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ऊंची आवाज में बोलने से किसानों और मछुआरों का हित नहीं हो सकता -केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला

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नई दिल्ली: लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान आज किसान क्रेडिट कार्ड पर सवाल-जवाब के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गरमा-गरमी देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने विपक्ष के सांसदों की बातों पर अपनी नाराजगी व्यक़्त करते हुए कहा कि -” ऊंची आवाज में बोलने से किसानों और मछुआरों का हित नहीं हो सकता। ये-ये करने से कुछ नहीं होता। देना पड़ता है। नरेंद्र मोदी ने दिया है।
-” अरे आप यूं-यूं ही करते रहे। 50 साल में दिया नहीं। दिया नरेंद्र मोदी ने। और उसपर आप सवाल करते रहतो हो। ऐसे-ऐसे हाथ करने से क्या होता है। ऐसे कुछ नहीं होता है। नरेंद्र मोदी ने दिया। अभी लोगों को देने की कोशिश चल रही है। अभी तो मिलने की शुरुआत हुई है। ये किसान क्रेडिट कार्ड किसानों का ये मिलाकर कर रहे हैं। ऊंची आवाज में बोलने से किसानों और मछुआरों का हित नहीं हो सकता। ये-ये करने से कुछ नहीं होता। देना पड़ता है। नरेंद्र मोदी ने दिया है। ” –

हर बार की तरह श्री रुपाला जब बोल रहे थे तो डीएमके के सांसद दयानिधि मारन, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले भी मंत्री से जोर-जोर से बोलते दिखे।

आज लोकसभा में किसान क्रेडिट कार्ड पर पूछे जा रहे थे सवाल प्रश्न काल के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर कुछ सवाल पूछ रही थीं, उनका ज़वाब देने के लिए श्री रुपाला उठे। इस दौरान विपक्षी सदस्य हमेशा की तरह टोका टोकी कर रहे थे।

विपक्षी सदस्यों के इस व्यवहार से आहत श्री रुपाला को गुस्सा आ गया और वो विपक्ष की तरफ हाथ उठाकर बोलने लगे -उन्होंने कहा कि – ” केसीसी को लेकर कन्फ्यूजन चल रहा है। केसीसी के बारे में सारे सांसदों और देशवासियों को बताना चाहता हूं, केसीसी किसानों के लिए था, वहीं पशुपालकों और मछुआरों को भी अब इसमें शामिल किया गया है। केसीसी का मकसद किसानों को 1.60 लाख रुपये तक का संस्थागत लोन देने का प्रावधान है। अब इसमें मछुआरों और पशुपालकों को भी शामिल किया गया है। हालांकि, अभी ये लागू नहीं हुआ है। उन्हें लोन देने की प्रक्रिया कुछ दिनों में चालू होगी।

– ” कभी किसान क्रेडिक कार्ड का कोई लोन कभी माफ नहीं होता है, जितनी मेरी जानकारी में है। किसी सरकार ने आजतक किसान क्रेडिक कार्ड पर लोन माफ किया है क्या?

– सदन में बहस के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

लोकसभा स्पीकर बोले, किसान क्रेडिट का लोन माफ नहीं होता

जब किसान क्रेडिट कार्ड पर सवाल जवाब चल रहा था तभी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कभी किसान क्रेडिक कार्ड का कोई लोन कभी माफ नहीं होता है, जितनी मेरी जानकारी में है। किसी सरकार ने आजतक किसान क्रेडिक कार्ड पर लोन माफ किया है क्या। मेरे सवाल का जवाब दीजिए।

निराश्रित गोवंश के समुचित व्यवस्थापन के लिए राज्य सरकार नियोजित प्रयास कर रही है : योगी

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-मुख्यमंत्री ने की बारिश और फसल बुआई की समीक्षा, कहा-सभी जिलों की 24 घंटे हो निगरानी

-बारिश के सटीक आंकलन को विकास खंड स्तर पर लगेंगे रेन गेज़ ताकि समय से मिले जानकारी

