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महाकुंभ वायरल गर्ल मोनालिसा की “सादगी” देख दीवाने हुए उत्कर्ष सिंह 

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मुंबई। इस वर्ष प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुम्भ में सबसे ज्यादा जो डिजिटल प्लेटफार्म पर मशहूर हुई वह थी मोनालिसा। मोनालिसा इंदौर की है और वह रुद्राक्ष बेचने का काम करती है। सोशल मीडिया में प्रसिद्ध होते ही मोनालिसा पर बॉलीवुड की नजर पड़ी और उन्हें एक्टिंग के लिए ऑफर मिलने लगे। एक फिल्म के लिए उन्हें अनुबंधित भी कर लिया जिसके लिए वह एक्टिंग, डिक्शन के साथ साथ पढ़ाई लिखाई भी कर रही है। फिल्म से पहले मोनालिसा म्यूजिक वीडियो सॉन्ग “सादगी” से डेब्यू कर रही है। उत्कर्ष सिंह ऑफिसियल की प्रस्तुति इस अलबम में मोनालिसा के उत्कर्ष सिंह गीत गाते हुए दिखाई देंगे जिसे सहारा स्टार, मुंबई में लॉन्च किया गया। यह वीडियो सॉन्ग यूट्यूब पर उपलब्ध है। पोस्टर लॉन्च और प्रेस कॉन्फ्रेंस के अवसर पर मीडिया का जबर्दस्त क्रेज देखा गया। वहां सादगी म्यूजिक वीडियो सॉन्ग की पूरी टीम उपस्थित रही। इस दौरान मोनालिसा ने अपने अनुभव मीडिया से साझा किया और कहा कि सादगी गाना सुनके ऐसा लगा कि यह गाना मेरे लिए बना है। पहली बार कैमरा फेस करने में डर लगा तब उत्कर्ष सर ने हौसला बढ़ाया। शूटिंग पूरा होते होते कॉन्फिडेंस आ गया और लगा मैं अब अभिनय कर सकती हूं। इसके लिए डांस और एक्टिंग सीख रही हूं। इस गाने की शूटिंग के साथ ऐसा लगा कि मेरा सपना पूरा होगया। अगर भविष्य में मैं कुछ बन जाउंगी तो स्कूल खोलूंगी। क्योंकि पढ़ना बेहद जरूरी है। आप सारी जनता ने जो प्यार दिया है उसे ऐसे ही बनाये रखना और हर कदम पर साथ देना।
फिल्म के अभिनेता और गायक उत्कर्ष सिंह ने कहा कि मेरे पास दो गानों के टाइटल थे जब मोनालिसा से मुलाकात हुई तब लगा सादगी गीत उन पर अच्छा लगेगा। कुछ शब्दों को जोड़ा गया और एक बेहतर रोमांटिक और सॉफ्ट सॉन्ग तैयार हो गया। जब शूटिंग कर रहे थे तो मोनालिसा खुश और कंफर्टेबल थी। अगर लाइफ में आगे बढ़ना होता है तो अपॉर्चुनिटी मिल ही जाती है। सादगी गाना बेहद डिसेंट सॉन्ग है और बेहद खूबसूरती से शूट किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने पिता के साथ मोनालिसा बहुत खुश थी साथ ही उनके गुरु महेंद्र सिंह लोधी भी थे जो उन्हें पढ़ना लिखना सिखा रहे हैं।
अलबम के गीत के बोल को शैल सैनी ने लिखा है और निर्देशक अभिजीत नाग एवं क्रिएटिव प्रोड्यूसर ऋषभ दीक्षित हैं।

– गायत्री साहू

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की 5वीं पुण्यतिथि पर उनके फैन्स ने मिलकर किया हवन पूजा और न्याय की लगाई गुहार

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मुंबई। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (SSR) की 5वीं पुण्यतिथि पर मुंबई के सांताक्रुज में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयुष SR, सैंडी SR और उनके प्रशंसकों ने SSR की पवित्र आत्मा की शांति और न्याय की मांग के लिए विशेष पूजा-पाठ, हवन और प्रार्थना सभा का आयोजन किया।

