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पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा का पावरहाउस है: श्री सर्बानंद सोनोवाल

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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां पूर्वोत्तर को भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा का पावरहाउस बताया। केंद्रीय मंत्री ने आज यहां 2014 से ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास’ के संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

श्री सोनोवाल ने निरंतर शांति और सुरक्षा की दिशा में ईमानदार और ठोस प्रयास, समाज के सीमांत वर्गों के उत्थान के लिए केंद्रित दृष्टिकोण के साथ पूर्वोत्तर भारत को भारत की विकास गाथा में सबसे आगे लाने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्हें सम्मान का जीवन जीने हेतु, कारोबार और व्यापार को समृद्ध करने के लिए एक सकारात्मक वातावरण को सक्षम करने वाली नवीन नीतिगत संरचना के कारण 2014 के बाद से पूर्वोत्तर का ऐतिहासिक उत्था इस अवसर पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा का पावर हाउस है। पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर ने जिस परिवर्तनकारी कनेक्टिविटी का अनुभव किया है, उसे देखते हुए यह क्षेत्र अब कारोबार और व्यापार का संभावित केंद्र बन गया है। मोदी जी ने पूर्वोत्तर के रणनीतिक महत्व को महसूस किया और आसियान, बीबीआईएन समूह के देशों के साथ आशाजनक वाणिज्य के साथ आर्थिक पुनरुत्थान का माहौल बनाया।”

केंद्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में निरंतर विकास के लिए शांति प्रयासों के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा ही पूर्वोत्तर के लोगों से अत्यंत सम्मान के साथ और राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार के रूप में उनकी गहरी स्वीकृति की भावना के साथ मिले हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी के इस मानवीय दृष्टिकोण के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद की संख्या में भारी कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप 2023 में हताहत नागरिकों की संख्या में लगभग शत-प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में 8,000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को अप्रभावी करने के एक ठोस प्रयास के अंतर्गत इसे त्रिपुरा और मेघालय से पूरी तरह वापस ले लिया गया है। इसके अलावा असम, नागालैंड और मणिपुर में अधिनियम के तहत अधिकार क्षेत्र में उल्लेखनीय कमी की गई है। बोडो, नागा, कार्बी, त्रिपुरी और ब्रू तथा अन्य आदिवासियों के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते किये गए हैं। इन प्रयासों के द्वारा असंतुष्ट समुदायों को बातचीत के माध्यम से मुख्यधारा में लाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप स्थायी शांति स्थापित हुई है। यह ऐसी सफलता है, जिसकी पूर्वोत्तर दशकों से उम्मीद व आशा कर रहा था। यह ‘मोदी की गारंटी’ ही है क्योंकि सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए दशकों पुराने मतभेदों को गरिमा एवं सम्मान के साथ दूर किया गया है। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को विस्तार दिया गया है, बल्कि रोजगार के लिए प्रवासन में भी काफी कमी आई है और विकास को बढ़ावा मिला है। इसका दूसरा परिणाम यह है कि असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय तक रेलवे लाइनें शीघ्रता से पहुंच जाने से पूर्वोत्तर तथा अन्य राज्यों के बीच यात्रा में लगने वाला समय कम हो गया है। स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद से पूर्वोत्तर के लिए और इस क्षेत्र के भीतर युगान्तरकारी परिवहन साधन लाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व के पिछले नौ वर्षों में ही संभव हो सका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी जी ने 64 बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, जो भारत के किसी भी प्रधानमंत्री के लिए अब तक का एकमात्र श्रेष्ठ और उच्चतम उदाहरण है। यह पूर्वोत्तर के लोगों को मुख्यधारा में लाने और वर्ष 2047 में आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय सदस्य बनाने के लिए मोदी जी की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है।

प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अक्टूबर, 2022 में 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के साथ नई पीएम-डिवाइन योजना शुरू की गई। इस योजना पर 2022-23 से 2025-26 तक 4 साल की अवधि के लिए 6,600 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में 1,503 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए चुना गया है। इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अवसरों के नए द्वार खुले हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के साथ ही भारत में सरकार की निवेश और विकास संबंधी पहलों में महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है।

मोदी सरकार ने जलमार्गों के विकास पर 1,040 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसके चलते एनईआर में 20 जलमार्गों का संचालन शुरू हुआ है जो 2014 तक सिर्फ एक ही हुआ करता था। पिछले 9 वर्षों में शुरू की गई पहलों के कारण भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग (आईबीपीआर) के जरिए होने वाली माल ढुलाई बढ़कर 170 प्रतिशत हो गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि एनईआर में 208 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पहली जहाज मरम्मत की सुविधा, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पांडु में हुगली-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (एचसीएसएल) के जरिए विकसित की जा रही है।

इस वर्ष ब्रह्मपुत्र में क्रूज पर्यटन का महत्वपूर्ण विकास हुआ है, इस कड़ी में एमवी गंगा विलास ने बांग्लादेश के रास्ते वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक 51 दिनों में लगभग 3,200 किमी की यात्रा करके दुनिया का सबसे लंबा नदी क्रूज मार्ग पार किया।

इसके अलावा असम में कुरुआ, बहारी, धुबरी, गुइजान, घगोर और मटमोरा में 310 करोड़ रुपये की लागत से 6 फैरी टर्मिनलों का विकास यात्रियों की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे परिवहन की मौजूदा बाधाएं कम हो जाएंगी।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अपने सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत, पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की हैं।

यूपीए-2 (2009-14) की तुलना में बाद के वर्षों में एनईआर के लिए औसत वार्षिक बजट आवंटन में 370 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2014 से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र में केवल गुवाहाटी (असम) ही रेल नेटवर्क से जुड़ा था। आज ‘कैपिटल कनेक्टिविटी’ प्रोजेक्ट के तहत अब ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा) भी इससे जुड़ गए हैं।

पिछले 9 वर्षों के दौरान उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआरमें अग्रणी कदम उठाए गए हैं, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को पहली बार यहां कई सुविधाएं प्राप्त करने में सहायता मिली है।

साल 2022 में पहली मालगाड़ी मणिपुर के तमेंगलोंग स्थित रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पहुंची। इसके अलावा पहली लीज्ड पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटीने असम के गुवाहाटी स्थित अजारा से गोवा के वास्कोडीगामा तक यात्रा की। साल 2023 में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन मेघालय पहुंची। ध्यान खींचने वाली बात यह है कि बांग्लादेश और भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों को जोड़ने वाली नवनिर्मित अगरतलाअखौरा रेलवे परियोजना से कोलकाता और अगरतला के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।

इसके अलावा पिछले वर्षों के दौरान उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कई बुनियादी ढांचागत विकास हुए हैं। इसका एक उदाहरण असम में उत्तर और दक्षिण तट (लंबाई73 किलोमीटरपर लिंक लाइनों के साथ बोगीबील के पास ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील रेलसहसड़क पुल का निर्माण है। इसे 5,920 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ दिसंबर, 2018 में पूरा किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने इन उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा“2014 के बाद से एनईआर में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 45 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 10,905 किलोमीटर से बढ़कर 15,735 किलोमीटर हो गई है।  साल 2009 से 2014 की अवधि में 181 सड़क निर्माण परियोजनाओं को पूरा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 2,778 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गयाजबकि साल 2014 से 2019 के दौरान 394 सड़क निर्माण कार्य किए गए। इनके तहत 5,520 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया।”

उत्तर पूर्व विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना (एनईएसआईडीएसके तहत उत्तर पूर्वी राज्यों में विकास के लिए 3,392.99 करोड़ रुपये की 145 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में हवाई अड्डों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वर्ष 2013 में 9 हवाई अड्डों की तुलना में 2023 में हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। तब के एक अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की तुलना में अब तीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। यातायात की आवाजाही में भी 113 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

विद्युत मंत्रालय के तहत उत्तर पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना (एनईआरपीएसआईपी) को हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर बाकी उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 6,700 करोड़ रुपये का संशोधित अनुमान प्राप्त हुआ है, जिसे जनवरी 2024 से शुरू करने का लक्ष्य है।

कुल 9,265 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड की परिकल्पना की गई है, जो उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सभी 8 राज्यों में 1,656 किलोमीटर की दूरी कवर करता है। असम में 3,250 करोड़ रुपये की लागत से एक बायो रिफाइनिंग प्लांट भी स्थापित किया गया है।

शिक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने 21,151 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। वर्ष 2014 के बाद से, सरकार ने 843 स्कूलों की स्थापना की है और 25,64,628 शिक्षकों के शिक्षण-कौशल को उन्नत किया है। न केवल स्कूल के स्तर पर बल्कि उच्च शिक्षा स्तर पर भी, सरकार ने आठ नए मेडिकल कॉलेज,  दो नए आईआईआईटी (मणिपुर और त्रिपुरा), एक नया आईआईएमसी (मिजोरम), एक नया एम्स (असम), और एक नया खेल विश्वविद्यालय (मणिपुर) की स्थापना की है।

सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भी 31,794 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जिसमें 19 राज्य स्तरीय कैंसर संस्थानों और 20 तृतीयक देखभाल वाले कैंसर केंद्रों की मंजूरी शामिल है। गुवाहाटी के पास चांगसारी में स्थित उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब कामकाज शुरू है।

वित्तीय वर्ष 2014-15 से विभिन्न परियोजनाओं के लिए 37,092 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। कुल 19,992 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सुबनसिरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (2000 मेगावाट) से इस क्षेत्र में भारी विकास होने की उम्मीद है। ‘सौभाग्य योजना’ के तहत 30 लाख घरों सहित 77 लाख घरों का विद्युतीकरण किया गया है। ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ के तहत 5,790 गांवों का विद्युतीकरण किया गया है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में दूरसंचार कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए, वर्ष 2014 से 4,360 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 12,690 से अधिक ग्राम पंचायतों को भारत नेट परियोजना के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। बीएसएनएल ने इस क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने हेतु बांग्लादेश से 20 जीबीपीएस कनेक्शन लिया है। अब क्षेत्र में 4जी के 1,000 टावर हैं और कुल 5,600 गांव इससे जुड़े हुए हैं।

सुशील कुमार सरोज अपना दल एस के युवा मंच मुंबई प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मुम्बई प्रदेश प्रभारी प्रस्तावित

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मुम्बई। महाराष्ट्र मुम्बई में अपना दल एस पार्टी को सुसंगठित एवं मजबूत करने तथा अपना दल एस पार्टी का महाराष्ट्र में जनाधार बढ़ाने हेतु कर्मठ तथा सामाजिक विचारों वाले समाज सेवक सुशील कुमार सरोज को मुम्बई प्रदेश अपना दल एस “युवा मंच” का कार्यकारी अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मुम्बई प्रदेश प्रभारी, महेंद्र वर्मा महाराष्ट्र प्रभारी के द्वारा प्रस्तावित किया गया। आगामी दो जनवरी को महेंद्र वर्मा और सुशील कुमार सरोज मुम्बई प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अपना दल एस के केंद्रीय कार्यालय लखनऊ राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल-कैविनेट मंत्री उत्तर प्रदेश में जाकर मुलाकात करेंगे।वहीं पार्टी की मुखिया केंद्रीय वाडिज्ज्य उद्योग मंत्री अनुप्रिया पटेल से भी भेंट वार्ता होगी।

अपना दल एस में सुशील कुमार सरोज को मुंबई प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने पर अन्य पार्टियों के अंदर हड़कम्प मच गया है। सुशील कुमार सरोज पासी समाज के युवा शक्ति पासी ट्रस्ट के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस नियुक्ति को लेकर पासी समाज मे खुशी की लहर दौड़ गई है, बहुत से स्थानीय लोग अपना दाल एस से जुड़ने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इस सम्बंध में ज्ञात हो कि पिछले कुछ महीनों के अंतराल में युवा शक्ति पासी समाज का बड़े-बड़े चार सभाओं का आयोजन सुशील कुमार सरोज की अध्यक्षता में संम्पन कराया गया जिसमें हजारों की संख्या में पासी समाज के लोग हिस्सा लिए थे।
अपना दल एस की अपनी इस नियुक्ति के पश्चात सुशील कुमार सरोज ने कहा कि पार्टी के प्रचार प्रसार के साथ मुंबई प्रदेश के संगठन को मजबूत बनाने के लिए मैं पूर्ण रूप से समर्पित भाव से कार्य करूँगा।

स्मिता ठाकरे द्वारा आयोजित भागवत कथा में सम्मिलित हुए राज्यपाल रमेश बैस, सुखविंदर सिंह, शेखर सुमन

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मुम्बई। स्मिता ठाकरे द्वारा मुम्बई के मुक्ति कल्चरल हब में आयोजित भागवत कथा में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, सुखविंदर सिंह, शेखर सुमन, प्रीति झंगियानी, रागिनी खन्ना, कामिनी खन्ना, सुरेश और पद्मा वाडेकर सहित कई हस्तियां भी सम्मिलित हुए तथा इस्कॉन के सूरदास जी भी पहुंचे। सात दिनों तक चली भागवत कथा को मां तुलसी पीठाध्यक्ष श्री श्री तुलसी जी महाराज ने प्रस्तुत किया जो वृन्दावन से पहुंचे थे। उन्होंने मुंबई के लोगों को भागवत कथा सुनाई। भागवत कथा का रसपान करने यहां सभी भक्त आए।

स्मिता ठाकरे के मुक्ति फाउंडेशन को 25 साल पूरे हो गए हैं। समाजसेविका स्मिता ठाकरे ने पहली बार मुम्बई में भागवत कथा कराई जहां भक्तों की भारी भीड़ नजर आई। भागवत कथा में सनातन धर्म की बात हुई।
श्रीमद्भागवत कथा की आयोजक स्मिता ठाकरे ने कहा कि वृंदावन से विशेष रूप से पधारे श्री श्री तुलसी जी महाराज ने मायानगरी मुम्बई में पहली बार श्रीमद भागवत कथा प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि बाला साहब ठाकरे की बहू स्मिता ठाकरे एनजीओ मुक्ति फाउंडेशन 25 वर्षों से चला रही हैं। इस फाउंडेशन के माध्यम से स्मिता ठाकरे दशकों से सामाजिक कार्यो में लगी हुई हैं। ड्रग्स के खिलाफ मुहिम चलाने के अलावा उनकी फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के साथ साथ कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी लगातार काम कर रही है।

गौ हत्या बंद करवाने के बाद ही करेंगे राम मंदिर में दर्शन: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

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वाराणसी। पूरे देश की निगाहें इस समय अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर है। नित्य नए अपडेट के साथ भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसी बीच काशी से ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नई बहस को जन्म दे दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में गौ हत्या हो रही है ऐसे में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठ के बाद हम कैसे भगवान का दर्शन करेंगे जिन्होंने गौ रक्षा के लिए अवतारा लिया था। ऐसे में जा सरकार इसके लिए कानून बना देगी और गौ को राष्ट्रमाता घोषित करेगी तभी हम दर्शन को राम मंदिर जाएंगे।

संतों ने शुरू किया आंदोलन, सभी शंकराचार्यों ने दी सहमतिदेश में भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, तो ये प्रश्न है कि अमृत कहां है ? लोग कहते हैं कि गाय के दूध में अमृत है और गाय के दूध को अमृत कहा जाता है। गाय कट रही है और देश अमृत महोत्सव मनाए ये कैसे संभव है। ऐसे में भारत के संतों ने, गौ भक्तों ने, सनातन धर्मियों ने, भारतीय संस्कृति से प्यार करने वाले लोगों ने यह तय किया कि अमृत महोत्सव मनाना तब सही होगा जब गौ हत्या पर पाबंदी लग जाए और उसे राष्ट्रमाता का सम्मान मिल जाए। उसके लिए राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन संतों ने शुरू किया है। इसपर चारों पीठों के शंकराचार्यों से भी हमें समर्थन और आशीर्वाद मिला है। भारत के 36 प्रदेशों के लिए एक-एक संतों को आज के दिन जिम्मेदारी दी गई है। हमारी मांग है कि सरकार उन्हें निर्भय होने का वचन भी मांगा है कि आप को काटा मारा नहीं जाएगा। आप का अपमान नहीं किया जाएगा। इसका पूरा भरोसा दिया जाए।

गौ हत्या बंद करवाने के बाद ही करेंगे रामलला की दर्शनशंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से जब पूछा गया कि आप को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण आया है तो उन्होंने कहा कि ‘सवाल निमंत्रण आने न आने का है कि हमारा कोई ससुराल थोड़े ही है। हमारा हक है हमारा मन करेगा तो हम जाएंगे वहां दर्शन करने। सवाल दर्शन करने और वहां जाने का नहीं है सवाल यह है कि क्या हम भगवान श्रीराम के सामने चेहरा दिखाने लायक हैं। हम वहां जहां के हम खड़े हुए और भगवान् श्रीराम ने पूछ दिया कि जिस गाय के लिए मैंने अवतार लिया। उस गाय की क्या हालत है तुम लोग पदों पर बैठे हुए हो। सनातन धर्म के आचार्य बने बैठे हो; तो हम क्या जवाब देंगे। हमारे मन में इस बात का बड़ा संकोश और लज्जा है कि हम भगवान् को मुंह दिखाने लायक नहीं है। पहले गौ हत्या को बंद करवाएंगे तब भगवान् के सामने जाकर खड़े होंगे तो वो खुश होंगे और आशीर्वाद देंगे। हमारे दर्शन करने का भी तभी मतलब है जब हम ऐसा कर सकें।’

Haridwar: कार में गाय ले जा रहे गौ तस्कर को पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा

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हरिद्वार। कार में गाय कर ले जा रहे एक गौ तस्कर को पथरी थाने की पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि चेकिंग के दौरान बहादराबाद रोड पर एक सेंट्रो कार में गाय तस्करी करने की सूचना मिली थी।
पुलिस ने संदिग्ध कार को रोकने का इशारा किया तो चालक ने रफ्तार और तेज कर दी। इब्राहिमपुर गांव में जाकर कार एक घेर में रुक गई। पुलिसकर्मी ने गाड़ी का पीछा करते हुए इब्राहिमपुर में गाड़ी को घेर लिया। गाड़ी से एक व्यक्ति भाग निकला। जबकि दूसरे को पुलिस ने घेरकर पकड़ लिया। तलाशी लेने पर कार के अंदर एक गाय बरामद हुई। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम नवाब निवासी इब्राहिमपुर पथरी बताया।
थानाध्यक्ष ने बताया कि गाय को कटान के लिए बेचा जाना था।।मुकदमा दर्ज कर आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

 

नशा न सिर्फ व्यक्ति…अपितु परिवार व सम्पूर्ण सामाजिक परिवेश को भी क्षति पहुंचाता है—

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12 दिसम्बर 2023,मंगलवार, देहरादून
संजय बलोदी प्रखऱ
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश
देहरादून, 12 दिसम्बर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को गांधी पार्क, देहरादून में ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर इस अभियान को सफल बनाना है। राज्य में ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने और इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। नशा सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके सारे परिवार और समूचे सामाजिक परिवेश को हानि पहुंचाता है। राज्य में जहां एक ओर लोगों.. जिसमें विशेषतयः युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जा रही है। इस वर्ष अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत लगभग 600 मामले पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें करीब साढ़े सात सौ आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स संचालित हैं। राज्य सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों और विशेषकर युवाओं में नशे के दुष्परिणामों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। नशे की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में जानकारी तथा जनता को किसी भी प्रकार की सहायता हेतु हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि सभी के सहयोग और संस्थाओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों से, हम समय से पहले ही ड्रग्स फ्री देवभूमि का विकल्प रहित संकल्प अवश्य प्राप्त कर लेंगे।

मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ अभियान चलाने की दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए तीलू रौतेली पुरुस्कार प्राप्त संस्था ’आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता’ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न सहित अन्य मुद्दों के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम, रैलियों के साथ ही गोष्ठियां आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड की शपथ भी दिलाई।

आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता संस्था की अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक श्रीमती आशा कोठारी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा सचिव हरीश कोठारी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।

इस अवसर पर प्रांत प्रचार प्रमुख (आरएसएस)संजय कुमार , प्रादेशिक मुख्य आयुक्त भारत, स्काउट एंड गाइड उत्तराखंड एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्रीमती सीमा जौनसारी, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, व रविंद्र मोहन काला सहित कई गणमान्य उपस्थित थे ..!

यात्रा से जनसामान्य में पर्यावरण के प्रति प्रेम व जीवन शैली में बदलाव की मिलेगी प्रेरणा -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

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12 दिसम्बर 2023,मंगलवार, देहरादून
संजय बलोदी प्रखऱ
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश

देहरादून,12 दिसम्बर,बुद्धवार आज मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित ‘स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ का शुभारम्भ स्मृति पौध भेंट कर किया।
इस शुभ अवसर पर यूकॉस्ट द्वारा आयोजित ‘अभिनन्दन एवं पौध भेट समारोह’ में विश्वविद्यालयों को शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि- किसी भी आयोजन को यादगार बनाने में पेड़ों की बडी भूमिका होती है। पेड़ जहां जीवन के आधार हैं वहीं हमारी संस्कृति और स्मृति के भी प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय अपने स्वर्ण जयंती वर्ष को इको फ्रेंडली रुप से मना रहे हैं तथा एक – दूसरे को पचास-पचास पेड़ भेंट कर एक विश्वविद्यालय के सदस्य दूसरे विश्व विद्यालय में पहुंचकर पचास पौधों का रोपण करेंगे।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हमारे युवा बौद्धिक रूप से जागृत और समझदार होते हैं। जन-जन तक संदेश पहुंचाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जलवायु परिवर्तन से उपजी समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व की जीवन शैली में परिवर्तन लाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति प्रेम व जीवन शैली में बदलाव लाने की प्रेरणा भी मिलेगी। यह यात्रा लोगों में अपनी संस्कृति, स्वच्छ परम्परा, खान-पान, बोली-भाषा के प्रति भी जागरुकता पैदा करेगी।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पन्त ने कहा कि इस आयोजन के तहत मुख्यमंत्री का संदेश दोनों विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं तक पहुंचेगा। इस यात्रा को बहुआयामी तथा उद्देश्यपरक बनाने हेतु यूकॉस्ट द्वारा दोनों विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। लाइफ स्टाइल फॉर इन्वायरमेंट तथा जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों के व्याख्यान भी कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीनगर गढ़वाल से जो दल नैनीताल रवाना होगा वह अपने साथ गंगा जल भी ले जायेगा जिसे नैनीताल में मां नैना देवी के दर्शन के बाद नैनीझील में प्रवाहित किया जायेगा। दोनों विश्वविद्यालय अपने कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशन की पुस्तकें भी एक दूसरे को भेंट करेंगें।

’स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ को आकार देने वाले मैती संस्था के संस्थापक पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत ने कहा कि बदलते जलवायु के संकेतों से अब हमें, जागरूक होने की जरुरत है। यदि अभी भी हम नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी। हमें अपने आवश्यकताओं को न्यून करके जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि 1998 में दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य 25-25 बृक्षों का आदान -प्रदान कर सिल्वर जुबली पर मैती संस्था ने ऐसी ही रथ यात्राएं आयोजित की थी। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 18 दिसम्बर को हे.न.ग. विश्वविद्यालय से 50 पेड़ लेकर संदेश यात्रा दल नैनीताल प्रस्थान करेगा। 19 दिसम्बर को नैनीताल में वृक्षारोपण व विचार गोष्ठी आयोजित होगी। 20 दिसम्बर को नैनीताल से 50 पेड़ श्रीनगर गढ़वाल पहुंचेंगे।

कार्यक्रम में गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा सहयोगी संस्थानों के प्रमुख प्रतिनिधि विशेष उपस्थित थे।

राज्यसभा की भांति विधान परिषद में राज्यपाल या शासन द्वारा नामांकित विधायकों के चुनाव हो जिनका मुख्य कार्य जनता की मांगें सीधे तौर पर सरकार तक पहुंच सके : राज बघेल

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छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुआ था। छत्तीसगढ़ भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है प्रकृति और संस्कार का गढ़ है लेकिन कहीं ना कहीं इसकी महत्ता को अनदेखा किया गया है। छत्तीसगढ़ भारत का भूमिगत रत्नों, पर्यावरण और संस्कृति से भरा खजाना है यहाँ के लोग ही नहीं जंगल और जीव भी अद्वितीय है लेकिन यहाँ जितनी भी सरकारें बनी वो इस राज्य के वैभव को जग जाहिर नहीं कर पाई आज भी भारत के अन्य प्रान्त के लोग इससे अनजान है।

मुंबई में रहने वाले अभिनेता, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता राज बघेल छत्तीसगढ़ मुंगेली के रहने वाले हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की लोककला, भाषा, लोक खेल, लोकगीत, संस्कृति, पोशाक, संस्कार, खानपान और प्रकृति के विकास और वृद्धि के लिए सदा प्रयास किया है। साथ ही लोक कलाकारों, स्थानीय खिलाड़ियों और गायकों के विकास, आर्थिक उन्नति और उत्थान के लिए भी सदा प्रयासरत रहे हैं। कई वर्षों से वह इस कार्य के लिए उच्च वर्ग के लोगों और राज्य सरकार से याचना कर चुके हैं लेकिन इस ओर राज्य सरकार विमुख ही रही लोक कलाकार, लोकगायक, खिलाड़ियों, आर्ट्स और कला जगत के लोगों की उपेक्षा की गई है जिससे लोग अपनी लोक संस्कृति और कला से विमुख होकर आजीविका की खोज में अन्य मार्ग पर जा रहे हैं।
वर्तमान समय में नवीन सरकार के गठन के साथ राज बघेल ने इन आर्ट्स, खेल, कला से जुड़े लोगों के विकास और आर्थिक उत्थान के लिए नई योजनाओं को नवीन सरकार के समक्ष पुनः रखने का निर्णय लिया है साथ ही एक नवीन योजना और सुझाव भी राज्य सरकार के समक्ष रखने जा रहे हैं जिसमें राज्यसभा की भांति विधान परिषद में राज्यपाल या शासन द्वारा नामांकित विधायकों के चुनाव हो जिनका मुख्य कार्य जनता की मांगें सीधे तौर पर सरकार तक पहुंच सके। इसके लिए छत्तीसगढ़ के फिल्म निर्माता, अभिनेता, गायक, व्यवसायी, खिलाड़ी व अन्य से भी सहयोग की आशा की गई है।
राज बघेल विधान परिषद के लिए भी मांग कर रहे हैं, जिसमें खिलाड़ी कलाकार ग्रेजुएशन किए हुए हैं, लड़के लड़कियां और शिक्षक अपना खुद का विधायक चुन सकें और खिलाड़ी और कलाकार सीधे राज्यपाल के माध्यम से एमएलसी बन सकें।
राज बघेल का कहना है कि हमारे छत्तीसगढ़ के खेल, कला, संस्कृति से जुड़े लोगों के कार्यों की उचित सराहना नहीं की जा रही है। इस क्षेत्र में रहते हुए उन्हें पर्याप्त आमदनी भी नहीं मिल पा रही है जिससे वे आर्थिक दृष्टि से कमजोर हो रहे हैं। साथ ही उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक सहायता भी नहीं मिल पा रही है जिससे वो हमारी संस्कृति और लोक कला का त्याग कर रहे हैं। यदि किसी देश की संस्कृति, कला जैसे उसके नींव खत्म हो गए तो वहाँ का विनाश भी तय है। जो देश या राज्य अपनी जड़ों से जितना ज्यादा जुड़ा होता है वह उतना ही मजबूत होता है। हमारे छत्तीसगढ़ में प्रकृति का खजाना, प्राचीन कलाकृति, स्तूप, मंदिर, शिलालेखों और पुरातात्विक चीजों का भरमार है। पर्यटन की दृष्टि से भी यह किसी स्वर्ग से कम नहीं यदि यहाँ का पुनरुद्धार किया जाएगा तो विदेशी सैलानियों का आवागमन होगा, जिससे राज्य और राज्य के आम नागरिकों को रोजगार और आय प्राप्ति के साधन मिलेंगे जिससे राज्य का विकास होगा।
इसके अलावा राज बघेल का यह भी कहना है कि लोग स्ट्रीट फूड के ज्यादा आदी हो गए हैं। इस स्ट्रीट फूड के खानों में स्वाद हेतु जिन केमिकलों और हानिकारक तेलों का प्रयोग होता है वह हमारे राज्य की जनता के लिए हानिकारक है। साथ ही इन स्ट्रीट फूड स्टाल में स्वच्छता में भारी कमी होती है जिससे लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे स्ट्रीट फूड स्टालों जिनमें स्वच्छता और सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता उनको बंद कर देना चाहिए। इन स्ट्रीटफूड स्टालों के खानों में मैदा, अजीनोमोटो, रंग, पाम तेल आदि हानिकारक वस्तुओं का प्रयोग अधिक होता है, बार बार खाने को गर्म किया जाता है, सफाई ना के बराबर होती है जिसका सीधा असर हमारे बच्चों खासकर हमारी बेटियों के स्वास्थ्य पर अधिक होता है।
कई सर्वे में बताया गया है इन खाद्य पदार्थों से हार्मोन से जुड़ी समस्या, कैंसर, पेट से जुड़ी समस्या आदि जैसे कई गंभीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

– गायत्री साहू

यह डेस्टिनेशन न मात्र उत्तराखण्ड का समारोह, अपितु कई नये विकास अध्यायों की शुरूआत -अमित शाह

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देहरादून, 9 दिसम्बर, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वन अनुसंधान संस्थान(FRI) देहरादून में आयोजित दो दिवसीय उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को नमन करते हुए कहा कि यह डेस्टिनेशन न मात्र उत्तराखण्ड का समारोह है, अपितु कई नये अध्यायों की शुरूआत भी है।
उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। यह नये उत्तराखण्ड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखण्ड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ परफोर्मेंस को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निगरानी के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का सराहनीय कार्य किया गया। उनके चेहरे पर जो अद्भुत शांति और आत्मविश्वास था, यह नेतृत्व के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अटल जी ने बनाया और मोदी जी ने इसे संवारा है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यही था कि राज्य का तेजी से विकास हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक महत्वपूर्ण इनीशिएटिव लिये गये हैं। यहां की चारधाम यात्रा व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाई गई योजना सराहनीय है। लगभग तीस इन्वेस्टर फ्रेंडली नई नीतियों से उत्तराखण्ड पॉलिसी ड्रीवन स्टेट बन गया है। मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ शासन को बढ़ावा दिया गया है। भ्रष्टाचारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने पारदर्शी माहौल दिया है। पूरे देश में उत्तराखण्ड सबसे ज्यादा शांत और सुरक्षित राज्यों में है। पारदर्शिता उत्तराखण्ड का स्वभाव बन गया है। पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उत्तराखण्ड मजबूत और सबसे विकसित राज्य बने।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में देश तेजी से आगे बढ़ा है। पूरे देश में मल्टी डाइमेंशनल बदलाव आये हैं। इन वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या कई गुना हो गई है। भारत ने जिस तरह जी-20 का आयोजन किया, उसकी पूरे विश्व में सराहना की गई।जी-20 का दिल्ली घोषणा पत्र कूटनीति के क्षेत्र में भारत का परचम फहरायेगा। 2047 तक प्रधानमंत्री ने देश को विकसित और हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य रखा है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा उनके नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा मजबूत होने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में भी भारत ’’सहकार से समृद्धि’’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत देश के सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री द्वारा अक्टूबर 2021 में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य देश में पहली बार उत्तराखंड से ही प्रारंभ किया गया था और आज राज्य में सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ का उद्घघाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। आज इसके समापन समारोह में अमित शाह उपस्थित हैं। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का राज्य सरकार को निरंतर सहयोग मिलता रहा, जिसके चलते ही सिलक्यारा मिशन सफल हुआ। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तथा उनके विजन के अनुरूप ही हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जहां एक ओर आज उत्तराखंड में सेब, कीवी, मशरूम, अन्न, जड़ी बूटियों आदि के उत्पादन द्वारा हमारे काश्तकार पूरी दुनियां को ’’मेक इन इंडिया’’ का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रदेश के अन्दर लॉजिस्टिक्स पार्क, एरोमा पार्क, फार्मा तथा इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो, सिंगल विंडो क्लियरेंस हो, कठिन नियमों को सरल बनाने की बात हो, बजट को नियंत्रित करने के प्रयास हों, आज इन सभी मापदंडों में उत्तराखंड खरा उतरने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूल मंत्र को अंगीकार कर अनेक सेक्टरों के लिए सरल एवं पारदर्शी नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है, जिससे हमारे उद्योग बंधुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस इन्वेस्टर समिट में उत्तराखण्ड को साढे़ तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है। निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले सभी उद्योगबंधु हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे की ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ ब्रांड निवेश हेतु एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित हो।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाउस आफ हिमालयाज का शुभारंभ कर अंत्योदय के विकास की नई उम्मीद को आगे बढ़ाया है। साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को एक वैश्विक स्तर का मंच मिला है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वेडिंग इन उत्तराखंड की बात कही थी उनके इस कथन से प्रदेशवासियों में उत्साह का माहौल है। यही नहीं पिछले 06 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियों बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखंड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है। राज्य का वातावरण प्रदूषण रहित है।

इस अवसर पर सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चौहान एम.डी. मदर डेयरी मनीश बंदलिश, एमडी रसना पिरूज खंबाटा, एमडी जुबिलेंट जेनेरिक्स लि. व डॉ. जयदेव राजपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
आयोजन में केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।

तीन दिवसीय भारत नेशनल मीट में सम्मानित हुए उद्योगपति समाजसेवी डॉ मुस्तफ़ा युसूफ अली गोम

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मुंबई में तीन दिवसीय भारत नेशनल मीट – 23 का आयोजन जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में 2,3 व 4 दिसंबर तक संपन्न हुआ। भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित यह कार्यक्रम मलाड पूर्व में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान संगठन व चिल्ड्रेन वेलफेयर सेंटर कॉलेज ऑफ़ लॉ के संयुक्त तत्वावधान में मनाया गया। इस कार्यक्रम में पूरे देश से अपने-अपने विषय के वक्ता व प्रवक्ता इसमें अपना विचार रखा कि – ” कैसे भारत एक उन्नत राष्ट्र की ओर गतिशील है, जिससे की प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व को बल मिल सके।
विविधता से भरे इस देश में अनेक चुनौतियां भी है और इन्ही मुद्दों पर इनके मुख्य संयोजक प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार का मानना है की यह विचार शक्ति ही युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन करेगी और भारत विश्व गुरु ही नहीं महाशक्ति व महासत्ता भी प्राप्त करेगा।
साथ ही प्रधानमंत्री के विजन 2036 में आर्थिक रूप से विश्व को लीड करने की नींव को पूरे देश को मिलकर रखना होगा और एक स्वर में चलना होगा। इसे सफल बनाने में उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे , साथ में प्राचार्य अजय कौल , रामकुमार पाल , प्रशांत काशिद , डॉ मुस्तफा युसूफ अली गोम , गऊ भारत भारती के संपादक संजय शर्मा आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
अन्य प्रमुख भूमिका निभाने वालो में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश शर्मा,सामाजिक कार्यकर्ता सुंदरी ठाकुर, अधिवक्ता बिंदु दुबे, भाजपा नेता मनोज कुमार सिंह, अंतर्राष्ट्रीय रॉक पेंटिंग आर्टिस्ट सुबोध नेमलेकर, उद्यमी पवन कुमार, पत्रकार अरुण लाल, उद्यमी चांद सेठ, शिक्षाविद शमशेर राही, उद्यमी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ पंकज सोनी, अधिवक्ता अखिलेश दुबे व विनय दुबे, चिराग गुप्ता आदि की राष्ट्रीय समिति ने एक सामूहिक हिस्सेदारी साझा करते हुए इस मीट का आयोजन किया था । इस राष्ट्रीय मीट में मुख्य वक़्ता के रूप में विख्यात पीआएऐल मैन ऑफ़ इंडिया सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी कुमार उपाध्याय, ने अपने विचार रखे।
लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्षा मंजु लोढ़ा, आयरनमेन – अल्ट्रामेन उपलब्धियों से सम्मानित कृष्ण प्रकाश आईपीएस एडीजी महाराष्ट्र, पुनीत चतुर्वेदी , दीपक पांडेय आईजी महाराष्ट्र, भजन सम्राट अनूप जलोटा, उद्यमी नेत्री श्वेता शालिनी समेत कई महानुभूतियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डॉ मुस्तफ़ा युसूफ अली गोम जनजातीय गौरव सम्मान दे कर शभागार में मौजूद लोगो के हाथो से सम्मानित किया गया। सुप्रसिद्ध समाजसेवी मुस्तफा युसूफ अली गोम की कंपनी ” केयर टेकर्स एक्सटीरियर एंड इंटीरियर प्राइवेट लिमिटेड ” के आप प्रबंध निदेशक है। जो पुरानी ईमारतो के मरम्मत का काम करती है। आप की Institute of Entrepreneurship And Management Studies द्वारा प्रशस्ति पत्र दे कर उन्हें सम्मानित किया गया है , इसके अतिरिक्त श्री गोम वर्ल्ड ह्यूमन राईट प्रोटेक्शन कमीशन से भी जुड़ कर देश की सेवा कर रहे है।
डॉ. गोम 1989 से भवन मरम्मत और पुनरुद्धार क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 500 से अधिक पुरानी ईमारतो का काम किया है। इनकी कंपनी ” केयर टेकर्स एक्सटीरियर एंड इंटीरियर प्राइवेट लिमिटेड उच्तम क़्वालिटी और भरोसेमंद काम को करती आ रहे है।

तीन दिवसीय भारत नेशनल मीट में में सम्मान के अलावा बहुत से सम्मान श्री गोम को मिल चुके है। तीन दिवसीय भारत नेशनल मीट कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा -‘ सभी को मिल कर हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का साथ देना है , आज हम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे है। यह भारत का और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वर्ण काल है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों श्री गोम को बॉलीवुड लीजेंड अवॉर्ड 2023 से भी सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें एसीपी संजय पाटिल , प्रख्यात अभिनेता धीरज कुमार के हाथो प्रदान किया गया।
आज ” केयर टेकर्स एक्सटीरियर एंड इंटीरियर प्राइवेट लिमिटेड ” ये भरोसे का नाम बन चूका है , मुंबई महाराष्ट्र के अलावा कंपनी बड़े पैमाने पर पुराणी ईमारतो के पुनःनिर्माण के लिए बहार भी कार्य कर रही है।