Home Blog Page 202

गौ माता की सेवा करने में हरियाणा देश में सबसे अग्रणी राज्य है – मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

0

खरखौदा हेमंत कुमार)। रोहतक मार्ग पर स्थित सिसाना (Sisana) गांव में धर्मार्थ गौशाला के 121वा वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal) ने कहा कि गौ माता की सेवा करने में हरियाणा देश में सबसे अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि सिसाना में स्थापित गौशाला प्रदेश में सबसे बड़ी गौशाला है। इस गौशाला में लगभग 7 हजार गौ माता की सेवा की जाती है। गौशाला में गौ माता का रखरखाव पूरे प्रदेश की गौशालाओं से बेहतर व्यवस्था करने में समिति का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने से पहले प्रदेश में 215 गौशालाएं होती थी। परंतु जब से उनकी सरकार बनी है प्रदेश में तीन गुना 615 गौशालाओं का निर्माण हो चुका है। Manohar Lal

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों पर जितनी भी आवारा पशु घूम रहे हैं , उनकी देखभाल करने के लिए गौ सेवा आयोग की तरफ से एक समिति बनाकर सभी ग्राम पंचायत से जमीन लेकर उनके रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी । उन पर आने वाला सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार गौ माता सेवा के लिए हमेशा तैयार रहती है, इसीलिए गौशालाओं को देने वाली धनराशि 3 गुना तक बढ़ा दी गई है। इसलिए वित्त वर्ष के दौरान सिसाना गौशाला को 30 लाख रुपए का बजट पहले ही आवंटित किया जा चुका है इसके अलावा 30 लाख रुपए का बजट और सरकार द्वारा देने की घोषणा की इसके अलावा 11 लाख रुपए सांसद कोटे से व 10 लाख रुपए विधायक कोटे से देने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि गौ सेवा हमारे सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक है जिसका वर्णन इतिहास में भी मिलता है यही गौ माता का वर्णन भगवान श्री कृष्ण के समय में भी मिलता है जब से भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाने के समय में गौ माता का अभिषेक करवाया था और उसी दिन को गोपाष्टमी के दिन के रूप में पूजा जाता है। वर्तमान में प्रदेश की गौशालाओं में 35 हजार गोवंश है। इसीलिए सिसाना गौशाला ने 1000 अतिरिक्त बाहरी गोवंशाओ को रखने की सहमति दी है। इसके लिए यदि बाहरी गोवंश को गौशाला में रखा जाएगा तो उसके लिए विशेष रूप से ग्रांट सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने सोनीपत के सभी गौशालाओं से आग्रह किया की बाहरी गोवंशाओ को रखने के लिए एक समिति बनाएं जिसमें सरकार पूरी मदद करेगी। Manohar Lal

और उनके रखरखाव में जो खर्चा आएगा उसे सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में जो बिजली का बिल आता है वह ₹2 प्रति यूनिट के हिसाब से लिया जाता है जो कि पहले की सरकारों में आठ रूपए प्रति यूनिट होता था। उन्होंने कहा कि सिसाना -2 ग्राम पंचायत की ओर से 16 एकड़ जमीन गोचरण के लिए दी जाएगी ,जिसमें शैड व अन्य मूलभूत सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा 75 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी। इसके अलावा गोरक्षा के लिए एक अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिसाना गौशाला की स्थापना 1902 में पंडित हरनाथ ने की थी और 1978 में 61 गांव के पंचायत ने गौशाला को चलाने के लिए अपना योगदान दिया था।

आज इस योगदान के बदौलत गौशाला पूरे हरियाणा में प्रथम स्थान पर है। जिसमें रखरखाव की हर सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए गौशाला प्रबंधन समिति बधाई के पात्र है। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। सिसाना गौशाला के प्रधान रणदीप दहिया ने मुख्यमंत्री को पगड़ी बांधकर व स्मृति चिह‌्न गौ माता की मूर्ति देकर स्वागत किया। इस मौके पर विधायक मोहनलाल बडोली, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी वीरेंद्र, जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका दहिया, ब्लॉक अध्यक्ष सितेंद्र दहिया, सुमित्रा चौहान सतीश सेहरी, स्वामी दयानंद स्कूल के प्राचार्य संदीप दहिया, जिला उपायुक्त मनोज कुमार, उपमंडल अधिकारी अनमोल, बीडीपीओ दीपिका शर्मा, पंचायती राज एसडीओ वेद आदि व्यक्ति मौजूद रहे।

