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मुंबई के नंदनवन में “आचार्य तुलसी कर्तृत्व पुरस्कार 2023” से सम्मानित होंगी राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा

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मुम्बई। घोडबंदर रोड ठाणे स्थित नंदनवन परिसर में तेरापंथ महिला मंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जानकारी दी कि 7 अक्टूबर को राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रेखा शर्मा को “आचार्य श्री तुलसी कर्तृव्य पुरस्कार 2023” से सम्मानित किया जा रहा है।
तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में हर वर्ष प्रदान किया जाने वाला “आचार्य तुलसी कर्तृत्व पुरस्कार” इस वर्ष श्रीमती रेखा शर्मा को प्रदान किया जा रहा है जिससे अखिल भारतीय महिला मंडल गर्वित है। रेखा शर्मा को कोविड काल के दौरान उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यों एवं सेवाओं के लिए सम्मानित किया जा रहा है।
यह जानकारी नंदनवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती नीलम सेठिया, महामंत्री मधु देरासरिया सहित तमाम पदाधिकारियों ने दी।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सन 2003 में आचार्य तुलसी कर्तृत्व पुरस्कार की शुरुआत की गयी थी। यह पुरस्कार अध्यात्म, कला, विज्ञान, संस्कृति सुरक्षा, नारी जागरण एवं प्रशासनिक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले महिला संगठन या महिला को प्रदान किया जाता है, जो कि इस बार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रेखा शर्मा को प्रदान किया जायेगा।
आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा के सानिध्य में यह पुरस्कार मुंबई नंदनवन में 7 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीलम सेठिया की अध्यक्षता में अखिल भारतीय महिला मंडल के 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन “क्षितिज – असीम संभावनाओं के” में प्रदान किया जा रहा है। संस्था की महामंत्री श्रीमती मधु देरासरिया एवं पुरस्कार निर्देशिका डॉ. सूरज बराड़िया सहित प्रयोजक देवराज मूलचंद नाहर चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से मूलचंद नाहर के महिला पूरे देश से महिला मंडल की तमाम पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।

स्विस एज्युकेशन ग्रुप से करारनामे पर पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी प्रशिक्षण से राज्य में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर.. पुष्कर सिंह धामी

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देहरादून 4 अक्टूबर, गुरुवार, समग्र शिक्षा उत्तराखंड एवं स्विस एज्युकेशन समूह स्विट्जरलैंड के मध्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में महत्वपूर्ण करारनामा हुआ। राज्य सरकार की ओर से राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी जबकि स्विस एजुकेशन ग्रुप की ओर से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हीराज आर्टीनियर ने हस्ताक्षर किए।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में 9 वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के अवसर उत्पन्न करना है. !
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस करारनामें से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा जो निकट भविष्य में मिल का पत्थर साबित होगा. ! प्रशिक्षण पश्चात रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी! राज्य सरकार पर्यटन या साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने स्तर पर कार्य कर रही है.!राज्य धार्मिक व आध्यात्मिक मूल्यों की वृद्धि के साथ-साथ ईको टूरिज्म व वैलनेस को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है.! हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार को अनेकों प्रस्ताव भी प्राप्त हो रहे हैं.!
मुख्यमंत्री ने इस विशेष समझौते(करारनामें ) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अभय दास महाराज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विषय पर लगभग चार माह पूर्व अभयदास महाराज से उनकी वार्ता हुई थी.! मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्विदित है कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु व पर्यटक, तीर्थाटन हेतु इन धार्मिक स्थलों में आते हैं !इस हेतु मानसखंड मंदिर माला मिशन पर तीव्रता व गंभीरता से कार्य किया जा रहा है जिसमें प्रथम चरण में 16 मंदिरों को चिन्हित किया गया है !
अपने संबोधन में अभय दास महाराज ने प्रस्तुत करारनामा (एमओयू ) की आवश्यकता व उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आध्यात्मिक केंद्र है भविष्य में उत्तराखंड विदेश में भी आध्यात्मिक केंद्र खोलने की दिशा में कार्य करेगा, जिससे निश्चित ही रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी किंतु इसके लिए पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा देने हेतु हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र का शक्तिशाली होना आवश्यक है..!
सचिव विद्यालय शिक्षा श्री रवि नाथ रमन ने कहा कि इस करार से भविष्य में स्विस एजुकेशन ग्रुप फैकल्टी द्वारा न सिर्फ भारत में बल्कि स्विट्जरलैंड में भी इन स्कूली छात्र-छात्राओं को एक-एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा..!
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, स्विस एज्युकेशन ग्रुप के सूर्य प्रताप सिंह भाटी, अपर परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती भी उपस्थित थे।

बलिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई, DM के आदेश पर गौ-तस्कर की सम्पत्ति जब्त