कार्यक्रम में शन्ति पूर्ण रूप से “जस्टिस फॉर SSR” की गुहार दोहराई।

आयुष SR और सैंडी SR ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम सिर्फ एक कलाकार के लिए नहीं, बल्कि एक इंसाफ की प्रतीक्षा कर रहे हर आम इंसान के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। SSR का सपना, मेहनत और मुस्कुराहट आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है। जब तक उनको न्याय नहीं मिलेगा हम आवाज उठाते रहेंगे।”
साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के केस में जानकारी देते हुए बताया कि यह केवल भ्रांति है कि यह केस बंद हो गया है यह केस अभी भी कोर्ट में है केवल उनके परिवार द्वारा की गई एफआईआर पर स्टे के लिए दवा आपत्ति की गई थी जिस पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई। केस चल रहा है और सीबीआई का कार्य जारी है। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन भी हर वर्ष कार्यक्रम में उपस्थित होती थी मगर इसवर्ष वह यूएस में होने के कारण इस कार्यक्रम में आ नहीं पाई लेकिन उन्होंने सभी प्रसंशकों से विनती की है कि जस्टिस ऑफ सुशांत की लौ बुझने नहीं देना है।
पुण्यतिथि का यह आयोजन एक बार फिर यह संदेश लेकर आया कि सुशांत सिंह राजपूत को भुलाया नहीं गया है, और उनके लिए न्याय की उम्मीद आज भी ज़िंदा है।

भारत 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर

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“मोदी सरकार के 11 साल के सुशासन से भारत 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर”: सर्बानंद सोनोवाल


“भारत ने कांग्रेस के वंशवाद की जगह भाजपा की मोदी गारंटी को अपनाया – गति, पैमाने और ईमानदारी के साथ डिलीवरी”: सर्बानंद सोनोवाल

सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्तिकरण मंत्र – युवा शक्ति, नारी शक्ति, कृषक शक्ति, गरीब कल्याण – को विकसित भारत की कल्पना को आगे बढ़ाने के लिए उद्धृत किया

केन्द्रीय पत्तनपोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रीश्री सर्बानंद सोनोवाल ने घोषणा की कि भारत 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है, उन्होंने राष्ट्रीय विकास के “बेरोक आगे बढ़ने” के लिए नरेन्द्र मोदी के 11 साल के “निर्णायक और भ्रष्टाचार मुक्त” शासन को श्रेय दिया।

एनडीए सरकार की 11वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज डिब्रूगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि भारत नीतिगत पक्षाघात और वंशवादी कुशासन के युग से मुक्त हो गया है और अब कल्याण-आधारित विकास, युवा-संचालित नवाचार और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में बदलाव से संचालित है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “सिर्फ़ एक दशक में 25 करोड़ से ज़्यादा भारतीय ग़रीबी से ऊपर उठ गए हैं। यह संख्या ज़्यादातर यूरोपीय देशों की आबादी से भी ज़्यादा है।” “यह मोदी की गारंटी है – तेज़ीआकार और ईमानदारी के साथ काम करना।”

मोदी सरकार के तहत आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत का चौथी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना अभी शुरुआत है। “2029 तकभारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। हम विकसित भारत-एक विकसितआत्मनिर्भर भारत की नींव रख रहे हैं।”

श्री सोनोवाल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में हो रही वृद्धि का हवाला दिया – 2014 में 30,000 से बढ़कर आज 1 लाख से ज़्यादा – जो देश की बदलती मानसिकता का सबूत है। “यह एक नया भारत हैजिसका नेतृत्व युवा सपने देखने वाले और काम करने वाले लोग कर रहे हैं। 1.7 करोड़ से ज़्यादा युवा अब इस जीवंत स्टार्टअप आंदोलन का हिस्सा हैं।”

उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह “दशकों से किसानों के प्रति उदासीनता बरत रही है।” सोनोवाल ने पीएम-किसान, पीएम फसल बीमा योजना और एमएसपी में वृद्धि जैसी योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार “भारत के अन्नदाता की गरिमा और आय को बहाल कर रही है।” सोनोवाल ने कहा, असम में, हम अब धान के लिए 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की पेशकश कर रहे हैं। यह कोई खैरात नहीं है – यह हमारे किसानों को उनका हक है।”

केन्द्रीय मंत्री, जो लोकसभा में डिब्रूगढ़ का भी प्रतिनिधित्व करते हैं, ने कहा कि पूर्वोत्तर में परिवर्तन मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण विरासतों में से एक है। सोनोवाल ने कहा, मोदी जी ने 70 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है – यह इतिहास में किसी भी अन्य प्रधानमंत्री की तुलना में अधिक है। उनके विजन ने इस क्षेत्र को एक उपेक्षित सीमा से विकास के नए इंजन में बदल दिया है।”