वरिष्ठ फिल्म पत्रकार काली दास पाण्डेय को मिला ‘महात्मा गांधी रत्न अवार्ड’

0

अंधेरी (वेस्ट) मुम्बई स्थित मेयर हॉल में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र की चर्चित संस्था कृष्णा चौहान फाउंडेशन (केसीएफ) के संस्थापक व संचालक डॉ कृष्णा चौहान के द्वारा आयोजित भव्य समारोह में भारतीय फिल्म जगत के मशहूर गायक उदित नारायण ने  वरिष्ठ फिल्म पत्रकार/अधिवक्ता काली दास पाण्डेय को महात्मा गांधी रत्न अवार्ड’ देकर सम्मानित किया। वरिष्ठ फिल्म पत्रकार काली दास पाण्डेय को यह अवार्ड फिल्म पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है।

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार पर संयुक्त कार्य समूह की 15वीं बैठक

0

New Delhi – भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार पर संयुक्त कार्य समूह (जेडबल्यूजी) की 15वीं बैठक 26 और 27 सितंबर, 2023 को ढाका, बांग्लादेश में आयोजित की गई थी। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव श्री विपुल बंसल और बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्रालय के अपर सचिव श्री नूर मोहम्मद महबुबुल हक ने की।

संयुक्त कार्य समूह की 15वीं बैठक में बंदरगाह प्रतिबंधों को हटाने, व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) की शुरु करने के लिए कार्यों, मानकों का सामंजस्य, मानकों की पारस्परिक मान्यता, बांग्लादेश को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, रेल और सड़क अवसंरचना का विकास, मल्टी-मॉडल परिवहन के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी जैसे कई द्विपक्षीय मुद्दों पर और भूमि सीमा शुल्क स्टेशन/एकीकृत जांच चौकियों, सीमा हाटों आदि में बुनियादी ढांचे के निर्माण/मजबूतीकरण पर चर्चा की गई।

दोनों देशों द्वारा गहरे आर्थिक संबंधों, क्षेत्रीय सहयोग और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि के साथ द्विपक्षीय बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। दोनों पक्षों ने दोहराया कि भविष्य में व्यापार संबंधों और आपसी समृद्धि में बड़ी संभावनाएँ हैं।

व्यापार पर भारत-बांग्लादेश संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठकों का आयोजन व्यापार से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने और दोनों देशों के बीच व्यापार के आर्थिक और तकनीकी सहयोग, प्रचार, सुविधा, विस्तार और विविधीकरण के अवसरों का पता लगाने के लिए वार्षिक आधार पर किया जाता है। इन बैठकों का आयोजन व्यापार बाधाओं को दूर करने, सीमा पार व्यापार को सुगम बनाने के लिए सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाने, बुनियादी ढांचे, रसद और पारगमन सुविधाओं में सुधार करके द्विपक्षीय मुद्दों के त्वरित समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत और बांग्लादेश  के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई व्यापार सुलभ उपाय किए गए हैं। भारत ने 17 मई 2022 के परिपत्र के माध्यम से किसी भी अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) पर सीमा शुल्क निकासी सुविधा के साथ, बंद कंटेनरों में रेल द्वारा बांग्लादेश से भारत में निर्यात की अनुमति दी है। बांग्लादेश ने चट्टोग्राम और मोंगला बंदरगाह (एसीएमपी) के उपयोग पर समझौते की सफलतापूर्वक शुरुआत और विभिन्न भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (एलसीएस) के माध्यम से व्यापार किए जाने वाले सामानों की संख्या में वृद्धि के बारे में जानकारी दी।

हिन्दुत्व में वृहद पितृत्व

0

आर.सूर्य कुमारी-

युग-युग बीतते चले जाते हैं, मगर धर्माभियान कभी नहीं जाता। यह धर्माभियान कभी हिंदू या आर्य धर्म के बैनर तले
चला। कभी ईसाई धर्म के बैनल तले चला तो कभी इस्लाम धर्म के बेनर तले।
आर्य धर्म विश्व का सबसे पुरातन धर्म है। इसकी सभ्यता संस्कृति सबसे पुरानी है और इस पुरातन धर्म की आत्मा में
इतनी शक्ति है कि यह पूरे विश्व के धर्मों को ललकार सकता है, अपने पितृत्व का दावा कर सकता है।