-15 जिलों में कम बारिश से बुआई पर असर, यहां के हालात पर रखें नजर : मुख्यमंत्री

-सीएम के निर्देश, कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि विभाग अलर्ट मोड में रहें

लखनऊ, 01 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां कहा कि राज्य में इस वर्ष कम बारिश के बावजूद स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का नुकसान नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि जिन जिलों में कम बारिश से बुआई पर असर पड़ा है, वहां के हालात पर नजर रखी जाए।

मुख्यमंत्री योगी आज बारिश और फसल की बुआई को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी जिलों में 24 घंटे निगरानी हो। साथ ही कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि विभागों को उन्होंने सदैव अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया।

समीक्षा बैठक में ये रहे मुख्यमंत्री के प्रमुख दिशा-निर्देश

● इस वर्ष 31 जुलाई तक प्रदेश में कुल 191.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 353.65 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 349.85 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है। इस बीच एकमात्र आगरा जनपद ऐसा रहा जहां सामान्य (120 प्रतिशत से अधिक) वर्षा हुई। इन परिस्थितियों के बीच सभी किसान भाइयों से संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। सरकार सभी किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए संकल्पित है। जरूरत के अनुसार किसानों को हर संभव सहायता दी जाएगी, एक भी किसान का नुक़सान नहीं होने देंगे।

◆ जनपद फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य (80 प्रतिशत से 120 प्रतिशत) और मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, अम्बेडकर नगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सामान्य से कम (60 प्रतिशत -80 प्रतिशत) वर्षा हुई है। प्रदेश में 30 जनपद ऐसे हैं जहां सामान्य से 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक ही वर्षा दर्ज की गई है। जबकि 19 जनपदों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है। हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।

◆ कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, कौशाम्बी, बलिया, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर जिले में सामान्य की तुलना में मात्र 40 प्रतिशत बरसात हुई है। इन जिलों पर विशेष ध्यान रखा जाए।

◆ उत्तर प्रदेश में आमतौर पर 15 जून तक बरसात का मौसम प्रारंभ हो जाता रहा है, जो कि 15 सितंबर तक जारी रहता है। खेती-किसानी की समृद्धि के लिए यह प्राकृतिक वर्षा अमृत है। इस बार मॉनसून सामान्य नहीं है। हालांकि प्राकृतिक वर्षा जल से सिंचाई के साथ-साथ सरकार द्वारा नहरों, नलकूपों के विस्तार से सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया गया है। रामपुर ऐसा जिला है सामान्य की तुलना में मात्र 18 प्रतिशत बरसात ही हुई लेकिन अब तक यहां 98 प्रतिशत फसल की बुआई हो चुकी है।

◆ सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है। खरीफ अभियान 2022-23 के अंतर्गत 13 जुलाई की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष आज 01 अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 84.8 प्रतिशत ही है। गत वर्ष इसी तिथि तक 91.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी।

● मौसम वैज्ञानिकों के आंकलन के अनुसार अगस्त और सितंबर में वर्षा की स्थिति सामान्य रहेगी। 15 जिले ऐसे हैं जहां लक्ष्य के सापेक्ष 75 प्रतिशत से कम बोआई हुई है। इनकी परिस्थिति पर सतत नजर रखी जाए।

◆ प्रदेश में बरसात और खरीफ फसल बुवाई की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट तत्काल भारत सरकार को भेजी जाए। एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में कृषि फसलों की मैपिंग कराकर फसल बुवाई का विवरण तैयार कराया जाए।

◆ हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि सम्बंधित विभाग अलर्ट मोड में रहें। प्रत्येक जनपद में कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों से सतत संवाद बनाये रखें। उन्हें सही जानकारी उपलब्ध हो।

◆ वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सरकार की अनेक नीतियां इसके आंकलन पर निर्भर करती हैं। वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज़ यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाए। अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। अगले चरण में इसे न्याय पंचायत स्तर पर विस्तार दिया जाने की तैयारी की जाए।