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हाल ही में हुए ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट’ शिखर सम्मेलन में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के वादे सुरक्षित किए गए थे, जिसमें सड़कों और रेलवे से लेकर इंटरनेट और जलमार्ग तक प्रमुख कनेक्टिविटी अपग्रेड चल रहे हैं। श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, जोगीघोपाधुबरीपांडु और डिब्रूगढ़ में आधुनिक नदी बंदरगाह जल्द ही असम को दुनिया से जोड़ देंगे। हम सिर्फ बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर रहे हैं – हम भविष्य को नया आकार दे रहे हैं।”

श्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा की, जिसके तहत 81 करोड़ से अधिक नागरिकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है, और प्रधानमंत्री आवास योजना जिसके तहत 4 करोड़ घरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य से लेकर आवास तकपोषण से लेकर स्वरोजगार तकइस सरकार ने काम किया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि जैसी योजनाओं का हवाला दिया, जिससे 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ मिला है।

उन्होंने कहा कि महिला और युवा सशक्तिकरण इस बदलाव के केन्द्र में हैं। सोनोवाल ने कहा, संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण से लेकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं तकहम भारत के सामाजिक ताने-बाने को नया आकार दे रहे हैं।” उन्होंने खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की बढ़ती खेल प्रोफ़ाइल पर भी प्रकाश डाला।

भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि चंद्रयान, वंदे भारत ट्रेन और सागरमाला के तहत हरित बंदरगाह विकास जैसी पहलों ने भारत को विश्व स्तर पर गंभीर प्रतिष्‍ठा दिलाई है। श्री सोनोवाल ने कहा, “यह अवसरों को खोने वाला भारत नहीं है। यह वह भारत है जो परिणाम देता है।”

श्री सोनोवाल ने निष्कर्ष निकाला, “एक साहसी प्रधानमंत्रीएक प्रतिबद्ध टीम और एक साझा लक्ष्य वाला एक अरब से अधिक का राष्ट्र – यही वह चीज है जो आज के भारत को कहीं न रूकने वाला बनाती है।” “मोदी दशक ने इसकी नींव रखी है। अगला दशक एक उभरते भारत का है – जो आत्मविश्वास से भरासक्षम और दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में, श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ असम सरकार के मंत्री प्रशांत फुकन, उज्जवल फुकन; असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) के अध्यक्ष रितुपर्णा बरुआ, डिब्रूगढ़ विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अध्यक्ष अखीम हजारिका, भाजपा के डिब्रूगढ़ जिला अध्यक्ष दुलाल बोरा; डिब्रूगढ़ नगर निगम (डीएमसी) के मेयर सैकत पात्रा,  असम गैस कंपनी के उपाध्यक्ष इंद्रा गोगोई, डिब्रूगढ़ जिला मोहिला मोर्चा की अध्यक्ष मामून गोगोई सहित अन्य उपस्थित थे।



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बकरीद के मौके पर कथित गोवंश की कुर्बानी के मामले को लेकर हिंदू संगठनों क प्रदर्शन

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Khargone News Today: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के अम्बाडोचर गांव में बकरीद के मौके पर कथित गोवंश की कुर्बानी के मामले को लेकर एक बार हिंदू संगठनों ने हंगामा किया. इस घटना में पुलिस ने अब तक सात आरोपियों पर कार्रवाई की है, लेकिन हिंदू संगठनों का कहना है कि आरोपी 20 के करीब हैं और उन सभी पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए.हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि घटना के पांच दिन बाद भी बाकी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई. इसको लेकर हिंदूवादी संगठनों ने अम्बाडोचर से चैनपुर थाने तक पैदल ‘गौ न्याय यात्रा’ निकाली. इस दौरान हिंदू संगठनों सभी दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने पुलिस से यह भी मांग की है कि घटना में शामिल ग्राम पंचायत अम्बाडोचर के सहायक सचिव समीर खान और उपसरपंच सत्तार पर भी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही उन्होंने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की भी मांग की. हिंदू संगठनों की मांग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, इसकी वजह यह है कि पुलिस जांच में जो लोग इस घटना में शामिल नहीं पाये गए उन पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.

हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस घटना में 20 से अधिक लोग शामिल हैं और पुलिस को सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. इस मामले को लेकर गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है और हिंदूवादी संगठन जल्द से जल्द सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन और आक्रमक रवैये देख अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हिंदू समाज के लोग भी दहशत में हैं.

अलौकिक सिद्वियों के स्वामी थे नीम करौली महाराज

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(रमाकांत पंत-विभूति फीचर्स)

मानव समाज के उत्थान के लिए योगी संतों का समय समय पर इस वसुंधरा में पर्दापण होता रहा है इसी भूमि पर साधना करके संतों ने संसार में ज्ञान का जो प्रकाश फैलाया उसकी महत्ता समूचा विश्व जानता है,देवभूमि उत्तराखण्ड की धरती में स्थित कैंची मंदिर विराट स्वरूप के धनी विश्व प्रसिद्व संत नीम करौली महाराज की अमूल्य धरोहर है, इनकी उपमा परोपकारी संतो में अतुलनीय है हिमालय की गोद में बसा उत्तराखण्ड का यह क्षेत्र प्रकृति की अमूल्य अलौकिक धरोहर है। यहां की पावन रमणीक वादियों में पहुंचते ही सांसारिक मायाजाल में भटके मानव की समस्त व्याधियां यूं शांत हो जाती है, जैसे अग्नि की लौ पाते ही तिनका भस्म हो जाता है।
यहां की ऐतहासिक धरोहर रूपी रमणीय गुफाएं, सुंदर मनभावन मंदिर यहां आने वाले हर एक व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने में पूर्णत: सक्षम हैं। ऋषि-मुनियों की आराधना व तप:स्थली के रूप में प्रसिद्ध इस पावन भूमि के पग-पग पर देवालयों की भरमार है। सुन्दर झरने कल-कल धुन में नृत्य करती नदियां अनायास ही पर्यटकों व श्रद्धालुओं को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड की अलौकिक वादियों में से एक दिव्य रमणीक लुभावना स्थल है कैंची धाम।
कैंची धाम जिसे नीम किरौली धाम भी कहा जाता है, उत्तराखण्ड का ऐसा तीर्थस्थल है, जहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। अपार संख्या में श्रद्धालु व भक्तजन यहां पहुंचकर अपनी आराधना व श्रद्धा के पुष्प श्री करौली महाराज के चरणों में अर्पित करते हैं। हर साल 15 जून को यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है। भक्तजन यहां पधारकर अपनी श्रद्धा व आस्था को व्यक्त करते हैं, कहा जाता है कि यहां पर श्रद्धा एवं विनयपूर्वक की गई पूजा कभी भी व्यर्थ नहीं जाती। यहां पर मांगी गई मनौती पूर्णतया फलदायी कही गई है। इस क्षेत्र के आस्थावन भक्त बताते है। बाबा नीम करौली महाराज महान योगीराज थे।
जनपद नैनीताल की सौन्दर्यशाली वादियों में स्थित ‘कैंची धाम का मंदिर समस्त उत्तराखण्ड सहित देश-विदेश के तमाम श्रद्धालुओं की आस्थाओं का केंद्र है।
भवाली के समीपस्थ स्थित इस मंदिर की स्थापना को लेकर कई रोचक कथाएं जनमानस में खासी प्रसिद्ध हैं। बाबा नीम करौली महाराज की अनुपम कृपा से ही इस स्थान पर मंदिर की स्थापना की गई। कहते हैं कि 1962 के आसपास श्री महाराज जी ने यहां की भूमि पर कदम रखा तथा उनके चरणों की आभा पाकर भूमि धन्य हुई। जब वे सन् 1962 के लगभग यहां पहुंचे तो उन्होंने अनेक चमत्कारिक लीलाएं रचकर जनमानस को हतप्रभ कर दिया। एक चमत्कारिक कथा के अनुसार माता सिद्धि व तुलाराम शाह के साथ बाबा नीम करौली महाराज किसी वाहन से जनपद अल्मोड़ा के रानीखेत नामक स्थान से नैनीताल को आ रहे थे।