सिक्ख, बौद्ध, जैन जैसे धर्म खुद को एक स्वतंत्र धर्म मानते हैं, तो यह उनकी भ्रान्ति है। इतिहास की धारा में गोते
लगाने की क्षमता का अभाव है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि सिख, बौद्ध व जैन धर्म, हिंदू धर्म को मजबूत करने व
उसमें नए प्राणों का संचार करने के क्रम में ही सामने आए, मगर बदलती पीढिय़ों के नैतिक सोच के अभाव में ये बने
अल्पसंख्यक।

सिर्फ हिंदू धर्म से विघटित होकर स्वयंभू धर्म घोषित होने के बाद भी इतना सही है कि तमाम हिंदू धर्म के अंगों में
बहुत हद तक समान सभ्यता व संस्कृति है। नामकरण, स्वागत-परम्परा विवाह-प्रथा इन सबमें बहुत हद तक
समानता स्पष्ट दृष्टि गोचर है।

हिन्दुत्व ने कभी भी कोड़ा तलवार या मुंह मीठी छुरी बनकर अपने धर्म का प्रचार नहीं किया। भारत क्या विश्व भर के
इतिहासकार व विद्वान हिंदुत्व को विश्व धर्म का प्रणेता कहने में हिचक नहीं करते।

आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जो इस्लामिक आतंकवाद हैं, धर्म के अंधे प्रचार-प्रसार के लिए इस तरह गैर मुसलमानों
को जमीन पर ढहा रहे हैं कि मानों तूफान में तबाही का मंजर हो। यह आतंकवाद सुनामी व हुदहुद को भी पीछे छोड़ता
चला जा रहा है। उनके सामने अल्लाह, जन्नत, जहन्नुम कोई भी अवधारणा, काम नहीं करती। बस एक ही
अवधारणा काम करती है विश्व का इस्लामीकरण हो जाए। ऐसा करके पता नहीं कि वे किस अभीष्ट की सिद्धि कर
रहे हैं। पूरे विश्व में आतंकी मुसलमानों ने भयंकर रक्तपात शुरू कर दिया है। इसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।
विचारणीय प्रश्न है कि वे इंसानों की हत्या कर किस इंसानियत की रक्षा करने जा रहे हैं? अल्लाह की धारणा मन में
बैठाकर जो कर्म कर रहे हैं, वह कभी माफी योग्य नहीं होता। अल्लाह की इबादत करो तो सभी मजहबों का सम्मान
करो।
ईसाईयों के पास मार-काट के लिए तलवार नहीं है, मगर मुंह में शहद भरा रहता है, जब मुंह से बोली निकलती है तो
सीधे सामने वाले के मन से होते हुए अन्तर्मन तक पहुंच जाती है और सामने वाले की बोली निष्पक्ष या यथार्थ नहीं
होती वह वैसे मुंहों से निकलती है जो बिना हथियार के ही जंग जीत लेती है। नाटकीय अंदाज में सभाएं करना व भोली-
भाली जनता को बहलाना-फुसलाना, रोटी-कपड़ा-मकान-नौकरी का लालच देना ये ईसाई पादरियों के हथकंडे होते हैं।
यहां भी वही स्वर्ग नर्क, युद्ध-कर्म, अशुद्ध कर्म, मानवता इसे उनका कोई मतलब नहीं होता। कुल मिलाकर पता
नहीं चलता कि पूरे विश्व व भारत को ईसाई बनाकर वे क्या हासिल कर लेंगे?

सच पूछा जाए तो आर्यत्व और हिंदुत्व में जबरदस्त शक्ति है, मगर हिंदुत्व मानवता का पालन करता है सर्वधर्म
समभाव का द्योतक है। सामाजिक व धार्मिक समरसता में विश्वास करता है। और एक बात हिन्दुत्व ने जितने
उथल-पुथल देखे धर्मिक क्रांतियां व घटनाएं देखी किसी दूसरे धर्म ने नहीं। हिन्दुत्व पूरे विश्व के सभी धर्मों का अग्रदूत
है इसलिए उसमें पितृत्व है उसकी आत्मा में ममत्व है और इसी आत्मीयता को कमजोरी मानकर अन्य धर्म गलत
मानसिकता बनाए तो इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। (विभूति फीचर्स)