◆ मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित करता है। अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं। इस कार्य में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता भी ली जाए।

◆ आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली के विकास के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, ज्डक् से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। यहां से प्राप्त आकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।

◆ किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किया जाए। इसी प्रकार, फसल बुवाई की विस्तृत जानकारी के लिए डेटा बैंक तैयार किया जाए। किसान की उन्नति के लिए नीति-निर्धारण में यह डेटा बैंक उपयोगी सिद्ध होगा।

◆ बाढ़ व अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए। इन्हें विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाए।

◆ प्रदेश की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य तेलों की जरूरत के सापेक्ष दलहन का उत्पादन 40-45 फीसदी ही है। इसे मांग के अनुरूप उत्पादन तक लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ाना ही होगा। भारत सरकार भी इसके लिए सहयोग कर रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र में इसमें अपार संभावनाएं हैं।

◆ नदियों की ड्रेजिंग के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। इसे आगे भी जारी रखा जाए। नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए ड्रोन आदि नवीनतम तकनीक का प्रयोग करते हुए समय से कार्ययोजना बना लेनी चाहिए। चैनेलाइजेशन के काम और तेज करने की जरूरत है। नदियों की ड्रेजिंग से निकली उपखनिज बालू/सिल्ट की नीलामी में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए। बालू नीलामी के कार्य का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए।

◆ यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो। विंध्य और बुंदेलखंड में पेयजल की सुचारु आपूर्ति बनी रहे। पेयजल के लिए बवन विभाग वन्य जीवों के लिए तथा पशुपालन विभाग पशुओं के पेयजल की व्यवस्था बेहतर बनाये रखे। बरसात पर निर्भर जलाशयों में जल की उपलब्धता के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

◆ निराश्रित गोवंश के समुचित व्यवस्थापन के लिए राज्य सरकार नियोजित प्रयास कर रही है। वाराणसी में गोबरधन योजना आज गोपालकों के आय संवर्धन का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है, इसी प्रकार, बदायूं में गाय के गोबर से पेंट बनाने का अभिनव कार्य हो रहा है। हमें निराश्रित गोवंश के प्रबंधन का मॉडल तैयार करना होगा।

◆ प्रदेश के सभी निराश्रित गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्था का भौतिक परीक्षण कराया जाए। जॉइंट डायरेक्टर/एडिशनल डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को जिलों में भेजा जाए। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को।उपलब्ध कराएं।

◆ प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप जैव ईंधन यानी बायो फ़्यूल को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। प्रदेश में बायो फ्यूल की इकाई की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग प्राप्त होगा। ऐसे में बिना विलंब प्रदेश का प्रस्ताव भेज दिया जाए। मुख्य सचिव द्वारा इस दिशा में कार्यवाही अपेक्षित है।

गौ आश्रय और गौ संरक्षण केंद्रों के निरीक्षण के लिए सभी 18 मंडलों में अफसर नियुक्त

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लखनऊ: गौ आश्रय और गौ संरक्षण केंद्रों के निरीक्षण के लिए सभी 18 मंडलों में अफसर नियुक्त. गौ आश्रय और गौ संरक्षण केंद्रों के निरीक्षण के लिए सभी 18 मंडलों में अफसर नियुक्त. बाढ़-सूखा, गौ संरक्षण, पशुपालन समेत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करेंगे नोडल अफसर. प्रदेश के सभी 18 मंडलों पर वरिष्ठ अफसरों की तैनाती.