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Ballia News : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में लागू अपराध मुक्त नीति के आलोक में अपराध व अपराधियों के विरुद्ध जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार व पुलिस अधीक्षक एस. आनन्द द्वारा चलाये जा रहे अभियान गो तस्करी में संलिप्त अभियुक्त की 03 लाख 35 हजार की सम्पत्ति को जब्त किया गया है।
फेफना पुलिस टीम ने एक पिकअप पर 8 गोवंशीय पशु के साथ अभियुक्त अफजल खान पुत्र एखलाख (निवासी बहेरी, थाना कोतवाली, बलिया) को पकड़ा था। वहीं अन्य भागने में सफल हो गये थे। फेफना पुलिस ने धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम बनाम अफजल खान पुत्र एकलाख (निवासी बहेरी, थाना कोतवाली, बलिया), सोहेल पुत्र मुनीम (निवासी जाम, थाना रसड़ा, बलिया), सद्दाम पुत्र हाफिज कुरैशी (निवासी उमरगंज, थाना कोतवाली, बलिया), चुन्नू खान उर्फ फिरोज खान पुत्र नईम खान (निवासी परमन्दापुर, थाना कोतवाली, बलिया) पंजीकृत किया था। विवेचना के क्रम में 29 अक्टूबर 2022 को अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 2/3 (1) उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के तहत फेफना पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया।
विवेचना प्रभारी निरीक्षक चितगड़ागांव रामसजन नागर द्वारा की जा रही थी। वाहन स्वामी अभियुक्त चुन्नू खान उर्फ फिरोज खान पुत्र नईम खान द्वारा अपने वाहन से गोवंश तस्करी में पैसा कमाने की बात स्वीकार किया गया। इसके आधार पर जिलाधिकारी बलिया द्वारा उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द व समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम 1986 की धारा 14 (1) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अभियुक्त की अवैध तरीके से अर्जित सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश दिया गया, जिस क्रम में बुधवार को प्रभारी निरीक्षक चितबड़ागांव रामसजन नागर धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम से संबंधित एक पिकअप यूपी 60टी 4944 व धारा 2/3(1) उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम से संबंधित एक सुपर स्पेलेण्डर बाइक यूपी 60एएल 6760 को नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर जब्त किया गया। जब्त पिकअप व बाइक की कुल अनुमानित कीमत लगभग 03 लाख 35 हजार है।

छत्तीसगढ़ – किसानों ने यूपी की तर्ज पर गौ-पालक योजना का प्रस्ताव रखा,इन प्रस्तावों पर मुहर

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छत्तीसगढ़ , खेती में मजदूरों की कमी बड़ी समस्या बनती जा रही है. इससे निपटने मनरेगा के मजदूरों को पंचायत से जोड़कर रोजगार सेंटर बनाया जाए. यहां से डिमांड पर किसानों को खेती के काम के लिए मजदूर उपलब्ध कराया जाए. इस तरह मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाना चाहिए. इससे किसानों की मजदूरों और सरकार की काम की समस्या खत्म हो जाएगी.

सिंचाई सुविधा: नदी और नालों में शुरूआत से लेकर आखिर तक तटीय गांवों में लिफ्ट सिस्टम तैयार कर बारिश का पानी सुरक्षित स्थलों में संरक्षित करने की व्यवस्था हो.

तैयार हो. इससे सिंचाई का रकबा बढ़ेगा वहीं ग्राउंड वाटर की समस्या भी खत्म हो जाएगी. अतिरिक्त फसल बीमा: पीएम फसल बीमा योजना में पैदावार की लिमिट 12 क्विंटल प्रति एकड़ है, जबकि सरकार 20 क्विंटल खरीदती है. इस तरह सरकार भी 20 क्विंटल उत्पादन मानती है. ऐसे में पीएम बीमा से छूटे उत्पाद के लिए प्रदेश स्तर पर अलग से बीमा योजना लागू किया जाना चाहिए.

अनाज बैंक: हर सहकारी समिति में अनाज बैंक की स्थापना कर यहां चना, गेहूं, अरहर जैसे उत्पादों को भंडारित कर रखने की सुविधा मुहैया कराया जाए. जमा अनाज पर गोल्ड लोन की तरह 70 फीसदी तक किसानों को लोन दिया जाना चाहिए. इससे किसान दाम ज्यादा होने पर उपज बेंच सकेंगे और नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

राज्य किसान आयोग: प्रदेश में किसान आयोग का गठन अब तक नहीं हुआ है. इससे चलते किसानों की आवाज सीधे सरकार तक पहुंचाने की कोई भी व्यवस्था नहीं है. किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए उचित मंच तैयार करने राज्य में राज्य किसान आयोग का गठन किया जाना चाहिए.

घुमंतु मवेशी: सड़कों पर आवारा मवेशियों से छुटकारा के लिए यूपी की तर्ज पर गो-पालक योजना लागू किया जाए. जिसके माध्यम से पशुपालकों को चारा व दूसरे खर्चों के लिए प्रति पशु 250 रुपए शासन की ओर से दिया जाए. उसके बाद पशु छोड़ने पर दंड की कार्राई हो.

कृषि उद्योग: ग्रामीण इंडस्ट्रीयल पार्कों में कृषि उत्पादों से तैयार प्रोडक्ट के लिए भी उद्योग स्थापित किए जाने चाहिए. इससे सीधे उत्पाद की बिक्री की तुलना में तैयार उपयोगी प्रोडक्ट से किसानों को ज्यादा लाभ मिलेगा. इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

अमानक खाद-बीज: अमानक खाद-बीज खेतों में खप जाता है, इसके बाद जांच की रिपोर्ट पहुंचती है. इससे बचने के लिए टेस्ट सर्टिफाइड खाद बीज की ही बिक्री का नियम बनाया जाना चाहिए. अमानक खाद बीज पर नुकसान की भरपाई का भी प्रावधान हो.