स्वास्थ्य  – महिलाओं की आम समस्या में से एक है – श्वेतप्रदर

0

महिलाओं की आम समस्या में से एक है – श्वेतप्रदर। कोई स्त्री इससे अनभिज्ञ हो, संभव नहीं। यूं तो प्रत्येक स्त्री में
सामान्यत: योनिगत स्त्राव गंधरहित व अल्प मात्रा में सदैव रहता ही है, पर इसकी अति मात्रा व दुर्गंधयुक्त होना ही
रोग का रुप धारण करता है। योनिद्वार से दुर्गंधयुक्त, मलिन, चिपचिपा, गाढ़ा मवाद भरा स्त्राव अनियमित रुप से
आना व जिसका प्रभाव स्त्री के स्वास्थ्य व सौंदर्य पर पडऩा ही श्वेतप्रदर कहलाता है। आज अनेक महिलाएं इस
तकलीफदेह समस्या से पीडि़त है, लज्जावश कई महिलाएं यह समस्या कह नहीं पाती जिसके भयंकर दुष्परिणाम
होते है। प्रचलित भाषा में इसे सफेद पानी या ल्युकोरिया कहते हैं। श्वेतप्रदर में कारणीभूत घटक इस प्रकार है यथा
प्रजनन अंगो को अस्वच्छ रखना, कुपोषण, व्यायाम का पूर्णत: अभाव, अंतस्त्रावी गं्रथियो का असंतुलन, जीर्ण रोग
की वजह से अव्यवस्थित जीवनशैली, तनावयुक्त रहना, मानसिक भावावेश, भय, क्रोध, वैवाहिक जीवन से असंतुष्ट,
गर्भाशय संबंधी रोग, गर्भाशय मुख पर सूजन, छाले होना, मासिक धर्म संबंधी रोग, अत्यंत रज:स्त्राव, बार-बार
गर्भपात होना, प्रजनन संबंधी संक्रमण के कारण, प्रजनन संबंधी अन्य व्याधि इसके अलावा एनीमिया, छोटी आयु में
गर्भवती होना, योनि में किसी प्रकार का चर्मरोग, कामुकता, अधिक गर्भनिरोधक गोलियॉं सेवन करना, कॉपर टी
इत्यादि गर्भनिरोधक का प्रयोग, बहुमूत्र, कब्ज, अधिक प्रसव होना इत्यादि अनेक कारण है जिससे श्वेतप्रदर होने
की संभावना है।

आयुर्वेद में योनिव्यापद् के अंतर्गत श्वेतप्रदर का वर्णन किया गया है। कारणों में अति स्निग्ध, तीक्ष्ण उष्ण,
मसालेदार आहार का सेवन, योगासन व व्यायाम का अभाव, संबंधित अंग की अस्वच्छता, दिन में सोना, गर्भाशय
संबंधी रोग, प्रसूतावस्था में आहार-विहार पर विशेष ध्यान न देना इत्यादि का समावेश किया गया है।
श्वेतप्रदर से ग्रस्त महिलाएं सदैव कमरदर्द की पीड़ा से परेशान रहती है, वेदनाशामक औषधियों से तात्कालिक लाभ
की प्राप्ति होती है, पर पुन: वैसी ही स्थिति हो जाती है। इसके अलावा पीठ के निचले हिस्से में दर्द, जांघो में अकडऩ,

उदरशूल, शिर:शूल, कब्जियत, हमेशा थकावट की प्रतीति, शरीर के प्रत्येक अंग में पीड़ा, चेहरा निस्तेज व झुर्रियां
होना, चक्कर आना, ऑखों के सामने अंधकार छाना, भोजन के प्रति अरुचि, अत्यंत दुर्बलता, बार-बार मूत्र की इच्छा,
किसी कार्य में मन नहीं लगना, योनिद्वार से चावल के मांड जैसा सफेद कुछ गाढ़ापन युक्त दुर्गंधित स्त्राव होना, बाल
झडऩा, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, ऑंखों के चारो ओर काले घेरे होना, थोड़ासा श्रम करने पर श्वास फूलना। किसी-किसी
महिला को मासिक धर्म के पहले व पश्चात तकलीफ होती है। रुग्णा का शरीर इतना कमजोर हो जाता है कि अन्य
रोग भी उसे घेर लेते हैं।

दुष्परिणाम: लगातार श्वेत प्रदर रहने पर गर्भाशय, मुख पर छाले हो जाते है । जिससे गर्भाशय मुख पर सूजन होकर
रुग्णा सदैव वेदना से त्रस्त रहती है । श्वेत प्रदर से पीडि़त रुग्णा में बॉंझपन भी पाया जाता है। यदि प्रसव हुआ तो
अक्सर बच्चा दुर्बल होता है।