एमपी में भी गौ-मूत्र खरीदी योजना शुरू करने की मांग, कांग्रेस बोली- हमारी सरकार बनी तो लाएंगे योजना – भाजपा ने किया पलटवार

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भोपाल. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा हरेली पर्व के अवसर पर राज्य में गौ-मूत्र खरीदी योजना शुरु की है। इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी भूपेश मॉडल लागू करने की मांग उठने लगी है। ये मांग मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से उठाई जा रही है। मांग के जरिए शिवराज सरकार से गौ-मूत्र खरीदी योजना लागू करने को कहा गया है। साथ ही, कांग्रेस का ये भी कहना है कि, अगर हमारी सरकार आती है तो इस योजना को तत्काल ही मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाएगा।

इस संबंद् में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि, भूपेश बघेल और कमलनाथ असली गौ भक्त हैं। गोबर के बाद अब गोमूत्र भी भूपेश बघेल खरीद रहे हैं। सरकार में आए तो कमलनाथ भी गोमूत्र खरीदी योजना लागू करेंगे। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि, अपनी सरकार के दौरान कमलनाथ ने भी प्रदेश में सरकारी गौशाला बनाने की शुरुआत की थी।

कांग्रेस की मांग पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि, इनकी सरकार कल्पना में जीती है। आप देखो अगर वो सरकार में आते हैं, तो काल्पनिक प्रश्न है। आसमान अगर बिना खंबे से टिक आएंगे, अगर गिर गया तो सिर्फ़ काल्पनिक ही आश्वासन दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ नहीं। उन्होंने आगे कहा कि, जनता भी अब कांग्रेस के आश्वासनों को काल्पनिक ही मानने लगी है।

गोमूत्र के नाम पर कांग्रेसी सरकार को बेचेंगे करोडों लीटर पानी- बीजेपी

कांग्रेस की गौ-मूत्र खरीदी की मांग पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि, ये भ्रष्टाचार की योजना साबित होगी। भ्रष्टाचार का सूत्र गोमूत्र बनेगा। कांग्रेस ने कभी गौ भक्ति नहीं की है।

4 रुपए लीटर गौ-मूत्र खरीद रही भूपेश सरकार

आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ में 28 जुलाई को हरेली उत्सव से शुरू हुई गोमूत्र खरीदी सरकारी योजना के पहले दिन 2306 लीटर गोमूत्र खरीदा गया। ये भी बता दें कि, सबसे ज्यादा 307 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी कवर्धा में हुई है। बालोद जिले में पहले दिन 287 लीटर गोमूत्र और महासमुंद जिले में 184 लीटर गोमूत्र प्राप्त हुआ। राज्य में 4 रुपए लीटर की दर से गौ-मूत्र खरीदी की जा रही है। शुरुआत फिलहाल 63 गांवों के गौठानों से की गई है।

भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना द्वारा अटलांटिक में सैन्याभ्यास

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भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना द्वारा अटलांटिक में सैन्याभ्यास

New Delhi – अपनी सुदूर क्षेत्रीय तैनाती के दौरान आईएनएस तरकश ने 29 और 30 जुलाई, 2022 को उत्तरी अटलांटिक महासागर में फ्रांस की नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी सैन्याभ्यास (एमपीएक्स) किया।

तरकश और फ्रांसीसी फ्लीट टैंकर एफएनएस सौम के बीच समुद्र में तेल की आपूर्ति का अभ्यास किया गया। इसके बाद समुद्री टोही हवाई जहाज फॉल्कन 50 के साथ संयुक्त वायु अभियान का अभ्यास किया गया। इस दौरान वायु रक्षा अभ्यास और कृत्रिम मिसाइलों से युद्धाभ्यास किया गया।

सफल जमीनी और आसमानी अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मौजूद उच्चस्तरीय परिचालन, संचालन और पेशेवर कुशलता का परिचायक है।

जुलाई 2022 में 1,48,995 करोड़ रुपये का सकल जीएसटी राजस्व संकलित

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जुलाई 2022 में सकल जीएसटी राजस्व संकलन 1,48,995 करोड़ रुपये है, जिसमें जीएसटी 25,751 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,807 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 79,518 करोड़ रुपये है (इसमें आयातित माल पर 41,420 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 10,920 करोड़ रुपये (आयातित माल पर 995 करोड़ रुपये सहित) है। यह जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा सर्वाधिक राजस्व है।

सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी में 32,365 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 26,774 करोड़ रुपये समायोजित कर दिये हैं। जुलाई 2022 के मद्देनजर नियमित समायोजन के बाद केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के मद में 58,116 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के मद में 59,581 करोड़ रुपये है।

पिछले वर्ष इसी माह के 1,16,393 करोड़ के प्राप्त जीएसटी राजस्व की तुलना में इस बार का राजस्व 28 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष के इसी महिने में इन्हीं स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में जुलाई 2022 के दौरान, माल के आयात से प्राप्त होने वाला राजस्व 48 प्रतिशत अधिक तथा स्वदेशी लेने से प्राप्त होने वाला राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) 22 प्रतिशत अधिक है।

अब लगातार पांच महिनों से मासिक जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया। इस तरह हर महिने उसमें सतत बढ़ोतरी होती रही। पिछले वर्ष के इसी समय की तुलना में जुलाई 2022 तक जीएसटी राजस्व की बढ़ोतरी 35 प्रतिशत अधिक रही, जिससे पता चलता है कि उसमें तेजी कायम थी। इससे साफ पता चलता है कि परिषद ने पूर्व में बेहतर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के जो विभिन्न उपाय किये थे, यह उसी का परिणाम है। बेहतर तौर-तरीके के साथ आर्थिक बहाली का भी जीएसटी राजस्वों पर सकारात्मक प्रभाव पड़। जून 2022 के दौरान 7.45 करोड़ ई-वे बिल बनाये गये, जो मई 2022 की तुलना में थोड़ा सा अधिक हैं।

नीचे दी गई तालिका से वर्तमान वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्वों के रुझान का पता चलता है। तालिका में जुलाई 2021 की तुलना में जुलाई 2022 के दौरान हर राज्य द्वारा संकलित जीएसटी के राज्यवार आंकड़े दर्शाये गये हैं।

9 बिल्डर को 47 एकड़ जमीन बेच ₹1034 करोड़ बनाए -संजय राउत क्यों गिरफ्तार ?

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शिवसेना सांसद संजय राउत के कारण पात्रा चॉल केस लंबे समय से काफी चर्चा में बना हुआ है। 1034 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले मामले में राउत की गिरफ्तारी को देख लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये स्कैम था क्या और कब इसे अंजाम दिया गया था। इसके अलावा जो सबसे बड़ा सवाल है वो ये कि इस केस में संजय राउत की संलिप्ता कैसे है?

तो, आइए आज इन्हीं प्रश्नों के उत्तर जानते हैं और समझते हैं कि किस तरह निजी संस्था की धोखाधड़ी से इतना बड़ा घोटाला हुआ और उसमें गरीबों के सिर से छत छीन कर उसे अमीरों में दे दी गई।

पात्रा चॉल जमीन घोटाला क्या है?
इस घोटाले की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। तब, महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की 47 एकड़ जमीन पर 672 किराएदार रहते थे। इन्हीं 672 किराएदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल परियोजना के तहत चॉल के विकास का काम प्रवीण राउत की कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को सौंपा गया।

कॉन्ट्रैक्ट में कहा गया था कि 47 एकड़ पर जो बिल्डिंग बनेगी उसके 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करने होंगे। बाद में जो जमीन बचेगी उसे बेचने और विकसित करने के लिए भी अनुमति जरूरी होगी। अब चॉल विकास के कॉन्ट्रैक्ट में सब चीजें तय थीं। लेकिन घोटाले की शुरुआत तब हुई जब कंपनी ने न तो इस जगह का विकास किया और न किराएदारों को मकान दिए और न ही MHADA को फ्लैट हैंडओवर किए।

प्राइवेट कंपनी पर आरोप है कि उन्होंने 47 एकड़ जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट बनाने की बजाए उसे 9 अलग-अलग बिल्डरों को बेचा और खासा पैसा कमाया। जब म्हाडा को इसकी सूचना हुई तो उन्होंने 2018 में जाकर उनके विरुद्ध एफआईआर करवाई और केस अपराध विंग के पास गया। इसके बाद 2020 में प्रवीण राउत की गिरफ्तारी हुई और यही से शुरु हुआ संजय राउत का इस केस से कनेक्शन।

संजय राउत और पत्नी वर्षा राउत की भूमिका
संजय राउत और प्रवीण राउत एक दूसरे के करीबी हैं। प्रवीण घोटाला करने वाली कंपनी में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ डायरेक्टर थे। ये लोग पीएमसी बैंक घोटाले के भी आरोपित हैं। इसलिए 2020 में राउत की गिरफ्तारी के बाद जब कोर्ट से उन्हें जमानत मिली तो ईडी ने उन्हें दूसरे केस में पकड़े रखा। पूछताछ चलती रही। धीरे-धीरे सुजीत पाटकर का नाम सामने आया। ईडी ने पाटकर के ठिकाने पर छापा मारा तो कई दस्तावेज मिले।

ईडी की जाँच में सामने आया कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपए का लोन दिया था जोकि बैंक से पास नहीं हुआ। इन्हीं पैसों से संजय राउत की पत्नी ने दादर का फ्लैट खरीदा था।

अब ये लोन जाँच का कारण इसलिए थी क्योंकि ईडी अधिकारियों ने कुछ समय पहले बताया था कि 2010 में, प्रवीण राउत ने इक्विटी सेल और भूमि सौदों की आड़ में अपने बैंक खाते में 95 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे, हालाँकि कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर सकी और उनकी कोई कमाई नहीं हुई।

प्रवीण पर एजेंसी ने आरोप मढ़ा कि एचडीआईएल कंपनी से प्रवीण राउत के खाते में 100 करोड़ ट्रांस्फर किए गए। इसके बाद उसने ये पैसा अपने करीबियों व परिजनों के अकॉउंट में डाल दिया।वर्षा के पास जो रकम माधुरी के जरिए आई वो इसी अपराध से जुड़ी रकम थी। ईडी का आरोप ये भी था कि खिम बीच के पास जो 8 प्लॉट थे वो भी वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर के नाम पर थे। इन्हें ईडी अपनी पिछली कार्रवाई में जब्त कर चुकी है।

संजय राउत ने घोटाले की संलिप्ता से किया इनकार
बता दें कि संजय राउत अपने ऊपर लगे हर इल्जाम को झूठा बता रहे हैं। उनका कहना है कि वो किसी घोटाले में शामिल नहीं है। ईडी उनके विरुद्ध गलत जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है। अपने आप को बेगुनाह बताने के लिए राउत ने बालासाहेब की कसम भी खाई। उन्होंने कहा कि वो न तो खुद को सरेंडर करेंगे और न शिवसेना को छोड़ेंगे।

फिलहाल, राउत ईडी की गिरफ्त में हैं। आज उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाना है। यहाँ से उनकी हिरासत ईडी को दी जाएगी। कल करीबन 17 घंटे की पड़ताल के बाद राउत गिरफ्तार हुए थे।

दक्षिण एशिया के पत्रकारों का संगठन ‘सारा’ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद पर जीतु सोमपुरा की नियुक्ति

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दीव। समग्र दक्षिण एशिया के देशों के पत्रकारों के हित में विभिन्न कार्य करने के लिए स्थापित किये गए साउथ एशिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन (सारा) के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद पर पत्रकार जीतु सोमपुरा को नियुक्त किया गया है। इसकी घोषणा संस्था के अध्यक्ष डॉ. सीमा बेन पटेल ने एक समारोह में की थी।
दीव में विशेष पत्रकारों के सम्मान हेतू आयोजित पत्रकार रत्न एक्सेलेंस अवॉर्ड समारोह के अध्यक्ष पद पर दीव के मेयर हेमलता बेन सोलंकी तथा अतिथि विशेष पद पर पूर्व केबिनेट मंत्री धारासभ्य जवाहर भाई चावड़ा उपस्थित थे। इस अवसर पर सुख शांति समृद्धि धार्मिक पत्रिका के संपादक जीतु भाई सोमपुरा को पत्रकार रत्न अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया।
पत्रकारिता के इतिहास में धर्मक्षेत्र में सर्व प्रथम 65 साल के जीतु सोमपुरा ने विशेष योगदान दिया है।
18 साल से अधिक समय तक मुंबई के जन्मभूमि प्रवासी दैनिक में संतो और पाठकों के बिच धर्म सेतू के निर्माण में अनोखी भूमिका निभाकर समाज के समक्ष प्रेरणा का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया।
धार्मिक पत्रकारिता के साथ साथ 6 गुजराती फिल्म और टीवी सीरीयल का लेखन किया। एक फिल्म को गुजरात सरकार का श्रेष्ठ पटकथा लेखक का अवॉर्ड मिला।
फिल्म टीवी क्षेत्र को त्याग कर धार्मिक पत्रकारिता में संतो और पाठकों के बिच प्रेरणा सेतू के निर्माण में अपना योगदान देने पर ध्यान केंद्रित किया।
गुजराती चैनल गुर्जरी में धार्मिक कार्यक्रमों के प्रमुख पद से दिन रात की मेहनत की वजह से गुर्जरी चैनल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धर्म क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल की।
गुजराती गुर्जरी चैनल की पांच साल की सफलता से प्रेरणा लेकर आरंभ हुई हिंदी धार्मिक चैनल आस्था और संस्कार चैनल में विशेष योगदान दिया।
जीतु सोमपुरा जी की धर्मयात्रा में देश की प्रथम IPTV ज्ञान चैनल तथा ब्रह्माकुमारी की पीस ऑफ माइंड चैनल का भी समावेश है।
धार्मिक पत्रकारिता की यात्रा के दौरान उन्होंने गुजराती भजनों के 50 घंटे का वीडियो इतिहास तथा हिंदी में चार सौ से ज्यादा प्रेरणात्मक कार्यक्रमों का निर्माण किया है।
उन्होंने पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज की मुलाकात पर आधारित अक्षर संवाद पुस्तक समेत कुल 4 धार्मिक पुस्तक लिखे हैं।
वर्तमान में वे धार्मिक सुख शांति समृद्धि हिंदी पत्रिका के संपादक हैं। संतो के जीवन तथा आश्रमों द्वारा हो रही लोक सेवा पर आधारित लघु दस्तावेजी चलचित्रों का निर्माण करते रहते हैं।
अब तक पत्रकार जितु सोमपुरा को समग्र जीवनकाल के दौरान धार्मिक पत्रकारिता क्षेत्र में दिए हुए योगदान के लिए कुल पाँच अवॉर्ड मिले हैं।

यूपी लेखपाल परीक्षा में धांधली को लेकर STF की बड़ी कार्रवाई, अबतक 23 लोग गिरफ्तार

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UP News: यूपी में राजस्व लेखपाल मुख्य परीक्षा (Lekhpal Exam) में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर साल्वर बैठाने, ब्लूटूथ के जरिए नकल कराने और परीक्षा केंद्रों (Examination Center) की शुचिता भंग करने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें पेपर साल्वर, गैंग लीडरों और अभ्यर्थी शामिल हैं. इन्हें यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने लेखपाल परीक्षा में कथित पेपर लीक (Paper Leak) को लेकर सरकार पर हमला बोला है.

एसटीएफ को मिल गई थी पहले से जानकारी

बता दें कि यूपी में आज राजस्व लेखपाल परीक्षा आयोजित की जा रही है. वहीं गिरफ्तारी को लेकर एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया, ‘राज्य के 12 जनपदों में लेखपाल राजस्व मुख्य परीक्षा आयोजित कराई जा रही है. एसटीएफ को पहले से जानकारी मिली थी कि कुछ गैंग, साल्वर और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके अभ्यर्थियों को नकल कराने का प्रयास करेंगे.’ यूपी एसटीएफ ने बताया कि अलग-अलग स्थानों से कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इन नकल माफिया, अभ्यर्थियों की हुई गिरफ्तारी

एसटीएफ ने नकल माफिया, अभ्यर्थियों और साल्वर को गिरफ्तार किया है. ये साल्वर केवल यूपी के नहीं बल्कि बिहार से भी बुलाए गए थे. पुलिस ने नकल माफिया नरेंद्र कुमार पटेल, संदीप पटेल, विजयकांत पटेल, सहयोगी दिनेश कुमार यादव और सोनू कुमार को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि विजयकांत ने अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपये लिए थे और उन्हें बदले में ब्लूटूथ डिवाइस उपलब्ध कराई थी. वहीं पुलिस ने प्रयागराज से अभ्यर्थी दिनेश कुनार साह, वाराणसी से दिलीप गुप्ता, कानपुर से करण कुमार को गिरफ्तार किया जबकि पटना के रहने वाले साल्वर संजय कुमार यादव, मुरादाबाद से रविंद्र कुमार, मेरठ से मोहित और लखनऊ से साल्वर राजू कुमार को अरेस्ट किया है. पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत निवासी नीरज को भी गिरफ्तार किया है जिसपर साल्वर की व्यवस्था करने के आरोप हैं.

9 घंटे की पूछताछ के बाद हिरासत में लिए गए संजय राउत

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पात्रा चॉल जमीन से जुड़े 1034 करोड़ रुपए के घोटाले (Patra Chawl Land Scam) की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रविवार (31 जुलाई, 2022) को शिवसेना के सांसद नेता संजय राऊत (Sanjay Raut) को अपनी हिरासत में ले लिया है।

इससे पहले रविवार की सुबह ही छापेमारी करने के लिए ईडी के अधिकारी सुबह के सात बजे ही भांडुप स्थित उनके घर पहुँच गए थे। उसके बाद से ही जाँच एजेंसी लगातार कार्रवाई कर रही है। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 9 घंटे तक लगातार संजय राउत से पूछताछ की। उनके घर की तलाशी लेने के बाद जाँच एजेंसी ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया।

इससे पहले 27 जुलाई को जब ईडी ने राउत को तलब किया था तो उन्होंने संसद सत्र का हवाला देते हुए जाँच एजेंसी के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था। ED की कार्रवाई पर संजय राऊत ने कहा, “बाला साहेब की कसम मेरा इस मामले से कोई वास्ता नहीं है। हमने बाला साहेब ने लड़ना सिखाया है और हमारी लड़ाई जारी रहेगी। मैं शिवसेना नहीं छोड़ने वाला भले ही मेरे खिलाफ झूठे सबूतों के आधार पर झूठी कार्रवाई की जा रही है। भले मैं मर जाऊँ पर झुकने के लिए तैयार नहीं।”

पात्रा चॉल घोटाले में 5 अप्रैल 2022 को ED ने संजय राऊत और उनकी पत्नी वर्षा राऊत से जुड़ी 11 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पति कुर्क कर ली थी। ED ने उन्हें 28 जून को पेश होकर जवाब देने के लिए कहा गया था, पर वो उपस्थित नहीं हुए। तब उन्होंने खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी थी। राऊत को सबसे हालिया समन 27 जुलाई को भेजा गया था।

गौरतलब है कि ये वही संजय राउत हैं, जिनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो थिततौर पर मराठी फिल्मों की प्रोड्यूसर डॉ स्वप्ना पाटकर के साथ गाली-गलौच करते सुने गए। इस ऑडियो में जो पुरुष है, उसकी ओर से महिला को गंदी-गंदी गाली दी जा रही है। ऑडियो में औरत से बात करते हुए “स%$ली, मादरच&^द और बहन&^%” जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है।