अचानक वे कैंची धाम के पास उतर गये। इस बीच उन्होंने तुलाराम जी को बताया कि श्यामलाल अच्छा आदमी था, उन्हें यह बात अच्छी नहीं लगी, क्योंकि श्यामलाल जी उनके समधी थे। भाषा में ‘था’ के उपयोग से वे बेरूखे हो गए। खैर किसी तरह मन को काबू में रखकर वे अपने गंतव्य स्थल को चल दिये। बाद में उन्हें जानकारी मिली कि उनके समधी का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। कितना अलौकिक दिव्य चमत्कार था बाबा नीम करौली महाराज का कि उन्होंने दूर घटित घटना को बैठे-बैठे ही जान लिया। इस तरह की अनेक चमत्कारिक घटनाएं बाबा नीम करौली महाराज से जुड़ी हैं।
इसी तरह 15 जून, 1991 को घटी एक चमत्कारिक घटना के अनुसार कैंची धाम में आयोजित भक्तजनों की विशाल भीड़ में बाबा ने बैठे-बैठे इस तरह निदान करवाया कि जिसे यातायात पुलिसकर्मी घंटों से नहीं करवा पाए। थक हार कर उन्होंने बाबा की
शरण ली। आखिरकार उनकी समस्याओं का निदान हुआ। यह घटना आज भी खासी चर्चाओं में रहती है।
इसके अलावा एक बार यहां आयोजित भंडारे में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में परिणित हो गया। इस चमत्कार से आस्थावान भक्तजन नतमस्तक हो उठे। एक अन्य चमत्कार के अनुसार बाबा नीम करौली महाराज जी ने एक बार गर्मी की तपती धूप में एक भक्त को बादल की छतरी बनवाकर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाया। इस तरह एक नहीं अनेक चमत्कारों की किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं नीम करौली महाराज से।
माना जाता है, कि बाबा जी का जन्म अकबरपुर आगरा जिले के एक सामान्य ब्रह्मण परिवार में 19 वीं शताब्दी के आखिर पड़ाव में हुआ था। बचपन में माता पिता इन्हें लक्ष्मी नारायण कहकर बुलाते थे। इन्होनें हनुमान जी की साधना की थी इसी साधना के बल पर एक बार नीम करौली गांव में इन्होनें एक बार ट्रेन की गति विराम कर दी थी। आम जनमानस में प्रचलित दंतकथा के अनुसार इन्हें टी टी ने चैकिग के दौरान नीचे उतार दिया था। लाख प्रयास के बाद भी जब गाड़ी आगे न बढ सकी तब बाबा से क्षमा याचना के बाद गाड़ी चली। हनुमानगढी में हनुमान जी का मदिर बाबा जी की भक्ति का ही पैगाम है।
यही नही देश के अनेक भागों में इन्होनें हनुमान मदिर भक्तों के कल्याण के लिए बनवाये। गरीबों की सेवा को ही मानव जीवन की सार्थकता कहने वाले संत नीम करौली महाराज की अन्तिम लीला का क्षेत्र योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन रही है। हनुमान जी की महिमा की ज्योति का प्रचार प्रसार इनके जीवन का लक्ष्य रहा। सौ से अधिक देशों में महाराज जी के आश्रम है जनश्रुति के अनुसार बाबा जी का विवाह 11 वर्ष की आयु में हो गया था और 13 साल की अवस्था में इन्होंने घर छोड दिया था। उत्तराखण्ड व देश विदेश के अनेक भागों में आपने हनुमान मंदिर बनवाये जिनमें कैेची धाम एक है, इसके अलावा बाबा जी की प्रेरणा से पिथौरागढ में गणाई से आगे हनुमान मदिर काफी प्रसिद्व है जहां इनके परम शिष्य ऋषिकेश गिरी महाराज तपस्यारत है ,साथ ही गेठिया भूमियाधार के हनुमान मदिर भी काफी प्रसिद्व है। (विभूति फीचर्स)

बलोद में तीन दिवसीय भैरवनाथ पूजा उत्सव संपन्न

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देहरादून/14 जून 2025, पौड़ी गढ़वाल के पट्टी असवालस्यू के ग्राम बलोद में तीन दिवसीय इष्ट देव भैरवनाथ की पूजा उत्सव का विधि विधान एवं दिव्य – भव्य प्रकार से समापन हुआ।

प्रति 2 वर्ष के अंतराल के पश्चात ग्राम वासियों एवं आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों द्वारा यह उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार मीडिया प्रभारी संजय बलोदी प्रखर ने बताया कि इस प्रकार का यह उत्सव ग्राम बलोद में गत लगभग 200 वर्षों से मनाया जाता रहा है !

हालांकि प्रारंभिक काल में यह भैरवनाथ पूजा सूक्ष्म रूप में मनायी जाती थी किंतु अब भव्य तरीके से की जाती है !
इस वर्ष की पूजा की विशेष उपलब्धि यह रही कि इस वर्ष उत्तराखंड प्रदेश में रहने वाले बलोदी परिवार के अधिकतर लोग इस पूजा में शामिल हुए।

इस आयोजन में भैरवनाथ कुल देव की विधि- विधान से पूजा-अर्चना कर प्रतिदिन रात भर मंडाण एवं कीर्तन -भजन किया जाता है। पूरा क्षेत्र भक्तिमय बना रहता है और इन तीन दिवसों में संपूर्ण ग्रामवासियों के लिए भंडारे की व्यवस्था की जाती है! इस अवसर पर देश-विदेश एवं प्रदेश से सैकड़ों बलोदी परिवार के लोग सम्मिलित होते हैं! यही नहीं यहां की बहू- विवाहित बेटियों(दिशा ध्याणि) को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है।इस आयोजन के प्रमुख व्यक्तियों में से पारेश्वर प्रसाद बलोदी एवं जनार्दन बलोदी के मार्गदर्शन में संपूर्ण ग्राम वासियों द्वारा यह आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है!

पारेश्वर प्रसाद बलोदी ने बताया कि ग्राम बलोद, समस्त बलोदी जाति के लोगों का मूल स्थान है!इसके अतिरिक्त उत्तराखंड में टिहरी, अल्मोड़ा सहित अन्य जिलों में रह रहे बलोदी परिवार के लोगों को भी समिति द्वारा बुलाया जाता है! इस तीन दिवसीय आयोजन में प्रति दिवस भंडारा की व्यवस्था की जाती है जिसमें सैकड़ो लोग भंडारा प्रसाद ग्रहण करते हैं एवं साथ ही समर्पित भक्ति भाव से देवता भैरव की पूजा की जाती है!इस मंदिर प्रांगण में भैरव बटुकनाथ के अतिरिक्त मां दुर्गा, गणेश, श्री कृष्ण , नागराज ,भगवान शिव की मूर्तियां भी स्थापित की गई है।गांव के लोगों ने बताया कि लगातार यात्रियों एवं श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के बावजूद यह क्षेत्र अभी भी कच्ची सड़क मार्ग से जुड़ा है! जिससे यात्री एवं स्थानीय निवासियों को प्रवास करने में परेशानी होती है। यही नहीं यह क्षेत्र अभी भी पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा है ! इस संबंध में स्थानीय विधायक को भी अवगत कराया गया किंतु यह अभी तक अछूता रहा है !स्थानीय जन- प्रतिनिधियों का कहना है कि इस क्षेत्र में सड़क डामरीकरण एवं पेयजल सुविधा का शासन -प्रशासन शीघ्र निस्तारण करें ! जिस कारण यात्रियों की संख्या और भी बढ़ सकती है जहां प्रधानमंत्री टूरिज्म एवं वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा दे रहे हैं..जिनमें से इस प्रकार के स्थल व आयोजन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं!

तमिल फिल्म ‘जेन्मा नचतिरम’ के साथ साउथ इंडस्ट्री में धमाका करेंगी मालवी मल्होत्रा

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मुंबई (अनिल बेदाग) : अभिनेत्री मालवी मल्होत्रा ​​जो इससे पहले ज़ोरावर दी जैकलीन, अभ्युहम, होटल मिलन, थिरागाबादारा सामी और अन्य जैसी प्रभावशाली परियोजनाओं का हिस्सा रही हैं, वर्तमान में तमिल मनोरंजन उद्योग में मुख्य भूमिका के रूप में अपनी अगली भव्य फिल्म के लिए तैयार हैं। 
प्रतिभाशाली अभिनेत्री आगामी तमिल फिल्म ‘जेन्मा नचतिरम’ में मुख्य भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जिसमें उनके साथ पुरुष प्रधान भूमिका में तमन आकाश भी हैं। यह फिल्म एक रोमांचक हॉरर थ्रिलर प्रोजेक्ट होने वाली है और प्रशंसक अब इस महिला-केंद्रित फिल्म में मुख्य भूमिका के रूप में मालवी को देखने के लिए उत्सुक और उत्साहित हैं। फिल्म से जुड़ी बड़ी अपडेट ने मालवी के सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों को बेहद खुश कर दिया है और वे जल्द ही इस प्रोजेक्ट के रिलीज़ होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
इस आगामी तमिल फिल्म की मुख्य अभिनेत्री के रूप में अपने अनुभव के बारे में अधिक पूछे जाने पर, मालवी ने कहा, “यह फिल्म मेरे लिए बेहद खास है और मैं वास्तव में इसका बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। हमेशा की तरह, मैंने इस पर बहुत मेहनत की है और अभिनय करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भगवान की कृपा से, यह एक अद्भुत महिला-केंद्रित फिल्म है और मुझे इसमें मुख्य भूमिका निभाने का सौभाग्य मिला है। यह एक आकर्षक हॉरर थ्रिलर है जिसमें प्रेम कहानी का भी मिश्रण है। मुझे कथानक के बारे में अधिक नहीं बताना चाहिए। मैं बस इतना कह सकती हूं कि जब भी फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में आएगी, तो सभी को वास्तव में एक सुखद अनुभव होगा। मैं अपने निर्देशक बी मणि वर्मन का मुझ पर भरोसा करने और मुझे इस प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए बहुत आभारी हूं। मैं वास्तव में उत्साहित हूं और फिल्म के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरण शुद्धता की दिशा में भी काम हो सकेगा।- श्याम बिहारी गुप्ता, अध्यक्ष गो सेवा आयोग

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अब गाय का दूध ही नहीं, उनका गोबर, मूत्र और पैर से कुचले गए खरपतवार की भी कीमत मिलेगी। इसके लिए गोशालाओं में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट लगेंगे। यहां पंचगव्य भी बनाया जाएगा। पहले चरण में आठ मंडलों में ये प्लांट लगाए जाएंगे। शुरुआत बरेली से होगी। गो सेवा आयोग और पशुपालन विभाग मिलकर इस परियोजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। प्रदेश के हर जिले में गोशालाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। गोशालाओं में लगने वाले सीबीजी प्लांट में आसपास के किसान भी गाय का दूध, दही, गोबर व मूत्र आदि बेच सकेंगे। इससे न सिर्फ गोशालाओं की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि आसपास के गांवों के किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी। साथ ही गोवंशों का संवर्धन भी होगा। मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में गोशालाओं में सीबीजी प्लांट चल रहे हैं। प्लांट को ऑयल और गैस कंपनियों के सहयोग से स्थापित किया गया है। ग्वालियर के लालटिपारा गोशाला के स्वामी देवानंद ने बताया कि प्लांट लगने के बाद गोबर और गोमूत्र से गाय के खाने का खर्चा निकल जाता है। दूध अतिरिक्त लाभ में है।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर के लालटिपारा गोशाला में चल रहे सीबीजी प्लांट और पंचगव्य प्लांट के बारे में स्वामी देवानंद और सिलीगुड़ी के प्रभु गुप्ता गो सेवा आयोग आए थे। इन्होंने वहां चल रहे प्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। दोनों ने कम्प्रेस्ड बायो गैस और पंचगव्य उत्पादों के संबंध में नवीन प्राद्योगिकी एवं मॉडल साझा किया। बताया कि सीबीजी संयंत्र गाय के गोबर को बायो सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) और जैविक खाद में बदल देता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन को कम करते हुए स्थायी विधियों को बढ़ावा मिलता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है पंचगव्य
गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर को पानी में मिलाकर पंचगव्य बनाया जाता है। यह मिश्रण हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों और आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद विभाग के पूर्व निदेशक प्रो पीसी सक्सेना ने बताया कि पंचगव्य के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन की पूर्ति होती है। शरीर की शुद्धि होती है। खेत की उर्वरता बढ़ाने और कीटनाशक के रूप में किया जाता है। अभी कुछ कंपनियों द्वारा पंचगव्य तैयार किया जाता है। औषधीय पंचगव्य आधा लीटर करीब एक से डेढ़ हजार रुपये में है, जबकि खेती से जुड़ा पंचगव्य दो सौ से लेकर एक हजार रुपये तक मिलता है।

सीबीजी के क्षेत्र में नंबर वन है यूपी

कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के क्षेत्र में पूरे भारत में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है। प्रदेश में स्टेट लेवल कमेटी द्वारा अनुमोदित 47 बायो सीबीजी परियोजनाएं हैं, जिनकी क्षमता 407 टीपीडी और लागत 2589 करोड़ रुपये है। सबसे बड़ा सीबीजी प्लांट मथुरा में स्थापित है , जिसकी कुल क्षमता 42.6 टीपीडी है। जबकि 25 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट चल रहे हैं, जिनकी क्षमता 213 टन प्रतिदिन (टीपीडी) है। प्रदेश में पूरे देश के सर्वाधिक 19 प्रतिशत सीबीजी प्लांट्स स्थापित हैं। इसके बाद गुजरात (16 प्रतिशत), महाराष्ट्र (9 प्रतिशत) का नंबर आता है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
गो सेवा आयोग और पशुपालन विभाग इस परियोजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में आठ मंडल की गोशाला में प्लांट स्थापित कराया जाएगा। फिर अन्य मंडलों में इसे पहुंचाया जाएगा। शुरुआत बरेली से करने की तैयारी है। इससे गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन को बढावा मिलेगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरण शुद्धता की दिशा में भी काम हो सकेगा।- श्याम बिहारी गुप्ता, अध्यक्ष गो सेवा आयोग

सीआरएफ स्टूडियोज15 जून को करेगा फिल्ममेकर अजय राम की “हाय जिंदगी” का मुहूर्त

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मुंबई (अनिल बेदाग) : ओटीटी के इस दौर में कई ऐप लॉन्च हुए हैं जो दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं। ऐसा ही एक और ऐप “सीआरएफ स्टूडियोज” 11 जून 2025 से स्ट्रीम हो गया है। दर्शकों के लिए उपलब्ध दूसरे ऐप से यह इस मायने में अलग है कि इसपे अच्छे कंटेंट वाली फ़िल्में, वेब सीरीज और वेब फिल्म देखने को मिलेंगी। यह ऐप मैरेज डॉट कॉम से शुरू हुआ है। इस ऐप पर निर्माता निर्देशक अजय राम की रिलीज फ़िल्में “मैरेज डॉट कॉम, साक्षी, सस्पेंस, ओवर  टाईम, भड़ास दर्शाई जाएंगी जिन्होंने इस ऐप को लॉन्च किया है। अजय इसी ऐप पर 15 जून को एक फिल्म “हाय जिंदगी” का मुहूर्त भी करने जा रहे हैं।
उनका कहना है कि मास और क्लास दोनों तरह के दर्शकों के लिए वेब सीरीज बनाऊँगा। बोल्ड कंटेंट से परहेज करूंगा। साथ ही इसपर वेब फिल्म, शॉर्ट फिल्म और फीचर फिल्म उपलब्ध होंगी। वेब फिल्म और सीरीज में म्युज़िक भी होगा।

हाईवे पर ढ़ाबे में गौ-मांस बेचने का आरोप

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मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में नेशनल हाईवे 52 पर टोल टैक्स के पास एक ढाबे पर गौ- मांस बेचे जाने का आरोप लगाते हुए करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जमकर हंगामा किया। हंगामे की खबर लगते ही पुलिस और तहसीलदार के साथ फूड अधिकारी मौके पर पहुंचे और हंगामे को शांत कर ढाबे में रखे मांस के सैंपल को जब्त कर जांच के लिए भेजा है।

ढ़ाबे पर गौ-मांस बेचने का आरोप

शुक्रवार को सारंगपुर में गौ-सेवक की मौत पर आयोजित धरने में शामिल होने जा रहे हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओ और करणी सैनिकों ने उदनखेड़ी टोल टैक्स के पास स्थित मेहराब मेवात ढाबे पर गौ-मांस स्टोर रखने और बेचने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। हंगामे की सूचना मिलने के बाद पचोर थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया, तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव व फूड सेफ्टी अधिकारी एसएस खत्री और राजगढ़ से FSL टीम मौके पर पहुंची। फूड अधिकारी ने फ्रिज में रखी स्टील की टंकियों से मांस के सेम्पल लिए हैं।

ढ़ाबा संचालक हिरासत में लिया गया

बताया जा रहा है एक होटल के कर्मचारी ने भी पुलिस और करणी सेना को बताया है कि एक साल से सारंगपुर से गौ-मांस लाकर बेच रहा है। करणी सैनिकों ने ये भी आरोप लगाया है कि ढाबा संचालक पास के ही कुएं के पास ही हड्डियां व अपशिष्ट पदार्थ फेंकता है जिससे कुएं का पानी प्रदूषित हो रहा है। थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया ने बताया की ढ़ाबा संचालक को कस्टडी में लिया है। अभी पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद जो भी सामने आएगा उचित कार्रवाई करेंगे।