चिकित्सा: कुछ चिकित्सक बाहरी साधनों से प्रदर के स्त्राव को रोक देते है, यह करना ऐसे ही हानिकारक होता है जैसे
गंदे गटर को जबरदस्ती रोक दिया जाये तो भीतर गंदगी भरी रह जायेगी तथा उसकी दुर्गंध किसी न किसी तरह बाहर
भी फैलेगी इसको जबरदस्ती बंद करने से डिंबग्रंथियो में सूजन, पेट तथा फेफड़ो के रोग, यकृत के रोग एवं मानसिक
व्याधियॉं उत्पन्न हो जायेगी। श्वेत प्रदर की समस्या से पीडि़त रुग्णा को सर्वप्रथम यौनांगों की स्वच्छता पर विशेष
ध्यान देना चाहिए इसके लिये पानी में बोरिक एसिड मिलाकर सफाई की जाती है।

ल्युकोरिया की चिकित्सा कारणानुसार ही करना चाहिए। स्त्री रोगों की चिकित्सा आयुर्वेद संहिताओं में फलदायी
बताई है। इसके अंतर्गत मुख्यत: औषधियां व पंचकर्म का समावेश होता है। ल्युकोरिया के कारणों में स्थानिक कारण
ही विशेष होते हैं, अत: स्थानिक शोधन व श्वेतप्रदर पर असर करने वाली औषधियां अधिक परिणाम देती है । अत:
पंचकर्म के उत्तरस्ति कर्म में प्रयुक्त औषधियां स्थानिक शोधन करती है तथा श्वेतप्रदर से भी मुक्ति मिल जाती है।

(विभूति फीचर्स)

ज्योतिष – यह है संतान प्राप्ति का सरल प्रयोग

0

 

पं. विशाल दयानंद शास्त्री –

विवाह पश्चात् सभी ग्रहस्थ दंपत्ति की यह चिर-अभिलाषा रहती है कि उनके यहां सुसंतति का जन्म हो। उन्हें सृजन
का सौभाग्य प्राप्त हो तथा सांसारिक जीवन में माता-पिता होने का गौरव प्राप्त हो।
आचार-शास्त्र के प्रणेता महाराज मनु ने भी संतान प्राप्ति की इच्छा को तीन नैसर्गिक इच्छाओं में से एक माना है तथा
संतान प्राप्ति को पूर्व जन्मों के कर्मों का सुफल माना है।

नि:संतान होना किसी दंपत्ति के लिये अपार मानसिक पीड़ा का कारण बन जाता है। होता यह है कि कई बार बात
बनते-बनते बिगड़ जाती है या कहें कि कश्ती किनारे पंहुचते-पंहुचते अटक जाती है। ऐसे में जरूरत होती है किसी
सहारे की। ईश्वर अनुग्रह, गुरु कृपा, तंत्र-मंत्र-यंत्र के प्रयोग, कोई अनुष्ठान या व्रत-उपवास ये ऐसे ही सहारे हैं जो
मंजिल के करीब पंहुची गाड़ी को धकेल कर मंजिल तक पंहुचा देते हैं। ऐसा ही एक अति सरल किन्तु आजमाया हुआ प्रयोग या टोटका कुछ इस तरह से हैं।

संतान प्राप्ति का प्रयोग- किसी बालक के पहली बार टूटे हुए दूध के दांत को लेकर, जो स्त्री इसे श्वेत वस्त्र में लपेट कर
बाईं भुजा से बांधती है उसे संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। मनोकामना पूर्ण होने तक प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व बाल-
कृष्ण का 15 मिनिट तक नियमित ध्यान अनिवार्य है। (विभूति फीचर्स)

प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया

0

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश आज स्वच्छता अभियान में हिस्सा ले रहा है, सभी ने स्वच्छता के लिए एक घंटा समर्पित किया है, जो देश के लिए एक उज्जवल भविष्य के निर्माण में मदद करेगा।

इस स्वच्छता अभियान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ अंकित बैयानपुरिया भी शामिल हुए। अंकित एक फिटनेस इन्फ्लुएंसर हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने एक्स पोस्ट पर एक वीडियो साझा किया जिसमें वह हमारे दैनिक जीवन में स्वच्छता और फिटनेस के महत्व के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनके दैनिक जीवन की दिनचर्या के बारे में भी बात की और अंकित के फिटनेस टिप्स के बारे में जाना।

प्रधानमंत्री ने एक एक्स पोस्ट में कहा:

“”आज, जैसा कि देश स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, अंकित बैयानपुरिया और मैंने भी वैसा ही किया! स्वच्छता के साथ, हमने फिटनेस और कल्याण के बारे में भी बात की। यह सब स्वच्छ और स्वस्थ भारत के लिए!

खूबसूरत त्वचा के स्मार्ट आइडियाज

0

फौजिया नसीम शाद – 

त्वचा पर मुंहासे, आंखों के नीचे डार्क सर्कल, झुर्रियां, झाइयां, ब्लैक हैड्स, शुष्क तो कभी तैलीय त्वचा जैसी समस्याएं जहां हमारी त्वचा को खराब कर खूबसूरती को ग्रहण लगाती है वहीं हमारे आत्मविश्वास को भी कम करती हैं। इसलिए बहुत आवश्यक है कि समय रहते ही हम अपनी त्वचा संबंधी समस्याओं का समाधान कर लें। यहां दिए गए स्मार्ट आइडियाज को अपनाकर आप भी अपनी त्वचा को खूबसूरत और आकर्षक बना सकती हैं। 

शुष्क त्वचा : एक अंडे की जर्दी में दो चम्मच जैतून का तेल मिक्स करके चेहरे पर सूखने तक लगाएं। इस पैक का प्रयोग शुष्क त्वचा की समस्या का समाधान कर उसे नरम, मुलायम और आकर्षक बनाता है। 

त्वचा की नमी : त्वचा को माइश्चराइज करने के लिए केले के पल्प में शहद और दही को मिक्स करके मिश्रण तैयार कर लें, इस मिश्रण को लगभग दस मिनट के लिए त्वचा पर लगाएं। 

त्वचा का पोषण : मसूर की दाल के पाउडर में शहद और गुलाब जल को मिक्स करके त्वचा पर लगभग पंद्रह मिनट के लिए लगाएं। सूखने पर हल्के हाथों से मलते हुए साफ कर लें। इसका प्रयोग त्वचा को पोषण देने के साथ रंगत में भी आश्चर्यजनक निखार लाता है।

निखरी रंगत : टमाटर के पल्प में पुदीने का रस मिक्स करके त्वचा पर लगभग पंद्रह मिनट के लिए लगाएं, इसके
प्रयोग से त्वचा की रंगत में आकर्षक निखार आता है।

मुंहासों युक्त त्वचा : पुदीने की ताजा पत्तियों को पीसकर उसमें खीरे और नींबू का रस समान मात्रा में मिक्स करके त्वचा पर लगभग पंद्रह मिनट तक लगाकर रखें, इसके प्रयोग से जहां मुंहासों की समस्या का समाधान होगा वहीं त्वचा भी दाग-धब्बों रहित हो जाएगी।

ब्लैक हैड्स : आलू और खीरे का रस समान मात्रा में मिलाकर आंखों के आसपास काटन की सहायता से लगभग दस मिनट तक लगाकर रखें, इसके प्रयोग से इस समस्या का समाधान होगा।

काले धब्बे : नींबू का रस खीरे के रस में मिक्स करके त्वचा पर लगभग दस मिनट के लिए लगा कर रखें, इसका प्रयोग त्वचा के काले धब्बों की समस्या का समाधान करता है। (विभूति फीचर्स)

अभिनेता सनी कौशल ने रिलीज़ किया अपना पहला हिप-हॉप सांग ‘झंडे’

0
अभिनेता सनी कौशल ने अपने पहले गाने ‘झंडे’ के साथ गायन क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा की। हिप-हॉप रैप होने के नाते, सनी कौशल ने न सिर्फ इस गीत को गाया है, बल्कि लिखा भी है और इसके लिए उन्होंने भार्ग काले के साथ मिलकर काम किया है जो झंडे के निर्माता हैं। यह गाना जबरदस्त रिस्पॉन्स के साथ सभी म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ‘
झंडे’ के बाद अब नए म्यूजिक नंबर की तैयारी में सनी कौशल लगे हैं। वर्क फ्रंट की बात करें तो सनी कौशल के पास कुछ बड़े बज़ट की इंटरेस्टिंग प्रोजेक्ट्स हैं जिसकी घोषणा बहुत जल्द ही की जायेगी।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय