Home Tech Entertainment दिहाड़ी मजदूरों की समस्याओं को लेकर फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर...

दिहाड़ी मजदूरों की समस्याओं को लेकर फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन की राज्यपाल से भेंट

333
0

मुम्बई। फिल्म निर्माण क्षेत्र में कार्यरत दिहाड़ी मजदूरों की विभिन्न समस्याओं के संबंध में फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। गंगेश्वर लाल ने इस अवसर पर राज्यपाल का ध्यान दिलाते हुए कहा कि फिल्म निर्माण में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत कठिन है। गरीब दिहाड़ी मजदूरों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमारे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है और वे पीएफ, ग्रेच्युटी, ईएसआईसी जैसी सभी योजनाओं से वंचित हैं। यह बड़े खेद की बात है कि ये मजदूर दिन-रात मेहनत कर राज्य के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान दे रहे हैं लेकिन खुद सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। हाल ही में, फिल्म निर्माता तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं और श्रमिकों को दो-तीन महीने के लिए अपनी मेहनत की कमाई दिए बिना 20-24 घंटे काम कर रहे हैं। कई निर्माता साल-दर-साल पैसे का भुगतान करने में चूक करते हैं।गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि फिल्म निर्माता करोड़ों रुपये कमाते हैं लेकिन दिहाड़ी मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं करते हैं। ऐसे निर्माताओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले मजदूरों को या तो नौकरी से निकाल दिया जाता है या उनके खिलाफ झूठी शिकायत कर पुलिस कार्रवाई की जाती है। मज़दूरों का यह उत्पीड़न जारी है और पुलिस अधिकारियों की मनमानी के कारण निर्माता मज़दूरों को भुगतान किए बिना आसानी से भाग जाते हैं। कई निर्माता हैं जो हमारे कामगारों का कई तरह से शोषण कर रहे हैं। श्रमिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सेट पर काम करते समय उन्हें अच्छा खाना नहीं दिया जाता है, साथ ही इन श्रमिकों को अक्सर दुर्घटनाएं और गंभीर चोटें आती हैं क्योंकि वे बहुत ऊंचाई पर काम करते हैं। ऐसे में न तो सेट पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है और न ही सेट पर एम्बुलेंस की व्यवस्था। कई बार समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण श्रमिकों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बीएमसी, फायर ब्रिगेड या अन्य सरकारी विभागों द्वारा सेट का नियमित ऑडिट समय-समय पर सेट पर किया जाना अनिवार्य है। हालांकि, कोई भी निर्माता नियम का पालन नहीं कर रहा है और सेट पर कोई नियमित ऑडिट नहीं किया जाता है। यहां निर्माता केवल धनबल का उपयोग करके बिना किसी प्रतिबंध के श्रमिकों के जीवन से खेल रहे हैं। हाल के दिनों में कई आग दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें इन दिहाड़ी मजदूरों की जान चली गई है।
इन श्रमिकों और उनके परिवारों को किसी भी प्रकार की सरकारी सुरक्षा नहीं मिलती है। ये मजदूर आजीविका कमाने के लिए पलायन कर जाते हैं और उनके परिवार दूर-दराज के गांवों में रहते हैं। उक्त दिहाड़ी मजदूर यहां होने वाली आय से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। यदि श्रमिकों को उनका दैनिक वेतन मिलता है, तो वे इसमें से कुछ अपने परिवारों को खिलाने के लिए भेज सकते हैं। मजदूरों को साल-दर-साल मेहनत का भुगतान नहीं मिलेगा तो वे अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे कर सकते हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है और किसी भी सरकार ने इन मुद्दों पर कभी विचार नहीं किया और इसके लिए कोई ठोस समाधान नहीं दिया।
फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव ने इस पत्र के माध्यम से राज्यपाल से अनुरोध किया है कि कृपया इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करें और हमारे श्रमिकों को नियमित वेतन दिलाने में हमारी सहायता करें। यह विनम्र अनुरोध है कि संबंधित अधिकारियों और श्रम कार्यालय को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दैनिक आधार पर मजदूरी का भुगतान करने के निर्देश दिए जाएं।

Previous articleलंदन. बोरिस जॉनसन के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल भारतवंशी ऋषि सुनक को हाल में लंदन में गौ पूजा करते देखा गया
Next articleफिल्म निर्माता अशोक प्रसाद ‘अभिषेक’ को बेस्ट आईटी सर्विसेज के लिए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल द्वारा मिला प्रतिष्ठित अवार्ड

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here