गौठान और बिजली: इसके अलावा महापंचायत में गौठान और बिजली सहित अन्य समस्याओं को लेकर भी प्रस्ताव पारित किए गए. किसानों ने गौठान योजना को पूरी तरह फ्लाप करार दिया वहीं कृषि उपयोग की बिजली में कटौती को भी अनुचित बताया.

राज्य में किसान आयोग के गठन और घुमंतु मवेशियों की समस्या से निपटने यूपी की तर्ज पर गौ-पालक योजना की मांग किसानों ने उठाई है. नगपुरा में किसान महापंचायत में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया. ये प्रस्ताव राजनीतिक दलों को भेजे जाएंगे. किसानों ने उनके प्रस्ताव पर अमल के लिए तैयार राजनीतिक दलों को सहयोग का फैसला भी किया गया. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनरतले यह महापंचायत आयोजित किया गया.महापंचात में आधा दर्जन से ज्यादा किसान संगठनों के प्रदेशभर के करीब 1500 किसान प्रतिनिधि शामिल हुए. महापंचायत में करीब दर्जनभर अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए.

डीपी वर्ल्ड, आईसीसी और सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को विस्तार देने की वैश्विक पहल के लिए मिलाया हाथ

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अनिल बेदाग, मुम्बई
मुंबई : स्मार्ट एंड-टू-एंड सप्लाई चेन लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनी डीपी वर्ल्ड ने क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और आईसीसी के साथ मिलकर नई पहल ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य दुनियाभर में क्रिकेट के विकास को गति देना है।
इस ग्लोबल मिशन के तहत डीपी वर्ल्ड अपने एंड-टू-एंड नेटवर्क और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स क्षमता का प्रयोग करते हुए दुनियाभर में आधारिक स्तर पर क्रिकेट क्लब्स को 50 पुनर्निर्मित शिपिंग कंटेनर उपलब्ध कराएगी। सभी कंटेनर जरूरी किट एवं इक्विपमेंट से लैस होंगे।
     2023 का 50 ओवर का मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक होने जा रहा है। वर्ल्ड कप की शुरुआत से ठीक पहले डीपी वर्ल्ड के ग्लोबल एंबेसडर सचिन तेंदुलकर ने एनएससीआई, मुंबई में पहले कंटेनर का अनावरण किया। 40 क्रिकेट किट के साथ डीपी वर्ल्ड के पहले कंटेनर को पालघर, महाराष्ट्र के चिखलिकर स्पोर्ट्स क्लब में रखा जाएगा। साथ ही अन्य 210 किट्स आचरेकर क्रिकेट एकेडमी और शिवाजी पार्क जिमखाना एकेडमी समेत कुछ अन्य एकेडमी के युवा क्रिकेटरों को दी जाएंगी।
प्रत्येक कंटेनर में विशेषरूप से तैयार 250 किट्स होंगी। इनमें क्रिकेट बैट, हेलमेट, ग्लव्स और पैड शामिल हैं। प्रत्येक कंटेनर का प्रयोग कई अलग-अलग तरह से किया जा सकेगा। ये कंटेनर पवेलियन के रूप में भी प्रयोग किए जा सकेंगे, जिनमें स्कोरबोर्ड, सन प्रोटेक्शन और बैठने की व्यवस्था होगी।
पहले कंटेनर के लॉन्च के मौके पर डीपी वर्ल्ड के ग्लोबल एंबेसडर सचिन तेंदुलकर ने कहा, “वैश्विक स्तर पर क्रिकेट का विस्तार करने के लिए डीपी वर्ल्ड के साथ साझेदारी की मुझे खुशी है। ज्यादातर युवा क्रिकेटर्स की तरह मैं भी अपने स्थानीय क्लब में खेलते हुए बड़ा हुआ हूं। मैं क्रिकेट के क्वालिटी इक्विपमेंट और किट के महत्व को समझता हूं।
आधारिक स्तर पर संचालित हो रहे ये क्रिकेट क्लब किसी भी देश में क्रिकेट की आधारशिला हैं। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में युवा क्रिकेटर्स को बढ़ावा देने की दिशा में डीपी वर्ल्ड की प्रतिबद्धता दिल को छू लेने वाली है।”
उन्होंने आगे कहा, “ये क्रिकेट कंटेनर नए उभरते क्रिकेटर्स को आराम करने और तैयार होने की जगह उपलब्ध कराएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह लड़कियों के लिए सुरक्षित व्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इन कंटेनर का प्रयोग चेंजिंग रूम के रूप में भी किया जा सकेगा। मैं इस पहल का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हूं। मैं भारत और दुनियाभर में नई पीढ़ी के क्रिकेटर्स को निखारने में इस पहल के प्रभाव को देखने के लिए आशान्वित हूं।”
पहले कंटेनर को स्थानीय आर्टिस्ट साधना प्रसाद ने डिजाइन किया है और इसके माध्यम से मास्टर ब्लास्टर सचिन के प्रति सम्मान व्यक्ति किया गया है। पहले 10 कंटेनर तेंदुलकर की विरासत से प्रेरित होंगे।
     अगले पांच साल में डीपी वर्ल्ड 75 देशों और छह महाद्वीपों में फैले अपने इंटरकनेक्टेड ग्लोबल नेटवर्क का लाभ लेते हुए बाकी के 49 कंटेनर्स को दुनियाभर के कुछ महत्वपूर्ण एवं स्ट्रेटजिक लोकेशंस पर पहुंचाएगा। इनमें से दो कंटेनर इसी वर्ल्ड कप के दौरान दे दिए जाएंगे। इसके बारे में जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
      डीपी वर्ल्ड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट – बिजनेस डेवलपमेंट, मिडल ईस्ट, नॉर्थ अफ्रीका एंड इंडिया सबकॉन्टिनेंट, केविन डीसूजा ने कहा, “भारत रत्न सचिन तेंदुलकर का डीपी वर्ल्ड परिवार में स्वागत करते हुए हमें गर्व हो रहा है।
सचिन करोड़ों सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में बहुत प्रेरक भूमिका निभाई है। युवाओं के रोल मॉडल के रूप में वह कठिन परिश्रम, प्रतिबद्धता, समर्पण और परफेक्शन के प्रतीक हैं। डीपी वर्ल्ड के प्रत्येक सदस्य की भी यही खूबियां हैं। हम भी अपने ग्राहकों और स्टेकहोल्डर्स के लिए व्यापार को सीमाओं से परे ले जाने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। हमें विश्वास है कि सचिन के साथ हमारी साझेदारी दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में सहायक होगी।
     स्मार्ट लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन के अग्रणी ग्लोबल प्रोवाइडर के रूप में हम वह बदलाव लाना चाहते हैं, जो सभी के लिए संभव हैं और हमें विश्वास है कि यह नई पहल भारत एवं दुनिया के अन्य देशों में युवाओं के लिए क्रिकेट की संभावनाएं बढ़ाने में भूमिका निभाएगी।”
बियॉन्ड बाउंड्रीज पहल को आईसीसी ब्रॉडकास्ट के माध्यम से पूरे टूर्नामेंट के दौरान नया आयाम दिया जाएगा। ग्राफिक के माध्यम से बताया जाएगा कि कैसे प्रत्येक मैच में प्रत्येक 100 रन के स्कोर पर 10 किट प्रदान की जाएंगी। सभी किट डोनेशन 2023 में लॉन्च किए जाने वाले कंटेनर के माध्यम से की जाएगी।

गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस ने ब्रांड एंबेसडर आयुष्मान खुराना के साथ लॉन्च किया ‘देश की तिजोरी’अभियान

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अनिल बेदाग, मुंबई 
मुंबई : भारतीय ‘तिजोरी’ के पर्याय – गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस ने आज बॉलीवुड स्टार और ब्रांड एंबेसडर आयुष्मान खुराना के साथ अपने नवीनतम अभियान ‘देश की तिजोरी’ की शुरुआत की है। गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस गोदरेज ग्रुप की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस की एक व्यावसायिक इकाई है, जो अपने प्लेटफॉर्म सिक्योर 4.0 के माध्यम से इनोवेशंस और नई तकनीक पर आधारित सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
    ‘देश की तिजोरी’ कैम्पेन बताता है कि 1902 में गोदरेज द्वारा भारत में निर्मित पहले लॉकर से लेकर नवीनतम डिजिटल लॉकर तक, यह प्रॉडक्ट भारत के घरों में सबसे अलग पहचान रखता है। गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हैड, पुष्कर गोखले ने बताया कि आज के बदलते माहौल में ज्यादातर लोग अपने घरों की खूबसूरती को भी प्राथमिकता देते हैं और उसके अनुरूप ही कोई प्रॉडक्ट चुनते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें किसी भी अनहोनी के घटने से पहले ही सचेत रहने और अपने घर की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व के बारे में बताना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, जैसे-जैसे स्मार्ट घरेलू उपकरणों का चलन बढ़ता जा रहा है, यह भी जरूरी है कि घरेलू सुरक्षा ब्रांड भी स्मार्ट होम तकनीक से लैस हों, क्योंकि आज उपभोक्ता नवीन तकनीक से सुसज्जित सॉल्यूशंस का विकल्प चुन रहे हैं।
     वैन के अंदर डिज़ाइन किए गए स्मार्ट होम में घरेलू सुरक्षा लॉकर, वीडियो डोर फोन से लेकर घरेलू सुरक्षा कैमरे और सीसीटीवी कैमरों जैसे स्मार्ट होम सुरक्षा प्रॉडक्ट्स की एक विस्तृत रेंज प्रदर्शित की गई है। वैन के अंदर का स्मार्ट होम एक ऐसी शक्तिशाली पहल के बारे में भी जानकारी देता है, जिसका उद्देश्य घर के मालिकों को स्मार्ट घरेलू सुरक्षा समाधान अपनाने और घर की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करना और मार्गदर्शन करना है।
     गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हैड श्री पुष्कर गोखले ने कहा, ‘‘गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस ने एक ऐसे ब्रांड के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है, जिसने न केवल भारतीय घरों को सुरक्षित करने की दिशा में लगातार काम किया है, बल्कि बैंकिंग, ज्वैलरी, हॉस्पिटेलिटी और अन्य कई प्रमुख क्षेत्रों की सुरक्षा में भी योगदान दिया है। आज हमें इस बात की खुशी है कि हमारे नए और इनोवेटिव प्रॉडक्ट्स को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। ये ऐसे प्रॉडक्ट्स हैं, जिन्हें हम सिक्योर 4.0 के तहत जारी कर रहे हैं।’’
    भारत के सबसे प्रतिष्ठित ब्रांडों में से एक के रूप में, ‘देश की तिजोरी’ कैम्पेन के पीछे की सोच एक ऐसे उत्पाद को प्रदर्शित करना था जिस पर लोगों ने कई दशकों से भरोसा किया है। यह प्रॉडक्ट एक  ऐसी श्रेणी का है, जो लगातार बढ़ते खतरों के बीच बेहद जरूरी हो जाता है।
     श्री गोखले ने आगे कहा, ‘‘इस पहल के एक हिस्से के रूप में हमने विशेष रूप से हमारे घरेलू सुरक्षा उपकरणों को दर्शाने के लिए चार वैन डिजाइन की हैं और ये वैन मुंबई से शुरू करते हुए पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण की यात्रा शुरू करेंगी। हमारा लक्ष्य 100 दिनों से भी कम समय में भारत के 100 शहरों को कवर करना और घरों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना और अपने ग्राहकों को सही निर्णय लेने में मदद करना है।’’
      उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बेहद खुशी है कि हमारे ब्रांड एंबेसडर आयुष्मान आज यहां हमारे साथ हैं। आखिर वे भी भारतीय घरों को अधिक सुरक्षित बनाने और इस दिशा में निवेश करने के बारे में हमारी तरह ही सोचते हैं।’’
      बॉलीवुड स्टार और गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस के ब्रांड एंबेसडर आयुष्मान खुराना ने इस अवसर पर कहा, ‘‘एक ऐसे शख्स के रूप में जो बहुत यात्रा करता है और घर के बाहर इतना समय बिताता है, मैं अपने घर और उसके आसपास की सुरक्षा के महत्व को पूरी तरह से समझता हूं। कई भारतीयों की तरह, मैं भी अपने घर में किसी न किसी रूप में गोदरेज के साथ बड़ा हुआ हूं और गोदरेज सिक्योरिटी सॉल्यूशंस के साथ जुड़ना वास्तव में मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। इस मौके पर मुझे एक पुरानी तिजोरी याद आती है जो मेरे परिवार के पास थी और इसे घर में कीमती सामान सुरक्षित रखने के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। लेकिन आज चूँकि मैं ऐसे प्रॉडक्ट पर भरोसा करना चाहता हूं, जो टैक्नीकल लिहाज से ज्यादा बेहतर और डिजिटल रूप से भी अच्छा हो, तो ऐसी स्थिति में मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अभी भी अपने ‘मन की शांति’ के लिए गोदरेज तिजोरी पर भरोसा कर सकता हूँ,। इसमें बायोमेट्रिक स्कैनर के साथ एक बहुत अच्छा डिजिटल लॉकर भी है। आज का अभियान बिल्कुल इसी बारे में है, कि तिजोरी या गोदरेज होम लॉकर लगातार विकसित हो रहा है।

वी-गार्ड ने पेश किया ‘इनसाइट-जी’-एक प्रीमियम, स्लिम बीएलडीसी पंखा

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अनिल बेदाग, मुंबई 
मुंबई : भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनी, वी-गार्ड ने अपने प्रीमियम बीएलडीसी हाई-स्पीड पंखे, इंसाइट-जी को पेश किया।
इंसाइट-जी बीएलडीसी पंखा सुंदरता और कुशलता का एक बहुत ही जबरदस्त मेल है। यह स्लिम मार्वल 12 विविध रंगों में उपलब्ध है, जो निरंतर विकसित हो रही उपभोक्ता की पसंद के अनुसार इंटीरियर डेकोरेशन के लिए अनुकूल है। इसके अलावा, इसे 5 साल की वारंटी और 5-स्टार रेटिंग भी मिलती है। इनसाइट जी फैन केवल 35 वॉट बिजली की खपत करते है, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में सालाना लगभग 1518/- रुपये तक की बचत होती है| (वास्तविक बचत उपयोग पैटर्न और लागू बिजली दरों पर निर्भर करती है) इसे 2.25 लाख वर्ग फुट से अधिक जगह में फैले वी-गार्ड की अत्याधुनिक रूड़की फैसिलिटी में तैयार किया गया है, जो गुणवत्ता और नवाचार के प्रति वी-गार्ड के समर्पण का एक उत्तम उदाहरण है।
      अन्य उल्लेखनीय विशेषताओं में 370 आरपीएम की एक हाई-स्पीड मोटर, आसानी से सफाई करने के लिए एक प्रभावी धूल प्रतिरोधी कोटिंग, सर्दियों के लिए रिवर्स मोड ऑपरेशन, एक सहज यूजर इंटरफ़ेस और टाइमर विकल्पों के साथ, एक उपयोगकर्ता-अनुकूल रिमोट कंट्रोल शामिल हैं। इस पंखे में बूस्ट मोड, ब्रीज मोड, स्लीप मोड, स्टैंडर्ड मोड, और कस्टम मोड जैसे कई ऑपरेशन मोड भी दिए गये हैं, जिससे यह उत्पाद सबसे अलग बन जाता है।
     अत्यधिक विशिष्ट और नवीनतम तकनीक से तैयार किए गए इस पंखे को मुंबई के जियो सेंटर में आयोजित एक शानदार समारोह में लॉन्च किया गया। वी-गार्ड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक और सीओओ, श्री रामचंद्रन वी ने बताया, “यह सिर्फ एक पंखा नहीं है, यह एक लाइफस्टाइल अपग्रेड है, जो आराम, सुंदरता और नवीनता को एक साथ समाहित करता है। इनसाइट जी को हमारे रूड़की, हरिद्वार स्थित अत्याधुनिक कारखाने पूरी बारिकी से बनाया गया है। यह भारतीय घरों को सजाने के लिए शानदार डिजाईन के साथ नवीनतम प्रौद्योगिकी प्रदान करता है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम इसके और स्मार्ट वेरिएंट पेश करेंगे, जो अगली पीढ़ी के उपभोक्ताओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करेगा।” इनसाइट जी, वी-गार्ड की ओर से बीएलडीसी सेगमेंट में एक मजबूत बयान का प्रतीक है, जो नवाचार और हरित ग्रह के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
 वी-गार्ड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के विषय में:
वी-गार्ड इंडस्ट्रीज लिमिटेड कोच्चि में स्थित भारत की अग्रणी उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है। एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध इकाई वाली इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 4126 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया और 32 शाखाओं और 50,000 से अधिक चैनल भागीदारों के साथ देश भर में मौजूद है। 1977 में श्री कोचहाउसफ चित्तिलापिल्ली द्वारा वोल्टेज स्टेबलाइजर के निर्माण और विपणन करने के लिए इसे स्थापित किया गया था, जो अब भारतीय इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स परिदृश्य में एक ताकत बन गया है। कंपनी ने पिछले 46 वर्षों में एक मजबूत ब्रांड नाम स्थापित किया है और वोल्टेज स्टेबलाइजर्स, इन्वर्टर और इन्वर्टर बैटरी, इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, सोलर वॉटर हीटर, पंप और मोटर्स, घरेलू स्विचगियर्स, वायर्स और केबल, पंखे, मॉड्यूलर स्विच, एयर कूलर और रसोई उपकरणों के पोर्टफोलियो के साथ एक मल्टी-प्रोडक्ट कंपनी के रूप में तेज़ी से विविधता लाई है। वी-गार्ड ने न केवल भारत में कई श्रेणियों में मार्केट लीडरशिप का नेतृत्व किया है, बल्कि कई ‘इंडस्ट्री-फर्स्ट’ स्मार्ट उत्पादों को लॉन्च करके उत्पाद लीडरशिप का भी नेतृत्व किया है, जिसमें इंटेलिजेंट और स्मार्ट वॉटर हीटर, स्मार्ट इनवर्टर, स्मार्ट पंखे, एलईडी लाइट्स, और विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में कई अन्य नवीन और सुंदर डिज़ाइन शामिल है।

युगांडा एयरलाइंस ने एंटेबे-मुंबई फ्लाइट के लॉन्‍च के साथ भारत में अपना परिचालन शुरू किया

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अनिल बेदाग, मुंबई 
मुंबई : युगांडा एयरलाइंस ने आज मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और युगांडा के एंटेबे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच अपनी नई डायरेक्ट सर्विस के लॉन्‍च के साथ भारत में अपना परिचालन शुरू करने की घोषणा की। यह सेवा 7 अक्टूबर से शुरू होगी। दोनों शहरों के बीच हफ्ते में तीन दिन यह विमान सेवा संचालित की जाएगी। कंपनी अपनी एयरबस ए330-800 नियो एयरक्राफ्ट पर सीधी सेवा की पेशकश करेगी। इस सेवा में तीन श्रेणियों में यात्रा करने की सुविधा यात्रियों को मिलेगी। इसमें बिजनेस क्लास में 20 सीटें, प्रीमियम इकोनॉमी क्लास में 28 और इकोनॉमी क्लास में 210 सीटें होंगी। 50 से भी ज्यादा सालों में दोनों देशों के उड्डयन संबंधों में इस तरह का उत्साहजनक विकास पहली बार होगा कि जब भारत और युगांडा नॉन-स्टॉप विमान सेवा से आपस में जुड़ेंगे।
    यह रूट युगांडा एयरलाइंस की सर्विस का अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर विस्तार करेगा। कंपनी के तेजी से फैलते नेटवर्क में इस नई विमान सेवा के जुड़ने से यात्रियों को दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वी अफ्रीका की यात्रा करने का सुविधाजनक अवसर मिलेगा। इस डायरेक्ट सर्विस की अवधि एक दिशा में करीब साढ़े पांच घंटे होगी। इससे बिजनेस, परिवार से मिलने और घूमने-फिरने के लिए दोनों देशों के यात्रियों को बेमिसाल सुविधा मिलेगी।
     चीफ कमर्शल अफसर श्री एडेदायो ओलावुयी ने कहा, “हम इसे लॉन्च करने के लिए काफी उत्साहित हैं। हमारे नेटवर्क में शामिल हुई ये नई उड़ान सेवा युगांडा एयरलाइंस के अपने यात्रियों के लिए यात्रा संबंधी विकल्पों के विस्तार की पुष्टि करती है। हम उम्मीद करते हैं कि यात्रियों को सुविधा देने के अलावा यह रूट भारत और युगांडा के एक दशक से भी लंबे समय से चले आ रहे कारोबारी और वाणिज्यिक संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।“
     युगांडा के माननीय राजदूत एच.ई. मधुसुदून अग्रवाल ने कहा, “2017 से ही मैंने मुंबई और एंटेबे के बीच सीधी फ्लाइट के सपने को साकार करने के लिए बिना रुके और बिना थके मेहनत की है। मेरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगी। मैं अपने सपने को पूरा होते देखकर बेहद उत्साहित हूं।”

बुंदेलखंड के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होगी केन-बेतवा लिंक परियोजना

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 विष्णु दत्त शर्मा- 

बुंदेलखंड की दो दशक पुरानी आस अब पूरी हो रही है। 18 साल से लंबित केन-बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ क्षेत्र की प्यास के बुझने के साथ ही जीवन बदलने का ऐतिहासिक पड़ाव भी है। चार दशक से बुंदेलखंड की जनता को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था,वह दिन  अब आ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी ने देश में 37 नदियों को आपस में जोड़कर जल संकट को दूर करने का बीड़ा उठाया था, उसमें केन-बेतवा लिंक परियोजना भी थी, उसे अब  मूर्त रूप मिल गया है। यह भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना है। इसको अंतर्राज्यीय नदी हस्तांतरण मिशन के लिये एक मॉडल योजना के रूप में माना जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से अटल जी के बाद की यूपीए सरकार ने इसमें रुचि नहीं दिखायी। हालांकि बुन्देलखंड की दुर्दशा पर राजनीतिक रोटियाँ जरुर सेकीं।  अटल जी ने नदियों को जोड़ने की जो परिकल्पना की थी, उनमें से केन-बेतवा पहला लक्ष्य था। देश में जल के संकट से सर्वाधिक प्रभावित बुन्देलखंड का ही क्षेत्र था, जिसका निदान मानवता की माँग थी।
स्वाधीन भारत में सर्वाधिक राजनीतिक रोटियाँ बुंदेलखंड के पिछड़ेपन पर ही सेकी गईं। राजनीतिक पर्यटकों ने इसकी दुर्दशा की तस्वीरों को देश-विदेश में भी खूब प्रचारित किया, लेकिन जिनके हाथों में सात दशक तक इसके तकदीर की चाभी थी, उन्होंने उससे हर बार छल किया और बुंदेलखंड की दशा जस की तस बनी रही। जिस बुंदेलखंड की वीरता की गाथाएँ साहस देती हैं, वही बुंदेलखंड पानी के समर में कई दशकों से मात खाता रहा। उजड़ते गाँव और पलायन बुंदेलखंड की त्रासदी का वृतांत बताते हैं। बुंदेलखंड की जनता के जीवन में हर दिन अंधकार और अधिक घना होता गया और सपनों के सौदागर उन्हें सब्जबाग दिखाते रहे। कड़वा सच है कि विगत दशकों में बुन्देलखंड से करोड़ों लोग पलायन कर गये। पशुधन को बचाना, कृषि कार्य करना, जीवन के लिए जरूरी पानी जैसी समस्याएँ बुन्देलखंड की नसीब बन गयीं और जन-जीवन में और अँधेरा छाता चला गया।
लेकिन अब  बुंदेलखंड के इतिहास में  नया सवेरा आने वाला है। जल, वन-भूमि साझाकरण और अधिग्रहण में आने वाली कठिनाईयों से जूझ रही केन-बेतवा लिंक परियोजना अब शुरू हो रही है। इस महान परियोजना की अनेक अड़चनें दूर हुईं और विश्व जल दिवस पर 8 मार्च को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में यूपी और एमपी सरकारों ने इसके लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। सारी बाधाओं को पार कर अब मोदी सरकार ने 45 हजार करोड़ वाली केन-बेतवा लिंक जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजना को जमीन पर उतार कर यहाँ समाज-जीवन की सरलता के सारे मार्ग प्रशस्त कर दिये हैं। इस परियोजना में 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी और शेष मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश वहन करेंगे। इसके तहत केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा और 221 किलोमीटर लंबी संपर्क नहर निकाली जाएगी, जो झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से नॉन मानसून सीजन (नवंबर से अप्रैल के बीच) में क्रमशः मध्यप्रदेश को 1834 तथा उत्तर प्रदेश को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिल सकेगा। इसका लाभ मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के साथ-साथ शिवपुरी, विदिशा और रायसेन सहित अन्य जिलों को भी मिलेगा। केन-बेतवा लिंक कार्य के पूरा हो जाने से जहां 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा पहुंचाई जा सकेगी, वहीं 41 लाख लोगों को सहज तौर पर पीने का पानी मिल पाएगा। बुंदेलखंड में आने वाले उत्तर प्रदेश के 2 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाईं और पेयजल की सुविधा भी इससे मिल सकेगी। बाद में 103 मेगा वाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा की जा सकेगी।
भले ही देश में जल-संकट पर छिटपुट चर्चाएँ होती रहीं हों परन्तु यह एक अटल सत्य है कि 1999 में एनडीए सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने ही पहली बार नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू किया था। उस समय एक टॉस्क फोर्स का गठन करके आधारभूत कार्य किया गया। इस टॉस्क फोर्स ने देश की नदियों का वर्गीकरण करके एक रूपरेखा रखी कि किन नदियों को जोड़कर देश को पानी की समस्या से मुक्ति दिलाई जा सकती है। हालांकि बीच में यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई लेकिन अब यहां की जनता का जीवन बदलने का रास्ता खुल गया है।
मोदी सरकार ने  केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण को इसकी कमान सौंपी तथा प्राधिकरण की मॉनिटरिंग का जिम्मा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को दिया । इसके लिए अप्रैल 2015 में एक स्वतंत्र कार्यबल भी गठित किया था। अब  देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में केन-बेतवा लिंक प्रारंभ हो रही है और बुंदेलखंड की जनता का भी सपना पूरा हो रहा है।
बुंदेलखंड की जीवन रेखा केन-बेतवा लिंक परियोजना अब यहां युगांतकारी परिवर्तन लाएगी। जल-संकट खत्म होने के साथ ही महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। उन्हें मीलों सिर पर पानी ढोने से निजात मिलेगी। पानी की उपलब्धता से स्वच्छता बढ़ेगी और उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड में सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक स्तर ऊँचा होगा। नहरों का विकास होगा, पनबिजली से सस्ती बिजली मिलेगी तथा वनीकरण भी बढ़ेगा। आर्थिक समृद्धि आने से जीवन बदलेगा और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति रुझान बढ़ेगा तो पर्यटन उद्योग भी निखरेगा। खाद्य सम्पन्नता और रोजगार के अवसर मिलेंगे तो पलायन पर विराम लगेगा।आज जिस बुंदेलखंड की पहचान अकाल और सूखा की है, वह बुंदेलखंड भविष्य में हरियाली से पहचाना जाएगा। जो बुंदेलखंड गरीबी से जाना जाता है,वह समृद्ध बुंदेलखंड बनेगा और भविष्य में अपने गौरवशाली अस्मिता के साथ सारी दुनिया को आकर्षित करेगा। (विभूति फीचर्स)

विष्णु दत्त शर्मा-  

(लेखक खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से सांसद व मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं)

 

राजश्री प्रोडक्शंस एक बार फिर अपने सिग्नेचर अंदाज में ‘दोनों’ के जरिये नए युग का रोमांस ला रही है

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राजश्री प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड अपनी 59वीं फिल्म ‘दोनों’ जियो स्टूडियोज के सहयोग से प्रस्तुत कर रही है। राजवीर देओल, पलोमा और निर्देशक अवनीश बड़जात्या की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 5 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। इस फिल्म का निर्देशन अवनीश एस बड़जात्या ने किया हैं, वहीं कमल कुमार बड़जात्या, स्वर्गीय राजकुमार बड़जात्या और अजीत कुमार बड़जात्या ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है। फिल्म के लिए क्रिएटिव प्रोडक्शन का नेतृत्व सूरज आर. बड़जात्या ने किया है। राजश्री प्रोडक्शंस एक बार फिर अपने सिग्नेचर अंदाज में नए युग का रोमांस ला रही है, एक विशेष राजश्री प्रोडक्शंस की परंपरा है जिसे निर्माता सूरज बड़जात्या और निर्देशक अवनीश ने वर्षों से बरकरार रखने के लिए चुना है। राजश्री प्रोडक्शंस ने हमेशा से एक रणनीति बनाए रखी है कि शुरुआत में अपनी फिल्म को सीमित स्क्रीन पर रिलीज़ करती है और धीरे-धीरे स्क्रीन की संख्या बढ़ाई जाती है।
यह एक ऐसी प्रथा है जिसका पालन राजश्री प्रोडक्शंस ने ‘हम आपके हैं कौन’ से लेकर ‘ऊंचाई’ तक किया है। ‘दोनों’ को भी सीमित स्क्रीन पर ही प्रदर्शित किया जारहा है और जैसे-जैसे फिल्म रफ्तार पकड़ेगी, स्क्रीन की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी तो यह फिल्म पूरे देश में 273 स्क्रीन्स पर रिलीज होगी। राजश्री प्रोडक्शंस के 76 साल पुरे हो चुके हैं और ‘दोनों’  राजश्री प्रोडक्शंस की सेलिब्रेशन फिल्म है। देश का सबसे पुराना प्रोडक्शन हाउस अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहा है क्योंकि अब राजश्री प्रोडक्शंस की चौथी पीढ़ी फिलवक्त इसके कमान को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय