देहात और कछौना कोतवाली में गौ अधिनियम के साथ-साथ गैंगस्टर के मामले दर्ज है। डीएम अविनाश कुमार के आदेश पर मंगलवार को पुलिस ने डुगडुगी पिटवाते हुए बब्लू की 28 लाख 50 हज़ार की सम्पत्ति कुर्क कर ली है। डीएम के आदेश को उसके मकान पर चस्पा किया गया है। कुर्की की कार्रवाई अमल में लाने के दौरान बब्लू के मोहल्ले वाले भीड़ की शक्ल में मौजूद रहे।

Rahul Gandhi – राहुल गांधी अपने देश के खिलाफ कब तक ? भाजपा

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New Delhi – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों लंदन के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने ब्रिटिश सांसद जेरेमी कार्बिन से मुलाकात की। इस मुलाकात की एक तस्वीर कांग्रेस ने ट्टिटर पर शेयर की है। अब उनकी इस मुलाकात पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे लेकर राहुल गांधी पर तंज कसा है। भाजपा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए सवाल किया है कि क्या वे ब्रिटेन के विपक्षी नेता के ‘भारत विरोधी’ विचारों का समर्थन करते हैं। कांग्रेस ने भाजपा के इस वार पर पलटवार भी किया है। कांग्रेस ने राहुल गांधी की इस मुलाकात को सही ठहराया है और पीएम मोदी के साथ जेरेमी कार्बिन की तस्वीरें शेयर करके कहा कि क्या वो भी लेबर पार्टी के सांसद के भारत विरोधी विचारों का समर्थन करते हैं।

2015 से 2020 तक लेबर पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करने वाले जेरेमी कार्बिन वो व्यक्ति हैं जो कई बार भारत के खिलाफ अपने बयान साझा कर चुके हैं। जेरेमी कार्बिन हिंदू विरोधी स्टैंड के लिए बदनाम हैं। वे खुले तौर पर कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत करने के लिए जाने जाते है। भाजपा के कई नेताओं ने राहुल की इस मुलाकात को लेकर सवाल खड़ा किया है।

भाजपा नेता और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर राहुल गांधी की ब्रिटिश नेता के साथ बैठक की एक तस्वीर शेयर करके पूर्व कांग्रेस प्रमुख पर हमला किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि कोई अपने देश के खिलाफ कब तक चल सकता है।

रिजिजू ने एक दूसरे ट्वीट में सवाल किया, ‘फिर से.. राहुल गांधी ब्रिटेन के सांसद और लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन से मिले, जो भारत के लिए अपनी नफरत और नापसंद के लिए जाने जाते हैं, कश्मीर के अलगाव की वकालत करते हैं।’

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

वहीं, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी लंदन में जेरेमी कॉर्बिन के साथ क्या कर रहे हैं? जेरेमी कॉर्बिन भारत विरोधी, हिंदू विरोधी स्टैंड के लिए बदनाम हैं। जेरेमी कॉर्बिन खुले तौर पर कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत कर रहे हैं।


सुरजेवाला ने किया पलटवार
भाजपा नेताओं के इन बयानों पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पलटवार किया है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ जेरेमी कॉर्बिन की तस्वीर साझा करते हुए पूछा, ‘आखिरकार, क्या मैं अपने मीडिया मित्रों से नीचे की तस्वीर में दो लोगों की पहचान करने और एक ही सवाल पूछने के लिए कह सकता हूं? क्या इसका मतलब यह है कि पीएम ने भारत पर जेरेमी कॉर्बिन के विचारों का समर्थन किया है?”

भाजपा से कांग्रेस ने पूछे कई सवाल
उन्होंने भगोड़े नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ पीएम मोदी की सार्वजनिक बातचीत के उदाहरणों का भी हवाला दिया और पूछा कि क्या पीएम ने उनका समर्थन किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम राष्ट्रपति शी जिनपिंग से क्यों मिलते हैं, जब चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? पीएम तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से मिलने पाकिस्तान क्यों गए? क्या सरकार वादा करेगी कि वह कभी भी हमसे अलग विचारों वाले किसी से नहीं मिलेगी? उन्होंने कहा कि इस समय वास्तविक मुद्दों पर बहस करें, भाजपा के प्रचार पर नहीं।

गौरतलब है कि लंदन यात्रा पर गए राहुल गांधी ने सोमवार को लेबर पार्टी के सांसद कार्बिन के साथ मुलाकात की थी। जिसके बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के साथ दोनों की तस्वीर शेयर की थी।

Cambridge University में बोले राहुल गांधी- भारत में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर कब्जा ,पिता की मृत्यु से बड़ा सीख देने वाला कोई अनुभव नहीं .

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नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि करीब तीन दशक पहले उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक हमले में मृत्य, उनके लिए सीख देने वाला जीवन का सबसे बड़ा अनुभव था. उनका यह भी कहना है कि इस हादसे से उन्हें वो चीजें सीखने को मिलीं जो शायद वह कभी नहीं सीख पाते. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सोमवार को एक संवाद सत्र के दौरान राहुल गांधी से उनके पिता की पुण्यतिथि के बारे में सवाल किया गया था जो 21 मई को थी. राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी सभा के दौरान ‘लिट्टे’ के आत्मघाती हमले में मृत्यु हो गई थी.

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया है कि भारत में बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर ‘सुनियोजित हमला’ हो रहा है. राहुल गांधी ने देश की बीजेपी सरकार पर इशारों ही इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि देश में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं- संसद, चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक सगंठन कब्जा कर रहा है.

प्रतिष्ठित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में सोमवार शाम को ‘इंडिया एट 75’ नाम के एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने छात्रों, विशेषकर भारतीय छात्रों के सवालों का जवाब दिया. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रभावशाली लोग और एजेंसियां देश में संवाद को नए तरीके से परिभषित कर रही हैं. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयासों जैसे व्यापक विषयों पर बात की.

गोपनीय तरीके से किया जा रहा कंट्रोल’

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की शिक्षाविद डॉ श्रुति कपिला के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने उन सब बिंदुओं को दोहराया, जिन पर उन्होंने पिछले सप्ताह एक सम्मेलन के दौरान बात की थी. उन्होंने सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोगों या एजेंसियों के भारतीय राजनीति पर प्रभाव का भी जिक्र किया.


राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे लिए, भारत तब जीवंत होता है, जब भारत बोलता है और जब भारत चुप हो जाता है तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है- संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा कब्जा किया जा रहा है. बातचीत को बाधित किए जाने के कारण ‘सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां’ इन रिक्त स्थानों में प्रवेश कर रही हैं और देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं।

पिता की मृत्यु से बड़ा कोई अनुभव नहीं

कार्यक्रम का संचालन कर रहीं ‘कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज’ में इतिहास की प्रोफेसर श्रुति कपिला ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से हिंसा और व्यक्तिगत अनुभव से जुड़ा सवाल किया. इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरे जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव मेरे पिता की मृत्यु थी. इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता. उनका कहना था, ‘‘अब मैं यह कह सकता हूं कि जिस व्यक्ति या ताकत ने मेरे पिता की हत्या की, उसने मुझे बहुत दर्द दिया, यह सही भी है क्योंकि एक पुत्र के रूप में मैंने अपने पिता को खोया था और यह बहुत दुखद था.

नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी का बयान

लेकिन इस तथ्य से भी दूर नहीं भाग सकता कि उसी घटना ने मुझे ऐसी बहुत चीजें सिखाईं जो शायद मैं कभी सीख नहीं सकता था. इसलिए जब आप सीखना चाहते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि दूसरे लोग कितने बुरे हैं.’’ भारत में रोजमर्रा के अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं पलट कर देखूं तो (प्रधानमंत्री) श्रीमान (नरेन्द्र) मोदी मुझ पर हमला करते हैं और ऐसे में मैं कहूं कि हे भगवान, वह कितने बुरे हैं, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं.

राहुल गांधी से भारत की राजनीति पर सवाल

इसे देखने का यह एक नजरिया है. दूसरा नजरिया यह भी है- बहुत बढ़िया, मैं उनसे (मोदी)कुछ सीख सकता हूं, मुझे कुछ और सिखाएं.’’ कार्यक्रम में मौजूद कई युवाओं ने राहुल गांधी से भारत की राजनीति के संदर्भ में सवाल किए गए और उनसे पूछा गया कि भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए वे किस प्रकार इसका हिस्सा बन सकते हैं. कांग्रेस नेता ने उनसे कहा कि वे उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बतौर इंटर्न जुड़ सकते हैं. इसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहें.

गौशाला निर्माण को लेकर श्री गौ कृपा कथा का आयोजन

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राजस्थान न्यूज डेस्क, क्षेत्र के संवरा में गौशाला निर्माण के संबंध में मंगलवार को 24 से 31 मई तक कुम्भलगढ़ रोड स्थित आरके स्कूल के पास दिव्य श्री गौ कृपा कथा का आयोजन किया जायेगा. संवाद और राजसमंद क्षेत्र के लोगों को गौमाता के महत्व को समझाते हुए संवाद के ग्रामीणों द्वारा गौ सेवा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कर्ण गौ रक्षक गोशाला संस्था की स्थापना की गई थी।

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ताकि सांवर सहित पूरे राजसमंद नगर पालिका क्षेत्र में घूमने वाले बेघर चरवाहों को यहां पूरे सम्मान के साथ रखा जा सके। इस उद्देश्य के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए, 31 वर्षीय गोभक्त और भैरव भक्त संत जगदीश गोपाल के सिर से एक गाय-कथा सुनाई जाएगी, जिन्होंने गो-पर्यावरण और आध्यात्मिक चेतना को स्थापित किया है। पैदल चलना कथा का समय प्रतिदिन शाम 7 से 10 बजे तक आयोजित किया जाता है। कहानी का अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक चैनल सत्संग पर भी सीधा प्रसारण किया जाएगा। कहानी की शुरुआत मंगलवार को गुलदस्ता और बारात के साथ होगी। मंगलवार सुबह 7 बजे राजनगर के फवारा चौक से जुलूस निकाला जाएगा. संत जगदीश गोपाल शोभायात्रा के वर्णन स्थल पर गोमाता और व्यास पीठ की पूजा करेंगे।

रासलीला’ की गरिमा को समझें !

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रासबिहारी पाण्डेय

श्रीमद्भागवत के दसवें स्कंध में रासक्रीड़ा वर्णन की फलश्रुति में कहा गया है कि जो पुरुष भगवान श्री कृष्ण के चिन्मय रास विलास का श्रद्धा के साथ बार-बार श्रवण और वर्णन करता है,उसे भगवान के चरणों की परा भक्ति प्राप्त होती है और वह बहुत ही शीघ्र अपने हृदय के रोग व काम विकारों से छुटकारा पा जाता है. रास शब्द का मूल ‘रस’ है और रस स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ही हैं. श्रीमद्भागवत में रासलीला के पाँच अध्याय उसके पांच प्राण माने जाते हैं, इन अध्यायों में वंशी ध्वनि, गोपियों से वार्तालाप,वेणु गीत,राधा के साथ अंतर्ध्यान होकर पुनः प्रकट होना, जलकेलि और वन विहार का वर्णन है. महारास के समय श्रीकृष्ण की उम्र मात्र दस वर्ष की थी. रासलीला प्रसंग में कहीं भी काम प्रसंग का वर्णन नहीं है, किसी भी ग्रंथ में कृष्ण द्वारा गोपियों के गर्भाधान का कोई प्रसंग नहीं है किंतु आधुनिक समाज का तथाकथित संभ्रांत वर्ग ‘रासलीला’ शब्द को कामकला से जोड़कर गलत अर्थ में प्रयोग करता है.हिंदी सिनेमा के जरिए कुछ अधकचरे निर्माता,निर्देशक, लेखक और कलाकार भी ‘रासलीला’ शब्द की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं. सलमान खान की फिल्म का एक गीत है-
“इसक के नाम पर करते सभी अब रासलीला हैं
मैं करूँ तो साला कैरेक्टर ढ़ीला है….”
ऐसे विचारों को गीत संगीत में ढ़ालकर सिनेमा के माध्यम से करोड़ों व्यक्तियों तक पहुँचाने वाले जिम्मेदार लोग धर्मशास्त्रों को पढ़ने की जहमत नहीं उठाते, शब्दकोश भी देख लें तो कुछ हद तक अर्थ समझ में आ जाये,मगर आँखों पर बँधी व्यवसाय की पट्टी उन्हें ऐसा करने से रोकती है.
शब्द को ब्रह्म कहा गया है.उसे अलंकारों का गहना पहनाया जाता है.लक्षणा,व्यंजना के जरिये उसमें विशेष शक्ति और चमत्कार पैदा किया जाता है,लेकिन व्यवसायिकता के मोह में एक वर्ग ऐसा भी है जो अर्थ का अनर्थ करने पर तुला रहता है और शब्दों की गरिमा से खेलता रहता है.इस गीत में रासलीला का प्रयोग कुछ इस अंदाज में किया गया है मानो ‘रासलीला’ का संबंध भोग विलास से है.
जो लोग ईश्वरीय शक्ति में विश्वास नहीं रखते और राम,कृष्ण की लीलाओं को भी केवल मानवीय भाव एवं आदर्श की कसौटी पर कसना चाहते हैं, वे पहले ही धर्म विमुख हो जाते हैं.ईश्वरीय लीलाओं को मानवीय कसौटी पर नहीं कसा जा सकता. श्रीकृष्ण का हस्तिनापुर में विराट रूप दिखलाना,अर्जुन मोह के समय कुरुक्षेत्र के मैदान में विश्वरूप दिखलाना,अक्षय पात्र से साग का एक तिनका खा लेने से दुर्वासा समेत सभी ऋषियों का तृप्त हो जाना,द्रौपदी का वस्त्र बढ़ाना आदि कुछ ऐसे ही प्रसंग हैं.
एक और बात अक्सर कही जाती है कि श्री कृष्ण ने सोलह हजार कन्याओं के साथ विवाह क्यों किया؟ श्रीमद्भागवत के दसवें स्कंध के उनसठवें अध्याय में असुर भौमासुर की कैद से सोलह हजार कन्याओं को मुक्त कराने का प्रसंग वर्णित है. चूँकि ये कन्याएं बहुत दिनों तक भौमासुर की कैद में रह चुकी थीं, अतः कोई अन्य राजा इनसे विवाह के लिए राजी नहीं होता, दूसरी बात भगवान श्री कृष्ण को देखने के बाद उन राजकुमारियों ने मन ही मन स्वयं उन्हें अपने पति के रूप में वरण कर लिया था,अंतर्यामी श्री कृष्ण ने यह बात जान ली और उन्हें द्वारका ले जाकर एक ही मुहूर्त में अलग-अलग भवनों में प्रकट होकर शास्त्रोक्त विधि से पाणिग्रहण किया. क्या कोई साधारण मनुष्य ऐसा कर सकता है…؟
या तो श्रीकृष्ण के समस्त जीवन के प्रसंगों पर गंभीरता से विचार करिए या पूरी तरह से नास्तिकों की तरह कुछ मानिए ही मत,अपनी सुविधा के अनुसार किसी आदर्श चरित्र का मजाक मत उड़ाइए क्योंकि उसके साथ करोड़ो हिंदू समाज की आस्था जुड़ी हुई है जो हजारों साल की सभ्यता के साथ निरंतर चली आ रही है.

कैंसर को पैर फैलाने से रोक सकता है गाय का गोबर व गोमूत्र: विहिप

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संस, अमृतसर: गाय के गोबर और गोमूत्र से हम कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इस समय खेती में रासायनिक खाद को प्रयोग करने से कैंसर अपने पैर पसार रहा है। इसकी जगह गोबर का प्रयोग करते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। गोबर और गोमूत्र से हम पंजाब में पांव फैला रहे कैंसर के मरीजों की बढ़ रही संख्या को रोका जा सकता है। साथ ही यह रोजगार का जरिया बनने से नशे में फंसे लोगों को बेरोजगारी की समस्या से निजात जिला सकता है। शहर आए विश्व हिदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मंत्री एवं गो रक्षा विभाग के राष्ट्रीय संगठन मंत्री खेमचंद ने ये बातें दैनिक जागरण से बातचीत में कहीं – ” उन्होंने कहा कि उनका संगठन भारतीय नस्ल की देसी गाय को बचाने के लिए पूरे देश में अभियान चला रहा है। इसके अलावा किसानों व लोगों को घर-घर गाय रखने का संदेश दे रहे हैं। गाय को घर में रखने से हम अपनी जीविका भी कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती की जगह हमें जैविक खेती करनी चाहिए। हम बचपन से ही बच्चों को रासायनिक खाद से बनी वस्तुएं देकर उन्हें बीमारी की तरफ धकेल रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब गोबर को खरीदना शुरू कर दिया है, जिससे बायोगैस तथा खाद का निर्माण किया जा रहा है। जैविक खेती करने से हम कैंसर की बीमारी से बच सकते हैं। इस कार्य के साथ किसान कर्जमुक्त और आत्मनिर्भर बनेगा। स्वच्छ भारत के तहत वह लोगों को कुदरती मसाले, गोमूत्र गोबर को बनाने के लिए भी जागृत करते है, ताकि एलोपैथिक के मक्कड़जाल से लोग बच सकें। एक वर्ष में डेढ़ लाख हिदुओं को धर्म परिवर्तन के जाल से निकाला

खेमचंद ने कहा कि उनका संगठन इस समय धर्म परिवर्तन, लव जेहाद और अन्य कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागृत कर रहा है। एक वर्ष में करीब डेढ़ लाख हिदुओं को धर्म परिवर्तन के जाल में फंसने से बाहर निकाला है। वहीं करीब पांच हजार परिवारों जो धर्म परिवर्तन कर चुके थे, उनको वापस जोड़ा है। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण तेजी से और ऐसी नीति से किया जा रहा है ताकि मंदिर की मजबूती हजारों वर्षो तक रहे। मंदिर का निर्माण राम भक्तों के सहयोग से पूरा हो जाएगा। देसी गाय, पंजाब की साहीवाल नस्ल की गयान को बचाने का संदेश

विश्व हिदू परिषद व बजरंग दल के कार्यालय शिवाला बाग भाइयां के नजदीक भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद की एक बैठक हुई। इसमें विहिप के केंद्रीय मंत्री खेमचंद ने गो माता के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरातन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था गो पर आधारित कृषि पर निर्भर थी। इसलिए अब हमें अपने देश की देसी गाय पंजाब की साहीवाल तथा अन्य देसी गाय को बचाना चाहिए। इस अवसर पर प्रांत मंत्री विनय विशिष्ट, गौ रक्षा प्रमुख के जिला प्रमुख ऋषि खन्ना, जुगल चावला, हरदीप दुग्गल, अमित अबरोल, वरुण कुमार, अशोक ग्रोवर, अनिल शर्मा, सीमा शर्मा तथा अन्य सदस्य शामिल थे।

गाय को माता माना जाता है, आखिर क्‍यों ? गाय आपकी परेशानी को महसूस करती है और आपके कष्ट पर आंसू भी बहाती है – सद्गुरु

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गाय को भारत में मां की तरह पूजा जाता है। गाय के दूध के पोषण के अलावा भी इसके कई सारे कारण हैं – गाय में मानवीय भावनाएं होती हैं और आत्मा के विकास की प्रक्रिया में यह इंसानों के करीब है मानवता के इतिहास में भोजन कभी इतना व्यवस्थित नहीं रहा जितना कि आज है। आज हालत यह है कि अगर आपके पास पैसा है तो आप एक स्टोर में जाइए और साल भर की खाने की चीजें खरीद लीजिए। इस सामान को लेकर घर जाइए और आराम से रहिए।

फिर साल भर तक खाने का सामान खरीदने के लिए आपको घर से बाहर निकलने की कोई जरूरत नहीं। आज से 25-30 साल पहले तक ऐसा संभव नहीं था। हजारों सालों के मानव- इतिहास में भोजन हमेशा से एक महत्वपूर्ण मसला रहा है। अब जाकर हमारा ध्यान भोजन के अलावा दूसरी चीजों की ओर जा रहा है, क्योंकि खानपान की चीजें इतनी व्यवस्थित हो गई हैं कि साल भर हर समय ये उपलब्ध हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। गाय का दूध पवित्र है हर संस्कृति में, हर समाज में अकाल पडऩा सामान्य सी बात थी। हमारी संस्कृति में गावों में ऐसी मान्यता थी कि अगर आपके घर में गाय है तो अकाल की स्थिति में भी आपके बच्चे जीवित रहेंगे। सीधी सी बात थी कि अगर गाय नहीं है तो आपके बच्चे मर जाएंगे। जाहिर है, ऐसे में गाय मां के जैसी हो गई। जब हमारी मां हमें स्तनपान नहीं करा पाती थी और दूसरा भोजन हमें नहीं मिलता था तो गाय ही हमारे लिए मां की तरह होती थी। हम में से हर कोई किसी न किसी समय भोजन और पोषण के लिए गाय के दूध पर निर्भर रहा है। इसलिए गाय का दूध बहुत पवित्र बन गया, क्योंकि यह जीवन को पोषण देता है।

हर संस्कृति में, हर समाज में अकाल पडऩा सामान्य सी बात थी। हमारी संस्कृति में गावों में ऐसी मान्यता थी कि अगर आपके घर में गाय है तो अकाल की स्थिति में भी आपके बच्चे जीवित रहेंगे। अपने बच्चे को पिलाने के बाद जो भी दूध बचता है, गाय हमें उसे लेने की इजाजत दे देती है, ऐसा हम मानते हैं। लेकिन वह हमें इजाजत दे या न दे, हम उसका दूध ले ही लेते हैं क्योंकि उस दूध से हमारा पोषण होता है। गाय हमारे लिए दूसरी मां है। इसीलिए हमारी संस्कृति में गाय को पवित्र माना गया है। दूसरी वजह यह है कि गाय में काफी कुछ इंसानों जैसे भाव होते हैं। गाय एक ऐसा जानवर है, जो आपके दुख तकलीफ को समझती है। मान लीजिए आप परेशानी में हैं, गाय आपकी परेशानी को महसूस करती है और आपके कष्ट पर आंसू भी बहाती है। यही वजह है कि भारत में कहा जाता है कि आपको गाय की हत्या नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसके भाव बहुत कुछ इंसानों के भाव जैसे होते हैं।
गाय के साथ लोगों के बड़े गहरे संबंध रहे हैं। हालांकि आज ऐसा नहीं है। अधिकतर गायें डेरियों में हैं जहां लोग उन्हें दुहना और बस दुहना जानते हैं। वैसे गांवों में आज भी गाय के साथ लोगों के बड़े नजदीकी संबंध हैं और वो उसकी बड़े प्यार व जतन से देखभाल करते हैं।
गाय विकास की प्रक्रिया में इंसानों के पास है हमारी संस्कृति में गायों और सांपो को पवित्र माने जाने की एक और वजह भी है। आत्मा के विकास की प्रक्रिया में इन्हें जरूरी कदम माना गया हैं। आपको हमेशा बताया गया कि इन दोनों जानवरों को नहीं मारना चाहिए। अगर आपके मन में हर जीव के लिए इतनी दया हो तब तो और भी अच्छी बात है, लेकिन अगर आप जीव हत्या करते हैं तो कम से कम इन दो जानवरों की हत्या करने से तो आपको बचना ही चाहिए, क्योंकि इन दोनों में इंसान बनने की पूरी संभावना छिपी है। इन्हें मारना किसी इंसान की हत्या करने जैसा ही है। ये दोनों इंसान के इतने नजदीक हैं।

CM भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में किया बर्खास्त

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पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में अपने एक कैबिनेट मंत्री बर्खास्त कर दिया है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त किया और कहा है कि उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जीरो टॉलरेंस नीति है। विजय सिंगला पर अधिकारियों से ठेके पर 1 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगा है।
वीडियो जारी कर किया खुलासा
सीएम भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर इस मामले के बारे में बताया है। उन्होंने कहा, “अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि भगवंत मैं एक पैसे की भी बईमानी, रिश्वत खोरी या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके बाद मैने उन्हें वचन दिया था कि मैं पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन लूंगा। मेरे सामने एक मामला आया कि मेरी सरकार का एक मंत्री हर टेंडर के लिए 1 पर्सेन्ट कमीशन माँगता है। ये मामला केवल मुझे पता था, ये न मीडिया को पता था न ही विपक्ष को।”

मंत्री के खिलाफ लिया जाएगा एक्शन
उन्होंने आगे कहा कि “मैं चाहता तो इसे छुपा सकता था, लेकिन मेरे जमीर ने इसकी अनुमति नहीं दी। जिन लाखों लोगों ने मुझपर भरोसा किया उनका भरोसा भी बरकरार रखना था। उस मंत्री का नाम विजय सिंगला है जिनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया जाएगा। उन्होंने ये गुनाह स्वीकार भी किया है।”

भ्रष्टाचार के खिलाफ आप की जीरो टॉलरेंस नीति
भगवंत मान ने कहा, “मैं स्पष्ट करदेना चाहता हूँ कि आप की भ्रष्टाचार के खिलाफ आप की जीरो टॉलरेंस नीति है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

अपनी बात को स्पष्ट करते हुए सीएम भगवंत मान ने बाकी मंत्रियों को भी अपने एक्शन से चेताया है कि वो किसी भी तरह के गलत कदम से बचें अन्यथा उनके खिलाफ भी तुरंत एक्शन लिया जाएगा।

कांग्रेस की Task Force-2024 और पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी का ऐलान

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कांग्रेस की मजबूत वापसी के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार कोशिशों में जुटी हैं। पहले चिंतन शिविर और अब उस मंथन पर अमल की तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस की पॉलिटकल अफेयर्स कमिटी का गठन किया गया है। इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान रखत हुए टास्क फोर्स का भी ऐलान किया गया है। बता दें कि कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी में कुछ आठ सदस्यों को जगह दी गई है। कांग्रेस इस नई टीम में प्रियंका गांधी समेत बागी नेताओं को भी मौका दिया गया है। PAC में इन सदस्यों को मौका कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी में जिन आठ लोगों को शामिल किया गया है। उसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, गुलाम नबी आजाद, अम्बिका सोनी, दिग्विजय सिंह, आनन्द शर्मा, केसी वेणुगोपाल और जितेंद्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं।
क्या होगा PAC का काम
यह समूह महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों पर कांग्रेस का स्टैंड तय करने से लेकर त्वरित फैसले लेने के लिए बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी।

टास्क फोर्स में किसको मिली एंट्री
कांग्रेस का सबसे बड़ा फोकस आगामी लोकसभा चुनाव है। यही वजह है कि चिंतन शिविर के बाद पार्टी की ओर से एक खास टास्क फोर्स 2024 का ऐलान किया गया है। इस टीम में जिन सदस्यों को जगह मिली है उनमें- पी चिदम्बरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी, रणदीप सुरजेवाला, सुनील कनगोलु का नाम है।

राहुल-प्रियंका को अलग-अलग जिम्मेदारी
सोनिया गांधी ने कांग्रेस की मजबूत वापसी के लिए एक बार फिर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भरोसा दिखाया है। दोनों को अलग-अलग जिम्मेदारी भी दी है।
एक तरफ पीएसी में शामिल राहुल गांधी जहां पार्टी के अहम फैसलों में शामिल होंगे वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर नजर रखेंगी।

असंतुष्ट खेमे के नेताओं को भी मौका
सोनिया गांधी ने दोनों अहम कमिटियों में सिर्फ वरिष्ठ नेताओं को ही जगह दी है। खास बात यह है कि इस दोनों ही टीमों में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक जैसे असंतुष्ट टीम के नेताओं को भी मौका दिया गया है।

PK की जगह सुनील कनूगोलु ने ली
कांग्रेस में जहां चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एंट्री को लेकर विराम लग चुका है वहीं अब सोनिया गांधी ने टास्ट फोर्स 2024 में प्रशान्त किशोर की जगह चुनावी रणनीतिकार सुनील कनूगोलु को शामिल किया है।

बता दें कि सुनील कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। नई कमिटियों में सबसे मजबूत स्थिति वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की नजर आ रही है। उन्हें पीएसी में शामिल किए जाने के साथ ही भारत जोड़ो यात्रा की भी जिम्मेदारी मिली है।

शक्ति शाखा ने की गौ सेवा, दान किया पशु आहार

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मारवाड़ी युवा मंच शक्ति शाखा ने सोमवार को जीव दया गो सेवा कार्यक्रम के तहत मटकुरिया गोशाला पहुंच कर गाय की सेवा की। गोशाला को चोकर और 15 किलो गुड़ दान में दिया। इस मौके पर शाखा अध्यक्ष ज्योति पटवारी ने बताया कि गौ सेवा परम काम है।

गौ माता के चरणों में ही चारों धाम है। शक्ति शाखा ने इसके लिए एक अलग प्रकल्प ही तैयार कर रखा है, जिसके अंतर्गत शाखा सदस्यों को गौ सेवा का मौका मिले और समाज में भी गौ सेवा का सकाररात्मक संदेश जाए। कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष ज्योति पटवारी के साथ सचिव सीमा सांवरिया, कोषाध्यक्ष पायल खेतान, संस्थापक अध्यक्ष किरण रिटोलिया, मधु अग्रवाल, सुनीता जिंदल, सीमा लिटोरिया, नेहा केजरीवाल ने सक्रिय भूमिका निभायी।